FUN-MAZA-MASTI
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी कुछ इस तरह है
यह कहानी उस समय की है जब मेरी नयी नयी शादी हुई थी. गाओं में पति पत्नी को मिलने के लिए मौका ढूँढना पड़ता है. रात में या तो पति चोरी से पत्नी की चारपाई पर आ जाता हे वारना कोई और जगह डूंड कर मिलन होता है. औरतों के लिए अलग वा मर्दों के लिए अलग सोने की जगह होती हे. इसी चोरी च्छूपे मिलने के कारण ही यह घटना घटी जो मेने अपनी आँखों से देखी कि कैसे छ्होटे
भाई ने अपनी बड़ी बेहन को चोदा.मेरी बड़ी ननंद की शादी को चार साल हो चुके थे लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं हुया था. हमारे गाओं के निकट एक मंदिर की बड़ी मान्यता थी के वॅन्हा जो भी मन्नत माँगता है पूरी होती है. मेरी ननंद भी इसीलिए हमारे यहाँ आई थी कि वो भी मन्नत माँगे और मा बन सके. उस दिन मंदिर से हो कर लोटने के बाद वो और मैं एक कमरे मे बातें करते हुए सो गये थे लेकिन जिस चारपाई पर में सोती थी उस पर मेरी ननंद सो गयी और मैं उस के साथ वाली चारपाई पर सो गयी.रात को मेरा पति मेरे पास आया तो वो उस
चारपाई पर जिस पर उसकी बेहन सोई थी चला गया, यह समझ कर के मैं उस पर सोई हूँ. मैं तो उस समय जाग रही थी लेकिन मेरी ननंद ( मेरे पति की बड़ी बेहन) सो चुकी थी. मैं चाहते हुए भी कुच्छ बोल ना पाई कि कही शोर मच जाए गा और यह बात खुल जाएगी के हम दोनो एक दिन भी मिले बिना नहीं रह सकते. मेरीचुप्पी से जो हो गया उस का मुझे अब भी पछतावा है लेकिन मेने यह बात अब तक
ना तो अपने पति से कही है ना ही उस की बेहन से बताई है. भगवान की मर्ज़ी समझ कर चुप कर गयी और चुप ही हूँ और रहने की कोशिश कर रही हूँ.मैं चुपचाप देखती रही बड़ी बेहन को अपने छ्होटे भाई से चुदते हुए और कुच्छ ना कर सकी. मेरे पति ने भी मुझे समझ कर अपनी बड़ी बेहन को चोदा और उस की बड़ी बेहन ने अपना पति समझ कर अपने भाई से चूत मरवाई. जिस तरह हम पति पत्नी मज़ा लेते थे उसी तरह वो भाई बेहन चुदाई का मज़ा लेते रहे और में चुप चाप देखती रही.सुबह मेरी ननंद ने मुझे कहा' जानती है रात को सपने में तेरे नंदोई मेरे पास आए थे और आज रात को जितना मज़ा आया उतना पहले कभी नहीं आया. आज तो उनका लंड भी काफ़ी लंबा और मोटा लग रहा था. लगता है यह सब
बाबा ( मंदिर वाले) की कृपा है. मुझे लगता है के अब मेरे बच्चा ज़रूर हो
जाएगा.'मेने कहा 'सब उपर वाले की कृपा है, मुझे भी लगता है के अब तेरे
बच्चा जल्दी ही हो जाए गा'वो बोली ' जल्दी नही 9 महीने बाद'मैने कहा ' हाँ जल्दी से मेरा मतलब भी 9 महीने से ही है. यह तो में इसलिए कह रही हूँ के अब पक्का है के तू मा बन जाएगी'' मेरे बच्चा होने के बाद मैं मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आउन्गि 'मैं सोच रही थी कि प्रसाद तो तू चढ़ाने आए गी मंदिर में लेकिन बच्चा किस की कृपा से हुया है यह तो तू जानती ही नही और जब तक में बताउन्गि नहीं ना तुझे पता लगे गा ना तेरे पति को ना तेरे भाई को.अगले दिन वो अपने ससुराल चली गयी. रात को मेरा पति मेरे पास आया और मेरे से प्यार करने लगा लेकिन मेरा बार बार ध्यान उस की बेहन की ओर चला जाता था जो अंजाने में अपने छ्होटे भाई से चुद कर भी बहुत खुश थी.मेरे पति ने कहा 'क्या बात है आज तू कहाँ खोई है प्यार में मज़ा नही आ रहाक्या.'मेने जवाब दिया ' मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन में सोच रहीं हूँ के यह चोरी चोरी प्यार कब तक करते रहेंगे . कोई ऐसा रास्ता निकालो के हमे चोरी चोरी ना मिलना पड़े.'' क्या बात है आज तुझे चोरी चोरी मिलने में मज़ा नहीं आ रहा जब के पिच्छाले 6 महीने से हम ऐसे ही मिल रहें हैं.'मैं चुप हो गयी और उसका लंड पकड़ कर देखने लगी के रात यह दूसरी चूत में गया
था कुछ फरक पड़ा है या वैसा ही है. मेरे पति ने मुझे लंड को मुँह में
लेने के लिए कहा तो मैं सोचने लगी के दूसरी चूत मे गया हुया लंड अपने
मुँह में लूँ या नही. मेरा पति बोला क्या बात है आज तू कही और खोई हुई है कोई बात नही अगर तेरा दिल मुँह में लेने को नही करता तो कोई बात नही आज तेरी चूत में डाल कर ही इस की तसल्ली कर देता हूँ और उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और चुदाई का काम कर के अपने कमरे में चला गया और मैं बार बार सोचती जा रही थी के रात को जो हुया है इस में दोनो भाई बेहन जिन्हे पता भी नही उनका इस में क्या कसूर है. मुझे याद आने लगी अपनी एक सहेली की कहानी कैसे वो अपने छ्होटे भाई से चुदाई करवाती थी. लेकिन उसने तो जान कर अपने छ्होटे भाई का लंड लिया था के वो अभी बच्चा है और उस का पानी नहीं निकलता इसलिए बच्चा होने का डर नहीं था. यान्हा तो अंजाने में बड़ी बेहन अपने छ्होटे भाई से चुदति रही और यह सोचती रही के उसका पति उसे
चोद रहा है.पूरे 9 महीने बाद मेरी ननंद को एक सुंदर सा लड़का हो गया. मैं अपने पति के साथ उसे मिलने गयी. बच्चा बिल्कुल मेरे पति की शकल का था. वो कहने लगी' देखा अपने मामा पर गया है. मैं सोचती थी के अपने बाप पर ना जाए'.मेने कहा' क्यो अपने बाप पर क्यो नहीं' वो बोली ' इस का बाप तो तुझे पता है इतना सुन्दर नही और हर मा अपने बच्चे को सुंदर देखना चाहती है.
इसके अलावा तुझे एक राज़ की बात बताउ यह तो मंदिर वाले बाबा का आशीर्वाद है वारना मेरा पति तो शायद ज़िंदगी भर बच्चा पैदा नन्ही कर सकता'मेने पूछा ' क्यो'वो बोली ' उसका लंड बहुत छ्होटा है और उसका पानी भी बहुत जलदी छ्छूट जाता है. मुझे तो उस रात सपने में पहली बार मज़ा आया था, जिस के कारण मेरा बच्चा हुया है'मैं उसकी बात सुन कर सोचने लगी कही इसे इस बात का पता तो नही है के यह बच्चा उसके भाई का है और जानबूझकर कर मुझे बार बार यह कह रही है के भगवान का प्रसाद है.उसका लड़का 5 साल का हो गया था और मेरे भी दो बच्चे हो गये थे. उसका क्यो के दूसरा बचा नही हुया था इसलिए वो फिर बाबा का आशीर्वाद माँगने आई. मेने उसे कहा' बेहन भगवान ने तुझे एक बार आशीर्वाद दे दिया है उसी में तसल्ली कर. ज़यादा लालच करने से
भगवान नाराज़ हो जातें हैं.'वो बोली ' भाबी भगवान से तो हम ज़िंदगी भर
माँगते हैं भगवान कभी किसी से नाराज़ नहीं होता.'दूसरे दिन हम मंदिर गये और वापस आ कर फिर वो मेरे कमरे में ही सो गयी और कहने लगी ' भाबी तुझे पता है इसी कमरे में मुझे सपने में मेरे पति के चोदने से बच्चा हुया था इसलिए मैं इसी चारपाई पर सोउंगी.'मुझे अब शक और भी ज़यादा होने लगा के यह जानभूज कर मेरे से छुपा रही है लेकिन इसे सब पता है के इस का पति इसे बच्चा नही दे सकता और यह बच्चा इस के भाई का ही है. लेकिन क्यो के अब हमारी शादी को 5 साल हो गये थे और हमारे दो बच्चे भी हो गये थे इसलिए रात को मेरे पति का मेरे पास आना कम हो गया था उस पर मेने अपने पति को कह दिया के आज तुम रात को मत आना. कही तुम्हारी बेहन जाग गयी तो बड़े शरम की
बात होगी. मेरे पति ने कहा ' इस में शरम की क्या बात है हम पति पत्नी
हैं' फिर भी वो मेरा कहना मान कर रात को नही आया. सुबह मेने अपनी ननंद से पूछा ' रात को कैसा सपना आया तो'वो कहने लगी' लगता है तेरी बात सच है भगवान मुझे दूसरा बच्चा नहीं देना चाहते,. रात को सपना तो नही आया और आता भी कैसे मुझे रात भर नींद ही नही आई.मैने सोचा अच्छा हुया मेने अपने पति को आने से रोक दिया वारना भेद खुल जाता. वो अगले दिन अपनी ससुराल नही गयी
तो मुझे फिर शक होने लगा के यह चाहती है के इस का भाई इसे चोदे और यह मा बने, लेकिन में उन्हें मौका नही देना चाहती थी. रात को वो बातें करते करते सो गयी लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी. रात को देखा के मेरा पति चुप चाप आया और उसी चारपाई पर लेट गया जिस पर उसके बेहन लेटी थी. मैं जान बूझ कर चुप रह कर तमाशा देखना चाहती थी के वो जाग कर चुदाई करवाए गी या सोते हुए उसका भाई अंजाने में उस की चुदाई करता है. मैने देखा के मेरे पति ने उस का ब्लाउस खोला और उसके मम्मे पहले हाथ में लेकर दबाने लगा फिर मुँह में लेकर चूसने लगा. वो चुप चाप लेटी हुई थी अभी पता नही लग रहा था के वो
सोई हुई है या उसे पता ही नही. थोड़ी देर बाद उसके भाई ने उस का लहंगा उपर किया और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसने अंगड़ाई ली. मुझे लगा के वो मज़ा ले रही है और जानबूझ कर चुप है. फिर भी आज मुझे सच्चाई को जानना था इसलिए बड़े ध्यान से देख रही थी के कैसे छ्होटे भाई से बड़ी बेहन चुदाई करवा रही है. जब उसने चूत हिलानी शुरू की तो मेरे पति उसके भाई ने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया. वो अपनी चूत को उपर उच्छालने लगी और उसके भाई ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और फिर ज़ोर ज़ोर से झटके मार कर
चुदाई करने लगा. अब यह भगवान जाने या वो दोनो के वो अंजाने में एक दूसरे से चुदाई करवा रहे थे या जानते हुए मज़े ले रहे थे. चुदाई के मज़े लेते हुए उन्होने मुँह से मुँह मिला कर एक दूसरी के होंठों का रस पीना शुरू किया तो मैं सोचने लगी के क्या इतना कुच्छ हो जाए और औरत को पता भी ना लगे ऐसा संभव है. लेकिन मुझे चाहे अपने पति का लंड दूसरी चूत में जाते अच्छा नहीं लग रहा था वो भी उसकी अपनी बेहन की चूत में लेकिन मेने सोच लिया था के मैं आज सच्चाई जान कर ही रहूंगी.अच्चानक मेने सुना के वो कह रही है ' भाई तेरी बेहन बहुत दिनो की प्यासी थी और तुझे कुच्छ कह भी नही सकती थी, लेकिन पिच्छली बार तुमने अपनी बीवी समझ कर जब मेरी चुदाई की तो
मुझे पहली बार चुदाई का मज़ा आया था और उसके बाद बच्चा होने से तो मैं तेरे लंड की दीवानी हो गयी थी. तुझे आज बताउ के तेरे जीजा का लंड बिल्कुल छ्होटा है और मेरी क्या किसी भी औरत की तसल्ली नही कर सकता. कल तू नही आया तो मुझे नींद ही नही आई और मुझे एक दिन सिर्फ़ तेरा लंड लेने के लिए रुकना पड़ा.'' बोल मत मेरी पत्नी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जाएगी. यह तो ठीक है के पिच्छली बार मैं अपनी पत्नी के पास ही आया था और मुझे नहीं पता था के उसकी चारपाई पर तू सोई हुई है. लेकिन जब हो ही गया तो भगवान की मर्ज़ी समझ कर चुप करने में ही भलाई समझी'.'यह तो ठीक है होता है वोही जो मंज़ुरे खुदा होता है, लेकिन ऐसे कब तक चोरी चोरी मिलते रहेंगे और कब तक यह भेद बना रहेगा. पहले की बात दूसरी थी, जब तक तेरे लंड का स्वाद नही
लिया था में तेरे जीजा के छ्होटे से लंड से ही गुज़ारा चला रही थी लेकिन
अब तेरे लंड का स्वाद चखने के बाद इसके बिना रहा नहीं सकती.'' ऐसा कर कुच्छ दिन के लिए तू यही रह जा, फिर आगे की सोचेंगे.'सुबह मैने अपनी ननंद से पूछा ' रात को कोई सपना आया या नही'' रात बड़ा हसीन सपना आया, मज़ा आ गया, तेरी चारपाई में तो कोई जादू है. मेरे पति का लंड जो घर में छ्होटा लगता है यहाँ पर पता नही कैसे इतना बड़ा हो जाता है.'मैं सोचने लगी के इसे अभी यह बताउ के नहीं के मेने इनकी रात की बातें सुन ली है. फिर मैं यह सोच कर के अगर इन्हे यह कह दिया के मेने इनकी बातें सुन ली हैं तो इनका आगे का नाटक देखने का मज़ा नही मिलेगा. सच यह था के अब मुझे इनके झूठ की कहानी सुनने में मज़ा आने लगा था. अभी तो मेने अपने पति से इस बारे में ज़यादा बात ही नही की थी और मैं उस से बात करने की बजाए उसे रंगे हाथों पकड़ना चाहती थी. रात को मेरे बहुत कहने के बावज़ूद मेरी ननंद उसी चारपाई पर सोई और मैं रात भर भाई बेहन की चुदाई के मज़े लेती रही. एक बार दिल में आया के उठ कर उन्हें उस समय पकड़ लूँ जब भाई का लंड बेहन की
चूत में होगा, लेकिन ना जाने क्यो मेने उनके मज़े में खलल डालना पसंद नही किया और चुप चाप भाई बेहन की चुदाई देखती रही. वो इस बार काफ़ी दिन रुकी और दोनो हर रात मेरे सामने ही खूब मज़े लेते रहे. अब कई साल हो गये हैं उसका एक और बच्चा भी हो गया है और वो ज़्यादा अब यहीं रहती है. मैने भी उन दोनो का राज ना तो कभी खोला खोलने की कोशिश की तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी आपको ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
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छोटे लंड से गुज़ारादोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी कुछ इस तरह है
यह कहानी उस समय की है जब मेरी नयी नयी शादी हुई थी. गाओं में पति पत्नी को मिलने के लिए मौका ढूँढना पड़ता है. रात में या तो पति चोरी से पत्नी की चारपाई पर आ जाता हे वारना कोई और जगह डूंड कर मिलन होता है. औरतों के लिए अलग वा मर्दों के लिए अलग सोने की जगह होती हे. इसी चोरी च्छूपे मिलने के कारण ही यह घटना घटी जो मेने अपनी आँखों से देखी कि कैसे छ्होटे
भाई ने अपनी बड़ी बेहन को चोदा.मेरी बड़ी ननंद की शादी को चार साल हो चुके थे लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं हुया था. हमारे गाओं के निकट एक मंदिर की बड़ी मान्यता थी के वॅन्हा जो भी मन्नत माँगता है पूरी होती है. मेरी ननंद भी इसीलिए हमारे यहाँ आई थी कि वो भी मन्नत माँगे और मा बन सके. उस दिन मंदिर से हो कर लोटने के बाद वो और मैं एक कमरे मे बातें करते हुए सो गये थे लेकिन जिस चारपाई पर में सोती थी उस पर मेरी ननंद सो गयी और मैं उस के साथ वाली चारपाई पर सो गयी.रात को मेरा पति मेरे पास आया तो वो उस
चारपाई पर जिस पर उसकी बेहन सोई थी चला गया, यह समझ कर के मैं उस पर सोई हूँ. मैं तो उस समय जाग रही थी लेकिन मेरी ननंद ( मेरे पति की बड़ी बेहन) सो चुकी थी. मैं चाहते हुए भी कुच्छ बोल ना पाई कि कही शोर मच जाए गा और यह बात खुल जाएगी के हम दोनो एक दिन भी मिले बिना नहीं रह सकते. मेरीचुप्पी से जो हो गया उस का मुझे अब भी पछतावा है लेकिन मेने यह बात अब तक
ना तो अपने पति से कही है ना ही उस की बेहन से बताई है. भगवान की मर्ज़ी समझ कर चुप कर गयी और चुप ही हूँ और रहने की कोशिश कर रही हूँ.मैं चुपचाप देखती रही बड़ी बेहन को अपने छ्होटे भाई से चुदते हुए और कुच्छ ना कर सकी. मेरे पति ने भी मुझे समझ कर अपनी बड़ी बेहन को चोदा और उस की बड़ी बेहन ने अपना पति समझ कर अपने भाई से चूत मरवाई. जिस तरह हम पति पत्नी मज़ा लेते थे उसी तरह वो भाई बेहन चुदाई का मज़ा लेते रहे और में चुप चाप देखती रही.सुबह मेरी ननंद ने मुझे कहा' जानती है रात को सपने में तेरे नंदोई मेरे पास आए थे और आज रात को जितना मज़ा आया उतना पहले कभी नहीं आया. आज तो उनका लंड भी काफ़ी लंबा और मोटा लग रहा था. लगता है यह सब
बाबा ( मंदिर वाले) की कृपा है. मुझे लगता है के अब मेरे बच्चा ज़रूर हो
जाएगा.'मेने कहा 'सब उपर वाले की कृपा है, मुझे भी लगता है के अब तेरे
बच्चा जल्दी ही हो जाए गा'वो बोली ' जल्दी नही 9 महीने बाद'मैने कहा ' हाँ जल्दी से मेरा मतलब भी 9 महीने से ही है. यह तो में इसलिए कह रही हूँ के अब पक्का है के तू मा बन जाएगी'' मेरे बच्चा होने के बाद मैं मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आउन्गि 'मैं सोच रही थी कि प्रसाद तो तू चढ़ाने आए गी मंदिर में लेकिन बच्चा किस की कृपा से हुया है यह तो तू जानती ही नही और जब तक में बताउन्गि नहीं ना तुझे पता लगे गा ना तेरे पति को ना तेरे भाई को.अगले दिन वो अपने ससुराल चली गयी. रात को मेरा पति मेरे पास आया और मेरे से प्यार करने लगा लेकिन मेरा बार बार ध्यान उस की बेहन की ओर चला जाता था जो अंजाने में अपने छ्होटे भाई से चुद कर भी बहुत खुश थी.मेरे पति ने कहा 'क्या बात है आज तू कहाँ खोई है प्यार में मज़ा नही आ रहाक्या.'मेने जवाब दिया ' मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन में सोच रहीं हूँ के यह चोरी चोरी प्यार कब तक करते रहेंगे . कोई ऐसा रास्ता निकालो के हमे चोरी चोरी ना मिलना पड़े.'' क्या बात है आज तुझे चोरी चोरी मिलने में मज़ा नहीं आ रहा जब के पिच्छाले 6 महीने से हम ऐसे ही मिल रहें हैं.'मैं चुप हो गयी और उसका लंड पकड़ कर देखने लगी के रात यह दूसरी चूत में गया
था कुछ फरक पड़ा है या वैसा ही है. मेरे पति ने मुझे लंड को मुँह में
लेने के लिए कहा तो मैं सोचने लगी के दूसरी चूत मे गया हुया लंड अपने
मुँह में लूँ या नही. मेरा पति बोला क्या बात है आज तू कही और खोई हुई है कोई बात नही अगर तेरा दिल मुँह में लेने को नही करता तो कोई बात नही आज तेरी चूत में डाल कर ही इस की तसल्ली कर देता हूँ और उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और चुदाई का काम कर के अपने कमरे में चला गया और मैं बार बार सोचती जा रही थी के रात को जो हुया है इस में दोनो भाई बेहन जिन्हे पता भी नही उनका इस में क्या कसूर है. मुझे याद आने लगी अपनी एक सहेली की कहानी कैसे वो अपने छ्होटे भाई से चुदाई करवाती थी. लेकिन उसने तो जान कर अपने छ्होटे भाई का लंड लिया था के वो अभी बच्चा है और उस का पानी नहीं निकलता इसलिए बच्चा होने का डर नहीं था. यान्हा तो अंजाने में बड़ी बेहन अपने छ्होटे भाई से चुदति रही और यह सोचती रही के उसका पति उसे
चोद रहा है.पूरे 9 महीने बाद मेरी ननंद को एक सुंदर सा लड़का हो गया. मैं अपने पति के साथ उसे मिलने गयी. बच्चा बिल्कुल मेरे पति की शकल का था. वो कहने लगी' देखा अपने मामा पर गया है. मैं सोचती थी के अपने बाप पर ना जाए'.मेने कहा' क्यो अपने बाप पर क्यो नहीं' वो बोली ' इस का बाप तो तुझे पता है इतना सुन्दर नही और हर मा अपने बच्चे को सुंदर देखना चाहती है.
इसके अलावा तुझे एक राज़ की बात बताउ यह तो मंदिर वाले बाबा का आशीर्वाद है वारना मेरा पति तो शायद ज़िंदगी भर बच्चा पैदा नन्ही कर सकता'मेने पूछा ' क्यो'वो बोली ' उसका लंड बहुत छ्होटा है और उसका पानी भी बहुत जलदी छ्छूट जाता है. मुझे तो उस रात सपने में पहली बार मज़ा आया था, जिस के कारण मेरा बच्चा हुया है'मैं उसकी बात सुन कर सोचने लगी कही इसे इस बात का पता तो नही है के यह बच्चा उसके भाई का है और जानबूझकर कर मुझे बार बार यह कह रही है के भगवान का प्रसाद है.उसका लड़का 5 साल का हो गया था और मेरे भी दो बच्चे हो गये थे. उसका क्यो के दूसरा बचा नही हुया था इसलिए वो फिर बाबा का आशीर्वाद माँगने आई. मेने उसे कहा' बेहन भगवान ने तुझे एक बार आशीर्वाद दे दिया है उसी में तसल्ली कर. ज़यादा लालच करने से
भगवान नाराज़ हो जातें हैं.'वो बोली ' भाबी भगवान से तो हम ज़िंदगी भर
माँगते हैं भगवान कभी किसी से नाराज़ नहीं होता.'दूसरे दिन हम मंदिर गये और वापस आ कर फिर वो मेरे कमरे में ही सो गयी और कहने लगी ' भाबी तुझे पता है इसी कमरे में मुझे सपने में मेरे पति के चोदने से बच्चा हुया था इसलिए मैं इसी चारपाई पर सोउंगी.'मुझे अब शक और भी ज़यादा होने लगा के यह जानभूज कर मेरे से छुपा रही है लेकिन इसे सब पता है के इस का पति इसे बच्चा नही दे सकता और यह बच्चा इस के भाई का ही है. लेकिन क्यो के अब हमारी शादी को 5 साल हो गये थे और हमारे दो बच्चे भी हो गये थे इसलिए रात को मेरे पति का मेरे पास आना कम हो गया था उस पर मेने अपने पति को कह दिया के आज तुम रात को मत आना. कही तुम्हारी बेहन जाग गयी तो बड़े शरम की
बात होगी. मेरे पति ने कहा ' इस में शरम की क्या बात है हम पति पत्नी
हैं' फिर भी वो मेरा कहना मान कर रात को नही आया. सुबह मेने अपनी ननंद से पूछा ' रात को कैसा सपना आया तो'वो कहने लगी' लगता है तेरी बात सच है भगवान मुझे दूसरा बच्चा नहीं देना चाहते,. रात को सपना तो नही आया और आता भी कैसे मुझे रात भर नींद ही नही आई.मैने सोचा अच्छा हुया मेने अपने पति को आने से रोक दिया वारना भेद खुल जाता. वो अगले दिन अपनी ससुराल नही गयी
तो मुझे फिर शक होने लगा के यह चाहती है के इस का भाई इसे चोदे और यह मा बने, लेकिन में उन्हें मौका नही देना चाहती थी. रात को वो बातें करते करते सो गयी लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी. रात को देखा के मेरा पति चुप चाप आया और उसी चारपाई पर लेट गया जिस पर उसके बेहन लेटी थी. मैं जान बूझ कर चुप रह कर तमाशा देखना चाहती थी के वो जाग कर चुदाई करवाए गी या सोते हुए उसका भाई अंजाने में उस की चुदाई करता है. मैने देखा के मेरे पति ने उस का ब्लाउस खोला और उसके मम्मे पहले हाथ में लेकर दबाने लगा फिर मुँह में लेकर चूसने लगा. वो चुप चाप लेटी हुई थी अभी पता नही लग रहा था के वो
सोई हुई है या उसे पता ही नही. थोड़ी देर बाद उसके भाई ने उस का लहंगा उपर किया और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो उसने अंगड़ाई ली. मुझे लगा के वो मज़ा ले रही है और जानबूझ कर चुप है. फिर भी आज मुझे सच्चाई को जानना था इसलिए बड़े ध्यान से देख रही थी के कैसे छ्होटे भाई से बड़ी बेहन चुदाई करवा रही है. जब उसने चूत हिलानी शुरू की तो मेरे पति उसके भाई ने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया. वो अपनी चूत को उपर उच्छालने लगी और उसके भाई ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और फिर ज़ोर ज़ोर से झटके मार कर
चुदाई करने लगा. अब यह भगवान जाने या वो दोनो के वो अंजाने में एक दूसरे से चुदाई करवा रहे थे या जानते हुए मज़े ले रहे थे. चुदाई के मज़े लेते हुए उन्होने मुँह से मुँह मिला कर एक दूसरी के होंठों का रस पीना शुरू किया तो मैं सोचने लगी के क्या इतना कुच्छ हो जाए और औरत को पता भी ना लगे ऐसा संभव है. लेकिन मुझे चाहे अपने पति का लंड दूसरी चूत में जाते अच्छा नहीं लग रहा था वो भी उसकी अपनी बेहन की चूत में लेकिन मेने सोच लिया था के मैं आज सच्चाई जान कर ही रहूंगी.अच्चानक मेने सुना के वो कह रही है ' भाई तेरी बेहन बहुत दिनो की प्यासी थी और तुझे कुच्छ कह भी नही सकती थी, लेकिन पिच्छली बार तुमने अपनी बीवी समझ कर जब मेरी चुदाई की तो
मुझे पहली बार चुदाई का मज़ा आया था और उसके बाद बच्चा होने से तो मैं तेरे लंड की दीवानी हो गयी थी. तुझे आज बताउ के तेरे जीजा का लंड बिल्कुल छ्होटा है और मेरी क्या किसी भी औरत की तसल्ली नही कर सकता. कल तू नही आया तो मुझे नींद ही नही आई और मुझे एक दिन सिर्फ़ तेरा लंड लेने के लिए रुकना पड़ा.'' बोल मत मेरी पत्नी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जाएगी. यह तो ठीक है के पिच्छली बार मैं अपनी पत्नी के पास ही आया था और मुझे नहीं पता था के उसकी चारपाई पर तू सोई हुई है. लेकिन जब हो ही गया तो भगवान की मर्ज़ी समझ कर चुप करने में ही भलाई समझी'.'यह तो ठीक है होता है वोही जो मंज़ुरे खुदा होता है, लेकिन ऐसे कब तक चोरी चोरी मिलते रहेंगे और कब तक यह भेद बना रहेगा. पहले की बात दूसरी थी, जब तक तेरे लंड का स्वाद नही
लिया था में तेरे जीजा के छ्होटे से लंड से ही गुज़ारा चला रही थी लेकिन
अब तेरे लंड का स्वाद चखने के बाद इसके बिना रहा नहीं सकती.'' ऐसा कर कुच्छ दिन के लिए तू यही रह जा, फिर आगे की सोचेंगे.'सुबह मैने अपनी ननंद से पूछा ' रात को कोई सपना आया या नही'' रात बड़ा हसीन सपना आया, मज़ा आ गया, तेरी चारपाई में तो कोई जादू है. मेरे पति का लंड जो घर में छ्होटा लगता है यहाँ पर पता नही कैसे इतना बड़ा हो जाता है.'मैं सोचने लगी के इसे अभी यह बताउ के नहीं के मेने इनकी रात की बातें सुन ली है. फिर मैं यह सोच कर के अगर इन्हे यह कह दिया के मेने इनकी बातें सुन ली हैं तो इनका आगे का नाटक देखने का मज़ा नही मिलेगा. सच यह था के अब मुझे इनके झूठ की कहानी सुनने में मज़ा आने लगा था. अभी तो मेने अपने पति से इस बारे में ज़यादा बात ही नही की थी और मैं उस से बात करने की बजाए उसे रंगे हाथों पकड़ना चाहती थी. रात को मेरे बहुत कहने के बावज़ूद मेरी ननंद उसी चारपाई पर सोई और मैं रात भर भाई बेहन की चुदाई के मज़े लेती रही. एक बार दिल में आया के उठ कर उन्हें उस समय पकड़ लूँ जब भाई का लंड बेहन की
चूत में होगा, लेकिन ना जाने क्यो मेने उनके मज़े में खलल डालना पसंद नही किया और चुप चाप भाई बेहन की चुदाई देखती रही. वो इस बार काफ़ी दिन रुकी और दोनो हर रात मेरे सामने ही खूब मज़े लेते रहे. अब कई साल हो गये हैं उसका एक और बच्चा भी हो गया है और वो ज़्यादा अब यहीं रहती है. मैने भी उन दोनो का राज ना तो कभी खोला खोलने की कोशिश की तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी आपको ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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