FUN-MAZA-MASTI
मेरी तड़पती जवानी --2
मैं कुरता पहन कर बाहर आई तो मेरी गुदाज़ जांघें और चूचियाँ अमित घूर घूर कर देख रहा था। मैंने अमित को आँख मारी और बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? मेरी पजामी दो न। अमित ने हड़बड़ाते हुए मेरी पजामी मुझे दे दी। अमित के सामने ही मैंने अपनी पज़मी चूत छुपाते हुए ऊपर चढ़ा ली लेकिन अपनी गुदाज़ जांघें पूरी खोलकर अमित को दिखलाईं। अमित ललचाई नज़रों से मेरा बदन देख रहा था।
अमित को देखकर मैं मुस्कराई और शीशे के सामने जाकर खड़ी हो गई। शीशे में अपने को देखकर मैं चकित रह गई, मेरे गोल-गोल गीले स्तन और चुचूक कुरते में से बिल्कुल साफ़ दिख रहे थे। मैं समझ गई कि अमित इतना घूर घूर कर चूचियाँ क्यों देख रहा है, अगर मेरे पति इतना देख लेते तो मुझे अब तक नंगा करके मेरी चूत में लंड डाल चुके होते।
अमित को मैंने आवाज़ लगाई और बोली- अमित, इधर आओ !
अमित मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया।
“अपनी भाभी को एक मीठी पप्पी दे दो न !” मैंने उसके हाथ पकड़ कर अपनी कमर मैं डलवा लिए।
अमित गर्म था, उसने पूरा अपना लोड़ा मेरी गांड की दरार से छुलाते हुए मेरे गालों पर एक पप्पी दे दी और हटने लगा।
मैंने उसे प्यार से डांटा- इतना क्यों शर्मा रहे हो? चिपके रहो न ! अच्छा लग रहा है। अच्छा इधर कान में यह बताओ कि जब मैं बाहर आई थी तो मुझे घूर घूर कर क्या देख रहे थे?
अमित झेंपते हुए बोला- कुछ नहीं।
मैंने धीरे से कहा- हूँ, झूठ बोलते हो? सच सच बताओ, अभी तो 5 दिन साथ रहना है।
अमित धीरे से बोला- आपके दूध देख रहा था !
मैंने शीशे में देखते हुए कहा- ऊह ! ये तो पूरे नंगे दिख रहे हैं। तुम तो बहुत शैतान हो।
मेरी बातों से अमित पूरा गर्म हो रहा था, उसने मेरी चूचियाँ पीछे से दबाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसका हाथ कमर पर रख दिया और बोली- थोड़ा रुक जाओ ! सारे मज़े आज ही ले लोगे क्या? अच्छा अमित। यह बताओ मेरी चूचियाँ कैसी लगीं?
अमित बोला- भाभी, बहुत सुन्दर हैं, चूसने का मन कर रहा है।
हँसती हुई मैं बोली- चूस लेना लेकिन पहले एक रसीला चुम्बन होटों पर दे दो !
और मुड़कर मैंने उसे बाँहों में भरा और उसके होंठ अपने होटों में दबाकर दो मिनट तक उसके होंट चूसे। अमित के लंड का उभार मैं अपने पेट पर महसूस कर रही थी, मेरी चूचियाँ अमित के सीने से दबी हुई थी।
मैंने कहा- चूची चूसनी है?
अमित बोला- चुसवाओ न !
मैंने अपना कुरता ऊपर उठाया और बोली- सिर्फ एक-एक बार दोनों चुचूक चूस लो और काटना नहीं। मेरे दोनों चूतड़ों को दबाते हुए अमित ने दोनों चुचूक एक एक करके मुँह में लिए और लॉलीपोप की तरह एक एक बार चूसे।
इस बीच अमित झड़ गया। मेरी बुर भी पूरी गीली हो गई थी, मेरा देवर के साथ यह पहला सुंदर कामुक अनुभव था। अब हम दोनों अलग हो गए। मैंने हल्का सा शृंगार किया और कुरते पर चुन्नी डालकर नीचे आ गई।
रात के सात बज रहे थे, भाभी के साथ मैंने खाना बनाया, भाईसाहब टूर पर थे, भाभी ने बताया- मेरे साहब महीने में 10-12 दिन बाहर रहते हैं।
हम सब लोग 9 बजे तक खाना खाकर फ्री हो गए। इसके बाद 10 बजे तक हम गप्पें मारते रहे।
दस बजे भाभी बोली- चलो कंचन , अब हम सोते हैं।
मैं और भाभी सोने वाले कमरे में आ गए, अमित ऊपर चला गया, दोनों बच्चे अपने कमरे में चले गए। मैं और भाभी एक घंटा बातें करते रहे।
इसके बाद भाभी बोलीं- सो जाते हैं।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मेक्सी तो ऊपर है, अमित तो सो गया होगा।
भाभी हँसते हुए बोली- जब मैं अकेली होती हूँ तो कई बार नंगी ही सो जाती हूँ। ऐसा करते हैं, हम दोनों दरवाज़ा बंद करके नंगी ही सो जाती हैं। बच्चों के उठने से पहले मैं जाग जाती हूँ, तुम्हे भी उठा दूंगी।
उन्होंने मेरी पजामी का नाड़ा खोल दिया नीचे सरकाने लगी, मैंने रोकने की कोशीश की तो भाभी बोली- इतना क्यों शर्मा रही हो, अब तो तुम्हारी चूत का गेट भी खुल गया है।
मैं झेंपती हुई बोली- भाभी, आप भी तो उतरिये न।
“ओह, यह बात है !” और भाभी ने एक मिनट में ही अपना पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया।
हलकी काली झांटो वाली भाभी की चूत मेरी आँखों के आगे थी। भाभी की चूचियाँ मुझसे थोड़ी बड़ी बड़ी और मर्दों का लंड खड़ा करने वाली थीं। उन्होंने मेरा भी कुरता उतरवा दिया, मुझे साथ लेते हुए वो पलंग पर गिर गईं, मेरी साफ़ चिकनी चूत देखते हुए बोलीं- वाह, बिल्कुल दुल्हन जैसी चूत है, कोई आदमी देख ले तो चोदे बिना नहीं छोड़ेगा। संतरे भी तने हुए बिल्कुल ताज़े ताज़े लग रहे हैं।
और उन्होंने मेरे दोनों संतरे मसल दिए। भाभी ने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल दीं और मेरी उंगलियाँ अपनी चूत में डलवा लीं अब हम दोनों एक दूसरे की बुर रगड़ रहे थे। हम दोनों खुल गए थे और मस्तिया रहे थे बड़ा मज़ा आ रहा था। हम लोगो की शर्म उतर गई थी। भाभी मुझे कुतिया कह रही थीं मैं भी उन्हें भाभी रांड बोलने लगी थी।
मस्ती में मैं और भाभी नहा रहे थे।, भाभी मेरी चूचियाँ दबाती हुई बोली- तेरी चूत परेशान नहीं करती? एक महीने से बिना चुदे पड़ी है। एक बार लंड घुस जाए तो उसके बाद कितना ही बैंगन-गाज़र चूत में डाल लो, सुख नहीं मिलता। मौका अच्छा है, अमित से चुदवा ले, कुत्ते का लंड भी अच्छा मोटा है। इनके पीछे महीने में 5-6 बार मैं भी कुत्ते से चुदवा लेती हूँ, बहुत मज़ा देता है।
मैं भाभी की बातें सुनकर चकित थी, मैंने भाभी से कहा- भाभी, विश्वास नहीं होता कि आपने भाईसाहब के अलावा भी किसी का लंड चूत में डलवाया हुआ है।
भाभी बोलीं- प्यासी चूत पता नहीं औरत से क्या क्या करवा ले, मैं तो पुरानी रांड हूँ !
और उन्होंने अपनी कहानी बताना शुरू कर दी उन्होंने बताया एक बार उन्हें 6 महीने अकेले रहना पड़ा था, उनके तब तक एक बच्चा भी हो चुका था लेकिन इस निगोड़ी चूत ने इतना तंग किया कि दस दिन बाद लंड-लंड चिल्लाने लगी। तब तो मैं 24 की थी कितनी आग लगी थी इस चूत में कि जो भी जवान, बूढ़ा दिखता तो बस यही मन करता था कि मेरी चूत में लंड डाल दे। लेकिन साली जब जरुरत हो तो लंड डालने वाला भी नहीं मिलता।
भाभी की बातें सुन सुन कर मेरी बुर पानी छोड़ने लगी थी। भाभी बोलती जा रही थीं उन्होंने मेरी तीन उंगलियाँ चूत में डलवा ली थीं और मुझसे जोर जोर से अपनी बुर मसलवा रही थीं।
भाभी का बोलना जारी था, उन्होंने मुझे बताया कि पहले वो कलकत्ता में रहती थी जब उनके पति 6 महीने को बाहर गए तो उनकी चूत चुदने को कुलबुलाती रहती थी। उन्होंने अपनी दो तीन सहेलियों को जब यह बताया तो वो हँस कर मजाक में उड़ा देती थीं। उसके बाद पड़ोस में एक भाभी किराए पर रहती थीं। उनको जब मैंने अपनी चूत की खुजली के बारे में बताया उन्होंने मुझे एक आंटी से मिलवाया। आंटी ने मेरी चूत का जुगाड़ करवाया, उन्होंने मेरी एक महंगे होटल में सेटिंग करा दी।
मैं होटल मैं दोपहर में जब मन आता, चुदने जाने लगी, महीने मैं 4-5 बार चुदवा लेती थी। नए नए लंड से चुदने में बड़ा मज़ा आता था, चूत भी ठंडी हो जाती थी और ऊपर से कुछ कमाई भी हो जाती थी। इन 6 महीनों में मैंने 18 साल से लेकर 60 साल तक के 22 मर्दों के लंड खाए। हर लंड का अपना एक अलग मज़ा होता है।
उसके बाद तेरे भाईसाहब आ गए हम लोग कानपुर आ गए। जिंदगी आराम से चलने लगी। मेरी शर्म छूट गई थी, 10-12 आदमियों से आज भी मेरे सम्बन्ध हैं। तुम्हारे देवर अमित भी इस सूचि में है, बहुत अच्छा चोदू है, कुत्ता 3-4 बार मेरी गांड भी फाड़ चुका है लेकिन मस्त मज़ा देता है, तू भी चुदवा ले, इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
मेरी साँसें भाभी की बातें सुनकर तेज़ हो गई थी, मैं बोली- भाभी, मन तो चुदवाने का कर रहा है लेकिन डर लगता है !
भाभी हँसते हुए बोली- मस्त होकर चुदवा ! यहाँ कोन देखने वाला है? कल अमित के साथ अकेले ऊपर सोना और रात भर चुदना ! परसों बच्चे चले जाएँगे, तू अगर राज़ी होती है तो हम दोनों साथ साथ चुदेंगी।
मैं पहले से ही अमित से चुदने की सोच रही थी। अब मैंने सोच लिया कि कल अमित का लंड डलवा ही लूंगी। तभी भाभी ने घूमकर मेरी चूत की पलकों पर अपना मुँह रख दिया। आह ! जबरदस्त मज़ा था, मुझसे भी नहीं रहा गया मैं भी भाभी की चूत चूसने लगी। दस मिनट बाद हम दोनों का चूतरस एक दूसरे के मुँह में था। रात के दो बज़ गए थे, भाभी और मैं नंगी ही सो गईं।
सुबह 9 बजे मेरी नंगी चूत में भाभी ने अपनी उंगली घुसा दी, मैं हड़बड़ा कर उठी, भाभी ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं- अब उठ जाओ, देवर जी ऑफिस जाने वाले हैं, दो बार पूछ गए कि भाभी उठीं या नहीं ! जाओ और थोड़ा अपनी जवानी का रस पिला आओ।
मैंने उठकर कुरता-पजामा पहन लिया और ऊपर अमित के कमरे में आ गई। मैं जब ऊपर गई अमित मुस्करा कर देखते हुए बोला- आप तो बहुत देर तक सोईं? मैं आपके लिए चाय बना कर लाता हूँ।
मैंने कहा- नींद ही नहीं खुली।
मैंने आगे बढ़कर अमित को बाँहों में भर लिया, कस कर चिपकते हुए बोली- आज ऊपर ही सोऊँगी। पूरी रात तुम्हारी याद आती रही !
हम दोनों आपस में एक दूसरे की बाँहों में 5 मिनट सिमटे रहे। इसके बाद अमित चाय बनाने चला गया और मैंने कुरता पजामा उतार कर स्कर्ट ब्लाउज बिना ब्रा पेंटी के पहन लिया। अमित जब चाय लेकर आया तो मेरा शवाब उसे ललचा रहा था।
चाय पीने के बाद अमित से बोली- थोड़ा मेरी गोद में लेट लो !
अमित मेरी गोद मैं लेट गया। मैंने उसकी टीशर्ट उतरवा दी नीचे वो कुछ नहीं पहने था। मैं उसकी निप्पल हल्के से नोचते हुए उसके जवान सीने पर हाथ फेरने लगी, उसके बाद होंटों में उंगली चुसवाते हुए बोली- रात को मेरी याद आई थी?
अमित बोला- भाभी, रात भर सो नहीं पाया, आपके दूध चूसने का मन करता रहा।
मैंने अपने ब्लाउज के दोनों बटन खोल दिए और अमित का मुँह अपने दूधों की टोंटी में लगा दिया और बोली- लो, जी भरकर चूस लो।
अमित ने मेरा एक स्तन अपने मुँह में भर लिया और दूसरा हाथों से दबाने लगा, वो कभी एक चूची को चूसता कभी दूसरी को। मैं उसे कस कर अपने स्तनों से चिपकाए हुए थी।
अमित मेरे स्तनों से खेलते हुए बोला- भाभी, आज ऑफिस जाने का मन नहीं कर रहा है। लेकिन बहुत जरूरी काम है, साला जाना पड़ेगा।
मैंने नेकर के ऊपर से अमित का लौड़ा सहलाया और बोली- चलो, अब उठ जाओ, शाम को मस्ती करेंगे।
अमित और मैं उठ गए।
मैं उठी और दरवाज़े के पास पड़ा अख़बार उठाने लगी। मेरी स्कर्ट ऊपर उठ गई, अमित दूर से मेरे नंगे चूतड़, गांड और मस्त हिलती चूचियाँ देखकर पगला गया और दौड़ते हुए आकर घोड़ी बनी मुझे पीछे से लपक लिया और मेरी चूचियाँ दबाने लगा- भाभी, बहुत मन कर रहा है !
मैं बोली- थोड़ा हटो न।
अमित को हटाकर मैंने उसे बाँहों में भरा और बेशर्म बनते हुए पूछा- चोदने का मन कर रहा है क्या?
अमित बोला- हाँ भाभी, आपकी नंगी गांड देखकर आपको चोदने का मन कर रहा है।
मैं अपना पानी छोड़ रही थी, मैं बोली अमित- तुम्हारा घोड़ा बहुत टनटना रहा है, पहले उससे दोस्ती करती हूँ !
और मैंने अमित की नेकर नीचे सरका दी, अमित का 8 इंची लम्बा और 4 इंची मोटा लौड़ा फनफनाता हुआ बाहर आ गया। एक महीने बाद इतना सुंदर लोड़ा देखकर मैं पागल हो गई, मैंने बिना देर किए उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अमित मेरी स्कर्ट उठा कर मेरी चूत में उंगलियाँ आगे पीछे करने लगा।
आह ! मुझे लोड़ा चूसने का गजब सुख मिल रहा था। बहुत देर से अमित का लौड़ा टनक रहा था, 2-3 मिनट के बाद लंड बाहर खींच कर अमित ने मेरे मुँह और स्तनों पर वीर्य की बारिश कर दी। इसके बाद हमने एक दूसरे को बाँहों में भरकर 10-12 प्यार भरी पप्पियाँ गालों पर लीं और मैं उससे बोली- अब तुम ऑफिस जाओ, शाम को अपने लंड को सही जगह घुसाना। मैं और मेरी रानी तुम्हारा इंतज़ार करेंगी।
अमित ऑफिस चला गया और मैं बाथरूम मैं घुस गई।
पूरे दिन मेरी चूत की आग भड़कती रही। शाम को सजधज कर लाल साड़ी ब्लाउज पहन कर मैं नीचे भाभी के पास आ गई, हम लोग बातें करने लगे। शाम को 7 बजे अमित आया। हमें 9 बजे मुझे मूवी देखने जाना था। मैंने भाभी को बताया तो भाभी हँसते हुए बोलीं- अमित तुम्हें चुदाई हाल में प्यासी दुल्हन दिखाने ले जाएगा।
मैं भी खुल गई थी, बोली- बड़ा मज़ा आएगा, आज प्यास भी बहुत लग रही है। पूरी प्यास बुझा कर आऊँगी।
हम सबने खाना खाया। मैं और अमित 8 बजे मूवी देखने निकल गए। हाल एक सुनसान इलाके में था। बालकनी में 8-10 जोड़े ही थे। हम जहाँ बैठे थे, वहाँ से सिर्फ एक जोड़ा ही दिख रहा था जो हमारे पास 4 सीट छोड़कर बैठा था।
अमित बोला- यहाँ बालकनी में सिर्फ जोड़े ही आते हैं, रात में मूवी कम और मस्ती ज्यादा करते हैं। 500 रुपए एक जोड़े का टिकट है।
अमित की बात सुनकर मूवी शुरू होने से पहले मैं बाथरूम गई और अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर पर्स में रख ली। मूवी का नाम “प्यासी दुल्हन था” ही था। मूवी शुरू होने के 5 मिनट बाद ही एक नामर्द की बीबी की चुदाई पड़ोस के लड़के के साथ दिखाई जाने लगी, नंगे सीन देखते ही अमित और मैं शुरू हो गए।
पहले हमने एक दूसरे के होंठ चूमे, उसके बाद अमित ने मेरी चूचियाँ ब्लाउज खोलकर दबानी शुरू कर दीं। हमारे पास वाला जोड़ा भी आपस में गुथा हुआ था। हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराए भी थे। इसके बाद मेरे पड़ोस वाली लड़की ने अपने यार का लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिया। मूवी में ब्लू फिल्म जोड़ दी गई थी एक लड़की पर तीन हब्शी चढ़े हुए थे। अमित ने अपना लौड़ा खोलकर मेरे हाथों में दे दिया, मैं उसे सहलाने लगी। पास वाला जोड़ा 5 मिनट बाद उठकर बाहर चला गया।खुला नंगा चुदाई का खेल परदे पर चल रहा था। अमित ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल रखा था और मेरी चूत सहला रहा था। चूत बुरी तरह पानी पानी हो रही थी, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अमित की सीट के नीचे बैठकर अमित का लोड़ा मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया।
तभी दूसरा जोड़ा अंदर आ गया तो मैं हट गई।
इंटरवल में पूरा हाल रोशनी से नहा गया। अमित और पास वाला आदमी बाहर चले गए, लड़की मेरे पास आई और बोली- हट क्यों गईं? चूसती रहतीं, यहाँ तो सब खुला होता है, लगता है पहली बार आई हो, शर्म आ रही है। महिला बाथरूम के पास जो आंटी बैठी है, उन्हें 200 रुपए कमरे के दे दो, ऊपर कमरे बने हैं आराम से चुदवा लेना। मैं भी ऊपर से लगवा कर आ रही हूँ। कितने रुपए लेती है तू एक रात के?
मैं बोली- मैं तो इनकी की पत्नी हूँ।
उस लड़की का नीलम था, नीलम हँसती हुई बोली- शर्माती क्यों है? यहाँ सभी रंडियाँ हैं, बीवियाँ तो घर में चुदती हैं, मैं तो 1000 रु हॉल में आने के लेती हूँ और रात को घर और होटल जाने के 2000 रुपए लेती हूँ।
मैंने उससे झूठ बोल दिया- 1500 रु एक रात के लिए हैं।
नीलम ने एक कार्ड दिया, उस पर उसका नंबर लिखा था, बोली- कभी ग्राहक न मिले तो मुझे फ़ोन कर देना 3000 रु दिलवा दूँगी पूरी रात के।
मैंने अमित को जब कमरे के बारे में बताया तो अमित बोला- मुझे बात पता है, रजनी भाभी के कहने पर ही तुम्हें इस हाल में एक नया मज़ा देने के लिए लाया हूँ।
मैं बोली- सच अमित, बड़ा मज़ा आ रहा है, चलो ऊपर चलते हैं, चुदने का बड़ा मन कर रहा है।
इंटरवेल के 5 मिनट बाद हमारे पास वाला जोड़ा बाहर चला गया। उसके 5 मिनट बाद मैं और अमित भी बाहर आ गए। हम लोग बाथरूम की तरफ गए तो आंटी मुस्करा रहीं थीं। आंटी मुस्कराते हुए अमित से बोलीं- आज बहुत सुंदर माल पकड़ कर लाया है।
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मैं कुरता पहन कर बाहर आई तो मेरी गुदाज़ जांघें और चूचियाँ अमित घूर घूर कर देख रहा था। मैंने अमित को आँख मारी और बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? मेरी पजामी दो न। अमित ने हड़बड़ाते हुए मेरी पजामी मुझे दे दी। अमित के सामने ही मैंने अपनी पज़मी चूत छुपाते हुए ऊपर चढ़ा ली लेकिन अपनी गुदाज़ जांघें पूरी खोलकर अमित को दिखलाईं। अमित ललचाई नज़रों से मेरा बदन देख रहा था।
अमित को देखकर मैं मुस्कराई और शीशे के सामने जाकर खड़ी हो गई। शीशे में अपने को देखकर मैं चकित रह गई, मेरे गोल-गोल गीले स्तन और चुचूक कुरते में से बिल्कुल साफ़ दिख रहे थे। मैं समझ गई कि अमित इतना घूर घूर कर चूचियाँ क्यों देख रहा है, अगर मेरे पति इतना देख लेते तो मुझे अब तक नंगा करके मेरी चूत में लंड डाल चुके होते।
अमित को मैंने आवाज़ लगाई और बोली- अमित, इधर आओ !
अमित मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया।
“अपनी भाभी को एक मीठी पप्पी दे दो न !” मैंने उसके हाथ पकड़ कर अपनी कमर मैं डलवा लिए।
अमित गर्म था, उसने पूरा अपना लोड़ा मेरी गांड की दरार से छुलाते हुए मेरे गालों पर एक पप्पी दे दी और हटने लगा।
मैंने उसे प्यार से डांटा- इतना क्यों शर्मा रहे हो? चिपके रहो न ! अच्छा लग रहा है। अच्छा इधर कान में यह बताओ कि जब मैं बाहर आई थी तो मुझे घूर घूर कर क्या देख रहे थे?
अमित झेंपते हुए बोला- कुछ नहीं।
मैंने धीरे से कहा- हूँ, झूठ बोलते हो? सच सच बताओ, अभी तो 5 दिन साथ रहना है।
अमित धीरे से बोला- आपके दूध देख रहा था !
मैंने शीशे में देखते हुए कहा- ऊह ! ये तो पूरे नंगे दिख रहे हैं। तुम तो बहुत शैतान हो।
मेरी बातों से अमित पूरा गर्म हो रहा था, उसने मेरी चूचियाँ पीछे से दबाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसका हाथ कमर पर रख दिया और बोली- थोड़ा रुक जाओ ! सारे मज़े आज ही ले लोगे क्या? अच्छा अमित। यह बताओ मेरी चूचियाँ कैसी लगीं?
अमित बोला- भाभी, बहुत सुन्दर हैं, चूसने का मन कर रहा है।
हँसती हुई मैं बोली- चूस लेना लेकिन पहले एक रसीला चुम्बन होटों पर दे दो !
और मुड़कर मैंने उसे बाँहों में भरा और उसके होंठ अपने होटों में दबाकर दो मिनट तक उसके होंट चूसे। अमित के लंड का उभार मैं अपने पेट पर महसूस कर रही थी, मेरी चूचियाँ अमित के सीने से दबी हुई थी।
मैंने कहा- चूची चूसनी है?
अमित बोला- चुसवाओ न !
मैंने अपना कुरता ऊपर उठाया और बोली- सिर्फ एक-एक बार दोनों चुचूक चूस लो और काटना नहीं। मेरे दोनों चूतड़ों को दबाते हुए अमित ने दोनों चुचूक एक एक करके मुँह में लिए और लॉलीपोप की तरह एक एक बार चूसे।
इस बीच अमित झड़ गया। मेरी बुर भी पूरी गीली हो गई थी, मेरा देवर के साथ यह पहला सुंदर कामुक अनुभव था। अब हम दोनों अलग हो गए। मैंने हल्का सा शृंगार किया और कुरते पर चुन्नी डालकर नीचे आ गई।
रात के सात बज रहे थे, भाभी के साथ मैंने खाना बनाया, भाईसाहब टूर पर थे, भाभी ने बताया- मेरे साहब महीने में 10-12 दिन बाहर रहते हैं।
हम सब लोग 9 बजे तक खाना खाकर फ्री हो गए। इसके बाद 10 बजे तक हम गप्पें मारते रहे।
दस बजे भाभी बोली- चलो कंचन , अब हम सोते हैं।
मैं और भाभी सोने वाले कमरे में आ गए, अमित ऊपर चला गया, दोनों बच्चे अपने कमरे में चले गए। मैं और भाभी एक घंटा बातें करते रहे।
इसके बाद भाभी बोलीं- सो जाते हैं।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मेक्सी तो ऊपर है, अमित तो सो गया होगा।
भाभी हँसते हुए बोली- जब मैं अकेली होती हूँ तो कई बार नंगी ही सो जाती हूँ। ऐसा करते हैं, हम दोनों दरवाज़ा बंद करके नंगी ही सो जाती हैं। बच्चों के उठने से पहले मैं जाग जाती हूँ, तुम्हे भी उठा दूंगी।
उन्होंने मेरी पजामी का नाड़ा खोल दिया नीचे सरकाने लगी, मैंने रोकने की कोशीश की तो भाभी बोली- इतना क्यों शर्मा रही हो, अब तो तुम्हारी चूत का गेट भी खुल गया है।
मैं झेंपती हुई बोली- भाभी, आप भी तो उतरिये न।
“ओह, यह बात है !” और भाभी ने एक मिनट में ही अपना पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया।
हलकी काली झांटो वाली भाभी की चूत मेरी आँखों के आगे थी। भाभी की चूचियाँ मुझसे थोड़ी बड़ी बड़ी और मर्दों का लंड खड़ा करने वाली थीं। उन्होंने मेरा भी कुरता उतरवा दिया, मुझे साथ लेते हुए वो पलंग पर गिर गईं, मेरी साफ़ चिकनी चूत देखते हुए बोलीं- वाह, बिल्कुल दुल्हन जैसी चूत है, कोई आदमी देख ले तो चोदे बिना नहीं छोड़ेगा। संतरे भी तने हुए बिल्कुल ताज़े ताज़े लग रहे हैं।
और उन्होंने मेरे दोनों संतरे मसल दिए। भाभी ने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल दीं और मेरी उंगलियाँ अपनी चूत में डलवा लीं अब हम दोनों एक दूसरे की बुर रगड़ रहे थे। हम दोनों खुल गए थे और मस्तिया रहे थे बड़ा मज़ा आ रहा था। हम लोगो की शर्म उतर गई थी। भाभी मुझे कुतिया कह रही थीं मैं भी उन्हें भाभी रांड बोलने लगी थी।
मस्ती में मैं और भाभी नहा रहे थे।, भाभी मेरी चूचियाँ दबाती हुई बोली- तेरी चूत परेशान नहीं करती? एक महीने से बिना चुदे पड़ी है। एक बार लंड घुस जाए तो उसके बाद कितना ही बैंगन-गाज़र चूत में डाल लो, सुख नहीं मिलता। मौका अच्छा है, अमित से चुदवा ले, कुत्ते का लंड भी अच्छा मोटा है। इनके पीछे महीने में 5-6 बार मैं भी कुत्ते से चुदवा लेती हूँ, बहुत मज़ा देता है।
मैं भाभी की बातें सुनकर चकित थी, मैंने भाभी से कहा- भाभी, विश्वास नहीं होता कि आपने भाईसाहब के अलावा भी किसी का लंड चूत में डलवाया हुआ है।
भाभी बोलीं- प्यासी चूत पता नहीं औरत से क्या क्या करवा ले, मैं तो पुरानी रांड हूँ !
और उन्होंने अपनी कहानी बताना शुरू कर दी उन्होंने बताया एक बार उन्हें 6 महीने अकेले रहना पड़ा था, उनके तब तक एक बच्चा भी हो चुका था लेकिन इस निगोड़ी चूत ने इतना तंग किया कि दस दिन बाद लंड-लंड चिल्लाने लगी। तब तो मैं 24 की थी कितनी आग लगी थी इस चूत में कि जो भी जवान, बूढ़ा दिखता तो बस यही मन करता था कि मेरी चूत में लंड डाल दे। लेकिन साली जब जरुरत हो तो लंड डालने वाला भी नहीं मिलता।
भाभी की बातें सुन सुन कर मेरी बुर पानी छोड़ने लगी थी। भाभी बोलती जा रही थीं उन्होंने मेरी तीन उंगलियाँ चूत में डलवा ली थीं और मुझसे जोर जोर से अपनी बुर मसलवा रही थीं।
भाभी का बोलना जारी था, उन्होंने मुझे बताया कि पहले वो कलकत्ता में रहती थी जब उनके पति 6 महीने को बाहर गए तो उनकी चूत चुदने को कुलबुलाती रहती थी। उन्होंने अपनी दो तीन सहेलियों को जब यह बताया तो वो हँस कर मजाक में उड़ा देती थीं। उसके बाद पड़ोस में एक भाभी किराए पर रहती थीं। उनको जब मैंने अपनी चूत की खुजली के बारे में बताया उन्होंने मुझे एक आंटी से मिलवाया। आंटी ने मेरी चूत का जुगाड़ करवाया, उन्होंने मेरी एक महंगे होटल में सेटिंग करा दी।
मैं होटल मैं दोपहर में जब मन आता, चुदने जाने लगी, महीने मैं 4-5 बार चुदवा लेती थी। नए नए लंड से चुदने में बड़ा मज़ा आता था, चूत भी ठंडी हो जाती थी और ऊपर से कुछ कमाई भी हो जाती थी। इन 6 महीनों में मैंने 18 साल से लेकर 60 साल तक के 22 मर्दों के लंड खाए। हर लंड का अपना एक अलग मज़ा होता है।
उसके बाद तेरे भाईसाहब आ गए हम लोग कानपुर आ गए। जिंदगी आराम से चलने लगी। मेरी शर्म छूट गई थी, 10-12 आदमियों से आज भी मेरे सम्बन्ध हैं। तुम्हारे देवर अमित भी इस सूचि में है, बहुत अच्छा चोदू है, कुत्ता 3-4 बार मेरी गांड भी फाड़ चुका है लेकिन मस्त मज़ा देता है, तू भी चुदवा ले, इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
मेरी साँसें भाभी की बातें सुनकर तेज़ हो गई थी, मैं बोली- भाभी, मन तो चुदवाने का कर रहा है लेकिन डर लगता है !
भाभी हँसते हुए बोली- मस्त होकर चुदवा ! यहाँ कोन देखने वाला है? कल अमित के साथ अकेले ऊपर सोना और रात भर चुदना ! परसों बच्चे चले जाएँगे, तू अगर राज़ी होती है तो हम दोनों साथ साथ चुदेंगी।
मैं पहले से ही अमित से चुदने की सोच रही थी। अब मैंने सोच लिया कि कल अमित का लंड डलवा ही लूंगी। तभी भाभी ने घूमकर मेरी चूत की पलकों पर अपना मुँह रख दिया। आह ! जबरदस्त मज़ा था, मुझसे भी नहीं रहा गया मैं भी भाभी की चूत चूसने लगी। दस मिनट बाद हम दोनों का चूतरस एक दूसरे के मुँह में था। रात के दो बज़ गए थे, भाभी और मैं नंगी ही सो गईं।
सुबह 9 बजे मेरी नंगी चूत में भाभी ने अपनी उंगली घुसा दी, मैं हड़बड़ा कर उठी, भाभी ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं- अब उठ जाओ, देवर जी ऑफिस जाने वाले हैं, दो बार पूछ गए कि भाभी उठीं या नहीं ! जाओ और थोड़ा अपनी जवानी का रस पिला आओ।
मैंने उठकर कुरता-पजामा पहन लिया और ऊपर अमित के कमरे में आ गई। मैं जब ऊपर गई अमित मुस्करा कर देखते हुए बोला- आप तो बहुत देर तक सोईं? मैं आपके लिए चाय बना कर लाता हूँ।
मैंने कहा- नींद ही नहीं खुली।
मैंने आगे बढ़कर अमित को बाँहों में भर लिया, कस कर चिपकते हुए बोली- आज ऊपर ही सोऊँगी। पूरी रात तुम्हारी याद आती रही !
हम दोनों आपस में एक दूसरे की बाँहों में 5 मिनट सिमटे रहे। इसके बाद अमित चाय बनाने चला गया और मैंने कुरता पजामा उतार कर स्कर्ट ब्लाउज बिना ब्रा पेंटी के पहन लिया। अमित जब चाय लेकर आया तो मेरा शवाब उसे ललचा रहा था।
चाय पीने के बाद अमित से बोली- थोड़ा मेरी गोद में लेट लो !
अमित मेरी गोद मैं लेट गया। मैंने उसकी टीशर्ट उतरवा दी नीचे वो कुछ नहीं पहने था। मैं उसकी निप्पल हल्के से नोचते हुए उसके जवान सीने पर हाथ फेरने लगी, उसके बाद होंटों में उंगली चुसवाते हुए बोली- रात को मेरी याद आई थी?
अमित बोला- भाभी, रात भर सो नहीं पाया, आपके दूध चूसने का मन करता रहा।
मैंने अपने ब्लाउज के दोनों बटन खोल दिए और अमित का मुँह अपने दूधों की टोंटी में लगा दिया और बोली- लो, जी भरकर चूस लो।
अमित ने मेरा एक स्तन अपने मुँह में भर लिया और दूसरा हाथों से दबाने लगा, वो कभी एक चूची को चूसता कभी दूसरी को। मैं उसे कस कर अपने स्तनों से चिपकाए हुए थी।
अमित मेरे स्तनों से खेलते हुए बोला- भाभी, आज ऑफिस जाने का मन नहीं कर रहा है। लेकिन बहुत जरूरी काम है, साला जाना पड़ेगा।
मैंने नेकर के ऊपर से अमित का लौड़ा सहलाया और बोली- चलो, अब उठ जाओ, शाम को मस्ती करेंगे।
अमित और मैं उठ गए।
मैं उठी और दरवाज़े के पास पड़ा अख़बार उठाने लगी। मेरी स्कर्ट ऊपर उठ गई, अमित दूर से मेरे नंगे चूतड़, गांड और मस्त हिलती चूचियाँ देखकर पगला गया और दौड़ते हुए आकर घोड़ी बनी मुझे पीछे से लपक लिया और मेरी चूचियाँ दबाने लगा- भाभी, बहुत मन कर रहा है !
मैं बोली- थोड़ा हटो न।
अमित को हटाकर मैंने उसे बाँहों में भरा और बेशर्म बनते हुए पूछा- चोदने का मन कर रहा है क्या?
अमित बोला- हाँ भाभी, आपकी नंगी गांड देखकर आपको चोदने का मन कर रहा है।
मैं अपना पानी छोड़ रही थी, मैं बोली अमित- तुम्हारा घोड़ा बहुत टनटना रहा है, पहले उससे दोस्ती करती हूँ !
और मैंने अमित की नेकर नीचे सरका दी, अमित का 8 इंची लम्बा और 4 इंची मोटा लौड़ा फनफनाता हुआ बाहर आ गया। एक महीने बाद इतना सुंदर लोड़ा देखकर मैं पागल हो गई, मैंने बिना देर किए उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अमित मेरी स्कर्ट उठा कर मेरी चूत में उंगलियाँ आगे पीछे करने लगा।
आह ! मुझे लोड़ा चूसने का गजब सुख मिल रहा था। बहुत देर से अमित का लौड़ा टनक रहा था, 2-3 मिनट के बाद लंड बाहर खींच कर अमित ने मेरे मुँह और स्तनों पर वीर्य की बारिश कर दी। इसके बाद हमने एक दूसरे को बाँहों में भरकर 10-12 प्यार भरी पप्पियाँ गालों पर लीं और मैं उससे बोली- अब तुम ऑफिस जाओ, शाम को अपने लंड को सही जगह घुसाना। मैं और मेरी रानी तुम्हारा इंतज़ार करेंगी।
अमित ऑफिस चला गया और मैं बाथरूम मैं घुस गई।
पूरे दिन मेरी चूत की आग भड़कती रही। शाम को सजधज कर लाल साड़ी ब्लाउज पहन कर मैं नीचे भाभी के पास आ गई, हम लोग बातें करने लगे। शाम को 7 बजे अमित आया। हमें 9 बजे मुझे मूवी देखने जाना था। मैंने भाभी को बताया तो भाभी हँसते हुए बोलीं- अमित तुम्हें चुदाई हाल में प्यासी दुल्हन दिखाने ले जाएगा।
मैं भी खुल गई थी, बोली- बड़ा मज़ा आएगा, आज प्यास भी बहुत लग रही है। पूरी प्यास बुझा कर आऊँगी।
हम सबने खाना खाया। मैं और अमित 8 बजे मूवी देखने निकल गए। हाल एक सुनसान इलाके में था। बालकनी में 8-10 जोड़े ही थे। हम जहाँ बैठे थे, वहाँ से सिर्फ एक जोड़ा ही दिख रहा था जो हमारे पास 4 सीट छोड़कर बैठा था।
अमित बोला- यहाँ बालकनी में सिर्फ जोड़े ही आते हैं, रात में मूवी कम और मस्ती ज्यादा करते हैं। 500 रुपए एक जोड़े का टिकट है।
अमित की बात सुनकर मूवी शुरू होने से पहले मैं बाथरूम गई और अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर पर्स में रख ली। मूवी का नाम “प्यासी दुल्हन था” ही था। मूवी शुरू होने के 5 मिनट बाद ही एक नामर्द की बीबी की चुदाई पड़ोस के लड़के के साथ दिखाई जाने लगी, नंगे सीन देखते ही अमित और मैं शुरू हो गए।
पहले हमने एक दूसरे के होंठ चूमे, उसके बाद अमित ने मेरी चूचियाँ ब्लाउज खोलकर दबानी शुरू कर दीं। हमारे पास वाला जोड़ा भी आपस में गुथा हुआ था। हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराए भी थे। इसके बाद मेरे पड़ोस वाली लड़की ने अपने यार का लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिया। मूवी में ब्लू फिल्म जोड़ दी गई थी एक लड़की पर तीन हब्शी चढ़े हुए थे। अमित ने अपना लौड़ा खोलकर मेरे हाथों में दे दिया, मैं उसे सहलाने लगी। पास वाला जोड़ा 5 मिनट बाद उठकर बाहर चला गया।खुला नंगा चुदाई का खेल परदे पर चल रहा था। अमित ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल रखा था और मेरी चूत सहला रहा था। चूत बुरी तरह पानी पानी हो रही थी, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अमित की सीट के नीचे बैठकर अमित का लोड़ा मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया।
तभी दूसरा जोड़ा अंदर आ गया तो मैं हट गई।
इंटरवल में पूरा हाल रोशनी से नहा गया। अमित और पास वाला आदमी बाहर चले गए, लड़की मेरे पास आई और बोली- हट क्यों गईं? चूसती रहतीं, यहाँ तो सब खुला होता है, लगता है पहली बार आई हो, शर्म आ रही है। महिला बाथरूम के पास जो आंटी बैठी है, उन्हें 200 रुपए कमरे के दे दो, ऊपर कमरे बने हैं आराम से चुदवा लेना। मैं भी ऊपर से लगवा कर आ रही हूँ। कितने रुपए लेती है तू एक रात के?
मैं बोली- मैं तो इनकी की पत्नी हूँ।
उस लड़की का नीलम था, नीलम हँसती हुई बोली- शर्माती क्यों है? यहाँ सभी रंडियाँ हैं, बीवियाँ तो घर में चुदती हैं, मैं तो 1000 रु हॉल में आने के लेती हूँ और रात को घर और होटल जाने के 2000 रुपए लेती हूँ।
मैंने उससे झूठ बोल दिया- 1500 रु एक रात के लिए हैं।
नीलम ने एक कार्ड दिया, उस पर उसका नंबर लिखा था, बोली- कभी ग्राहक न मिले तो मुझे फ़ोन कर देना 3000 रु दिलवा दूँगी पूरी रात के।
मैंने अमित को जब कमरे के बारे में बताया तो अमित बोला- मुझे बात पता है, रजनी भाभी के कहने पर ही तुम्हें इस हाल में एक नया मज़ा देने के लिए लाया हूँ।
मैं बोली- सच अमित, बड़ा मज़ा आ रहा है, चलो ऊपर चलते हैं, चुदने का बड़ा मन कर रहा है।
इंटरवेल के 5 मिनट बाद हमारे पास वाला जोड़ा बाहर चला गया। उसके 5 मिनट बाद मैं और अमित भी बाहर आ गए। हम लोग बाथरूम की तरफ गए तो आंटी मुस्करा रहीं थीं। आंटी मुस्कराते हुए अमित से बोलीं- आज बहुत सुंदर माल पकड़ कर लाया है।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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