Wednesday, August 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI तीन नंगे मर्दो के बीच फँस गई--1

FUN-MAZA-MASTI

 तीन नंगे मर्दो के बीच फँस गई--1

हाय दोस्तो,
मेरी शादी बलदेव से, दो साल पहले हुई है…
हम दोनों अपनी “सेक्स लाइफ” से बहुत खुश हैं..
बलदेव का लण्ड, पाँच इंच का है।
बलदेव, मुझे अपने लण्ड से संतुष्ट तो कर पाते हैं परंतु मेरी चूत को अब “एक मोटे और लंबे लण्ड” की चाहत थी… !!
वैसे, मेरे पति बहुत ब्रॉडमाइंडेड (खुले विचारों वाले) हैं।
एक दिन, मैंने उन्हें अपनी तमन्ना बताई तो उन्होंने कहा – अगर, तुम्हें किसी मोटे और लंबे लण्ड से चुदवाने का मौका मिले तो तुम बेफिक्र होकर, चुदवा सकती हो…
उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था।

इस बात को, 6 महीने हो गये।
अब मैंने अपने आप को मोटा महसूस किया तो मैंने अपने पति से जिम जाने की इच्छा जाहिर की।
उन्होंने मुझे हाँ कर दी और एक नटखट मुस्कान देते हुए कहा – वहाँ तुम्हारी मोटे लण्ड से चुदवाने की तमन्ना भी पूरी हो जाएगी…
मैंने कहा – अरे, तुम्हें अब तक याद है…
फिर, वो कहने लगे – सही बात तो ये है, मैं भी तुम्हें किसी और से चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ… कभी अगर, तुम्हें ऐसा मौका मिले तो मुझे फ़ोन ज़रूर करना…
करीब 3 महीने, जिम में वर्कआउट करने के बाद मैं एकदम फिट हो गई।
मेरी फिगर “मस्त और सेक्सी” दिखने लगी.. !!
जिम के सभी लड़के, मुझे चोदने का ख्वाब देखते थे.. ..
जिम इन्स्ट्रक्टर तो ट्रैनिंग के बहाने, मेरे पूरे शरीर को रगड़ता था..
मेरा जिम सनडे को बंद रहता है। पर स्पा लेने के कारण, मुझे सनडे जिम जाने की पर्मिशन थी।
एक सनडे, मैं जिम गई और वर्कआउट करने के बाद मैं चेंज करने के लिए बाथरूम गई।
फ्रेश होने के बाद, मैंने जैसे ही दरवाजा खोला मुझे कुछ आवाज़े सुनाई दी..
मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया और सोचा आज कौन हो सकता है.. ??
फिर, मैंने दरार से बाहर देखा।
बाहर, राज और विक्की थे।
वो दोनों, जिम में वर्कआउट करने आते थे।
दोनों, सिर्फ़ चड्डी में थे।
उफ्फ!! क्या “कसे हुए गठीले बदन” थे, दोनों के.. ..
उनके शरीर पर, तेल लगा हुआ था।
तभी, वहाँ विशाल भी आ गया। वो मेरा जिम इन्स्ट्रक्टर था।
आते ही, वो बोला – तुम लोगों को मेरी मसाज कैसी लगी.. ??
तो, राज बोला – अभी एक मसाज बाकी है…
अब विशाल मुस्कुराया और बोला – आज जिम में कोई नहीं आता…
विक्की बोला – हम तीनों, एक दूसरे के लण्ड की मालिश करते है…
और तीनों ने तुरंत अपनी चड्डी भी उतार दी..
तीनों, पूरे नंगे हो गये… !!
उनके लण्ड देखकर, मेरा मुंह खुला रह गया।
तीनों के लण्ड बहुत “बलिष्ठ” थे.. !!
विक्की और विशाल के लण्ड, कम से कम सात इंच लंबे और मोटे थे, पर राज का लण्ड तो “विकराल” था.. करीब “8 या 9 इंच लंबा और कम से कम 2 या 3 इंच मोटा”..
मेरी सेक्स स्टोरी पर, लड़के कितनी भी बड़ी बड़ी क्यूँ ना फेंकें पर लड़कियाँ जानती हैं, एक स्वस्थ लण्ड “6 या 7 इंच लंबा” होता है और “8 या 9 इंच लंबा लण्ड”, हज़ारों में से किसी एक का ही होता है.. इसलिए, मेरी राय है लड़कों को की “10-12 इंच का लण्ड” बता कर, पहली लाइन में ही अपनी कहानी को झूठी साबित ना किया करें.. कम से कम, लड़कियों की तो आगे पढ़ने में रूचि ख़तम हो जाती है..
खैर, इधर मेरी चूत गीली होने लगी थी…
मुझे लगा, आज मेरी तमन्ना पूरी हो सकती है.. !!
मैंने अपने पति को फोन लगाया और धीरे से उनको यहाँ का हाल बताया।
जैसी की मुझे उम्मीद थी, वो बोले – अच्छा मौका है… आज चुदवा ही लो, डियर…
मैंने कहा – तुम पागल तो नहीं हो गये, बलदेव… उन तीनों के लण्ड, बहुत बड़े हैं… मेरी चूत फट जाएगी और तीनों को एक साथ कैसे… ??
बलदेव बोले – चिंता मत करो, बहुत मज़ा आएगा… आदमी भले ही, एक लड़की को भी खुश ना कर पाए… पर एक औरत, एक दो नहीं तीन मर्दों को बड़ी आसानी से खुश कर सकती है…
मैंने कहा – वो सब तो ठीक है… पर मैं, शुरूवात कैसे करूँ… अगर, उन्होने मुझे चालू समझ लिया तो हमेशा, मुझे अपनी “बपोती” समझेगें…
वो बोले – हाँ!! ये तो है… तुम एक काम करो… अचानक से, दरवाजा खोल कर ऐसे रिक्ट करना, जैसे तुम्हें शॉक लगा हो… नाराज़गी का नाटक करना और ऐसे दर्शना की तुम ग़लती से “तीन नंगे मर्दों” के बीच, फँस गई हो…
मैं बोली – आइडिया तो मस्त है, बलदेव और मैं चुदवाना भी चाहती हूँ पर मुझे डर भी बहुत लग रहा है… यह मौका भी, फिऱ नहीं मिले गा… चलो ठीक है, मैं कोशिश करती हूँ…

ये बात नहीं थी की मैं कोई सुकुमारी थी और शादी से पहले या अपने पति के अलावा, किसी से मैंने अपनी चूत नहीं मरवाई थी… पर, तीन लण्ड एक साथ…
खैर, मैंने एक गहरी साँस ली और दरवाजा खोल दिया..
दरवाजा खुलने की आवाज़ से, वो सहम गये।
मैंने उनसे, बनावटी गुस्से में कहा – ये क्या चल रहा है… उफ्फ!! आइ एम सॉरी…
फिर मैंने तीनों को देख कर, एक नॉटी स्माइल दी और दरवाजे की तरफ हल्के कदमों से जाने लगी..
तभी विक्की ने पीछे से दौड़ कर मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और राज ने दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने झूठ गुस्सा दिखाते हुए, कहा – यह क्या कर रहे हो… ?? मुझे जाने दो…
राज ने कहा – हम लोग, बहुत दिनों से तुम्हें चोदने का सोच रहे हैं… तुम भी हमारा साथ दो और अपनी जवानी का मज़ा लो… देखो शेरोन, लड़के इतने चूतिए नहीं होते की समझ ना सकें, कौन लड़की चुड़क्कड़ है और कौन शरीफ… समझी… इसलिए, नाटक मत करो और हमारा साथ दो…
विक्की ने मुझे अपनी बाहों मे उठा लिया और वो मुझे टेबल के पास ले आया।
मैंने गुस्से (बनावटी) में कहा – देखो, मैं शादी शुदा हूँ… मुझे जाने दो…
तभी विशाल ने कहा – मैडम, अब मान भी जाइए… नहीं तो, ये लोग ज़बरदस्ती करेंगे… हम चाहते हैं की आप हमारे साथ, एंजाय करें और जैसा राज ने कहा, आप कोई सती सावित्री तो है नहीं और यहाँ का हर लड़का ये जानता है…
अब मुझे सच में थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने कहा – आख़िर ऐसा मैंने क्या कर दिया, जो सब मुझे चुड़क्कड़ समझते हैं… ??
राज बोला – कुछ करने की ज़रूरत नहीं होती, मैडम… लड़की की नज़रें ही, उसकी कहानी बयान कर देती हैं… उसका पहनावा, उसकी चाल, उसकी बात करने का तरीका, सब उसका “असली चरित्र” पेश कर देते हैं… आप जानती हैं, आपकी तरह कई और शादीशुदा औरतें भी यहाँ आती हैं पर मैं किसी को छू नहीं पाता… शुरूवात में, एक दो से तो मुझे तमाचे भी खाने पड़े… पर आपका बदन रगड़ना, तो मेरा रोज़ का काम है… अपने “रंडीपने” के और सबूत चाहिए या इतने काफ़ी हैं…
उसकी बात से मैं निरूतर हो गई और मैंने सोचा – चलो अच्छा ही है… मुझे ज़्यादा नाटक नहीं करना पड़ा…
फिर, मैं बोली – चलो, मैं मान जाती हूँ पर तुम लोगों का लण्ड, मेरे पति से डबल बड़ा है… मेरी चूत, फट जाएगी…
मेरे मुंह से लण्ड और चूत शब्द सुनकर, वो और जोश में आ गये… !!
विक्की ने तुरंत मेरे शॉर्ट्स में अपना हाथ डालकर, मेरी चूत को पकड़ लिया और बोला – आ गई ना रांड़, अपनी असलियत पर… दोस्तो, ये तो साली नाटक कर रही है… इसकी चूत तो पहले से चुदसी है… छीनाल की चूत, पहले से ही पूरी भीगी हुई है…
विशाल ने अब, मेरा टॉप निकाल दिया और राज ने, मेरा लोवर खींच कर उतार दिया.. !!
मैं अंदर से नंगी थी क्यूंकी मुझे सीधे घर ही जाना था।
सिर्फ़ दो पल में, मैं तीन जवान नंगे लड़कों के सामने, बिल्कुल नंगी खड़ी थी…
यूँ तो मैं पहले भी कई मर्दों के सामने, नंगी हुई थी। पर तीन लड़कों के सामने नंगी होने से, मुझे बहुत उत्तेज्ना हो रही थी..
मेरी चूत बुरी तरह कुलबुला रही थी और लगातार रस बहा रही थी..
आगे क्या होगा, कैसा होगा, सोच सोच कर उत्सुकता और रोमांच से मेरा मेरा एक एक रोंगटा खड़ा था..
मेरे निप्पल तो इतने कड़े हो गये थे की पूछिए ही मत..
इधर, कुछ देर मेरे नंगे बदन को एकटक निहारने के बाद, विक्की मेरी चूत सहलाने लगा… …
मेरी चूत पर उस समय झांटे थी क्यूंकी मुझे उम्मीद ही नहीं थी की मैं आज चुदने वाली हूँ।
(इसलिए, सहेलियों हमेशा तैयार रहने चाहिए। ना जाने कौन सा लण्ड, हमारी चूत के इंतेज़ार में, कहाँ बैठा हो।)
खैर, अब विशाल ने मुझे अपनी बाहों में लेकर, अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए।
राज ने पीछे से अपने लण्ड को मेरी गाण्ड पर सटाते हुए, मेरे बूब्स मसलना चालू कर दिया।
तीन मर्दो के जिस्म के बीच में, मेरा जिस्म मचलने लगा…
मेरी काम-उत्तेजना, अपने चर्म पर पहुँच गई थी।
अब मैं सब भूलकर, बस चुद जाना चाहती थी.. !!

कहानी जारी रहेगी… …





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