Monday, August 3, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..24

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..24



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अब आगे
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निढाल सी होकर सोनी ने जब अपनी आँखे खोली तो एक कोने में बैठी हुई इशिका को देखकर वो मुस्कुरा दी...उसके चेहरे पर कोई गुस्सा नही था...जैसे वो सब उसके लिए मामूली बात थी.

वो बोली : "यू बिच .....सुधरेगी नही तू....आ ही गयी ना मेरी चुदाई का खेल देखने मेरे पीछे-2...''

सोनी की बात सुनकर अजय का ध्यान भी उस तरफ गया...और इशिका को बड़े ही आराम से एक कोने में फर्श पर बैठा देखकर वो तो चोंक गया..और हैरान भी हुआ ये देखकर की सोनी कितने आराम से उसके साथ बात कर रही है...ऐसे में कोई भी होता वो इसी वक़्त उसे गालियां देकर बाहर निकाल देता...पर पता नही किस तरह का रिश्ता है इन दोनो बहनो में ..दोनो एक दूसरे की पर्सनल लाइफ में बड़े आराम से दखल देकर बिना किसी डर के रह रहे है.

अभी-2 नहाकर आई इशिका ने सिर्फ़ एक फ्रंट ओपन वाला गाउन ही पहना हुआ था...जो ज़मीन पर अपनी टांगे फेलाने के बाद खिसककर नीचे गिर चुका था ..और उसकी टाँगों के साथ-2 उसकी चूत भी सामने बैठे दर्शको को दिखाई दे रही थी.यानी अजय और सोनी के सामने उसका ताजमहल बेपरदा होकर खड़ा था

और अपनी चूत पर वो बड़े ही मस्त अंदाज में धीरे-2 घिसाई करके उसका घी निकालने में लगी हुई थी.



ये लड़किया कितनी आसानी से एक के बाद एक झड़ने के लिए तैयार हो जाती है...काश लड़को के साथ भी ऐसा होता.

अभी 10 मिनट पहले ही वो अजय के दमदार लंड को देखकर झड़ी थी,शावर के नीचे...और अब फिर से वो सोनी के रूम में आकर अपनी चूत की घिसाई करके उसमे से ओर्गास्म का जिन्न निकालने की तैयारी कर रही थी.

अजय के मुरझा चुके लंड ने खुशी का एक आँसू बाहर धकेल दिया ...ये सोचकर की एक के साथ एक फ्री मिलेगी आज तो..

पर उसकी खुशी को एक ही मिनट मे सोनी ने मसलकर रख दिया.

वो इशिका से बोली : "इशिका डार्लिंग...तुम रूल तो जानती हो ना हमारे...फिर क्यो ये सब दिखाकर इस बेचारे को ललचा रही हो...''

अजय की आँखे सिकुड गयी , वो बोला ''रूल...कैसा रूल..?''

सोनी (अजय को देखकर मुस्कुराइ और बोली) : "बड़े बेताब हो रहे हो इसे देखकर...यही सोच रहे थे ना की सोनी के बाद अब इश्क़ की भी मारने को मिल जाएगी....बट मेरी जान...ये इतना आसान नही है....जब तक मैं नही चाहूँगी,वो तुम्हे हाथ भी नही लगा सकेगी...और तुम भी अगर मेरे बाद इसके मज़े लेना चाहते हो तो अभी के लिए इससे दूर ही रहो...''

अजय : "पर क्यो....हमने तो अच्छी तरह से फकिंग कर ली है अभी...अब क्या प्राब्लम है...इसके साथ भी करने दो...''

लास्ट की लाइन बोलते हुए अजय का स्वर भी धीमा हो गया था..और लंड खड़ा

सोनी : "मुझे पता है की तुम्हारे अंदर काफ़ी स्टेमीना है अजय...और तुम्हारी हालत इस वक़्त मेरी बहन को देखकर क्या हो रही है...ये भी मैं जानती हु, पर अभी के लिए तो तुम भूल ही जाओ की ये तुम्हे मिलेगी...क्योंकि बहनों के बीच ये समझोता हो रखा है की जब तक हम नही चाहेंगे कोई भी दूसरे के बाय्फ्रेंड को हाथ भी नही लगाएगा..''

अजय : "यानी...''

इशिका : "यानी...अभी के लिए तुम इसके सेक्स टॉय हो...और जब तक इसका मन नही भर जाता तुमसे, मैं तुम्हे हाथ भी नही लगा सकती....माय बेड लक....ये मेरी स्टुपीडीटी की वजह से ही हुआ है...मैने ही ये स्टुपिड सा रूल बनाया था...क्योंकि दीदी हमेशा मेरे यंग स्कूल फ्रेंड्स पर नज़र रखती थी...और कई बार उन्होने अपने ये बड़े-2 बूब्स दिखाकर उन्हे अपने जाल में फंसाया है...तब हमने म्यूच्यूअल अंडरस्टेंडिंग से ये डिसाईड किया था....और अब हम कभी भी एक दूसरे के बॉय फ्रेंड को नही चुराते...''


 अजय का तो सिर चकरा गया ये सुनकर....कैसी बहनें है ....एक ही घर में रहकर अपनी बहन के बी एफ से चुदवाती है...और क्या रूल निकाला है इन्होने...अपने-2 बी एफ को शेयर करने का...

इस वक़्त अजय को अपनी हालत उस पालतू जानवर की तरह लग रही थी जिसे इन बहनो ने अपने मज़े के लिए अपने सामने बाँध रखा था..

पर मजा तो अजय भी ले रहा था, और ये मज़ा भी हर किसी की किस्मत में नही होता ..

आज नही तो कल सोनी के बाद इशिका का नंबर आएगा ही आएगा...यही सोचकर इस वक़्त अजय ने अपने दिल को तसल्ली दी..

और वैसे भी अजय का भी मन नही भरा था सोनी से अभी के लिए..

पर आज के लिए काफ़ी हो चुका था...वो अब यहाँ से निकलना चाहता था..

सोनी और इशिका को तो ये बात पता नही थी की वो शादीशुदा है...पर उसे तो अपने घर की चिंता थी..अपनी प्रेगञेन्ट वाइफ के पास जाने की जल्दी थी उसे..

रात के 9 बजने वाले थे...उसने अपना फोन साइलेंट पर किया हुआ था...जब उठा कर देखा तो उसकी आशा के विपरीत प्राची का एक भी कॉल नही आया था...अलबत्ता पूजा के 7 कॉल्स थे..

कही उसे शक तो नही हो गया ना की वो सोनी के घर आया है.

उसने तुरंत सोनी से पूछा : "तुम्हारे पास पूजा का कॉल तो नही आया ना..?''

सोनी (मुस्कुराते हुए) : "अब भी तुम डर रहे हो अपनी उस बहनजी टाइप की गर्लफ्रेंड से...छोड़ो उसे और मेरे हो जाओ...जवानी के यही 2-4 दिन है बस...जितनी ऐश करनी है ,इनमे ही कर लो...और मेरे बाद इशिका से कर लेना...और इसके बाद मेरी और भी फ्रेंड्स है ज़ो तुम जैसे हंक से चुदवाने के लिए कुछ भी करने को तैयार होंगी...और तुम हो की उस पूजा के पीछे पड़े हो...भूल जाओ उसे अब..''

अजय का मन तो किया की उसका मुँह तोड़ दे...क्योंकि जिस अंदाज में वो पूजा की बेइजत्ती कर रही थी वो अजय को बिल्कुल भी अच्छा नही लगा...वो थोड़ा गुस्से में बोला : "मुझे क्या करना है वो तुम मुझे मत सिख़ाओ...तुम्हारे कहने पर मैं यहाँ आया..पर अपनी मर्ज़ी से...तुम इसका मतलब ये मत निकलना की मैं तुम्हारे कहने पर चलूँगा...आज तक मुझपर किसी ने भी हुक्म चलाने की कोशिश नही की...तुम भी मत करना...समझी...''

अजय की ये फटकार सुनकर सोनी चुप हो गयी...इशिका ने भी अपनी आँखे दिखा कर सोनी को चुप ही रहने की सलाह दी...कही गुस्से मे अजय उन्हे छोड़कर चला गया तो दोनो ही उसके लंड की प्यासी रह जाएँगी...ये वो दोनो नही चाहती थी.

अजय ने अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया.

सोनी ऐसे ही नंगी उठकर उसके करीब आई और उससे लिपट कर बोली : "आई एम सॉरी...तुम गुस्सा मत मानो बस...मैं तो ऐसे ही बोल रही थी...एंड आई प्रोमिस, आज के बाद तुम्हारी पर्सनल लाइफ में कोई दखल नही दूँगी...पर तुम नाराज़ मत होना..और ना ही इसे नाराज़ होने देना...अभी बहुत काम निकलवाना है मुझे इससे...''

कहते हुए सोनी ने अजय के लंड को उसकी पेंट के उपर से पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया.

सोनी ने इशारा किया और इशिका भी दौड़कर अजय से आकर लिपट गयी...अपनी दोनो बाहों मे 2 गरमा गरम बहनों को दबोचकर अजय का सारा गुस्सा फुर्र हो गया..



इशिका इस वक़्त सोनी के कहने पर आई थी अजय के पास..इसलिए शायद उनका रूल थोड़ी देर के लिए ब्रेक हो गया था...पर इतना शायद एलाउ था उन दोनो के बीच..


 और इसका फायदा अजय ने अच्छी तरह से उठाया..

उसने एक के बाद एक दोनो को अच्छी तरह से स्मूच किया.

सोनी को तो वो पिछले 1 घंटे से चूस रहा था..

जैसे ही उसने इश्क़ की गांड पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ उचकाया,वो किसी बंदरिया की तरह उछलकर उससे लिपट गयी...छोटी होने के साथ-2 वो काफ़ी हल्की भी थी...शायद 50 के आस पास था उसका वजन..इसलिए अजय को ऐसा लगा जैसे उसने कोई फूल पकड़ लिया है अपने हाथों में ..

और उसने अपने गाउन के आगे की डोरी खोलकर अपनी नंगी बॉडी को अजय के जिस्म से बुरी तरह से मसल दिया और उपर उछलकर अपने आतुर होंठों को अजय के गर्म होंठों पर रखकर एक गहरे चुंबन में डूब गयी.




अजय के लिए ये स्मूच एक यादगार लम्हा बनकर रह गयी...क्योंकि इतनी छोटी उम्र की लड़की को उसने आज से पहले कभी किस्स नही किया था..और उसे किस्स करके पता चला की भले ही एक्सपीरियेन्स की कमी थी उसमे पर हॉटनेस में वो अच्छे -अच्छों को पीछे छोड़ सकती थी...उसके किस्स करने का तरीका ही ऐसा था...सबसे निराला...अपनी जीभ और होंठों को पूरी तरह से गीला करके वो अजय के होंठों को नहला रही थी..

अजय के दूसरे हाथ में सोनी थी, वरना वो इश्क़ के नन्हे मुन्ने स्तनों को नींबू की तरह निचोड़ चुका होता अब तक..

और उन दोनो को ऐसे स्मूच करता देखकर सोनी ने अपनी बहन को टोका : "अब बस भी कर इश्क़ू...खा जाएगी क्या इसको...''

अपनी बहन की आवाज़ सुनकर वो होश में आई...और उसे ना चाहते हुए भी अजय को छोड़ना पड़ा..

उसकी गोद में चढ़कर वो अजय की कमर पर अपनी चूत भी रगड़ रही थी...जिसकी वजह से एक बड़ा सा धब्बा भी बन चुका था उसके चूत के रस का..

पर अभी के लिए कुछ और होना संभव नही था...इसलिए उन दोनो बहनो को बाय बोलकर वो बाहर निकल गया.

अपने आप को किसी राजा से कम नही समझ रहा था आज अजय...

नीचे उतरकर जब वो बाहर जा रहा था तो उसने सोनी के फादर के रूम में झाँककर देखा...और उसे एक बड़े से बेड पर उसके पापा अपने पेट के बल सोते हुए दिखाई दिए...

पूरे नंगे....

और उनके उपर नंगी बैठी थी वो गिन्नी ...

जो तेल से उनकी मालिश कर रही थी..



क्या ऐश की जिंदगी जी रहा है ये इंसान...


 अजय के पैरों की आहट शायद गिन्नी ने सुन ली थी...उसने मुड़कर अजय को देखा और जब दोनो की नज़रें मिली तो गिन्नी मुस्कुरा दी.

अजय भी उसे आँख मारता हुआ बाहर निकल गया.

रास्ते में उसने प्राची को फोन करके बोल दिया की वो फ्री हो चुका है..और घर आ रहा है.

पूजा को उसने फोन नही किया...क्योंकि उसको बताने के लिए उसने अभी तक कोई बहाना नही सोचा था.

पर इन सबके बीच वो अंजलि भाभी के बारे में बिल्कुल भूल चुका था..जिन्होने आज उसको घर पर इन्वाइट किया था..पर सोनी के चक्कर में उसने उन्हे इग्नोर कर दिया था..

और वो इस वक़्त अपने बिस्तर पर अकेली लेटी हुई करवटें बदल रही थी...



गुस्सा तो उसे बहुत आया था अजय पर लेकिन उसका बदला लेने का एक अच्छा सा प्लान बना चुकी थी वो.


 दूसरी तरफ.

रात के दस बज चुके थे...और पूजा अपने कपड़े बदलकर अपने बिस्तर पर गुमसुम सी बैठी थी.

और उसके गुमसुम होने का कारण था अजय.
उसके प्यारे जीजू...
जो पिछले कुछ दिनों में उसके लिए सबसे ख़ास बन चुके थे.

और शाम से वो उनके फोन पर ट्राइ कर रही थी ..और उनसे बात ना हो पाने के कारण वो नये-2 प्यार में डूबी एक आशिक़ की तरह मायूस सी होकर बैठी हुई थी.

और अचानक रिया ने आकर उसके उपर छलांग लगा दी..और वो जोरों से डर कर चीख पड़ी..

रिया उसकी हालत देखकर ज़ोर से हँसने लगी.



और पूजा मुँह बनाती हुई रिया को मारने दौड़ पड़ी.

और उसे पकड़कर उसने बेड पर पटक दिया..और रिया के दोनों हाथ सिर से उपर की तरफ रखकर उसे नीचे लिटा कर उसके पेट पर बैठ गयी..

रिया अभी तक बेतहाशा हँसती जा रही थी...

रिया को ऐसे हंसते देखकर पूजा भी गुस्सा भूल गयी और वो भी मुस्कुराने लगी..

दोनो बहने मस्ती के मूड में आ चुकी थी,...

पूजा : "अब बोल रिया की बच्ची ...करेगी मेरे साथ ऐसा मज़ाक....बोल...''

वो झुककर उसके काफ़ी करीब आ चुकी थी...और इसी बीच अपने को छुड़वाने के लिए रिया ने अपनी गांड वाला हिस्सा हवा में उठा दिया..

पूजा को ऐसा लगा जैसे नीचे से कोई उसकी चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहा है...क्योंकि दोनो की चूत इस वक़्त एक दूसरे बिलकुल ऊपर थी .


 और अपनी चूत पर वो नमकीन सा दबाव महसूस करते ही उसकी चूत को पसीना आ गया...सेल्फ़ लुब्रीकेशन स्टार्ट हो गया अचानक उसमें से..और उसने भी रिया की लचीली कमर को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ा और उसे ऊपर से ऐसे धक्के मारने लगी जैसे वो उसकी चुदाई कर रही हो.



रिया जो अभी तक हंस रही थी, पूजा के ऐसे झटकों को समझकर वो भी हँसना भूल गयी और सीरियस सी होकर उसने अपनी बहन से पूछा : "दी....दीदी ....ये...ये ...क्या कर रहे हो.....ऐसा तो....ऐसा तो लड़का और लड़की करते है...''

पर पूजा ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया...और अपने हाथ धीरे-2 उसने रिया की टी शर्ट में डाल दिए और ऊपर की तरफ खिसकाने शुरू कर दिए....

जैसे-2 पूजा की उंगलियाँ सरककर उपर की तरफ आ रही थी...वैसे-2 रिया के माथे पर पसीना बढ़ने लगा था...वो चाहकर भी उसके हाथों को रोक नहीं रही थी , आज से पहले उसने ऐसा कभी भी महसूस नही किया था...एक अजीब सा सेंसेशन हो रहा था उसे अपनी चूत पर...पूजा की घिसाई से...और अब उसकी उंगलियों की थिरकन से भी उसे गुदगुदी महसूस होने लगी थी..

उसने ब्रा नही पहनी हुई थी...और जल्द ही पूजा की दोनो हथेलियां उसके नन्हे उरोजों से आ टकराई और उसने बड़े ही प्यार से उसके नन्हे चूजों को अपने हाथों में भर लिया..

रिया की तो आँखे बंद हो गयी उस एहसास से जब पूजा ने होले से अपने हाथ के दबाव से उसकी ब्रेस्ट को दबाया..

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआहह....दीदी......ये क्या कर रहे ........उम्म्म्ममममममममम....''

वो शिकायत थी या प्रश्न ...ये तो नही पता चल सका...पर रिया के हाथों ने अगले ही पल उपर की तरफ आते हुए टी शर्ट के उपर से ही पूजा के हाथों को पकड़ लिया..पूजा को लगा की वो हटाने के लिए कह रही है...पर वो धीरे से बुदबुदाई..

''दीदी.....प्लीज़ .......ज़ोर से दबाओ ना......ऐसे....''



और उसने अपने हाथों से पूजा के हाथों को जोर से दबा दिया...और पूजा के हाथों के नीचे उसकी नन्ही टमाटरियाँ भी उस दबाव में आकर नीचुड़कर रह गयी.


 पूजा तो भभक उठी उसके बाद....उसने रिया की ब्रेस्ट को इतनी बेदर्दी से दबाना शुरू कर दिया की उसपर लाल निशान बनते चले गये...पर वो रुकी नही..

रिया के नुकीले निप्पल भी पूजा के जालिम हाथों को रोकने में असमर्थ थे..भले ही वो काँटों की तरह उभरकर ब्रेस्ट की रक्षा कर रहे थे पर ऐसे काँटों से शायद इस वक़्त पूजा को कोई असर ही नही पड़ रहा था...वो तो उन काँटों को भी बीच-2 में ऐसे मसल रही थी जैसे उनमे से दूध निकलने वाला हो..

दूध तो नही निकला..पर उसकी हर उमेठन से रिया की सिसकारियाँ ज़रूर निकल रही थी.



अब तो साफ़ हो चुका था की आज की रात ये दोनो बहने अपनी सारी सीमाएँ लाँघने की तैयारी कर रही है..

पूजा तो अभी तक जैसे किसी नशे मे ये सब कर रही थी...ऐसा नशा जो उसके शरीर को अपने बस में करने में असमर्थ था...वो ये भी भूल चुकी थी की ये उसकी वही छोटी कज़िन है जिसे वो कुछ दिनों पहले तक रोज रात को नैतिकता का पाठ पढ़ाती थी...रिया तो अपनी जवानी के उस पड़ाव पर थी जहाँ उसे ऐसी बातों में मज़ा मिलता था जो सैक्स से जुड़ी हो...अपने घर से बाहर निकलकर और जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद रिया में काफ़ी खुलापन आ चुका था..अपने जीजू की बातों ने उसे उस दिशा में सोचने पर और भी ज़्यादा मजबूर कर दिया था..पर पूजा की रोक टोक ने उसे अभी तक बाँध कर रखा हुआ था..

पर अब वही पूजा उसके साथ ये खेल खेलने में लगी हुई थी...जिसे सीखने के लिए वो कब से तड़प रही थी..

रिया के अंदर एक अजीब सी चाहत ने जन्म ले लिया था...सेक्स के बारे में वो दूसरों से कुछ ज़्यादा ही सोचने लगी थी..पर अपनी बहन के डर के मारे और शर्म की वजह से वो अपनी भावनाओं को बाहर नही आने देती थी..

पर अब उसे रोकने वाला कोई नही था.

जैसे ही पूजा के हाथों ने उसकी नन्ही ब्रेस्ट को छुआ...वो अपने हाथों के दबाव को उनपर डालकर और ज़ोर से दबाने की गुज़ारिश करने लगी पूजा से..

उसकी ब्रेस्ट ही उसके शरीर का सबसे सेंसेटिव हिस्सा थी..

इसलिए उसपर हाथ लगते ही वो भी अपनी सुधबुध खो बैठी और फिर शुरू हुआ उस छोटे से कमरे में दो बहनो के जिस्म के बीच उत्तेजना और सेक्स का वो सिलसिला जो शायद अब थमने वाला नही था.

रिया ने एक मादक सी अंगड़ाई लेते हुए अपनी टी शर्ट उतार कर दीवार पर दे मारी..

और उसकी साँवली और नन्ही छातियाँ देखकर पूजा के मुँह में पानी भर आया.



उसके निप्पल गहरे भूरे रंग के थे...और उसके निप्पल के घेरे पर भी महीन से दाने उगे हुए थे..पूजा तो उसके निप्पलों की कारीगरी देखकर अचंभित रह गई...क्योंकि उसके दानों पर इतनी महीन कारीगरी नही की थी उपर वाले ने...वो बिल्कुल सादे से थे...पर उसकी ब्रेस्ट रिया के मुक़ाबले काफ़ी बड़ी थी..रिया की तो अभी -2 आनी शुरू हुई थी..पर एक बार जब ये भर जाएगी तो कयामत ढाएगी ये लड़की..


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