Wednesday, August 5, 2015

FUN-MAZA-MASTI मुझे मेरी बहनों पर पूरा भरोसा था--2

FUN-MAZA-MASTI

 मुझे मेरी बहनों पर पूरा भरोसा था--2




क्या बताऊँ दोस्तो, मैं फ़िर जोर से नेहा दीदी पर टूट पडा!! लगभग चालीस मिनट तक मैं दीदी की चूत ठोकता रहा… !!
बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैंने नेहा दीदी कि चूत चोद दी!!! !!
उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थीं और उनकी बाजु में सुमन भी सो गई थी।
अब तक मैंने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था।
फिर मैं भी नेहा दीदी की चूत पर हाथ रखकर वहीं पर सो गया… … …
अब मुझे इंतजार था; कल की सुबह का!! और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती हैं!!! !!
मेरी तो लाटरी निकलने वाली थी… मुझे मालुम था की मेरी बहनें, बहुत ही कमीनी किस्म की है और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तैयार कर लेगीं!! !!!
मुझे मेरी दोनों बहनों पर पूरा भरोसा था… … …


सुमन भरा हुआ “मस्त माल” थी। उसके मम्मे बहुत बडे-बडे थे; नेहा दीदी से भी बडे… … सुमन मेरे से एक साल बडी थी!!
दूसरे दिन दोपहर का वक्त था… घर में हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मैं बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था और सुमन गृहशोभा का अंक देख रही थी।
इतने में नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गई और हम दोनों के आजु-बाजू में बैठ गईं!!
थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के मम्मे को धीरे से दबाया!! शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी…
कुछ शरम नाम की चीज़ भी है, क्या…?? वो गुस्से से बोली।
मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था!!!
स्वाती दीदी कुछ ना बोलीं; तो नेहा दीदी बोलीं – क्यों इतना गुस्सा कर रही हो…?? कोई न कोई तो तुम्हारे मम्मों के साथ खेलने वाला ही है ना, तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया…?? इस में गलत क्या है…?? हर लडकी के मम्मे कोई ना कोई तो मसल ही देता है और हमें मजा भी मिलता है।
झट से सुमन बोली – तुम दोनों बावली हो गई हो। सामने छोटा भाई बैठा है; फ़िर भी तुम्हें शरम नहीं आ रही है।
अब स्वाती दीदी बोलीं – तु छोटा किसे बोल रही है…?? हमारा भाई तो अब बडा हो गया है!!
सुमन बोली – हाँ; हो गया है, तो शादी कर दो ना… हम भी देखते हैं हमारी भाभी कैसी होगी!!! और सब हंसने लगे।
थोडी देर में मैं बाहर चला गया…
अब घर में नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बातें कर रही थीं; उन्हें बात करने में आसानी हो जाये; इसलिये मैं बाहर चला आया था… …
लगभग आधे घंटे बाद मैं बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी; जो आवाज हर दिन, हर रात को दीदी की चुदाई करते वक्त आती थी।
मैंने धीरे से बेडरुम में झांक कर देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थीं!!! !!
नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थीं…
स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे में मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था… …
मैं सीधा अंदर चला गया और सुमन के मम्मे चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत भी सहलाने लगा!! जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था, बिल्कुल वैसा ही मैं सुमन के साथ भी करने लगा… …
सुमन के मुँह से मादक सिस्कारियां निकल रही थीं। वो बहुत उत्तेजित हो गई थी; और उसकी चूत अब बहुत गीली हो गई थी…
उसकी चूत से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन की टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया।
मैं तुरंत सुमन की दोनों टांगों के बीच बैठ गया।
आगे क्या करना था; ये मैं पहले से ही जानता था!! !!!
अब तक तो मैं चुदाई मास्टर बन गया था… … …
मैंने अपना लण्ड सुमन की चूत पर लगाया तो वो बोली – नहीं, राज ये पाप है, तु रिश्ते में मेरा भाई लगता है।
स्वाती दीदी बोली – चुदाई के रिश्ते में कोई किसी का भाई नहीं लगता है और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लण्ड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है!!! !!
सुमन अब बहुत गरम हो गई थी।
वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी – उम्म ऊंह ईश इस्स आहह अहह अहः आ अ उफ़ आ माँ ओह माँ मर गई रे आह्हह आहह अहह अहः आ आ अ अ ऊंह ईश इस्स…
मैंने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की चूत में अपना लण्ड घुसाने लगा; मगर मेरा लण्ड तो उसकी चूत मे नहीं जा रहा था…
मैंने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी!!
उसकी चूत बहुत कसी हुयी थी; और मेरा लण्ड बहुत बडा था।
जब मैं नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था और उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में ले लिया…
जैसे ही उसने मेरे लण्ड को हाथ में पकडा, वो बोली – हाय!! राम, इतना बडा लण्ड है तेरा…?? तु तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा… प्लिज, मुझे छोड दो…
मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर ले लिया और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन में नंगी ही चली गई।
इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया।
हमारा खेल देखकर सुमन मिठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गई और उन्होंने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया।
नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मैं फ़िर एक बार अपना लण्ड सुमन की चूत में डालने की कोशिश करने लगा।
इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था, ये उसका पहली बार था… इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था!!
थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लण्ड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया।
सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था।
मैंने धीरे से एक झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लण्ड सुमन की चूत में चला गया और उसकी चूत से गरम खून का फवारा निकल गया।
खून देखकर, सुमन बहुत डर गई पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दौर से एक दिन गुजरना ही पडता है।
वो बातें कर रही थी, तो मैं धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।
अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था और उसे भी मजा आ रहा था…
मुझे मेरी दोनों बहनों की सील तोडने का मौका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैंने आज मेरी मौसेरी बहन की सील तोड दी थी।
सुमन काफ़ी खुश थी।
उसके बाद मैंने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा…
मेरे लण्ड में अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था।
चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन की चूत ले ली। उस दिन से हम तीनों मिल के जब हमें मौका मिले, तब चुदाई करते रहे!!! !!
उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये… …
हम सभी बहुत मजे लेते रहे और किसी का कोई टेंशन नहीं।
घर की बात घर में!!! !!
मेरी दोनों बहनों की तो अब शादी हो गई है; लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है…
उसकी चूत के लिये मेरा लण्ड तैयार है, जब मेरा दिल करता है मैं मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ और सुमन की चुदाई करके वापस आ जाता हूँ।
अब सुमन भी हमारे घर आके एक एक महिना रहती है…
कहानी आपको कैसी लगी, बताना मत भुलना।








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