Monday, August 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI एक परिवार ऐसा भी-8

FUN-MAZA-MASTI

 एक परिवार ऐसा भी-8
गतान्क से आगे ............
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक परिवार ऐसा भी का  
आठवाँ पार्ट लेकर हाजिर हूँ दोस्तो अब आप कहानी का मज़ा लीजिए
श्रीमती सीमा कौल, मिस्टर अजय कौल की धरम पत्नी जो हत्ते कत्टे चार
बच्चों की मा थी खुद को पता नही था कि वो 46 साल की है या 48.
उसके घर वालों ने कभी इस बात पर ध्यान नही दिया था.

पर उमर जो भी हो दीखने मे वो आज भी काफ़ी जवान दिखाई देती थी.
चार बच्चे पैदा करने के बाद भी सीमा ने अपना फिगर 34-28-26 का
बना कर रखा था. लोग अक्सर धोका खा जाते थे और उसे सुनीता
और शीला की बड़ी बेहन समझ लेते थे.

आज भी कुछ ऐसा ही हुआ था, हॉस्पिटल मे एक जवान डॉक्टर उसके पास
से इस तरह निकला कि उसने उसके लंड को अपनी गान्ड पर साफ महसूस
किया. सीमा इन साब बातों की आदि हो चुकी थी. उसे अपनी सुंदरता
और बदन पर गर्व होता था कि आज भी वो मर्दों को रिझा सकती है.

वहीं उसे अपने पति से नफ़रत सी होने लगी थी, जो बिस्तर मे घुसते
ही उसपर चढ़ जाता था और दो चार धक्के मार अपना पानी छोड़ देता
था. उसकी चूत प्यासी की प्यासी रह जाती थी. अब वो पहले जैसा नही
था जो किसी जमाने मे घंटो उसकी चूत की चुदाई किया करता था.
जब वो गैर मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित पाती तो उसे राहत मिलती की
अजय उसकी ढलती उमर की वजह से उसे पूरी तरह संतुष्ट नही करता
बल्कि उसकी खुद की जिस्मानी कमज़ोरी होगी.

घर पहुँचते ही सीमा ने बच्चे को बिस्तर पर लिटाने मे मदद की
फिर अपने कमरे मे आ गयी. उसके कपड़े बारिश मे पूरी तरह से
भीग चुके थे, ठंड के मारे उसका पूरा बदन काँप रहा था.

सीमा ने राज को घर मे आते नही देखा क्यों कि वो जल्दी मे थी.
कमरे मे आते ही वो अपने गीले कपड़े उतारने लगी. जब वो अपने बदन
को टवल से पोंछ रही थी तो उसे लगा कि कोई उसे देख रहा है.
उसेन पलट कर दरवाज़े की ओर देखा तो पाया कि राज उसे घूर रहा
था और उसका एक हाथ अपने लंड को सहला रहा था.

एक बार तो वो राज को देख कर चौंक पड़ी फिर जैसे ही उसने कुछ
कहने के लिए मुँह खोला, राज बोल पड़ा�� "मम्मी तुम बहुत खूबसूरत
हो."

सीमा को खुद को पता नही कि क्या हुआ और क्यों हुआ और उसे टवल को
ज़मीन पर गिर जाने दिया, "राज दरवाज़ा बंद कर दो." कहकर उसने
अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.

सीमा चाहती थी कि राज अंदर आ जाए पर वो ये देख कर चोंक पड़ी
राज ने अंदर आते ही कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया था.

"राज?" उसने पूछा, "क्या हुआ है तुम्हे? तुम बीमार तो नही हो?"

राज आगे बढ़ा और अपनी मा के गले लग गया जैसे एक छोटा बच्चा
अपनी मा के गले लगता है. सिर्फ़ फरक ये था कि इस वक़्त उसकी मा
नंगी थी और वो चुदाई की भूक मे पागल हो रहा था, उसका लंड
उसकी पैंट से बाहर आने को बेताब था. वो अपनी मा की पीठ पर अपना
हाथ सहलाने लगा और बदन से उठती खुसबू का आनंद लेने लगा.

"राज, अपने गीले कपड़े उतारो नही तो बीमार पड़ जाओगे," सीमा ने
कहा और वो अच्छी तरह उसके लंड को अपनी चूत पर महसूस कर रही
थी.

जैसे ही राज ने अपनी गीली शर्ट उतारी सीमा उसके गीले बालो और
छाती को टवल से पोंछने लगी. जैसे ही उसके हाथ उसकी गातीले
बदन पर फिरे उसकी साँसे तेज हो गयी.

सीमा राज को देख रही थी, उसने अपने जूते फैंके और अपनी पैंट की
बेल्ट खोल उसे निकाल दिया. उसका खड़ा लंड पूरी तरह से तना हुआ था
और उसकी सेफ कॉटन की अंडरवेर को फाड़ कर बाहर आने के लिए
बेताब हो रहा था��..उसका बेटा अब जवान हो गया था�.. ठीक अपने
बाप की तरह.

सीमा के मन मे भी कई दिनो से दबी चुदाई की प्यास जाग उठी,
भारी सांसो से वो राज के लंड को घूरती रही. उसके मुँह मे पानी आ
गया था. बिना कुछ कहे वो आगे बढ़ी और राज के सामने घुटनो के
बल बैठ गयी. फिर उसने उसकी अंडरवेर को नीचे खिसका कर निकाल दिया
और टवल से उसकी टाँगो को, उसकी जाँघो को, उसके लंड को और उसके
चुतड़ों को पोंछने लगी.

राज अपनी मा को अपने बदन को पोंछते देखते रहा.

सीमा उसके बदन को पोछती जा रही थी, राज की उत्तेजना उससे छुपी
नही थी. वो ये भी समझ रही थी कि उसकी नग्नता की वजह से ही
वो उत्तेजित हो रहा है.

सीमा ने टवल को ज़मीन पर गिर जाने दिया और उसके लंड को अपने
हाथों से पकड़ आगे पीछे करने लगी.
राज पूरी तरह से उत्तेजित था सुनीता ने भी कई दिनो से उसका लॅंड
अपनी चूत मे नही लिया था जब उसकी मा ने उसके लॅंड को हाथ मे लेकर
आगे पीछे किया तो उसे बहुत मज़ा आया और वो अपने आप को नही
रोक सका और उसके लॅंड ने पिचकारी छोड़ दी
"माआ��ओह�.हाँ मा��." राज सिसक पड़ा.

उसके लंड से छूटे वीर्य को बड़े प्यार से देखने लगी. फिर वो अपनी
जीब उसके वीर्य को चाटने लगी. उसका खारा और अटपटा स्वाद कई
दिनो से भूके उसके मुँह को बड़ा प्यारा लगा.

सीमा समझ चुकी थी कि अब पीछे हटने की कोई गुंजाइश नही थी
इसलिए उसने इस बात पर सोचना छोड़ दिया और अपना सारा ध्यान राज के लंड
और उसके वीर्य पर लगा दिया. उसने अपना मुँह खोला और उसके लंड को
अंदर ले लिया और चूसने लगी.

राज को विश्वास नही हो रहा था की उसकी अपनी मा उसके लंड को
चूसेगी. उसकी सग़ी और सुंदर मा उसके लंड को कभी चूसेगी ये तो
उसने सपने मे भी नही सोचा था.

वो तो घर जल्दी आ गया था और उसे जोरों की भूक लगी थी. वो तो
अपनी मा के कमरे मे खाने के बारे मे पूछने के लिए आया था. मा
के कमरे का दरवाज़ा खुला देख वो चोंक पड़ा था. उसने थोड़ा सा
दरवाज़ा धकेल अंदर झाँका तो उसने अपनी मा को नंगी अवस्था मे
देखा. उनेक बदन का हर कटाव सॉफ दिखाई दे रहा था. वो एक दम
उसकी बेहन सुनीता की तरह थी, वही भारी भारी छातियाँ, सुडौल
जिस्म और पतली कमर.

आज वो अपने नसीब पर खुश था. जो उसने सपने मे नही सोचा था
वही उसके साथ हो रहा था, उसकी अपनी मा उसके सामने घूटनो के बल
बैठी उसके लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी.

अब सुनीता अपनी माहवारी के समय उसके लंड को नही चूसेगी तो तेल
लेने जाए वो अब उसकी मा उसके पास है और ये बहुत बड़ी बात थी
उसके लिए.

उसे अपने दोस्त बॉब्बी की याद आ गयी जो अपनी मा को बराबर चोदता
था और उसने ही ये सब के लिए उसे उकसाया था. आज उसकी कही हर बात
पूरी हो रही थी.

राज ने अपनी मा के सिर को दोनो हाथों से पकड़ रखा था और उसके
मुँह मे धक्के मार रहा था. उसका लंड सीमा के थूक से पूरी तरह
गीला हो चुका था. सीमा बड़े प्यार से अपने बेटे के लंड को अपने
मुलायम हाथों से पकड़ उसके लंड को चूस रही थी साथ ही उसकी
गोलैईयों को भी सहला रही थी. उसने अपनी आँखे बंद कर रखी थी
और पूरा मज़ा ले रही थी.

राज ने अपना लंड सीमा के मुँह से बाहर निकाला और नीचे झुकते हुए
उसके होठों को चूम लिया. फिर उसने सीमा को घुमाते हुए घोड़ी
बना दिया.

राज सीमा के पीछे आ गया, उसकी साँसे तेज हो चुकी थी. उसे डर
था कि कहीं मा उसे मना ना कर दे, फिर भी हिम्मत कर उसने अपना
लंड अपनी मा की बालों रहित चूत पर रख दिया.

सीमा मुड़कर मादकता मे अपने बेटे को देख रही थी. राज ने एक धक्का
मारा और उसका लंड सीमा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर
घुस गया.

जब लंड पूरी तरह उसकी चूत मे घुस गया तो राज ने सीमा के
चुतड़ों को पकड़ लिया और धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ वो
अपनी रफ़्तार तेज करता जा रहा था. उसे डर लग रहा था कि कब उसकी
मा का इरादा बदल जाए और वो पीछे हट जाए. उसके खुद के लंड
मे उबाल आता जा रहा था और वो जल्दी से जल्दी अपना पानी छोड़ देना
चाहता था.

सीमा पहली बार अपने बेटे के लंड का मज़ा ले रही थी. आज कल उसका
पति अजय उसकी चुदाई नही करता था और ना ही उसकी चूत को चूस्ता था
और ना ही अपना लंड चूस्वाता था. सीमा को लंड चूसने मे बड़ा
मज़ा आता था. शादी के बाद पहली बार जब अजय ने उसके मुँह मे
लंड डाला था तब से उसे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता था. जब भी
अजय उसके मुँह मे अपना वीर्य छोड़ता तो वो बड़े प्यार से उसे पी जाती
थी.

राज के लंड का स्वाद भी उसे बहुत अच्छा लगा था. वो उसके लंड का
पानी भी पीना चाहती पर जब राज ने उसे घोड़ी बना उसके मुँह को
चूमा था वो समझ गयी थी राज के इरादे कुछ और है. जब राज ने
अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाया तो उसे राज के लंड की गर्मी अपनी
चूत मे बड़ी अच्छी लगी थी.

अब वो राज के हर धक्के का साथ अपने चुतताड आगे पीछे कर दे रही
थी. कई दिनो से लंड की प्यासी उसकी चूत को आज पूरा मज़ा मिल
रहा था. जिस तरह से राज उसे चोद रहा था वो समझ गयी थी कि
राज कोई अनाड़ी नही वो पहले भी कई बार चुदाई कर चुका है शायद
कॉलेज मे किसी लड़की की या फिर मोहल्ले मे किसी नौकरानी की या फिर
किसे अपने���.

राज के हर धक्के पर वो सिसक रही थी, "ह राज्ज्ज बेटा और ज़ोर
से ऑश हाआँ और ज़ोर से चूओड़ो फाड़ दो मेरी चूऊत को"

राज का लंड भी पूरी उबाल पर था पहले तो उसकी मा ने उसके लंड को
चूस चूस कर झड़ने के करीब ला दिया और अब उसकी चूत की गर्मी
उसके लंड को और गरमा रही थी. वो भी अब जल्दी ही अपना पानी छोड़ना
चाहता था, "ओह माआ तुम्हारी चूत कितनी गरम है ऑश मेरा तो
छूटने वाला है," राज सीमा के चुतताड पकड़ ज़ोर के धक्के मारते
बोला.

"हाआअँ बीता छोड़ दो अपना पानी मेरी चूओत मे हाआँ" कहकर
सीमा ने अपने चुतताड ज़ोर से पीछे की ओर किए और तभी राज के
लंड ने अपना पानी छोड़ दिया.

जैसे ही राज के लंड का पानी सीमा ने अपनी चूत मे गिरते महसूस
किया उसने अपनी चूत मे उसके लंड को इस तरह जाकड़ लिया कि राज के
लंड से एक एक बूँद नीचूड़ जाए और अपने चूतड़ को जोरों से आगे
पीछे करने लगी.

"ओह हाआआं आाज मेरी चूओत की प्याअस बुझी है." सीमा
सिसकते हुए बोली और उसकी चूत भी झाड़ गयी.

दोनो ये काम कर तो चुके थे पर एक दूसरे से शरम के मारे आँख
नही मिला पाए. राज ने जल्दी से अपना लंड सीमा की चूत से बाहर
निकाला और अपने कपड़े पहन अपने कमरे मे चला गया और सीमा बिना
कुछ राज से कहे देखे अपने  बाथरूम मे नहाने चली गयी.

क्रमशः........................
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