Monday, August 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI बहन को घर में चोदा

FUN-MAZA-MASTI



बहन को घर में चोदा


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अंशुमन है और में इस साईट का बहुत चाहने वाला हूँ.. क्योंकि मुझे ब्लू फिल्म देखने से ज़्यादा मज़ा इस साईट की स्टोरी पढ़ने में आता है और शायद आप सभी को भी आता होगा में अधिकतर लेस्बियन कहानियाँ ही पढ़ता हूँ और कभी कभी देसी भी। मेरी उम्र अभी 20 साल है और मेरे साथ 11 अगस्त को बहुत मस्त घटना हुई जो में आज आप सभी से शेयर करना चाहूँगा और वो मेरे दिमाग़ से हट ही नहीं रही.. बाकी सब स्टोरी का पता नहीं.. लेकिन यह स्टोरी बिल्कुल एकदम असली है और अब में उस दिन को पुरानी यादोँ की तरह आप सभी के सामने रखता हूँ। मेरी छोटी बहन 19 साल की है और उसका नाम प्रेरणा है और पता नहीं मुझे एकदम से क्या हो गया है कि में आजकल उसी को देखकर तड़पता रहता हूँ और उसको पता भी नहीं चलने देता कि में उसके साथ सेक्स करना चाहता हूँ.. लेकिन क्या बताऊँ कि अगर वो मुझे मिल जाए तो फिर और कोई नहीं चाहिए। यह अहसास आप सभी समझते होंगे और मेरे ख्याल से सारे भाई अपनी बहन के साथ सेक्स करने की इच्छा अपने मन में दबाए रखते है। फिर मैंने इस दिशा में कभी कोई कदम नहीं उठाया और मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनी और कभी किसी को मैंने ट्राइ ही नहीं किया और सच बोलूं तो में लड़कियों के मामले में थोड़ा शर्मीला स्वभाव का हूँ।


इसलिए तो मैंने एक दिन डिसाईड किया कि धीरे धीरे कुछ ट्राई किया जाए और कुछ ऐसा किया जिससे प्रेरणा खुद ही मुझसे सेक्स करना चाहे और में जब भी कोई मौका हाथ लगता उसको देखना नहीं छोड़ता था.. उसकी नाभि, उसके बूब्स, उसकी छाती, उसके पैर, उसकी गांड, और कभी उसकी कमर.. सब की एक तस्वीर बनाकर रोज़ उसके नाम की मुठ मार ही लेता था। फिर वो भी इस उम्र में हर रोज़ धीरे धीरे सेक्सी होती जा रही थी और धीरे धीरे में उससे सभी बातें शेयर ज्यादा करने लगा.. उसका भी कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और फिर में उसको सेक्सी कहानियाँ मेल करने लगा एक फेक आई.डी से जिसमे लेस्बियन या देसी सेक्स वाली अच्छी स्टोरी होती थी.. लेकिन मुझे पता नहीं था कि वो पढ़ती थी या नहीं और सिर्फ़ मुझे एक बार पता लग जाए कि वो उन स्टोरी को पढ़ती है.. तो मुझे पता चल जाए कि वो क्या और कैसा सोचती है एक भाई से सेक्स करने के बारे में?

फिर सभी स्टोरी की तरह में उसको नहाते हुए नहीं देख पाता था और ना ही बाकी स्टोरी की तरह में रात को उसके साथ सोता था जिससे उसको छू सकूँ.. में ज़मीन पर गद्दा बिछाकर सोता था और वो ऊपर बेड पर सोती थी। में ट्राई करता था कि उसको देखता रहूँ क्योंकि उसकी उम्र हो गयी थी चूत में ऊँगली करने की.. कभी वो सोचे कि में सो रहा हूँ और वो चूत में ऊँगली करे तो में उसको ऐसा करते हुए देखना चाहता था। में उसकी पेंटी, ब्रा तो सूंघने लगा था और मुठ मारने लगा था। फिर कभी वो बाथरूम में पेंटी, ब्रा को छोड़कर आती थी तो में उनको सूंघकर ही में बहुत खुश हो जाता था और में आजकल उससे बहुत खुलकर बातें करता था जिससे उसकी पसंद ना पसंद का पता लग जाए और जब भी मौका मिलता था उसको हग करता था। उसके बूब्स को महसूस करने के लिए में उसको अपने साथ बाईक पर घुमाने लगा.. क्योंकि वो पीछे से थोड़े बूब्स मेरी कमर पर छू देती थी।

एक दिन में जब बाईक पर उसके साथ था तो उसने मुझे किसी जनरल स्टोर के बाहर रोका और कहा कि 15 मिनट रुको में अभी आती हूँ। तो मैंने ज्यादा नहीं सोचा.. लेकिन में उसके पीछे नहीं गया और थोड़ी देर बाद मैंने सोचा.. कि में अंदर जाता हूँ और मुझे पता लगा कि उसको ब्रा, पेंटी लेने थे। फिर 2-3 दिन के बाद बाथरूम में उसकी नयी वाली पेंटी, ब्रा पड़ी हुई थी में बहुत गरम हो गया और मैने फिर से मुठ मार ली और मैंने ध्यान दिया कि वो भी आजकल मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी और एक दिन उसका मेरी फेक आई.डी पर जवाब आया कि वो भी ऐसी कहानियों को बहुत पसंद करती है और मुझे बहुत अच्छा लगा.. क्योंकि मुझे अब भरोसा था कि उसको फंसाने में बहुत मज़ा है.. लेकिन अब उसको अपनी तरफ आकर्षित कैसे करूं यही सोचना था। दोस्तों आपको बता दूँ कि मेरी फेक आई.डी से उसको लगता था कि कोई लड़की उसको स्टोरी भेजती है।

फिर एक दिन वो स्कूल में थी और जब मैंने देखा कि वो ऑनलाईन है.. तो मैंने फेक आई.डी से उससे चेट करना शुरू किया.. फिर उसने मुझे बताया कि वो भी भाई के साथ सेक्स करना चाहती है। तो मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया.. लेकिन दोस्तों में उसको कैसे पूछूँ और कैसे किस तरह उसको चोद सकूँ समझ में नहीं आ रहा था और वो पता नहीं कैसा व्यहवार करेगी और में बहुत डरता भी था और शरम भी बहुत थी। फिर मैंने एक प्लान बनाया और थोड़ा दिमाग़ लगाया.. उस समय मेरे एग्जाम थे.. मैंने उसको बोला कि मुझे सुबह जल्दी 6 बजे उठा देना। क्योंकि वो रोज़ जल्दी उठकर मम्मी की किचन के कामों में मदद करवाती थी और एक्ससाईज़ भी करती थी। फिर मैंने भी थोड़ा पहले का अलार्म लगा लिया और सुबह सुबह उठकर उसके बारे में सोचने लगा.. तो मेरा लंड खड़ा हो गया और इंतजार करने लगा। कि वो मुझे उठाए और उसको पता लग जाए कि मेरा लंड खड़ा हुआ है।

फिर थोड़ी देर बाद वो मुझे उठाने आई.. और थोड़ी देर मैंने नींद में होने का नाटक किया.. में नीचे जमीन पर बिस्तर डालकर सोता हूँ इसलिए वो मुझे झुककर उठा रही थी और उसकी सुंदर छाती को देखकर मेरा लंड ज्यादा खड़ा हो गया और उसको भी पता लग गया कि मेरा खड़ा है। मैंने ग़लती से उसके बूब्स के ऊपर से हाथ लगा दिया और नींद में होने की बात सोचकर उसने कोई विरोध नहीं किया और उसका हाथ भी स्टाईल से मैंने अपने लंड पर छू दिया.. लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया और धीरे धीरे मुझे महसूस होने लगा कि एक दिन तो में उसके साथ सेक्स कर ही लूँगा और काश में उससे सीधा पूछ पाता.. लेकिन में बहुत शर्मिला स्वभाव का था और एग्जाम टाईम था इसलिए रोज़ यह सब होने लगा। वो कुछ हलचल नहीं करती थी और रोज़ में ग़लती से उसके बूब्स छू लेता था। उसको भी पता था कि में बहुत शर्मीले स्वभाव का हूँ और उसका भी सेक्स करने का मन होने लगा। फिर मेरे एग्जाम खत्म हो गये और एक दिन उसने मुझे बोला कि आज कल आप लेट उठने लगे हो भैया.. रोज़ सुबह जल्दी उठना चाहिए। तो में समझ गया कि उसको भी लंड चाहिए? तो मैंने पूछा कि क्यों अब क्या करूं जल्दी उठकर?
प्रेरणा : जल्दी उठकर एक्ससाईज़ किया करो.. में भी करती हूँ.. या मॉर्निंग वॉक पर जाया करो।
में : नहीं में फिट हूँ मुझे नहीं करनी एक्ससाईज़।
प्रेरणा : यार आप आज कल मोटे हो रहे हो।
में : ठीक है कल से करेंगे.. लेकिन तेरे साथ ही करूँगा।
प्रेरणा : ठीक है भाई और क्या करेगा मेरे साथ?
में : क्या मतलब?
प्रेरणा : कुछ नहीं मेरा मतलब है कि मॉर्निंग वॉक पर भी चलेंगे ना।
में : हाँ क्यों नहीं?
अब में हर रोज़ एक्ससाईज़ के वक्त में उसको बहुत छूने लगा था.. रोज़ वो मुझे जल्दी उठाती थी और हर रोज़ वही होने लगा। मुझे आखिरकार एक दिन उसको चोदना था और एक दिन मम्मी को मौसी के यहाँ पर जाना पड़ा। पापा ऑफिस में थे और वो दूसरा शनिवार था.. हमारी छुट्टी थी तो मैंने कुछ नहीं बोला और फिर ..
प्रेरणा : उठो भैया।
में : नहीं.. आज आलस आ रहे है और तुम भी सो जाओ।
प्रेरणा : क्या में यहीं सो जाऊँ आपके पास?
में : हाँ क्यों नहीं।
प्रेरणा : ठीक है भैया आज घर में कोई नहीं है मम्मी मौसी के घर गयी है।
में : तो अब खाना कौन बनाएगा.. तू?
प्रेरणा : क्या यार.. आपको भी उठने से पहले भूख लग जाती है।
में : ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा।
प्रेरणा : और बताओ भाई क्या चल रहा है?
में : कुछ नहीं यार।
प्रेरणा : भाई में जब भी आपको उठाने आती हूँ तब आप सोए हुए रहते है.. लेकिन आपका सुबह सुबह ऐसे क्यों खड़ा हुआ रहता है?
में बहुत चकित और खुश और नर्वस और गरम.. सारा मिक्स सा अहसास आ रहा था और उसे क्या जवाब दूँ? समझ में नहीं आ रहा था और फिर मैंने कहा.. कि मुझे पेशाब आ रहा है और में उठकर बाथरूम में चला गया।
प्रेरणा : क्या हुआ? वापस आओ ना मेरे साथ थोड़ी देर लेटो.. कुछ बात करनी है।
में : हाँ आ रहा हूँ।
प्रेरणा : आपको में कैसी लगती हूँ?
में : तू बहुत अच्छी है.. लेकिन तू ऐसा क्यों पूछ रही है?
प्रेरणा : यार आप बहुत शर्मीले हो और आपकी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है और मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
में : हाँ मेरी तो अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. लेकिन तेरा कोई बॉयफ्रेंड क्यों नहीं है? और तू तो दिखने में भी बहुत अच्छी लगती है।
प्रेरणा : क्या भैया आजकल अच्छे लड़के है ही नहीं.. सब गंदे है और मुझे वो पसंद नहीं.. कोई वैसे भी आप की तरह अच्छा दिखने वाला हो और आप क्यों नहीं पटाते कोई? आप बहुत शर्मीले हो।
में : हाँ यार और अब मेरा लंड फिर से बहुत टाईट हो रहा था।
उसको फिर मेरा खड़ा हुआ लंड महसूस हुआ। इस बार मैंने उसके गाल पर छोटा सा किस कर दिया और उसने भी मेरे सर पर किस कर दिया।
प्रेरणा : में आपसे बहुत प्यार करती हूँ भैया और आप बहुत अच्छे हो मेरा बहुत ध्यान रखते हो।
फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी और में पीछे से उसकी ब्रा महससू कर रहा था और उसकी गांड भी। तभी वो बोली कि भैया अब शरमाओ मत और एक किस करने में आपका खड़ा हुआ है प्लीज़ मुझे फिर से किस करो ना। फिर मैंने कुछ नहीं सोचा और उसके गुलाब जैसे होंठो को ऐसा किस किया कि क्या बताऊँ? बहुत चूसा उसके होंठो को और उसने भी और एक दूसरे को गीले वाले किस किए और हम बहुत देर तक किस करते रहे.. करीब 12 मिनट तक वो मेरे ऊपर लेटी हुई किस करती रही और में किस करते हुए उसकी गांड को मसल रहा था। तभी अचानक से वो उठकर चली गयी और रोने लगी।
में : क्या हुआ.. रो क्यों रही है।
प्रेरणा : भाई यह क्या हुआ? और यह क्या कर दिया हमने? क्यों यह बहुत ग़लत है ना? सब मेरी ग़लती है मैंने ही आपको उकसाया.. आप तो कुछ नहीं करने वाले थे।
में : रो मत और अब चुप हो जा कुछ नहीं करना तो कोई बात नहीं और मुझे माफ़ कर दे में ही तुझे वो सेक्सी कहानियाँ भेजता था।
प्रेरणा : क्या? तुम पागल हो।
में : मुझे माफ़ करो वैसे किस कैसा था?
तो वो कूदकर मेरी गोद में आ गयी और फिर से किस करना स्टार्ट कर दिया और इस बार भी अच्छा किस था और उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मैंने भी उसका टॉप उतार दिया.. वो ब्रा में बहुत अच्छी लग रही थी। क्या बताऊँ एकदम ग़ज़ब? और फिर से किस करना स्टार्ट कर दिया। तो वो बोली कि क्यों भैया आपको सब आता है ना?
में : हाँ मैंने बहुत ब्लू फिल्म देखी है।
प्रेरणा : कंडोम है?
में : छोड़ उसको उसका अभी क्या काम?
फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी और किस करते हुए उसकी कमर को मसलने लगा.. वो बहुत अच्छे से किस कर रही थी। मैंने उसको रोककर उसके बूब्स दबाए और उसके बूब्स चूसने लगा.. लेकिन उसके बूब्स बड़े बड़े एकदम गोरे बहुत अच्छे आकार में थे और बहुत अच्छे निप्पल भी थे। में बहुत देर तक दोनों बूब्स को एक एक करके चूसता रहा और हम फिर से किस करने लगे।
प्रेरणा : भैया आपका लंड दिखाओ ना प्लीज़।
में : पहले तू तेरी चूत दिखा ना।
प्रेरणा : आप भी पूरी लाईफ शर्मीले ही रहोगे.. आप खुद ही देख लो।
फिर मैंने उसकी पेंट को उतार दिया और उसके पैर को चूमने चाटने लगा और फिर उसकी जांघ को चाटा और उसकी गुलाबी पेंटी के पास उसकी चूत को किस करने लगा। फिर उसकी चूत के पास चाटने लगा.. वो तो इतने में ही एक बार झड़ गयी और उसकी पेंटी गीली हो गई। तो उसने कहा कि भैया प्लीज़ पेंटी खोलो मेरा रस तो बाहर आ गया। तो मैंने उसकी पेंटी को जोश ही जोश में फाड़ दिया.. उसकी क्या चूत थी? बस थोड़े थोड़े बाल थे और बिल्कुल गुलाबी सी चूत थी और उसे देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया और फिर मैंने कहा कि अब तो चूत को चूसकर बहुत मस्त मज़ा आएगा। तो वो बोली कि कोई बात नहीं.. लेकिन आपको बुरा ना लगे तो क्या अब आप मेरी चूत को चाटोगे?
फिर मैंने कहा कि हाँ तुम देखती रहो और में चूत को बहुत तेज़ी से चूसने लगा और थोड़ी देर चूसने के बाद वो मेरे बाल पकड़ कर खींचने लगी और मुझे पता था कि उसका दूसरी बार झड़ने का नंबर आने वाला है। उसकी चूत के रस का बहुत अच्छा स्वाद था और उसने मेरे सर को अपनी जांघ में दबा लिया था। फिर वो बोली कि वाह भैया आप मेरी चूत का सारा पी गये.. चलो अब आपका लोवर उतारो.. तो मैंने कहा कि तुम खुद ही उतार लो। फिर उसने हंसकर मेरा लोवर और अंडरवियर एक साथ उतार लिया मेरा लंड भी थोड़ा सा गीला था और अब वीर्य निकल रहा था। तो उसने पहले हाथ से सहलाया, मसला तो मेरा लंड झड़ गया और पूरा वीर्य उसके बूब्स पर गिर गया और थोड़ा सा उसने चाट लिया और वो बोली कि कोई बात नहीं भैया यह दोबारा खड़ा कब होगा? तो मैंने कहा कि इसको अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसो.. अभी खड़ा हो जाएगा।
तो उसने लंड को ऐसा चूसा कि लंड एकदम से दो मिनट में ही खड़ा हो गया उसने बहुत मस्त चूसा था। उसकी इस मस्त स्टाईल से मुझे पहली बार बहुत मज़ा आया और अब दोबारा से मेरा खड़ा हुआ था और उसने बहुत देर तक चूसा.. लेकिन इस बार झड़ा नहीं। तो मैंने उससे कहा कि तेरे बूब्स के बीच में दबाकर प्लीज़ मेरे लंड की मालिश कर दे। तो उसने वैसा ही किया और मैंने बहुत धक्के मारे और उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.. वो बोली कि भैया अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा.. प्लीज़ इसको मेरी प्यासी चूत में डालो ना। तो मैंने कहा कि मुझसे भी कंट्रोल कहाँ हो रहा है? फिर मैंने बोला कि क्या तू वर्जिन है? और खून तो नहीं निकलेगा ना? तो वो बोली कि भैया मेरी सील तो पहले ही टूट गयी थी.. मेरा एक बार साईकल पर एक्सिडेंट हो गया था और बहुत खून निकल गया.. लेकिन आज नहीं निकलेगा। मैंने फिर से उसकी गीली चूत को चूसा और उसको बोला कि तू ऊपर आकर इसको अपनी चूत में डाल ले। वो मान गयी और जल्दी से मेरे ऊपर आ गयी.. लेकिन पहली बार उसकी टाईट चूत में लंड को डालने में मुझे थोड़ी प्रोब्लम हुई और उसको दर्द भी हुआ।
फिर मैंने नीचे से एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड को डाल दिया और उसके मुहं में उंगली डाल दी ताकि वो चीखे चिल्लाए नहीं.. उसकी चूत अंदर से बहुत गरम थी। एक बार लंड के पूरा अंदर घुसने के बाद वो मेरी छाती पर लेट गयी और मेरी छाती के बालों पर किस करने लगी और धीरे धीरे हम धक्के मारने लगे और वो भी बहुत तेज़ तेज़ धक्के देने लगी और अब उसको दर्द नहीं हो रहा था.. लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था और में उसके बूब्स दबा रहा था.. कभी धक्के रोककर उसके बूब्स चूस भी रहा था, कभी उसकी पीठ पर हाथ से मालिश कर रहा था। उस पल को में बहुत अच्छे से पूरा इन्जॉय कर रहा था और वो भी कर रही थी। फिर उसने बोला कि भैया अब पोज़िशन चेंज करते है आप ऊपर से आओ.. तो मैंने उसकी बात मान ली और उसके ऊपर आकर धक्के मारने लगा और हम दोनों बहुत मज़े कर रहे थे.. लेकिन पसीने से गीले हो गए थे और उसके पसीने की स्मेल भी अच्छी लग रही थी।
तभी थोड़ी देर में मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी और हम दोनों एक साथ में झड़ गए.. उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून से निशान बना दिए.. मुझे दर्द तो हुआ.. लेकिन बहुत अच्छा भी लगा और फिर मैंने भी बहुत ज़ोर से उसके बूब्स पर काट लिया। उसकी चीख निकल गयी.. लेकिन उसको भी मज़ा आया। मैंने फिर से लंड को चुसवाकर खड़ा किया और उसको डॉगी स्टाईल में चोदा और फिर 69 पोज़िशन में बहुत देर तक उसने मेरा लंड और मैंने उसकी चूत चाटी.. बहुत मज़ा आया। अब तक हम दोनों बहुत थक गये थे.. लेकिन सेक्स की इच्छा हो रही थी और फिर भी सेक्स किए जा रहे थे और झड़े जा रहे थे.. क्योंकि आज के बाद पता नहीं कब ऐसा मौका मिले और आज ही सारी पोज़िशन ट्राई करनी थी.. उसकी गांड भी बहुत अच्छी थी।
फिर मैंने कहा कि क्यों अब गांड में डाले? तो वो मान गयी और बहुत ट्राई किया.. लेकिन में लंड को उसकी गांड में नहीं डाल सका.. वो बहुत टाईट थी। फिर मैंने तेल से बहुत मालिश की उंगलियां डालकर उसका छेद को ढीला किया और फिर उसने मेरे लंड पर तेल से मालिश की और फिर ट्राई किया तो में उसकी गांड में लंड को घुसा पाया और गांड में लंड को घुसाने का अलग ही मज़ा है। हमे सेक्स करते हुए लगातार 4 घंटे हो गये थे.. लेकिन मेरा लंड अभी भी फिर से खड़ा था और उसके जिस्म की आग भी कम नहीं हुई थी।
फिर हम साथ में नहाने गये और नहाते हुए भी मस्त सेक्स किया। उसकी गांड में साबुन लगाकर भी गांड मारी.. उसने मेरा लंड मस्ती से बहुत चूसा, कुर्सी पर, बेड पर, सोफे पर, बाथरूम में, जमीन पर, किचन में हर जगह सेक्स किया.. 11 अगस्त तो सेक्स दिन घोषित कर देना चाहिए और पता नहीं अगला मौका कब मिलता? और हमने घर पर कोई नहीं होने का बहुत फायदा उठाया। में कभी कभी तो लंड उसकी चूत में घुसाकर ही सो जाता हूँ और एकदम नंगे सोते है और रात को ही हमे मौका मिलता है और बहुत जोरदार सेक्स करते है ।।


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