Wednesday, August 26, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..28

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..28



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अब आगे
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अगर सुबह -2 नाश्ते में ,कुँवारी साली की चूत चूसने को मिल जाए तो जिंदगी का अपना ही मज़ा है...शायद ही कोई ऐसे मौके को हाथ से जाने देगा...और हमारे अजय जैसा ठरकी तो बिल्कुल भी नही...

अजय के हाथ हरकत में आए और साँप की तरह रेंगते हुए उसकी स्कर्ट के अंदर घुस गये...उपर ब्रा नही थी और अब नीचे पेंटी भी नदारद थी...आख़िर क्या सोचकर आई थी पूजा आज उसके रूम में ...अजय तो यही सोचता हुआ अपनी उंगलियों से उसकी चूत को रगड़ने लगा..जिस तरह से नहाने के बाद उसके बाल गीले थे,ठीक उसी तरह ताज़ा नहाकर आई पूजा की जांघों में अभी तक पानी की नमीं थी...शायद चूत में भी थी पर वो नमीं उसकी चूत से निकल रहे रस के साथ मिलकर कहीं खो चुकी थी..और अब उसकी टाँगो के बीच एक ज्वालामुखी सा उबल रहा था, जिसपर अपना हाथ रखकर अजय अपनी उंगलियों की सिकाइं करने लगा.



उसकी आँखो में देखते हुए उसने धीरे से उसके कानों में कहा..: "बोलो अब....चुसू क्या इसे...''

उसने अपनी उंगलियों से उसकी चूत के होंठों को मसल दिया..और साथ ही मसला गया उसकी चूत का वो दाना,जो कब से अपना मुँह बाहर निकाल कर अपने आप को मसलवाने के लिए मरा जा रहा था.

पूजा की आँखो में गुलाबी डोरे तैर गये...उसने काँपते हुए होंठों से कहा : "अब लिख कर दूँ क्या....क्यो सता रहे हो जीजू....जिस दिन के लिए आप इतने दिनों से कोशिश कर रहे थे...वो आज आ गया है...कर लो...जो भी करना है ...''

उसकी ऐसी बात सुनकर अजय का लंड बुरी तरह से झटके खाने लगा....आज पूजा ने उसके सामने आत्मसमर्पण कर दिया था...वो आख़िर उसकी ठरक के रंग मे रंग ही गयी थी...और खुद ही आज उसने अपने आप को पूरी तरह से अपने जीजू को समर्पित कर दिया था...यही तो अजय चाहता था...की वो खुद उसके सामने ये सब बोले..

अब पूजा पूरी तरह से उसकी थी...वो उसे चोद भी सकता था...पर अभी के लिए वो अच्छी तरह से जानता था की जो टाइम उसके पास है, वो क्विक फक के लिए तो बहुत है, पर पहली चुदाई के लिए नही...पहली चुदाई हमेशा आराम से और मज़े लेकर की जाती है, जल्दबाज़ी में वो कोई मुसीबत मोल नही लेना चाहता था...जिस तरह से उसने आज तक फूँक-फूँककर कदम रखा है, आज भी वो उसी सोच के साथ आगे बड़ना चाहता था.

उसे ये भी पता था की पूजा आसानी से तो उसका मोटा लंड नही ले पाएगी अपनी नन्ही सी कुँवारी चूत में , इसके लिए उसे काफ़ी समय और एकांत की आवशयक्ता थी, कम से कम 2-3 घंटे...और उसकी बीबी और सास अगले 1 घंटे में वापिस आ सकते थे, क्योंकि वो क्लिनिक ज़्यादा दूर नही था.

इसलिए उसने अभी के लिए सिर्फ़ चूसम चुसाई तक ही रहना उचित समझा.


 उसने पूजा की स्कर्ट को उतार फेंका..और उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया.



पूजा अब शर्माती हुई सी उसके बेड पर नंगी बैठी थी

अजय ने उसे धीरे-2 चूमते हुए अपने गहनों पर लिटा दिया और वैसे ही चूमते हुए वो उसके गालों और मुम्मों को बुरी तरह से चूसने लगा , पूजा भी अब अपनी बाहें पूरी तरह से फैलाकर अपने जिस्म पर अपने जीजे के प्यार को महसूस कर रही थी, वो भी बिना किसी शर्म के



फिर वो चूमता हुआ नीचे तक गया और अपनी जीभ से उसने उसकी चूत को कुरेदा ...

पूजा तो मस्ती में दोहरी होकर चीख मारने लगी

'''आआआआआआआआहह जीजू...............सक्क मिि नाउ......अब चूसो.......यहाँ भी.......जैसे उपर चूस रहे थे......आआआआआआहह ....ऊऊऊऊऊहह जीजू.......''

और फिर उसने खुद ही अपने जीजू के सिर को पकड़कर पूरी ताक़त से अपनी टाँगो के बीच दबा लिया...और अपनी दोनो टाँगो को केँची की तरह उसकी गर्दन में फँसा दिया...ऐसा शक्ति प्रदर्शन तो आज तक अजय के साथ किसी ने नही किया था...वो अपनी पूरी ताक़त लगाकर अजय के सिर को अपनी चूत के अंदर दबा रही थी...

अजय भी उसकी रसमलाई जैसी चूत को मुँह में लेकर ऐसे चूसने लगा जैसे जिंदगी में पहली चूत को चूस रहा हो..

अजय का लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया था...


 उसने एंगल चेंज करते हुए अपने लंड को उसके मुँह की तरफ घुमाया और उसे अपने उपर लिटाकर 69 की पोज़िशन में कर लिया...



अब दोनो एक दूसरे के अंगों को जोरों से चूसने मे लगे हुए थे.

ख़ासकर पूजा, वो तो अपनी नयी आइस्क्रीम को मज़े ले-लेकर चाट भी रही थी और उसका रस चूस भी रही थी...थूक और झाग उसके होंठों से बहकर चादर तक को गीला कर चुकी थी, पर वो बिना उसकी चिंता किए अपनी जवानी का मज़ा लूटने में लगी थी..या ये कहलो की चूसने में लगी थी

और नीचे की तरफ अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया हो...पूजा की चूत की खुश्बू उसे पागल सा कर रही थी...वो अपनी जीभ से उसे चोदने में लगा हुआ था...अंदर का सारा रस निकालकर वो उसे पी भी रहा था क्योंकि उसका स्वाद था ही ऐसा...और वैसे भी कुँवारी चूत के रस का स्वाद अलग ही होता है..

पूजा अभी तक ये नही समझ पा रही थी की उसके कहने के बावजूद अजय उसकी चूत में अपना लंड क्यो नही डाल रहा है...पर अजय के मन में क्या चल रहा है ये भला वो कैसे जानती...पर अभी तो उसे अपनी चूत चुसवाने में भी बहुत मज़ा मिल रहा था...

सुबह का समय था,इसलिए अजय के लंड ने पहले जवाब दे दिया...

जैसे ही वो झड़ने को हुआ, वो उठ खड़ा हुआ और उसने पूजा को अपने सामने बिठा कर उसके मुंह में अपना लंड दे दिया, वो अपना रस उसके मुंह में जाते हुए देखना चाहता था

और जल्द ही उसके सेक्सी चेहरे को देखते हुए वो भरभराकर अपना माल पूजा के मुँह में छोड़ता हुआ झड़ने लगा...


 पूजा के लिए तो ये किसी झटके से कम नही था...क्योंकि वो तो चुदाई का सपना देख रही थी...पर अजय के ऐसे झड़ जाने से वो समझ गयी की अभी के लिए तो शायद उसकी चुदाई नही हो पाएगी...

पर अजय के वीर्या का स्वाद उसे बहुत पसंद आया, वो किसी नमकीन दलिये जैसा स्वाद था...और दलिया तो वैसे ही उसे पसंद था, इसलिए अपनी पसंद का स्वाद महसूस होते ही वो गटागट उसे पी गयी..


 अजय ने भी अपने लंड की आखिरी बूँद तक उसके चेहरे और होंठों के ऊपर फैला-फैलाकर पूरी तरह से उसे अपने रंग में रंग लिया



झड़ने के बाद अजय थोड़ा सुस्त सा हो गया...पर पूजा फिर भी अपनी लाल चूत पर अपनी उँगलियाँ रगड़ती रही, अजय समझ गया की उसके अंदर का गुबार तो अभी निकलना बाकी था..

और ये शायद पहला मौका था जब अजय बिना अपने पार्ट्नर को झाड़े खुद झड़ चुका था...कुँवारी लड़कियों की ताल से ताल मिलाकर चलना आसान काम नही होता..

पर वो सब बातें किनारे करते हुए उसने जल्दी से पूजा को अपनी तरफ घुमाया और उसे सीधा अपने चेहरे के उपर बैठने के लिए कहा..ऐसा करने से वो अपने हाथ उपर करके उसके उरोजों से भी खेल सकता था...और झड़ते हुए वो उसके सेक्सी चेहरे के एक्शप्रेशन भी देख सकता था..

पूजा को भला क्या आपत्ति हो सकती थी...वो तो ऐसे नये-2 आसान सीखने के लिए अब कुछ भी करने को तैयार थी..अपनी चौड़ी गांद को मटकाते हुए वो जैसे ही नीचे की तरफ झुकी, अजय ने अपनी पेनी जीभ से उसकी चूत के चीरे को चीर दिया..

''आआआआआआआआआआआआाअगगगगगगगगगघह......उम्म्म्मममममममममम..... जीजू................... वाउ...........''

उसे भी शायद ये आसान पसंद आ रहा था...उसने अपने जीजू के बालों को किसी लगाम की तरह पकड़ा और अपनी चूत का घोड़ा दौड़ा दिया अजय के चेहरे पर...उसकी लपलपाति जीभ के हाइवे पर...



अजय तो बस अपनी खुरदूरी जीभ को बाहर निकाले नीचे पड़ा रहा, और पूजा अपनी चूत को उसपर आगे - पीछे रगड़ती हुई असली की घुड़सवारी कर रही थी...अपनी आँखे बंद किए वो अजय के होंठ...दाँत और जीभ को महसूस करती हुई झड़ने के करीब पहुँच गयी...और जब वो झड़ी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके अंदर से उसकी आत्मा निकल कर बाहर जा रही है उसके रस के रूप में ..


 ''आआआआआआआआआआहह जीजू............... उफफफफफफफफफफ्फ़ वॉट अ फीलिंग ........ इट्स वंडरफुल जीजू........... यू आर वंडरफुल....... उम्म्म्मममममममममम........ आई एम कमिंग.... जीजू ....आई एम कमिंग ....

 अजय का मुँह तो पहले से ही खुला हुआ था...इसलिए जो भी उसकी चूत में से बरसा,वो सब अपने आप ही सही जगह पर पहुँच गया...यानी अजय के मुँह से होता हुआ उसके पेट में ...

अब आया था अजय को साली की चूत के नाश्ते का असली स्वाद..

और फिर कुछ देर तक अपने सीने को सामने की तरफ ताने हुए वो मुरझाई हुई कली की तरह अजय की बगल में गिर गयी...उसके अंदर की सारी एनर्जी ख़त्म हो चुकी थी...ऐसे में अगर उसकी माँ और प्राची भी कमरे में आ जाते तो उसमे भागने की भी हिम्मत नही थी..

पर अभी उनके लौटने में 20 मिनट का समय था...इसलिए अजय निश्चिंत होकर लेटा रहा...और उसने बड़े ही प्यार से अपनी प्यारी साली को अपनी बाहों में लेकर अपने सीने पर उसका सिर रखकर उसे अपने से चिपका लिया...

पूजा : "जीजू.....आज जो भी हुआ है हमारे बीच, इसकी वजह से आपके और दीदी के रीलेशन में तो कोई प्राब्लम नही आएगी ना...''

अजय (मुस्कुराते हुए) : "नही मेरी जान....कोई प्राब्लम नही आएगी...वो अपनी जगह है मेरी लाइफ में ,और मैं उससे हमेशा ऐसे ही प्यार करता रहूँगा...''

पूजा (शरारत भरे स्वर मे) : "और मेरे साथ...?''

अजय : "तेरे साथ भी मेरी जान....तू नही जानती,तेरे जीजू का दिल और लंड दोनो बहुत बड़े है...सबको मेरा प्यार मिलेगा... हा हा हा....''

उसकी बात पर पूजा भी मुस्कुरा दी...वो अजय से चुदाई की बात भी पूछना चाहती थी, पर उसकी हिम्मत नही हो रही थी, अजय समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है, इसलिए उसने खुद ही बोल दिया

"देखो पूजा, हमारा ये रीलेशन हमे बहुत संभालकर आगे बढ़ाना होगा, इसलिए आज मैने ज़्यादा कुछ नही किया, उसके लिए हमे प्रॉपर तैयारी करके ही मिलना होगा, और वो टाइम जल्द ही आएगा, क्योंकि मुझे भी तुम्हे पूरी तरह से फील करना है...''

इतना कहते-2 उसने उसकी चूत को अपने हाथ से छू लिया...और वो कसमसाती हुई सी अजय से और बुरी तरह से लिपट गयी..

अजय : "तुम्हे बस मेरे हिसाब से चलना होगा...और जो भी मैं कहूँ या करू, बिना किसी सवाल जवाब के उसे मानना होगा...समझी...''

जवाब मे पूजा ने हाँ में सिर हिला दिया...क्योंकि वो जानती थी की उसके जीजू जो भी करेंगे,उसमे उसे मज़ा मिलने की पूरी गारंटी है..



 अजय ने टाइम देखा और पूजा को जल्दी से कपड़े पहनने के लिए बोल दिया...और खुद टावल लेकर बाथरूम में चल दिया...

पूजा ने कपड़े पहने और कमरे की हालत ठीक करी...स्प्रे डालकर उसने सेक्स की खुश्बू को दबा दिया...और फिर वो किचन में जाकर नाश्ता बनाने लगी अपने प्यारे जीजू के लिए..

और जब तक अजय बाहर निकला, नाश्ता बन चुका था..पूजा ने बड़े ही प्यार से उसे अपने सामने बिठा कर नाश्ता करवाया...और खुद भी किया..

जैसे ही नाश्ता निपटा, बाहर की बेल बजी,अजय ने दरवाजा खोला तो सामने उसकी सास खड़ी थी..पर वो अकेली थी..प्राची उनके साथ नही थी.

अजय घबरा गया, पूछने पर उन्होने बताया की सब ठीक है, पर डॉक्टर ने उसे एक हफ्ते का बेड रेस्ट बताया है...और ज़्यादा सीडिया चड़ने के लिए भी मना किया है, इसलिए वो प्राची को अपने घर छोड़कर आई है, क्योंकि अजय का घर तो 3र्ड फ्लोर पर था, और इतनी सीडिया चड़ने के लिए डॉक्टर ने मना किया है...प्राची का मायका तो ग्राउंड फ्लोर पर था...भले ही उन्होने उपर दूसरा फ्लोर बना रखा था, पर उनके सारे बेडरूम नीचे ही थे..इसलिए सासू माँ ने एक हफ्ते के लिए प्राची को वहीँ रुकने के लिए बोल दिया..

अजय को भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...बल्कि उसके लिए तो अच्छा ही था...

अब वो अकेला था अपने घर में ..एक हफ्ते के लिए...और इस एक हफ्ते में वो क्या-2 कर सकता था वहां पर ये तो आने वाले दिन ही बता सकते थे...और उन्हें सोचकर अभी के लिए तो अजय मंद-2 मुस्कुरा रहा था...

और उसकी आँखो में देखती हुई उसकी सास भी अपनी खुशी दबाने में असमर्थ थी...वो भी धीरे-२ मुस्कुरा रही थी, और दूसरी तरफ वो सब सुनकर पूजा भी खुली आँखो से कुछ सपने देखने लगी थी..

अब शिकार भी तैयार थे और शिकारी भी...

बस देखना ये था की किसका शिकार पहले और कैसे करेगा अजय.



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