FUN-MAZA-MASTI
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सचिन है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ.. वैसे यह बात तीन साल पुरानी है.. जब में अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और में दूसरे साल में था। उस समय मेरी उम्र 19 साल थी और में कभी कभी मुठ भी मारा करता था। फिर धीरे धीरे मेरी नजर मेरी भाभी की तरफ पड़ने लगी.. वैसे वो एक बहुत सेक्सी औरत है और उनके बड़े-बड़े बूब्स हैं.. जिनका साईज़ 38 गांड और कमर 32 है और उनका नाम हेतल है और में हमेशा उन्हे चोदना चाहता था.. क्योंकि वो है ही इतनी सेक्सी कि किसी का भी लंड उनको एक बार देखकर खड़ा हो जाए.. उनके बड़े बड़े बूब्स, मटकती हुई गांड, पतली कमर, गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी और आकर्षित करता था तो जब भी मौका मिलता में बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारा करता था। वो बहुत ही सेक्सी लगती है और मुझे उनके शरीर में सबसे मस्त उनकी गांड लगती है। मेरा तो हमेशा मन करता है कि उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनकी गांड फाड़ दूँ। में हर कभी जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता.. उनके बूब्स तो कभी उनकी गांड को धीरे से छू लेता लेकिन वो मुझे कुछ नहीं कहती और बस वो अपने घर के कामों में लगी रहती थी और में उनके खूबसूरत जिस्म के दर्शन किया करता।
दोस्तों एक रात को में जल्दी ही भाभी के नाम की मुठ मार कर सो गया.. में अचानक से उठा और बाहर बाथरूम में जाने के लिए अपने कमरे से बाहर निकला.. मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो वहाँ पर पहले से ही लाईट जल रही थी। फिर मैंने भाभी के कपड़े पहचान लिए और एक क़दम पीछे हट गया और उनका इंतज़ार करने लगा दोस्तों उस समय बहुत गरमी थी तो भाभी रात को नहाकर सोती थी और वो उस रात भी वही कर रही थी। तभी थोड़ी देर के बाद मुझे भाभी की चूड़ियों की आवाजे सुनाई दी और में समझ गया कि वो अब कपड़े पहन रही है और जब उसने कपड़े पहन लिए और बाहर आई तो में उसे देखता ही रह गया.. वो पेटीकोट, ब्लाउज में एकदम सेक्सी लग रही थी और उसके बड़े बड़े बूब्स मुझे छूने को मजबूर कर रहे थे तो में थोड़ा डरते हुए उनके नज़दीक गया और उनसे कहा कि मुझे एक बार अपने बूब्स को हाथ लगाने दो तो उन्होंने कहा कि नहीं.. में तुम्हारी भाभी हूँ और तुम मेरे साथ यह सब नहीं कर सकते हो। फिर मैंने उनसे बहुत ज़िद कि तो भाभी ने कहा कि में शौर मचा दूंगी। में बहुत डर गया और चुपचाप बाथरूम में जाकर फिर से मुठ मारने लगा और कुछ देर बाद में अपने कमरे में पहुंचा और सोने लगा लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी और में पूरी रात उनके बारे में ही सोचता रहा और किसी अच्छे मौके की तलाश में था तो एक दिन भाभी मेरे कमरे में आई और मैंने सही मौका समझते हुए उनको 500 रुपये दिए और उन्होंने मुझसे वो पैसे ले लिए और चुपचाप अपने कमरे में चली गयी और फिर उसी दिन में भी थोड़ी हिम्मत करके उनके कमरे में गया और उनकी अलमारी में से उनकी ब्रा निकालकर उनके ही सामने उसे चूमने लगा।
तो भाभी ने मुझसे कहा कि तुम यह क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा तो मैंने कहा कि में मजबूर हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो तो भाभी ने कहा कि यह सब अच्छी बात नहीं है। फिर मैंने भाभी को कहा कि दुनिया में हम अकेले नहीं हैं.. सभी लोग यह सब करते है। दोस्तो में भाभी के ऊपर गिर गया.. भाभी ने कहा कि चलो उठो ठीक है लेकिन इस बात का पता किसी को नहीं चलना चाहिए तो मैंने कहा कि में कभी भी किसी को कुछ नहीं बताऊंगा और यह बात तुम्हारे और हमारे बीच में ही रहेगी.. तुम चिंता मत करो और मैंने भाभी के बूब्स को धीरे से हाथ लगाया और दबाने लगा। मेरे ऐसा करने से उनको बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुझे बस देखती रही। फिर कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि कल 12 बजे में जब बाथरूम में नहाने जाउंगी.. तब तुम टॉयलेट में आ जाना और में तुम्हारे लिए बाथरूम का दरवाज़ा खुला रखूंगी। फिर मैंने कुछ देर और उनके जिस्म के मज़े लिए और उठकर अपने कमरे में आकर उनके नाम की मुठ मारकर सो गया।
फिर दूसरे दिन ठीक 12 बजे भाभी बाथरूम में घुस गयी और में थोड़ी देर बाद टॉयलेट में चला गया। मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी.. मैंने टॉयलेट का दरवाज़ा बंद किया और बाथरूम में घुस गया। वहाँ पर मेरी भाभी मेरा इंतज़ार कर रही थी.. उसने दरवाज़ा पीछे से बंद कर दिया तो मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और अपना आधा लंड उसकी गांड से छू लिया.. भाभी ने एक सिसकी ली और मुझसे कहा कि मेरे बूब्स को चूसो और मैंने भाभी के दोनों बूब्स को पकड़ लिया और थोड़ी देर के बाद भाभी सीधी हो गयी और मुझसे कहा कि अपना लंड तो दिखा तो मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और भाभी को अपना मोटा, लम्बा लंड दिखाया और फिर भाभी ने उसको धीरे से चूमा और मुझसे कहा कि क्या में इसको चूस सकती हूँ तो मैंने कहा कि जैसी तुम्हारी मर्ज़ी जानू और भाभी ने मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने भाभी के मुहं में से लंड को बाहर निकालकर उसके बूब्स पर सारा वीर्य गिरा दिया।
फिर भाभी ने सारा वीर्य चाट लिया और उसे पी गई। फिर में नीचे बैठकर भाभी कि चूत को चाटने लगा और में बहुत ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत चाट रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी उहह अह्ह्ह। फिर में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा और वो एकदम मस्त हो गई और कुछ देर के बाद भाभी ने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो में और ज़ोर ज़ोर से चूत को चाटने, चूसने लगा और फिर कुछ देर बाद उनका पानी निकल गया और मैने पूरा पानी पी लिया तो भाभी ने कहा कि मुझे ऐसा मज़ा तुम्हारे भैया ने आज तक कभी नहीं दिया है। फिर भाभी मेरा लंड दोबारा चूसने लगी और थोड़ी देर के बाद फिर से मेरा लंड गरम हो गया तो भाभी ने कहा कि इसको जल्दी से मेरी चूत में डाल दो तो मैंने कहा कि नहीं भाभी यह बहुत गलत है.. इस चूत पर मेरे भाई का हक़ है तो भाभी ने कहा कि फिर क्या करोगे।
फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी गांड मार सकता हूँ। भाभी ने कहा कि नहीं.. मुझे बहुत दर्द होगा तो मैंने कहा कि नहीं भाभी में पहले उस पर बहुत सारा तेल लगा देता हूँ.. जिससे लंड को अंदर जाने में आसानी होगी और उससे दर्द भी बहुत कम होगा.. लंड फिसलकर एकदम अपनी जगह पर सेट हो जाएगा। फिर भाभी मेरे कहने पर मान गयी और मैंने उसकी गांड पर बहुत सारा तेल लगा दिया और फिर अपने लंड पर भी तेल लगा लिया और भाभी को घोड़ी बनाया और फिर अपने लंड को उसकी गांड के क़रीब ले गया और भाभी ने गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था तो मैंने अपने लंड को धीरे से भाभी की गांड पर रख दिया और एक जोरदार धक्का देकर लंड को गांड में पूरा का पूरा उतार दिया और उसके बूब्स को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से लंड को उसकी गांड में झटके मारने लगा तो भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी और बोली कि धीरे धीरे कर मेरी गांड फट जाएगी लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में और जोश में आकर और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो उह्ह्ह्ह आहाहह उहह माँ ऊऊईमाँ करने लगी और कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि हाँ और ज़ोर से फाड़ डाल मेरी गांड को उफफफफफ्फ़.. तूने तो मुझे मार ही डाला और अंदर कर हाँ और बूब्स को दबाओ तो में थोड़ी देर तक भाभी को इसी अंदाज़ में चोदता रहा। फिर में जब झड़ने लगा तो मैंने लंड को उसकी गांड में से बाहर निकालकर उसके मुहं में दे दिया और भाभी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया और इसके बाद मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी और उसको भी झड़ने का मौका दिया और उसके बाद मैंने उसको किस किया और दरवाज़ा खोलकर वापस टॉयलेट में चला गया।
दोस्तों इसके बाद तो मेरी क़िस्मत का दरवाज़ा खुल गया और अब में भाभी को जब भी जी करे चोदता हूँ और उनकी चुदाई के मज़े लेता हूँ.. मैंने बहुत बार उनकी चुदाई की और अपना लंड उनके मुहं में डालकर उनके मुहं को भी चोदा ।।
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सचिन है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ.. वैसे यह बात तीन साल पुरानी है.. जब में अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और में दूसरे साल में था। उस समय मेरी उम्र 19 साल थी और में कभी कभी मुठ भी मारा करता था। फिर धीरे धीरे मेरी नजर मेरी भाभी की तरफ पड़ने लगी.. वैसे वो एक बहुत सेक्सी औरत है और उनके बड़े-बड़े बूब्स हैं.. जिनका साईज़ 38 गांड और कमर 32 है और उनका नाम हेतल है और में हमेशा उन्हे चोदना चाहता था.. क्योंकि वो है ही इतनी सेक्सी कि किसी का भी लंड उनको एक बार देखकर खड़ा हो जाए.. उनके बड़े बड़े बूब्स, मटकती हुई गांड, पतली कमर, गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी और आकर्षित करता था तो जब भी मौका मिलता में बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारा करता था। वो बहुत ही सेक्सी लगती है और मुझे उनके शरीर में सबसे मस्त उनकी गांड लगती है। मेरा तो हमेशा मन करता है कि उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनकी गांड फाड़ दूँ। में हर कभी जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता.. उनके बूब्स तो कभी उनकी गांड को धीरे से छू लेता लेकिन वो मुझे कुछ नहीं कहती और बस वो अपने घर के कामों में लगी रहती थी और में उनके खूबसूरत जिस्म के दर्शन किया करता।
दोस्तों एक रात को में जल्दी ही भाभी के नाम की मुठ मार कर सो गया.. में अचानक से उठा और बाहर बाथरूम में जाने के लिए अपने कमरे से बाहर निकला.. मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो वहाँ पर पहले से ही लाईट जल रही थी। फिर मैंने भाभी के कपड़े पहचान लिए और एक क़दम पीछे हट गया और उनका इंतज़ार करने लगा दोस्तों उस समय बहुत गरमी थी तो भाभी रात को नहाकर सोती थी और वो उस रात भी वही कर रही थी। तभी थोड़ी देर के बाद मुझे भाभी की चूड़ियों की आवाजे सुनाई दी और में समझ गया कि वो अब कपड़े पहन रही है और जब उसने कपड़े पहन लिए और बाहर आई तो में उसे देखता ही रह गया.. वो पेटीकोट, ब्लाउज में एकदम सेक्सी लग रही थी और उसके बड़े बड़े बूब्स मुझे छूने को मजबूर कर रहे थे तो में थोड़ा डरते हुए उनके नज़दीक गया और उनसे कहा कि मुझे एक बार अपने बूब्स को हाथ लगाने दो तो उन्होंने कहा कि नहीं.. में तुम्हारी भाभी हूँ और तुम मेरे साथ यह सब नहीं कर सकते हो। फिर मैंने उनसे बहुत ज़िद कि तो भाभी ने कहा कि में शौर मचा दूंगी। में बहुत डर गया और चुपचाप बाथरूम में जाकर फिर से मुठ मारने लगा और कुछ देर बाद में अपने कमरे में पहुंचा और सोने लगा लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी और में पूरी रात उनके बारे में ही सोचता रहा और किसी अच्छे मौके की तलाश में था तो एक दिन भाभी मेरे कमरे में आई और मैंने सही मौका समझते हुए उनको 500 रुपये दिए और उन्होंने मुझसे वो पैसे ले लिए और चुपचाप अपने कमरे में चली गयी और फिर उसी दिन में भी थोड़ी हिम्मत करके उनके कमरे में गया और उनकी अलमारी में से उनकी ब्रा निकालकर उनके ही सामने उसे चूमने लगा।
तो भाभी ने मुझसे कहा कि तुम यह क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा तो मैंने कहा कि में मजबूर हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो तो भाभी ने कहा कि यह सब अच्छी बात नहीं है। फिर मैंने भाभी को कहा कि दुनिया में हम अकेले नहीं हैं.. सभी लोग यह सब करते है। दोस्तो में भाभी के ऊपर गिर गया.. भाभी ने कहा कि चलो उठो ठीक है लेकिन इस बात का पता किसी को नहीं चलना चाहिए तो मैंने कहा कि में कभी भी किसी को कुछ नहीं बताऊंगा और यह बात तुम्हारे और हमारे बीच में ही रहेगी.. तुम चिंता मत करो और मैंने भाभी के बूब्स को धीरे से हाथ लगाया और दबाने लगा। मेरे ऐसा करने से उनको बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुझे बस देखती रही। फिर कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि कल 12 बजे में जब बाथरूम में नहाने जाउंगी.. तब तुम टॉयलेट में आ जाना और में तुम्हारे लिए बाथरूम का दरवाज़ा खुला रखूंगी। फिर मैंने कुछ देर और उनके जिस्म के मज़े लिए और उठकर अपने कमरे में आकर उनके नाम की मुठ मारकर सो गया।
फिर दूसरे दिन ठीक 12 बजे भाभी बाथरूम में घुस गयी और में थोड़ी देर बाद टॉयलेट में चला गया। मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी.. मैंने टॉयलेट का दरवाज़ा बंद किया और बाथरूम में घुस गया। वहाँ पर मेरी भाभी मेरा इंतज़ार कर रही थी.. उसने दरवाज़ा पीछे से बंद कर दिया तो मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और अपना आधा लंड उसकी गांड से छू लिया.. भाभी ने एक सिसकी ली और मुझसे कहा कि मेरे बूब्स को चूसो और मैंने भाभी के दोनों बूब्स को पकड़ लिया और थोड़ी देर के बाद भाभी सीधी हो गयी और मुझसे कहा कि अपना लंड तो दिखा तो मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और भाभी को अपना मोटा, लम्बा लंड दिखाया और फिर भाभी ने उसको धीरे से चूमा और मुझसे कहा कि क्या में इसको चूस सकती हूँ तो मैंने कहा कि जैसी तुम्हारी मर्ज़ी जानू और भाभी ने मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने भाभी के मुहं में से लंड को बाहर निकालकर उसके बूब्स पर सारा वीर्य गिरा दिया।
फिर भाभी ने सारा वीर्य चाट लिया और उसे पी गई। फिर में नीचे बैठकर भाभी कि चूत को चाटने लगा और में बहुत ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत चाट रहा था और वो सिसकियाँ ले रही थी उहह अह्ह्ह। फिर में अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा और वो एकदम मस्त हो गई और कुछ देर के बाद भाभी ने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो में और ज़ोर ज़ोर से चूत को चाटने, चूसने लगा और फिर कुछ देर बाद उनका पानी निकल गया और मैने पूरा पानी पी लिया तो भाभी ने कहा कि मुझे ऐसा मज़ा तुम्हारे भैया ने आज तक कभी नहीं दिया है। फिर भाभी मेरा लंड दोबारा चूसने लगी और थोड़ी देर के बाद फिर से मेरा लंड गरम हो गया तो भाभी ने कहा कि इसको जल्दी से मेरी चूत में डाल दो तो मैंने कहा कि नहीं भाभी यह बहुत गलत है.. इस चूत पर मेरे भाई का हक़ है तो भाभी ने कहा कि फिर क्या करोगे।
फिर मैंने कहा कि में तुम्हारी गांड मार सकता हूँ। भाभी ने कहा कि नहीं.. मुझे बहुत दर्द होगा तो मैंने कहा कि नहीं भाभी में पहले उस पर बहुत सारा तेल लगा देता हूँ.. जिससे लंड को अंदर जाने में आसानी होगी और उससे दर्द भी बहुत कम होगा.. लंड फिसलकर एकदम अपनी जगह पर सेट हो जाएगा। फिर भाभी मेरे कहने पर मान गयी और मैंने उसकी गांड पर बहुत सारा तेल लगा दिया और फिर अपने लंड पर भी तेल लगा लिया और भाभी को घोड़ी बनाया और फिर अपने लंड को उसकी गांड के क़रीब ले गया और भाभी ने गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था तो मैंने अपने लंड को धीरे से भाभी की गांड पर रख दिया और एक जोरदार धक्का देकर लंड को गांड में पूरा का पूरा उतार दिया और उसके बूब्स को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से लंड को उसकी गांड में झटके मारने लगा तो भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी और बोली कि धीरे धीरे कर मेरी गांड फट जाएगी लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में और जोश में आकर और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो उह्ह्ह्ह आहाहह उहह माँ ऊऊईमाँ करने लगी और कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि हाँ और ज़ोर से फाड़ डाल मेरी गांड को उफफफफफ्फ़.. तूने तो मुझे मार ही डाला और अंदर कर हाँ और बूब्स को दबाओ तो में थोड़ी देर तक भाभी को इसी अंदाज़ में चोदता रहा। फिर में जब झड़ने लगा तो मैंने लंड को उसकी गांड में से बाहर निकालकर उसके मुहं में दे दिया और भाभी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया और इसके बाद मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी और उसको भी झड़ने का मौका दिया और उसके बाद मैंने उसको किस किया और दरवाज़ा खोलकर वापस टॉयलेट में चला गया।
दोस्तों इसके बाद तो मेरी क़िस्मत का दरवाज़ा खुल गया और अब में भाभी को जब भी जी करे चोदता हूँ और उनकी चुदाई के मज़े लेता हूँ.. मैंने बहुत बार उनकी चुदाई की और अपना लंड उनके मुहं में डालकर उनके मुहं को भी चोदा ।।
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