FUN-MAZA-MASTI
नए पड़ोसी पार्ट--2
गतान्क से आगे.........
बबिता सोफे पे झुक कर घोड़ी बन गयी, और थोड़ा नीचे झुकते हुए उसने अपने गोरे चुतताड उपर उठा दिए. उसकी गुलाबी और गीली चूत और उठ गयी थी. मैने अपने हाथ से उसके चुतताड सहलाने लगा. फिर मेने अपना लंड उसके चूत पर रख घिसने लगा. मेने गर्दन घुमा कर देखा कि प्रशांत और प्रीति मेरे बगल मैने खड़े एक दूसरे की नंगे बदन को सहला रहे थे, मगर उनकी आँखें मेरे लंड पे टिकी हुई थी. मेने अपने लंड को धीरे से बबिता की चूत मैने घुसा दिया.
बबिता की चूत काफ़ी गीली थी और एक बार वो झाड़ भी चुकी थी फिर भी मुझे बहोत ज़ोर लगाना पड़ रहा था उसकी चूत में लंड घुसाने में. इतनी किसी चूत थी उसकी. मेने एक ज़ोर का धक्का मार अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक डाल दिया और उसे चोदने लगा.
मेने देखा की प्रशांत और प्रीति हमारे पास आगाये. प्रीति ने ठीक बबिता के बगल मे सोफे पर लेट अपनी टाँगे फैला दी. उसकी चूत का मुँह और खुल गया था. उसकी गुलाबी चूत इतनी प्यारी थी और जैसे कह रही हो कि आओ मुझे चोदो. प्रशांत उसकी टाँगो के बीच आ अपना खड़ा लंड उसकी चूत पे घिसने लगा.
में बबिता की चूत को पीछे से चोद रहा था इसलिए मुझे साफ और अच्छी तरह दिखाई दे रहा था कि प्रशांत किस तरह अपना लंड प्रीति की चूत पे रगड़ रहा था. बबिता ने अपना एक हाथ बढ़ा प्रशांत के लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे प्रीति की चूत के मुँह पे रख दबाने लगी.
क्या नज़ारा था, एक औरत दूसरे मर्द से चुदवा रही थी और अपने पति का लंड उस मर्द की बीवी की चूत पे रगड़ उसे चोदने को कह रही थी. में उत्तेजना के मारे बबिता के चुतताड पकड़ कस कस के धक्के लगा रहा था. बबिता ने प्रीति की चूत को अपने हाथों से और फैला दिया और प्रशांत के लंड को ठीक वही पे रख दिया. प्रशांत ने इशारा समझ एक ही धक्के में अपना लंड पूरा पेल दिया.
प्रशांत मेरी बीवी प्रीति को ज़ोर के धक्को के साथ चोद रहा था और में उसकी बीवी बबिता के चूत मे अपना लंड पेल रहा था. मेने अपने धक्को स्पीड बढ़ाई की बबिता पीछे की ओर घूम कर बोली, "राज थोड़ा धीरे धीरे चोदो और अपनी बीवी को देखो."
मेने देखा कि प्रीति की टांग मूड कर उसकी चुचियों पे थी और प्रशांत धीमे धक्को के साथ उसे चोद रहा था. उसका मोटा लंड वीर्य रस से लासा लाइट में चमक रहा था. इतने में बबिता ने अपनी एक उंगली प्रीति की चूत में डाल अंदर बाहर करने लगी. बबिता की उंगली और प्रशांत का लंड एक साथ प्रीति की चूत में आ जा रहे थे. प्रीति भी पूरी उत्तेजना में अपने चुतताड उछाल प्रशांत के धक्को का साथ दे रही थी.
इतनी ज़ोर दर चुदाई देख मेने भी अपने धक्को में तेज़ी ला दी. बबिता भी अपने चुतताड पीछे की ओर धकेल ताल ताल से मिला रही थी. मेने अपनी एक उंगली बबिता की चूत में डाल गीली की और फिर उसके गांद के छेद पे घुमा कर धीरे से अंदर डाल दी. बबिता सिसक पड़ी, "ओह राज कियेयीययाया कर रहे हो?" मेने उसकी बात पे ध्यान नही दिया और उसे ज़ोर से चोद्ते हुए अपनी उंगली उसकी गांद के अंदर बाहर करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. वहीं पर प्रशांत भी जम कर प्रीति की चुदाई कर रहा था. मेने बबिता के शरीर को अकड़ता पाया, उसने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ़्त में ले लिया.
में ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था, मेरा भी पानी छूटने वाला था. मेने दो चार धक्के मारे और मेरे लंड ने बबिता की चूत में बौछार कर दी, साथ ही बबिता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया.
में फिर भी धक्के मारे जा रहा था और अपनी बीवी प्रीति को देख रहा था, उसकी साँसे तेज थी और वो सिसक रही थी, "ओह आहह प्रशांत चोदो मुझे और जूऊओर से हााआअँ ऐसे ही छोड्ड्ड्ड्ड्ड्डो और ज़ोर सूऊऊ."
में समझ गया कि प्रीति का समय नज़दीक आ गया है, उसने ज़ोर से अपने चुतताड उपर उठा प्रशांत के लंड को अपने गिरफ़्त मे ले अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत का भी काम होने वाला था उसने अपना लंड प्रीति की चूत से बाहर निकाल हिलाने लगा और फिर प्रीति के पेट और छाती पर अपने वीर्य की बरसात कर दी.
प्रशांत अपना लंड फिर उसकी चूत में घुसा धक्के मारने लगा. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला तो वो प्रीति की चूत के पानी और खुद के सफेद वीर्य से लिथड़ा हुआ था. प्रशांतने थोड़ा साइड में हो अपना लंड प्रीति के मुँह में दे देता है. और बबिता अपने आप को अड्जस्ट कर अपना मुँह प्रीति की चूत पर रख उसे चाटने लगी.
मेरे लंड फिर तनाव आ गया था और में ज़ोर के धक्को के साथ बबिता को चोदे रहा था. बबिता मेरी बीवी की चूत को चूस रही थी और प्रीति प्रशांत के लंड को. महॉल में काम की आग दहेक रही और तीनो उत्तेजना से भरे पड़े थे.
दो चार कस्के धक्के मार मेने एक बार फिर अपना पानी बबिता की चूत में छोड़ दिया. प्रीति की चूत ने भी बबिता के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया वही प्रीति प्रशांत के लंड से छूटे पानी को पी रही थी.
हम चारों पसीने में लठ पथ थे और साँसे तेज हो गयी थी. ऐसी जमकर चुदाई शायद सभी ने पहली बार की थी. हम सब लेट कर सुसताने लगे. बबिता ने मुझे बाहों भर चूमते हुए कहा, "राज ऐसी चुदाई मेने आज पहली बार की है, तुम्हारे चोदने का अंदाज सही में निराला है." "बबिता ये तो मुझे प्रशांत ने सिखाया कि तुम्हे किस तरह की चुदाई पसंद है." मेने उसे चूमते हुए जवाब दिया.
रात के 12.00 बज चुके थे और दूसरे दिन काम पर भी जाना था. प्रशांत और बबिता खड़े हो अपने कपड़े पहनने लगे. कपड़े पहन दोनो ने हमसे विदा ली और अपने घर चले गये. में और प्रीति भी एक दूसरे को बाहों में ले सो गये.
अगले कुछ दीनो तक हमारी मुलाकात प्रशांत और बबिता से नही हो पाई. उस रात की चुदाई ने हमारी सेक्स लाइफ को एक नया मोड़ दिया था. अक्सर रात को बिस्तर में हम उस रात की चर्चा करते और जमकर चुदाई करते. हम दोनो की इच्छा थी कि प्रशांत और बबिता के साथ एक रात और गुज़ारी जाए.
तीसरे दिन शाम के 6.00 बजे प्रशांत हमारे घर आया. उसने बताया कि वो ऑफीस के काम इतना मशगूल था इसलिए हम लोगो से नही मिल पाया. बातचीत के दौरान मेने प्रशांत को बताया अगले वीकेंड पर में प्रीति गोआ घूमने जा रहे है. मेने प्रशांत से कहा, "प्रशांत तुम और बबिता क्यों नही साथ चलते हो?"
प्रशांत कुछ देर सोचते हुए बोला में तय्यार हूँ पर हम लोग आपस में एक शर्त लगाते है. जो शर्त हार जाएगा उसे घूमने का सारा खर्च उठाना पड़ेगा बोलो मंजूर है."
"पर शर्त क्या होगी?" मेने प्रशांत से पूछा.
"शर्त ये होगी कि अगले 10 दिन तक हम सफ़र तय्यारी करेंगे. इन 10 दीनो में हम चारों चुदाई गुलाम होंगे. हम दूसरे से कुछ भी करने को कह सकते हैं, जो पहले काम के लिए मना करेगा वो शर्त हार जाएगा." उसने कहा.
प्रीति ये बात सुनते ही उछल पड़ी "मुझे मंजूर है." जब प्रीति हां बोल चुकी थी तो में कौन होता था ना करने वाला बल्कि में तो तुरंत बबिता के ख़यालों में खो गया कि में उसके साथ क्या क्या कर सकता हूँ, और अगर उसने इनकार किया तो छुट्टियाँ फ्री में हो जायगी, पर मुझे क्या मालूम था कि आगे क्या होने वाला है.
"ठीक है प्रशांत हमे मंजूर है." मेने कहा.
"तो ठीक है हमारे शर्त कल सुबह से शुरू होगी." कहकर प्रशांत चला गया.
मुझमे और प्रशांत में शर्त लग चुकी थी. अब हम अपनी ख्वाशे आज़माने का इंतेज़ार करने लगे. दूसरे दिन प्रशांत शाम को हमारे घर आया और शर्त को शुरू कर दिया. उसने प्रीति को अपने पास बुलाया, "प्रीति तुम अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ."
प्रीति ने अपने पूरे कपड़े उतारे और नंगी हो गयी. प्रशांत ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा, "प्रीति पहले तुम अपनी झटें सॉफ करो, मुझे चूत पे बाल बिल्कुल भी पसंद नही है."
प्रीति वहाँ से उठ कर बाथरूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद प्रीति बाथरूम से बाहर निकल कर आई. मेने देखा की उसकी चूत एकदम चिकनी और साफ लग रही थी. बाल का नामो निशान नही था. प्रशांत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसे चूमते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी.
"वाह क्या चूत है तुम्हारी!" कहकर प्रशांत अपनी दूसरी उंगली उसकी चूत में डाल अंदर बाहर करने लगा. "शायद में पहला व्यक्ति होऊँगा जो तुम्हारी बिना बालों की चूत को चोदेगा."
प्रशांत ने प्रीति को खड़ा किया और खुद खड़ा हो अपने कपड़े उतारने लगा. उसका खड़ा लंड शॉर्ट्स के बाहर निकल फुन्कर रहा था. प्रीति आगे बढ़ उसके लंड को अपने हाथों में ले सहलाने लगी.
दोनो एक दूसरे के अंगो को सहला रहे थे, भींच रहे थे. कमरे में मेरी मौजूदगी का जैसे किसी को अहसास नही था. "आज में तुम्हे चोदुन्गि कि तुम जिंदगी भर याद करोगे?" इतना कहकर प्रीति प्रशांत को खींच कर बिस्तर पे ले गयी.
प्रीति ने प्रशांत को बिस्तर पर लिटा दिया. उसका लंड पूरा तन कर एक दम तंबू के डंडे की तरह खड़ा था. प्रीति उसकी टाँगो को फैला बीच में आ गयी और उसके लंड को चूमने लगी. में पीछे खड़ा ये नज़ारा देख रहा था. प्रीति के झुकते ही उसकी गोरे चुतताड उप्पेर उठ गये थे और उसकी गुलाबी चूत साफ दिखाई दे रही थी.
में देख रहा था कि प्रीति ने प्रशांत के लंड को अपने हाथों से पकड़ा उसके सूपदे को चाट रही थी. फिर उसने अपना पूरा मुँह खोल उसके लंड को अपने गले तक ले लिया.
इतना कामुक और उत्तेजित नज़ारा देखकर मुझसे रहा नही जा रहा था. मेरा लंड मेरी पॅंट में पूरा तन गया था. में भी अपने कपड़े उतार अपने लंड सहलाने लगा. प्रीति एक कामुक औरत की तरह प्रशांत के लंड की चुसाइ कर रही थी. प्रशांत ने जब मुझे अपने लंड से खेलते देखा तो कहा, "राज ऐसा करो तुम अपनी बीवी को थोड़ी देर चोद कर उसकी चूत को मेरे लंड के लिए तय्यार करो.?"
मुझे एक बार तो बहोत बुरा लगा कि एक दूसरा मर्द मुझे ही मेरी बीवी को चोदने के लिए अग्या दे रहा है पर लंड की अपनी भूक होती है और उपर से हमारी शर्त. में झट से प्रीति के पहुँचा और उसके चुतताड पकड़ एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी बिना बलों की चूत मे पेल दिया.
मेरे लंड के अंदर घुसते हुई प्रीति ने अपने चूतड़ और पीछे की ओर करते हुए मेरे लंड को और अंदर तक ले लिया. में ज़ोर के धक्के लगा प्रीति को चोद रहा था और वो हर धक्के साथ उतनी ही तेज़ी से प्रशांत के लंड को चूस रही थी.
"राज लगता है अब प्रीति तय्यार हो गयी है." प्रशांत ने प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए मुझे हटने का इशारा किया. प्रीति ने अभी आखरी बार उसके लंड को चूम उठ कर घूम कर बैठ गयी. प्रीति ने अपने दोनो पाँव प्रशांत के शरीर के अगाल बगल रख बैठ गयी. उसकी पीठ प्रशांत की ओर थी और उसके चेहरा मेरे सामने था. प्रीति मुझे आँख मार थोड़ा सा उठी और प्रशांत का लंड अपने हाथों में ले उसे अपनी चूत पे रगड़ने लगी. थोड़ी देर लंड को अपनी चूत पे रगड़ने के बाद वो एक हाथ से अपनी चूत का मुँह फैलाते हुए नीचे की और बैठने लगी. प्रशांत का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका था.
अब प्रीति अपने दोनो चुचियों को पकड़ एक ब्लू फिल्म की अदाकारा की तरह उछल उछल कर प्रशांत को चोद रही थी. जैसे ही वो उपर की ओर उठती तो उसकी छूट थोड़ा सुकड जाती और जब वो ज़ोर से उसके लंड पे बैठती तो चूत खुल कर लंड को अपने में समेट लेती. दोनो उत्तेजना में भर चुके थे, प्रशांत के हाथ उसकी कमर पर थे और धक्के लगाने में सहयता कर रहे थे.
उनके शरीर की अकड़न देख कर में समझ गया कि दोनो का पानी छूटने वाला है, इतने में प्रशांत ने प्रीति को रुकने के लिए कहा. प्रीति रुक गयी. प्रशांत उसे खींच अपनी छाती पे लिटा लिया. प्रीति अब प्रशांत की छाती पर पीठ के बल लेटी थी. प्रशांत ने प्रीति की टाँगो को सीधा कर फैला दिया जिससे उसका लंड चूत में घुसा हुआ साफ दिखाई दे रहा था.
"राज आकर अपनी बीवी की चूत को चूस्कर उसका पानी क्यों नही छुड़ा देते?" कहकर प्रशांत ने प्रीति की चूत को अपने हाथों से और फैला दिया. में अपने आपको रोक ना सका और उछल कर उन दोनो की टाँगो के बीच आ अपना मुँह प्रीति की चूत पे रख दिया. में ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था और चाट रहा था. मेरी जीभ की घर्षण ने दोनो के बदन में आग लगा दी.
थोड़ी देर में प्रशांत ने अपने चूतड़ उपर की ओर उठाई जैसे कि अपना लंड और उसकी चूत में जड़ तक समाना चाहता हो, में समझ गया कि उसका पानी छूटने वाला है. प्रीति ने भी अपनी चूत का दबाव प्रशांत के लंड पर बढ़ा अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत ने भी प्रीति की कमर को ज़ोर से पकड़ अपने वीर्य को उसकी चूत उंड़ेल दिया.
में प्रीति की चूत ज़ोर से चूसे जा रहा था और साथ ही साथ अपने लंड को रगड़ रहा था. जब प्रशांत के लंड ने अपना सारा पानी प्रीति की चूत में छोड़ दिया तो प्रशांत ने प्रीति को अपने से नीचे उतार दिया और मेरी तरफ देखते हुए कहा, "राज अब तुम प्रीति को चोदो?"
प्रीति मेरे सामने अपनी टाँगे फैलाए लेटी थी. उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी साथ ही मुझे उसकी चूत से टपकता उसका अवाम प्रशांत का वीर्य साफ दिखाई दे रहा था. दूसरे के वीर्य से भीगी अपनी बीवी की चूत में लंड डालने का मेरा कोई इरादा नही था. जब प्रशांत ने मुझे हिचकिचाते हुए देखा तो इशारे से मुझे शर्त याद दिलाई.
मेरे पास कोई चारा नही था, इसलिए में प्रीति की टाँगो के बीच आ गया और एक ही धक्के में अपने खड़े लंड को उसकी चूत में जड़ तक समा दिया. मेने देखा मेरा लंड प्रशांत के वीर्य से लिथड़ा हुआ प्रीति की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
प्रीति ने अपनी उखड़ी सांसो को सम्हाल अपनी आँखे खोल मुझे देख कर मुस्करा दी. फिर उसने पलट कर प्रशांत की ओर देखा, प्रशांत उसकी और बढ़ कर उसके होठों को चूसने लगा. में अपनी बीवी को कस के चोदे जा रहा था और वो दूसरे मर्द के होठों का रास्पान कर रही थी. प्रशांत अब नीचे की और बढ़ कर उसकी एक चुचि को मुँह मे ले चूस रहा था.
इतने में प्रशांत झटके में उठा, "तुम दोनो एंजाय करो." कहकर वो अपने कपड़े पहन वहाँ से चला गया. मेने प्रीति की ओर देखा, उसने अपनी टाँगे मोड़ अपनी छाती पर रख ली और अपनी उंगली को मुँह में गीला कर अपनी चूत में घुसा दी.
में और तेज़ी से उसे चोदने लगा और वो अपनी उंगली से खुद को चोद रही थी. मुझे पता था कि थोड़े ही देर में उसकी चूत फिर पानी छोड़ देगी और मेरा लंड उसकी चूत में पानी छोड़ देगा. थोड़ी ही देर में हम दोनो का शरीर अकड़ने लगा और प्रीति ने अपनी नसों के खींचाव से मेरे लंड को पूरा भींच लिया. उसकी चूत ने इतनी जोरों का पानी छोड़ा कि मुझे ऐसा लगा की मेरे लंड पर कोई बाँध खुल गया है. मेने भी उसे जोरों से भींचते हुआ अपना वीर्य उगल दिया.
हम दोनो आपस में शर्त तो लगा चुके थे, पर इस शर्त की हद कहाँ तक हमें ले जाएगी ये मुझे कुछ दिनो के बाद पता चला. मैने और प्रीति ने प्रशांत और बबिता का अपने दोस्तों मे परिचय कराने के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी थी.
मेने सोच लिया था कि मैं बबिता वो सब करने को कहूँगा जो वो नही करना चाहती. अगर उसने ना कही तो में शर्त जीत जाउन्गा. पार्टी के दिन में ऑफीस में यही सोचता रहा और शाम तक मेने सब कुछ सोच लिया था कि मुझे क्या करना है.
बबिता के ख्यालो में खोए हुए जब में शाम को घर पहुँचा तो मेरा लंड पूरा खंबे की जैसे तना हुआ था. प्रीति ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला और मुझे बाहों मे भर चूम लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. प्रीति ने दरवाज़ा बंद किया और घुटनो के बल बैठते हुए मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी.
में दीवार का सहारा ले खड़ा हो गया और प्रीति मेरे लंड को बाहर निकाल चूसने लगी. वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और में उसके बालों को पकड़ अपने लंड पर उसके मुँह का दबा रहा था. थोड़ी देर मैने मेरे लंड उसके मुँह मे वीर्य छोड़ दिया जिससे वो सारा गटक गयी.
क्रमशः...............
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
नए पड़ोसी पार्ट--2
गतान्क से आगे.........
बबिता सोफे पे झुक कर घोड़ी बन गयी, और थोड़ा नीचे झुकते हुए उसने अपने गोरे चुतताड उपर उठा दिए. उसकी गुलाबी और गीली चूत और उठ गयी थी. मैने अपने हाथ से उसके चुतताड सहलाने लगा. फिर मेने अपना लंड उसके चूत पर रख घिसने लगा. मेने गर्दन घुमा कर देखा कि प्रशांत और प्रीति मेरे बगल मैने खड़े एक दूसरे की नंगे बदन को सहला रहे थे, मगर उनकी आँखें मेरे लंड पे टिकी हुई थी. मेने अपने लंड को धीरे से बबिता की चूत मैने घुसा दिया.
बबिता की चूत काफ़ी गीली थी और एक बार वो झाड़ भी चुकी थी फिर भी मुझे बहोत ज़ोर लगाना पड़ रहा था उसकी चूत में लंड घुसाने में. इतनी किसी चूत थी उसकी. मेने एक ज़ोर का धक्का मार अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक डाल दिया और उसे चोदने लगा.
मेने देखा की प्रशांत और प्रीति हमारे पास आगाये. प्रीति ने ठीक बबिता के बगल मे सोफे पर लेट अपनी टाँगे फैला दी. उसकी चूत का मुँह और खुल गया था. उसकी गुलाबी चूत इतनी प्यारी थी और जैसे कह रही हो कि आओ मुझे चोदो. प्रशांत उसकी टाँगो के बीच आ अपना खड़ा लंड उसकी चूत पे घिसने लगा.
में बबिता की चूत को पीछे से चोद रहा था इसलिए मुझे साफ और अच्छी तरह दिखाई दे रहा था कि प्रशांत किस तरह अपना लंड प्रीति की चूत पे रगड़ रहा था. बबिता ने अपना एक हाथ बढ़ा प्रशांत के लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे प्रीति की चूत के मुँह पे रख दबाने लगी.
क्या नज़ारा था, एक औरत दूसरे मर्द से चुदवा रही थी और अपने पति का लंड उस मर्द की बीवी की चूत पे रगड़ उसे चोदने को कह रही थी. में उत्तेजना के मारे बबिता के चुतताड पकड़ कस कस के धक्के लगा रहा था. बबिता ने प्रीति की चूत को अपने हाथों से और फैला दिया और प्रशांत के लंड को ठीक वही पे रख दिया. प्रशांत ने इशारा समझ एक ही धक्के में अपना लंड पूरा पेल दिया.
प्रशांत मेरी बीवी प्रीति को ज़ोर के धक्को के साथ चोद रहा था और में उसकी बीवी बबिता के चूत मे अपना लंड पेल रहा था. मेने अपने धक्को स्पीड बढ़ाई की बबिता पीछे की ओर घूम कर बोली, "राज थोड़ा धीरे धीरे चोदो और अपनी बीवी को देखो."
मेने देखा कि प्रीति की टांग मूड कर उसकी चुचियों पे थी और प्रशांत धीमे धक्को के साथ उसे चोद रहा था. उसका मोटा लंड वीर्य रस से लासा लाइट में चमक रहा था. इतने में बबिता ने अपनी एक उंगली प्रीति की चूत में डाल अंदर बाहर करने लगी. बबिता की उंगली और प्रशांत का लंड एक साथ प्रीति की चूत में आ जा रहे थे. प्रीति भी पूरी उत्तेजना में अपने चुतताड उछाल प्रशांत के धक्को का साथ दे रही थी.
इतनी ज़ोर दर चुदाई देख मेने भी अपने धक्को में तेज़ी ला दी. बबिता भी अपने चुतताड पीछे की ओर धकेल ताल ताल से मिला रही थी. मेने अपनी एक उंगली बबिता की चूत में डाल गीली की और फिर उसके गांद के छेद पे घुमा कर धीरे से अंदर डाल दी. बबिता सिसक पड़ी, "ओह राज कियेयीययाया कर रहे हो?" मेने उसकी बात पे ध्यान नही दिया और उसे ज़ोर से चोद्ते हुए अपनी उंगली उसकी गांद के अंदर बाहर करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था. वहीं पर प्रशांत भी जम कर प्रीति की चुदाई कर रहा था. मेने बबिता के शरीर को अकड़ता पाया, उसने मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ़्त में ले लिया.
में ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था, मेरा भी पानी छूटने वाला था. मेने दो चार धक्के मारे और मेरे लंड ने बबिता की चूत में बौछार कर दी, साथ ही बबिता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया.
में फिर भी धक्के मारे जा रहा था और अपनी बीवी प्रीति को देख रहा था, उसकी साँसे तेज थी और वो सिसक रही थी, "ओह आहह प्रशांत चोदो मुझे और जूऊओर से हााआअँ ऐसे ही छोड्ड्ड्ड्ड्ड्डो और ज़ोर सूऊऊ."
में समझ गया कि प्रीति का समय नज़दीक आ गया है, उसने ज़ोर से अपने चुतताड उपर उठा प्रशांत के लंड को अपने गिरफ़्त मे ले अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत का भी काम होने वाला था उसने अपना लंड प्रीति की चूत से बाहर निकाल हिलाने लगा और फिर प्रीति के पेट और छाती पर अपने वीर्य की बरसात कर दी.
प्रशांत अपना लंड फिर उसकी चूत में घुसा धक्के मारने लगा. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला तो वो प्रीति की चूत के पानी और खुद के सफेद वीर्य से लिथड़ा हुआ था. प्रशांतने थोड़ा साइड में हो अपना लंड प्रीति के मुँह में दे देता है. और बबिता अपने आप को अड्जस्ट कर अपना मुँह प्रीति की चूत पर रख उसे चाटने लगी.
मेरे लंड फिर तनाव आ गया था और में ज़ोर के धक्को के साथ बबिता को चोदे रहा था. बबिता मेरी बीवी की चूत को चूस रही थी और प्रीति प्रशांत के लंड को. महॉल में काम की आग दहेक रही और तीनो उत्तेजना से भरे पड़े थे.
दो चार कस्के धक्के मार मेने एक बार फिर अपना पानी बबिता की चूत में छोड़ दिया. प्रीति की चूत ने भी बबिता के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया वही प्रीति प्रशांत के लंड से छूटे पानी को पी रही थी.
हम चारों पसीने में लठ पथ थे और साँसे तेज हो गयी थी. ऐसी जमकर चुदाई शायद सभी ने पहली बार की थी. हम सब लेट कर सुसताने लगे. बबिता ने मुझे बाहों भर चूमते हुए कहा, "राज ऐसी चुदाई मेने आज पहली बार की है, तुम्हारे चोदने का अंदाज सही में निराला है." "बबिता ये तो मुझे प्रशांत ने सिखाया कि तुम्हे किस तरह की चुदाई पसंद है." मेने उसे चूमते हुए जवाब दिया.
रात के 12.00 बज चुके थे और दूसरे दिन काम पर भी जाना था. प्रशांत और बबिता खड़े हो अपने कपड़े पहनने लगे. कपड़े पहन दोनो ने हमसे विदा ली और अपने घर चले गये. में और प्रीति भी एक दूसरे को बाहों में ले सो गये.
अगले कुछ दीनो तक हमारी मुलाकात प्रशांत और बबिता से नही हो पाई. उस रात की चुदाई ने हमारी सेक्स लाइफ को एक नया मोड़ दिया था. अक्सर रात को बिस्तर में हम उस रात की चर्चा करते और जमकर चुदाई करते. हम दोनो की इच्छा थी कि प्रशांत और बबिता के साथ एक रात और गुज़ारी जाए.
तीसरे दिन शाम के 6.00 बजे प्रशांत हमारे घर आया. उसने बताया कि वो ऑफीस के काम इतना मशगूल था इसलिए हम लोगो से नही मिल पाया. बातचीत के दौरान मेने प्रशांत को बताया अगले वीकेंड पर में प्रीति गोआ घूमने जा रहे है. मेने प्रशांत से कहा, "प्रशांत तुम और बबिता क्यों नही साथ चलते हो?"
प्रशांत कुछ देर सोचते हुए बोला में तय्यार हूँ पर हम लोग आपस में एक शर्त लगाते है. जो शर्त हार जाएगा उसे घूमने का सारा खर्च उठाना पड़ेगा बोलो मंजूर है."
"पर शर्त क्या होगी?" मेने प्रशांत से पूछा.
"शर्त ये होगी कि अगले 10 दिन तक हम सफ़र तय्यारी करेंगे. इन 10 दीनो में हम चारों चुदाई गुलाम होंगे. हम दूसरे से कुछ भी करने को कह सकते हैं, जो पहले काम के लिए मना करेगा वो शर्त हार जाएगा." उसने कहा.
प्रीति ये बात सुनते ही उछल पड़ी "मुझे मंजूर है." जब प्रीति हां बोल चुकी थी तो में कौन होता था ना करने वाला बल्कि में तो तुरंत बबिता के ख़यालों में खो गया कि में उसके साथ क्या क्या कर सकता हूँ, और अगर उसने इनकार किया तो छुट्टियाँ फ्री में हो जायगी, पर मुझे क्या मालूम था कि आगे क्या होने वाला है.
"ठीक है प्रशांत हमे मंजूर है." मेने कहा.
"तो ठीक है हमारे शर्त कल सुबह से शुरू होगी." कहकर प्रशांत चला गया.
मुझमे और प्रशांत में शर्त लग चुकी थी. अब हम अपनी ख्वाशे आज़माने का इंतेज़ार करने लगे. दूसरे दिन प्रशांत शाम को हमारे घर आया और शर्त को शुरू कर दिया. उसने प्रीति को अपने पास बुलाया, "प्रीति तुम अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ."
प्रीति ने अपने पूरे कपड़े उतारे और नंगी हो गयी. प्रशांत ने उसकी चूत पे हाथ फिराते हुए कहा, "प्रीति पहले तुम अपनी झटें सॉफ करो, मुझे चूत पे बाल बिल्कुल भी पसंद नही है."
प्रीति वहाँ से उठ कर बाथरूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद प्रीति बाथरूम से बाहर निकल कर आई. मेने देखा की उसकी चूत एकदम चिकनी और साफ लग रही थी. बाल का नामो निशान नही था. प्रशांत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसे चूमते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी.
"वाह क्या चूत है तुम्हारी!" कहकर प्रशांत अपनी दूसरी उंगली उसकी चूत में डाल अंदर बाहर करने लगा. "शायद में पहला व्यक्ति होऊँगा जो तुम्हारी बिना बालों की चूत को चोदेगा."
प्रशांत ने प्रीति को खड़ा किया और खुद खड़ा हो अपने कपड़े उतारने लगा. उसका खड़ा लंड शॉर्ट्स के बाहर निकल फुन्कर रहा था. प्रीति आगे बढ़ उसके लंड को अपने हाथों में ले सहलाने लगी.
दोनो एक दूसरे के अंगो को सहला रहे थे, भींच रहे थे. कमरे में मेरी मौजूदगी का जैसे किसी को अहसास नही था. "आज में तुम्हे चोदुन्गि कि तुम जिंदगी भर याद करोगे?" इतना कहकर प्रीति प्रशांत को खींच कर बिस्तर पे ले गयी.
प्रीति ने प्रशांत को बिस्तर पर लिटा दिया. उसका लंड पूरा तन कर एक दम तंबू के डंडे की तरह खड़ा था. प्रीति उसकी टाँगो को फैला बीच में आ गयी और उसके लंड को चूमने लगी. में पीछे खड़ा ये नज़ारा देख रहा था. प्रीति के झुकते ही उसकी गोरे चुतताड उप्पेर उठ गये थे और उसकी गुलाबी चूत साफ दिखाई दे रही थी.
में देख रहा था कि प्रीति ने प्रशांत के लंड को अपने हाथों से पकड़ा उसके सूपदे को चाट रही थी. फिर उसने अपना पूरा मुँह खोल उसके लंड को अपने गले तक ले लिया.
इतना कामुक और उत्तेजित नज़ारा देखकर मुझसे रहा नही जा रहा था. मेरा लंड मेरी पॅंट में पूरा तन गया था. में भी अपने कपड़े उतार अपने लंड सहलाने लगा. प्रीति एक कामुक औरत की तरह प्रशांत के लंड की चुसाइ कर रही थी. प्रशांत ने जब मुझे अपने लंड से खेलते देखा तो कहा, "राज ऐसा करो तुम अपनी बीवी को थोड़ी देर चोद कर उसकी चूत को मेरे लंड के लिए तय्यार करो.?"
मुझे एक बार तो बहोत बुरा लगा कि एक दूसरा मर्द मुझे ही मेरी बीवी को चोदने के लिए अग्या दे रहा है पर लंड की अपनी भूक होती है और उपर से हमारी शर्त. में झट से प्रीति के पहुँचा और उसके चुतताड पकड़ एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी बिना बलों की चूत मे पेल दिया.
मेरे लंड के अंदर घुसते हुई प्रीति ने अपने चूतड़ और पीछे की ओर करते हुए मेरे लंड को और अंदर तक ले लिया. में ज़ोर के धक्के लगा प्रीति को चोद रहा था और वो हर धक्के साथ उतनी ही तेज़ी से प्रशांत के लंड को चूस रही थी.
"राज लगता है अब प्रीति तय्यार हो गयी है." प्रशांत ने प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए मुझे हटने का इशारा किया. प्रीति ने अभी आखरी बार उसके लंड को चूम उठ कर घूम कर बैठ गयी. प्रीति ने अपने दोनो पाँव प्रशांत के शरीर के अगाल बगल रख बैठ गयी. उसकी पीठ प्रशांत की ओर थी और उसके चेहरा मेरे सामने था. प्रीति मुझे आँख मार थोड़ा सा उठी और प्रशांत का लंड अपने हाथों में ले उसे अपनी चूत पे रगड़ने लगी. थोड़ी देर लंड को अपनी चूत पे रगड़ने के बाद वो एक हाथ से अपनी चूत का मुँह फैलाते हुए नीचे की और बैठने लगी. प्रशांत का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका था.
अब प्रीति अपने दोनो चुचियों को पकड़ एक ब्लू फिल्म की अदाकारा की तरह उछल उछल कर प्रशांत को चोद रही थी. जैसे ही वो उपर की ओर उठती तो उसकी छूट थोड़ा सुकड जाती और जब वो ज़ोर से उसके लंड पे बैठती तो चूत खुल कर लंड को अपने में समेट लेती. दोनो उत्तेजना में भर चुके थे, प्रशांत के हाथ उसकी कमर पर थे और धक्के लगाने में सहयता कर रहे थे.
उनके शरीर की अकड़न देख कर में समझ गया कि दोनो का पानी छूटने वाला है, इतने में प्रशांत ने प्रीति को रुकने के लिए कहा. प्रीति रुक गयी. प्रशांत उसे खींच अपनी छाती पे लिटा लिया. प्रीति अब प्रशांत की छाती पर पीठ के बल लेटी थी. प्रशांत ने प्रीति की टाँगो को सीधा कर फैला दिया जिससे उसका लंड चूत में घुसा हुआ साफ दिखाई दे रहा था.
"राज आकर अपनी बीवी की चूत को चूस्कर उसका पानी क्यों नही छुड़ा देते?" कहकर प्रशांत ने प्रीति की चूत को अपने हाथों से और फैला दिया. में अपने आपको रोक ना सका और उछल कर उन दोनो की टाँगो के बीच आ अपना मुँह प्रीति की चूत पे रख दिया. में ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था और चाट रहा था. मेरी जीभ की घर्षण ने दोनो के बदन में आग लगा दी.
थोड़ी देर में प्रशांत ने अपने चूतड़ उपर की ओर उठाई जैसे कि अपना लंड और उसकी चूत में जड़ तक समाना चाहता हो, में समझ गया कि उसका पानी छूटने वाला है. प्रीति ने भी अपनी चूत का दबाव प्रशांत के लंड पर बढ़ा अपना पानी छोड़ दिया. प्रशांत ने भी प्रीति की कमर को ज़ोर से पकड़ अपने वीर्य को उसकी चूत उंड़ेल दिया.
में प्रीति की चूत ज़ोर से चूसे जा रहा था और साथ ही साथ अपने लंड को रगड़ रहा था. जब प्रशांत के लंड ने अपना सारा पानी प्रीति की चूत में छोड़ दिया तो प्रशांत ने प्रीति को अपने से नीचे उतार दिया और मेरी तरफ देखते हुए कहा, "राज अब तुम प्रीति को चोदो?"
प्रीति मेरे सामने अपनी टाँगे फैलाए लेटी थी. उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी साथ ही मुझे उसकी चूत से टपकता उसका अवाम प्रशांत का वीर्य साफ दिखाई दे रहा था. दूसरे के वीर्य से भीगी अपनी बीवी की चूत में लंड डालने का मेरा कोई इरादा नही था. जब प्रशांत ने मुझे हिचकिचाते हुए देखा तो इशारे से मुझे शर्त याद दिलाई.
मेरे पास कोई चारा नही था, इसलिए में प्रीति की टाँगो के बीच आ गया और एक ही धक्के में अपने खड़े लंड को उसकी चूत में जड़ तक समा दिया. मेने देखा मेरा लंड प्रशांत के वीर्य से लिथड़ा हुआ प्रीति की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
प्रीति ने अपनी उखड़ी सांसो को सम्हाल अपनी आँखे खोल मुझे देख कर मुस्करा दी. फिर उसने पलट कर प्रशांत की ओर देखा, प्रशांत उसकी और बढ़ कर उसके होठों को चूसने लगा. में अपनी बीवी को कस के चोदे जा रहा था और वो दूसरे मर्द के होठों का रास्पान कर रही थी. प्रशांत अब नीचे की और बढ़ कर उसकी एक चुचि को मुँह मे ले चूस रहा था.
इतने में प्रशांत झटके में उठा, "तुम दोनो एंजाय करो." कहकर वो अपने कपड़े पहन वहाँ से चला गया. मेने प्रीति की ओर देखा, उसने अपनी टाँगे मोड़ अपनी छाती पर रख ली और अपनी उंगली को मुँह में गीला कर अपनी चूत में घुसा दी.
में और तेज़ी से उसे चोदने लगा और वो अपनी उंगली से खुद को चोद रही थी. मुझे पता था कि थोड़े ही देर में उसकी चूत फिर पानी छोड़ देगी और मेरा लंड उसकी चूत में पानी छोड़ देगा. थोड़ी ही देर में हम दोनो का शरीर अकड़ने लगा और प्रीति ने अपनी नसों के खींचाव से मेरे लंड को पूरा भींच लिया. उसकी चूत ने इतनी जोरों का पानी छोड़ा कि मुझे ऐसा लगा की मेरे लंड पर कोई बाँध खुल गया है. मेने भी उसे जोरों से भींचते हुआ अपना वीर्य उगल दिया.
हम दोनो आपस में शर्त तो लगा चुके थे, पर इस शर्त की हद कहाँ तक हमें ले जाएगी ये मुझे कुछ दिनो के बाद पता चला. मैने और प्रीति ने प्रशांत और बबिता का अपने दोस्तों मे परिचय कराने के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी थी.
मेने सोच लिया था कि मैं बबिता वो सब करने को कहूँगा जो वो नही करना चाहती. अगर उसने ना कही तो में शर्त जीत जाउन्गा. पार्टी के दिन में ऑफीस में यही सोचता रहा और शाम तक मेने सब कुछ सोच लिया था कि मुझे क्या करना है.
बबिता के ख्यालो में खोए हुए जब में शाम को घर पहुँचा तो मेरा लंड पूरा खंबे की जैसे तना हुआ था. प्रीति ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला और मुझे बाहों मे भर चूम लिया. मेरा लंड उसकी चूत पे ठोकर मार रहा था. प्रीति ने दरवाज़ा बंद किया और घुटनो के बल बैठते हुए मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी.
में दीवार का सहारा ले खड़ा हो गया और प्रीति मेरे लंड को बाहर निकाल चूसने लगी. वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और में उसके बालों को पकड़ अपने लंड पर उसके मुँह का दबा रहा था. थोड़ी देर मैने मेरे लंड उसके मुँह मे वीर्य छोड़ दिया जिससे वो सारा गटक गयी.
क्रमशः...............
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment