FUN-MAZA-MASTI
चांदनी-2
कमरा टूएब लाइट की रौशनी में नहाया हुआ था गुलाब और फूलों की खुशबु उसे महका रहे थी. छोटी सी टेबल पर एक जग गिलास और पानी की बोतल रखी थी. कमरे के बीचों -बीच एक बेड पड़ा था जो की लाल और सफ़ेद फूलों से सजा था. और उस पर लाल कपड़ो में चांदनी बैठी थी ये मेरे लिए काफी था मै धीरे -२ बेड के पास गया और बेड पर बैठ गया वो घूँघट में बैठी थी मै धीरे से उसके पास बैठ गया और उसका घूँघट हटा दिया उसने मेरे तरफ देखा वो बिलकुल दुल्हन की तरह शर्मा रही थी मै उसके सामने बैठ कर उसे देखने लगा कुछ देर बाद वो बोली ऐसे क्या देख रहे हो. बहुत सुंदर लग रहे हो मैंने कहा और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर चूम लिया फिर उसके बराबर आकर बैठ गया और चांदनी को अपने पास बिठा लिया हम बात करने लगे और बात करते-२ मैंने धीरे से उसकी साड़ी का पल्लू उसके कंधे पर से हटा दिया और धीरे से उसके गालों पर एक चुम्बन ले लिया वो शर्मा गयी और मैंने तुरंत उसे अपनी बाहों में कस लिया वो भी मेरे से चिपक गयी कुछ देर बाद जब हम अलग हुए तो मैंने उसकी साड़ी का पल्लू एक तरफ कर दिया. उसके लाल ब्लाउज में कसे योवन कपोत बाहर की और झाँकने लगे,लो कट ब्लाउज में उसके ऊँचे पर्बतों की गहरी घाटियाँ दिखाई पड़ रही थी.जिसे देख कर किसी का भी दिल बईमान हो जाये. मैंने धीरे से उसके गले में पहना हुआ हार उतार दिया और उसकी गर्दन पे एक किस कर दी. और कब मेरे होठ उसके सीने पे जा पहुंचे पता ही नहीं चला मै उसे चूमता जा रहा था उसने मुझे अपनी बाँहों में कास लिया जैसे ही मै चांदनी की छातियों को चूमता उस के मुहं से आह निकल पडी. मै ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चोटियों को चूम रहा था वो मेरा सर अपनी छाती पे दबा रही थी. मुझे आगे जाना था मै चांदनी के पेट को चूम रहा था और वो हर पल का आनंद ले रही थी. नाभि को चूमा तो मेरी जीभ उसमे समां गयी. तभी चांदनी ने करवट ली और बेड से उतर गयी. उसने जग से दूध गिलास में डाला और मेरे होठो पे लगा दिया मैंने सिप किया और उसके मुहं से लगा दिया और उसे अपनी गोद में बीठा लिया हमने बारी -२ से सिप करते हुए गिलास खाली किया. वो गिलास रखने के लिये गयी तो मैंने चांदनी की साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और धीरे-२ खींचने लगा साड़ी उसके बदन से अलग हो गयी. वो ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने थी मैंने आगे बढ़कर उसका पेटीकोट उसके शरीर से अलग कर दिया वो शर्मा के फर्श पे बैठ गयी जैसे अपनी नग्नता को छुपा रही हो मैंने उसे गोद में उठाया और बेड पे लिटा दिया. मैंने अपनी शर्ट और जींस उतर दी और चांदनी के पास लेट कर उस से बात करने लगा वो हाँ ना में जवाब दे रही थी. बात करते -२ मैंने उसके ब्लाउज के हूक खोल दिए और कुछ ही पलों बाद वो लाल ब्रा और पैंटी में थी. उसकी ऑंखें बंद थी मै ने उसे चुमते हुए धीरे से उसकी ब्रा को आजाद कर दिया और पेंटी कब उसके बदन से अलग हुई ये तो मुझे भी ठीक याद नहीं मै उसे एक टक देख रहा था चांदनी वाकई बहुत सुन्दर थी.बड़ी-२ नशीली ऑंखें गुलाबी गाल, गुलाब की पंखुड़ी से होंठ लम्बी गर्दन पर्बतों जैसी ऊँची और कठोर छातियाँ और उन पे ऊपर गुलाबी घेरा और बीच में एक बड़ा सा अंगूर. मद मस्त चूचियां गोरा चिकना समतल पेट केले के पेड जैसी चिकनी पुष्ट जांघे और उनके बीच में छुपी एक प्यारी से थोड़ी उभरी हुई योनी. चिकना बदन कहीं एक बाल नहीं और अगर मै शायर या कवी होता तो कम से कम एक किताब उस पे लिख देता.कुछ देर देखने के बाद मैंने उसके होठों को चूम लिया और उसके बाद तो जैसे ज्वार आ गया मै उसके बदन को चूमता रहा और चांदनी मुझे कसती रही मेरे बदन से चड्डी बनियान कब अलग हुए पता ही नहीं चला हम एक दुसरे की बाँहों में समां रही थे और कब मेरे लंड ने उसकी चूत पे दस्तक दी पता नहीं चला जब लंड चूत को चूम रहा था तब होश आया पर तब तक देर हो चुकी थी चूत ने लंड को रास्ता दिखा दिया था और बाकी काम मुझे करना था मै धीरे धीरे लंड का दबाव बढ़ने लगा और लंड चांदनी की चूत में जा रहा था चांदनी नीचे से सह्यूग कर रही थी पर कुछ देर में उसके चेहरे पे दर्द झलकने लगा मैंने उस की आँखों में देखा वो दर्द पी रही थी दर्द मुझे भी हो रहा था तभी चांदनी बोली मेरा कोमार्य तुम्हे समर्पित और मेरा तुम्हे मैंने कहा और एक झटका लगाया उस की झीली फट गयी मेरे टाँके टूट गए उसकी उँगलियों के नाख़ून मेरे कंधे और कमर पे चुभ रहे थे पर हम आगे बढ़ते रहे कुछ देर में उसकी चूत से रस निकलने लगा और लंड थोडा आराम से अन्दर बहार होने लगा हम दोनों मस्त थे और मै ऊपर से जितने जोर से जितनी मेरे में ताकत थी धक्के लगा रहा था पर कुछ देर बाद उस की चूत से जो रस निकला उस ने मेरे लंड पे जादू कर दिया और मै जितनी तेज़ी से धक्के लगा सकता था लगा ने लगा उस ने मुझे अपनी बाहों में कास लिया उसके पांव मेरी कमर पे लिपट गयी और वो हर पल का आनंद ले रही थी लेकिन ये ज्यादा देर न चल सका उसकी चूत से पानी का फवारा निकला और मेरे लंड ने उसकी प्यासी चूत पे बारिश कर दी. हम दोनों कुछ देर में शांत लेट गए ऐसा लग रहा था जैसे कई मील दौड़ कर आये हों और कब सो गए पता ही नहीं चला.
जब मेरी आंख खुली तो चांदनी मेरे पास गहरी नींद में सो रहे थी मेरा हाथ उसके सर के निचे था और उस के और मेरे पाँव आपस में गुथे थे मुझे जोर से सु सु लगी थी मैंने धीरे से चांदनी को अलग किया और चला गया . जब मै वापस आया वो सो रही थी मै उसे पलंग के पास खड़ा देखता रह गया. कितनी मासूम और भोली लड़की है. चांदनी बहुत सुन्दर लग रहे थी चादर पे उसके खून और हमारे दोनों के मिश्रित रस के निशान थे जो की लगभग सुख गए थे. मेरे दिमाग में रात का सारा वाकया घूम गया. मन एक बार फिर वही सब करने को कर रहा था पर उसे सोता देख मैंने अपना इरादा बदल लिया और धीरे से पलंग पे लेट गया पर आहट से उसकी नींद खुल गयी और मुझे देख कर बोली क्या हुआ कहते हुए वो उठने लगी पर तभी उसको अहेसास हुआ की वो बिलकुल नंगी है उसने जल्दी से इधर उधर देखा और कोई कपडा धुंडने लगी पर वहां कुछ नहीं था उसने शरमाते है कहा दुसरी तरफ देखो मैंने मुह दुसरी तरफ किया वो जल्दी से उठी और अपनी साड़ी लपेटे हुए कमरे से बहार दौड़ गयी. मैंने कमरे में इधर उधर देखा तो मुझे एक टावल नज़र आया मैंने उसे लपेट लिया कुछ देर बाद आयी तो साड़ी कुछ ठीक से पहने थी पर ब्लाउज नहीं पहना था क्योंकि वो जल्दी में लेजाना भूल गयी थी . उसने आकर ब्लाउज उठाया और पलंग पे मेरी तरफ पीठ करके बैठ कर बिना साड़ी हटाये ब्लाउज पहने लगी और बोली आप सोये नहीं. मैंने उसे रोकते और उसके हाथ से ब्लाउज लेते हुए कहा जब इतनी खुबसूरत जवान लडकी बराबर में लेटी हो तो कौन बेवकूफ सोये गा. चांदनी ने मेरी तरफ पलट के देखा पर कुछ नहीं कहा.मै आराम से लेट गया जबकि चांदनी अभी भी बैठी थी
मै: लेट जाओ
चांदनी :मेरा ब्लाउज दो
मै: क्यों
चांदनी चुप रही और चुपचाप दुसरी तरफ मुह करके लेट गयी और सो गयी मै भी चुप चाप सो गया लेकिन कुछ देर में आंख खुल गयी चांदनी अभी भी सो रही थी लकिन अब उसका चेहरा मेरी तरफ था . करवट ले ने के कारन उसकी साड़ी उसके सीने से हट गयी थी और चांदनी के सुडौल स्तन मेरे सामने थे और मेरे होठ अपने आप उसके गुलाबी चुचकों को चूसने लगे चांदनी मेरी
तरफ खिसकने लगी और मुझ से लिपट गयी. होठ चुचियों से होठों पे पहुँच चुके थे और मेरा हाथ धीरे -२ उसकी मांसल जांघ पे फिसल रहे थे और बहुत ज़ल्द उसकी साड़ी उसके बदन से दूर होके फर्श पे पडी थी और मेरा टावल कहाँ था ये मुझे सोचने पे भी याद नहीं आ रहा है. हमारे बदन चिपकते गए दोनों के जिस्म एक दुसरे की आग से जल रहे थे उतेजना के कारन हाथ इधर उधर पड़ रहे थे
चांदनी और मै एक दुसरे से चिपटे हुए थे पर फिर भी ऐसा लग रहा था जैसे दूर हैं और फिर उसकी चूचियां चूसते-२ कब मै उसके ऊपर आ गया पता ही नहीं चला . मेरे होठ उसके होठों से चिपक गए और मेरा लंड उसकी चूत चूमने लगा . चांदनी की चूत ने उसका स्वागत किया और चांदनी ने धीरे से अपनी टांगों को खोलते हुए रास्ता बना दिया , बाकि काम लंड और चूत ने अपने आप किया लंड ने चूत को चूमा तो चूत ने उसे अन्दर बुला लिया और लुंड धीरे -२ अन्दर जाने लगा मै धीरे -२ दबाव बढ़ता गया और उसकी चिकनी चूत लंड को हड़प करती गयी उसकी चूत में लंड पूरा फिट था और फिर शुरू हुआ घमासान मै ऊपर से धक्के लगा रहा था और वो नीचे से पूरा सहयोग कर रही थी हम दोनों नए खिलाड़ी थे पर इस खेल में अब कुछ अपने आप आ जाता है, हम दोनों धीरे -२ स्वार्थी होने लगे और ये परवाह न करते हुए की साथी को क्या चाहिय सिर्फ अपना मज़ा करते रहे और इस मज़े में दुसरे को उतना ही मज़ा आ रहा था जितना की किसी एक को. एक को थकन होने लगती तो दूसरा मोर्चा संभल लेता और हमारा खेल चलता रहा चूत में लंड का आना जाना चुचियों का चुसना और मेरे चूतडों को दबाना होटों का चूमना सब कुछ चल रहा था चांदनी की चूत कई बार पानी बरसा चुकी थी पर हार नहीं मान रही थी हर बार फिर से तैयार हो जाती थी, पर समय को ये मंज़ूर नहीं था न जाने कब वो चरमोत्कर्ष पे पहुँच गयी और मेरे लंड पे पानी की ऐसी बारिश की मेरा लंड उस बारिश पे निहाल हो गया मेरे ध्कों की स्पीड अपने आप बढ़ती चली गयी और मेरे लंड ने भी बरसात कर दी . उसके नाख़ून मेरी कमर को जकड रहे थे पर किसे परवाह थी और कुछ ही देर में हम दोनों तृप्त होक एक दुसरे के बाँहों में समां गए. उसने मुझे चूमा और सिर्फ इतना कहा काश ये रात कभी ख़तम न हो. हम एक दुसरे की बाँहों में कब सो गए पता ही नहीं चला.
चाय ठंडी हो रही है उठो न, सुनकर मेरी आंख खुली चांदनी मेरे ऊपर झुकी थी और मुझे जगा रही थी. ऑंखें खोलते ही सबसे पहले मेरी निगाह चांदनी के होठों पे गयी . चांदनी ने मेरे होठों पे एक चुम्बन दिया और गुड मोर्निंग कहा. मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और अपने ऊपर लिटा लिया .लेकिन वो एक दम उठी और मै चाय लाती हूँ कह कर बहार चली गयी. मुझे जोर से पेशाब आ रहा था सो मै ने टोवल लपेटा और बाहर जा कर मूत आया. मै कपडे पहनने के लिए कपडे खोज रहा था के चांदनी कमरे में आयी उसने रात वाली साड़ी पहने थी चाय टेबल पे रख कर बेड पे बैठ गयी. मेरे कपडे वहां नहीं थे मैंने उस से अपने कपड़ों के लिए पूछा तो वो बेड से खडी हो गयी और बोली मुझे क्या पता कहाँ है तुम्हारे पास है मै ने कहा तो वो बोली अपने कपडे संभल के रखते . जब मैंने फिर से कहा तो चांदनी बोली मैंने तो अपने कपडे पहने है देख लो कह कर अपनी साड़ी हिलाने लगी मुझे तुम्हारे कपड़ों का क्या पता . वैसे इस ड्रेस मै भी बुरे नहीं लग रहे हो. कह कर हंस दी. मै उसके पास गया तो उस ने मेरा टोवल खिंच लिया और मै एक दम नंगा हो गया. जैसे ही उसने मेरा टोवल खिंचा मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ कर खिंच लिया वो संभल पाती उस से पहले उस की साड़ी खुल गयी और वो टॉपलेस हो गयी उसने ब्लाउज और ब्रा नहीं पहनी थी साथ ही वो वो मेरे एक दम्पास आ गयी हमारी दोनों की नज़रें मिली और हम एक दुसरे की बाँहों में समां गए होठ चिपक गए सीने से चूचियां लिपट गयी पेट पेट को चूम रहा था और हाथ एक दुसरे की कमर पे कसे थे मेरे हाथ फिसलते हुए उसके नितम्बों पे पहुंचे तो उसकी साड़ी अपने आप उसका बदन छोड़ के चली गयी और मैंने हल्का सा एडजेस्ट करते हुए अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा. पर वो मेरे से ज्यादा आतुर थी उस ने एडजेस्ट करते हुए लंड को अपनी चूत के होठों में दबा लिया मैंने बिना देर किये उसके चूतडों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया तो लंड लगभग १.५ इंच अन्दर चला गया कुछ देर हम ऐसे ही खडे रहे मैंने अपने होंठ उसके होठों से आजाद कराये और उसे गोद में आने को कहा वो उसी तरह मेरी गर्दन में हाथ डालकर अपनी टांगेमेरी कमर पे लपेट दी और मै उसे लेकर बेड की तरफ चल दिया मेरा लंड उसकी चूत में था चलने से उसकी चूत मेरे लंड को गुदगुदा रही थी और फिर जैसे ही मैंने उसे पलंग पे लिटाया उस ने मुझे फिर से कास लिया . मै भी जोश में था और जोश -२ में लंड चूत में जाता गया बहार आता गया फिर गे फिर आया ये सब कितनी देर हुआ नहीं पता पर जब होश आया तो हम दोनों निढाल थे हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में काफी देर तक लेटे रहे . लाओ यार चाय पिलाओ तो वो उठ ते हुए बोली इतनी मेहनत के बाद तो जो माँगो वो मिलेगा और फिर हम दोनों नंगे चाय पीने लगे.
मैंने चांदनी से कपडे मांगे तो वो बोली तुम मुझे इस ड्रेस में ज्यादा अच्छे लगते हो इस लिए तुम नंगे रहो तो अच्छा है पर अगर पहनने है तो ये टोवल पहन सकते हो.चाय पी सिगरेट पी फ्रेश हुआ और बाकि काम निबटते -२ मुझे भूक लगने लगी . मै अन्दर गया तो चांदनी एक नार्मल गोउन पहने हुए नाश्ता बना रही थी. मैंने उसे पीछे से जा कर पकड़ लिया और उसके मोमे दबाने लगा और दुसरे हाथ से उसके नितम्ब दबाते हुए उसकी चूत खुजलाने लगा. ये बताने की जरुरत नहीं है के वो ब्रा या पंतय नहीं पाहे थी. वो थोड़ी देर मज़े लेती रही फिर बोली पहले नाश्ता कर लो फिर कर लेना . कहती हुई नाश्ता ट्रे में रख के कमरे की तरफ चल दी. मुझे ठण्ड लग रही थी तो मैंने कहा कुछ तो दे दो पहनने को मुझे ठण्ड लग रही है. चांदनी ने जवाब दिया तुमने भी एक कपडा पहना है और मैंने भी एक कपडा पहना है और अगर ठण्ड लग रही है तो बहार धुप में बैठते है ठीक है मैंने कहा . फिर हम दोनों धुप में बैठ के नाश्ता करने लगे . नाश्ता क्या था सॉलिड आलू के पराठा और माखन चार पराठे खा के तबियत मस्त हो गयी . नाश्ता कर के हम वहीँ आराम करने लगे बात करते -२ और सिगरेट पीते रहे और मुझे कब नींद आ गयी पता नहीं चला. आँख खुली तो चांदनी वहां नहीं थी. मै उठ के अन्दर गया तो वो रसोई में कुछ बना रही थी मैंने पुचा क्या कर रही हो . कुछ नहीं बस हो गया कहते हुए वो रसोई से बाहर आ गयी. मैंने एक बार फिर उसे बाँहों में कास लिया तो वो बोली छोड़ो मुझे नहाना है. कह के वो बाथरूम की तरफ चल दी मै उसके पीछे -२ चल दिया. बाथरूम कहने को था पर एक अच्छा खासा कमरा था मैंने अन्दर घुसते ही उस के कपडे उतर दिए और उस ने मेरा टोवल खिंच दिया हम दोनों ने एक दुसरे को नहलाया उस ने मेरे पुरे बदन पे साबुन लगाया मेरे लंड को अच्छी तरह साफ़ किया मैंने भी उसकी चुचियों को खूब रगडा और चूत को ऊँगली डाल के साफ़ किया नाह के हम दोनों बहार आ गए उस ने मुझे टी शर्ट और पायजामा दिया और खुद दुसरे कमरे में गांड मटकाती हुई चली गयी. मै कपडे पहन के बहार धुप में बैठ गया. थोड़ी देर बाद उस ने आवाज़ लगाई तो में अन्दर कमरे में गया. वो सलवार कमीज़ पहने थी. वो बोली व्हिस्की ख़तम हो गयी है कहाँ मिलेगी मैंने पूछा. दुकान पे उसने कहा. मेरा मतलब है कहाँ है . लगभग ५ किलोमीटर पे है. मैंने रास्ता पूछा कपडे बदले और गाडी ले के चला गया. मैंने तीन बोतल ब्लेंदेर्स प्राइड की ली और सोडा सिगरेट वगेरह ले के वापस आ गया.
जब में वापस पहुंचा तो कमरे में टेबल सजी हुई थी और स्टीरियो पे दारू वाली ग़ज़ल चल रही थी और नीचे फर्श पे बिस्तर लगा था. पर चांदनी वहां नहीं थी तभी वो आयी . उस ने गुलाबी रंग की फ्रंट ओपन टाइट शर्ट और इस्कर्ट पहनी थी, उस की शर्ट इतनी टाइट थी की बटन टूटने को थे उस ने पेग बनाये और हम नीचे बिस्तर पे बैठ के पीने लगे . वो मेरे सामने बैठी थी उस ने कहा एक गेम खेलते है हम दोनों में जो भी दुसरे को हाथ लगाये गा उसे दुसरे की एक बात माननी होगी. और दूसरा जो भी उसे करने को कहेगा वो करना होगा. उसकी गोरी जांघ मेरी आँखों के सामने थी चूचियां आधी आँखों के सामने थी मन कर रहा था की दबा दूँ पर मै गेम का मज़ा लेना चाहता था. दो -२ पेग अन्दर जाते -२ हमारी शरारत बढने लगी वो अपने पैर से मेरे लंड को बार-२ दबा रही थी मैंने भी उसकी स्कर्ट में पाँव घुसा के जांघे सहला रहा था वो शायद ज्यादा गरम हो गयी उस की ऑंखें और चेहरा लाल हो गया . वो अचानक खडी हुई और मेरी गोद में बैठ गयी और मेरे होठों पे होठ रख के चूसने लगी एक शानदार चुम्बन होठ सिले थे जीभ एक दुसरे को चाट रही थी और इस सब में मै इतना मस्त हुआ की भूल गया के मुझे हाथ नहीं लगाना मै ने उसे बाँहों में कस लिया और एक शानदार की समाप्ती पे उसने कहा छोड़ो मैंने उसे अपनी बाँहों से आजाद किया तो याद आया, मै एक राउंड हार गया था उस ने खडे होते हुए कहा तुम हार गए . और अपनी जगह पे बैठ गयी अपनी पेंट उतारो . मै खड़ा हुआ और अपनी पेंट उतार दी मैंने अंडरवियर नहीं पहना था सो मेरा कड़क लंड उसके सामने था. हम फिर से पेग लगाने लगे मैंने अपने पाँव के अंगूठे से उसकी शर्ट के चूची वाले बटन खोल दिए और उसकी चूत के ऊपर पाँव से रगड़ने लगा. कुछ देर में मै खड़ा हुआ और उस की चूचियां शर्ट के ऊपर से चूसने लगा और अपने पाँव से उसकी स्कर्ट को ऊपर कर दिया और लंड उसकी जांघों पे रगडने लगा वो पगला गयी और मेरे सर को अपनी चुचियों पे दबाने लगी . मै खड़ा हुआ . वो समझ गयी और बोली . क्या करना है . शर्ट उतारो मैंने कहा उस ने शर्ट उतारी और एक और फेंक दी. इस तरह हमारी शरारत चलती रही और कपडे उतरते रहे मै पूरी तरह नंगा था पर उस के बदन पे स्कर्ट थी. शरारत इस कदर बड़ी की उस ने अपनी स्कर्ट ऊपर की और मेरे र दोनों साइड पैर रख के बैठ गयी मेरा लंड उस की चूत को छु रहा था मैंने अपना लंड अड्जेस्ट किया और उसकी चूत पे लगा दिया वो थोडा सा अड्जेस्ट हुई और बैठ गयी लंड उस की गीली चूत में फिसलता हुआ अन्दर गया तो वो चीख पडी और एक दम खडी हो गयी . मै हंस पड़ा उस की आँखों में दर्द था फिर से बैठ गयी पर अबकी बार लंड चूत से काफी दूर था और मेरे सीने पे घूंसे मारने लगी. तुम हार गयी मैंने कहा. वो खडी हुई और स्कर्ट सरका के बोली तुम पहले हार चुके हो और इस गेम में कौन हरता है देखते हैं कह के बिस्तर पे लेट गयी और मुझे अपने ऊपर खींच लिया . मै चूचियां दबाता रहा चूसता रहा और वो मुझे बाँहों में कस ते हुए चूमती रही मैंने भी उसकी चिकनी और गीली चूत पे लंड रखा तो वो निहाल हो गयी आओ ना - ही कह पाई थी की लंड के झटके ने उसे हिला दिया और फिर झटके जब तक चले जब तक्ल की लंड पूरा नहीं घुस गया चांदनी हर झटके का मज़ा ले रही थी और मज़ा दे रही थी हम दोनों टूट कर एक दुसरे में समां जाना चाहते थे कौन क्या कर रहा था याद नहीं पर याद है तो इतना की वो नीचे लेट कर पूरा सहयोग कर रही थी और मै ऊपर लेट कर उसके हाथ कभी मेरे चूतड़ों को नोचते थे तो कभी कमर उसके होठ कभी मेरे होठ चुस्ती थे तो कभी उसके दांत मेरे कंधे पे होते थे. उस के मुहं से आन्हें और मस्त आवाजें मुझे मस्त कर रही थी वो मुझे उत्तेजीत कर रही थी की मै और ज्यादा झटके लगाऊ और ज्यादा उस की चूचियां दबाऊ और ज्यादा उस के बदन से खेलूं . और मै वो सब कर रहा था जिस में उसे मज़ा आये क्योंकी उस के मजे में मुझे मज़ा आ रहा था. हम दोनों काफी देर तक मज़ा करते रहे वो दो तीन बार झर चुकी थी पर मैदान नहीं छोड़ रही थी मुझे लगा मै जल्द ही झरने वाला हूँ . मैने उसे कहा मै आ रहा हूँ तो उस ने कहा नहीं . और मुझे अपने ऊपर से हटा दिया . मेरी हालत ऐसी थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना छीन लिया हो थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे . कुछ देर बाद वो उठी और सुसु करने चली गयी मुझे भी सु सु आने लगी तो मै उसके पीछे चला गया वो सु सु कर रही थी मै भी उस के बराबर में सु सु करने लगा . तभी उसने बाल्टी मे से मग भरा और मेरे ऊपर पानी डाल दिया और एक बार फिर मस्ती शुरू हो गयी हम दोनों एक दुसरे को नहला रहे थे और बारबार एक दुसरे के अंगो को छेड़ रहे थे चूची चूसते और पपियां लेते-२ हम एक बार फिर चूत और लंड को मिलने लगे पर ठीक से हो नहीं पा रहा था तो मैने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पे लिटा दिया. वो बैठ गयी और पेग बनाने लगी . सिगरेट पिलाओ न यार चांदनी बोली मुझे पता नहीं क्या सुझा मे खड़ा हुआ और लंड उसके होटों से लगा दिया, सिगार पियो ज्यादा मज़ा आयेगा. उस ने मेरे लंड पे पप्पी ली और बोली मुझे सिगरेट का शौक है. मैंने सिगरेट जलाई और उसे दे दी. हम दोनों बराबर -२ बैठ गए और पी ते रहे और एक दुसरे के साथ खिलवाड़ करते रहे. वो जब भी प्लेट में से पकोडे उठाने के लिए झुकती थी तो उसकी चूचियां मेरे सीने से रगड़ ती थी. मे बार बार दबा देता था . लेकिन अबकी बार मैंने हाथों की जगह होटों को कष्ट दिया और उसकी चूची चूसने लगा . वो सरक के मेरे पास आ गयी और मैंने उसे बाँहों में भर लिया . वो मेरे ऊपर बैठ गयी और मे मजे से चूचियां चूसता रहा वो अपने सीने में मुझे दबाती रही . और फिर हमारे होठ एक दुसरे से चिपक गए उस ने मुझे बाँहों में कस लिया मेरा लंड उसके चूतड़ों को चूम रहा था. और मुझे अपने ऊपर लिटाते हुए वो बिस्तर पे लेट गयी. मेरा लंड उसकी चूत पे सैट हो गया और कैसे वो अन्दर तक गया पता नहीं. झटकों, धक्कों , आँहों और करहने का सिलसिला चालू हो गया हम दोनों मस्ती में मस्त थे और एक शानदार चुदाई का मज़ा ले रहे थे हर धक्का अलग मज़ा दे रहा था उस की चूत से फव्वारा निकला तो ढाकों की स्पीड और बढ़ गयी , वो चुमते -२ काट लेती थी पर किसी परवाह थी , उसकी चूचियां मेरे सीने के नीचे फ्लैट हो गयी थी जब भी मैं ऊपर होता था तो वो फिर से खडे हो कर चैलेंज दे दे ते थे और मुझे उन्हे दबाना पड़ता था हर बार दबाने से मुझे लगता था की वो कठोर हो गयी हैं मेरे होठ बरबस चुचियों को चूसने लगते थे लगभग २० -२५ मिनट ये सिलसिला चलता रहा. इस बीच २-३ बार उसकी चूत ने फव्वारा छोड़ा और मेरा लंड नहला दिया. झटकों के बीच मेरे होठ उसके होटों से सटे तो स्पीड बढ़ गयी उस के दांत मेरे कंधे पे काट रहे थे तो उँगलियों के नाख़ून कमर को छील रही थी पर किसी परवाह थी. हम दोनों तो उस समाया जन्नंत में थे.पर तभी उसकी चूत का फव्वारा निकला तो मेरे लंड ने उसकी चूत में फव्वारा छोड़ दिया. हम दोनों अपनी-२ मजिल पे पहुँच चुके थे और मे बेदम सा उसके ऊपर लेट गया पर कुछ मिनट बाद मे उसके बराबर में लेटा तो वो मेरे से चिपक के लेट गयी और कब हम दोनों सो गए पता नहीं.l
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चांदनी-2
कमरा टूएब लाइट की रौशनी में नहाया हुआ था गुलाब और फूलों की खुशबु उसे महका रहे थी. छोटी सी टेबल पर एक जग गिलास और पानी की बोतल रखी थी. कमरे के बीचों -बीच एक बेड पड़ा था जो की लाल और सफ़ेद फूलों से सजा था. और उस पर लाल कपड़ो में चांदनी बैठी थी ये मेरे लिए काफी था मै धीरे -२ बेड के पास गया और बेड पर बैठ गया वो घूँघट में बैठी थी मै धीरे से उसके पास बैठ गया और उसका घूँघट हटा दिया उसने मेरे तरफ देखा वो बिलकुल दुल्हन की तरह शर्मा रही थी मै उसके सामने बैठ कर उसे देखने लगा कुछ देर बाद वो बोली ऐसे क्या देख रहे हो. बहुत सुंदर लग रहे हो मैंने कहा और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर चूम लिया फिर उसके बराबर आकर बैठ गया और चांदनी को अपने पास बिठा लिया हम बात करने लगे और बात करते-२ मैंने धीरे से उसकी साड़ी का पल्लू उसके कंधे पर से हटा दिया और धीरे से उसके गालों पर एक चुम्बन ले लिया वो शर्मा गयी और मैंने तुरंत उसे अपनी बाहों में कस लिया वो भी मेरे से चिपक गयी कुछ देर बाद जब हम अलग हुए तो मैंने उसकी साड़ी का पल्लू एक तरफ कर दिया. उसके लाल ब्लाउज में कसे योवन कपोत बाहर की और झाँकने लगे,लो कट ब्लाउज में उसके ऊँचे पर्बतों की गहरी घाटियाँ दिखाई पड़ रही थी.जिसे देख कर किसी का भी दिल बईमान हो जाये. मैंने धीरे से उसके गले में पहना हुआ हार उतार दिया और उसकी गर्दन पे एक किस कर दी. और कब मेरे होठ उसके सीने पे जा पहुंचे पता ही नहीं चला मै उसे चूमता जा रहा था उसने मुझे अपनी बाँहों में कास लिया जैसे ही मै चांदनी की छातियों को चूमता उस के मुहं से आह निकल पडी. मै ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चोटियों को चूम रहा था वो मेरा सर अपनी छाती पे दबा रही थी. मुझे आगे जाना था मै चांदनी के पेट को चूम रहा था और वो हर पल का आनंद ले रही थी. नाभि को चूमा तो मेरी जीभ उसमे समां गयी. तभी चांदनी ने करवट ली और बेड से उतर गयी. उसने जग से दूध गिलास में डाला और मेरे होठो पे लगा दिया मैंने सिप किया और उसके मुहं से लगा दिया और उसे अपनी गोद में बीठा लिया हमने बारी -२ से सिप करते हुए गिलास खाली किया. वो गिलास रखने के लिये गयी तो मैंने चांदनी की साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और धीरे-२ खींचने लगा साड़ी उसके बदन से अलग हो गयी. वो ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने थी मैंने आगे बढ़कर उसका पेटीकोट उसके शरीर से अलग कर दिया वो शर्मा के फर्श पे बैठ गयी जैसे अपनी नग्नता को छुपा रही हो मैंने उसे गोद में उठाया और बेड पे लिटा दिया. मैंने अपनी शर्ट और जींस उतर दी और चांदनी के पास लेट कर उस से बात करने लगा वो हाँ ना में जवाब दे रही थी. बात करते -२ मैंने उसके ब्लाउज के हूक खोल दिए और कुछ ही पलों बाद वो लाल ब्रा और पैंटी में थी. उसकी ऑंखें बंद थी मै ने उसे चुमते हुए धीरे से उसकी ब्रा को आजाद कर दिया और पेंटी कब उसके बदन से अलग हुई ये तो मुझे भी ठीक याद नहीं मै उसे एक टक देख रहा था चांदनी वाकई बहुत सुन्दर थी.बड़ी-२ नशीली ऑंखें गुलाबी गाल, गुलाब की पंखुड़ी से होंठ लम्बी गर्दन पर्बतों जैसी ऊँची और कठोर छातियाँ और उन पे ऊपर गुलाबी घेरा और बीच में एक बड़ा सा अंगूर. मद मस्त चूचियां गोरा चिकना समतल पेट केले के पेड जैसी चिकनी पुष्ट जांघे और उनके बीच में छुपी एक प्यारी से थोड़ी उभरी हुई योनी. चिकना बदन कहीं एक बाल नहीं और अगर मै शायर या कवी होता तो कम से कम एक किताब उस पे लिख देता.कुछ देर देखने के बाद मैंने उसके होठों को चूम लिया और उसके बाद तो जैसे ज्वार आ गया मै उसके बदन को चूमता रहा और चांदनी मुझे कसती रही मेरे बदन से चड्डी बनियान कब अलग हुए पता ही नहीं चला हम एक दुसरे की बाँहों में समां रही थे और कब मेरे लंड ने उसकी चूत पे दस्तक दी पता नहीं चला जब लंड चूत को चूम रहा था तब होश आया पर तब तक देर हो चुकी थी चूत ने लंड को रास्ता दिखा दिया था और बाकी काम मुझे करना था मै धीरे धीरे लंड का दबाव बढ़ने लगा और लंड चांदनी की चूत में जा रहा था चांदनी नीचे से सह्यूग कर रही थी पर कुछ देर में उसके चेहरे पे दर्द झलकने लगा मैंने उस की आँखों में देखा वो दर्द पी रही थी दर्द मुझे भी हो रहा था तभी चांदनी बोली मेरा कोमार्य तुम्हे समर्पित और मेरा तुम्हे मैंने कहा और एक झटका लगाया उस की झीली फट गयी मेरे टाँके टूट गए उसकी उँगलियों के नाख़ून मेरे कंधे और कमर पे चुभ रहे थे पर हम आगे बढ़ते रहे कुछ देर में उसकी चूत से रस निकलने लगा और लंड थोडा आराम से अन्दर बहार होने लगा हम दोनों मस्त थे और मै ऊपर से जितने जोर से जितनी मेरे में ताकत थी धक्के लगा रहा था पर कुछ देर बाद उस की चूत से जो रस निकला उस ने मेरे लंड पे जादू कर दिया और मै जितनी तेज़ी से धक्के लगा सकता था लगा ने लगा उस ने मुझे अपनी बाहों में कास लिया उसके पांव मेरी कमर पे लिपट गयी और वो हर पल का आनंद ले रही थी लेकिन ये ज्यादा देर न चल सका उसकी चूत से पानी का फवारा निकला और मेरे लंड ने उसकी प्यासी चूत पे बारिश कर दी. हम दोनों कुछ देर में शांत लेट गए ऐसा लग रहा था जैसे कई मील दौड़ कर आये हों और कब सो गए पता ही नहीं चला.
जब मेरी आंख खुली तो चांदनी मेरे पास गहरी नींद में सो रहे थी मेरा हाथ उसके सर के निचे था और उस के और मेरे पाँव आपस में गुथे थे मुझे जोर से सु सु लगी थी मैंने धीरे से चांदनी को अलग किया और चला गया . जब मै वापस आया वो सो रही थी मै उसे पलंग के पास खड़ा देखता रह गया. कितनी मासूम और भोली लड़की है. चांदनी बहुत सुन्दर लग रहे थी चादर पे उसके खून और हमारे दोनों के मिश्रित रस के निशान थे जो की लगभग सुख गए थे. मेरे दिमाग में रात का सारा वाकया घूम गया. मन एक बार फिर वही सब करने को कर रहा था पर उसे सोता देख मैंने अपना इरादा बदल लिया और धीरे से पलंग पे लेट गया पर आहट से उसकी नींद खुल गयी और मुझे देख कर बोली क्या हुआ कहते हुए वो उठने लगी पर तभी उसको अहेसास हुआ की वो बिलकुल नंगी है उसने जल्दी से इधर उधर देखा और कोई कपडा धुंडने लगी पर वहां कुछ नहीं था उसने शरमाते है कहा दुसरी तरफ देखो मैंने मुह दुसरी तरफ किया वो जल्दी से उठी और अपनी साड़ी लपेटे हुए कमरे से बहार दौड़ गयी. मैंने कमरे में इधर उधर देखा तो मुझे एक टावल नज़र आया मैंने उसे लपेट लिया कुछ देर बाद आयी तो साड़ी कुछ ठीक से पहने थी पर ब्लाउज नहीं पहना था क्योंकि वो जल्दी में लेजाना भूल गयी थी . उसने आकर ब्लाउज उठाया और पलंग पे मेरी तरफ पीठ करके बैठ कर बिना साड़ी हटाये ब्लाउज पहने लगी और बोली आप सोये नहीं. मैंने उसे रोकते और उसके हाथ से ब्लाउज लेते हुए कहा जब इतनी खुबसूरत जवान लडकी बराबर में लेटी हो तो कौन बेवकूफ सोये गा. चांदनी ने मेरी तरफ पलट के देखा पर कुछ नहीं कहा.मै आराम से लेट गया जबकि चांदनी अभी भी बैठी थी
मै: लेट जाओ
चांदनी :मेरा ब्लाउज दो
मै: क्यों
चांदनी चुप रही और चुपचाप दुसरी तरफ मुह करके लेट गयी और सो गयी मै भी चुप चाप सो गया लेकिन कुछ देर में आंख खुल गयी चांदनी अभी भी सो रही थी लकिन अब उसका चेहरा मेरी तरफ था . करवट ले ने के कारन उसकी साड़ी उसके सीने से हट गयी थी और चांदनी के सुडौल स्तन मेरे सामने थे और मेरे होठ अपने आप उसके गुलाबी चुचकों को चूसने लगे चांदनी मेरी
तरफ खिसकने लगी और मुझ से लिपट गयी. होठ चुचियों से होठों पे पहुँच चुके थे और मेरा हाथ धीरे -२ उसकी मांसल जांघ पे फिसल रहे थे और बहुत ज़ल्द उसकी साड़ी उसके बदन से दूर होके फर्श पे पडी थी और मेरा टावल कहाँ था ये मुझे सोचने पे भी याद नहीं आ रहा है. हमारे बदन चिपकते गए दोनों के जिस्म एक दुसरे की आग से जल रहे थे उतेजना के कारन हाथ इधर उधर पड़ रहे थे
चांदनी और मै एक दुसरे से चिपटे हुए थे पर फिर भी ऐसा लग रहा था जैसे दूर हैं और फिर उसकी चूचियां चूसते-२ कब मै उसके ऊपर आ गया पता ही नहीं चला . मेरे होठ उसके होठों से चिपक गए और मेरा लंड उसकी चूत चूमने लगा . चांदनी की चूत ने उसका स्वागत किया और चांदनी ने धीरे से अपनी टांगों को खोलते हुए रास्ता बना दिया , बाकि काम लंड और चूत ने अपने आप किया लंड ने चूत को चूमा तो चूत ने उसे अन्दर बुला लिया और लुंड धीरे -२ अन्दर जाने लगा मै धीरे -२ दबाव बढ़ता गया और उसकी चिकनी चूत लंड को हड़प करती गयी उसकी चूत में लंड पूरा फिट था और फिर शुरू हुआ घमासान मै ऊपर से धक्के लगा रहा था और वो नीचे से पूरा सहयोग कर रही थी हम दोनों नए खिलाड़ी थे पर इस खेल में अब कुछ अपने आप आ जाता है, हम दोनों धीरे -२ स्वार्थी होने लगे और ये परवाह न करते हुए की साथी को क्या चाहिय सिर्फ अपना मज़ा करते रहे और इस मज़े में दुसरे को उतना ही मज़ा आ रहा था जितना की किसी एक को. एक को थकन होने लगती तो दूसरा मोर्चा संभल लेता और हमारा खेल चलता रहा चूत में लंड का आना जाना चुचियों का चुसना और मेरे चूतडों को दबाना होटों का चूमना सब कुछ चल रहा था चांदनी की चूत कई बार पानी बरसा चुकी थी पर हार नहीं मान रही थी हर बार फिर से तैयार हो जाती थी, पर समय को ये मंज़ूर नहीं था न जाने कब वो चरमोत्कर्ष पे पहुँच गयी और मेरे लंड पे पानी की ऐसी बारिश की मेरा लंड उस बारिश पे निहाल हो गया मेरे ध्कों की स्पीड अपने आप बढ़ती चली गयी और मेरे लंड ने भी बरसात कर दी . उसके नाख़ून मेरी कमर को जकड रहे थे पर किसे परवाह थी और कुछ ही देर में हम दोनों तृप्त होक एक दुसरे के बाँहों में समां गए. उसने मुझे चूमा और सिर्फ इतना कहा काश ये रात कभी ख़तम न हो. हम एक दुसरे की बाँहों में कब सो गए पता ही नहीं चला.
चाय ठंडी हो रही है उठो न, सुनकर मेरी आंख खुली चांदनी मेरे ऊपर झुकी थी और मुझे जगा रही थी. ऑंखें खोलते ही सबसे पहले मेरी निगाह चांदनी के होठों पे गयी . चांदनी ने मेरे होठों पे एक चुम्बन दिया और गुड मोर्निंग कहा. मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और अपने ऊपर लिटा लिया .लेकिन वो एक दम उठी और मै चाय लाती हूँ कह कर बहार चली गयी. मुझे जोर से पेशाब आ रहा था सो मै ने टोवल लपेटा और बाहर जा कर मूत आया. मै कपडे पहनने के लिए कपडे खोज रहा था के चांदनी कमरे में आयी उसने रात वाली साड़ी पहने थी चाय टेबल पे रख कर बेड पे बैठ गयी. मेरे कपडे वहां नहीं थे मैंने उस से अपने कपड़ों के लिए पूछा तो वो बेड से खडी हो गयी और बोली मुझे क्या पता कहाँ है तुम्हारे पास है मै ने कहा तो वो बोली अपने कपडे संभल के रखते . जब मैंने फिर से कहा तो चांदनी बोली मैंने तो अपने कपडे पहने है देख लो कह कर अपनी साड़ी हिलाने लगी मुझे तुम्हारे कपड़ों का क्या पता . वैसे इस ड्रेस मै भी बुरे नहीं लग रहे हो. कह कर हंस दी. मै उसके पास गया तो उस ने मेरा टोवल खिंच लिया और मै एक दम नंगा हो गया. जैसे ही उसने मेरा टोवल खिंचा मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ कर खिंच लिया वो संभल पाती उस से पहले उस की साड़ी खुल गयी और वो टॉपलेस हो गयी उसने ब्लाउज और ब्रा नहीं पहनी थी साथ ही वो वो मेरे एक दम्पास आ गयी हमारी दोनों की नज़रें मिली और हम एक दुसरे की बाँहों में समां गए होठ चिपक गए सीने से चूचियां लिपट गयी पेट पेट को चूम रहा था और हाथ एक दुसरे की कमर पे कसे थे मेरे हाथ फिसलते हुए उसके नितम्बों पे पहुंचे तो उसकी साड़ी अपने आप उसका बदन छोड़ के चली गयी और मैंने हल्का सा एडजेस्ट करते हुए अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा. पर वो मेरे से ज्यादा आतुर थी उस ने एडजेस्ट करते हुए लंड को अपनी चूत के होठों में दबा लिया मैंने बिना देर किये उसके चूतडों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया तो लंड लगभग १.५ इंच अन्दर चला गया कुछ देर हम ऐसे ही खडे रहे मैंने अपने होंठ उसके होठों से आजाद कराये और उसे गोद में आने को कहा वो उसी तरह मेरी गर्दन में हाथ डालकर अपनी टांगेमेरी कमर पे लपेट दी और मै उसे लेकर बेड की तरफ चल दिया मेरा लंड उसकी चूत में था चलने से उसकी चूत मेरे लंड को गुदगुदा रही थी और फिर जैसे ही मैंने उसे पलंग पे लिटाया उस ने मुझे फिर से कास लिया . मै भी जोश में था और जोश -२ में लंड चूत में जाता गया बहार आता गया फिर गे फिर आया ये सब कितनी देर हुआ नहीं पता पर जब होश आया तो हम दोनों निढाल थे हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में काफी देर तक लेटे रहे . लाओ यार चाय पिलाओ तो वो उठ ते हुए बोली इतनी मेहनत के बाद तो जो माँगो वो मिलेगा और फिर हम दोनों नंगे चाय पीने लगे.
मैंने चांदनी से कपडे मांगे तो वो बोली तुम मुझे इस ड्रेस में ज्यादा अच्छे लगते हो इस लिए तुम नंगे रहो तो अच्छा है पर अगर पहनने है तो ये टोवल पहन सकते हो.चाय पी सिगरेट पी फ्रेश हुआ और बाकि काम निबटते -२ मुझे भूक लगने लगी . मै अन्दर गया तो चांदनी एक नार्मल गोउन पहने हुए नाश्ता बना रही थी. मैंने उसे पीछे से जा कर पकड़ लिया और उसके मोमे दबाने लगा और दुसरे हाथ से उसके नितम्ब दबाते हुए उसकी चूत खुजलाने लगा. ये बताने की जरुरत नहीं है के वो ब्रा या पंतय नहीं पाहे थी. वो थोड़ी देर मज़े लेती रही फिर बोली पहले नाश्ता कर लो फिर कर लेना . कहती हुई नाश्ता ट्रे में रख के कमरे की तरफ चल दी. मुझे ठण्ड लग रही थी तो मैंने कहा कुछ तो दे दो पहनने को मुझे ठण्ड लग रही है. चांदनी ने जवाब दिया तुमने भी एक कपडा पहना है और मैंने भी एक कपडा पहना है और अगर ठण्ड लग रही है तो बहार धुप में बैठते है ठीक है मैंने कहा . फिर हम दोनों धुप में बैठ के नाश्ता करने लगे . नाश्ता क्या था सॉलिड आलू के पराठा और माखन चार पराठे खा के तबियत मस्त हो गयी . नाश्ता कर के हम वहीँ आराम करने लगे बात करते -२ और सिगरेट पीते रहे और मुझे कब नींद आ गयी पता नहीं चला. आँख खुली तो चांदनी वहां नहीं थी. मै उठ के अन्दर गया तो वो रसोई में कुछ बना रही थी मैंने पुचा क्या कर रही हो . कुछ नहीं बस हो गया कहते हुए वो रसोई से बाहर आ गयी. मैंने एक बार फिर उसे बाँहों में कास लिया तो वो बोली छोड़ो मुझे नहाना है. कह के वो बाथरूम की तरफ चल दी मै उसके पीछे -२ चल दिया. बाथरूम कहने को था पर एक अच्छा खासा कमरा था मैंने अन्दर घुसते ही उस के कपडे उतर दिए और उस ने मेरा टोवल खिंच दिया हम दोनों ने एक दुसरे को नहलाया उस ने मेरे पुरे बदन पे साबुन लगाया मेरे लंड को अच्छी तरह साफ़ किया मैंने भी उसकी चुचियों को खूब रगडा और चूत को ऊँगली डाल के साफ़ किया नाह के हम दोनों बहार आ गए उस ने मुझे टी शर्ट और पायजामा दिया और खुद दुसरे कमरे में गांड मटकाती हुई चली गयी. मै कपडे पहन के बहार धुप में बैठ गया. थोड़ी देर बाद उस ने आवाज़ लगाई तो में अन्दर कमरे में गया. वो सलवार कमीज़ पहने थी. वो बोली व्हिस्की ख़तम हो गयी है कहाँ मिलेगी मैंने पूछा. दुकान पे उसने कहा. मेरा मतलब है कहाँ है . लगभग ५ किलोमीटर पे है. मैंने रास्ता पूछा कपडे बदले और गाडी ले के चला गया. मैंने तीन बोतल ब्लेंदेर्स प्राइड की ली और सोडा सिगरेट वगेरह ले के वापस आ गया.
जब में वापस पहुंचा तो कमरे में टेबल सजी हुई थी और स्टीरियो पे दारू वाली ग़ज़ल चल रही थी और नीचे फर्श पे बिस्तर लगा था. पर चांदनी वहां नहीं थी तभी वो आयी . उस ने गुलाबी रंग की फ्रंट ओपन टाइट शर्ट और इस्कर्ट पहनी थी, उस की शर्ट इतनी टाइट थी की बटन टूटने को थे उस ने पेग बनाये और हम नीचे बिस्तर पे बैठ के पीने लगे . वो मेरे सामने बैठी थी उस ने कहा एक गेम खेलते है हम दोनों में जो भी दुसरे को हाथ लगाये गा उसे दुसरे की एक बात माननी होगी. और दूसरा जो भी उसे करने को कहेगा वो करना होगा. उसकी गोरी जांघ मेरी आँखों के सामने थी चूचियां आधी आँखों के सामने थी मन कर रहा था की दबा दूँ पर मै गेम का मज़ा लेना चाहता था. दो -२ पेग अन्दर जाते -२ हमारी शरारत बढने लगी वो अपने पैर से मेरे लंड को बार-२ दबा रही थी मैंने भी उसकी स्कर्ट में पाँव घुसा के जांघे सहला रहा था वो शायद ज्यादा गरम हो गयी उस की ऑंखें और चेहरा लाल हो गया . वो अचानक खडी हुई और मेरी गोद में बैठ गयी और मेरे होठों पे होठ रख के चूसने लगी एक शानदार चुम्बन होठ सिले थे जीभ एक दुसरे को चाट रही थी और इस सब में मै इतना मस्त हुआ की भूल गया के मुझे हाथ नहीं लगाना मै ने उसे बाँहों में कस लिया और एक शानदार की समाप्ती पे उसने कहा छोड़ो मैंने उसे अपनी बाँहों से आजाद किया तो याद आया, मै एक राउंड हार गया था उस ने खडे होते हुए कहा तुम हार गए . और अपनी जगह पे बैठ गयी अपनी पेंट उतारो . मै खड़ा हुआ और अपनी पेंट उतार दी मैंने अंडरवियर नहीं पहना था सो मेरा कड़क लंड उसके सामने था. हम फिर से पेग लगाने लगे मैंने अपने पाँव के अंगूठे से उसकी शर्ट के चूची वाले बटन खोल दिए और उसकी चूत के ऊपर पाँव से रगड़ने लगा. कुछ देर में मै खड़ा हुआ और उस की चूचियां शर्ट के ऊपर से चूसने लगा और अपने पाँव से उसकी स्कर्ट को ऊपर कर दिया और लंड उसकी जांघों पे रगडने लगा वो पगला गयी और मेरे सर को अपनी चुचियों पे दबाने लगी . मै खड़ा हुआ . वो समझ गयी और बोली . क्या करना है . शर्ट उतारो मैंने कहा उस ने शर्ट उतारी और एक और फेंक दी. इस तरह हमारी शरारत चलती रही और कपडे उतरते रहे मै पूरी तरह नंगा था पर उस के बदन पे स्कर्ट थी. शरारत इस कदर बड़ी की उस ने अपनी स्कर्ट ऊपर की और मेरे र दोनों साइड पैर रख के बैठ गयी मेरा लंड उस की चूत को छु रहा था मैंने अपना लंड अड्जेस्ट किया और उसकी चूत पे लगा दिया वो थोडा सा अड्जेस्ट हुई और बैठ गयी लंड उस की गीली चूत में फिसलता हुआ अन्दर गया तो वो चीख पडी और एक दम खडी हो गयी . मै हंस पड़ा उस की आँखों में दर्द था फिर से बैठ गयी पर अबकी बार लंड चूत से काफी दूर था और मेरे सीने पे घूंसे मारने लगी. तुम हार गयी मैंने कहा. वो खडी हुई और स्कर्ट सरका के बोली तुम पहले हार चुके हो और इस गेम में कौन हरता है देखते हैं कह के बिस्तर पे लेट गयी और मुझे अपने ऊपर खींच लिया . मै चूचियां दबाता रहा चूसता रहा और वो मुझे बाँहों में कस ते हुए चूमती रही मैंने भी उसकी चिकनी और गीली चूत पे लंड रखा तो वो निहाल हो गयी आओ ना - ही कह पाई थी की लंड के झटके ने उसे हिला दिया और फिर झटके जब तक चले जब तक्ल की लंड पूरा नहीं घुस गया चांदनी हर झटके का मज़ा ले रही थी और मज़ा दे रही थी हम दोनों टूट कर एक दुसरे में समां जाना चाहते थे कौन क्या कर रहा था याद नहीं पर याद है तो इतना की वो नीचे लेट कर पूरा सहयोग कर रही थी और मै ऊपर लेट कर उसके हाथ कभी मेरे चूतड़ों को नोचते थे तो कभी कमर उसके होठ कभी मेरे होठ चुस्ती थे तो कभी उसके दांत मेरे कंधे पे होते थे. उस के मुहं से आन्हें और मस्त आवाजें मुझे मस्त कर रही थी वो मुझे उत्तेजीत कर रही थी की मै और ज्यादा झटके लगाऊ और ज्यादा उस की चूचियां दबाऊ और ज्यादा उस के बदन से खेलूं . और मै वो सब कर रहा था जिस में उसे मज़ा आये क्योंकी उस के मजे में मुझे मज़ा आ रहा था. हम दोनों काफी देर तक मज़ा करते रहे वो दो तीन बार झर चुकी थी पर मैदान नहीं छोड़ रही थी मुझे लगा मै जल्द ही झरने वाला हूँ . मैने उसे कहा मै आ रहा हूँ तो उस ने कहा नहीं . और मुझे अपने ऊपर से हटा दिया . मेरी हालत ऐसी थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना छीन लिया हो थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे . कुछ देर बाद वो उठी और सुसु करने चली गयी मुझे भी सु सु आने लगी तो मै उसके पीछे चला गया वो सु सु कर रही थी मै भी उस के बराबर में सु सु करने लगा . तभी उसने बाल्टी मे से मग भरा और मेरे ऊपर पानी डाल दिया और एक बार फिर मस्ती शुरू हो गयी हम दोनों एक दुसरे को नहला रहे थे और बारबार एक दुसरे के अंगो को छेड़ रहे थे चूची चूसते और पपियां लेते-२ हम एक बार फिर चूत और लंड को मिलने लगे पर ठीक से हो नहीं पा रहा था तो मैने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पे लिटा दिया. वो बैठ गयी और पेग बनाने लगी . सिगरेट पिलाओ न यार चांदनी बोली मुझे पता नहीं क्या सुझा मे खड़ा हुआ और लंड उसके होटों से लगा दिया, सिगार पियो ज्यादा मज़ा आयेगा. उस ने मेरे लंड पे पप्पी ली और बोली मुझे सिगरेट का शौक है. मैंने सिगरेट जलाई और उसे दे दी. हम दोनों बराबर -२ बैठ गए और पी ते रहे और एक दुसरे के साथ खिलवाड़ करते रहे. वो जब भी प्लेट में से पकोडे उठाने के लिए झुकती थी तो उसकी चूचियां मेरे सीने से रगड़ ती थी. मे बार बार दबा देता था . लेकिन अबकी बार मैंने हाथों की जगह होटों को कष्ट दिया और उसकी चूची चूसने लगा . वो सरक के मेरे पास आ गयी और मैंने उसे बाँहों में भर लिया . वो मेरे ऊपर बैठ गयी और मे मजे से चूचियां चूसता रहा वो अपने सीने में मुझे दबाती रही . और फिर हमारे होठ एक दुसरे से चिपक गए उस ने मुझे बाँहों में कस लिया मेरा लंड उसके चूतड़ों को चूम रहा था. और मुझे अपने ऊपर लिटाते हुए वो बिस्तर पे लेट गयी. मेरा लंड उसकी चूत पे सैट हो गया और कैसे वो अन्दर तक गया पता नहीं. झटकों, धक्कों , आँहों और करहने का सिलसिला चालू हो गया हम दोनों मस्ती में मस्त थे और एक शानदार चुदाई का मज़ा ले रहे थे हर धक्का अलग मज़ा दे रहा था उस की चूत से फव्वारा निकला तो ढाकों की स्पीड और बढ़ गयी , वो चुमते -२ काट लेती थी पर किसी परवाह थी , उसकी चूचियां मेरे सीने के नीचे फ्लैट हो गयी थी जब भी मैं ऊपर होता था तो वो फिर से खडे हो कर चैलेंज दे दे ते थे और मुझे उन्हे दबाना पड़ता था हर बार दबाने से मुझे लगता था की वो कठोर हो गयी हैं मेरे होठ बरबस चुचियों को चूसने लगते थे लगभग २० -२५ मिनट ये सिलसिला चलता रहा. इस बीच २-३ बार उसकी चूत ने फव्वारा छोड़ा और मेरा लंड नहला दिया. झटकों के बीच मेरे होठ उसके होटों से सटे तो स्पीड बढ़ गयी उस के दांत मेरे कंधे पे काट रहे थे तो उँगलियों के नाख़ून कमर को छील रही थी पर किसी परवाह थी. हम दोनों तो उस समाया जन्नंत में थे.पर तभी उसकी चूत का फव्वारा निकला तो मेरे लंड ने उसकी चूत में फव्वारा छोड़ दिया. हम दोनों अपनी-२ मजिल पे पहुँच चुके थे और मे बेदम सा उसके ऊपर लेट गया पर कुछ मिनट बाद मे उसके बराबर में लेटा तो वो मेरे से चिपक के लेट गयी और कब हम दोनों सो गए पता नहीं.l
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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