FUN-MAZA-MASTI
मेरे पास एक अल्सेसियन कुतिया जिमी थी जो काफी सुन्दर थी मेरी पत्नी और मैं उसे बहुत चाहते थे . जब वो बड़ी हुई तो उसे क्रोस कराने के बारे में मेरी पत्नी और मैंने सोचा . मुझे पता चला की एक बैंक के मैनेजर के पास एक बहुत ही शानदार अल्सेसियन मेल कुत्ता है तथा वो ८ हज़ार रुपये लेकर अपने कुत्ते से क्रोस करने का काम कराता है , मैं बैंक मैनेजेर से मिला जिसने अपने घर ले जाकर अपने कुत्ते को दिखाया , वास्तव में वो बहुत ही शानदार और विशाल कुत्ता था.मेरी जिमी के लिए बहुत ही सही कुत्ता था. मैनेजेर ने कहा की जब भी आपकी डोगी हीट पर आये तब शाम के वक्त आपडोगी को ले आना क्यों की मैं शाम को घर पर ही मिलता हूं. करीब १ महीने बाद जिमी हीट पर आ गयी . मैं शाम को जिमी को लेकर मैनेजर के घर पंहुचा तो मनेजर अपने घर नहीं मिला . मैनेजर की घर पर मिली जिसने बताया की मैनेजर तो पिछले एक हफ्ते से हैदराबाद १५ दिन की ट्रेनिंग पर गए हैं . मैं एकदम निराश हो गया. इसी बीच मनाजर की बीवी ने अपने पति से फोन पर बात की . मैनजर को पैसे का लालच था या मेरी परेशानी, उसने मुझसे फोन पर बात की और अपने वंहा न होने का अफ़सोस जताया . फिर उसने कहा की अआप अपनी डौगी को पीछे गैराज में ले जाईये मैं अपनी पत्नी को बता देता हूं वो डोग को खोल देगी , डोग आपकी डौगी को क्रोस कर देगा जिसके बाद आप मेरी पत्नी को पेमेंट दे कर चले जाना . मैंने कहा ठीक है . मैं जिमी को लेकर गैराज में पंहुच गया. अंदर जाकर मैनेजेर की बीवी ने अपने डोग को खोल दिया. डोग दोड कर गैराज में आ गया और आते ही जिमी के ऊपर चड गया जिमी ने कोई विरोध नहीं किया .डोग ने तेजी से धक्के मारने शुरू किये .जैसे ही उसका लंड जिमी की चूत में घुसा मारे दर्द के उसने सीटी जैसी चीख मारी और दर्द के गुस्से से डोग पर झपट पड़ी. डोग ने फिर चदने कोशिश की तो जिमी ने गुर्रा कर अपने ऊपर नहीं चदने दिया और जिमी नीचे फर्श पर बैठ गयी. डोग ने कई बार फिर चदने का प्रयास किया तो जिमी ने उसे अपने ऊपर चड़ने नहीं दिया और वो डोग पर झपट पड़ती थी. करीबी आधा घंटा इंतज़ार करने के बाद भी जिमी ने डोग अपने ऊपर चड़ने नहीं दिया तो मैंने सोचा की अब शायद जिमी चड़ने नहीं देगी तो मैं वापस ले जाने के लिए जैसे ही चला की डोग मुझ पर जोर से गुर्राया जिसे देख मैं एकदम डर गया. मैंने दूर से जिमी को आवाज दी वो जैसे ही खड़ी हुयी डोग ने फिर चड़ने को कोशिश की तो जिमी फिर नीचे बैठ गयी. अब न तो जिमी मेरे पास आ रही थी न ही डोग मुझे पास आने दे रहा था इसे ही करीब डेढ़ घंटा और बीत गया. मैं काफी परेशांन हो गया, जब मुझे कोई उपाय नहीं सुझा तो मैंने अंदर मैनेजर की बीवी को जाकर बताया की डौगी क्रोस नहीं करने दे रही आप अपने डोग को बांधले. नेक्स्ट टाइम देखा जायेगा.
मैनेजर की बीवी गैराज में अंदर ई और डोग को अंदर जाने को कहा पर डोग ने उसली कमांड नहीं मानी. जिमी डोग को चदने तो नहीं दे रही थी पर उसका मन भी मेरे साथ जाने को नहीं कर रहा था शायद. मैनेजर की बीवी ने मुझ से कहा की डोग तो मेरा भी कहना नहीं मान रहा. मैंने थोडा झेंपते हुए मुस्कुरा कर कहा की शायद सब इश्क का चक्कर है, मेरी बात पर वो भी जैपते हुए मुस्कुरा गयी. ऐसे ही १५ मिनट बीत गए . वो फिर मझसे बोली की भाईसाहब थोड़ी हिम्मत करो आप अपनी डौगी की जंजीर पकड़ कर ले जाओ मैं भी हिम्मत कर डोग को पकडती हूं. मैंने हिम्मत करते हुए पास जाकर जिमी की जंजीर पकड़ जिमी को खड़ा किया . डोग गुर्राया पर उसकी मालकिन के पास होने से मेरी थोड़ी हिम्मत बन गयी थी. जिमी के खड़े होते ही डोग पीछे से फिर चड गया . अबकी बार जिमी डोग पर झपटी नहीं और चुदने के लिए सीधे खड़े हो गयी . अब मनेजर की बीवी के वंहा होने से मुझे शर्म भी आ रही थी थोडा उत्तेजना भी आ रही थी. मैनेजर की बीवी थोडा झेंपी सी देख रही थी.अब डोग का लंड चूत पर लगा जिमी चीखने लगी और नीचे को बैठने लगी. मैंने मैनेजेर की बीवी की तरफ देखा तो वो बोली भाईसाहब इसे आगे से पकड़ लो बैठने मत दो. मैंने जिमी को आगे से ऊपर को उठाया तो वो पीछे से नीचे को झुक गई और डोग का लंड बाहर आ गया लंड बहुत मोटा और लाल सुर्ख था. मैनेजेर की बीवी भी सपोर्ट में आकार अपने डोग को गाइड करने लगी पर वो और उनका डोग सफल नहीं हो पा रहे थे. मैनेजेर की बीवी और मुझमें में एक मौन समझदारी बन गयी. वो अपने डोग को गाइड करने लगी और मैं अपनी जिमी को उठाने लगा . जिमी अपने पिछले हिस्से को इधर उधर करने लगी जिससे डोग अपना लंड डालने में सफल नहीं हो पा रहा था. थोड़ी देर तक यही कोशिश चलती रही पर सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब में जिमी के साइड में आया और दोनों हाथ लगा कर जिमी के पिछले हिस्से को ऊपर उठाया . पर अब भी डोग लंड डालने में सफल नहीं हो प् रहा था. अब मैनेजेर की बीवी ने मेरे पास ही बैठ कर डोग के लंड को पकड़ कर जिमी की चूत में डालनाशुरू कर दिया . यह देख कर मैं एकदम उत्तेजित हो गया और एक हाथ कोजिमी के पेट के नीचे रखते हुए अपने दूसरे हाथ को कुत्ते के लंड पर ले गया और मैनेजेर की बीवी के हाथ के साथ ही अपने हाथ से कुत्ते के लंड को पकड़ लिया अब तक मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था. मैनेजेर की बीवी ने भी लंड नहीं छोड़ा था कुत्ते के लंड में पीछे बहुत मोती गांठ थी जिसके कारन ही जिमी की चुदने में गांड फट रही थी. मामला बहुत ही उत्तेजक हो चूका था मैं फुसफुसाया इतना मोटा है कैसे अंदर जायेगा मैनेजेर की बीवी एकदम शरमाई और झेंपी सी मुस्कुराई और बोली बेचारी डौगी. मैंने कहा बेचारा डोग अब तक मैंने लंड पर रखे हाथ को भींचना शुरू कर दिया था जिससे मैनेजेर की बीवी का हाथ और लंड दोनों ही भींचने लगे . साडी कोशिश के दोरान कुत्ते का पूरा लंड जिमी की चूत को फाड़ता हुआ गांठ समेत जिमी की चूत में गुस गया जिमी बहुत तडपी रोई चीखी मगर अब तक तो मैनेजेर का कुत्ता उसकी इज्जत लूट चूका था और दोनों की लैंडी जुड चुकी थी. अब भी हम दोनों के हाथ लैंदी की जगह पर थे . अब में धीर से मैनेजेर की बीवी की तरफ झुका मैनेजेर की बीवी ने मेरी आँखों में झाँका मेने अपने होठो से उसके होठ चूम लिए .वो कुछ नहीं बोली मैंने फिर से होठों को चूमा तो उसने अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होठ मेरे होठों पर कसके रख कर रख दिए और वन्ही फर्श पर घुटने ने के बल बैठ कर घोड़ी बन गयी . अपनी साडी को पेट तक उघेड़ा और नीचे से नंगी हो गयी फिर अपनी पैंटी नीचे को करके मुझे अपनी ओर खेंचा मैंने भी अपनी पैंट उतारी और अपना लंड निकल कर उसकी चूत पर रखा दिया मारे उत्तेजना के चूत एकदम गीली हो रही थी एक ही धक्के में मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया........
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लैंडी जुड चुकी थी............
अब में धीर से मैनेजेर की बीवी की तरफ झुका मैनेजेर की बीवी ने मेरी आँखों में झाँका मेने अपने होठो से उसके होठ चूम लिए .वो कुछ नहीं बोली मैंने फिर से होठों को चूमा तो उसने अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होठ मेरे होठों पर कसके रख कर रख दिए और वन्ही फर्श पर घुटने न के बल बैठ कर घोड़ी बन गयी . अपनी साडी को पेट तक उघेड़ा और नीचे से नंगी हो गयी...शुरू से पड़ें पूरी कहानीमेरे पास एक अल्सेसियन कुतिया जिमी थी जो काफी सुन्दर थी मेरी पत्नी और मैं उसे बहुत चाहते थे . जब वो बड़ी हुई तो उसे क्रोस कराने के बारे में मेरी पत्नी और मैंने सोचा . मुझे पता चला की एक बैंक के मैनेजर के पास एक बहुत ही शानदार अल्सेसियन मेल कुत्ता है तथा वो ८ हज़ार रुपये लेकर अपने कुत्ते से क्रोस करने का काम कराता है , मैं बैंक मैनेजेर से मिला जिसने अपने घर ले जाकर अपने कुत्ते को दिखाया , वास्तव में वो बहुत ही शानदार और विशाल कुत्ता था.मेरी जिमी के लिए बहुत ही सही कुत्ता था. मैनेजेर ने कहा की जब भी आपकी डोगी हीट पर आये तब शाम के वक्त आपडोगी को ले आना क्यों की मैं शाम को घर पर ही मिलता हूं. करीब १ महीने बाद जिमी हीट पर आ गयी . मैं शाम को जिमी को लेकर मैनेजर के घर पंहुचा तो मनेजर अपने घर नहीं मिला . मैनेजर की घर पर मिली जिसने बताया की मैनेजर तो पिछले एक हफ्ते से हैदराबाद १५ दिन की ट्रेनिंग पर गए हैं . मैं एकदम निराश हो गया. इसी बीच मनाजर की बीवी ने अपने पति से फोन पर बात की . मैनजर को पैसे का लालच था या मेरी परेशानी, उसने मुझसे फोन पर बात की और अपने वंहा न होने का अफ़सोस जताया . फिर उसने कहा की अआप अपनी डौगी को पीछे गैराज में ले जाईये मैं अपनी पत्नी को बता देता हूं वो डोग को खोल देगी , डोग आपकी डौगी को क्रोस कर देगा जिसके बाद आप मेरी पत्नी को पेमेंट दे कर चले जाना . मैंने कहा ठीक है . मैं जिमी को लेकर गैराज में पंहुच गया. अंदर जाकर मैनेजेर की बीवी ने अपने डोग को खोल दिया. डोग दोड कर गैराज में आ गया और आते ही जिमी के ऊपर चड गया जिमी ने कोई विरोध नहीं किया .डोग ने तेजी से धक्के मारने शुरू किये .जैसे ही उसका लंड जिमी की चूत में घुसा मारे दर्द के उसने सीटी जैसी चीख मारी और दर्द के गुस्से से डोग पर झपट पड़ी. डोग ने फिर चदने कोशिश की तो जिमी ने गुर्रा कर अपने ऊपर नहीं चदने दिया और जिमी नीचे फर्श पर बैठ गयी. डोग ने कई बार फिर चदने का प्रयास किया तो जिमी ने उसे अपने ऊपर चड़ने नहीं दिया और वो डोग पर झपट पड़ती थी. करीबी आधा घंटा इंतज़ार करने के बाद भी जिमी ने डोग अपने ऊपर चड़ने नहीं दिया तो मैंने सोचा की अब शायद जिमी चड़ने नहीं देगी तो मैं वापस ले जाने के लिए जैसे ही चला की डोग मुझ पर जोर से गुर्राया जिसे देख मैं एकदम डर गया. मैंने दूर से जिमी को आवाज दी वो जैसे ही खड़ी हुयी डोग ने फिर चड़ने को कोशिश की तो जिमी फिर नीचे बैठ गयी. अब न तो जिमी मेरे पास आ रही थी न ही डोग मुझे पास आने दे रहा था इसे ही करीब डेढ़ घंटा और बीत गया. मैं काफी परेशांन हो गया, जब मुझे कोई उपाय नहीं सुझा तो मैंने अंदर मैनेजर की बीवी को जाकर बताया की डौगी क्रोस नहीं करने दे रही आप अपने डोग को बांधले. नेक्स्ट टाइम देखा जायेगा.
मैनेजर की बीवी गैराज में अंदर ई और डोग को अंदर जाने को कहा पर डोग ने उसली कमांड नहीं मानी. जिमी डोग को चदने तो नहीं दे रही थी पर उसका मन भी मेरे साथ जाने को नहीं कर रहा था शायद. मैनेजर की बीवी ने मुझ से कहा की डोग तो मेरा भी कहना नहीं मान रहा. मैंने थोडा झेंपते हुए मुस्कुरा कर कहा की शायद सब इश्क का चक्कर है, मेरी बात पर वो भी जैपते हुए मुस्कुरा गयी. ऐसे ही १५ मिनट बीत गए . वो फिर मझसे बोली की भाईसाहब थोड़ी हिम्मत करो आप अपनी डौगी की जंजीर पकड़ कर ले जाओ मैं भी हिम्मत कर डोग को पकडती हूं. मैंने हिम्मत करते हुए पास जाकर जिमी की जंजीर पकड़ जिमी को खड़ा किया . डोग गुर्राया पर उसकी मालकिन के पास होने से मेरी थोड़ी हिम्मत बन गयी थी. जिमी के खड़े होते ही डोग पीछे से फिर चड गया . अबकी बार जिमी डोग पर झपटी नहीं और चुदने के लिए सीधे खड़े हो गयी . अब मनेजर की बीवी के वंहा होने से मुझे शर्म भी आ रही थी थोडा उत्तेजना भी आ रही थी. मैनेजर की बीवी थोडा झेंपी सी देख रही थी.अब डोग का लंड चूत पर लगा जिमी चीखने लगी और नीचे को बैठने लगी. मैंने मैनेजेर की बीवी की तरफ देखा तो वो बोली भाईसाहब इसे आगे से पकड़ लो बैठने मत दो. मैंने जिमी को आगे से ऊपर को उठाया तो वो पीछे से नीचे को झुक गई और डोग का लंड बाहर आ गया लंड बहुत मोटा और लाल सुर्ख था. मैनेजेर की बीवी भी सपोर्ट में आकार अपने डोग को गाइड करने लगी पर वो और उनका डोग सफल नहीं हो पा रहे थे. मैनेजेर की बीवी और मुझमें में एक मौन समझदारी बन गयी. वो अपने डोग को गाइड करने लगी और मैं अपनी जिमी को उठाने लगा . जिमी अपने पिछले हिस्से को इधर उधर करने लगी जिससे डोग अपना लंड डालने में सफल नहीं हो पा रहा था. थोड़ी देर तक यही कोशिश चलती रही पर सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब में जिमी के साइड में आया और दोनों हाथ लगा कर जिमी के पिछले हिस्से को ऊपर उठाया . पर अब भी डोग लंड डालने में सफल नहीं हो प् रहा था. अब मैनेजेर की बीवी ने मेरे पास ही बैठ कर डोग के लंड को पकड़ कर जिमी की चूत में डालनाशुरू कर दिया . यह देख कर मैं एकदम उत्तेजित हो गया और एक हाथ कोजिमी के पेट के नीचे रखते हुए अपने दूसरे हाथ को कुत्ते के लंड पर ले गया और मैनेजेर की बीवी के हाथ के साथ ही अपने हाथ से कुत्ते के लंड को पकड़ लिया अब तक मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था. मैनेजेर की बीवी ने भी लंड नहीं छोड़ा था कुत्ते के लंड में पीछे बहुत मोती गांठ थी जिसके कारन ही जिमी की चुदने में गांड फट रही थी. मामला बहुत ही उत्तेजक हो चूका था मैं फुसफुसाया इतना मोटा है कैसे अंदर जायेगा मैनेजेर की बीवी एकदम शरमाई और झेंपी सी मुस्कुराई और बोली बेचारी डौगी. मैंने कहा बेचारा डोग अब तक मैंने लंड पर रखे हाथ को भींचना शुरू कर दिया था जिससे मैनेजेर की बीवी का हाथ और लंड दोनों ही भींचने लगे . साडी कोशिश के दोरान कुत्ते का पूरा लंड जिमी की चूत को फाड़ता हुआ गांठ समेत जिमी की चूत में गुस गया जिमी बहुत तडपी रोई चीखी मगर अब तक तो मैनेजेर का कुत्ता उसकी इज्जत लूट चूका था और दोनों की लैंडी जुड चुकी थी. अब भी हम दोनों के हाथ लैंदी की जगह पर थे . अब में धीर से मैनेजेर की बीवी की तरफ झुका मैनेजेर की बीवी ने मेरी आँखों में झाँका मेने अपने होठो से उसके होठ चूम लिए .वो कुछ नहीं बोली मैंने फिर से होठों को चूमा तो उसने अपनी आंखे बंद कर ली और अपने होठ मेरे होठों पर कसके रख कर रख दिए और वन्ही फर्श पर घुटने ने के बल बैठ कर घोड़ी बन गयी . अपनी साडी को पेट तक उघेड़ा और नीचे से नंगी हो गयी फिर अपनी पैंटी नीचे को करके मुझे अपनी ओर खेंचा मैंने भी अपनी पैंट उतारी और अपना लंड निकल कर उसकी चूत पर रखा दिया मारे उत्तेजना के चूत एकदम गीली हो रही थी एक ही धक्के में मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया........
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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