FUN-MAZA-MASTI
बुरी नज़र
हाई दोस्तों,
यह कहानी मेरी उस लड़की के साथ की है जिसका नाम प्रिया है और वो हमारे ही घर के एक कमरे में किराये पर रहने के लिए अपने माता – पिता के साथ आई हुई थी | मेरी नज़र कभी उसपर दूसरी तरीके से पड़ी ही नहीं थी, मैं तह हमेशा अपने काम से काम रखता पर जब मेरी पहली बार उसके कमरे में नज़र पड़ी तह मेरा रोम – रोम खड़ा रह गया | प्रिया अपने बिस्तर पर रात के हलके – फुल्के कपड़ों में झुककर बैठी हुई थी जिसमें से उसकी पुरे संतरे जैसे गोरे – गोरे चुचे दिखाई दे रहे थे बस उसके चुचक उसके कपड़े में सटे होने के कारण दिखाई नहीं दिए | मेरा तो जैसे मुंह ही खुला रह गया था तभी प्रिया ने एक – दम से मुझे देखा और डर कर सीधा होकर मुंह मुड़ा लिया | मेरे तो मन कर रहा था उसके चुचे निकालकर पी जाऊं | छोटी सी स्कर्ट होने की वजह से उसके कमर एवं जांघो साफ़ दिख रही थी | मैं उस वक्त अपने अरमानों कैसे रोक पाया यह तो बस मैं ही जानता था |
अब जब भी ही मुझे अकेले मौका मिलता तो हम बात कर लिया करते | एक दिन मैंने उससे पूछा,
मैं – क्या तुम्हारा कोई प्रेमी है . .?
प्रिया – ह्म्म्म . .. नहीं तो . . .पर क्यूँ . . ?
मैं – बस ऐसे ही . . . शायद मुझे तुमसे प्यार हो गया है . . ! !
तभी प्रिया पहले तो घबराई पर कुछ देर बाद वह मुस्कुराते हुए वहां से चली गई | मुझे अपना काम होता दिखाई दे रहा था | अब हम दोनों एक दूसरे को चोरी छिप्पे देखते थे | एक दिन मैं उसका अकेले मैं उसका हाथ पकड़ रोक लिया और अपना जवाब माँगा जिसपर प्रिया ने शरमाते हुए हामी भर दी | मैंने पहले उसके हाथों को चूमा फिर उसके होठों को भी चूम लिया | अब जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं प्रिया को अकेले में अपने से जकड लेता और कभी – कभी उसे सहलाते उसके छोटे – छोटे गोरे चुचों को दबा देता |
हम दोनों को प्रेम – संभंध में करीब कई सप्ताह बीत चुके थे और मेरी बेचैनी की काफी बढ़ चुकी थी | एक दिन प्रिया के माता – पिता किसी मंदिर में पूजा के लिए गए और वहाँ से शाम को वापस लौटने वाले | मेरे पिता रोज की तरह अपने कार्यालय में गए हुए थे और मेरी माँ तो पहले सी गॉंव गयी हुई थी | उस दिन मैं और प्रिया घर में अकेले ही थे |
उस दिन भी प्रिया ने वैसे ही कपड़े पहने थे जिनमें मैं उसे पहली बार देखकर ही मोहित हो गया था | वो आज मुझे कुछ ज्यादा ही हसीन लग रही थी | मैं सीधा उसके कमरे में गया और उसे अपनी बाँहों में भींच लिया | मैंने तभी उसके होठों को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसके टॉप पर चुचों के उप्पर रख सहलाने लगा | उसने अपने अंगों के साथ हो रहे खिलवाड़ का मज़ा लेते हुए अपना सर को निचे झुका लिया | मैंने उसे एक झटका देते हुए निचे बिस्तर लिटा दिया और उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा | मुझे उसकी तेज चलती हुई गर्म साँसे महसूस हो रही थी |
प्रिया हवस के जोश में मुग्ध हो चुकी थी तभी मैंने उसके टॉप और स्कर्ट को उतार दिया जिससे कुछ ही देर में वो केवल पैंटी और गुलाबी ब्रा में लेटी हुई थी | मैंने धीरे – धीरे उसके ब्रा को भी खोल दिया और उसके चूचकों पर अपनी उँगलियों से सहलाता रहा | अब मैंने अपनी जीभ से उके चूचकों को चाटा फिर मैंने उन्हें अपने मुंह से बारी – बारी पीने लगा और दूसरी ओर से अपने हाथों से उसकी पैंटी के अंदर डाल उसकी चुत पर रगद रहा था | कुछ ही देर बाद मैं उसकी पैंटी को भी खोल दिया | प्रिया अब मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी | मैंने उसके होठों के रस चूसते हुए अपनी ऊँगली उसकी चुत फेरते हुए अपनी उँगलियाँ उसकी चुत में डालनी शरू कर दी | अब जैसे ही मैंने अपनी उँगलियों की संख्या बढ़ाई, वैसे उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और पूरी चिकनी हो गयी | अब मैंने अपनी जीभ उसकी चुत पर रख चटाने लगा जिससे प्रिया की सिसकियों ने मेरा होंसला ओर बढ़ा दिया |
अबतक हम दोनों चुदम – चुदाई के खेल लिए पूरी तरह तैयार हो चुके थे | मैंने अब आखिरी बार अपनी ३ उँगलियाँ को चौडाते हुए उसकी चुत में बार अंदर – बाहर किया और तभी अपने लंड को उसकी चुत के पास पर टिका दिया | कुछ समय बाद मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लण्ड उसकी चुत में पूरा के पूरा समां गया | प्रिया पहले से ही बेंगन से अपनी चुत के साथ हस्तमैथुन किया करती थी इसी वजह से उसकी चुत की झिल्ली पहले से फटी हुई थी पर मेरे लंड के उसकी चुत में तूफानी आगमन के कारण वो बुरी तरह छींक पड़ी थी | प्रिया की आंखों से आंसू बहने लगे थे तभी मैंने सब छोड़ उसको सहलाने लगा और उसके चुचों को मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगा |
जैसे ही प्रिया ने दर्द को भूलाकर हवस के आग में कदम रखा तभी मैंने फिर अपनी उँगलियों को उसी चुत में देना शुरू करा दिया | तभी कुछ देर बाद मैंने अपना लंड फिर से संभाला और उसकी चुत पर टिकाते हुए हल्का – सा धक्का लगाया जिससे मेरा लंड अब फिसलता हुआ पूरा उसकी चुत में प्रवेश कर चूका था | अब मैंने भी धक्का लगना तेज कर दिया था जिससे प्रिया लेटे हुए मेरी कमर को पकड़ लंड को ले रही थी | प्रिया की आँखें बंद हो चुकी थी बस अब वो गर्म साँसें छोड़ती हुई सिसकियाँ भर रही थी | लगभग २५ मिनट तक हमारी चुदम – चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था | तभी मैंने अपना लंड निकाला और सारा वीर्य प्रिया के पेट की नाभि के चारों ओर गिरा दिया | मैंने अपना लंड निकाल लिया था पर उसके होठों को चूसते हुए उसकी चुत में हलकी –हलकी उँगलियाँ कर रहा था, जिससे थोड़ी देर में प्रिया ने भी अपना वीर्य छोड़ दिया जिसे मैंने अपनी जीभ से सारा का सारा चाट लिया | अब हम पूरी रह से थक गए थे सो आखिर में हम एक के उप्पर एक निढाल होकर सो गए |
शाम को ५ बजे हम उठे तो मुझे पता चला की मेरी जांघों में असहनीय दर्द हो रहा था | प्रिया भी अछे से नहीं चल पा रही थी | जैसे – तैसे हम एक सप्ताह में सामान्य स्तिथि में आ गए | हमारे माँ – बाप को हमारे बीच चल रहे शारीरिक सम्बन्ध की कोई खबर नहीं थी | हमें जब भी मौका मिलता तो बेझिजक एक दूसरे से अपनी प्यास बुझा लिया करते |
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
बुरी नज़र
हाई दोस्तों,
यह कहानी मेरी उस लड़की के साथ की है जिसका नाम प्रिया है और वो हमारे ही घर के एक कमरे में किराये पर रहने के लिए अपने माता – पिता के साथ आई हुई थी | मेरी नज़र कभी उसपर दूसरी तरीके से पड़ी ही नहीं थी, मैं तह हमेशा अपने काम से काम रखता पर जब मेरी पहली बार उसके कमरे में नज़र पड़ी तह मेरा रोम – रोम खड़ा रह गया | प्रिया अपने बिस्तर पर रात के हलके – फुल्के कपड़ों में झुककर बैठी हुई थी जिसमें से उसकी पुरे संतरे जैसे गोरे – गोरे चुचे दिखाई दे रहे थे बस उसके चुचक उसके कपड़े में सटे होने के कारण दिखाई नहीं दिए | मेरा तो जैसे मुंह ही खुला रह गया था तभी प्रिया ने एक – दम से मुझे देखा और डर कर सीधा होकर मुंह मुड़ा लिया | मेरे तो मन कर रहा था उसके चुचे निकालकर पी जाऊं | छोटी सी स्कर्ट होने की वजह से उसके कमर एवं जांघो साफ़ दिख रही थी | मैं उस वक्त अपने अरमानों कैसे रोक पाया यह तो बस मैं ही जानता था |
अब जब भी ही मुझे अकेले मौका मिलता तो हम बात कर लिया करते | एक दिन मैंने उससे पूछा,
मैं – क्या तुम्हारा कोई प्रेमी है . .?
प्रिया – ह्म्म्म . .. नहीं तो . . .पर क्यूँ . . ?
मैं – बस ऐसे ही . . . शायद मुझे तुमसे प्यार हो गया है . . ! !
तभी प्रिया पहले तो घबराई पर कुछ देर बाद वह मुस्कुराते हुए वहां से चली गई | मुझे अपना काम होता दिखाई दे रहा था | अब हम दोनों एक दूसरे को चोरी छिप्पे देखते थे | एक दिन मैं उसका अकेले मैं उसका हाथ पकड़ रोक लिया और अपना जवाब माँगा जिसपर प्रिया ने शरमाते हुए हामी भर दी | मैंने पहले उसके हाथों को चूमा फिर उसके होठों को भी चूम लिया | अब जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं प्रिया को अकेले में अपने से जकड लेता और कभी – कभी उसे सहलाते उसके छोटे – छोटे गोरे चुचों को दबा देता |
हम दोनों को प्रेम – संभंध में करीब कई सप्ताह बीत चुके थे और मेरी बेचैनी की काफी बढ़ चुकी थी | एक दिन प्रिया के माता – पिता किसी मंदिर में पूजा के लिए गए और वहाँ से शाम को वापस लौटने वाले | मेरे पिता रोज की तरह अपने कार्यालय में गए हुए थे और मेरी माँ तो पहले सी गॉंव गयी हुई थी | उस दिन मैं और प्रिया घर में अकेले ही थे |
उस दिन भी प्रिया ने वैसे ही कपड़े पहने थे जिनमें मैं उसे पहली बार देखकर ही मोहित हो गया था | वो आज मुझे कुछ ज्यादा ही हसीन लग रही थी | मैं सीधा उसके कमरे में गया और उसे अपनी बाँहों में भींच लिया | मैंने तभी उसके होठों को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसके टॉप पर चुचों के उप्पर रख सहलाने लगा | उसने अपने अंगों के साथ हो रहे खिलवाड़ का मज़ा लेते हुए अपना सर को निचे झुका लिया | मैंने उसे एक झटका देते हुए निचे बिस्तर लिटा दिया और उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा | मुझे उसकी तेज चलती हुई गर्म साँसे महसूस हो रही थी |
प्रिया हवस के जोश में मुग्ध हो चुकी थी तभी मैंने उसके टॉप और स्कर्ट को उतार दिया जिससे कुछ ही देर में वो केवल पैंटी और गुलाबी ब्रा में लेटी हुई थी | मैंने धीरे – धीरे उसके ब्रा को भी खोल दिया और उसके चूचकों पर अपनी उँगलियों से सहलाता रहा | अब मैंने अपनी जीभ से उके चूचकों को चाटा फिर मैंने उन्हें अपने मुंह से बारी – बारी पीने लगा और दूसरी ओर से अपने हाथों से उसकी पैंटी के अंदर डाल उसकी चुत पर रगद रहा था | कुछ ही देर बाद मैं उसकी पैंटी को भी खोल दिया | प्रिया अब मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी | मैंने उसके होठों के रस चूसते हुए अपनी ऊँगली उसकी चुत फेरते हुए अपनी उँगलियाँ उसकी चुत में डालनी शरू कर दी | अब जैसे ही मैंने अपनी उँगलियों की संख्या बढ़ाई, वैसे उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और पूरी चिकनी हो गयी | अब मैंने अपनी जीभ उसकी चुत पर रख चटाने लगा जिससे प्रिया की सिसकियों ने मेरा होंसला ओर बढ़ा दिया |
अबतक हम दोनों चुदम – चुदाई के खेल लिए पूरी तरह तैयार हो चुके थे | मैंने अब आखिरी बार अपनी ३ उँगलियाँ को चौडाते हुए उसकी चुत में बार अंदर – बाहर किया और तभी अपने लंड को उसकी चुत के पास पर टिका दिया | कुछ समय बाद मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लण्ड उसकी चुत में पूरा के पूरा समां गया | प्रिया पहले से ही बेंगन से अपनी चुत के साथ हस्तमैथुन किया करती थी इसी वजह से उसकी चुत की झिल्ली पहले से फटी हुई थी पर मेरे लंड के उसकी चुत में तूफानी आगमन के कारण वो बुरी तरह छींक पड़ी थी | प्रिया की आंखों से आंसू बहने लगे थे तभी मैंने सब छोड़ उसको सहलाने लगा और उसके चुचों को मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगा |
जैसे ही प्रिया ने दर्द को भूलाकर हवस के आग में कदम रखा तभी मैंने फिर अपनी उँगलियों को उसी चुत में देना शुरू करा दिया | तभी कुछ देर बाद मैंने अपना लंड फिर से संभाला और उसकी चुत पर टिकाते हुए हल्का – सा धक्का लगाया जिससे मेरा लंड अब फिसलता हुआ पूरा उसकी चुत में प्रवेश कर चूका था | अब मैंने भी धक्का लगना तेज कर दिया था जिससे प्रिया लेटे हुए मेरी कमर को पकड़ लंड को ले रही थी | प्रिया की आँखें बंद हो चुकी थी बस अब वो गर्म साँसें छोड़ती हुई सिसकियाँ भर रही थी | लगभग २५ मिनट तक हमारी चुदम – चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था | तभी मैंने अपना लंड निकाला और सारा वीर्य प्रिया के पेट की नाभि के चारों ओर गिरा दिया | मैंने अपना लंड निकाल लिया था पर उसके होठों को चूसते हुए उसकी चुत में हलकी –हलकी उँगलियाँ कर रहा था, जिससे थोड़ी देर में प्रिया ने भी अपना वीर्य छोड़ दिया जिसे मैंने अपनी जीभ से सारा का सारा चाट लिया | अब हम पूरी रह से थक गए थे सो आखिर में हम एक के उप्पर एक निढाल होकर सो गए |
शाम को ५ बजे हम उठे तो मुझे पता चला की मेरी जांघों में असहनीय दर्द हो रहा था | प्रिया भी अछे से नहीं चल पा रही थी | जैसे – तैसे हम एक सप्ताह में सामान्य स्तिथि में आ गए | हमारे माँ – बाप को हमारे बीच चल रहे शारीरिक सम्बन्ध की कोई खबर नहीं थी | हमें जब भी मौका मिलता तो बेझिजक एक दूसरे से अपनी प्यास बुझा लिया करते |
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment