Friday, August 15, 2014

FUN-MAZA-MASTI सीता --एक गाँव की लड़की--24

FUN-MAZA-MASTI

 सीता --एक गाँव की लड़की--24


 अभी दस मिनट भी नहीं बीती कि भैया का लंड एक बार फिर से अंगराई लेता हुआ उठ गया...मेरी बूर पर उनके लंड की दस्तक हुई तो मैंने अपनी आँखें खोल दी...भैया भी सर ऊपर कर देख मुस्कुराते हुए बोले,"आज बिना कबाड़ा किए ये भी नहीं रूकने वाला है...."

और भैया उठते हुए पूजा की बाँह पकड़ अपनी तरफ खींच लिए और उसकी चूत में उंगली घुसाते बोले," अब तुम अपने प्राण प्रिय का लंड चूस,,तब तक मैं इस पूजा की मां चोदता हूँ..." ये सुनते ही मैं श्याम के लंड की हो गई और मुंह में गप्प से सोए लंड भर जगाने की कोशिश करने लगी...

पूजा की कुतिया की तरह करते हुए उसका मुँह बेड पर टिका भैया ने एक झटके में ही पूरा उतार दिए....पूजा की भयंकर चीख गूँज उठी जिससे मैं भी घबरा गई..उधर नजर की तो देखी मिशन शुरू हो गई तब तक और सटासट पेले जा रहे थे...

इधर मेरी कोशिश भी रंग लाई और श्याम का लंड एक बार फिर मिशन चुदाई के लिए तैयार था...मैं उधर देखी तो अभी भी खेल जारी थी...सोची वक्त क्यों जया करूँ और अपनी बुर को श्याम के लंड को सेंटर में मिलाती धम्म से बैठ गई...हल्की चीख के साथ मैं पूरी निगल गई थी...

और फिर मैं कूदने लगी...गाड़ी समान थी पर ड्राईवर अब चेंज थी...मैं अभी 10 धक्के भी नहीं लगाई थी कि पूजा हुंकार भरती हुई झड़ने लगी..जिसे देख भैया बोले,"मादरचोद मेरा अभी ठीक से एडजस्ट भी नहीं हुआ कि झड़ गई..." और फिर भैया बड़बड़ाते हुए अपना लंड खींच लिए जिसे देख मैं बोली,"आपका है ही इतना ताकतवर तो इसमें उसकी क्या गलती.."

भैया : " तू चुप छिनाल, पता है मुझे झड़ी चूत मारने में मजा नहीं आता...चल कोई बात नहीं है..तुम तो हो ना..."और भैया मेरी तरफ सरकने लगे...

पूजा : " भाभी, काफी दर्द कर रही है...आहहहहहह...मर जाऊंगी भाभीईईई..."
पूजा अचानक दर्द से कराह पड़ी...मतलब अब भैया के लंड उस पर असर करनी शुरू हो चुकी थी..मैं श्याम के लंड भीतर कर स्थिर हो भैया की तरफ देखनी लगी...

भैया मुझे अपनी तरफ देखते हुए पा, बाहर की तरफ निकले और कुछ ही देर में पानी और दवा ला पूजा को देते हुए बोले,"लो खालो, आराम हो जाएगा.." और फिर पूजा दवा खा फिर आराम करने लगी...

और फिर भैया बेड पर चढ़ मेरे पीछे आ मुझे आगे की तरफ झुकाते हुए बोले,"एक का तो काम हो गया, अब तो पूरी रात तुझे ही बजाऊंगा.." और फिर बिना श्याम का लंड मेरी बूर से निकाले अपना लंड मेरी गांड़ पर टिका दिए और रगड़ने लगे....ओह गॉड....पीछे करेंगे और एक साथ दो-2...

मैं कुछ कहती इससे पहले ही मेरी कोरी गांड़ में पूरी ताकत से लंड पेल दिए...मैं चीखती हुई श्याम के ऊपर धम्म से गिरी...दर्द से मैं तड़पने लगी और कोसने लगी कि क्यों नहीं कुछ देर रूक गई..अगर रूकती तो शायद गांड़ बच जाती...

अचानक एक और हमला हुआ और मैं बेहोश सी हो गई...बस सांसे चल रही थी और इतनी महसूस कर रही थी कि मैं चुद रही थी...

भैया : " शाबास...एक दम ताजी गांड़ मिली...बहनचोद मजा आ गया..कुछ तो मेरे लंड को नसीब हुआ...अब मजे कर सीता राण्ड...आज से तू परमानेंट रंडी बन गई..."

और फिर भैया कुछ रहमदिली दिखाते हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए...मैं कराहती हुई थोड़ी होश में आई पर इतनी हिम्मत नहीं कि कुछ रिएक्ट करूँ..बस शांत पड़ी धक्के खाने लगी...

तभी मेरे होंठ पर कुछ गीली महसूस हुई..आँखें खोली तो पूजा मेरे होंठ चूस रही थी...शायद पूजा को थोड़ी राहत मिल गई थी...कुछ ही पल में मेरी भी दर्द कम गई...जिससे मैं भी अब पूजा के किस का जवाब देती अपनी कुल्हों में हरकत करने लगी...

जिसे देखते ही भैया मेरी कमर पर दवाब बनाए और लगे दनादन पेलने...करीब 10 मिनट बाद भैया मेरी कसी गांड़ पर अपना लंड दबाते हुए जोर से चीख पड़े और अपना गरम लावा मेरी गांड़ में उड़ेल दिए...

और फिर लुढ़क गए हम सब..रात के करीब 2-3 बज रहे थे...और हम सब थक भी गए थे..सो भैया और पूजा दूसरे कमरे में,जबकि मैं वहीं पर सो गई...

सुबह सबसे पहले श्याम जगे...मेरी नींद तब खुली जब वो ऑफिस जाने के लिए तैयार मुझे जगा रहे थे...गुड मॉर्निंग किस आज उन्होंने ही दिया जिससे मैं मुस्कुराती हुई उठ गई...फिर वो लेट हो गया कह बाहर निकल गए...

फिर भैया व पूजा को जगा फ्रेश होने चली गई...सारा काम खत्म करने के बाद भैया एक-एक राउंड हम दोनों की चुदाई की और फिर विदा ले चले गए घर...

पूजा : "सच भाभी, मेरी तो जान निकाल दिए थे..ऐन वक्त पर मेडिसीन ना लेती तो शायद मैं जिंदा भी नहीं बचती...ओफ्फ...."

मैं हँसती हुई बोली," पागल है क्या, चुदाई से कोई मरती है क्या? वो तो उनके स्टाइल से दर्द हो रही थी...मेरी भी पहली दफा यही हालत हुई थी..आज भी है पर कम..."

और फिर इस तरह रात की हर पल की बातें करती रही और फिर सो गए...अचानक फोन की रिंग से मेरी नींद खुली..देखी उठा के तो अंकल का था...

मैंने तेजी से बैठते हुए पिक करती हुई नमस्ते की..अंकल भी प्यार से खुश रहने की दुआ कर बोले," कहाँ थी फोन रिसीव नहीं कर रही थी..."

"वो अंकल आराम कर रही थी.."

अंकल : "समय देखो, 5 बजने वाले हैं..रात में श्याम सोने नहीं देता क्या?"

अंकल की बात सुन मैं बिना जवाब दिए बस हँस दी...


"अंकल, आज तो इलेक्शन का रिजल्ट था ना..."मैं बातों को आगे बढ़ाती हुई पूछी..

अंकल : "हाँ, वही बताने तो फोन किया हूँ...अभी-2 वहीं से आया हूँ और पटना आ रहा हूँ...मैं एकतरफा बहुमत से जीत गया हूँ और इस जीत की पार्टी तुम्हारे साथ मनाने आ रहा हूँ.."

अंकल के शब्दों में अपार खुशी झलक रही थी..मैंने अंकल को हंसते हुए बधाई दी जिसे सुनते ही अंकल बोले," थैंक्स माई लव पर इतने से काम नहीं चलेगा अब..."

मैं अंकल के मंसूबे को पलक झपकते ही ताड़ ली और फिर थोड़ी इठलाती हुई बोली,"..तो फिर काम चलाने के लिए क्या करना होगा मेरे प्यारे अंकल.."

अंकल : "हम्म्म..समझदारी तो दिखाई हाँ कह के...बस ज्यादा नहीं, मेरे तोप की देखभाल करनी होगी और ये शुभ काम आज हुआ तो ठीक वर्ना कल निश्चित करना होगा..." और फिर अंकल हंस दिए...

"हम्म्म...ठीक है..पहले जल्दी से आ जाओ फिर अपनी ड्यूटी शुरू कर दूँगी.."मैं भी अंकल से बेहिचक बोल दी...जिसे सुन अंकल के मुख से एक ठंडी आहह निकल पड़ी और इधर मेरी बूर से...

2 घंटे में आने को बोल अंकल फोन रख दिए...मैं भी अंकल की चुदाई को याद करती मुस्कुरा दी...और फिर पूजा को उठाती फ्रेश होने बाहर निकल गई...

शाम में श्याम के साथ ही अंकल आए जिनके हाथ में मिठाई और गिफ्ट भरे थे...मैं तो मन ही मन सोच रही थी कि काश..आज भी छोटी पार्टी हो जाए...

पर नहीं हुई...खाना पीना के बाद अंकल आज यहीं रूक गए...अंकल और श्याम एक रूम में और पूजा मेरे साथ दूसरे रूम में चले गए...उन दोनों का तो पता नहीं पर हम दोनों की नींद आ ही नहीं रही थी..

बस करवट बदल रही थी और जब पूजा से नजरें मिलती तो आँखों ही आँखों बात करती कि ऐसा क्यों? कभी बाढ़ आ जाती तो कभी एक बूंद को तरस रही हूँ....

खैर, रात के 1 बजे करीब गेट पर हल्की दस्तक हुई...मैं झट से उठ गई..लगता है कि अंकल हैं...पूजा भी उठनी चाही पर उसे रोकती हुई बोली,"तुम रूको, मैं देखती हूँ...और श्याम को भी देख लूँगी..."

कहते हुए मैं उठी और गेट खोली..गेट खुलते ही मैं सन्न रह गई..सामने श्याम थे...शायद ये भी तड़प रहे होंगे...पहली बार साथ रहते अलग सोए हैं ना इसलिए..मैं तुरंत ही अपने चेहरे पर मुस्कान बिखेरती हुई पूछी,"क्या हुआ?"

श्याम धीरे से मुझे बाँहों में कसते हुए बोले,"तुम्हें भी नींद नहीं आ रही क्या..?" मैं उनके होंठों को चूमती हुई ना में सिर हिला दी...श्याम भी किस का जवाब देते मेरे होंठ चूसने लगे...

जब किस रूकी तो श्याम मेरे चेहरे पर आई बाल को पीछे कान पर ले जाते हुए बोले,"मैं तो सो जाता पर अपनी जान की फिक्र ने हमें सोने नहीं दिया.."

मेरे प्रति फिक्र देख मेरे अंदर ढ़ेर सारा प्यार उमड़ आया...मैं उनके सीने को अपनी जीभ से चाटने लगी...तभी श्याम मेरे कानों में फुसफुसाते हुए बोले,"भैया को मिस कर रही हो...?"

मेरी जीभ जस की तस रूक गई श्याम की बात सुनकर...ऐसा लगा मानों किसी ने विस्फोट कर दिया हो मेरे अंदर...क्या श्याम रात में.....मेरी आँखें छलक पड़ी और आंसे उनके सीने पर पड़ने लगी...

श्याम ने मेरे चेहरे को पकड़ सीधे किए जिससे मेरी आँखें बंद हो गई और लगातार आँसू निकली जा रही थी...फिर वो मेरे होंठ के पास अपने होंठ लाते हुए बोले...

श्याम : "ऐ सीता, रोती क्यों हो? ज्यादा कुछ मैं नहीं जानता...बस इतना जानता हूँ कि इस चारदीवारी के बाहर भी एक जिंदगी है...किसी की पत्नी के बाद भी तुम्हारी अपनी जिंदगी है...मेरी भी है...अब जिसे मैं प्यार करता हूँ,उसकी इच्छा-पसंद को मैं कैसे दबा सकता..फिर तो मेरा प्यार बेकार है...मैं तुम्हें दिल से चाहता हूँ सीता...और शायद तुम भी...तुम्हें जो भी पसंद हो बेहिचक करो पर मेरे प्यार को कभी चोट मत पहुँचाना...क्योंकि प्यार एक बार होता है और शारीरिक आकर्षण बार-बार...तुम्हारी आँखें जब देखता हूँ तो मैं दुनिया से चिल्ला कर कह सकता हूँ कि तुम मुझे बेइंतहा प्यार करती हो..और बाकी के लिए तुम्हारी नजरें सिर्फ शरीर की भूख मिटाने उठती है...ऐसा नहीं है कि तुम मेरे साथ भूखी रहती पर तुम्हारी भूख कुछ और है...ऐसा सिर्फ तुम्हारे साथ ही नहीं बल्कि कईयों के साथ होती है...मैं भी ऐसा ही हूँ...कभी बताने की हिम्मत नहीं पड़ती थी तुम्हारे प्यार को देखकर...मैं ड्यूटी के बाद रोज अपनी गर्ल-फ्रेंड के पास जाता हूँ..."

अब मेरी सिसकी रूक गई थी पर आँसूं बह रही थी...और सारा ध्यान श्याम की कही एक-एक शब्द पर थी....

श्याम : "कभी कभी गर्लफ्रेंड से जब ऊब जाता हूँ तो रेड लाईट भी चला जाता हूँ...मैं ऐसे हालात से अच्छी तरह वाकिफ हूँ...आज तुमसे मैंने ये बात कह डाली दिल काफी हल्का हो गया...पहले तो कभी-2 तुमसे नजरें भी नहीं मिला पाता था...खैर अगर ऐसे कहता रहा तो पूरी रात निकल जाएगी पर बातें खत्म ना होगी...अब अगर मेरी बात को समझ गई हो तो प्लीज माफ कर देना...मैंने ये बातें तुमसे छिपाई थी..."

मैं उनके माफी मांगने पर आश्चर्य से आंसू भरे चेहरे ऊपर कर उनकी नजरों में देखने लगी...वो मुस्कुराते हुए मेरे आँसू पोंछते हुए बोले,"ऐसे क्या देख रही हो? अब तुम कहोगी कि मैं भी तो नहीं बोली थी तो सुनो...मैं तुम्हें कब का माफ कर चुका हूँ...तुम्हारे कारण ही आज पहली बार सुकून मिल पाया दिल के बोझ हटाकर...अब जल्दी से माफ करो और एक किस दो...."

उफ्फ्फ...मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी ऐसा प्यार पा कर..आज मन हो रही थी कि शादी के बाद हुई सारी घटना बता दूँ...पर इतनी खुशी में मेरी आवाजे ही नहीं निकल रही थी...अगर गॉड अगले जन्म का प्यार मुझे दे देते तो वो भी न्योछावर कर देती....और अंतत: मैं रो पड़ी, फिर हँसी और अपने होंठ चिपका दिए....

सच अब महसूस कर रही थी कि मैं सीधे दिल से किस कर रही हूँ...पहले तो ऐसी सुकून कभी नहीं मिली थी...

कूछ देर बाद जब किस रूकी तो श्याम मेरी तरफ निहारते हुए मुस्कुरा रहे थे...मैं उनकी तरफ देखीतो मुस्कुराए बिना ना रह सकी...

श्याम : "अच्छा मैडम जी, अब मैं सोने जा रहा हूँ...मैं गहरी नींद में सो जाऊंगा..फिर आप चुपके से अंदर आना और अंकल को उठा के इधर ले आना...ओके.." और फिर श्याम जाने के लिए हल्की सी जोर लगाते मुझे हटाने की कोशिश किए...

पर मैं उनकी बात सुनते ही उनके सीने पर हल्की चपत लगाते पुन: चिपक गई और बोली,"मुझे नहीं जाना अब कहीं..."

श्याम : "अच्छा तो फिर बुलाई क्यों उन्हें...और शाम से आप दोनों की नजरें ताड़ रहा था...दोनों की आँखें कह रही थी काफी दिनों से प्यासी हूँ...अब ये झूठे नखरे बंद करो..."

मैं कुछ देर बिना कुछ कहे मुस्कुराती रही...फिर बोली,"अंकल के साथ आज पहली दफा होगी...थोड़ी सी शर्म आती है इसलिए...."

मैं पूरी बात कह भी नहीं पाई कि बीच में श्याम रोकते हुए बोले,"रियली...वॉव...फिर तो अंकल किसी स्वर्ग से कम नहीं महसूस करेंगे...प्लीज हाँ कह दो...मैं भी थोड़ी लाइव देख लूंगा अपनी जान की...."

"प्लीज...अब ऐसी बातें मत करिए वर्ना फिर से रो पड़ूंगी..."मैं रोनी सूरत बनाते हुए बोली तो श्याम हंसते हुए सॉरी बोल पड़े...फिर गुड नाइट बोले और चल दिए...

एक कदम चलने के बाद अचानक ठिठके और वापस मुड़ गए...फिर आगे बढ़ते हुए सीधे पूजा के पास पहुँच गए...पूजा के बगल में बैठते हुए मेरी तरफ देख बोले,"पता नहीं क्या हो जाता है मुझे...बार-2 मैं अपनी इस गुड़िया जान को भूल जाता हूँ..."

"वो सो रही है अभी तो छोड़ दीजिए ना उसे...कल याद कर लीजिएगा अपनी गुड़िया को..." मैं झूठी झूठ बोल के देखी...मैं भी जानती थी कि पूजा हम दोनों की बातें सुन रही थी...अब पूरी सुनी या नहीं पता नहीं क्योंकि हमलोग धीमे बोल रहे थे...

श्याम मुस्कुराते हुए "अभी दिखाता हूँ कि ये कैसी सो रही है.." कहते हुए पूजा की बाँह पकड़े और औंधें मुँह कर सो रही पूजा को सीधे चित्त कर दिए...वॉव..ये तो सचमुच सोने का नाटक कर रही थी या सच में सो गई...कह नहीं सकती..

तभी श्याम ने पूजा की एक चुच्ची की निप्पल पकड़े और कस के उमेठ दिए...पूजा "ओह नो भैया" कहती हुई चीख पड़ी...चीख इतनी तेज नहीं थी कि कि आवाज रूम से बाहर निकलती...शायद पूजा अपनी चीख दबा दी थी...और फिर पूजा हँसती हुई अपने चेहरे को ढ़ंक ली...

फिर श्याम मेरी तरफ देख हंस पड़े...मानों कह रहे थे कि देखी, कितना सो रही थी...फिर आगे बढ़ पूजा के शरीर पर लद गए जिससे पूजा के चेहरे के ठीक सामने उनका चेहरा आ गया...फिर पूजा के हाथों को पकड़ दोनों तरफ कर बोले,"वाह मेरीशाली, रात में तो बड़ी मजे ले रही थी..अब जब मेरी बारी आई तो शर्माने की नाटक कर रही है..."

उनकी बात खत्म होते ही मैं बोल पड़ी,"ऐ...ये आपकी शाली कब से हुई...सेक्स अपनी जगह और रिलेशन अपनी जगह..समझे..."

श्याम : "आज से....क्योंकि तुम दोनों कहीं से भी ननद-भाभी नहीं लगती...बिल्कुल सगी बहन लगती...तुम किसी से भी पूछ लो..."

"अच्छाऽ तो जनाब यहाँ तक पहुँच गए...चलिए अब उठिए और जाइए सोने...बाकी बात कल कीजिएगा अपनी शाली से..."मैं समझ गई कि अब ये पूजा को तंग करेंगे उल्टी सीधी बोल के...

श्याम : "क्यों, ज्यादा खुजली हो रही है क्या अंदर जो अंकल के लिए उतावले हो रही हो.."
उफ्फ...क्या बोल दी...मैं थोड़ी नाराजगी में उनकी तरफ देखी और फिर बेड पर चढ़ सोती हुई बोली,"गुड नाइट..अब आप जितनी देर तक हो, आराम से बात करिए अपनी पूजा शाली से..." और मैं आँखें बंद कर सोने का नाटक करने लगी...

श्याम : " ओहो नाराज क्यों होती हो..जा रहा हूँ बाबा...बस पूजा को गुड नाइट किस करने आया था..."

और फिर किस करती हुई मालूम होते ही मैंने देखी तो दोनों आराम से किस कर रहे थे...कुछ देर किस करने के बाद श्याम मेरे चेहरे को अपनी तरफ कर गुड नाइट किस दिए और बोले,"आ जाना कुछ देर में...ओके..."

मैं मुस्कुराती हुई हाँ में सिर हिला दी...फिर पूजा की तरफ देखते बोले,"शाली जी, थोड़ा अपने जीजू के लिए भी बचा के रखिएगा...ओके..." जिसे सुन पूजा हँसती गुई अपनी आँख खोल दी...

फिर श्याम बेड से उतर गए और बाहर की तरफ चल दिए...तभी पूजा पीछे से बोली,"जीजू...."

पूजा की आवाज सुनते ही श्याम एकाएक रूक गए और मुस्कुराते हुए पीछे मुड़ र देखने लगे..उनके पीछे पलटते ही पूजा एक फ्लाइंग किस उनकी तरफ उछाल दी...श्याम कैच करते हुए अपने दिल से लगाए और फिर एक फ्लाइंग किस देते हुए बाहर निकल गए...
 


















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