Monday, August 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..27

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..27



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अब आगे
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आज अजय की छुट्टी थी...ईद की...इसलिए वो काफ़ी देर तक सोता रहा..

और आज ही प्राची का वीकली चेकअप भी था...ईद की छुट्टी होने के बावजूद उसकी गायनो ने सिर्फ़ 12 बजे तक ही अपना क्लिनिक खोल कर रखा हुआ था..अजय काफ़ी गहरी नींद में था..इसलिए उसने अपनी माँ रजनी को फोन कर दिया और उनके साथ क्लिनिक के लिए निकल गयी.

जाते हुए रजनी ने अपनी बेटी पूजा को उठा दिया..और उसको अपने जीजू के नाश्ते की ज़िम्मेदारी पर लगा गयी.

वैसे तो पूजा को काफ़ी गहरी नींद आ रही थी...एक तो वो रात को काफ़ी देर तक रिया के साथ मज़े लेने के बाद सोई थी..करीब 3 बजे, उपर से छुट्टी वाले दिन उठना उसे बहुत बड़ा टॉर्चर लगता था..पर अपने जीजू का नाम सुनकर उसकी सारी नींद हवा हो गयी...और वो तुरंत बाथरूम में घुसकर नहा धोकर तैयार हो गयी.

उसने एक स्कर्ट और उसके उपर शर्ट पहनी...और जान बूझकर उसने आज अंदर ब्रा नही पहनी..

ऐसा तो तब होता था जब उसकी चुचियाँ नींबू जितनी थी...अब तो नारियल जितनी बड़ी और कठोर हो चुकी है...ब्रा ना पहनकर उसके तन - बदन में अलग ही तरह का रोमांच भर रहा था.

रिया को वो गहरी नींद में छोड़कर जल्दी-2 अपने प्यारे जीजू के पास पहुँच गयी.

वहां पहुँचकर देखा तो अजय नींद में बेसुध होकर सो रहा था..पूजा उसकी बगल में बैठ गयी..और बड़े ही प्यार से उसे निहारने लगी..सोते हुए कितना मासूम सा लग रहा था वो...पर उठकर कैसी-2 शरारते करता है ये बदमाश...यही सोचती हुई पूजा मुस्कुरा दी..वो सोते हुए भी इतना टेंप्टिंग सा लग रहा था की ना चाहते हुए भी पूजा अजय के उपर झुकती चलती गयी और उसने होल से अपने गीले लबों से उसके गालों को चूम लिया..

ऐसा करते हुए उसके गीले बाल फिसलकर नीचे आ गये और एक परदा सा बनकर उसके बालों ने उन दोनो के चेहरों को छुपा लिया...एक तो पहले से ही कमरे में अंधेरा था..उपर से ऐसा रोमॅंटिक सा अंधकार होते ही पूजा की जवानी ने एक जोरदार अंगड़ाई ली और उसने आवेश में आकर अपने होंठों को थोड़ा साइड में लाकर अजय के होंठों पर रख दिया और उसे चूसने लगी...पहले धीरे-2 और फिर ज़ोर से...

अपने होंठों के उपर हुए ऐसे हमले से अजय की नींद भी खुल गयी...और अधखुली आँखों से उसने देखना चाहा पर कुछ दिखा नही...फिर वो भी उस चुंबन का रिप्लाइ करने लगा..ज़ोर-2 से...जैसा वो अक्सर किया करता था...रोज सुबह.

यानी...वो ये समझ रहा था की ये किस्स उसकी बीबी प्राची कर रही है...जैसा की वो रोज मॉर्निंग में करती है...उसे उठाने के लिए..नहा धोकर..पूजा करके..वो सीधा आकर उसे चूमती और उठाती थी..

और यही काम जब आज उसकी साली कर रही थी तो उसे पता भी नही चला...पर जैसे ही अजय के हाथ खिसककर उसके मुम्मो पर आए और उसने उन्हे दबाया तो एक जोरदार चीख मारती हुई पूजा दूर जाकर खड़ी हो गयी..

''आआआआआअहह.....जीजू................. ये क्या करते हो.....''

जीजू!!!!! ये सुनते ही अजय उछलकर बैठ गया...और दूर खड़ी होकर शरमा रही पूजा को आँखे फाड़-फाड़कर देखने लगा...और समझने की कोशिश करने लगा की ये सब हो क्या रहा है...ये सच है या वो अभी तक कोई सपना देख रहा है...उसने अपने हाथ पर चुटकी काटी..जिसे देखकर दूर खड़ी पूजा ज़ोर-2 से हँसने लगी.

''ये सपना नही है जीजू....मैं सच में आपके सामने हूँ ....''

अजय के तो सारे के सारे दाँत दिखाई देने लग गये...इतनी हसीन सुबह तो उसकी आज तक नही हुई थी...जिसमे उसकी कुँवारी साली ने उसे ठीक वैसे ही उठाया था जैसे उसकी बीबी उसे रोज उठाया करती है..

अजय : "पर....पर तुम यहा कैसे....और प्राची कहा है...''

पूजा ने उसे सारी बात बताई....जिसे सुनने के बाद अजय की बाँछे खिलती चली गयी....यानी अगले 1-2 घंटे तक वो अपनी साली के साथ अकेला है...

उसके चेहरे पर आ रही शरारती मुस्कान को देखकर पूजा भी समझ गयी की अजय के ठरकी दिमाग़ में क्या चल रहा है...

''नो....नो....नो ......डोंट ईवन थिंक अबाउट देट ....मैं तो बस....आपको जगाने के बाद नाश्ता करवाकर वापिस जा रही हूँ ...''

इतना कहकर वो अपने दाँतो से होंठों को दबाकर जैसे ही वापिस जाने के लिए मुड़ी , अजय ने लपक कर उसकी कलाई पकड़ी और एक झटका देकर उसे अपनी तरफ खींच लिया...और वो स्लो मोशन में एक चकरी खाती हुई सीधा उसकी गोद में आकर गिर गयी...उसके चेहरे पर उसके गीले बालों ने बड़े ही सेक्सी अंदाज से कब्जा कर लिया....जिनके पीछे से वो अपनी गोल-मटोल आँखे दिखाती हुई बोली : "प्लीज़ जीजू ...छोड़ो ना.....क्या कर रहे हो....''

अजय : "वही...जो मैं रोज सुबह करता हूँ प्राची के साथ...अब वो तो है नही तो अपनी आधी घरवाली के साथ एटलीस्ट वो तो कर ही सकता हू ना...''

''क....क्या .....क्या कर सकते हो....'' उसने हकलाते हुए पूछा...उसके दिल की धड़कन अजय को सॉफ सुनाई दे रही थी..



अजय : "वही.... जो तुम मेरे साथ अभी कर रही थी....मुझे सोते हुए जो किस्स तुमने की थी...उसका रिप्लाइ तो लेती जाओ...''

पूजा की साँसे तेज हो गयी ये सुनकर...अजय उसके साथ वो करना चाहता था जो वो अपनी बीबी के साथ करता था...यानी वो उसकी बीबी की तरह है...यानी अजय उसे प्राची की तरह ही समझता है...

ये सोचकर एक अजीब सा अभिमान आ गया उसके अंदर...

और वो धीरे से बोली : "पर सिर्फ़ उतना ही ना...कुछ ज़्यादा तो नही....''

वो शायद चुदने तक के बारे में सोचने लग गयी थी...

अजय समझ गया की वो क्या सोच रही है, वो बोला : "वो तो बाद की बात है...अभी के लिए तो बस इतना ही....''

और इतना कहते-2 अजय ने अपना चेहरा आगे किया और बाकी का काम पूजा ने कर दिया...बड़ी ही अधीरता के साथ उसने अजय के सिर के पीछे हाथ रखकर अपने होंठ उसके साथ सटा दिए और फिर दोनो एक गहरी फ्रेंच किस्स में डूब गये...



और किस्स करते -2 वो कब बिस्तर पर चड गयी और अपने दोनो बूब्स कब उसकी छाती से रगड़ने लगी, उसे भी पता नही चला...

दोनो एक दूसरे को कुत्ते की तरह चाट रहे थे...चूस रहे थे...

अजय का एक हाथ उसके बूब्स पर घूमने लगा...और उसने शर्ट के उपर से ही उसके उभरे हुए निप्पल को दबा दिया...

वो मचल उठी..पर इस बार उसने अजय को नही रोका...और चूमने में लगी रही..

अजय तो उसके मुम्मो पर हाथ लगाते ही समझ चुका था की उसने ब्रा नही पहनी हुई है...कुछ देर तक उपर से ही हाथ घुमाते रहने के बाद उसकी उंगलिया हरकत में आई और उसने सामने का एक बटन खोल दिया...और फिर उस गेप में अपना हाथ खिसका कर जैसे ही उसके उभारों के नंगेपन को उसने स्पर्श किया, एक मस्ती भरी किलकारी मारती हुई पूजा ने मचलकर उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया..

''आआआआआआआआआआअहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... उम्म्म्ममममम ममममममम......जीजू....''

एक तो सुबह के वक़्त वैसे ही आदमी का लंड खड़ा रहता है...उपर से ऐसी सेक्सी साली का ये रूप देखकर तो उसका घोड़ा अस्तबल से बाहर आने के लिए हिनहिनाने लगा...और उसने उचकते हुए अपने खड़े हुए लंड को और उपर करते हुए उसके हाथ में भर दिया..

और फिर अजय ने उसके बाकी के बचे हुए बटन भी खोल डाले...पूजा नशे की हालत में आ चुकी थी...ठीक वैसे ही जैसे उस दिन पार्क में हो गयी थी उसकी हालत...उसका कोई ज़ोर नही चल पा रहा था अपने शरीर पर और भावनाओ पर...ना तो वो अपनी उत्तेजना को शांत रख पा रही थी और ना ही अजय को आगे बढ़ने से रोक पा रही थी..

अजय का एक हाथ पूरा अंदर घुस गया...और उसने मुट्ठी भरकर उसकी दाँयी चुचि को ज़ोर से दबा दिया..खड़े हुए निप्पल के साथ-2 उसका पूरा मुम्मा निचोड़ डाला अजय ने...

'उम्म्म्मममममममममम....धीईरए जीजू..................आआआआआआआआआअह दर्द होता है.................''



और ऐसा करते ही अजय ने एक चीज़ नोट की...जैसे ही उसने उसके मुम्मे को दबाया, उसके होंठों की कसावट नर्मी में बदल गयी....और वो पहले से ज़्यादा मुलायम होकर और भी ज़्यादा रसीले भी हो गये...यानी उसके होंठों में अंदर से और मीठापन बाहर की तरफ बरसने लगा...जिसे अजय ने तुरंत पी डाला...

और अब अजय रुका नही....उसने दूसरे हाथ की मदद से बाकी के बचे हुए बटन भी खोल डाले और शर्ट के दोनो पाट खोलकर उसकी नंगी छाती को अपनी आँखो के सामने सज़ा लिया...

पूजा का तो वैसे ही अपने उपर कोई बस नही चल रहा था...उससे भी मना नही किया गया.

उसने तो शर्म के मारे अपनी आँखे ही बंद कर ली...



और जब धीरे-2 उसने आँखे खोलकर देखा तो अजय को मंत्रमुग्ध सा अपनी छातियों की तरफ देखते हुए पाया...अजय आँखो ही आँखो में उसकी सुंदरता की तारीफ कर रहा था...और करता भी क्यो नही...इतनी सुंदर और सुडोल छातियाँ उसने आज तक नही देखी थी...



पार्क मे उनके साथ खेलना अलग बात थी...पर आज यहाँ, अपने ही रूम में , दिन की रोशनी में उन्हे देखकर उसका लंड स्टील जैसा हो गया...और उसने अपने लरजते हुए होंठ धीरे-2 आगे करते हुए उसके निप्पल से लगा दिए...

पूजा ने भी धड़कते दिल से उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती से लगा लिया..और छत की तरफ मुँह करते हुए जोरदार सिसकारी मार दी..

''आआआआआआआआआआआहह ............येससस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू................ सकककक मिईईईईईईईईईई''



और अजय ने भी अपना पूरा का पूरा मुँह खोलकर जितना हो सकता था,उतना मुम्मा अपने मुँह में भर लिया...और ज़ोर-2 से चूसने लगा...प्राची से तो छोटे ही थे उसके मुम्मे....इसलिए उसे बड़ी आसानी से अपने मुँह में भर पा रहा था वो...एक के बाद दूसरा ...और फिर से पहला...ये करते-2 वो करीब 10 मिनट तक उन्हे चूसता रहा...और अपनी थूक और दाँतों से उसे गीला और लाल सुर्ख कर दिया..


पूजा भी अजय से अपने बूब्स चुसवाते हुए ऐसे मुस्कुरा रही थी जैसे माँ पहली बार अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए खुश होती है...उसे इतने मज़े से बूब्स चूसता हुआ देखकर वो उसके बालों में उंगलियाँ घुमाती हुई बोली : "आपको बहुत पसंद है ये...''

उसका इशारा अपने मुम्मों की तरफ था

अजय ने हाँ में सर हिलाया

पूजा ने धड़कते दिल से अपनी शर्ट को धीरे-२ अपने बदन से अलग किया और उतार कर फेंक दिया
अब वो टॉपलेस होकर बैठी थी उसके सामने



पूजा : "और.... सकिंग करना भी ...''

अजय ने उसे चूसते -2 उसकी आँखो में देखा और बोला...''सिर्फ़ यहीं की सकिंग नही....यहाँ की भी पसंद है ....''

इतना कहते-2 उसने अपना एक हाथ उसकी गीली चूत पर लगा दिया....और अजय का हाथ वहां लगते ही पूजा का पूरा शरीर झनझना उठा....उसे कल रात की सारी बातें याद आने लगी, जिसमे वो आँखे बंद करवाके रिया से अपनी चूत चुसवा रही थी,और अपने जीजू को इमेजिन कर रही थी , वो सब सोचकर एक बार फिर से उसकी साँसे तेज होने लगी...दिल की धड़कनें जोर -२ से चलने लगी

वो कहना तो चाहती थी की .... नही......ऐसा मत बोलो ...ये ग़लत है...

पर उसके मुँह से निकला.....

''तो चूसो ना जीजू.....देर किस बात की है...''


1 comment:

MOHIT said...

awesome story

please post next part

jaldi

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