FUN-MAZA-MASTI
मालती एक कुतिया --2
मालती पे निशाना रमीज के अलावा एक और शख्स का भी था! ठाकुर रघुवीर सिंह! ठाकुर रघुवीर सिंह शहर के हवाला माफिया थे! काले कामो का बादशाह! पोलिटिकल पार्टीज का फण्ड स्विस बैंकों में ट्रान्सफर करना हो या फिर पैसा इधर से उधर पहुचना हो! रघुवीर की अन्दर तक पहुच थी! 48 साल का हट्टा-कट्टा इंसान! चेहरे पर तनी हुई मुच्छे! चौड़ा सीना! गठीला बदन! गले में मोटी सोने की चैन! पर्सनालिटी ऐसी कि उसे देख कर ही कोई बता दे कि कोई बड़ा आदमी है! हवाला का बिजनेस वो अपने टूरिज्म के बिजनेस के पीछे से चलाता था! उसके 8-10 5-स्टार होटल थे! अब होटल थे तो जिस्मफरोशी के धंधे में भी वो अपने पैर जमा चुका था!
ठाकुर और मालती की मुलाकात होली मिलन समारोह में हुई थी! जब मालती रमीज के साथ उसके घर होली मिलने पहुची थी! रमीज मालती को ऐसी जगह अपने साथ जरूर ले जाता था! मालती सफ़ेद साड़ी में किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी! रमीज की मेहनत अब मालती के जिस्म पर साफ़ साफ़ झलकती थी! बूब्स और गांड का साइज़ कब बड़ा हो गया इसका एहसास मालती को भी नहीं हुआ! वो आज भी साड़ी अपनी नाभि से 2 अंगुल नीचे से ही बंधती थी! रमीज का हाथ हमेशा उसकी कमर पर ही होता था! ठाकुर रघुवीर सिंह ने जब मालती को देखा तो वो उसकी तारीफ़ किये बिना रह नहीं पाए! नज़रें मालती के हुस्न का मुआइना कर रही थीं! रमीज को इस सब से कोई दिक्कत नहीं होती थी! आखिर मालती रांड ही तो थी उसकी, बीवी होती तो वो वहीँ आँखे नोच लेता! ठाकुर ने दोनों के गालो पर गुलाल लगाया और होली की मुबारकबाद दी! मालती ने भी अपने रंगीन अंदाज से ठाकुर को रंग लगाया, मालती के स्पर्श मात्र से ही ठाकुर का लंड हरकत में आ गया!
दोनों एक दुसरे को देखकर मुस्कुराए!
होली मिलन के बाद ठाकुर से रहा न गया और उसने रमीज से पूछ ही लिया!
“रमीज मियां माल अच्छा फसाया है आपने!” ठाकुर मुस्कुराते हुए बोला!
“रखैल है अपनी, वो रंजन था था.... उसकी बीवी है” रमीज बोला!
ठाकुर:“क्या बात कर रहे हो? वो रंजन की बीवी है?”
रमीज: “क्यों क्या हुआ? कोई ख़ास बात?”
ठाकुर: “नहीं नहीं..... वैसे अब रंजन की कमी खलती नहीं होगी बेचारी को” (मुस्कुराते हुए बोला)
रमीज: “हाहा.... सही फरमाया आपने... चिनाल है साली.... इतनी बड़ी रांड मैंने आज तक नहीं देखी, पति की मौत के 15 दिन बाद ही मेरा बिस्तर गरम करने चली आई थी”
ठाकुर: अरे मैंने सुना है तुम दुबई जा रहे हो?
रमीज: हाँ ठीक सुना है आपने, साला यहाँ बोर हो गया हूँ, सोच रहा हूँ एक दो महीने दुबई, मामू जान के साथ रह कर आऊँ!
(ठाकुर के मन में लड्डू फूटने लगे! मालती को चोदने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है)
ठाकुर: हाहा... सही है.... अच्छी जगह है दुबई! मालती को भी साथ ले जाओ!
रमीज: ना ना.... उस रांड की इतनी औकात नहीं की मेरे साथ दुबई जाए! वैसे मैंने सुना है की आपके होटल में एक नया माल आया है?
ठाकुर: हां... पर कीमत तगड़ी है उसकी... एकदम फ्रेश माल है.... **** एयरलाइन्स में एयर होस्टेस है साली... पार्टटाइम यहाँ बिस्तर गरम करती है!
रमीज: अरे आप कीमत की फिकर छोड़ो.. बस उसे आज मेरे हवाले कर दो... हमें भी तो अपनी होली थोड़ी रंगीन करने का हक है!
ठाकुर: हांहाँ क्यों नहीं... बस आधे घंटे में उसकी फ्लाइट आती ही होगी..... आप चाहो तो एअरपोर्ट से ही ले लो!
रमीज मुस्कुराते हुए बोला: आपकी यही बात तो मुझे अच्छी लगती है ठाकुर जी.. आप मना नहीं करते! अच्छा अब मैं चलता हूँ... अंग्रेजन लैंड करने वाली होगी!
मालती रमीज के दोस्तों के साथ बैठी थी! रमीज को पता था की अगर वो मालती को यहाँ छोड़ गया
तो उसके दोस्त उसके साथ रात रंगीन करने का मौका छोड़ेंगे नहीं! रमीज के दिमाग में एक खुराफात सूझी.... वो आज की रात मालती को ठाकुर के साथ छोड़कर जाने के बारे में सोच रहा था! रमीज ठाकुर के होटलों में कई बार रंडियां छोड़ चूका था, दोस्ती की वहज से ठाकुर कभी पैसे नहीं लेता था! एअरपोर्ट के रस्ते से ही उसने ठाकुर को फ़ोन मिलाया और मालती का ख्याल रखने के लिए बोला!
समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है! ठाकुर को ये समझने में देर नहीं लगी कि रमीज क्या कहना चाहता है! और फिर ठाकुर भी तो यही चाहता था! उसने मालती को तुरंत इशारा करके अपने पास बुलाया! मालती रमीज के दोस्तों के पास से उठती हुई ठाकुर के पास आई! कमर मटकाते हुए, हलकी सी मुस्कान लिए मालती को अपनी और आता देख ठाकुर तो जैसे घायल ही हो गया! मालती का गुदार मांसल जिस्म जैसे ठाकुर के लंड के लिए वियाग्रा का काम कर रहा था! ठाकुर ने मालती के सामने ही अपने लंड को गंजी के अन्दर अडजस्ट किया! ठाकुर की इस हरकत पे मालती मुस्कुरा दी! ठाकुर की ठसक भी रमीज से कुछ कम नहीं थी! ठाकुर ने मालती को देखा और वो भी मुस्कुराया और मुड़ के अन्दर जाने लगा! मालती ठाकुर के पीछे पीछे आ रही थी! ठाकुर मुड़ा और मालती को अपने पीछे आता देख मुस्कुराया और सीधे अपने बेडरूम की ओर चला गया! मालती भी ठाकुर के पीछे पीछे ठाकुर के बेडरूम में पहुच चुकी थी, या यूँ कहें की शेर के पिंजड़े में हिरनी खुद चल के आई थी! दोनों अब बेडरूम में थे, ठाकुर बेड के बगल में पड़े काउच पे बैठा था... और मालती खड़ी थी! मालती ठाकुर को देख रही थी, और ठाकुर मालती को! 2 मिनट तक शांत रहने के बाद मालती बोली “ऐसे क्या देख रहे हैं आप मुझे....” ठाकुर के चेहरे पे शैतानी मुश्कान थी.... “सोच रहा हूँ... कहाँ से शुरू करूँ...”.... मालती शर्मा गई.... अपनी नजरें उसने नजाकत के साथ झुका लीं! ठाकुर फिर मुस्कुराते हुए बोला.... “आय-हाय... क्या अदा है.... जरा अपना पल्लू तो गिरा...”
मालती मुस्कुरा रही थी... नजरें नीचे थी उसकी.... “बेहेन की लौड़ी... सुनाई नहीं दिया तुझे.... पल्लू गिरा अपना....” ठाकुर ने अपनी मर्दानगी भरी आवाज में कहा..... मालती ने फट से अपना पल्लू सरका दिया.. “साली नीचे क्या देख रही है.... ऊपर देख..... यहाँ... मेरे लंड पे.....” ठाकुर का लंड हवा में लहरा रहा था.... मालती की नजरें अब ठाकुर के लंड पे थीं... ठाकुर ने इशारा किया और मालती अगले ही पल उसके पास थी..... ठाकुर ने साड़ी की पट्टियों को अपनी मुट्ठी में थामा और एक ही झटके में पूरी साड़ी नीचे जमीन में आ गई.... पेटीकोट का नारा ठाकुर ने अपने दांतों में दबा के खीचा.... उफ्फ्फ.... ऊपर से जितनी ब्लैक एंड वाइट थी... अन्दर से उतनी ही रंगीन थी आज वो... आज भी उसने लाल चड्ढी पहनी हुई थी..... ऊपर मैचिंग लाल ब्रा.... मालती का एक पैर अब ठाकुर की जान्घो के बीच रखा था.... ठाकुर उसके गोरी टांगो पे अपने हाथ फिरा रहा था! मालती भी गरम हो रही थी... उसने अपना ये पैर पीछे किया और दूसरा पैर ऊपर रख दिया.... ठाकुर उसके गोरे पैरों को चांट रहा था... ठाकुर अब पीछे हटा और अपने दोनों हाथो से मालती की कमर को थमा और उसे घुमा दिया.... मालती की गांड अब ठाकुर के सामने थी..... लाल पैंटी मालती की गांड को और भी सेक्सी बना रही थी! ठाकुर ने पैंटी की आउटलाइन पर अपनी उंगलियाँ फेरीं और फिर उसने उसकी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर खींच दी...... मालती ने अपनी टांगो से पैंटी को नीचे सरका दिया! मालती अब ठाकुर की गोद में थी! ठाकुर ने अपने लंड को मालती की गांड से दबा लिया था..... वो उसकी पीठ चूम रहा था.... दोनों हाथ मालती की कोमल चूचियों पे थे.... मालती की हालत खराब हो रही थी... वो बेचैन हो रही थी.... ठाकुर पूरी सिद्धत से मालती के जिस्म का मजा ले रहा था! “आह मालती.... मेरी जान....” ठाकुर अब बूब्स चूस रहा था... मालती की चूत पे अब ठाकुर का लंड था......
ठाकुर ने मालती को गोद में उठाया और सामने पड़े बेड पे पटक दिया.... और खुद मालती के ऊपर चढ़ गया..... दोनों हाथ मालती की गांड को मसल रहे थे.... और लंड, चूत के अन्दर जाने को तैयार था! ठाकुर ने तीन झटकों में पूरा लंड मालती के अन्दर कर दिया! बिना कंडोम के चुदवाने की मालती की आदत हो गई थी.... क्योंकि रमीज कभी कोंडोम नहीं लगाता था! ठाकुर का पूरा लंड मालती के अन्दर था.... मालती हलके हलके से अपनी गांड को उठा कर लंड के मजे ले रही थी.... फिर ठाकुर ने भी धक्के लगाने शुरू किये..... मिशनरी पोजीशन में मालती को इतना मजा कभी नहीं आया था जितना ठाकुर के साथ आ रहा था.... ठाकुर का बालों से भरा सीना, मालती के बूब्स को रगड़ रहा था..... मालती का बायाँ कान ठाकुर के मुह में था..... मालती के दोनों हाथ ठाकुर की पीठ पर! और ठाकुर के दोनों हाथ मालती के चुत्तडों को मसल रहे थे! “उफ्फ्फ...... आःह ऊऊउ..... उई मा..... मर गेई आआह्ह्ह.... हाँ आः.......” पूरे कमरे में बस यही आवाजे गूँज रही थी! ठाकुर झड़ने वाला था..... मालती अब तक 2 बार झड चुकी थी.... थाकुर ने अपना वीर्य मालती की चूत में ही रिलीज़ कर दिया.... ठाकुर हांफता हुआ मालती के ऊपर गिर गया.... मालती भी ठाकुर को अपनी बाहों में जकड़े जकड़े सो गई!
उधर रमीज ने भी अंग्रेजन एयर होस्टेस को जम के हर पोज़ में रात भर चोदा! आज उसे काफी दिनों के बाद ऐसी कड़क चूत और चुदवाने वाली मिली थी! जाहिर था कि अब वो मालती के पास दुबारा जाना नहीं चाहता था! उसे मलती को खुद से दूर करने का एक बहाना चाहिए था! और फिर अब मालती का क्या काम था उसकी जिन्दगी में! अपने दुश्मन, मालती के पति रंजन को तो उसने 6 महीने पहले ही हटा दिया था! और मालती को चोदने में उसे वो मजा भी नहीं आता था!
“आह.... छोडिये न.... उफ्फ्फ.... कल रात से 6 बार ले चुके हैं आप मेरी...” मालती कामुक अंदाज में ठाकुर से बोल रही थी.... “चुप कर.... अभी तक तो तेरे पति की पुरानी करतूतों का हिसाब ले रहा था तुझसे... अभी और भी हिसाब लेना है तुझसे....” ऐसा बोलते हुए एक बार फिर से लंड मालती की चूत में था... और धक्के तेज़ हो गए थे.... मालती भी चूतड़ उठा उठा के चुदवा रही थी...
ठाकुर एक रात में ही मालती का दीवाना हो गया था... वो अब उसे अपने पास से जाने नहीं देना चाहता था... पर रमीज से दुश्मनी लेना भी कोई समझदारी नहीं थी!
सुबह फिर से दो बार चोदने के बाद उसने मालती को उसके घर भेज दिया! ठाकुर की चुदाई की मालती भी कायल हो गई थी! रमीज दोपहर में अपने चार दोस्तों के साथ सीधे मालती के घर जा धमका! दरअसल हुआ ऐसा कि रमीज के दोस्तों ने मालती की ठाकुर के साथ रात रंगीन करने की बात मिर्च मसाला डाल के रमीज को सुनाई! अब रमीज अपने दोस्तों से ये तो नहीं बता सकता था कि उसने खुद मालती को ठाकुर के हवाले किया था! इससे दोस्तों पर गलत इम्प्रैशन!
“हां भाई जान... ये हमें अकेला छोड़ के उस भडवे ठाकुर का बिस्तर गरम कर रही थी” अफजल बोला...
“क्यों रांड... चूत में इतनी खुजली हो रही थी?” “मेरे बाद तुझपे केवल और केवल मेरे दोस्तों का हक है....” रमीज ने मालती के बाल पकडे और धक्का देकर अफजल के पैरों पे गिरा दिया!
“आह..... क्या कर रहे हैं आप.... आप भी तो कही गए थे मुह मारने.... मैंने तो कभी नहीं कहा आपसे की आप पर केवल मेरा हक है” मालती फर्श पर आधी लेती हुई बोली....
“जवान लड़ाती है रमीज भाई से.....” “चटाक.....” “चट्ट” दो थप्पड़ अफजल ने मालती के गालों पर जड़ दिए.....
“हाँ.... क्या गलत कहा मैंने....” मालती चिल्लाती हुई बोली... उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे....
“चुप होजा साली रांड.... वरना.....” रमीज बोला
“वरना... वरना क्या?? क्या वरना? मालती चिला रही थी!
रमीज का गुस्सा सातवे आसमान पे था.......वो मलती को घसीटता हुआ अन्दर बेडरूम तक ले गया.... और जाकर बेड पर पटक दिया.... अगले ही पल मालती पूरी नंगी थी..... रमीज ने भी अपना अंडरवियर उतारा और फेंक दिया! रमीज का अंडरवियर बीएड के बगल में टेबल पर मालती और रंजन की शादी को फोटो के ऊपर जा गिरा! दोनों हाथ बेरहमी से मालती के बूब्स मसल रहे थे.... लंड चूत में था...... मालती के गाल पर बीच बीच में चांटे भी पड़ रहे थे! आखिर गलती तो मालती ने की थी! ठाकुर से चुदवाने की नहीं... पर रमीज के दोस्तों को अकेला छोड़कर जाने की! और उसके बाद रमीज से जवान लड़ाने की! और इसकी सजा भी उसे मिल रही थी! रात भर अंग्रेजन को चोदने के बाद रमीज के लंड में वो ताकत नहीं बची थी! 10 मिनट में ही झड़ गया और मालती के मुह पे थूकते हुए कमरे के बाहर निकल गया! मालती बिस्तर पर वैसे ही पड़ी रही!
रमीज के बहार जाते ही बेडरूम के बाहर उसके दोस्तों के चेहरे पर मुस्कान आ गई... क्योंकि बारी अब उनकी थी.... चार के चारो अब बेडरूम में थे और रमीज घर से निकल गया था! मालती अब रमीज के जालिम दोस्तों के हवाले थी! आज उसकी हालत जीबी रोड की कुतिया से भी बुरी होने वाली थी! रमीज के जाने के बाद वहां का बॉस अफजल था! अफजल और बाकी के तीनो कमीनो ने मालती की गांड और चूत जम कर मारी! 4 घंटे तक मालती कभी मुह में लेती तो कभी गांड में.... कभी तिरछी होके चुद रही थी तो कभी कुतिया बनाई जा रही थी! कल रात से अब तक वो कितनी बार चुदी थी ये उसे भी याद नहीं था! रमीज के दोस्त शाम सात बजे उसे बेहाल करके उसके घर से निकल लिए!
सोमवार का दिन था , मालती आज भी हर सोमवार की तरह सुबह पार्क आई हुई थी! पर आज ठाकुर भी आया हुआ था! मालती सीढ़ियों से उतर रही थी और ठाकुर चढ़ रहा था! मालती ने ठाकुर को नहीं देखा , पर ठाकुर की नजर से खूबसूरती बाख कर नहीं जा सकती थी! ठाकुर ने मालती का हाथ अपने हाथ में थाम लिया ! मालती ठाकुर को देख लगभग लड़खड़ा गई.... उसके घुटने कमजोर पड़ने लगे! उसे पिछली बार की सजा याद आ गई जो रमीज ने उसे उस रात के बाद दी थी.... मालती ने हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश की....! ठाकुर मुस्कुराता हुआ बोला.... “प्रसाद नहीं खिलाओगी?” “छोडिये मुझे... रमीज को पता चल गया तो छोड़ेंगे नहीं वो मुझे”
“अजी हम कौन सा छोड़ देंगे आपको... अब प्रसाद खाए बिना तो जाने नहीं देंगे हम” शैतानी अंदाज में ठाकुर अपना मुह मालती के कान के पास लता हुआ बोला!
“वैसे भी रमीज मियां तो आज की रात दुबई जा रहे हैं... फिर फिकर किस बात की?” “हमारी मर्दानगी में कोई लचक है क्या?”
मालती की चूत गीली हो रही थी..... ठाकुर मालती को लेकर सीधे अपने बंगले पंहुचा... पूरे 8 महीने बाद मिली थी वो उससे.... इन आठ महीनो में मालती के लिए ठाकुर की प्यास और भी बढ़ गई! ऐसा नहीं है की ठाकुर ने मालती से मिलने की कोशिश नहीं की थी इन आठ महीनो में.... पर मुलाकात हो नहीं पाई..... मालती ने आज अपनी जिन्दगी की सारी किताब ठाकुर के सामने खोल कर रख दी! ठाकुर कुतिया पालने का शौक़ीन था! और नई कुतिया उसके बिस्तर पर थी! ठाकुर के आंड मालती के मुह में थे! मालती आज ठाकुर को खुश कर देना चाहती थी! क्योंकि एक ठाकुर ही था... जो अब उसे रमीज और उसके दोस्तों से दूर भागने में मदद कर सकता था! ठाकुर चोदता था, मगर प्यार से.... ठाकुर बिस्तर के बाहर औरत की बहुत इज्ज़त करता था! चाहे वो उसकी कुतिया ही क्यों न हो! वैसे तो वो मालती को धंधे पे भी लगा सकता था.. पर उसके दिमाग में कुछ और था! हीरे की पहचान थी ठाकुर को! रंजन मिश्रा की बीवी को वो सारी जिन्दगी अपने अन्डो के नीचे ही रखना चाहता था! दो बार चुदने के बाद मालती ठाकुर के जिस्म तले दबी लेती थी.... ठाकुर की पीठ को सहला रही थी! ठाकुर अलग हटा और सीधा टाँगे पसार के लेट गया! मालती अब ठाकुर की छाती के बालो को सहला रही थी! ठाकुर के कंधे पर मालती का सर था! “आप कितने अच्छे हो” मालती ने मस्का लगाना शुरू किया! “ उम्म्ह... अच्छा तो मैं हू ही.... पर क्या तुम अच्छी नहीं बनना चाहती?” मालती सुन रही थी... ठाकुर के छाती के बालो से खेल रही थी.... उसकी एक टांग ठाकुर के लंड पे थी! “कब तक उस रमीज का बिस्तर गरम करती रहोगी? सारी जिन्दगी है तुम्हारे सामने... अपने बच्चो के बारे में सोचो”!
“और कर भी क्या सकती हूँ मैं.... कैसे निकलूं इस जाल से.....” मालती फुसफुसाई.. और अपनी टांग से ठाकुर के लंड को दबा दिया!
“मैं निकालूँगा तुझे.... चिंता क्यों करती है.... रंजन मेरा दोस्त था.... और तुम उसकी बीबी हो... तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है या नहीं?”
“पर रमीज... वो भी तो दोस्त ही था रंजन का” मालती बोली!
“हाहा.... किसने बोला तुमसे... सारा शहर जानता है.... कि तेरे पति और रामीज की कभी नहीं बनी... और तो और लोग तो यहाँ तक बोलते हैं की रंजन का एक्सीडेंट रमीज ने ही करवाया था”
मालती शांत थी... अब वो कैसे बताती कि इस काली करतूत में उसका भी हाथ था!
“मालती.. देख तेरे दो बच्चे है... वो भी अब बड़े हो रहे हैं... तेरी बेटी.... जो दिल्ली में है... पढ़ रही है... अगले साल कॉलेज में दाखिला लेगी... तेरा बेटा.. कभी तो लौट के आएगा हॉस्टल से...
कैसा लगेगा उन्हें... जब वो तुझे रमीज और उसके दोस्तों का बिस्तर गरम करते देखेंगे...”
मालती सुन रही थी.... और ठाकुर बोल रहा था.... ठाकुर की बीवी मइके गई हुई थी... इसलिए आज मालती ठाकुर के बिस्तर पर ही चुदी थी!
“और रमीज का दिल तो कब का तुझसे भर गया है.... इधर उधर मुह मरता घूमता है”
ठाकुर की बातें मालती के दिल में बैठ रही थीं..... मालती ने अपने बाकी दुखड़े भी दिल खिल कर ठाकुर को बता दिए! मालती को पता भी नहीं चला कब वो रमीज की रांड से ठाकुर की पालतू कुतिया बन गई थी!
“और आज रात रमीज तुझे अपने दोस्तों के हवाले करके दुबई जाने वाला है.... क्या तू उसके उन दो कौड़ी के दोस्तों का बिस्तर गरम करेगी अब? अरे रंजन की कुछ तो लाज रख”
“अब आप ही बताओ क्या करू मैं” मालती बोली...
“आह... ये हुई न बात.. चल पहले तो मेरा लौड़ा चूस... फिर बताता हूँ तुझे क्या करना है!”
मालती मुस्कुराई और उठते हुए ठाकुर का लौड़ा चूसने लगी..... पर मालती का ध्यान आज ठाकुर के अन्डूओं पर जादा था.... वो जानती थी... की उसके अन्डू चूसने पर ठाकुर को अलग मजा आएगा.....
“तो आज रात तू मेरे होटल अपना सामन लेकर आ जाना...., तुझे अब उस घर में रहने की कूई जरूरत नहीं है.... मैं उस घर को बिकवा दूंगा..... वहां रहेगी तो रमीज के दोस्त तुझे परेशान करते रहेंगे!”
मालती सुन रही थी और ब्लोजॉब दे रही थी.....
“जॉब करेगी.. होटल में?”
मालती लौड़ा चूसती रही!
“नया होटल खोला है मैंने देहरादून में... एक मैनेजर की जरूरत है”
मालती ठाकुर को अपने मुह से खुश करने में लगी थी...... वो बस सुन रही थी..
“चल अब ऊपर आ....” ठाकुर बोला...
मालती मुड़ी और ठाकुर के लंड पे बैठ गई.... और झुक के ठाकुर को चूम लिया.... ठाकुर ने अपने हाथ से मालती के बालों को पीछे किया.... और फिर लंड को मालती की चूत पे सेट किया....
ठाकुर आराम से पैर पसार के लेता था.... लंड मालती की चूत में था... मालती कूद रही थी.....
चूतड़ हिला हिला के ठाकुर के लौड़े का मजा ले रही थी.... ठाकुर दोनों हाथो से मालती के बूबों की मसल रहा था!
मालती अपनी चूत में ठाकुर की के लौड़े की एक एक नस को महसूस कर सकती थी...
जन्नत क्या होती है कोई इस वक्त ठाकुर से पूछता.... उफ्फ... वो बस बेड की बाई दीवार पर लगे फुल साइज़ मिरर में अपनी और मालती की कामलीला देख रहा था......
मालती कामसुख में कोई कमी नहीं रहने देना चाहती थी.... मालती अपनी गांड ऐसे हिला रही थी जैसे ठाकुर के फौलादी लंड से मालती अपनी चूत की दीवारों को खुजा रही हो....
“आह... मेरी जान.... इरादा क्या है?” ठाकुर मस्ती में बोला....
“ओह...ठाकुर जी..... उम्म्ह..... उफ्फ्फ.... अआह.....” कुछ बोलना चाहते हुए भी मालती कुछ नहीं बोली.... और लंड पे और तेज़ी से उछलने लगी....
ठाकुर भी मालती की इस हरकत से मस्ती में आ गया और दोनों हाथो से मालती से चुत्तडों को पकड़कर नीचे से धक्के लगाने लगा.....
कुछ देर यूँ ही ड्रिलिंग करने के बाद......
“उफ्फ्फ.... मेरी जान..... अह....” जोश में ठाकुर ने मालती को अपने नीचे दबा लिया.... अब मालती नीचे थी... ठाकुर ऊपर था...
“आउउह........ उम्म्ह.....” मालती कसमसाती हुई ठाकुर के जिस्म तले दबी हुई थी.... ठाकुर का लंड अभी भी उसकी चूत में ही था....
ठाकुर कभी मालती के दायें कान को चबाता तो कभी बाएं कान को.... मालती ने भी दो चार लव बाईट ठाकुर के सीने और गले पर बना दिए थे....
ठाकुर मालती को अपनी फेवरेट मिशनरी स्टाइल में चोद रहा था.... मालती के दोनों हाथ ठाकुर की पीठ पर थे... और ठाकुर के दोनों हाथ मालती की पीठ पर..... ठाकुर ने मालती को अपने जिस्म में जकड रखा था... और नीचे कूल्हे हिला हिला के चोद रहा था.....
कमरे में मालती की आंहे गूँज रही थीं..... “आह... ऊह... उफ्फ.... ठाकुर जी..... आह....”
लगभग 20 मिनट तक धक्के लगाने के बाद अब ठाकुर का लंड मालती की चूत के अन्दर वाईब्रेट कर रहा था...ठाकुर का पानी निकलने वाला था..... दोनों ने एक दुसरे को और जोर से जकड लिया.... चूत के अन्दर ही धीरे धीरे लंड हिलाते हुए ठाकुर झड़ गया..... ठाकुर के वीर्य को महसूस करते हुए मालती एक बार फिर झड़ गई....
दोनों पिछले 10 मिनट से उसी पोजीशन में लेते थे जिसमे वो झड़े थे...
“ओह.... ठाकुर जी... हटिये न....” मालती सेक्सी आवाज में फुसफुसाई.....
ठाकुर अब मालती के बगल में लेता था.... और उसकी खूबसूरती को निहार रहा था!
“अब आप मुझे इज़ाज़त देंगे? खा लिया प्रसाद आपने?” मालती ठाकुर की आँखों में झांकते हुए प्यार से बोली....
“अरे EDITED.... अभी कहाँ..... अभी तो सिर्फ पूजा की है”
“ओहो आप भी न.... रमीज को आज दुबई जाना है... सी ऑफ़ तो कर लेने दीजिये”
“हां जाओ जाओ....रमीज मियां को सी ऑफ करना तो बनता है... पर ध्यान रखना कहीं रमीज के दोस्त तुम्हे सी न करने लगें” ठाकुर ने मालती की चुटकी लेते हुए कहा!
मालती मुस्कुराई... ठाकुर के सीने पर किस किया और उठ कर अटैच्ड बाथरूम में घुस गई,
बाहर आकर साड़ी पहनी और ठाकुर को किस करके चली गई!
ठाकुर आज बहुत खुश था... रंजन की बीवी को दूसरी बार चोदा था आज उसने वो भी दिन के उजाले में..... उससे भी जादा ख़ुशी उसे इस बात की थी की चिड़िया अब उसके जाल में थी....
ठाकुर बिस्तर पर तो औरत को अपने अन्डू के नीचे रखता था... पर बिस्तर के बाहर, एक सभ्य इंसान की तराह औरत की इज्ज़त भी करता था... अपनी इसी काबिलियत के चलते उसकी चाहने वालियों की कमी नहीं थी!
मालती सीधे रमीज के घर ही पहुची.... साथ में प्रसाद भी था... ये हर सोमवार का नियम होता था... मालती सुबह सुबह पार्क जाती, वहाँ से सीधे रमीज के घर जाती, रमीज को प्रसाद देने.... अब रमीज को किस प्रसाद में जादा दिलचस्पी थी... आप लोग अब तक समझ ही चुके होंगे...
आज भी मालती सीधे उसके घर पहुची... पर आज वो पूरे 4 घंटे लेट थी... रमीज आज जी भर के मालती को चोदना चाहता था... पर 4 घंटे का वेट उससे हो नहीं पाया... तो उसने अपनी सेक्रेटरी चांदनी को ही चोद लिया था! अब वो घर से निकल रहा था.... एअरपोर्ट के लिए.... मालती को देखा तो उसके चेहरे पर गुस्से के साथ मुस्कान भी आ गई.... मालती को उसने अपने साथ गाड़ी में बैठाल लिया! अफजल ड्राइव कर रहा था.... मालती और रमीज पीछे की सीट पर थे... मालती रमीज से चिपक कर बैठी हुई थी...
“कहाँ थी अब तक हरामजादी?”
“जी वो मंदिर में भीड़ बहुत थी आज.... और आते समय रस्ते में जाम भी मिल गया था”
“सजा तो तुझे मिलेगी इसकी...”
“उम्म्म..... आपकी हर सजा मंजूर है आपकी इस रांड को”
“आह... ये हुई न बात.. चल फिर देर किस बात की... हो जा चालू...”
मालती मुस्कुराई और रमीज के पैंट से लंड निकाल कर चूसने लगी....
रमीज ने कार के अन्दर ही मालती के बाल पकड़ के उसके मुह को चोदा.... और फिर मालती ने रमीज के लंड को अपनी जीभ से साफ करके वापस पैंट में दाल दिया!
“मैं 2 महीने में वापस आ जाऊंगा....तब तक तेरा ख्याल अफजल रखेगा...”
“मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ”
“चुप कर हरामन.... बोला न अफजल रखेगा तेरा ख्याल...”
एअरपोर्ट आ गया.... रमीज ने आखिरी बार मालती के चूतडों को मसला.... और उसके गाल में जोर का थप्पड़ मारा.... “अफजल... समझी..... सिर्फ और सिर्फ अफजल.... वही रखेगा तेरा ख्याल.... तू यही बैठ और अफजल के वापस आने का वेट कर... ”अफजल और रमीज एअरपोर्ट के अन्दर चले गए....
अफजल जब बाहर वापस आया तो मालती गायब थी!
मालती ने जैसा एक्स्पेक्ट किया था वैसा ही हुआ... मालती मौका पाते ही तुरंत गाड़ी से निकली और सीधे ठाकुर के घर पहुच गई... ठाकुर मालती तो देख कर मुस्कुराया.... और मालती ठाकुर के गले लग गई!
मालती ने ठाकुर को सब कुछ बता दिया....
“तुम्हे अब वह जाने की कोई जरूरत नहीं है....”
पर तुम यहाँ भी नहीं रह सकती.... आज रात में मेरी फैमली वापस आ जाएगी!
ठाकुर ने मालती को अपने एक होटल के कमरे में ठहरा दिया!
अफजल ने मालती को ढूँढने की बहुत कोशिश की.. पर वो उसे नहीं मिली!
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
मालती एक कुतिया --2
मालती पे निशाना रमीज के अलावा एक और शख्स का भी था! ठाकुर रघुवीर सिंह! ठाकुर रघुवीर सिंह शहर के हवाला माफिया थे! काले कामो का बादशाह! पोलिटिकल पार्टीज का फण्ड स्विस बैंकों में ट्रान्सफर करना हो या फिर पैसा इधर से उधर पहुचना हो! रघुवीर की अन्दर तक पहुच थी! 48 साल का हट्टा-कट्टा इंसान! चेहरे पर तनी हुई मुच्छे! चौड़ा सीना! गठीला बदन! गले में मोटी सोने की चैन! पर्सनालिटी ऐसी कि उसे देख कर ही कोई बता दे कि कोई बड़ा आदमी है! हवाला का बिजनेस वो अपने टूरिज्म के बिजनेस के पीछे से चलाता था! उसके 8-10 5-स्टार होटल थे! अब होटल थे तो जिस्मफरोशी के धंधे में भी वो अपने पैर जमा चुका था!
ठाकुर और मालती की मुलाकात होली मिलन समारोह में हुई थी! जब मालती रमीज के साथ उसके घर होली मिलने पहुची थी! रमीज मालती को ऐसी जगह अपने साथ जरूर ले जाता था! मालती सफ़ेद साड़ी में किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी! रमीज की मेहनत अब मालती के जिस्म पर साफ़ साफ़ झलकती थी! बूब्स और गांड का साइज़ कब बड़ा हो गया इसका एहसास मालती को भी नहीं हुआ! वो आज भी साड़ी अपनी नाभि से 2 अंगुल नीचे से ही बंधती थी! रमीज का हाथ हमेशा उसकी कमर पर ही होता था! ठाकुर रघुवीर सिंह ने जब मालती को देखा तो वो उसकी तारीफ़ किये बिना रह नहीं पाए! नज़रें मालती के हुस्न का मुआइना कर रही थीं! रमीज को इस सब से कोई दिक्कत नहीं होती थी! आखिर मालती रांड ही तो थी उसकी, बीवी होती तो वो वहीँ आँखे नोच लेता! ठाकुर ने दोनों के गालो पर गुलाल लगाया और होली की मुबारकबाद दी! मालती ने भी अपने रंगीन अंदाज से ठाकुर को रंग लगाया, मालती के स्पर्श मात्र से ही ठाकुर का लंड हरकत में आ गया!
दोनों एक दुसरे को देखकर मुस्कुराए!
होली मिलन के बाद ठाकुर से रहा न गया और उसने रमीज से पूछ ही लिया!
“रमीज मियां माल अच्छा फसाया है आपने!” ठाकुर मुस्कुराते हुए बोला!
“रखैल है अपनी, वो रंजन था था.... उसकी बीवी है” रमीज बोला!
ठाकुर:“क्या बात कर रहे हो? वो रंजन की बीवी है?”
रमीज: “क्यों क्या हुआ? कोई ख़ास बात?”
ठाकुर: “नहीं नहीं..... वैसे अब रंजन की कमी खलती नहीं होगी बेचारी को” (मुस्कुराते हुए बोला)
रमीज: “हाहा.... सही फरमाया आपने... चिनाल है साली.... इतनी बड़ी रांड मैंने आज तक नहीं देखी, पति की मौत के 15 दिन बाद ही मेरा बिस्तर गरम करने चली आई थी”
ठाकुर: अरे मैंने सुना है तुम दुबई जा रहे हो?
रमीज: हाँ ठीक सुना है आपने, साला यहाँ बोर हो गया हूँ, सोच रहा हूँ एक दो महीने दुबई, मामू जान के साथ रह कर आऊँ!
(ठाकुर के मन में लड्डू फूटने लगे! मालती को चोदने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है)
ठाकुर: हाहा... सही है.... अच्छी जगह है दुबई! मालती को भी साथ ले जाओ!
रमीज: ना ना.... उस रांड की इतनी औकात नहीं की मेरे साथ दुबई जाए! वैसे मैंने सुना है की आपके होटल में एक नया माल आया है?
ठाकुर: हां... पर कीमत तगड़ी है उसकी... एकदम फ्रेश माल है.... **** एयरलाइन्स में एयर होस्टेस है साली... पार्टटाइम यहाँ बिस्तर गरम करती है!
रमीज: अरे आप कीमत की फिकर छोड़ो.. बस उसे आज मेरे हवाले कर दो... हमें भी तो अपनी होली थोड़ी रंगीन करने का हक है!
ठाकुर: हांहाँ क्यों नहीं... बस आधे घंटे में उसकी फ्लाइट आती ही होगी..... आप चाहो तो एअरपोर्ट से ही ले लो!
रमीज मुस्कुराते हुए बोला: आपकी यही बात तो मुझे अच्छी लगती है ठाकुर जी.. आप मना नहीं करते! अच्छा अब मैं चलता हूँ... अंग्रेजन लैंड करने वाली होगी!
मालती रमीज के दोस्तों के साथ बैठी थी! रमीज को पता था की अगर वो मालती को यहाँ छोड़ गया
तो उसके दोस्त उसके साथ रात रंगीन करने का मौका छोड़ेंगे नहीं! रमीज के दिमाग में एक खुराफात सूझी.... वो आज की रात मालती को ठाकुर के साथ छोड़कर जाने के बारे में सोच रहा था! रमीज ठाकुर के होटलों में कई बार रंडियां छोड़ चूका था, दोस्ती की वहज से ठाकुर कभी पैसे नहीं लेता था! एअरपोर्ट के रस्ते से ही उसने ठाकुर को फ़ोन मिलाया और मालती का ख्याल रखने के लिए बोला!
समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है! ठाकुर को ये समझने में देर नहीं लगी कि रमीज क्या कहना चाहता है! और फिर ठाकुर भी तो यही चाहता था! उसने मालती को तुरंत इशारा करके अपने पास बुलाया! मालती रमीज के दोस्तों के पास से उठती हुई ठाकुर के पास आई! कमर मटकाते हुए, हलकी सी मुस्कान लिए मालती को अपनी और आता देख ठाकुर तो जैसे घायल ही हो गया! मालती का गुदार मांसल जिस्म जैसे ठाकुर के लंड के लिए वियाग्रा का काम कर रहा था! ठाकुर ने मालती के सामने ही अपने लंड को गंजी के अन्दर अडजस्ट किया! ठाकुर की इस हरकत पे मालती मुस्कुरा दी! ठाकुर की ठसक भी रमीज से कुछ कम नहीं थी! ठाकुर ने मालती को देखा और वो भी मुस्कुराया और मुड़ के अन्दर जाने लगा! मालती ठाकुर के पीछे पीछे आ रही थी! ठाकुर मुड़ा और मालती को अपने पीछे आता देख मुस्कुराया और सीधे अपने बेडरूम की ओर चला गया! मालती भी ठाकुर के पीछे पीछे ठाकुर के बेडरूम में पहुच चुकी थी, या यूँ कहें की शेर के पिंजड़े में हिरनी खुद चल के आई थी! दोनों अब बेडरूम में थे, ठाकुर बेड के बगल में पड़े काउच पे बैठा था... और मालती खड़ी थी! मालती ठाकुर को देख रही थी, और ठाकुर मालती को! 2 मिनट तक शांत रहने के बाद मालती बोली “ऐसे क्या देख रहे हैं आप मुझे....” ठाकुर के चेहरे पे शैतानी मुश्कान थी.... “सोच रहा हूँ... कहाँ से शुरू करूँ...”.... मालती शर्मा गई.... अपनी नजरें उसने नजाकत के साथ झुका लीं! ठाकुर फिर मुस्कुराते हुए बोला.... “आय-हाय... क्या अदा है.... जरा अपना पल्लू तो गिरा...”
मालती मुस्कुरा रही थी... नजरें नीचे थी उसकी.... “बेहेन की लौड़ी... सुनाई नहीं दिया तुझे.... पल्लू गिरा अपना....” ठाकुर ने अपनी मर्दानगी भरी आवाज में कहा..... मालती ने फट से अपना पल्लू सरका दिया.. “साली नीचे क्या देख रही है.... ऊपर देख..... यहाँ... मेरे लंड पे.....” ठाकुर का लंड हवा में लहरा रहा था.... मालती की नजरें अब ठाकुर के लंड पे थीं... ठाकुर ने इशारा किया और मालती अगले ही पल उसके पास थी..... ठाकुर ने साड़ी की पट्टियों को अपनी मुट्ठी में थामा और एक ही झटके में पूरी साड़ी नीचे जमीन में आ गई.... पेटीकोट का नारा ठाकुर ने अपने दांतों में दबा के खीचा.... उफ्फ्फ.... ऊपर से जितनी ब्लैक एंड वाइट थी... अन्दर से उतनी ही रंगीन थी आज वो... आज भी उसने लाल चड्ढी पहनी हुई थी..... ऊपर मैचिंग लाल ब्रा.... मालती का एक पैर अब ठाकुर की जान्घो के बीच रखा था.... ठाकुर उसके गोरी टांगो पे अपने हाथ फिरा रहा था! मालती भी गरम हो रही थी... उसने अपना ये पैर पीछे किया और दूसरा पैर ऊपर रख दिया.... ठाकुर उसके गोरे पैरों को चांट रहा था... ठाकुर अब पीछे हटा और अपने दोनों हाथो से मालती की कमर को थमा और उसे घुमा दिया.... मालती की गांड अब ठाकुर के सामने थी..... लाल पैंटी मालती की गांड को और भी सेक्सी बना रही थी! ठाकुर ने पैंटी की आउटलाइन पर अपनी उंगलियाँ फेरीं और फिर उसने उसकी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर खींच दी...... मालती ने अपनी टांगो से पैंटी को नीचे सरका दिया! मालती अब ठाकुर की गोद में थी! ठाकुर ने अपने लंड को मालती की गांड से दबा लिया था..... वो उसकी पीठ चूम रहा था.... दोनों हाथ मालती की कोमल चूचियों पे थे.... मालती की हालत खराब हो रही थी... वो बेचैन हो रही थी.... ठाकुर पूरी सिद्धत से मालती के जिस्म का मजा ले रहा था! “आह मालती.... मेरी जान....” ठाकुर अब बूब्स चूस रहा था... मालती की चूत पे अब ठाकुर का लंड था......
ठाकुर ने मालती को गोद में उठाया और सामने पड़े बेड पे पटक दिया.... और खुद मालती के ऊपर चढ़ गया..... दोनों हाथ मालती की गांड को मसल रहे थे.... और लंड, चूत के अन्दर जाने को तैयार था! ठाकुर ने तीन झटकों में पूरा लंड मालती के अन्दर कर दिया! बिना कंडोम के चुदवाने की मालती की आदत हो गई थी.... क्योंकि रमीज कभी कोंडोम नहीं लगाता था! ठाकुर का पूरा लंड मालती के अन्दर था.... मालती हलके हलके से अपनी गांड को उठा कर लंड के मजे ले रही थी.... फिर ठाकुर ने भी धक्के लगाने शुरू किये..... मिशनरी पोजीशन में मालती को इतना मजा कभी नहीं आया था जितना ठाकुर के साथ आ रहा था.... ठाकुर का बालों से भरा सीना, मालती के बूब्स को रगड़ रहा था..... मालती का बायाँ कान ठाकुर के मुह में था..... मालती के दोनों हाथ ठाकुर की पीठ पर! और ठाकुर के दोनों हाथ मालती के चुत्तडों को मसल रहे थे! “उफ्फ्फ...... आःह ऊऊउ..... उई मा..... मर गेई आआह्ह्ह.... हाँ आः.......” पूरे कमरे में बस यही आवाजे गूँज रही थी! ठाकुर झड़ने वाला था..... मालती अब तक 2 बार झड चुकी थी.... थाकुर ने अपना वीर्य मालती की चूत में ही रिलीज़ कर दिया.... ठाकुर हांफता हुआ मालती के ऊपर गिर गया.... मालती भी ठाकुर को अपनी बाहों में जकड़े जकड़े सो गई!
उधर रमीज ने भी अंग्रेजन एयर होस्टेस को जम के हर पोज़ में रात भर चोदा! आज उसे काफी दिनों के बाद ऐसी कड़क चूत और चुदवाने वाली मिली थी! जाहिर था कि अब वो मालती के पास दुबारा जाना नहीं चाहता था! उसे मलती को खुद से दूर करने का एक बहाना चाहिए था! और फिर अब मालती का क्या काम था उसकी जिन्दगी में! अपने दुश्मन, मालती के पति रंजन को तो उसने 6 महीने पहले ही हटा दिया था! और मालती को चोदने में उसे वो मजा भी नहीं आता था!
“आह.... छोडिये न.... उफ्फ्फ.... कल रात से 6 बार ले चुके हैं आप मेरी...” मालती कामुक अंदाज में ठाकुर से बोल रही थी.... “चुप कर.... अभी तक तो तेरे पति की पुरानी करतूतों का हिसाब ले रहा था तुझसे... अभी और भी हिसाब लेना है तुझसे....” ऐसा बोलते हुए एक बार फिर से लंड मालती की चूत में था... और धक्के तेज़ हो गए थे.... मालती भी चूतड़ उठा उठा के चुदवा रही थी...
ठाकुर एक रात में ही मालती का दीवाना हो गया था... वो अब उसे अपने पास से जाने नहीं देना चाहता था... पर रमीज से दुश्मनी लेना भी कोई समझदारी नहीं थी!
सुबह फिर से दो बार चोदने के बाद उसने मालती को उसके घर भेज दिया! ठाकुर की चुदाई की मालती भी कायल हो गई थी! रमीज दोपहर में अपने चार दोस्तों के साथ सीधे मालती के घर जा धमका! दरअसल हुआ ऐसा कि रमीज के दोस्तों ने मालती की ठाकुर के साथ रात रंगीन करने की बात मिर्च मसाला डाल के रमीज को सुनाई! अब रमीज अपने दोस्तों से ये तो नहीं बता सकता था कि उसने खुद मालती को ठाकुर के हवाले किया था! इससे दोस्तों पर गलत इम्प्रैशन!
“हां भाई जान... ये हमें अकेला छोड़ के उस भडवे ठाकुर का बिस्तर गरम कर रही थी” अफजल बोला...
“क्यों रांड... चूत में इतनी खुजली हो रही थी?” “मेरे बाद तुझपे केवल और केवल मेरे दोस्तों का हक है....” रमीज ने मालती के बाल पकडे और धक्का देकर अफजल के पैरों पे गिरा दिया!
“आह..... क्या कर रहे हैं आप.... आप भी तो कही गए थे मुह मारने.... मैंने तो कभी नहीं कहा आपसे की आप पर केवल मेरा हक है” मालती फर्श पर आधी लेती हुई बोली....
“जवान लड़ाती है रमीज भाई से.....” “चटाक.....” “चट्ट” दो थप्पड़ अफजल ने मालती के गालों पर जड़ दिए.....
“हाँ.... क्या गलत कहा मैंने....” मालती चिल्लाती हुई बोली... उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे....
“चुप होजा साली रांड.... वरना.....” रमीज बोला
“वरना... वरना क्या?? क्या वरना? मालती चिला रही थी!
रमीज का गुस्सा सातवे आसमान पे था.......वो मलती को घसीटता हुआ अन्दर बेडरूम तक ले गया.... और जाकर बेड पर पटक दिया.... अगले ही पल मालती पूरी नंगी थी..... रमीज ने भी अपना अंडरवियर उतारा और फेंक दिया! रमीज का अंडरवियर बीएड के बगल में टेबल पर मालती और रंजन की शादी को फोटो के ऊपर जा गिरा! दोनों हाथ बेरहमी से मालती के बूब्स मसल रहे थे.... लंड चूत में था...... मालती के गाल पर बीच बीच में चांटे भी पड़ रहे थे! आखिर गलती तो मालती ने की थी! ठाकुर से चुदवाने की नहीं... पर रमीज के दोस्तों को अकेला छोड़कर जाने की! और उसके बाद रमीज से जवान लड़ाने की! और इसकी सजा भी उसे मिल रही थी! रात भर अंग्रेजन को चोदने के बाद रमीज के लंड में वो ताकत नहीं बची थी! 10 मिनट में ही झड़ गया और मालती के मुह पे थूकते हुए कमरे के बाहर निकल गया! मालती बिस्तर पर वैसे ही पड़ी रही!
रमीज के बहार जाते ही बेडरूम के बाहर उसके दोस्तों के चेहरे पर मुस्कान आ गई... क्योंकि बारी अब उनकी थी.... चार के चारो अब बेडरूम में थे और रमीज घर से निकल गया था! मालती अब रमीज के जालिम दोस्तों के हवाले थी! आज उसकी हालत जीबी रोड की कुतिया से भी बुरी होने वाली थी! रमीज के जाने के बाद वहां का बॉस अफजल था! अफजल और बाकी के तीनो कमीनो ने मालती की गांड और चूत जम कर मारी! 4 घंटे तक मालती कभी मुह में लेती तो कभी गांड में.... कभी तिरछी होके चुद रही थी तो कभी कुतिया बनाई जा रही थी! कल रात से अब तक वो कितनी बार चुदी थी ये उसे भी याद नहीं था! रमीज के दोस्त शाम सात बजे उसे बेहाल करके उसके घर से निकल लिए!
सोमवार का दिन था , मालती आज भी हर सोमवार की तरह सुबह पार्क आई हुई थी! पर आज ठाकुर भी आया हुआ था! मालती सीढ़ियों से उतर रही थी और ठाकुर चढ़ रहा था! मालती ने ठाकुर को नहीं देखा , पर ठाकुर की नजर से खूबसूरती बाख कर नहीं जा सकती थी! ठाकुर ने मालती का हाथ अपने हाथ में थाम लिया ! मालती ठाकुर को देख लगभग लड़खड़ा गई.... उसके घुटने कमजोर पड़ने लगे! उसे पिछली बार की सजा याद आ गई जो रमीज ने उसे उस रात के बाद दी थी.... मालती ने हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश की....! ठाकुर मुस्कुराता हुआ बोला.... “प्रसाद नहीं खिलाओगी?” “छोडिये मुझे... रमीज को पता चल गया तो छोड़ेंगे नहीं वो मुझे”
“अजी हम कौन सा छोड़ देंगे आपको... अब प्रसाद खाए बिना तो जाने नहीं देंगे हम” शैतानी अंदाज में ठाकुर अपना मुह मालती के कान के पास लता हुआ बोला!
“वैसे भी रमीज मियां तो आज की रात दुबई जा रहे हैं... फिर फिकर किस बात की?” “हमारी मर्दानगी में कोई लचक है क्या?”
मालती की चूत गीली हो रही थी..... ठाकुर मालती को लेकर सीधे अपने बंगले पंहुचा... पूरे 8 महीने बाद मिली थी वो उससे.... इन आठ महीनो में मालती के लिए ठाकुर की प्यास और भी बढ़ गई! ऐसा नहीं है की ठाकुर ने मालती से मिलने की कोशिश नहीं की थी इन आठ महीनो में.... पर मुलाकात हो नहीं पाई..... मालती ने आज अपनी जिन्दगी की सारी किताब ठाकुर के सामने खोल कर रख दी! ठाकुर कुतिया पालने का शौक़ीन था! और नई कुतिया उसके बिस्तर पर थी! ठाकुर के आंड मालती के मुह में थे! मालती आज ठाकुर को खुश कर देना चाहती थी! क्योंकि एक ठाकुर ही था... जो अब उसे रमीज और उसके दोस्तों से दूर भागने में मदद कर सकता था! ठाकुर चोदता था, मगर प्यार से.... ठाकुर बिस्तर के बाहर औरत की बहुत इज्ज़त करता था! चाहे वो उसकी कुतिया ही क्यों न हो! वैसे तो वो मालती को धंधे पे भी लगा सकता था.. पर उसके दिमाग में कुछ और था! हीरे की पहचान थी ठाकुर को! रंजन मिश्रा की बीवी को वो सारी जिन्दगी अपने अन्डो के नीचे ही रखना चाहता था! दो बार चुदने के बाद मालती ठाकुर के जिस्म तले दबी लेती थी.... ठाकुर की पीठ को सहला रही थी! ठाकुर अलग हटा और सीधा टाँगे पसार के लेट गया! मालती अब ठाकुर की छाती के बालो को सहला रही थी! ठाकुर के कंधे पर मालती का सर था! “आप कितने अच्छे हो” मालती ने मस्का लगाना शुरू किया! “ उम्म्ह... अच्छा तो मैं हू ही.... पर क्या तुम अच्छी नहीं बनना चाहती?” मालती सुन रही थी... ठाकुर के छाती के बालो से खेल रही थी.... उसकी एक टांग ठाकुर के लंड पे थी! “कब तक उस रमीज का बिस्तर गरम करती रहोगी? सारी जिन्दगी है तुम्हारे सामने... अपने बच्चो के बारे में सोचो”!
“और कर भी क्या सकती हूँ मैं.... कैसे निकलूं इस जाल से.....” मालती फुसफुसाई.. और अपनी टांग से ठाकुर के लंड को दबा दिया!
“मैं निकालूँगा तुझे.... चिंता क्यों करती है.... रंजन मेरा दोस्त था.... और तुम उसकी बीबी हो... तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है या नहीं?”
“पर रमीज... वो भी तो दोस्त ही था रंजन का” मालती बोली!
“हाहा.... किसने बोला तुमसे... सारा शहर जानता है.... कि तेरे पति और रामीज की कभी नहीं बनी... और तो और लोग तो यहाँ तक बोलते हैं की रंजन का एक्सीडेंट रमीज ने ही करवाया था”
मालती शांत थी... अब वो कैसे बताती कि इस काली करतूत में उसका भी हाथ था!
“मालती.. देख तेरे दो बच्चे है... वो भी अब बड़े हो रहे हैं... तेरी बेटी.... जो दिल्ली में है... पढ़ रही है... अगले साल कॉलेज में दाखिला लेगी... तेरा बेटा.. कभी तो लौट के आएगा हॉस्टल से...
कैसा लगेगा उन्हें... जब वो तुझे रमीज और उसके दोस्तों का बिस्तर गरम करते देखेंगे...”
मालती सुन रही थी.... और ठाकुर बोल रहा था.... ठाकुर की बीवी मइके गई हुई थी... इसलिए आज मालती ठाकुर के बिस्तर पर ही चुदी थी!
“और रमीज का दिल तो कब का तुझसे भर गया है.... इधर उधर मुह मरता घूमता है”
ठाकुर की बातें मालती के दिल में बैठ रही थीं..... मालती ने अपने बाकी दुखड़े भी दिल खिल कर ठाकुर को बता दिए! मालती को पता भी नहीं चला कब वो रमीज की रांड से ठाकुर की पालतू कुतिया बन गई थी!
“और आज रात रमीज तुझे अपने दोस्तों के हवाले करके दुबई जाने वाला है.... क्या तू उसके उन दो कौड़ी के दोस्तों का बिस्तर गरम करेगी अब? अरे रंजन की कुछ तो लाज रख”
“अब आप ही बताओ क्या करू मैं” मालती बोली...
“आह... ये हुई न बात.. चल पहले तो मेरा लौड़ा चूस... फिर बताता हूँ तुझे क्या करना है!”
मालती मुस्कुराई और उठते हुए ठाकुर का लौड़ा चूसने लगी..... पर मालती का ध्यान आज ठाकुर के अन्डूओं पर जादा था.... वो जानती थी... की उसके अन्डू चूसने पर ठाकुर को अलग मजा आएगा.....
“तो आज रात तू मेरे होटल अपना सामन लेकर आ जाना...., तुझे अब उस घर में रहने की कूई जरूरत नहीं है.... मैं उस घर को बिकवा दूंगा..... वहां रहेगी तो रमीज के दोस्त तुझे परेशान करते रहेंगे!”
मालती सुन रही थी और ब्लोजॉब दे रही थी.....
“जॉब करेगी.. होटल में?”
मालती लौड़ा चूसती रही!
“नया होटल खोला है मैंने देहरादून में... एक मैनेजर की जरूरत है”
मालती ठाकुर को अपने मुह से खुश करने में लगी थी...... वो बस सुन रही थी..
“चल अब ऊपर आ....” ठाकुर बोला...
मालती मुड़ी और ठाकुर के लंड पे बैठ गई.... और झुक के ठाकुर को चूम लिया.... ठाकुर ने अपने हाथ से मालती के बालों को पीछे किया.... और फिर लंड को मालती की चूत पे सेट किया....
ठाकुर आराम से पैर पसार के लेता था.... लंड मालती की चूत में था... मालती कूद रही थी.....
चूतड़ हिला हिला के ठाकुर के लौड़े का मजा ले रही थी.... ठाकुर दोनों हाथो से मालती के बूबों की मसल रहा था!
मालती अपनी चूत में ठाकुर की के लौड़े की एक एक नस को महसूस कर सकती थी...
जन्नत क्या होती है कोई इस वक्त ठाकुर से पूछता.... उफ्फ... वो बस बेड की बाई दीवार पर लगे फुल साइज़ मिरर में अपनी और मालती की कामलीला देख रहा था......
मालती कामसुख में कोई कमी नहीं रहने देना चाहती थी.... मालती अपनी गांड ऐसे हिला रही थी जैसे ठाकुर के फौलादी लंड से मालती अपनी चूत की दीवारों को खुजा रही हो....
“आह... मेरी जान.... इरादा क्या है?” ठाकुर मस्ती में बोला....
“ओह...ठाकुर जी..... उम्म्ह..... उफ्फ्फ.... अआह.....” कुछ बोलना चाहते हुए भी मालती कुछ नहीं बोली.... और लंड पे और तेज़ी से उछलने लगी....
ठाकुर भी मालती की इस हरकत से मस्ती में आ गया और दोनों हाथो से मालती से चुत्तडों को पकड़कर नीचे से धक्के लगाने लगा.....
कुछ देर यूँ ही ड्रिलिंग करने के बाद......
“उफ्फ्फ.... मेरी जान..... अह....” जोश में ठाकुर ने मालती को अपने नीचे दबा लिया.... अब मालती नीचे थी... ठाकुर ऊपर था...
“आउउह........ उम्म्ह.....” मालती कसमसाती हुई ठाकुर के जिस्म तले दबी हुई थी.... ठाकुर का लंड अभी भी उसकी चूत में ही था....
ठाकुर कभी मालती के दायें कान को चबाता तो कभी बाएं कान को.... मालती ने भी दो चार लव बाईट ठाकुर के सीने और गले पर बना दिए थे....
ठाकुर मालती को अपनी फेवरेट मिशनरी स्टाइल में चोद रहा था.... मालती के दोनों हाथ ठाकुर की पीठ पर थे... और ठाकुर के दोनों हाथ मालती की पीठ पर..... ठाकुर ने मालती को अपने जिस्म में जकड रखा था... और नीचे कूल्हे हिला हिला के चोद रहा था.....
कमरे में मालती की आंहे गूँज रही थीं..... “आह... ऊह... उफ्फ.... ठाकुर जी..... आह....”
लगभग 20 मिनट तक धक्के लगाने के बाद अब ठाकुर का लंड मालती की चूत के अन्दर वाईब्रेट कर रहा था...ठाकुर का पानी निकलने वाला था..... दोनों ने एक दुसरे को और जोर से जकड लिया.... चूत के अन्दर ही धीरे धीरे लंड हिलाते हुए ठाकुर झड़ गया..... ठाकुर के वीर्य को महसूस करते हुए मालती एक बार फिर झड़ गई....
दोनों पिछले 10 मिनट से उसी पोजीशन में लेते थे जिसमे वो झड़े थे...
“ओह.... ठाकुर जी... हटिये न....” मालती सेक्सी आवाज में फुसफुसाई.....
ठाकुर अब मालती के बगल में लेता था.... और उसकी खूबसूरती को निहार रहा था!
“अब आप मुझे इज़ाज़त देंगे? खा लिया प्रसाद आपने?” मालती ठाकुर की आँखों में झांकते हुए प्यार से बोली....
“अरे EDITED.... अभी कहाँ..... अभी तो सिर्फ पूजा की है”
“ओहो आप भी न.... रमीज को आज दुबई जाना है... सी ऑफ़ तो कर लेने दीजिये”
“हां जाओ जाओ....रमीज मियां को सी ऑफ करना तो बनता है... पर ध्यान रखना कहीं रमीज के दोस्त तुम्हे सी न करने लगें” ठाकुर ने मालती की चुटकी लेते हुए कहा!
मालती मुस्कुराई... ठाकुर के सीने पर किस किया और उठ कर अटैच्ड बाथरूम में घुस गई,
बाहर आकर साड़ी पहनी और ठाकुर को किस करके चली गई!
ठाकुर आज बहुत खुश था... रंजन की बीवी को दूसरी बार चोदा था आज उसने वो भी दिन के उजाले में..... उससे भी जादा ख़ुशी उसे इस बात की थी की चिड़िया अब उसके जाल में थी....
ठाकुर बिस्तर पर तो औरत को अपने अन्डू के नीचे रखता था... पर बिस्तर के बाहर, एक सभ्य इंसान की तराह औरत की इज्ज़त भी करता था... अपनी इसी काबिलियत के चलते उसकी चाहने वालियों की कमी नहीं थी!
मालती सीधे रमीज के घर ही पहुची.... साथ में प्रसाद भी था... ये हर सोमवार का नियम होता था... मालती सुबह सुबह पार्क जाती, वहाँ से सीधे रमीज के घर जाती, रमीज को प्रसाद देने.... अब रमीज को किस प्रसाद में जादा दिलचस्पी थी... आप लोग अब तक समझ ही चुके होंगे...
आज भी मालती सीधे उसके घर पहुची... पर आज वो पूरे 4 घंटे लेट थी... रमीज आज जी भर के मालती को चोदना चाहता था... पर 4 घंटे का वेट उससे हो नहीं पाया... तो उसने अपनी सेक्रेटरी चांदनी को ही चोद लिया था! अब वो घर से निकल रहा था.... एअरपोर्ट के लिए.... मालती को देखा तो उसके चेहरे पर गुस्से के साथ मुस्कान भी आ गई.... मालती को उसने अपने साथ गाड़ी में बैठाल लिया! अफजल ड्राइव कर रहा था.... मालती और रमीज पीछे की सीट पर थे... मालती रमीज से चिपक कर बैठी हुई थी...
“कहाँ थी अब तक हरामजादी?”
“जी वो मंदिर में भीड़ बहुत थी आज.... और आते समय रस्ते में जाम भी मिल गया था”
“सजा तो तुझे मिलेगी इसकी...”
“उम्म्म..... आपकी हर सजा मंजूर है आपकी इस रांड को”
“आह... ये हुई न बात.. चल फिर देर किस बात की... हो जा चालू...”
मालती मुस्कुराई और रमीज के पैंट से लंड निकाल कर चूसने लगी....
रमीज ने कार के अन्दर ही मालती के बाल पकड़ के उसके मुह को चोदा.... और फिर मालती ने रमीज के लंड को अपनी जीभ से साफ करके वापस पैंट में दाल दिया!
“मैं 2 महीने में वापस आ जाऊंगा....तब तक तेरा ख्याल अफजल रखेगा...”
“मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ”
“चुप कर हरामन.... बोला न अफजल रखेगा तेरा ख्याल...”
एअरपोर्ट आ गया.... रमीज ने आखिरी बार मालती के चूतडों को मसला.... और उसके गाल में जोर का थप्पड़ मारा.... “अफजल... समझी..... सिर्फ और सिर्फ अफजल.... वही रखेगा तेरा ख्याल.... तू यही बैठ और अफजल के वापस आने का वेट कर... ”अफजल और रमीज एअरपोर्ट के अन्दर चले गए....
अफजल जब बाहर वापस आया तो मालती गायब थी!
मालती ने जैसा एक्स्पेक्ट किया था वैसा ही हुआ... मालती मौका पाते ही तुरंत गाड़ी से निकली और सीधे ठाकुर के घर पहुच गई... ठाकुर मालती तो देख कर मुस्कुराया.... और मालती ठाकुर के गले लग गई!
मालती ने ठाकुर को सब कुछ बता दिया....
“तुम्हे अब वह जाने की कोई जरूरत नहीं है....”
पर तुम यहाँ भी नहीं रह सकती.... आज रात में मेरी फैमली वापस आ जाएगी!
ठाकुर ने मालती को अपने एक होटल के कमरे में ठहरा दिया!
अफजल ने मालती को ढूँढने की बहुत कोशिश की.. पर वो उसे नहीं मिली!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment