FUN-MAZA-MASTI
कुंवारी युवती - मरवाने का आनंद -3
उधर नीमा मेरी देखा देखी, अजय के कपडे उतारने लगी. कुछ ही देर मैं उसने अजय के सारे कपडे उतार दीये. वो तो मुझसे भी एक कदम आगे नीक्ली और उसने झुक कर अजय का लंड दोनो हाथो मैं पकडा और सुपादे को चाटने लगी. मैंने भी उसकी देखा देखी, वीनय के लंड को मुँह मैं ले लीया और उसे सुपादे को चूसने लगी. एक समय तो हम दोनो सहेलियां मस्ती से लंड मुँह मैं लीये हुए चूस रही थी. मुझे जितना मज़ा आ रहा था उससे कहीँ ज्यादा मज़ा नीम को अजय का लंड चूसने मैं आ रहा था, यह मैंने उसके चहरे को देखकर अंदाजा लगाया था. वो काफी खुश लग रही थी. बडे मज़े से लंड के ऊपर मुँह को आगे पीछे करते हुए वो चूस रही थी. थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह से नीकला और जल्दी जल्दी अपने निचले कपडे उतारने लगी. मुझसे नज़र टकराते ही मुस्करा दी. मैं भी मुस्कुराई और मस्ती से वीनय के लंड को चूसने मैं लग गयी. कुछ देर बाद ही मैं भी नीम की तरह वीनय के बदन से अलग हो गयी और अपने कपडे उतारने लगी. कुछ देर बाद हम चारो के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था. अजय नीम की चूत को चूसने लगा तो मेरे मन मैं भी आया की वीनय भी मेरी चूत को उसी तरह चूसे. क्योंकी नीम बहुत मस्ती मैं लग रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो बीना लंड घुस्वाये ही चुदाई का मज़ा ले रही है. उसके मुँह से बहुत ही कामुक सिस्कारियां नीकल रही थी. वीनय भी मेरी टांगो के बीच मैं झुक कर मेरी चूत को चाटने चूसने लगा तो मेरे मुँह से भी कामुक सिस्कारियां निकलने लगी. कुछ देर तक चूसने के बाद ही मेरी चूत बुरी तरह गरम हो गयी. मेरी चूत मैं जैसे हजारो कीड़े रेंगने लगे. मैंने जब नीम की ओर देखा तो पाय उसका भी ऐसा ही हाल था. मेरे कहने पर वीनय ने मेरी चूत चाटना बंद कर दीया. एक एक मेरी निगाह अजय के लंड की ओर गयी, जीसे थोड़ी देर पहले नीमा चूस रही थी. लंड उसके मुँह के अंदर था इसलिए मैं उसे ठीक से देख नहीं पाई थी.
अब जब मैंने अच्छी तरह देखा तो मुझे अजय का लंड बहुत पसंद आया. मेरे मन मैं कोई बुरा ख़्याल नहीं था. ना मैं वीनय के साथ बेवफाई करना चाहती थी. बस मेरा मन कर रहा था का एक बार मैं अजय का लंड मुँह मैं लेकर चूसू. यह सोच कर मैंने कहा, यार ! क्यों ना हम चारो एक साथ मज़ा ले. जैसे ब्लू फिल्म मैं दिखाया जाता है. अब अजय और नीम भी मेरी ओर देखने लगे. मैं बोली, हम चारो दोस्त हैं. इसलिए आज अगर कोई और कीसी और के साथ भी मज़ा लेता है तो बुरा नहीं होगा. क्यों वीनय, मैं गलत कह रही हूँ? नहीं ! वो बोला, मगर मुझे लगा की वो मेरी बात समः ही नहीं पाय है. नीमा ने पूछ लीया. मैंने कहा, मान ले वीनय अगर तेरी चूत चाटे तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिऐ. उसी प्रकार अगर मैं अजय का लंड मुँह मैं ले लूं तो बाक़ी तुम तीनो को फर्क नहीं पड़ेगा. मैं ठीक कह रही हूँ ना? मेरी बात का तीनो ने समर्थन कीया. मैं जानती थी की कीसी को मेरी बात का कोई ऐतराज़ नहीं होगा. क्योंकी एक प्रकार से मैंने सबके मन की इच्छा पूरी करने की बात कही थी. सब राजी हो गई तो मैंने आईडिया दीया की बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह से जब मरजी होगी, लड़का या लडकी बदल लेंगे. मेरी यह बात भी सबको पसंद आ गयी. उसी समय वीनय ने नीमा को खींचकर अपने सीने से लगा लीया और उसके सीने पर कश्मीरी सेब की तारा उभरे हुए मम्मो को चूसने लगा. और मैं सीधे अजय के लंड को चूसने मैं लग गयी. उसके मोटे लंड का साइज़ था तो वीनय जैसा ही मगर मुझे उसके लंड को चूसने मैं कुछ ज्यादा ही अनद आ रहा था. मैं मज़े से लंड को मुँह मैं काफी अंदर दाल कर अंदर बहार करने लगी. उधर नीमा भी वीनय के लींग को चूसने मैं लग गयी थी. तभी अजय ने मेरे कान मैं कहा, तुम्हारी चूत मुझे अपनी ओर खींच रही है. कहो तो मैं तुम्हारी चूत अपने होंठो मैं दबाकर चूस लूं?
यह उसने इतने धीमे स्वर मैं कहा था की मेरे अलावा कोई और सुन ही नहीं सकता था. मैंने मुस्करा कर हां मैं सीर हीला दीया. वो मेरी जांघों पर झुका तो मैंने अपनी टांगो को थोडा सा फैला कर अपनी चूत को खोल दीया. वो पहले तो मेरी चूत के छेद को जीभ से सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.
मैं उसे काट काट कर चूसने के लीये कहने वाली थी, तभी उसने ज़ोर से चूत को होंठो के बीच दबा लीया और खुद ही काट काट कर चूसने लगा. मेरे मुँह से कामुम सिस्कारियां निकलने लगी आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊम्म्म्म्म्म्म्म्म् ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् म्म्म्म्म्म्म्म बहुत माआया ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ आआआ र्र्र्र्राआह्ह्ह्हाआआ ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईइ. अब तो मैं और भी मस्त होने लगी और मेरी चूत रस से गीली होने लगी. वो फानको को मुँह मैं लेकर जीभ रगड़ रहा था. मैंने वीनय की ओर देखा तो पाय की वो भी नीमा की चूत को चूसने मैं लगा हुआ था. नीम के मुँह से इतनी ज़ोर से सिकारियां नीकल रही थी की अगर आस पास कोई घर होता तो उस तक आवाज़ ब्पहुंच जाती और वो जान जाते की यहाँ क्या हो रहा है. ख्ह्ह्हा ज्ज्ज्जाआओअऊऊऊ छूऊऊस्स्सूऊओ और्र्र्र्र्र्र्र ज़्ज़्ज़्ज़ूऊऊर्र्र्र्र्र्र्र्र् स्स्स्स्सीईईई स्स्स्स्साआआल्ल्ल्ल्लीईईए क्क्क्क्क्कात्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त ल्ल्ल्ल्लीईईए म्म्म्मीईर्र्र्र्रीईईई क्छ्ह्हूऊत्त्त्त्त् म्म्म्म्म्म्म्म ह्ह्ह्हाआआआईईईईईई म्म्म्म्म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ आआआ र्र्र्राआअह्ह्ह्ह्ह्हाआअ ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईईइ ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् खैर मेरी चूत को चूसते हुए जब अजय ने चूत को बहुत गरम कर दीया तो मैं जल्दी से उसके कान मैं बोली, अब और मत चूसो. मैं पहले ही बहुत गरम हो चुकी हूँ. तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मैं दाल दो वर्ना वीनय का दील आ जाएगा. जल्दी से एक ही झटके मैं घुसा दो.
वो भी मीर चूत मैं अपना लंड डालने को उतावला हो रहा था, मैंने अजय के साथ चुदवाने का इसलिए मन बाना लीया था ताकी मुझे एक नए तरीके का मज़ा मील सके. उसने लंड को चूत के छेद पर रख कर अंदर की ओर धकेलना शुरू कीया तो मैं इस दर मैं थी की कहीँ वीनय मेरे पास आकर यह ना कह दे की वो मुझे पहले छोड़ना चाहता है. मैंने जब उसकी ओर देखा तो वो अब तक नीम की चूत को ही चूस रहा था. उसका ध्यान पूरी तरह चूत चूसने की ओर ही था. मैंने इस मौक़े का लाभ उठाने का मन बनाया और चूत की फानको को दोनो हाथो से पकड़ कर फैला दीया ताकी अजय का लंड अंदर जाने मैं कीसी प्रकार की परेशानी ना हो. और जब उसने मेरी चूत मैं लंड का सुपादा दाल कर ज़ोर का धक्का मारा तो मैं सिसियाँ उठी. उसका लंड चूत के अंदर लेने का मन एक एक कुछ ज्यादा ही बेताब हो गया. मैंने जल्दी से उसका लंड एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत मैं डालने की कोशिश करनी शुरू कर दी. एक तरह मेरी म्हणत और दूसरी तरफ उसके धक्के, उसने एकदम से तेज़ धक्का मार कर लंड चूत के अंदर आधा पहुँचा दीया. ज्यादा मोटा ना होने के बावजूद भी मुझे उसके लंड का झटका बहुत अनंद दे गया और मैं क़मर उछाल उछाल कर उसका लंड चूत की गहराई मैं उतरवाने के लीये उतावली हो गयी. तभी मैंने वीनय की ओर देखा. वो भी नीम को छोड़ने की तय्यारी कर रहा था. उसने थूक लगा कर नीमा की चूत मैं लंड घुसाया तो नीमा सिस्कारी लेकर बोली, ऊईईइईईईए दया कितन मोटाआया हाआआईईईईईई. मेरी सखी देख रही है तेरे लोवर का लंड. ये तो मेरी नाज़ुक चूत को फाड़ ही देगा. ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् गोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईई धीईईर्र्र्रीईई धीईईर्र्रीईए घुसाआआआआअऊऊऊओ. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
वो मेरी ओर देख कर कह रही थी. उसकी हालत देखकर मुझे हंसी आ रही थी. क्योंकी मुझे मालूम था की वो जरूर acting कर रही होगी. क्योंकी वो पहले भी कयी बार चुद्वा चुकी थी. इसका सबोत ज़रा ही देर मैं मील गया, जब वो सिस्कारी लेते हुए वीनय को लंड ज़द तक पहुंचाने के लीये कहने लगी. वीनय ने ज़ोरदार धक्का मार कर अपना लंड उसकी चूत की ज़द तक पहुँचा दीया था. इधर मेरी चूत मैं भी अजय के लंड के ज़ोरदार धक्के लग रहे थे. कुछ देर बार वीनय ने कहा, अब हम लोग पर्त्नेर बदल ले तो कैसा रहेगा? वैसे तो मुझे मज़ा आ रहा था, मगर फीर भी तैयार हो गयी. अजय ने मेरी चूत से लंड नीकाल लीया. मैं वीनय के पास चली गयी. उसने नीम की चूत से लंड नीकाल कर मुझे घोड़ी बनाकर मेरी पीछे से चूत मैं लंड पेल दीया, एक झटके मैं आधा लंड मेरी चूत मैं समां गया, इस आसान मैं लंड चूत मैं जाने से मुझे थोड़ी परेशानी हुई मगर मैं झेल गयेयूधार मैंने देखा की अजय ने नीमा की चूत मैं लंड घुसाया और तेज़ी से धक्के मारने लगा. साथ ही उसकी चूचियों को भी मसलने लगा. कुछ ही देर बाद हमने फीर partner बदल लीये. ऍम मेरी चूत मैं फीर से अजय का लंड था. उधर मैंने देखा की नीमा अब वीनय की गोद मैं बैठ कर उछल रही थी, और नीचे से वीनय का मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बहार हो रहा था। वो सिस्कारी लेकर उसकी god मैं एक प्रकार से झूला झूल रही थी। मैंने अजय की ओर इशारा कीया तो उसने भी हामी भर दी. मैं उसकी क़मर से लिपट गयी. दोनो टाँगे मैंने उसकी क़मर से लप्पेट दी थी और उसके गले मैं बाहें डाले, मैं झूला झूलते हुए चुद्वा रही थी.
कुछ देर बाद लंड के धक्के खाते खात मैं झड़ने लगी, मेरी चूत मैं संकुचन होने लगा जिससे अजय भी झंडे लगा. उसका वीर्य रस मेरी चूत के कोने कोने मैं ठंडक दे रहा था, बहुत अनंद आ रहा था. उसके बाद उसने मेरी चूत से लंड बहार नीकाल लीया. उधर वो दोनो भी झाड़ झुदा कर अलग हो चुके थे. हम सबने खाने पीने का प्लान बनाया. दोनो समन मौजूद थे. मैं आम तौर पर नहीं पीती हूँ और ना ही नीमा पीती है, मगर उस दीन हम सबने व्हिस्की पी. खा पी चुकने के बाद हम चारो फीर मस्ती करने लगे, मस्ती करते करते ही मैंने फैसला कर लीया था की इस बार गांड मैं लंड दल्वायेंगे. जब मैंने अजय और वीनय को अपनी मंशा के बारे मैं बताया तो वो दोनो राज़ी हो गई. नीमा तो पहले से ही राज़ी थी शायद. हम सबने तेल का इंतज़ाम कीया. टेल लगा कर गांड मरवाने का यह आईडिया नीमा का था. शायद वो पहले भी इस तरीके से गांड मरवा चुकी थी. तेल आ जाने के बाद मैंने वीनय के लंड को पहले मुँह मैं लेकर चूस कर खड़ा कीया और उसके बाद उसके खडे लंड पर तेल चुपद दीया और मालिश करने लगी. उसके लंड की मालिश करके मैं उसके लंड को एकदम चिकना बाना दीया था. उधर नीम अजय के लंड को तेल से टर्र करने मैं लगी हुई थी. वीनय मैं लंड को पकड़ कर मैंने कहा इस बार तेल लगा हुआ है, पूरा मज़ा देना मुझे.
फिक्र मत करो मेरी जान. वो मुस्कुरा कर बोला और उसने मेरी गांड के सुराख पर रगड़ता रहा उसके बाद एक ही धक्के मैं अपना आधा लंड मेरी गांड मैं दाल दीया. मेरे मुँह से ना चाहते हुए भी सिस्कारी निकलने लगी. जितनी आसानी से उसका लंड अपनी चूत मैं मैं डलवा लेटी थी, उतनी आसानी से गांड मैं नहीं. खैर जैसे ही उसने दूसरा धक्का मार कर लंड को और अंदर करना चाहा, मैं अपना काबू नहीं रख पाई और आगे की ओर गिरी ओ वो भी मेरे साथ मेरे बदन से लिप्त मेरे ऊपर गीर पड़ा. एक एक वो नीचे की ओर हो गया और मैं उसके ऊपर, दबाव से उसका सारा लंड मेरी गांड मैं समां गय. मैं मरे दर्द के चीखने लगी. ह्ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईई फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ाआद्द्द्द्द्द् दीईईइ म्म्म्म्मीईर्र्र्रीईई . मैं उससे छूटने के लीया हाथ पैर मारने लगी तो उसने म,उझे खींच कर अपने से लिपटा लीया और तेज़ी से उछल उछल कर गांड मैं घुसे पडे लंड को हरकत देना स्टार्ट कर दीया. मेरी तो जान जा रही थी. ऐसा लग रहा था की आज मेरी गांड जरूर फट जायेगी. मैं बहुत मिन्नत करने लगी तो उसने मुझे बराबर लिटा दीया और तेज़ी से मेरी गांड मारने लगा. बगल मैं होने से वैसे तो मुझे उतना दर्द नहीं हो रहा था मगर उसका मोटा लंड तेज़ी से गांड के अंदर बहार होने मैं मुझे परेशानी होने लगी. मैं नीम की ओर नहीं देख पाई की वो कैसे गांड मरे का मज़ा ले रही है, क्योंकी मुझे खुद के दर्द से फुर्सत नहीं थी. वीनय काफी देर से धक्के मार रहा था मगर वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. तभी मैंने देखा की नीमा ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी और अजय को बार बार मुकत करने की लीये कह रही थी. कुछ देर बाद अजय ने लंड बहार नीकाल लीया. मेरे पास आकर बोला, कहो तो लंड तुम्हारी चूत मैं दाल दूं. नीमा तो थक गयी है.
मैंने वीनय की ओर देखा तो उसने हामी भर दी तो मैंने भी हाँ कह दीया. फीर मैं वीनय के सहयोग से उठ कर वीनय के ऊपर आ गयी, नीचे वीनय मेरी गांड मैं लंड डाले पड़ा हुआ था, ऊपर मैं चूत फैलाये हुए अजय का लंड डलवाने के लीये बेताब हो रही थी. अजय ने एक ही धक्के मैं अपना पूरा लंड मेरी चूत मैं उतार दीया. उसके बाद जब मुझे दोनो ओर से धक्के लगने लगे तो मुझे इतना मज़ा आया की मैं बता नहीं सकती. बिल्कुल ब्लू फिल्मो की तरह का सीन इस समय हो रहा था, मैं गालिया देती हुई दोनो तरफ से चुद रही थी. नीम पास खादी हम तीनो को मज़ा लेते देख रही थी. कुछ ही देर मैं हम तीनो झाड़ कर लास्ट पस्त हो गई. सुबह तक हमने कुल मीलाकर ४ बार चुदाई का अनद लीया. उसके बाद अगले दीन मैं नीम के साथ पहले उसके घर गयी, फीर उसे अपने घर भी ले आयी. ताकी मम्मी को यकीन हो जाये की मैं रात भर उसी के घर पर थी. मम्मी को कुछ शाकुए नहीं हो पाय. आज भी हम चारो मील कर ऐसे ही प्लंस बनाते हैं और अजय के बंग्लोव पर चुदाई का अनंद उताते हैं, अब तो उसमें वीनय के २-३ दोस्त और भी शम्मिल हो गई हैं
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कुंवारी युवती - मरवाने का आनंद -3
उधर नीमा मेरी देखा देखी, अजय के कपडे उतारने लगी. कुछ ही देर मैं उसने अजय के सारे कपडे उतार दीये. वो तो मुझसे भी एक कदम आगे नीक्ली और उसने झुक कर अजय का लंड दोनो हाथो मैं पकडा और सुपादे को चाटने लगी. मैंने भी उसकी देखा देखी, वीनय के लंड को मुँह मैं ले लीया और उसे सुपादे को चूसने लगी. एक समय तो हम दोनो सहेलियां मस्ती से लंड मुँह मैं लीये हुए चूस रही थी. मुझे जितना मज़ा आ रहा था उससे कहीँ ज्यादा मज़ा नीम को अजय का लंड चूसने मैं आ रहा था, यह मैंने उसके चहरे को देखकर अंदाजा लगाया था. वो काफी खुश लग रही थी. बडे मज़े से लंड के ऊपर मुँह को आगे पीछे करते हुए वो चूस रही थी. थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह से नीकला और जल्दी जल्दी अपने निचले कपडे उतारने लगी. मुझसे नज़र टकराते ही मुस्करा दी. मैं भी मुस्कुराई और मस्ती से वीनय के लंड को चूसने मैं लग गयी. कुछ देर बाद ही मैं भी नीम की तरह वीनय के बदन से अलग हो गयी और अपने कपडे उतारने लगी. कुछ देर बाद हम चारो के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था. अजय नीम की चूत को चूसने लगा तो मेरे मन मैं भी आया की वीनय भी मेरी चूत को उसी तरह चूसे. क्योंकी नीम बहुत मस्ती मैं लग रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो बीना लंड घुस्वाये ही चुदाई का मज़ा ले रही है. उसके मुँह से बहुत ही कामुक सिस्कारियां नीकल रही थी. वीनय भी मेरी टांगो के बीच मैं झुक कर मेरी चूत को चाटने चूसने लगा तो मेरे मुँह से भी कामुक सिस्कारियां निकलने लगी. कुछ देर तक चूसने के बाद ही मेरी चूत बुरी तरह गरम हो गयी. मेरी चूत मैं जैसे हजारो कीड़े रेंगने लगे. मैंने जब नीम की ओर देखा तो पाय उसका भी ऐसा ही हाल था. मेरे कहने पर वीनय ने मेरी चूत चाटना बंद कर दीया. एक एक मेरी निगाह अजय के लंड की ओर गयी, जीसे थोड़ी देर पहले नीमा चूस रही थी. लंड उसके मुँह के अंदर था इसलिए मैं उसे ठीक से देख नहीं पाई थी.
अब जब मैंने अच्छी तरह देखा तो मुझे अजय का लंड बहुत पसंद आया. मेरे मन मैं कोई बुरा ख़्याल नहीं था. ना मैं वीनय के साथ बेवफाई करना चाहती थी. बस मेरा मन कर रहा था का एक बार मैं अजय का लंड मुँह मैं लेकर चूसू. यह सोच कर मैंने कहा, यार ! क्यों ना हम चारो एक साथ मज़ा ले. जैसे ब्लू फिल्म मैं दिखाया जाता है. अब अजय और नीम भी मेरी ओर देखने लगे. मैं बोली, हम चारो दोस्त हैं. इसलिए आज अगर कोई और कीसी और के साथ भी मज़ा लेता है तो बुरा नहीं होगा. क्यों वीनय, मैं गलत कह रही हूँ? नहीं ! वो बोला, मगर मुझे लगा की वो मेरी बात समः ही नहीं पाय है. नीमा ने पूछ लीया. मैंने कहा, मान ले वीनय अगर तेरी चूत चाटे तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिऐ. उसी प्रकार अगर मैं अजय का लंड मुँह मैं ले लूं तो बाक़ी तुम तीनो को फर्क नहीं पड़ेगा. मैं ठीक कह रही हूँ ना? मेरी बात का तीनो ने समर्थन कीया. मैं जानती थी की कीसी को मेरी बात का कोई ऐतराज़ नहीं होगा. क्योंकी एक प्रकार से मैंने सबके मन की इच्छा पूरी करने की बात कही थी. सब राजी हो गई तो मैंने आईडिया दीया की बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह से जब मरजी होगी, लड़का या लडकी बदल लेंगे. मेरी यह बात भी सबको पसंद आ गयी. उसी समय वीनय ने नीमा को खींचकर अपने सीने से लगा लीया और उसके सीने पर कश्मीरी सेब की तारा उभरे हुए मम्मो को चूसने लगा. और मैं सीधे अजय के लंड को चूसने मैं लग गयी. उसके मोटे लंड का साइज़ था तो वीनय जैसा ही मगर मुझे उसके लंड को चूसने मैं कुछ ज्यादा ही अनद आ रहा था. मैं मज़े से लंड को मुँह मैं काफी अंदर दाल कर अंदर बहार करने लगी. उधर नीमा भी वीनय के लींग को चूसने मैं लग गयी थी. तभी अजय ने मेरे कान मैं कहा, तुम्हारी चूत मुझे अपनी ओर खींच रही है. कहो तो मैं तुम्हारी चूत अपने होंठो मैं दबाकर चूस लूं?
यह उसने इतने धीमे स्वर मैं कहा था की मेरे अलावा कोई और सुन ही नहीं सकता था. मैंने मुस्करा कर हां मैं सीर हीला दीया. वो मेरी जांघों पर झुका तो मैंने अपनी टांगो को थोडा सा फैला कर अपनी चूत को खोल दीया. वो पहले तो मेरी चूत के छेद को जीभ से सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.
मैं उसे काट काट कर चूसने के लीये कहने वाली थी, तभी उसने ज़ोर से चूत को होंठो के बीच दबा लीया और खुद ही काट काट कर चूसने लगा. मेरे मुँह से कामुम सिस्कारियां निकलने लगी आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊम्म्म्म्म्म्म्म्म् ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् म्म्म्म्म्म्म्म बहुत माआया ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ आआआ र्र्र्र्राआह्ह्ह्हाआआ ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईइ. अब तो मैं और भी मस्त होने लगी और मेरी चूत रस से गीली होने लगी. वो फानको को मुँह मैं लेकर जीभ रगड़ रहा था. मैंने वीनय की ओर देखा तो पाय की वो भी नीमा की चूत को चूसने मैं लगा हुआ था. नीम के मुँह से इतनी ज़ोर से सिकारियां नीकल रही थी की अगर आस पास कोई घर होता तो उस तक आवाज़ ब्पहुंच जाती और वो जान जाते की यहाँ क्या हो रहा है. ख्ह्ह्हा ज्ज्ज्जाआओअऊऊऊ छूऊऊस्स्सूऊओ और्र्र्र्र्र्र्र ज़्ज़्ज़्ज़ूऊऊर्र्र्र्र्र्र्र्र् स्स्स्स्सीईईई स्स्स्स्साआआल्ल्ल्ल्लीईईए क्क्क्क्क्कात्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त ल्ल्ल्ल्लीईईए म्म्म्मीईर्र्र्र्रीईईई क्छ्ह्हूऊत्त्त्त्त् म्म्म्म्म्म्म्म ह्ह्ह्हाआआआईईईईईई म्म्म्म्म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ आआआ र्र्र्राआअह्ह्ह्ह्ह्हाआअ ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईईइ ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् खैर मेरी चूत को चूसते हुए जब अजय ने चूत को बहुत गरम कर दीया तो मैं जल्दी से उसके कान मैं बोली, अब और मत चूसो. मैं पहले ही बहुत गरम हो चुकी हूँ. तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मैं दाल दो वर्ना वीनय का दील आ जाएगा. जल्दी से एक ही झटके मैं घुसा दो.
वो भी मीर चूत मैं अपना लंड डालने को उतावला हो रहा था, मैंने अजय के साथ चुदवाने का इसलिए मन बाना लीया था ताकी मुझे एक नए तरीके का मज़ा मील सके. उसने लंड को चूत के छेद पर रख कर अंदर की ओर धकेलना शुरू कीया तो मैं इस दर मैं थी की कहीँ वीनय मेरे पास आकर यह ना कह दे की वो मुझे पहले छोड़ना चाहता है. मैंने जब उसकी ओर देखा तो वो अब तक नीम की चूत को ही चूस रहा था. उसका ध्यान पूरी तरह चूत चूसने की ओर ही था. मैंने इस मौक़े का लाभ उठाने का मन बनाया और चूत की फानको को दोनो हाथो से पकड़ कर फैला दीया ताकी अजय का लंड अंदर जाने मैं कीसी प्रकार की परेशानी ना हो. और जब उसने मेरी चूत मैं लंड का सुपादा दाल कर ज़ोर का धक्का मारा तो मैं सिसियाँ उठी. उसका लंड चूत के अंदर लेने का मन एक एक कुछ ज्यादा ही बेताब हो गया. मैंने जल्दी से उसका लंड एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत मैं डालने की कोशिश करनी शुरू कर दी. एक तरह मेरी म्हणत और दूसरी तरफ उसके धक्के, उसने एकदम से तेज़ धक्का मार कर लंड चूत के अंदर आधा पहुँचा दीया. ज्यादा मोटा ना होने के बावजूद भी मुझे उसके लंड का झटका बहुत अनंद दे गया और मैं क़मर उछाल उछाल कर उसका लंड चूत की गहराई मैं उतरवाने के लीये उतावली हो गयी. तभी मैंने वीनय की ओर देखा. वो भी नीम को छोड़ने की तय्यारी कर रहा था. उसने थूक लगा कर नीमा की चूत मैं लंड घुसाया तो नीमा सिस्कारी लेकर बोली, ऊईईइईईईए दया कितन मोटाआया हाआआईईईईईई. मेरी सखी देख रही है तेरे लोवर का लंड. ये तो मेरी नाज़ुक चूत को फाड़ ही देगा. ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् गोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईई धीईईर्र्र्रीईई धीईईर्र्रीईए घुसाआआआआअऊऊऊओ. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
वो मेरी ओर देख कर कह रही थी. उसकी हालत देखकर मुझे हंसी आ रही थी. क्योंकी मुझे मालूम था की वो जरूर acting कर रही होगी. क्योंकी वो पहले भी कयी बार चुद्वा चुकी थी. इसका सबोत ज़रा ही देर मैं मील गया, जब वो सिस्कारी लेते हुए वीनय को लंड ज़द तक पहुंचाने के लीये कहने लगी. वीनय ने ज़ोरदार धक्का मार कर अपना लंड उसकी चूत की ज़द तक पहुँचा दीया था. इधर मेरी चूत मैं भी अजय के लंड के ज़ोरदार धक्के लग रहे थे. कुछ देर बार वीनय ने कहा, अब हम लोग पर्त्नेर बदल ले तो कैसा रहेगा? वैसे तो मुझे मज़ा आ रहा था, मगर फीर भी तैयार हो गयी. अजय ने मेरी चूत से लंड नीकाल लीया. मैं वीनय के पास चली गयी. उसने नीम की चूत से लंड नीकाल कर मुझे घोड़ी बनाकर मेरी पीछे से चूत मैं लंड पेल दीया, एक झटके मैं आधा लंड मेरी चूत मैं समां गया, इस आसान मैं लंड चूत मैं जाने से मुझे थोड़ी परेशानी हुई मगर मैं झेल गयेयूधार मैंने देखा की अजय ने नीमा की चूत मैं लंड घुसाया और तेज़ी से धक्के मारने लगा. साथ ही उसकी चूचियों को भी मसलने लगा. कुछ ही देर बाद हमने फीर partner बदल लीये. ऍम मेरी चूत मैं फीर से अजय का लंड था. उधर मैंने देखा की नीमा अब वीनय की गोद मैं बैठ कर उछल रही थी, और नीचे से वीनय का मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बहार हो रहा था। वो सिस्कारी लेकर उसकी god मैं एक प्रकार से झूला झूल रही थी। मैंने अजय की ओर इशारा कीया तो उसने भी हामी भर दी. मैं उसकी क़मर से लिपट गयी. दोनो टाँगे मैंने उसकी क़मर से लप्पेट दी थी और उसके गले मैं बाहें डाले, मैं झूला झूलते हुए चुद्वा रही थी.
कुछ देर बाद लंड के धक्के खाते खात मैं झड़ने लगी, मेरी चूत मैं संकुचन होने लगा जिससे अजय भी झंडे लगा. उसका वीर्य रस मेरी चूत के कोने कोने मैं ठंडक दे रहा था, बहुत अनंद आ रहा था. उसके बाद उसने मेरी चूत से लंड बहार नीकाल लीया. उधर वो दोनो भी झाड़ झुदा कर अलग हो चुके थे. हम सबने खाने पीने का प्लान बनाया. दोनो समन मौजूद थे. मैं आम तौर पर नहीं पीती हूँ और ना ही नीमा पीती है, मगर उस दीन हम सबने व्हिस्की पी. खा पी चुकने के बाद हम चारो फीर मस्ती करने लगे, मस्ती करते करते ही मैंने फैसला कर लीया था की इस बार गांड मैं लंड दल्वायेंगे. जब मैंने अजय और वीनय को अपनी मंशा के बारे मैं बताया तो वो दोनो राज़ी हो गई. नीमा तो पहले से ही राज़ी थी शायद. हम सबने तेल का इंतज़ाम कीया. टेल लगा कर गांड मरवाने का यह आईडिया नीमा का था. शायद वो पहले भी इस तरीके से गांड मरवा चुकी थी. तेल आ जाने के बाद मैंने वीनय के लंड को पहले मुँह मैं लेकर चूस कर खड़ा कीया और उसके बाद उसके खडे लंड पर तेल चुपद दीया और मालिश करने लगी. उसके लंड की मालिश करके मैं उसके लंड को एकदम चिकना बाना दीया था. उधर नीम अजय के लंड को तेल से टर्र करने मैं लगी हुई थी. वीनय मैं लंड को पकड़ कर मैंने कहा इस बार तेल लगा हुआ है, पूरा मज़ा देना मुझे.
फिक्र मत करो मेरी जान. वो मुस्कुरा कर बोला और उसने मेरी गांड के सुराख पर रगड़ता रहा उसके बाद एक ही धक्के मैं अपना आधा लंड मेरी गांड मैं दाल दीया. मेरे मुँह से ना चाहते हुए भी सिस्कारी निकलने लगी. जितनी आसानी से उसका लंड अपनी चूत मैं मैं डलवा लेटी थी, उतनी आसानी से गांड मैं नहीं. खैर जैसे ही उसने दूसरा धक्का मार कर लंड को और अंदर करना चाहा, मैं अपना काबू नहीं रख पाई और आगे की ओर गिरी ओ वो भी मेरे साथ मेरे बदन से लिप्त मेरे ऊपर गीर पड़ा. एक एक वो नीचे की ओर हो गया और मैं उसके ऊपर, दबाव से उसका सारा लंड मेरी गांड मैं समां गय. मैं मरे दर्द के चीखने लगी. ह्ह्ह्ह्ह्हाआआईईईईई फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ाआद्द्द्द्द्द् दीईईइ म्म्म्म्मीईर्र्र्रीईई . मैं उससे छूटने के लीया हाथ पैर मारने लगी तो उसने म,उझे खींच कर अपने से लिपटा लीया और तेज़ी से उछल उछल कर गांड मैं घुसे पडे लंड को हरकत देना स्टार्ट कर दीया. मेरी तो जान जा रही थी. ऐसा लग रहा था की आज मेरी गांड जरूर फट जायेगी. मैं बहुत मिन्नत करने लगी तो उसने मुझे बराबर लिटा दीया और तेज़ी से मेरी गांड मारने लगा. बगल मैं होने से वैसे तो मुझे उतना दर्द नहीं हो रहा था मगर उसका मोटा लंड तेज़ी से गांड के अंदर बहार होने मैं मुझे परेशानी होने लगी. मैं नीम की ओर नहीं देख पाई की वो कैसे गांड मरे का मज़ा ले रही है, क्योंकी मुझे खुद के दर्द से फुर्सत नहीं थी. वीनय काफी देर से धक्के मार रहा था मगर वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. तभी मैंने देखा की नीमा ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी और अजय को बार बार मुकत करने की लीये कह रही थी. कुछ देर बाद अजय ने लंड बहार नीकाल लीया. मेरे पास आकर बोला, कहो तो लंड तुम्हारी चूत मैं दाल दूं. नीमा तो थक गयी है.
मैंने वीनय की ओर देखा तो उसने हामी भर दी तो मैंने भी हाँ कह दीया. फीर मैं वीनय के सहयोग से उठ कर वीनय के ऊपर आ गयी, नीचे वीनय मेरी गांड मैं लंड डाले पड़ा हुआ था, ऊपर मैं चूत फैलाये हुए अजय का लंड डलवाने के लीये बेताब हो रही थी. अजय ने एक ही धक्के मैं अपना पूरा लंड मेरी चूत मैं उतार दीया. उसके बाद जब मुझे दोनो ओर से धक्के लगने लगे तो मुझे इतना मज़ा आया की मैं बता नहीं सकती. बिल्कुल ब्लू फिल्मो की तरह का सीन इस समय हो रहा था, मैं गालिया देती हुई दोनो तरफ से चुद रही थी. नीम पास खादी हम तीनो को मज़ा लेते देख रही थी. कुछ ही देर मैं हम तीनो झाड़ कर लास्ट पस्त हो गई. सुबह तक हमने कुल मीलाकर ४ बार चुदाई का अनद लीया. उसके बाद अगले दीन मैं नीम के साथ पहले उसके घर गयी, फीर उसे अपने घर भी ले आयी. ताकी मम्मी को यकीन हो जाये की मैं रात भर उसी के घर पर थी. मम्मी को कुछ शाकुए नहीं हो पाय. आज भी हम चारो मील कर ऐसे ही प्लंस बनाते हैं और अजय के बंग्लोव पर चुदाई का अनंद उताते हैं, अब तो उसमें वीनय के २-३ दोस्त और भी शम्मिल हो गई हैं
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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