FUN-MAZA-MASTI
नए पड़ोसी पार्ट--5
गतान्क से आगे.........
मेने देखा की मेरे लंड को वो औरत चूस रही थी जिससे में चंद घंटे पहले ही मिला था, और मेरी बीवी उसके पति के लंड को चूस रही थी. दोनो औरतें एक दूसरे के पति के लंड को चूसे जा रही थी. धीरे धीरे उनके चूसने की रफ़्तार बढ़ने लगी इतने मे अविनाश के मुँह से एक सिसकारी निकली, "ःआआआआआआआआआण ऐसे ही चुसूओ चुस्ती जाओ."
मिनी ने अपने पति की सिसकारियाँ सुनी तो अपने मुँह से मेरे लंड को निकाल अपने पति को देखने लगी. जैसे जैसे प्रीति की चूसने की रफ़्तार बढ़ रही थी वैसे ही अविनाश के शरीर की अकड़न बढ़ रही थी. उसका शरीर आकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की बौछार प्रीति के मुँह मे कर दी. मेने देखा की बिना एक बूँद भी बाहर गिराए प्रीति उसके सारे पानी को पी गयी.
प्रीति की हरकत देख मिनी भी जोश मे भर गयी और मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगी. मुझसे अब रुका नही जा रहा था. मेने मिनी के सर को पकड़ा और पूरी तरह अपने लंड पे दबा दिया. मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और तभी लंडने जोरों की पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी.
हम चारों को अपनी साँसे संभालने मे थोडा वक़्त लगा. हम चारों ने कपड़े पहने और वापस पार्टी में आ गये जो करीब करीब समाप्त होने के कगार पर थी. हम दोनो मर्दों के चेहरे पे तृप्ति के भाव थे पर दोनो औरतें अभी भी प्यासी थी. एक तो उनकी चूत ने पानी नही छोड़ा था और दूसरा उनके मुँह में हम दोनो के लंड का पानी. वो बार बार अपने जीभ से होठों पे हमारे लंड के पानी को पोंछ रही थी. वो दोनो जाकर प्रशांत के पास खड़ी हो गयी जो पार्टी में आई किसी महिला से बातों में व्यस्त था.
हम दोनो भी प्रशांत के पास पहुँच गये. शायद दोनो औरतों की तड़प उससे देखी नही गयी. वो भी जानता थी कि प्रीति और मिनी पिछले तीन घंटे से डिल्डो अपनी चूत मे लिए घूम रही और अब उनकी चूत भी पानी छोड़ना चाहती होगी. "चलो सब मेहमआनो को अलविदा कहते हैं और हम अपनी खुद की पार्टी शुरू करते है. प्रशांत ने कहा, "मेरा विश्वास करो प्रीति आज की रात बहोत ही स्पेशल होगी. जो मज़ा तुम्हे आज मिलेगा उस मज़े की कभी तुमने कल्पना भी नही की होगी.
में सोच रहा था पता अभी और प्रशांत के दिमाग़ में क्या है. प्रीति हॉल में सभी मेहमआनो का ख्याल रखने लगी. थोड़ी ही देर में सब मेहमान एक के बाद एक जाने लगे.
प्रीति जैसे ही किसी काम से नीचे को झुकती तो उसकी गांद थोड़ा सा उपर को उठ जाती. प्रशांत उसे ही घूर रहा था, "राज अब में तुम्हारी बीवी की गंद मारूँगा जैसे तुमने मेरी बीवी की मारी थी."
में ये सुन कर दंग रह गया. प्रशांत मेरी बीवी की कुँवारी गंद मारेगा जैसे मेने उसकी बीवी की मारी थी. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि उसकी बीवी की गंद कुँवारी नही थी, वो इतनी खुली थी गंद मरवाने में उसे कोई तकलीफ़ नही हुई थी. पर क्या प्रीति सह पाएगी. ये सोच कर ही मेरे बदन में एक सर्द ल़हेर दौड़ गयी.
15 मिनिट में सभी मेहमान चले गये. "चलो अब सब मिलकर इन औरतों का ख़याल रखते है, लेकिन सबको जैसा में कहूँगा वैसा ही करना होगा." हम सब ने हां में गर्दन हिलाई और सब कोई वापस गेस्ट बेडरूम मे आ गये.
रूम मे आते ही प्रशांत बिस्तर पर बैठ गया. उसने प्रीति और मिनी को अपने सामने खड़े होने को कहा. फिर वो अपने हाथ दोनो की चूत पर रखकर डिल्डो को अंदर घुसाने लगा. प्रीति की जीन्स के उपर से और मिनी की पॅंटी के उपर से.
"बबिता अब तुम अविनाश का लंड आज की शानदार चुदाई के लिए तय्यार करो, पर ध्यान रखना कि इसका पानी नही छूटना चाहिए." प्रशांत की बात सुनकर बबिता अविनाश को उसकी कुर्सी के पास ले गयी जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत बैठा था. थोड़ी ही देर में बबिता ने अविनाश का लंड बाहर निकाल लिया था और उसे अपने मुँह में ले चूस रही थी.
अब सिर्फ़ में ही बचा था कि जो कुछ भी नही कर रहा था. फिर मेने सुना प्रशांत प्रीति को मिनी के कपड़े उतारने को कह रहा था. प्रीति ने अपना हाथ बढ़ा मिनी के टॉप की ज़िप खोल दी जो थोड़ी देर पहले इसी तरह मेने खोली थी. पर प्रीति ने टॉप उसके कंधे से उठा उतार दिया और मिनी की चुचियाँ फिर एक बार नंगी हो गयी. अजीब कामुक द्रिस्य था मेरी बीवी किसी और औरत के कपड़े उतार रही थी.
प्रशांत खड़ा हुआ और दोनो औरतों के पास आ गया. उसने मेरी बीवी का एक बाया हाथ पकड़ा और मिनी की दाई चुचियों पे रख दिया, फिर उसने प्रीति का दाया हाथ पकड़ मिनी की चूत पे रख दिया. मेरी बीवी की समझ मे नहीं आ रहा था कि प्रशांत क्या चाहता है. दोनो औरतों ने आज तक किसी औरत के साथ सेक्स नही किया था.
प्रशांत ने प्रीति की तरफ देखते हुए कहा, "में चाहता हूँ कि तुम मिनी की चूत चूस कर उसका पानी छुड़ा दो फिर हम सब मिलकर तुम्हारी चूत पर ध्यान देंगे." ये कहकर प्रशांत ने प्रीति को मिनी के सामने घूटनो के बल बिठा दिया और उसके चेहरे को मिनी की गीली हुई पॅंटी पे धकेल दिया.
एक बार तो बबिता और अविनाश भी रुक से गये और में भी हैरत में खड़ा सोच रहा था कि क्या सच मूच मेरी बीवी इस औरत की चूत चूसेगी. पर प्रीति जो पिछले 4 घंटे से अपनी चूत में डिल्डो लिए घूम रही थी और उसकी चूत पानी चोदने को बेताब थी, प्रीति ने अपने हाथ मिनी की पॅंटी की एलास्टिक में फँसाए और उसे नीचे उतार दिया. जैसे ही मिनी की पॅंटी नीचे सर्काई तो सबने देखा की उसकी चूत भी साफ की हुई थी. बाल का नामो निशान नही था चूत पर.
प्रीति ने उसकी पॅंटी को और नीचे खस्कते हुए उसके पैरों के बाहर निकल दिया. अब मिनी पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. प्रीति ने अपने हाथ उसके कुल्हों पे रख उसे अपने पास खींचा और अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया. वो अबू अपनी उंगली से उसकी चूत का मुँह खोल अपनी जीब डिल्डो के साथ अंदर घूमने लगी.
प्रीति अब जोरों से मिनी की चूत को चाट और चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में फँसे डिल्डो को जोरों से अंदर बाहर कर रही थी. "ओह आःआआआआआआ और ज़ोर सीईईईई ःआआआआआआआआण चूऊऊसे मेर्रर्र्ररी चूत को चूद्द्द्दद्ड दो मेरा पानी ." मिनी सिसक रही थी. मिनी की साँसे तेज हो रही थी साथ ही उसकी चुचियाँ उसकी छाती पर फुदक रही थी.
प्रीति अपनी जीब की ओर डिल्डो की रफ़्तार बढ़ते जा रही थी, और साथ ही मिनी की चूत पानी छोड़ने के कगार पर आ रही थी. मिनी ने अपने दोनो हाथ प्रीति के सिर पर रख उसे ज़ोर से अपनी चूत पे दबा दिया. उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. फूच फूच की आवाज़ के साथ उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. प्रीति का पूरा चेहरा मिनी की चूत से छूटे पानी से भर गया था. प्रीति और जोरो से चूस्ते हुए उसकी चूत के सारे पानी को पी रही थी. आख़िर में थक कर मिनी बिस्तर पर निढाल पड़ गयी और गहरी साँसे लेने लगी.
प्रीति उठ कर खड़ी हो गयी. उसने अभी भी कपड़े पहने हुए थे. आज उसने पूरे दिन में पहले प्रशांत के लंड को चूसा था और बाद में अविनाश के लंड को. और अब वो हम सब के सामने मिनी की चूत का पानी पीकर खड़ी हुई थी. उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे पर उसके जिस्म की प्यास अभी बाकी थी. में आगे बढ़ा और अपनी बीवी को बाहों भर लिया. मेने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो मुझे मिनी की चूत से पानी की महक और स्वाद आया. में उसके होठों को चूसने लगा.
मेने अपना हाथ प्रीति की जीन्स के उपर से उसकी चूत पर रखा तो पाया वो पहले से ज़्यादा गीली हो चुकी थी. जैसे ही मेने उसकी चूत को सहलाया वो सिसक पड़ी, "ओह अहह ह्म्म्म्ममममम."
प्रशांत ने हम दोनो को अलग किया और मेरी बीवी को चूमते हुए उसे बिस्तर के पास ले गया. फिर उसने प्रीति से पूछा, "क्या तुम गंद मुझसे मरवाना पसंद करोगी?" प्रीति पहले तो उसकी तरफ देखी फिर मेरी तरफ. उसके पास को जवाब नही था कारण अगर वो ना कहती तो हम शर्त हर जाते. में भी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी की गंद मार चुका था इसलिए मेरे पास भी ना करने की कोई वजह नही थी. में सिर्फ़ वहाँ पर खड़ा अपनी बीवी की गंद मारते देख सकता था.
प्रशांत ने प्रीति के होठों को चूस्ते हुए उसके रेड टॉप के बटन खोल उसके टॉप को उतर दिया. अब वो अपने एक हाथ से उसकी चुचि को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी निपल को भींच रहा था. प्रीति के मुँह से सिसकारी फुट रही थी, "हा दबाओ नो पर धिर्र्र्र्रररे हाया आईसीईई ही ओह अहह"
प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए प्रशांत ने अपने हाथ उसकी जीन्स पे ले जाकर बटन खोलने लगा. बबिता आगे बढ़ कर उनके पास नीचे बैठ गयी और प्रीति की जीन्स को नीचे का उतारने लगी. दोनो ने मिलकर मेरी बीवी को पूरा नंगा कर दिया.
प्रीति पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसकी चूत में घुसा डिल्डो साफ नज़र आ रहा था. प्रशांत और बबिता ने मिलकर उसे बेड की किनारे पर झुका दिया. बबिता अब उसके सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और प्रीति की चुचियों को चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद वो बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी की प्रीति का मुँह ठीक उसकी चूत पे था. बबिता ने प्रीति के सिर को पकड़ उसे अपनी चूत पे दबा दिया.
प्रीति अब बिस्तर के किनारे पर झुकी बबिता की चूत चूस रही थी. इस तरह झुकने से उसकी गांद हवा में और उपर को उठ गयी थी. पीछे से उसकी चूत में फँसा डिल्डो तो दिख ही रहा था साथ ही उसकी गंद का छेद भी दिखाई दे रहा था. हम सब जानते थे कि अब प्रशांत अपना लंड उसकी गंद मे घुसाएगा, पर उसके मन में तो कुछ और ही था.
प्रशांत मेरी तरफ मुस्कुरा के देख रहा था, "राज आज शाम को मेरी बीवी ने तुम्हे सीखा ही दिया होगा कि एक अछी गांद को चुदाई के लिए कैसे तय्यार किया जाता है. बाथरूम मे जाओ और क्रीम ले आओ और बताओ कि तुमने क्या सीखा." फिर उसने मिनी की तरफ देखकर कहा, "तुम मेरे लंड को तयार करोगी?"
बिना कुछ कहे में बाथरूम मे जाकर वही क्रीम ले आया जो में बबिता पे इस्टामाल की थी. मिनी मेरे पास आई और मुझे थोड़ी क्रीम उसके हाथों पे देने को कहा. कैसी शर्त थी की में अपने हाथों से अपनी बीवी की गंद को किसी दूसरे मर्द के लंड के लिए तैय्यार करूँ. पर में शर्त हारना नही चाहता था सो में क्रीम लिए प्रीति के पास आ गया.
मेने खूब सारी क्रीम अपनी उंगलियों मे ली और उसे प्रीति की गंद के चारों तक मलने लगा. फिर में अपनी एक उंगली उसकी गंद में डाल दी, "ओह मर गयी." प्रीति के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी. प्रीति अब भी बबिता की चूत को चाते जा रही थी.
मेने थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली में ली और दो उंगलिया उसकी गंद में डाल दी. अब में अपनी उंगलियों को उसकी गंद में चारों तरफ गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत मेरे पास खड़ा मेरी सभी हरकत को देख रहा था और उसके पैरों में बैठी मिनी उसके लंड को क्रीम से चिकना कर रही थी.
अब मेरी उंगलियाँ आसनी से प्रीति की गंद में अंदर तक जा रही थी. जब में उंगली घुमाता तो उसकी चूत में फँसे डिल्डो का अहसास होता मुझे. में और अंदर तक क्रीम को मलने लगा. प्रीति को भी शायद मज़ा आने लगा था. वो जोरों से बबिता की चूत चूस्ते हुए अपने टाँगे और फैला दी जिससे में और आसानी से उसकी गंद में उंगली कर सकूँ.
मिनी भी अब तक आक्ची तरह से प्रशांत के लंड को क्रीम से चिकना कर चुकी थी. प्रशांत अपनी जगह से हिला और मुझे साइड में कर दिया. अब उसका लुंक क्रीम से चिकना था. उसका तना हुआ लंड एक हथियार की तरह चमक रहा था. जैसे ही प्रशांत ने अपना लंड प्रीति की गंद पे रखा वो सिसक कर और जोरों से बबिता की चूत को चूसने लगी. वो उसकी चूत को ऐसे चूस रही थी की जैसे वो इस कला में बरसों से माहिर हो.
मिनी और अविनाश भी पास में आकर खड़े हो गये. वो भी किसी कुँवारी गांद की चुदाई देखना चाहते थे. मुझे अंदर से शर्म आ रही थी कि अपनी गंद में सबसे पहले मारू उसके बजाय मेने ही अपनी बीवी की गंद को दूसरे मर्द के लंड के लिए तय्यार किया था.
प्रशांत ने प्रीति के कुल्हों को पकड़ उसके गंद के छेद को और फैला दिया. प्रशांत के दोनो हाथ प्रीति के कुल्हों को पकड़े हुए थे. मिनी ने आगे बढ़ कर प्रशांत के लंड को ठीक प्रीति की गंद के छेद पर रख दिया और प्रशांत अब अपने लंड को अंदर घुसाने लगा. मिनी अभी भी उसके लंड को पकड़े हुए थी. इतनी सारी क्रीम लगने से उसका लंड और प्रीति की गंद पूरी तरह चिकनी हो गयी थी जिससे प्रशांत के लंड का सूपड़ा उसकी गंद में आसानी से घुस गया.
मिनी ने अपना हाथ उसके लंड पर से हटा लिया. अब जबकि सूपड़ा घुस चुका था प्रशांत धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर तक घुसाने लगा. उसके हर धक्के के साथ प्रीति की सिसकार गूँजती, "ओह अहह थोड़ाआ धीरी दर्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहाआआआआअ है." थोड़ी देर में उसका पूरा लंड प्रीति की गांद में घुस चुका था. अब उसकी गांद कुँवारी नही रही थी.
प्रीति अब भी बबिता की चूत चूसे जा रही थी. जब प्रशांत का पूरा लंड उसकी गांद मे घुस गया तो ज़ोर की सिसकारी निकली, "ओह ह्बीयेयेयेयान." प्रशांत प्रीति की गंद की दीवारों को रौन्द्ता हुआ जड़ तक समा गया था.
प्रशांत ने मिनी और मेरा धन्यवाद दिया कि हम दोनो ने प्रीति की गंद मारने उसकी सहायता की. कैसा उसका लंड उसकी गांद में अंदर तक घुसा हुआ है और कैसे उसकी गांद उसके लंड को भिंचे हुए है. उसने बताया कि उसे प्रीति की चूत में फँसे डिल्डो का भी अहसास हो रहा है और ये उत्तेजना उसके लंड से लेकर उसकी गोलियों तक जा रही थी. प्रशांत जान बुझ कर ये सब बातें बता कर मुझे चिढ़ा रहा था. "हरामी साला" मेरे मुँह से गाली निकली.
लेकिन अब तक में अपना लंड अपनी पॅंट मे से निकाल सहला रहा था. सब जानते थे कि मेरी बीवी की गंद की चुदाई ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था. पर जो होने वाला था उसके आगे ये कुछ भी नही था. मिनी अब उन से दूर जा कर खड़ी हो गयी. प्रशांत का लंड प्रीति की गंद मे अंदर बाहर हो रहा था. प्रशांत अपने लंड करीब 3" इंच बाहर खींचता और अपने 8" इंच के लंड को पूरा जड़ तक पेल देता.
प्रशांत जानबूझ कर धीरे धीरे धक्के लगा रहा था. पर समय के साथ उसकी रफ़्तार तेज हो रही थी. अब वो 5" इंच लंड को बाहर निकालता और पूरा पेल देता. थोड़ी देर में वो अपने लंड का सूपड़ा सिर्फ़ अंदर रहने देता और एक झटके पूरा लंड प्रीति की गंद में डाल देता. प्रीति की गंद पूरी तरह खुल गयी और हर झटके को वो अपने कुल्हों को पीछे कर ले रही थी, "हाआआआअ डाल दो पूरा लंड मेयीयीयियी गाआअंड मे ओह ःआआआआआआआण और जूऊऊर से ःआआआआआआआण चोदो फद्दद्ड दो मईएरर्र्र्र्ररी गंद को."
प्रीति मियाँ बीवी के बीच सॅंडविच बनी हुई थी. नीचे से बबिता अपनी चूत को उपर उठा उसके मुँह मे भर देती और पीछे से प्रशांत उसके कुल्हों को पकड़ ज़ोर से लंड पेल देता. जैसे ही उसका लंड अंदर तक जाता प्रीति का मुँह बबिता की चूत पे और ज़ोर से दब जाता. प्रशांत उसकी गंद भी मार रहा था और उसकी चूत में फँसे डिल्डो को और अंदर की ओर घुसा देता.
अब अविनाश भी इस खेल में शामिल होना चाहता था. उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को सहलाने लगा. अपने लंड को सहलाते हुए वो बबिता के चेहरे के पास आ गया. अविनाश अपने लंड को उसके मुँह के पास कर उसके होठों पर रगड़ने लगा. बबिता ने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ अपने मुँह में ले लिया. अब उसका दोनो छेद पूरी तरह भरे हुए थे. वो जोरो से अविनाश के लंड को चूसने लगी.
अब में और मिनी ही बचे थे. मिनी ने भी अपने कपड़े उतार दिए. में भी कपड़े उतार पूरा नंगा हो अपने लंड को सहला रहा था. मिनी मेरे पास आ कर मेरे नंगे बदन से सॅट गयी और सहलाने लगी. हम भूके कुत्तों की तरह एक दूसरे के बदन को नोच रहे थे मसल रहे थे, पर हम अपनी नज़रें बिस्तर से नही हटा पा रहे थे जहाँ एक का पति एक की पत्नी से अपना लंड चूस्वा रहा था और मेरी बीवी एक की बीवी की चूत चूस रही थी और उसके पति से अपनी गंद मरवा रही थी.
अचानक प्रीति ने अपना मुँह बबिता की चूत से उपर उठाया और ज़ोर से चीख पड़ी, "ओह ये नही हो सकता". में सोच मे पड़ गया कि अचानक उसे क्या हुआ, क्या उसका पानी छूटने वाला है या उसकी गांद दर्द कर रही है. "हे भगवान प्ल्स ऐसा मत करो." वो फिर बोली और उसकी आँखों मे आँसू आ गये.
तब प्रशांत ने उसके चीखने की वजह बताई, "राज डरो मत यार उसके डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी है. बेचारी." अब मेरी समझ मे आया कि जब उसका पानी छूटने वाला था तब ही डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी. और कितना चलती 5 घंटे सो तो वो उसे अपनी चूत मे डाले घूम रही थी.
प्रीति फिर अपने उत्तेजना के अंतिम कगार से वंचित रह गयी. प्रशांत उसकी गांद मे ज़ोर के धक्के मारते हुए बोला, "प्रीति डार्लिंग चिंता मत करो, में वादा करता हूँ आज तुम्हे चुदाई को वो आनंद आएगा कि तुम्हारी चूत खुले बाँध की तरह पानी फैंकेगी." प्रीति ने अपना चेहरा उठा और प्रशांत की ओर देखा. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि और क्या उसके दिमाग़ मे है.
हमने देखा कि अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए प्रीति खुद अपने बंद हुए डिल्डो को पकड़ अंदर बाहर करने लगी, पर प्रशांत ने उसका हाथ हाथ हटा दिया. अब प्रशांत ने प्रीति को उसकी छातियों से पकड़ा और पीछे की ओर हो गया. थोड़ी देर इस तरह होने के बाद उसने अपनी टाँगे सीधी की और पीठ के बल लेट गया. अब वो ज़मीन पर लेटा था और प्रीति उसके उपर उसका लंड अपनी गंद मे लिए लेटी थी. प्रीति ने अब अपनी टाँगे फैला दी जिससे प्रशांत का लंड उसकी गांद मे घुसा हुआ दिख रहा था और साथ ही चूत मे फँसा डिल्डो भी.
क्रमशः...............
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मेने देखा की मेरे लंड को वो औरत चूस रही थी जिससे में चंद घंटे पहले ही मिला था, और मेरी बीवी उसके पति के लंड को चूस रही थी. दोनो औरतें एक दूसरे के पति के लंड को चूसे जा रही थी. धीरे धीरे उनके चूसने की रफ़्तार बढ़ने लगी इतने मे अविनाश के मुँह से एक सिसकारी निकली, "ःआआआआआआआआआण ऐसे ही चुसूओ चुस्ती जाओ."
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प्रीति की हरकत देख मिनी भी जोश मे भर गयी और मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगी. मुझसे अब रुका नही जा रहा था. मेने मिनी के सर को पकड़ा और पूरी तरह अपने लंड पे दबा दिया. मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और तभी लंडने जोरों की पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी.
हम चारों को अपनी साँसे संभालने मे थोडा वक़्त लगा. हम चारों ने कपड़े पहने और वापस पार्टी में आ गये जो करीब करीब समाप्त होने के कगार पर थी. हम दोनो मर्दों के चेहरे पे तृप्ति के भाव थे पर दोनो औरतें अभी भी प्यासी थी. एक तो उनकी चूत ने पानी नही छोड़ा था और दूसरा उनके मुँह में हम दोनो के लंड का पानी. वो बार बार अपने जीभ से होठों पे हमारे लंड के पानी को पोंछ रही थी. वो दोनो जाकर प्रशांत के पास खड़ी हो गयी जो पार्टी में आई किसी महिला से बातों में व्यस्त था.
हम दोनो भी प्रशांत के पास पहुँच गये. शायद दोनो औरतों की तड़प उससे देखी नही गयी. वो भी जानता थी कि प्रीति और मिनी पिछले तीन घंटे से डिल्डो अपनी चूत मे लिए घूम रही और अब उनकी चूत भी पानी छोड़ना चाहती होगी. "चलो सब मेहमआनो को अलविदा कहते हैं और हम अपनी खुद की पार्टी शुरू करते है. प्रशांत ने कहा, "मेरा विश्वास करो प्रीति आज की रात बहोत ही स्पेशल होगी. जो मज़ा तुम्हे आज मिलेगा उस मज़े की कभी तुमने कल्पना भी नही की होगी.
में सोच रहा था पता अभी और प्रशांत के दिमाग़ में क्या है. प्रीति हॉल में सभी मेहमआनो का ख्याल रखने लगी. थोड़ी ही देर में सब मेहमान एक के बाद एक जाने लगे.
प्रीति जैसे ही किसी काम से नीचे को झुकती तो उसकी गांद थोड़ा सा उपर को उठ जाती. प्रशांत उसे ही घूर रहा था, "राज अब में तुम्हारी बीवी की गंद मारूँगा जैसे तुमने मेरी बीवी की मारी थी."
में ये सुन कर दंग रह गया. प्रशांत मेरी बीवी की कुँवारी गंद मारेगा जैसे मेने उसकी बीवी की मारी थी. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि उसकी बीवी की गंद कुँवारी नही थी, वो इतनी खुली थी गंद मरवाने में उसे कोई तकलीफ़ नही हुई थी. पर क्या प्रीति सह पाएगी. ये सोच कर ही मेरे बदन में एक सर्द ल़हेर दौड़ गयी.
15 मिनिट में सभी मेहमान चले गये. "चलो अब सब मिलकर इन औरतों का ख़याल रखते है, लेकिन सबको जैसा में कहूँगा वैसा ही करना होगा." हम सब ने हां में गर्दन हिलाई और सब कोई वापस गेस्ट बेडरूम मे आ गये.
रूम मे आते ही प्रशांत बिस्तर पर बैठ गया. उसने प्रीति और मिनी को अपने सामने खड़े होने को कहा. फिर वो अपने हाथ दोनो की चूत पर रखकर डिल्डो को अंदर घुसाने लगा. प्रीति की जीन्स के उपर से और मिनी की पॅंटी के उपर से.
"बबिता अब तुम अविनाश का लंड आज की शानदार चुदाई के लिए तय्यार करो, पर ध्यान रखना कि इसका पानी नही छूटना चाहिए." प्रशांत की बात सुनकर बबिता अविनाश को उसकी कुर्सी के पास ले गयी जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत बैठा था. थोड़ी ही देर में बबिता ने अविनाश का लंड बाहर निकाल लिया था और उसे अपने मुँह में ले चूस रही थी.
अब सिर्फ़ में ही बचा था कि जो कुछ भी नही कर रहा था. फिर मेने सुना प्रशांत प्रीति को मिनी के कपड़े उतारने को कह रहा था. प्रीति ने अपना हाथ बढ़ा मिनी के टॉप की ज़िप खोल दी जो थोड़ी देर पहले इसी तरह मेने खोली थी. पर प्रीति ने टॉप उसके कंधे से उठा उतार दिया और मिनी की चुचियाँ फिर एक बार नंगी हो गयी. अजीब कामुक द्रिस्य था मेरी बीवी किसी और औरत के कपड़े उतार रही थी.
प्रशांत खड़ा हुआ और दोनो औरतों के पास आ गया. उसने मेरी बीवी का एक बाया हाथ पकड़ा और मिनी की दाई चुचियों पे रख दिया, फिर उसने प्रीति का दाया हाथ पकड़ मिनी की चूत पे रख दिया. मेरी बीवी की समझ मे नहीं आ रहा था कि प्रशांत क्या चाहता है. दोनो औरतों ने आज तक किसी औरत के साथ सेक्स नही किया था.
प्रशांत ने प्रीति की तरफ देखते हुए कहा, "में चाहता हूँ कि तुम मिनी की चूत चूस कर उसका पानी छुड़ा दो फिर हम सब मिलकर तुम्हारी चूत पर ध्यान देंगे." ये कहकर प्रशांत ने प्रीति को मिनी के सामने घूटनो के बल बिठा दिया और उसके चेहरे को मिनी की गीली हुई पॅंटी पे धकेल दिया.
एक बार तो बबिता और अविनाश भी रुक से गये और में भी हैरत में खड़ा सोच रहा था कि क्या सच मूच मेरी बीवी इस औरत की चूत चूसेगी. पर प्रीति जो पिछले 4 घंटे से अपनी चूत में डिल्डो लिए घूम रही थी और उसकी चूत पानी चोदने को बेताब थी, प्रीति ने अपने हाथ मिनी की पॅंटी की एलास्टिक में फँसाए और उसे नीचे उतार दिया. जैसे ही मिनी की पॅंटी नीचे सर्काई तो सबने देखा की उसकी चूत भी साफ की हुई थी. बाल का नामो निशान नही था चूत पर.
प्रीति ने उसकी पॅंटी को और नीचे खस्कते हुए उसके पैरों के बाहर निकल दिया. अब मिनी पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. प्रीति ने अपने हाथ उसके कुल्हों पे रख उसे अपने पास खींचा और अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया. वो अबू अपनी उंगली से उसकी चूत का मुँह खोल अपनी जीब डिल्डो के साथ अंदर घूमने लगी.
प्रीति अब जोरों से मिनी की चूत को चाट और चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में फँसे डिल्डो को जोरों से अंदर बाहर कर रही थी. "ओह आःआआआआआआ और ज़ोर सीईईईई ःआआआआआआआआण चूऊऊसे मेर्रर्र्ररी चूत को चूद्द्द्दद्ड दो मेरा पानी ." मिनी सिसक रही थी. मिनी की साँसे तेज हो रही थी साथ ही उसकी चुचियाँ उसकी छाती पर फुदक रही थी.
प्रीति अपनी जीब की ओर डिल्डो की रफ़्तार बढ़ते जा रही थी, और साथ ही मिनी की चूत पानी छोड़ने के कगार पर आ रही थी. मिनी ने अपने दोनो हाथ प्रीति के सिर पर रख उसे ज़ोर से अपनी चूत पे दबा दिया. उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. फूच फूच की आवाज़ के साथ उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. प्रीति का पूरा चेहरा मिनी की चूत से छूटे पानी से भर गया था. प्रीति और जोरो से चूस्ते हुए उसकी चूत के सारे पानी को पी रही थी. आख़िर में थक कर मिनी बिस्तर पर निढाल पड़ गयी और गहरी साँसे लेने लगी.
प्रीति उठ कर खड़ी हो गयी. उसने अभी भी कपड़े पहने हुए थे. आज उसने पूरे दिन में पहले प्रशांत के लंड को चूसा था और बाद में अविनाश के लंड को. और अब वो हम सब के सामने मिनी की चूत का पानी पीकर खड़ी हुई थी. उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे पर उसके जिस्म की प्यास अभी बाकी थी. में आगे बढ़ा और अपनी बीवी को बाहों भर लिया. मेने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो मुझे मिनी की चूत से पानी की महक और स्वाद आया. में उसके होठों को चूसने लगा.
मेने अपना हाथ प्रीति की जीन्स के उपर से उसकी चूत पर रखा तो पाया वो पहले से ज़्यादा गीली हो चुकी थी. जैसे ही मेने उसकी चूत को सहलाया वो सिसक पड़ी, "ओह अहह ह्म्म्म्ममममम."
प्रशांत ने हम दोनो को अलग किया और मेरी बीवी को चूमते हुए उसे बिस्तर के पास ले गया. फिर उसने प्रीति से पूछा, "क्या तुम गंद मुझसे मरवाना पसंद करोगी?" प्रीति पहले तो उसकी तरफ देखी फिर मेरी तरफ. उसके पास को जवाब नही था कारण अगर वो ना कहती तो हम शर्त हर जाते. में भी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी की गंद मार चुका था इसलिए मेरे पास भी ना करने की कोई वजह नही थी. में सिर्फ़ वहाँ पर खड़ा अपनी बीवी की गंद मारते देख सकता था.
प्रशांत ने प्रीति के होठों को चूस्ते हुए उसके रेड टॉप के बटन खोल उसके टॉप को उतर दिया. अब वो अपने एक हाथ से उसकी चुचि को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी निपल को भींच रहा था. प्रीति के मुँह से सिसकारी फुट रही थी, "हा दबाओ नो पर धिर्र्र्र्रररे हाया आईसीईई ही ओह अहह"
प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए प्रशांत ने अपने हाथ उसकी जीन्स पे ले जाकर बटन खोलने लगा. बबिता आगे बढ़ कर उनके पास नीचे बैठ गयी और प्रीति की जीन्स को नीचे का उतारने लगी. दोनो ने मिलकर मेरी बीवी को पूरा नंगा कर दिया.
प्रीति पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसकी चूत में घुसा डिल्डो साफ नज़र आ रहा था. प्रशांत और बबिता ने मिलकर उसे बेड की किनारे पर झुका दिया. बबिता अब उसके सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और प्रीति की चुचियों को चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद वो बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी की प्रीति का मुँह ठीक उसकी चूत पे था. बबिता ने प्रीति के सिर को पकड़ उसे अपनी चूत पे दबा दिया.
प्रीति अब बिस्तर के किनारे पर झुकी बबिता की चूत चूस रही थी. इस तरह झुकने से उसकी गांद हवा में और उपर को उठ गयी थी. पीछे से उसकी चूत में फँसा डिल्डो तो दिख ही रहा था साथ ही उसकी गंद का छेद भी दिखाई दे रहा था. हम सब जानते थे कि अब प्रशांत अपना लंड उसकी गंद मे घुसाएगा, पर उसके मन में तो कुछ और ही था.
प्रशांत मेरी तरफ मुस्कुरा के देख रहा था, "राज आज शाम को मेरी बीवी ने तुम्हे सीखा ही दिया होगा कि एक अछी गांद को चुदाई के लिए कैसे तय्यार किया जाता है. बाथरूम मे जाओ और क्रीम ले आओ और बताओ कि तुमने क्या सीखा." फिर उसने मिनी की तरफ देखकर कहा, "तुम मेरे लंड को तयार करोगी?"
बिना कुछ कहे में बाथरूम मे जाकर वही क्रीम ले आया जो में बबिता पे इस्टामाल की थी. मिनी मेरे पास आई और मुझे थोड़ी क्रीम उसके हाथों पे देने को कहा. कैसी शर्त थी की में अपने हाथों से अपनी बीवी की गंद को किसी दूसरे मर्द के लंड के लिए तैय्यार करूँ. पर में शर्त हारना नही चाहता था सो में क्रीम लिए प्रीति के पास आ गया.
मेने खूब सारी क्रीम अपनी उंगलियों मे ली और उसे प्रीति की गंद के चारों तक मलने लगा. फिर में अपनी एक उंगली उसकी गंद में डाल दी, "ओह मर गयी." प्रीति के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी. प्रीति अब भी बबिता की चूत को चाते जा रही थी.
मेने थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली में ली और दो उंगलिया उसकी गंद में डाल दी. अब में अपनी उंगलियों को उसकी गंद में चारों तरफ गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत मेरे पास खड़ा मेरी सभी हरकत को देख रहा था और उसके पैरों में बैठी मिनी उसके लंड को क्रीम से चिकना कर रही थी.
अब मेरी उंगलियाँ आसनी से प्रीति की गंद में अंदर तक जा रही थी. जब में उंगली घुमाता तो उसकी चूत में फँसे डिल्डो का अहसास होता मुझे. में और अंदर तक क्रीम को मलने लगा. प्रीति को भी शायद मज़ा आने लगा था. वो जोरों से बबिता की चूत चूस्ते हुए अपने टाँगे और फैला दी जिससे में और आसानी से उसकी गंद में उंगली कर सकूँ.
मिनी भी अब तक आक्ची तरह से प्रशांत के लंड को क्रीम से चिकना कर चुकी थी. प्रशांत अपनी जगह से हिला और मुझे साइड में कर दिया. अब उसका लुंक क्रीम से चिकना था. उसका तना हुआ लंड एक हथियार की तरह चमक रहा था. जैसे ही प्रशांत ने अपना लंड प्रीति की गंद पे रखा वो सिसक कर और जोरों से बबिता की चूत को चूसने लगी. वो उसकी चूत को ऐसे चूस रही थी की जैसे वो इस कला में बरसों से माहिर हो.
मिनी और अविनाश भी पास में आकर खड़े हो गये. वो भी किसी कुँवारी गांद की चुदाई देखना चाहते थे. मुझे अंदर से शर्म आ रही थी कि अपनी गंद में सबसे पहले मारू उसके बजाय मेने ही अपनी बीवी की गंद को दूसरे मर्द के लंड के लिए तय्यार किया था.
प्रशांत ने प्रीति के कुल्हों को पकड़ उसके गंद के छेद को और फैला दिया. प्रशांत के दोनो हाथ प्रीति के कुल्हों को पकड़े हुए थे. मिनी ने आगे बढ़ कर प्रशांत के लंड को ठीक प्रीति की गंद के छेद पर रख दिया और प्रशांत अब अपने लंड को अंदर घुसाने लगा. मिनी अभी भी उसके लंड को पकड़े हुए थी. इतनी सारी क्रीम लगने से उसका लंड और प्रीति की गंद पूरी तरह चिकनी हो गयी थी जिससे प्रशांत के लंड का सूपड़ा उसकी गंद में आसानी से घुस गया.
मिनी ने अपना हाथ उसके लंड पर से हटा लिया. अब जबकि सूपड़ा घुस चुका था प्रशांत धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर तक घुसाने लगा. उसके हर धक्के के साथ प्रीति की सिसकार गूँजती, "ओह अहह थोड़ाआ धीरी दर्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहाआआआआअ है." थोड़ी देर में उसका पूरा लंड प्रीति की गांद में घुस चुका था. अब उसकी गांद कुँवारी नही रही थी.
प्रीति अब भी बबिता की चूत चूसे जा रही थी. जब प्रशांत का पूरा लंड उसकी गांद मे घुस गया तो ज़ोर की सिसकारी निकली, "ओह ह्बीयेयेयेयान." प्रशांत प्रीति की गंद की दीवारों को रौन्द्ता हुआ जड़ तक समा गया था.
प्रशांत ने मिनी और मेरा धन्यवाद दिया कि हम दोनो ने प्रीति की गंद मारने उसकी सहायता की. कैसा उसका लंड उसकी गांद में अंदर तक घुसा हुआ है और कैसे उसकी गांद उसके लंड को भिंचे हुए है. उसने बताया कि उसे प्रीति की चूत में फँसे डिल्डो का भी अहसास हो रहा है और ये उत्तेजना उसके लंड से लेकर उसकी गोलियों तक जा रही थी. प्रशांत जान बुझ कर ये सब बातें बता कर मुझे चिढ़ा रहा था. "हरामी साला" मेरे मुँह से गाली निकली.
लेकिन अब तक में अपना लंड अपनी पॅंट मे से निकाल सहला रहा था. सब जानते थे कि मेरी बीवी की गंद की चुदाई ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था. पर जो होने वाला था उसके आगे ये कुछ भी नही था. मिनी अब उन से दूर जा कर खड़ी हो गयी. प्रशांत का लंड प्रीति की गंद मे अंदर बाहर हो रहा था. प्रशांत अपने लंड करीब 3" इंच बाहर खींचता और अपने 8" इंच के लंड को पूरा जड़ तक पेल देता.
प्रशांत जानबूझ कर धीरे धीरे धक्के लगा रहा था. पर समय के साथ उसकी रफ़्तार तेज हो रही थी. अब वो 5" इंच लंड को बाहर निकालता और पूरा पेल देता. थोड़ी देर में वो अपने लंड का सूपड़ा सिर्फ़ अंदर रहने देता और एक झटके पूरा लंड प्रीति की गंद में डाल देता. प्रीति की गंद पूरी तरह खुल गयी और हर झटके को वो अपने कुल्हों को पीछे कर ले रही थी, "हाआआआअ डाल दो पूरा लंड मेयीयीयियी गाआअंड मे ओह ःआआआआआआआण और जूऊऊर से ःआआआआआआआण चोदो फद्दद्ड दो मईएरर्र्र्र्ररी गंद को."
प्रीति मियाँ बीवी के बीच सॅंडविच बनी हुई थी. नीचे से बबिता अपनी चूत को उपर उठा उसके मुँह मे भर देती और पीछे से प्रशांत उसके कुल्हों को पकड़ ज़ोर से लंड पेल देता. जैसे ही उसका लंड अंदर तक जाता प्रीति का मुँह बबिता की चूत पे और ज़ोर से दब जाता. प्रशांत उसकी गंद भी मार रहा था और उसकी चूत में फँसे डिल्डो को और अंदर की ओर घुसा देता.
अब अविनाश भी इस खेल में शामिल होना चाहता था. उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को सहलाने लगा. अपने लंड को सहलाते हुए वो बबिता के चेहरे के पास आ गया. अविनाश अपने लंड को उसके मुँह के पास कर उसके होठों पर रगड़ने लगा. बबिता ने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ अपने मुँह में ले लिया. अब उसका दोनो छेद पूरी तरह भरे हुए थे. वो जोरो से अविनाश के लंड को चूसने लगी.
अब में और मिनी ही बचे थे. मिनी ने भी अपने कपड़े उतार दिए. में भी कपड़े उतार पूरा नंगा हो अपने लंड को सहला रहा था. मिनी मेरे पास आ कर मेरे नंगे बदन से सॅट गयी और सहलाने लगी. हम भूके कुत्तों की तरह एक दूसरे के बदन को नोच रहे थे मसल रहे थे, पर हम अपनी नज़रें बिस्तर से नही हटा पा रहे थे जहाँ एक का पति एक की पत्नी से अपना लंड चूस्वा रहा था और मेरी बीवी एक की बीवी की चूत चूस रही थी और उसके पति से अपनी गंद मरवा रही थी.
अचानक प्रीति ने अपना मुँह बबिता की चूत से उपर उठाया और ज़ोर से चीख पड़ी, "ओह ये नही हो सकता". में सोच मे पड़ गया कि अचानक उसे क्या हुआ, क्या उसका पानी छूटने वाला है या उसकी गांद दर्द कर रही है. "हे भगवान प्ल्स ऐसा मत करो." वो फिर बोली और उसकी आँखों मे आँसू आ गये.
तब प्रशांत ने उसके चीखने की वजह बताई, "राज डरो मत यार उसके डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी है. बेचारी." अब मेरी समझ मे आया कि जब उसका पानी छूटने वाला था तब ही डिल्डो की बॅटरी ख़त्म हो गयी. और कितना चलती 5 घंटे सो तो वो उसे अपनी चूत मे डाले घूम रही थी.
प्रीति फिर अपने उत्तेजना के अंतिम कगार से वंचित रह गयी. प्रशांत उसकी गांद मे ज़ोर के धक्के मारते हुए बोला, "प्रीति डार्लिंग चिंता मत करो, में वादा करता हूँ आज तुम्हे चुदाई को वो आनंद आएगा कि तुम्हारी चूत खुले बाँध की तरह पानी फैंकेगी." प्रीति ने अपना चेहरा उठा और प्रशांत की ओर देखा. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि और क्या उसके दिमाग़ मे है.
हमने देखा कि अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिए प्रीति खुद अपने बंद हुए डिल्डो को पकड़ अंदर बाहर करने लगी, पर प्रशांत ने उसका हाथ हाथ हटा दिया. अब प्रशांत ने प्रीति को उसकी छातियों से पकड़ा और पीछे की ओर हो गया. थोड़ी देर इस तरह होने के बाद उसने अपनी टाँगे सीधी की और पीठ के बल लेट गया. अब वो ज़मीन पर लेटा था और प्रीति उसके उपर उसका लंड अपनी गंद मे लिए लेटी थी. प्रीति ने अब अपनी टाँगे फैला दी जिससे प्रशांत का लंड उसकी गांद मे घुसा हुआ दिख रहा था और साथ ही चूत मे फँसा डिल्डो भी.
क्रमशः...............
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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