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कुँवारी छबीली -6
गतान्क से आगे..................
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कुँवारी छबीली -5
कुँवारी छबीली -6
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कुँवारी छबीली -6
गतान्क से आगे..................
परवेज़
ने संगीता को केवल गर्देन हिला कर जवाब दिया. फिर संगीता मूडी ओर बाहर चली
गई. ओर गाते से आवाज़ दे कर छबिलि से बोली कोई फ़िक्र मत करना ओर कोई भी
तकलीफ़ हो मुझे कॉल कर लेना मैं आधी रात मे हाजिर हो जौंगी. बाइ
बाइ, संगीता के बाइ के जवाब मे छबिलि ने भी बाइ कहा. अब वो बहुत रिलॅक्स महसूस कर रही थी.
-------------
छबिली वापस अपने कमरे मे आ गई ओर बेड पर लेट कर आज के दिन भर की घटनाओ के बारे मे सोचने लगी. आज का दिन जब उगा था तो छबिली के लिए आशा की किरण ले कर आया था ओर दिन के आगे बढ़ने के साथ साथ उसके साथ बहुत बड़ी बड़ी घटनाए घटित हुई है. आज उसे साफ तौर पर पता चला की उसका पति नकारा है. पर आज ही से अपनी सहेली फिर एक बार वापस मिली. जिसे उसने शादी के साथ ही ननद के रूप मे खो दिया था. आज उसी सहेली ने उसके जीवन को नर्क बने से रोका है. उसने ही छबिलि को बर्बाद होने से रोका है.
संगीता कह रही थी की वो शादी के लिए लड़का देखे पर वो तो परवेज़ की तरफ इशारा कर रही थी. क्या मुझे परवेज़ से शादी कर लेनी चाहिए.
हाँ मुझे परवेज़ से ही शादी करनी चाहिए.
पर परवेज़ ने ही तो मुझे शादी शुदा होते हुए भी मुझसे शारीरिक संबंध बनाए थे. हाँ मेरी सहमति थी इसमे पर उस समय मैं तो होश मे नही थी उसे तो सोचना चाहिए था. ओर रसिया जब मुझे चॉड्ना चाहता था तो परवेज़ ने उससे वादा कर लिया की वो मुझे उससे चुड़वा देगा. क्या मुझे ऐसे लड़के से शादी करनी चाहिए. ना कभी नही ऐसे आदमी से शादी नही की जा सकती.
तो फिर मैं क्या करू. किससे शादी करू मैं?
क्यू तुझे लड़कों की कमी है क्या?
लड़कों की कमी नही है तो लाइन भी कहाँ है?
क्यू रसिया है ना उससे कर ले शादी. वो तो डॉकटर भी है
डॉकटर तो है पर वो तो खुद रोज नई नई लड़कियों को चोद्ता फिरता है. क्या पता कितनी लड़कियों ओर ओर्तोन को छोड़ चुका है हो सकता है उसे एड्स भी हो. ओर ना भी हो तो मैं उससे शादी नही करना चाहती क्या पता वो शादी के बाद भी रोज नये गुलाब के चक्कर मे रहे.
तो किससे करेगी शादी?
क्यू मुझे क्या कोई भी नही मिलेगा?
छबिलि रत भर इसी उधेड़बुन मे रही. पता नही कब उसकी नींद लगी.
सुबह उसकी नींद खुली तो दिन बहुत चढ़ आया था. वो नहा धो चुकी थी ओर अब वो संगीता के पास जाना चाह रही थी जिससे वो इस समस्या का समाधान लिकल सके. की इतने मे संगीता ने गेट खोला ओर छबिलि के गले मिल गई.
चबिली उसके गले लग कर उससे चिपक गई संगीता जब अलग होने लागित ओ भी चबिली उससे अलग नही हो रही थी. संगीता बोली "अरे पगली क्या हुआ, बता ना क्या बात है?
मैं रात भर तेरे बारे मे ही सोचती रही. मैने तुझे कितना ग़लत समझा. मुझे माफ़ कर दे.
अरे मैं तुझसे नाराज़ ही कब थी जो माफी का सवाल आया बीच मे. बल्कि शर्मिंदा मुझे होना चाहिए की मैने तेरी शादी मेरे बही से करवाई जबकि तू किसी ओर से प्यार करती थी. तू मुझे माफ़ कर दे.
छ्चोड़ इन बातों को अब.
अच्छा ये बता तूने अपने दूल्हे के बारे मे कुच्छ सोचा है क्या
सोचा तो था पर कुच्छ समझ नही आया.
क्यू क्या समझ नही आया.
यही की शादी करूँ.
क्यू तुझे बताया था ना की परवेज़ तुझसे शादी करना चाहता है. उसकी आँखों मे तेरे लिए प्यार देखा है मैने.
पर मैं उससे ओर रसिया से शादी नही करना चाहती. ओर इसका कोई कारण मैं नही देना चाहती.
अच्छा ठीक है मैं तुझसे कारण नही पुच्हूँगी पर फिर तू शादी करना किससे चाहती है.
ओर किसी से भी कर लूँगी.
ये क्या बात हुई.
यही बात है इन दोनो से मुझे शादी नही करनी है.
अरे यार याद आया तू किसी लड़के से प्यार करती थी ना कॉलेज मे.
च्चबिली ने केवल गर्दन हिलाई.
कौन था वो
रोहित.
अब क्या करता है वो. शादी हो गई क्या उसकी.
अरे संगीता वो अब मुझसे शादी क्यू करेगा.
अरे अगर वो तुझसे प्यार करता था तो शादी भी कर सकता है.
पर मेरे पास उसका आता पता भी नही है ना ही कोई कॉंटॅक्ट नो है.
वो तो मैं कबाड़ दूँगी तू उससे शादी तो करना चाहती है ना ये बता दे मुझे तो.
हू.
ठीक है तो मैं उसे खोज निकालूंगी
बाइ, संगीता के बाइ के जवाब मे छबिलि ने भी बाइ कहा. अब वो बहुत रिलॅक्स महसूस कर रही थी.
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छबिली वापस अपने कमरे मे आ गई ओर बेड पर लेट कर आज के दिन भर की घटनाओ के बारे मे सोचने लगी. आज का दिन जब उगा था तो छबिली के लिए आशा की किरण ले कर आया था ओर दिन के आगे बढ़ने के साथ साथ उसके साथ बहुत बड़ी बड़ी घटनाए घटित हुई है. आज उसे साफ तौर पर पता चला की उसका पति नकारा है. पर आज ही से अपनी सहेली फिर एक बार वापस मिली. जिसे उसने शादी के साथ ही ननद के रूप मे खो दिया था. आज उसी सहेली ने उसके जीवन को नर्क बने से रोका है. उसने ही छबिलि को बर्बाद होने से रोका है.
संगीता कह रही थी की वो शादी के लिए लड़का देखे पर वो तो परवेज़ की तरफ इशारा कर रही थी. क्या मुझे परवेज़ से शादी कर लेनी चाहिए.
हाँ मुझे परवेज़ से ही शादी करनी चाहिए.
पर परवेज़ ने ही तो मुझे शादी शुदा होते हुए भी मुझसे शारीरिक संबंध बनाए थे. हाँ मेरी सहमति थी इसमे पर उस समय मैं तो होश मे नही थी उसे तो सोचना चाहिए था. ओर रसिया जब मुझे चॉड्ना चाहता था तो परवेज़ ने उससे वादा कर लिया की वो मुझे उससे चुड़वा देगा. क्या मुझे ऐसे लड़के से शादी करनी चाहिए. ना कभी नही ऐसे आदमी से शादी नही की जा सकती.
तो फिर मैं क्या करू. किससे शादी करू मैं?
क्यू तुझे लड़कों की कमी है क्या?
लड़कों की कमी नही है तो लाइन भी कहाँ है?
क्यू रसिया है ना उससे कर ले शादी. वो तो डॉकटर भी है
डॉकटर तो है पर वो तो खुद रोज नई नई लड़कियों को चोद्ता फिरता है. क्या पता कितनी लड़कियों ओर ओर्तोन को छोड़ चुका है हो सकता है उसे एड्स भी हो. ओर ना भी हो तो मैं उससे शादी नही करना चाहती क्या पता वो शादी के बाद भी रोज नये गुलाब के चक्कर मे रहे.
तो किससे करेगी शादी?
क्यू मुझे क्या कोई भी नही मिलेगा?
छबिलि रत भर इसी उधेड़बुन मे रही. पता नही कब उसकी नींद लगी.
सुबह उसकी नींद खुली तो दिन बहुत चढ़ आया था. वो नहा धो चुकी थी ओर अब वो संगीता के पास जाना चाह रही थी जिससे वो इस समस्या का समाधान लिकल सके. की इतने मे संगीता ने गेट खोला ओर छबिलि के गले मिल गई.
चबिली उसके गले लग कर उससे चिपक गई संगीता जब अलग होने लागित ओ भी चबिली उससे अलग नही हो रही थी. संगीता बोली "अरे पगली क्या हुआ, बता ना क्या बात है?
मैं रात भर तेरे बारे मे ही सोचती रही. मैने तुझे कितना ग़लत समझा. मुझे माफ़ कर दे.
अरे मैं तुझसे नाराज़ ही कब थी जो माफी का सवाल आया बीच मे. बल्कि शर्मिंदा मुझे होना चाहिए की मैने तेरी शादी मेरे बही से करवाई जबकि तू किसी ओर से प्यार करती थी. तू मुझे माफ़ कर दे.
छ्चोड़ इन बातों को अब.
अच्छा ये बता तूने अपने दूल्हे के बारे मे कुच्छ सोचा है क्या
सोचा तो था पर कुच्छ समझ नही आया.
क्यू क्या समझ नही आया.
यही की शादी करूँ.
क्यू तुझे बताया था ना की परवेज़ तुझसे शादी करना चाहता है. उसकी आँखों मे तेरे लिए प्यार देखा है मैने.
पर मैं उससे ओर रसिया से शादी नही करना चाहती. ओर इसका कोई कारण मैं नही देना चाहती.
अच्छा ठीक है मैं तुझसे कारण नही पुच्हूँगी पर फिर तू शादी करना किससे चाहती है.
ओर किसी से भी कर लूँगी.
ये क्या बात हुई.
यही बात है इन दोनो से मुझे शादी नही करनी है.
अरे यार याद आया तू किसी लड़के से प्यार करती थी ना कॉलेज मे.
च्चबिली ने केवल गर्दन हिलाई.
कौन था वो
रोहित.
अब क्या करता है वो. शादी हो गई क्या उसकी.
अरे संगीता वो अब मुझसे शादी क्यू करेगा.
अरे अगर वो तुझसे प्यार करता था तो शादी भी कर सकता है.
पर मेरे पास उसका आता पता भी नही है ना ही कोई कॉंटॅक्ट नो है.
वो तो मैं कबाड़ दूँगी तू उससे शादी तो करना चाहती है ना ये बता दे मुझे तो.
हू.
ठीक है तो मैं उसे खोज निकालूंगी
. . . . . . ". . . . . . .. . . . . . . . . . .. . . . . . . . . . . . ."
". . . . . . करूँ बात"
अरे मैने भी तो की है उससे बात तुझे क्यू शर्म आ रही है, वैसे मैने उसे सब बता दिया है तेरे साथ क्या क्या हुआ है ओर अब क्या सिचुयेशन है, ओर तुझे पता है उसने अभी तक शादी नही की, कह रहा था की शादी करता तो च्चबिली से करता च्चबिली की शादी हो गई तो दुनिया मे कुच्छ रहः ही नही तो अब मैं स्कूल मे बच्चों को पढ़ा कर ही अपने आप को बहला लेता हू. ट्री बारे मे जान कर उसे बहुत दुख हुआ. मैं उसे तेरी शादी के लिए ताइईयर करती उससे पहले ही उसने मुझसे रिक्वेस्ट करनी शुरू कर दी की संगीता तुम मेरे प्यार को मुझे वापस दिलवा सकती हो प्लीज़ तुम च्चबिली से बात करो ओर मेरी शादी उससे करवा दो. बोल अब तू क्या कहती है करेगी उससे बात"
नही संगीता, वो मुझसे इतना प्यार करता रहा ओर मैं उसे छ्चोड़ कर दूसरे व्यक्ति से शादी करके चली गई कभी मूड कर भी नही देखा अब अगर बात करूँगी तो मुझसे बात होगी ही नही नही मैं बात नही कर पाऊँगी.
चल फिर ठीक है मैं ही उससे बात चीत करके तेरी शादी पक्की करती हू, शादी तो कर लेगी ना वरना उस बेचारे के साथ तो दुबारा चोट हो जाएगी.
कर लूँगी.
"कर लूँगी तो ऐसे कह रही है जैसे कोई तुझसे शादी के लिए ज़बरदस्ती दबाव डाल रहा है. तू कहे तो उसे ना कह डून" संगीता ने च्चबिली के बजे लेने की गरज से कहा.
"अरे नही ऐसा मत करना तू मेरी खास सहेली है ना प्लीज़ उससे बात कर" अब च्चबिली संगीता के सामने खुली.
तो इतनी देर नखरे क्यू कर रही थी. अच्छा चल मैं तेरी शादी तय करती हू फिर बताती हू.
--------
कुच्छ ही दीनो मे च्चबिली की शादी रोहित के साथ हो गई ओर दोनो खुशी से रहने लगे.
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अब वो दोनो खूब बेलन से लड़ते है
बिल्कुल आप की तरह
". . . . . . करूँ बात"
अरे मैने भी तो की है उससे बात तुझे क्यू शर्म आ रही है, वैसे मैने उसे सब बता दिया है तेरे साथ क्या क्या हुआ है ओर अब क्या सिचुयेशन है, ओर तुझे पता है उसने अभी तक शादी नही की, कह रहा था की शादी करता तो च्चबिली से करता च्चबिली की शादी हो गई तो दुनिया मे कुच्छ रहः ही नही तो अब मैं स्कूल मे बच्चों को पढ़ा कर ही अपने आप को बहला लेता हू. ट्री बारे मे जान कर उसे बहुत दुख हुआ. मैं उसे तेरी शादी के लिए ताइईयर करती उससे पहले ही उसने मुझसे रिक्वेस्ट करनी शुरू कर दी की संगीता तुम मेरे प्यार को मुझे वापस दिलवा सकती हो प्लीज़ तुम च्चबिली से बात करो ओर मेरी शादी उससे करवा दो. बोल अब तू क्या कहती है करेगी उससे बात"
नही संगीता, वो मुझसे इतना प्यार करता रहा ओर मैं उसे छ्चोड़ कर दूसरे व्यक्ति से शादी करके चली गई कभी मूड कर भी नही देखा अब अगर बात करूँगी तो मुझसे बात होगी ही नही नही मैं बात नही कर पाऊँगी.
चल फिर ठीक है मैं ही उससे बात चीत करके तेरी शादी पक्की करती हू, शादी तो कर लेगी ना वरना उस बेचारे के साथ तो दुबारा चोट हो जाएगी.
कर लूँगी.
"कर लूँगी तो ऐसे कह रही है जैसे कोई तुझसे शादी के लिए ज़बरदस्ती दबाव डाल रहा है. तू कहे तो उसे ना कह डून" संगीता ने च्चबिली के बजे लेने की गरज से कहा.
"अरे नही ऐसा मत करना तू मेरी खास सहेली है ना प्लीज़ उससे बात कर" अब च्चबिली संगीता के सामने खुली.
तो इतनी देर नखरे क्यू कर रही थी. अच्छा चल मैं तेरी शादी तय करती हू फिर बताती हू.
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कुच्छ ही दीनो मे च्चबिली की शादी रोहित के साथ हो गई ओर दोनो खुशी से रहने लगे.
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अब वो दोनो खूब बेलन से लड़ते है
बिल्कुल आप की तरह
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कुँवारी छबीली -5
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हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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