Sunday, April 13, 2014

FUN-MAZA-MASTI मादर चोद बीवी

FUN-MAZA-MASTI
मादर चोद बीवी



हां मैं एक बहुत सेक्सी और मादर चोद बीवी हूँ। चुदाने में अव्वल हूँ और लण्ड पकड़ने में सबसे आगे हूँ। मैं क्या करूं यह भोषड़ी वाली, मेरी चूत मेरे बस में नहीं है। यह जो चाहती है कर लेती है। जिसका चाहती है ले लेती है। बहुत मनमानी करती है। मेरा कहा नहीं मानती है? बड़ी जिद्दी हो गयी है मेरी चूत, बुर चोदी। मैं इसे समझाती हूँ लेकिन इसकी समझ में ही नहीं आता। मेरी ’चूत’ मादर चोद बड़ी आवारा है? जब कोई मर्द मेरे सामने आता है तो यह बहन चोद कुलबुलाने लगती है। इसकी नज़र उसके लण्ड पर चली जाती है। जब तक लण्ड पेलवा नहीं लेती तब तक चैन नहीं लेती है। हां य़ार लण्ड की बड़ी शौक़ीन हो गयी है मेरी बुर। हर एक मर्द को नंगा देखना चाहती है और जब मर्द नंगा हो जाता है तो उसके लण्ड को दुश्मन की तरह देखती है? लगता है अभी फ़ौरन खा जाएगी लण्ड? मैं तो तंग आ चुकी हूँ ऐसी चूत से? साली बुर चोदी इतना परेशान करती है मुझे रात में ठीक से नींद भी नहीं आती है। रात में जगा देती है और कहती है देखो इधर उधर कोई लण्ड हो ता मुझे दो फ़ौरन। मैं लण्ड खाऊँगी। मैंने कई बार ऐसा भी किया और मुझे लण्ड मिले भी। बस इसीलिए मुझे रात में ठीक से सोने नहीं देती है। मैं सोचती हूँ की एक दिन ३/४ लण्ड इकठ्ठा पेल दूं इसके अंदर, तब यह क्या, इसकी गांड भी फट जाएगी, बहन चोद। इसकी माँ का भोषड़ा। मैं इसको एक दिन मज़ा जरुर चाखाऊंगी। मेरी चूत शादी के पहले भी आवारा थी और शादी के बाद तो बहुत आवारा हो गयी है। हां इसकी शुरुवात शादी के पहले से ही हो गयी थी। मेरी चूत बड़ी मस्त थी उस दिन जिस दिन उसने पहला लण्ड देखा और उसे अपने अन्दर घुसेड़ा?
 उन दिनों मैं अपने सर के घर पढने जाया करती थी। मेरी उम्र १८ साल की थी। सर, मेरे २४ साल के थे। मैं पढने में बहुत तेज थी इसलिए वह मुझे बहुत चाहते थे। धीरे धीरे मुझे प्यार करने लगे। मेरे कन्धों पर हाथ रखने लगे। मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगे। मैं भी उनसे सट कर बैठने लगी। सट कर पढने लगी। कभी कभी वह मेरी जांघों पर भी हाथ मार देते थे। मुझे गुदगुदी होने लगती। लेकिन मैं चुप रहती। उनकी हिम्मत बढती गयी। मुझे भी मज़ा आने लगा। एक दिन उसने मेरी चूचियों पर हाथ मारा।
 मेरे मुँह से निकला- हाय अल्ला, उई माँ, दर्द होता है इतनी जोर से दबा दिया? धीरे धीरे दबाया करो न ? मैंने तिरछी निगाह से देख कर कहा।
 उसने कहा- तान्या तुम मुझे बहुत सेक्सी लगती हो। अच्छी लगती हो। मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ। मैं अपने आप को रोक नहीं पाया।
 मैंने कहा- सर, आप भी तो बहुत स्मार्ट है।
 यह कह कर मैं भाग आयी उस दिन।
 दूसरे दिन मैं बिना ब्रा के चली गयी। उसने फिर मेरी चूचियों दबाई। इस बार जोर से दबाई।
 मैंने कहा- क्या आपको दबाने में मज़ा आता है?
 वह बोले- हां।
 मैंने कहा- तो फिर ठीक से दबाओ न।
 बस, वह मेरी चूचियों पर टूट पड़ा और जोर जोर से मसलने लगा। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैंने कोई ऐतराज़ नहीं किया। बस प्रेम से दबवाती रही चूचियों। <
 दो तीन दिन तक यही होता रहा।
 फिर मैंने एक दिन उसकी पैंट के ऊपर से उसका लण्ड दबा कर कहा- इसको भी तो निकालो न सर? मुझे दिखाओ न इसे?
 वह बोला- हां बिलकुल, अरे यह तो तेरे ही लिए है। तुम खुद ही निकाल कर देख लो न? मना कौन करता है?
 मेरी हिम्मत बढ़ गयी। मैं पैंट की जिप खोलने लगी। उसकी कमीज उतार दी। उसकी बनियाइन निकाल दी। उसके बाद मैं उसे देख कर मुस्कराई और झट से चड्ढी नीचे घसीट दी। उसका लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड बढ़ने लगा। मोटा होने लगा।
 मैंने कहा- सर, यह तो बहुत बड़ा है?
 उसने कहा- तान्या यह क्या है?
 मैंने बताया- मुझे क्या मालूम सर, मैं तो पहली बार देख रही हूँ इसे?
 वह बोला- फिर भी बताओ न इसे क्या कहते हैं?</span><br>
 मैंने कहा- आप बताईये न? मुझे इसका नाम नहीं मालूम?
 उसने कहा- मैं जानता हूँ तुम्हेँ सब मालूम है। तभी तो तुमने इसे देखने के लिए बहुत जिद कर रही थी। अब तो तुम्हें बताना ही पड़ेगा?
 मैंने कहा- ’लण्ड’ कहते है इसे? क्या यह सही है सर?
 उसने कहा- हां बिलकुल ठीक? अब तुम भी नंगी हो जाओ न तभी तो मज़ा आएगा।
 मैं लण्ड छोड़ कर अपने कपडे उतारने लगी। मैं उसके सामने बिलकुल नंगी खड़ी हो गयी। मुझे नंगी देख कर उसका लण्ड और बड़ा हो गया।
 मैंने कहा- अरे साला बहन चोद, बढ़ता ही जा रहा है? कितना बड़ा हो जायेगा आपका लण्ड, सर?
 वह बोला- तुम्हे कैसा लगा मेरा लौड़ा?
 मैंने कहा- वाओ, इसे लौड़ा भी कहते है क्या?
उसने कहा- हां, यह लौड़ा भी है और लाँड भी। अब तुम बताओ इसको क्या कहते है। ( उसने मेरी चूत सहला कर कहा
मैंने कहा- ये तो चूत है सर ? लोग इसे बुर भी कहते है।
अब मैं खुल चुकी थी। बेशरम हो चुकी थी। खुल कर बातें करने लगी। मैं मुठ्ठी में लण्ड लेकर ऊपर नीचे बार बार और जल्दी जल्दी करने लगी।
उसने कहा- अरे तान्या तुम क्या कर रही हो?
मैंने कहा- मैं लण्ड का मुठ्ठ मार रही हूँ। अभी देखना इससे सफ़ेद सफ़ेद क्रीम निकलेगी। मैं उस क्रीम को चाटूंगी। तब मुझे पूरा मज़ा मिलेगा।उसने कहा- यह तुमको किसने बताया?
मैंने कहा- मेरी सहेली ने।
उसने कहा- तेरी सहेली ने लण्ड चाटना नहीं बताया? लण्ड चूसना नहीं बताया? लण्ड पीना नहीं बताया? लण्ड चूत में पेलना नहीं बताया? चुदवाना नहीं बताया?
मैंने कहा- उसे भी ये सब कहाँ आता है। वह भी मेरी तरह एकदम नयी लड़की है। उसने तो एक दिन एक लड़के का लण्ड पकड़ लिया था। उस लड़के ने मुठ्ठ मारना सिखा दिया उसे। बस उसने मुझे वही बता दिया। अब आप बताईये न मुझे लण्ड का क्या क्या करना है? हां, मैं जबान निकाल कर चाटना शुरू करती हूँ। मुझे लण्ड वाकई बड़ा प्यारा लग रहा है। वह मेरी चूंचियां मसलता ही जा रहा था।
चन्दन नाम है मेरे सर का। बड़ा मस्त था उसका लण्ड। मैंने जैसे ही लण्ड मुँह में डाला मुझे एक नया मज़ा मिलने लगा। मैं बार बार लण्ड मुँह से निकालती और फिर अन्दर करती। मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर लण्ड चूस रही थी।
बस थोड़ी देर में ही उसके मुँह से निकला- तान्या अब मैं झड़ने वाला हूँ।
उसने बताया- वही क्रीम निकले वाली है।
मैंने मुँह खोला और वह मेरे मुँह में ही निकल गया। पहले तो मुझे एक अजीब सी महक आयी। थोड़ी सी हिचक भी हुई लेकिन फिर मैं संभल गयी और लण्ड चाटती रही।
उसके बाद बड़ी मुश्किल से २४ घंटे गुजरे। दूसरे दिन जैसे ही सर आये मैंने उसको नंगा किया और लण्ड पर टूट पड़ी। मैं तो नंगी ही बैठी थी। थोड़ी देर तक लण्ड पीने के बाद चूत फैलाकर लण्ड बुर में घुसेड़ा और धीरे धीरे चुदवाने लगी। वाह वाह क्या लण्ड है य़ार? कितना मज़ा दे रहा है। चुदाने में कितना मज़ा आता है मुझे मालूम हो गया। मैं भचाभच चुदवाने लगी।
फिर उसने कहा- तान्या, अब तुम मेरे लण्ड पर बैठो। ऐसे बैठो की लण्ड तेरी चूत में घुस जाये।
मैं पूरा लौड़ा घुसेड कर बैठ गयी। उसने कहा अब तुम बार बार मेरे लण्ड पर कूदो। अपनी गांड उठाओ और फिर पटको मेरे लण्ड पर । बार बार ऐसे ही करो? इसको कहते है लण्ड चोदना।
मैं वैसा ही करने लगी। क्या मज़ा था ऐसा करने में? उसके बाद मैं रोज़ ही चन्दन सर से चुदवाती रही।
एक दिन मैंने सर का लण्ड हिलाते कहा- सर कोई आपका दोस्त है।
उसने कहा- हां बहुत दोस्त है।
मैंने कहा- तो फिर ले आओ न उसे। मैं उसका भी लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। मैंने सुना है की सबके लण्ड अलग अलग होते है। मैं देखूँगी उसका लण्ड कैसा है?
वह मेरी बात मान गया और दूसरे दिन एक राजू नाम का दोस्त ले आया। राजू का लण्ड एक अलग किस्म का लण्ड था। मुझे बड़ा मज़ा आया उसे देख कर। मैंने लण्ड पकड़ा। मेरे दोनों हाथ में लण्ड। मेरा जोश बढ़ गया और फिर मैंने एक एक करके दोनों से खूब चुदवाया। अब मेरी चूत को लण्ड का चस्का लग गया। २/३ महीने मैं इन दोनों से चुदवाती रही।
फिर एक दिन कहा- य़ार कोई और लण्ड लाओ।
इस तरह तीसरा लण्ड भी मेरी झोली में आ गया। वह एक मुस्लिम लण्ड था। सुपाड़ा एकदम बाहर। मस्ताना लौड़ा? उससे चुदवाने में अलग किस्म का मज़ा मिला।
कुछ दिन बाद मेरी उसी सहेली की शादी हो गयी जिसने मुझे लण्ड पकड़ना सिखाया था। मैं उसके पीछे पड़ गयी और कहा की तुम अपने हसबैंड का लण्ड मुझे दिखाओ। एक दिन मेरी तमन्ना पूरी हो ही गयी। एक होटल में उसने मुझे बुलाया और अपने हसबैंड से मिलवाया। खुल कर बातें हुई फिर उसी ने लण्ड खोल कर मेरे हाथ में रख दिया। मैं अपनी सहेली के सामने ही उसके हसबैंड से चुदवाने लगी। खूब मस्ती से मैंने चुदवाया और उसने चोदा।
उसके बाद मैं बड़ी मादर चोद हो गयी। खुल कर चुदवाने लगी। कॉलेज के लड़कों को पटाने लगी। उनके लण्ड पकड़ने लगी। इधर मेरी चूंचियां भी बड़ी बड़ी हो गयी थी। मैं अपनी चूंचियां निकाल कर ही चलती थी। लडको की नज़रें पहचानती थी। बस उसी को पकड़ लेती थी जो मेरी चूंचियों को आँख गडा-गडा कर देखते थे। अलग-अलग तरह के लण्ड पकड़ने की आदत हो गयी मेरी।
एक दिन मैंने अपने पड़ोस के एक अंकल का लौड़ा पकड़ लिया। हुआ यह की मैं उसके घर में घुस गयी। छुट्टी का दिन था। अंकल अकेले ही रहते थे। बाहर का दरवाजा खुला था। गर्मी के दिन और दिन के २ बजे। मैं अन्दर चली गयी। मैंने बेड रूम में झांक कर देखा तो अंकल एकदम नंगे लेटे थे। अपना लण्ड हाथ से आँखे बंद किये हुए सहला रहे थे। मैं धीरे धीरे उसके पास पहुँच गयी। मैंने दरवाजे की सिटकिनी लगा दी थी। लण्ड बड़ा मस्त था। मोटा था बहन चोद। मेरी लार टपकने लगी। मैंने अपनी चूंचियां खोल ली। फिर मैंने सोचा की अंकल मादर चोद नंगा लेटा है तो मैं भी नंगी हो जाती हूँ। मैं नंगी नंगी लण्ड के पास खडी थी। फिर मैंने जबान निकाली और लण्ड के सुपाडे को छुआ। फिर धीरे से सुपाडे पर दोनों होंठ छुवाए। तब एकदम से अंकल ने आँखें खोल दी। मुझे नंगी देखा तो हैरान हो गए ।  बोले- अरे तान्या तुम यहाँ?  मैंने कहा- हां मैं तुम्हारा लण्ड देखने आयी थी। लण्ड मुझे अच्छा लगा इसलिए इसे चाटना चाहती हूँ। अंकल भोषडी के इतना बड़ा लण्ड तेरे पास है तूने कभी मुझे बताया नहीं? मैं बहन चोद लण्ड ढूँढने बाहर जाती हूँ दर दर की ठोकरें खाती हूँ और लण्ड मेरे पड़ोस में ही है। अभी तक मैंने लड़कों के लण्ड पकडे थे आज मैं मर्द का लण्ड पकड़ रही हूँ। सबसे बड़ा लण्ड? इब्राहीम अंकल तेरा लौड़ा किस किस को चोद चुका है अभी तक?  उसने कहा- तान्या जो भी मेरे पास आती है चुदवा कर जाती है। अभी सवेरे सवेरे तेरी माँ चुदवा कर गयी है। मुझे बंगाली चूत बहुत अच्छी लगती है।  मैंने कहा- अरे तू उसकी बेटी को भी चोद, भोषडी के अंकल? ऐसा कह कर मैं उसके लण्ड पर चढ़ बैठी। शादी हो जाने के बाद मैंने सबसे पहले अपनी उसी सहेली को अपने हसबैंड का लण्ड पकडाया जिसने मुझे लण्ड पकड़ना सिखाया था। उसके बाद फिर सिलसिला शुरू हुआ गैर मर्दों से चुदवाने का। पराये पतियों से चुदवाने का। अब मैं करीब-करीब हर रोज़ किसी न किसी पार्टी में जाती हूँ और जम कर गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। मेरी चूत इतनी आवारा हो गयी है कि वह बिना किसी पराये मर्द के लण्ड के सोती ही नहीं है। मेरी आवारा चूत को चाहिए हर रोज़ एक नया लण्ड?

हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator