FUN-MAZA-MASTI
काले जंगल में लाल कुआँ (लेखिका- हया अली)
मेरा नाम हया अली है। मैं अपनी भाभी के साथ दिल्ली में रहती हूँ। भाई जान दुबई में हैं। साल में एकाध बार ही आते हैं। भाभी इतनी चुदक्कड़ हैं कि उन्होंने मुझे चारे की तरह इस्तेमाल किया है। मेरा काम है लड़कों को फंसाना और जब वो नंगे होकर चुदाइ करने लगते हैं तब मैं भाभी को आवाज देती हूँ और वो भी लप्प से आ जाती हैं। लेकिन हर किसी लड़के के साथ ये सब करना काफी रिसकी है। इसलिए हमने घर आने वाले लड़कों के लिए कोड वर्ड बना रखा है और वो है....
एक दिन मैं बैठी हुई टी.वी देख रही थी। इतने में किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई। मैंने जब खोला तो सामने एक लड़का खड़ा था।
वह बोला- मैं बल्लू हूँ मुझे करीम ने भेजा है।
मैंने कहा- अच्छा अपना कोड बताओ?
उसने कहा- ’काले जंगल में लाल कुआँ’
मैं समझ गयी की यह किसलिए आया है? मैंने उसे अन्दर बैठाया और बात करने लगी।
मैंने कहा- तुम कब से करीम को जानते हो?
उसने कहा- हम दोनों बचपन में साथ साथ खेलते थे। साथ साथ कॉलेज में थे और साथ साथ घूमते थे। वह मेरा बहुत पुराना साथी है।
मैंने कहा- तुम और क्या साथ साथ करते थे?
वह मुस्कराया और बोला- हां हम दोनों अभी भी अक्सर साथ साथ समय बिताते है।
मैंने फिर कहा- कभी साथ साथ नंगे भी हुए हो?
उसने कहा- हां कई बार हो चुके है।
मैंने कहा- आज से पहले कब तुम लोग एक दूसरे के सामने नंगे हुए हो?
उसने कहा- अभी दो दिन पहले एक ही कमरे में हम दोनों नंगे थे।
मैंने कहा- ऐसी क्या जरुरत थी नंगे होने की?
उसने कहा- हमारे साथ एक लड़की थी।
मैंने कहा- तो इसका मतलब वह भी नंगी होगी
उसने कहा- हां वह भी नगी थी।
मैंने कहा- तो फिर साफ़ साफ़ क्यों नहीं कहते की तुम दोनों उस लड़की को चोद रहे थे।
उसने कहा- हां बिलकुल, लड़की बड़ी खूबसूरत थी। हमारे कहने पर तैयार हो गयी। उसका भी मन था चुदवाने का था। फ़िर मैंने उस लड़की से पूछा था कि क्या तुम दो दो लड़कों से एक साथ चुदवा लोगी? उसने सेक्सी मुस्कान दी और कहा हां इसमें कौन सी बड़ी बात है? मैं दो लण्ड से पहले भी चुदवा चुकी हूँ? बस फिर हमने उसे बड़े मजे से चोदा।<br>
मैंने कहा- अच्छा यह बताओ करीम ने क्या कह कर तुमको यहाँ भेजा है?
वह बोला- उसने कहा वहां पर हया नाम की एक लड़की है। बहुत मस्त है। उसी को चोदने तुम्हे जाना है। बस मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ और चला आया।<br>
बस अब बिलकुल साफ़ हो गया की यह मुझे चोदने आया है।
मैंने पूछा- इसका मतलब तुमको लड़कियां चोदना बड़ा अच्छा लगता है? और तुम ग्रुप में भी चोदते हो लड़कियां?
उसने कहा- हां आपने सही कहा। मैं ग्रुप में चोदना ज्यादा पसंद करता हूँ।
मैंने कहा- तुम्हे चुदाई में सबसे अच्छा क्या लगता है?
उसने कहा- मुझे लड़की का सब कुछ लगता है। मुझे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है।
मैं समझ गयी की यह लड़का वाकई बड़ा अच्छा होगा और अच्छा होगा इसका लण्ड? अगर ऐसा है तो आज चुदवाने में मज़ा आ जायेगा। मैं उठी और उसे थोडा खिलाया पिलाया। उसने व्हिस्की भी पी मेरे साथ। बस अभी आधा गिलास ही ख़तम हुआ था की मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। बनियान खोल दी।
उसने मेरी चूंचियों पर हाथ रख दिया। मैंने कुछ नहीं बोली बल्कि मज़ा लेने लगी। वह चूंचियां सहला सहला कर मस्ती करने लगा। फिर मैंने चूंचियां बिलकुल खोल दी। फिर उसने मेरा पेटीकोट का नाडा खींच लिया। बस मेरी चूत भी नंगी हो गयी। उसने चूत पर हाथ फेरा। मेरी गांड सहलाने लगा। मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। मेरी झांटों पर ऊँगलियाँ फिरा रहा था। मैं समझ गयी की इसे चूत की झांटें पसंद है। फिर मैंने उसकी पैंट उतार दी। और चड्ढी भी खोल डाली। वह मेरे सामने बिलकुल नंगा हो गया। उसका लौड़ा मेरी मुठ्ठी में आ गया। मैंने उसे थोडा सहलाया ही था की लौड़ा टन्ना कर खड़ा हो गया। मुझे लण्ड बड़ा मस्त लगा। मेरे हाथ में एक मस्त लण्ड उछाल मारने लगा।
मैंने कहा- अरे भाभी, जल्दी आ जा? कल वाले से बड़ा है इसका लण्ड? एक दम टनटना गया है। >
भाभी बोली- हया, तुम लण्ड को सहलाओ मैं अभी झांटें बना कर आ रही हूँ। और हां मोहम्मद भी आने वाला है। मैंने सुना है की उसका भी लौड़ा बड़ा है। अगर आ जाये तो उसे भी बैठाना और लण्ड खोल कर देखना। मैं अभी आयी।
मैंने कहा- हां भाभी उसका फोन आया है। वह घर से चल पड़ा है।
मेरी सलोनी भाभी वैसे तो हिन्दू है लेकिन इन्हें मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद है। कहती है की मुस्लिम लण्ड का सुपाडा और उसका बुर चोदना मुझे बहुत अच्छा लगता है। चूँकि लण्ड हमेशा खुला रहता है इसलिए उसमे कोई खराबी नहीं आती। मैंने जब जोर देकर एक दिन पूछा की आपको कब से मुस्लिम लण्ड पसंद आने लगे? उसने कहा मैं जब दुबई गयी थी। वहां दो शेख मुझे मिले। उनके लण्ड दस दस इंच के थे। बड़े प्यारे लण्ड थे। बड़े बड़े और मोटे थे। एकदम गोरे चिट्टे लण्ड। मैं दोनों से चुदवा कर बड़ी मस्त हो गयी। तब से मैं ऐसे लण्ड के लिए दीवानी हो गयी। अब जब भी मुझे कोई मुस्लिम लण्ड मिलता है तो मेरी चूत और मैं बहुत खुश हो जाती है।
मैं बल्लू का लण्ड हिला हिला कर मज़ा ले रही थी की घंटी बज उठी। मैंने खोला तो उसने कहा मैं मोहम्मद हूँ। सलोनी भाभी से मिलने आया हूँ। मैंने उसे अन्दर बैठाया। मैं बल्लू को नंगा बेड रूम में छोड़ कर आयी थी।
मैंने कहा- आप सलोनी भाभी को कब से जानते है?
उसने कहा- मैं जानता नहीं हूँ। मैंने कभी देखा भी नहीं उनको, लेकिन मेरे दोस्त ने उसकी बहुत तारीफ की है।
मैंने कहा- क्या तारीफ की है?
उसने कहा- भाभी बहुत सेक्सी है। मस्त है। खुली-खुली है। तुमको पूरा-पूरा मज़ा आ जायेगा।
मैंने पूछा- किस तरह का मज़ा?
उसने कहा- साफ़-साफ़ कहूं तो चुदाई का मज़ा।
मैं सब समझ गयी।
मैंने कहा- तो फिर लण्ड खोल कर दिखाओ न मुझे? मैं देखना चाहती हूँ की तेरा लण्ड चोदने वाला है की नहीं? मेरी भाभी को चोदने वाला हर लण्ड मेरे हाथ में पहले आता है। मैं पहले लण्ड को परखती हूँ फिर भाभी की चूत में पेलने देती हूँ।
मैंने अपनी चुन्नी खोल दी। मैं तो नंगी थी ही। उसने मेरी चूंचियां और चूत देखी। फिर मैंने मोहम्मद को नंगा किया। उसका लण्ड बहन चोद खड़ा ही था। लण्ड मेरे हाथ आया तो आसमान से बातें करने लगा।
मैंने जोर से आवाज़ लगा कर कहा- अरे भाभी मोहम्मद का लण्ड तो बल्लू के लण्ड से बड़ा है। जल्दी आ जाओ न भाभी? मैं लण्ड पकडे पकडे बेड रूम में चली गयी।
मोहम्मद ने एक और नंगा लड़का बेड पर देखा तो वह भी मस्त हो गया। मैंने दोनों लण्ड आमने सामने किया। दोनों मादर चोद एक दूसरे के बाप लग रहे थे। इतने में भाभी एकदम नंगी नंगी आ गयी। मोहम्मद तो उसे देख कर सन्न रह गया। उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी। उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां बड़े बड़े चूतड। मोटी मोटी जांघें। मोटी मोटी गांड।
मैंने मोहम्मद से कहा- अबे भाभी को देख कर क्या तेरी गांड फट गयी?
उसने कहा- नहीं मेरा लण्ड दुगुना हो गया है। भाभी इतनी सुन्दर हैं की मेरा लण्ड इन्हें खड़ा होकर सलाम कर रहा है।
उसने अपना लण्ड भाभी के मुह के सामने खड़ा कर दिया। भाभी ने लण्ड पकड़ा और उसे थोडा हिलाया। लण्ड कड़क था। सलोनी भाभी बोली- हाय हया देखा मुस्लिम लण्ड? कितना मजेदार है लण्ड? कितना प्यारा है लण्ड? कितना मरदाना है लण्ड? भाभी ने उसे सहलाया और फिर जबान निकल कर चाटने लगी। उधर मैं उसके सामने बल्लू का लण्ड चाट रह थी। पेल्हड़ से लण्ड के सुपाडे तक और सुपाडे से पेल्हड़ तक। वे दोनों हमारी चूत सहलाने में लगे थे । भाभी ने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। बार बार लण्ड मुह में घुसेड़ती और निकालती।
पच्च पच्च पुच्छ पुच्छ की आवाजें आने लगी। मेरे लण्ड की आवाजें थी चपर चपर छप्प छप्प। छुप्प छुप्प। दोनों लण्ड एकदम टन्ना चुके थे।
भाभी ने अचानक मेरे हाथ से बल्लू का लण्ड छीन लिया और मैंने उसके हाथ से मोहम्मद का लण्ड ले लिया। मुझे महसूस हुआ की वाकई मोहम्मद का लण्ड उससे बड़ा है। मैंने उसे चूंचियों के बीच डाला और जम कर चुदवाई चूंचियां। फिर चूत फैलाई और गप्प से घुसेड लिया लौड़ा। लण्ड एक ही धक्के में अन्दर घुस गया। बस फिर क्या भकाभक-सटासट लगा चोदने साला बहन चोद। उसकी जैसे जैसे गांड उछल रही थी वैसे वैसे लण्ड भी बुर के अन्दर उछल रहा था। मैं बड़े प्रेम से चुदवा रही थी। मेरे सामने ही भाभी ने बल्लू का पूरा लण्ड अपनी चूत में डाल रखा था। हम दोनों एक दूसरे को देख-देख कर मस्त चुदवाने में जुटी थी।
मैंने कहा- भाभी, करीम भाई जान का भी लण्ड ऐसे ही चोदता है न?
भाभी- हां बड़ा मस्ताना है उसका भी लण्ड और उसके दोस्त जुम्मन का लौड़ा तो वाह बल्लू के लण्ड का फोटो कापी है बिलकुल।
मैंने कहा- हां लेकिन कल वाला लण्ड छोटा था न? मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आया।
इतना कह कर मैं कुतिया बन कर चुदवाने लगी।
भाभी- और हां हया, तेरे अब्बा का लण्ड? वाओ क्या लौड़ा है उसका भोषडी वाले का? जब चोदना शुरू करता है तो बहन चोद रुकता ही नहीं।
मैंने कहा- हां भाभी, यह बात तो मेरी खाला भी कह रही थी। वह भी मेरे अब्बा के लण्ड का खूब मज़ा लेती है।
इतने में मोहम्मद ने कहा अब मैं खलास होने वाला हूँ।
मैं उठी और मुठ्ठ मारने लगी। उधर भाभी बल्लू का मुठ्ठ मार चुकी थी।
बस झड़ता हुआ लण्ड चाट रही थी।
इधर मैं भी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
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काले जंगल में लाल कुआँ (लेखिका- हया अली)
मेरा नाम हया अली है। मैं अपनी भाभी के साथ दिल्ली में रहती हूँ। भाई जान दुबई में हैं। साल में एकाध बार ही आते हैं। भाभी इतनी चुदक्कड़ हैं कि उन्होंने मुझे चारे की तरह इस्तेमाल किया है। मेरा काम है लड़कों को फंसाना और जब वो नंगे होकर चुदाइ करने लगते हैं तब मैं भाभी को आवाज देती हूँ और वो भी लप्प से आ जाती हैं। लेकिन हर किसी लड़के के साथ ये सब करना काफी रिसकी है। इसलिए हमने घर आने वाले लड़कों के लिए कोड वर्ड बना रखा है और वो है....
एक दिन मैं बैठी हुई टी.वी देख रही थी। इतने में किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई। मैंने जब खोला तो सामने एक लड़का खड़ा था।
वह बोला- मैं बल्लू हूँ मुझे करीम ने भेजा है।
मैंने कहा- अच्छा अपना कोड बताओ?
उसने कहा- ’काले जंगल में लाल कुआँ’
मैं समझ गयी की यह किसलिए आया है? मैंने उसे अन्दर बैठाया और बात करने लगी।
मैंने कहा- तुम कब से करीम को जानते हो?
उसने कहा- हम दोनों बचपन में साथ साथ खेलते थे। साथ साथ कॉलेज में थे और साथ साथ घूमते थे। वह मेरा बहुत पुराना साथी है।
मैंने कहा- तुम और क्या साथ साथ करते थे?
वह मुस्कराया और बोला- हां हम दोनों अभी भी अक्सर साथ साथ समय बिताते है।
मैंने फिर कहा- कभी साथ साथ नंगे भी हुए हो?
उसने कहा- हां कई बार हो चुके है।
मैंने कहा- आज से पहले कब तुम लोग एक दूसरे के सामने नंगे हुए हो?
उसने कहा- अभी दो दिन पहले एक ही कमरे में हम दोनों नंगे थे।
मैंने कहा- ऐसी क्या जरुरत थी नंगे होने की?
उसने कहा- हमारे साथ एक लड़की थी।
मैंने कहा- तो इसका मतलब वह भी नंगी होगी
उसने कहा- हां वह भी नगी थी।
मैंने कहा- तो फिर साफ़ साफ़ क्यों नहीं कहते की तुम दोनों उस लड़की को चोद रहे थे।
उसने कहा- हां बिलकुल, लड़की बड़ी खूबसूरत थी। हमारे कहने पर तैयार हो गयी। उसका भी मन था चुदवाने का था। फ़िर मैंने उस लड़की से पूछा था कि क्या तुम दो दो लड़कों से एक साथ चुदवा लोगी? उसने सेक्सी मुस्कान दी और कहा हां इसमें कौन सी बड़ी बात है? मैं दो लण्ड से पहले भी चुदवा चुकी हूँ? बस फिर हमने उसे बड़े मजे से चोदा।<br>
मैंने कहा- अच्छा यह बताओ करीम ने क्या कह कर तुमको यहाँ भेजा है?
वह बोला- उसने कहा वहां पर हया नाम की एक लड़की है। बहुत मस्त है। उसी को चोदने तुम्हे जाना है। बस मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ और चला आया।<br>
बस अब बिलकुल साफ़ हो गया की यह मुझे चोदने आया है।
मैंने पूछा- इसका मतलब तुमको लड़कियां चोदना बड़ा अच्छा लगता है? और तुम ग्रुप में भी चोदते हो लड़कियां?
उसने कहा- हां आपने सही कहा। मैं ग्रुप में चोदना ज्यादा पसंद करता हूँ।
मैंने कहा- तुम्हे चुदाई में सबसे अच्छा क्या लगता है?
उसने कहा- मुझे लड़की का सब कुछ लगता है। मुझे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है।
मैं समझ गयी की यह लड़का वाकई बड़ा अच्छा होगा और अच्छा होगा इसका लण्ड? अगर ऐसा है तो आज चुदवाने में मज़ा आ जायेगा। मैं उठी और उसे थोडा खिलाया पिलाया। उसने व्हिस्की भी पी मेरे साथ। बस अभी आधा गिलास ही ख़तम हुआ था की मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। बनियान खोल दी।
उसने मेरी चूंचियों पर हाथ रख दिया। मैंने कुछ नहीं बोली बल्कि मज़ा लेने लगी। वह चूंचियां सहला सहला कर मस्ती करने लगा। फिर मैंने चूंचियां बिलकुल खोल दी। फिर उसने मेरा पेटीकोट का नाडा खींच लिया। बस मेरी चूत भी नंगी हो गयी। उसने चूत पर हाथ फेरा। मेरी गांड सहलाने लगा। मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। मेरी झांटों पर ऊँगलियाँ फिरा रहा था। मैं समझ गयी की इसे चूत की झांटें पसंद है। फिर मैंने उसकी पैंट उतार दी। और चड्ढी भी खोल डाली। वह मेरे सामने बिलकुल नंगा हो गया। उसका लौड़ा मेरी मुठ्ठी में आ गया। मैंने उसे थोडा सहलाया ही था की लौड़ा टन्ना कर खड़ा हो गया। मुझे लण्ड बड़ा मस्त लगा। मेरे हाथ में एक मस्त लण्ड उछाल मारने लगा।
मैंने कहा- अरे भाभी, जल्दी आ जा? कल वाले से बड़ा है इसका लण्ड? एक दम टनटना गया है। >
भाभी बोली- हया, तुम लण्ड को सहलाओ मैं अभी झांटें बना कर आ रही हूँ। और हां मोहम्मद भी आने वाला है। मैंने सुना है की उसका भी लौड़ा बड़ा है। अगर आ जाये तो उसे भी बैठाना और लण्ड खोल कर देखना। मैं अभी आयी।
मैंने कहा- हां भाभी उसका फोन आया है। वह घर से चल पड़ा है।
मेरी सलोनी भाभी वैसे तो हिन्दू है लेकिन इन्हें मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद है। कहती है की मुस्लिम लण्ड का सुपाडा और उसका बुर चोदना मुझे बहुत अच्छा लगता है। चूँकि लण्ड हमेशा खुला रहता है इसलिए उसमे कोई खराबी नहीं आती। मैंने जब जोर देकर एक दिन पूछा की आपको कब से मुस्लिम लण्ड पसंद आने लगे? उसने कहा मैं जब दुबई गयी थी। वहां दो शेख मुझे मिले। उनके लण्ड दस दस इंच के थे। बड़े प्यारे लण्ड थे। बड़े बड़े और मोटे थे। एकदम गोरे चिट्टे लण्ड। मैं दोनों से चुदवा कर बड़ी मस्त हो गयी। तब से मैं ऐसे लण्ड के लिए दीवानी हो गयी। अब जब भी मुझे कोई मुस्लिम लण्ड मिलता है तो मेरी चूत और मैं बहुत खुश हो जाती है।
मैं बल्लू का लण्ड हिला हिला कर मज़ा ले रही थी की घंटी बज उठी। मैंने खोला तो उसने कहा मैं मोहम्मद हूँ। सलोनी भाभी से मिलने आया हूँ। मैंने उसे अन्दर बैठाया। मैं बल्लू को नंगा बेड रूम में छोड़ कर आयी थी।
मैंने कहा- आप सलोनी भाभी को कब से जानते है?
उसने कहा- मैं जानता नहीं हूँ। मैंने कभी देखा भी नहीं उनको, लेकिन मेरे दोस्त ने उसकी बहुत तारीफ की है।
मैंने कहा- क्या तारीफ की है?
उसने कहा- भाभी बहुत सेक्सी है। मस्त है। खुली-खुली है। तुमको पूरा-पूरा मज़ा आ जायेगा।
मैंने पूछा- किस तरह का मज़ा?
उसने कहा- साफ़-साफ़ कहूं तो चुदाई का मज़ा।
मैं सब समझ गयी।
मैंने कहा- तो फिर लण्ड खोल कर दिखाओ न मुझे? मैं देखना चाहती हूँ की तेरा लण्ड चोदने वाला है की नहीं? मेरी भाभी को चोदने वाला हर लण्ड मेरे हाथ में पहले आता है। मैं पहले लण्ड को परखती हूँ फिर भाभी की चूत में पेलने देती हूँ।
मैंने अपनी चुन्नी खोल दी। मैं तो नंगी थी ही। उसने मेरी चूंचियां और चूत देखी। फिर मैंने मोहम्मद को नंगा किया। उसका लण्ड बहन चोद खड़ा ही था। लण्ड मेरे हाथ आया तो आसमान से बातें करने लगा।
मैंने जोर से आवाज़ लगा कर कहा- अरे भाभी मोहम्मद का लण्ड तो बल्लू के लण्ड से बड़ा है। जल्दी आ जाओ न भाभी? मैं लण्ड पकडे पकडे बेड रूम में चली गयी।
मोहम्मद ने एक और नंगा लड़का बेड पर देखा तो वह भी मस्त हो गया। मैंने दोनों लण्ड आमने सामने किया। दोनों मादर चोद एक दूसरे के बाप लग रहे थे। इतने में भाभी एकदम नंगी नंगी आ गयी। मोहम्मद तो उसे देख कर सन्न रह गया। उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी। उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां बड़े बड़े चूतड। मोटी मोटी जांघें। मोटी मोटी गांड।
मैंने मोहम्मद से कहा- अबे भाभी को देख कर क्या तेरी गांड फट गयी?
उसने कहा- नहीं मेरा लण्ड दुगुना हो गया है। भाभी इतनी सुन्दर हैं की मेरा लण्ड इन्हें खड़ा होकर सलाम कर रहा है।
उसने अपना लण्ड भाभी के मुह के सामने खड़ा कर दिया। भाभी ने लण्ड पकड़ा और उसे थोडा हिलाया। लण्ड कड़क था। सलोनी भाभी बोली- हाय हया देखा मुस्लिम लण्ड? कितना मजेदार है लण्ड? कितना प्यारा है लण्ड? कितना मरदाना है लण्ड? भाभी ने उसे सहलाया और फिर जबान निकल कर चाटने लगी। उधर मैं उसके सामने बल्लू का लण्ड चाट रह थी। पेल्हड़ से लण्ड के सुपाडे तक और सुपाडे से पेल्हड़ तक। वे दोनों हमारी चूत सहलाने में लगे थे । भाभी ने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। बार बार लण्ड मुह में घुसेड़ती और निकालती।
पच्च पच्च पुच्छ पुच्छ की आवाजें आने लगी। मेरे लण्ड की आवाजें थी चपर चपर छप्प छप्प। छुप्प छुप्प। दोनों लण्ड एकदम टन्ना चुके थे।
भाभी ने अचानक मेरे हाथ से बल्लू का लण्ड छीन लिया और मैंने उसके हाथ से मोहम्मद का लण्ड ले लिया। मुझे महसूस हुआ की वाकई मोहम्मद का लण्ड उससे बड़ा है। मैंने उसे चूंचियों के बीच डाला और जम कर चुदवाई चूंचियां। फिर चूत फैलाई और गप्प से घुसेड लिया लौड़ा। लण्ड एक ही धक्के में अन्दर घुस गया। बस फिर क्या भकाभक-सटासट लगा चोदने साला बहन चोद। उसकी जैसे जैसे गांड उछल रही थी वैसे वैसे लण्ड भी बुर के अन्दर उछल रहा था। मैं बड़े प्रेम से चुदवा रही थी। मेरे सामने ही भाभी ने बल्लू का पूरा लण्ड अपनी चूत में डाल रखा था। हम दोनों एक दूसरे को देख-देख कर मस्त चुदवाने में जुटी थी।
मैंने कहा- भाभी, करीम भाई जान का भी लण्ड ऐसे ही चोदता है न?
भाभी- हां बड़ा मस्ताना है उसका भी लण्ड और उसके दोस्त जुम्मन का लौड़ा तो वाह बल्लू के लण्ड का फोटो कापी है बिलकुल।
मैंने कहा- हां लेकिन कल वाला लण्ड छोटा था न? मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आया।
इतना कह कर मैं कुतिया बन कर चुदवाने लगी।
भाभी- और हां हया, तेरे अब्बा का लण्ड? वाओ क्या लौड़ा है उसका भोषडी वाले का? जब चोदना शुरू करता है तो बहन चोद रुकता ही नहीं।
मैंने कहा- हां भाभी, यह बात तो मेरी खाला भी कह रही थी। वह भी मेरे अब्बा के लण्ड का खूब मज़ा लेती है।
इतने में मोहम्मद ने कहा अब मैं खलास होने वाला हूँ।
मैं उठी और मुठ्ठ मारने लगी। उधर भाभी बल्लू का मुठ्ठ मार चुकी थी।
बस झड़ता हुआ लण्ड चाट रही थी।
इधर मैं भी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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