Sunday, April 6, 2014

FUN-MAZA-MASTI पेहली बार मीना के घरपे

FUN-MAZA-MASTI

 पेहली बार मीना के घरपे

अब मेरा साथ मीना की बोहोत अच्छी दोस्ती हो गयी है I हम एक दुशरेसे कोई भी बात नहि छुपाते थे, एकदिन मीना ने मुझे अपने घरपे बुलाया I उस वक्त मेरे साथ मीना की दोस्ती बोहोत खास हो चूका था I और उसके घर जाने से पहले ही उसके घर वाले मेरे बारेमे बोहोत कुछ जान चुके थे I और वो मुझे मेरे नामसे जानते थे I





मीना ने मुझे कई बार उसके घर जाने के लिये कही थी लेकिन मुझे फुरशत नहि मिला कभी उसके घर जाने की I मुझे एसा लगने लगा, मीना मुझसे रूठ गयी है I मे किसीभी कीमत पे मीना से दोस्ती नहि तोड़ना चाहता था I इसलिये, एक शनिबार वक्त निकालकर मे उसके घर पोहोंच गया I उसदिन मीना के पापा भी छुट्टी पे ही थे, और घर पे सब लोग मिल गये I





उसकी परिबार का बिश्वास जितना बोहोत ज़रूरी था I क्यूँ की उनकी बिश्वास अगर मे नहि जित पाया, तो मीना के साथ भी जादा वक्त नहि बिता पाउँगा I और मुझे मीनको चोदने का मौका हात से चला जायेगा I





खैर, मे उनके घर जा पोहोचा, अंकल एंटी से बात करना शुरू किया मेने I बोहोत देर तक हम बात करते रहे, मीना के मम्मी, देदी बोहोत अच्छे लोग हैं I मुझे एसा एहसास भी नहि हुआ की मे पेहली बार उनकी घर आया हूँ I हम बोहोत देर तक एक दुशरे से बाते करने लगे बाते करते रहे I अंकल एंटी मेरे परिबार के बारे मे पूछने लगे I मेरे पापा क्या काम करते हैं, घरपे और कौन कौन है वगेरा वगेरा I





घरपे मीना एक शालोयर पहनी थी, उसकी शालोयर की गला बोहोत बड़ा था I वोह घर पे थी, इसलिये उसने दुपट्टा नहि ओड़ राखी थी I अंकल आंटी, मेरे साथ बात करने के बाद होल रूम पे चले गये I और मे मीना के रूम पे ही बेठा था, मीना के घरपे मेरे और मीना के इलावा कोई भी नहि था I और मे भी दिले दिल यही सोच रहा था, कंही कोई उसके रूम पे ना आजाये I





मे उसकी पलंग पे बेठा था और वोह मेरे सामने कुर्शी पे I उसकी शलवार की गला बड़ा रहने के वजा से उसकी दूद की कुछ हिस्सा बहार से दिख रहा था I और जब वोह किसी काम के लिये निचे झुकती थी, तो उसका आधा से जादा दूद बहार आजाता था I मेरे सामने बेठे बहते वोह कई बार निचे झुकी I





एकबार अपने पैर मे खुजली करने, एकबार मेरे हात से पानी के ग्लास लेकर निचे रखने के लिये और एकबार चाय की प्याली रखने के लिये I वोह जब भी निचे झुकती थी, मे किसी भी ताराफ देखे बेगेर उसकी चूची के तरफ ही देखता था I कुछ देर तक एसे ही चलने के बाद मुझे ये एहसास होने लगा I की मीना जान बुझके एसे कर रही है I





मे उसके घरपे बेठे बेठे ही सपनो की दुनिया मे खो गया I उसके घरपे मेने उसकी कपड़े उतरके उसे नंगा कर चूका था I उसकी चूत मे, मे अपना हात सहलाते सहलाते एक ऊँगली अन्दर डाल दिया I उससे लपक के सोया रहा बिश्तार मे और कुछदेर बाद धीरे धीरे अपना लंड मेने उसके चूत मे डाल दिया I मेने मीना को चोदना शुरू कर चूका था I





अचानक से अंकल अगये और मे फिरसे सपनो के दुनिया से बहार अगया I घरी दे तरफ देखा तो रात साड़े नौ बज चूका था I मे अपने घर वापस जाने के लिये रवाना हुआ I



मीना के साथ पेहली मुलाकात

मेरा नाम अरिंदम है I मेरे दोस्त मुझे प्यारसे अरी कहकर पुकारते हैं और मुझे भी मेरा ये पुकार नाम पसंद है I मे एक बंगाली हूँ, और मेरे पैदाइश से लेकर सब कुछ नोर्त बंगाल मे हुआ है I नोर्त भंगल मुझे बोहोत अच्छा लगता है, मेने बोहोत जगा देखा है लेकिन नोर्त बंगाल के तराह खूबशुरात जगह कंही नहि देखा I







खैर, जो भी हो, मे मेरे जिंदगी की किछ एसे बात बताने चला हूँ, जो मेने कभी सोचा भी नहि था किसीको बता पाउँगा I मे मेरे ज़िन्दगी की हर एक लम्हा खुस रहता हूँ I मुझे किसी चीज़ की नशा नहि है, लेकिन लड़की मुझे बोहोत पसंद है I मे किसी भी अजनबी लड़की देखता हूँ, तो मुझे लालच अजति है I और मे कोसिस करता हूँ, किसी तराह उससे दोस्ती करके उसे चोद दूं I







जबसे मेरा लंड खड़ा होना शुरू हुआ है, तब एस मे यही फ़िराक मे रहता हूँ I लेकिन अफ़सोस की बात ये है, की आजतक कभी ये मौका नहि मिला मुझे I कमसे काम कोलेज मे जाने से पहलेतक तो नहि I लेकिन मेरा ये ख्वाइश पूरा हुया मीना से मिलने के बाद I और मेने सिखा, केसे लड़कियों से दोश्ती करके उसे चोदा जाता है I







मीना मेरे कोलेज की दोस्त है I उसका पूरा नाम मीनाक्षी है, और उसका पुकार नाम मीना है I हम दोस्त लोग भी उसे मीना ही कहते हैं I उसे मेने पेहली बार देखा था कोलेजमे अड्मिसन के दिन I कोलेज्का बाकि का सारा काम हो चूका था, लिस्ट भी बहार आ चूका था I और अब सिर्फ अड्मिसन लेना बाकि था I हर हर बिद्यार्थी लाइन पे खड़े थे अड्मिसन लेने के लिये I







लड़का और लड़की दोनों की लाइन अलग अलग थी, लेकिन बोहोत दूर नहि था I मे और मीना अपने अपने लाइन पे लग भाग एकही दुरी पे थे I हम सब दोस्त लाइन पे खड़े हुये एक दुशरे से मजाक कर रहे थे I और हमारे मजाक शुनकर वो लोग भी हस रही थी I उनकी हसी देखकर हमें और भी मजाक करने का हिम्मत मिला I







मे पहले से ही मीना को ध्यान मे रखा हुया था I और मुझे समझ आया वो भी छुप छुप के मेरे तरफ ही देख रही है I इस तराह हम दोनों एक दुसरे को देखना शुरू किये I मे ऊपर से निचे तक उसका जिस्म देख रहा था I वोह बोहोत ही सेक्सी थी, उसने फिटिंग टी शर्ट पेहेन रखा था I वो बोहोत ही गजब लग रही थी, उसकी एसे फिगर देखकर मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया I और मे सोचने लगा केसे उसे चोदा जाये I







उसकी चूची मीडियम साइज की थी, और उसकी टी शर्ट के साथ बिलकुल चिपका हुया था I एसा लग रहा था, जेसे टी शर्ट फाड़ के बहार निकलना चाहता है I उसकी जींस भी बिलकुल उसके पैर के साथ चिपका हुआ था I मे घूम फिरके उसी के तरफ देख रहा था I सिर्फ मे ही नहि, अजू बाजु के हर लड़के उसकी तरफ देख रहे थे I लेकिन वो मेरे तरफ देख रही थी, हम आँखों ही आँखों मे एक दुसरे से दोस्ती कर चुके थे I और उसे चोदने का पेहला कदम ले चूका था I












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