FUN-MAZA-MASTI
दशहरे की छुट्टियाँ मैं मौसी जी के यहाँ रह कर बिता रहा था। मौसा जी तो काम पर चले जाते थे, घर पर मैं और मौसी जी अकेले ही रहते थे। मेरी मौसी बहुत खूबसूरत और चुलबुली हैं, मैं अक्सर उनके बड़े-बड़े स्तनों पर नजरें गड़ा कर रह जाता था। कभी-कभी मौसी जी तिरछी नज़रों से देख कर मुस्कुरा कर मुँह फेर लेती थी।
उस दिन मौसी बाथरूम से नहा कर बाहर निकली तो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज़ में थी, मैं उनको देख कर खड़ा का खड़ा रह गया- गहरे गले के ब्लाउज से उनके चूचे बाहर निकले पड़ रहे थे, भीगे ब्लाउज में चूचियों की नोकें साफ नजर आ रही थी, चूचियों के ऊपर के काले-काले गोल घेरे देख कर मेरा दिमाग चकरा गया। तंग पेटीकोट में बड़े-बड़े चूतड़ समां नहीं रहे थे। मैं बिल्कुल हक्का-बक्का हो कर खड़ा का खड़ा रह गया।
मुझे इस तरह देखते हुए देख कर मौसी हंस कर बोली- मुन्ना ऐसे क्या क्या देख रहे हो? इससे पहले क्या कभी औरत नहीं देखी?
आपकी खूबसूरती देख रहा हूँ मौसी ! सच बताऊँ, मैंने इतना सुन्दर शरीर आज तक नहीं देखा है ! मेरे तो होश उड़ गए ! और दिमाग चकरा गया ! मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या कहूँ ?या क्या करूँ?
तो चलो जी भर कर देख लो ना ! मैं तुम्हें सब कुछ दिखा देती हूँ ! कह कर मौसी मुझे कमरे में ले गई।
दरवाज़ा बंद कर के मौसी बोली- पहले मुझे अपना औजार दिखाओ फिर मैं भी तुमको सब कुछ दिखा दूँगी ! अगर तुम्हारा औजार पसंद नहीं आया तो बात यहीं पर खत्म हो जाएगी, नहीं तो जब तक यहाँ रहोगे, रात दिन दोनों मजा करेंगे !
मेरा लण्ड तो पहले ही तन कर खड़ा हो चुका था, मैंने पैन्ट की जिप खोल कर पूरी तरह खड़ा लण्ड मौसी के हाथ में पकड़ा दिया।
मौसी मेरा लम्बा और मोटा लण्ड देख कर उछल पड़ी, खुश होकर बोली- मजा आ गया ! बहुत दिनों बाद इतना मजेदार लौड़ा देखने को मिला है ! लण्ड के मामले में तू बिल्कुल अपने पापा पर गया है। जवान लौंडों से चुदवाने का मजा ही कुछ और है ! बहुत दिनों बाद आज मन-माफिक लण्ड देखने को मिला है !
इतना कह कर मौसी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा। मैं सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मौसी ने मुझे खींच कर बिस्तर पर गिरा दिया और एक ही झटके में आधा लण्ड मुँह में ले लिया। मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने भी मौसी का पेटीकोट और ब्लाउज उतार फेंका और उनकी जांघों के बीच में सिर घुसेड़ कर चूत चूसने लगा।
थोड़ी देर लण्ड चुसवाने के बाद मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और लण्ड का सुपारा चूत के छेद पर रख कर गच्च से पूरा लण्ड भीतर तक पेल दिया। नीचे से मौसी भी जोर का कमर का धक्का लगा कर मुझसे लिपट गई। मैंने मौसी की चुदाई चालू कर दी।
मौसी मुस्कुराते हुए सिसकारियाँ लेने लगी- हाँ..आँ... आँ.... आँ राजा ऽऽऽ आ बस ऐसी ही चुदाई चाहिये थी मुझको बेटा। आज अपनी मौसी की चूत के चीथड़े उड़ा देनाऽऽ
मौसी की कमर तेजी से चलने लगी और साथ ही वो जोर जोर से चिल्लाने भीलगी- यस डार्लिंग यस ...कम आनऽऽ मेरे बेटे मुझे रंडी समझ कर चोद ! शाबाश बेटा ! और जोर जोर से चोद अपनी अम्माँ को ।
जोरदार धक्के खाकर मौसी के चूचे झटके ले रहे थे और कमर गच्चे खा रही थी। इससे मेरा भी जोश बढ़ता जा रहा था, मेरी चुदाई की स्पीड अचानक तेज हो गई और मैं पागलों की तरह मौसी की चूत पर टूट पड़ा। मैं भड़के हुए सांड की तरह मौसी को कस कर, दबोच कर चुदाई करने लगा।
मौसी भी बड़ा दमदारी से डटी थीं। थोड़ी देर चुदने के बाद मौसी चिल्लाई- राजा बेटा ! बस मैं झड़ने वाली हूँ ! मेरे मुन्ना बेटा ! ढीले नहीं पड़ना मेरे सपूत !! आ ई ई ई याः हाँ आं आं। अर्र र्र र्र मैं गई मेर्रे र्रा .....ज्जा .....और मौसी जोर से मुझसे लिपट कर झड़ गई।
दो चार धक्कों के बाद मैंने भी उनकी चूत में पिचकारी छोड़ दी।
हम दोनों थक कर निढाल हो गए थे और जोर जोर से सांसें ले रहे थे।
थोड़ी देर में सामान्य होकर मौसी बोली- बचपन में तेरे मामा ने ऐसा मजा दिया था ! उसके बाद आज इतने जवान लण्ड का सुख मिला है ! आज से मैं तुम्हारी गुलाम हुई ! तुम मुझे जब, जैसे चाहे, जहाँ चाहे चोद लेना ! मार भी डालोगे तो उफ़ नहीं करूंगी ! बस कभी चोदने से मना मत करना !
मैंने प्यार से मौसी को चिपटा लिया- रानी कैसी बात करती हो ? यह तो मेरी किस्मत है कि तुम्हारे जैसी खूबसूरत चूत चोदने का मौका मिला ! पता नहीं इतनी रसीली चूत अब कभी चोदने को मिलेगी भी या नहीं?
क्यों नहीं मिलेगी ? तेरी माँ की चूत क्या कम मजेदार है ? एक बार चोद लेगा तो जिन्दगी भर याद रखेगा !
तुम्हें कैसे पता ?
क्यों दीदी ने तुम्हें नहीं बताया क्या ? तुम्हारे मामा लोग हम दोनों को साथ साथ ही तो चोदते थे।
मौसी ने ननिहाल की कहानी पूरे विस्तार से बताई। उनकी बचपन की कारगुजारियाँ सुनकर मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया।
मौसी तो गरम थी ही, मौसी ने मेरा लण्ड पकड़ कर पूछा- तुमने कभी गांड मरवाई है?
हाँ, कई बार ! हमारे दोस्त लोग आपस में एक दूसरे की गांड मारते रहते हैं। क्यों क्या बात है ? तुम ऐसे क्यों पूछ रही हो?
मेरी गांड में खुजली हो रही है ! अब तुम मेरी गांड मारो ! कह कर मौसी कुतिया बन कर खड़ी हो गई।
मैंने उसी जोर से मौसी की गांड भी मारी। जब तक मैं मौसी के यहाँ रहा, उन्हें रोज तरह-तरह से चोदता रहा।
चलते समय मौसी ने कहा- मैंने दीदी को फोन पर सब बता दिया है, सब कुछ सुनकर वह बहुत खुश हुई है। अपनी अम्मी को जरूर चोदना और मुझे भी बताना, मैं तुम्हारे फोन का इंतजार करूंगी।
मैं खुश होकर अपने घर वापस आ गया।
आगे की कहानी फिर कभी !
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मुझे इस तरह देखते हुए देख कर मौसी हंस कर बोली- मुन्ना ऐसे क्या क्या देख रहे हो? इससे पहले क्या कभी औरत नहीं देखी?
आपकी खूबसूरती देख रहा हूँ मौसी ! सच बताऊँ, मैंने इतना सुन्दर शरीर आज तक नहीं देखा है ! मेरे तो होश उड़ गए ! और दिमाग चकरा गया ! मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या कहूँ ?या क्या करूँ?
तो चलो जी भर कर देख लो ना ! मैं तुम्हें सब कुछ दिखा देती हूँ ! कह कर मौसी मुझे कमरे में ले गई।
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मौसी मेरा लम्बा और मोटा लण्ड देख कर उछल पड़ी, खुश होकर बोली- मजा आ गया ! बहुत दिनों बाद इतना मजेदार लौड़ा देखने को मिला है ! लण्ड के मामले में तू बिल्कुल अपने पापा पर गया है। जवान लौंडों से चुदवाने का मजा ही कुछ और है ! बहुत दिनों बाद आज मन-माफिक लण्ड देखने को मिला है !
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मौसी भी बड़ा दमदारी से डटी थीं। थोड़ी देर चुदने के बाद मौसी चिल्लाई- राजा बेटा ! बस मैं झड़ने वाली हूँ ! मेरे मुन्ना बेटा ! ढीले नहीं पड़ना मेरे सपूत !! आ ई ई ई याः हाँ आं आं। अर्र र्र र्र मैं गई मेर्रे र्रा .....ज्जा .....और मौसी जोर से मुझसे लिपट कर झड़ गई।
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थोड़ी देर में सामान्य होकर मौसी बोली- बचपन में तेरे मामा ने ऐसा मजा दिया था ! उसके बाद आज इतने जवान लण्ड का सुख मिला है ! आज से मैं तुम्हारी गुलाम हुई ! तुम मुझे जब, जैसे चाहे, जहाँ चाहे चोद लेना ! मार भी डालोगे तो उफ़ नहीं करूंगी ! बस कभी चोदने से मना मत करना !
मैंने प्यार से मौसी को चिपटा लिया- रानी कैसी बात करती हो ? यह तो मेरी किस्मत है कि तुम्हारे जैसी खूबसूरत चूत चोदने का मौका मिला ! पता नहीं इतनी रसीली चूत अब कभी चोदने को मिलेगी भी या नहीं?
क्यों नहीं मिलेगी ? तेरी माँ की चूत क्या कम मजेदार है ? एक बार चोद लेगा तो जिन्दगी भर याद रखेगा !
तुम्हें कैसे पता ?
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मौसी ने ननिहाल की कहानी पूरे विस्तार से बताई। उनकी बचपन की कारगुजारियाँ सुनकर मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया।
मौसी तो गरम थी ही, मौसी ने मेरा लण्ड पकड़ कर पूछा- तुमने कभी गांड मरवाई है?
हाँ, कई बार ! हमारे दोस्त लोग आपस में एक दूसरे की गांड मारते रहते हैं। क्यों क्या बात है ? तुम ऐसे क्यों पूछ रही हो?
मेरी गांड में खुजली हो रही है ! अब तुम मेरी गांड मारो ! कह कर मौसी कुतिया बन कर खड़ी हो गई।
मैंने उसी जोर से मौसी की गांड भी मारी। जब तक मैं मौसी के यहाँ रहा, उन्हें रोज तरह-तरह से चोदता रहा।
चलते समय मौसी ने कहा- मैंने दीदी को फोन पर सब बता दिया है, सब कुछ सुनकर वह बहुत खुश हुई है। अपनी अम्मी को जरूर चोदना और मुझे भी बताना, मैं तुम्हारे फोन का इंतजार करूंगी।
मैं खुश होकर अपने घर वापस आ गया।
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