FUN-MAZA-MASTI
सीता --एक गाँव की लड़की--28
मैं और पूजा कुछ ही पलों में आंटी के सामने खड़ी थी...आंटी एक बहुत ही गद्देदार डबल बेड पर दीवाल के सहारे बैठी पान चबा रही थी...उनका रौबदार चेहरा देखते ही हम दोनों एक-दूसरे का हाथ डर से पकड़ लिए...
श्याम जाते ही आंटी के बगल में लगी कुरसी पर बैठ गए...मेरी नजर तभी दूसरी तरफ गई जहाँ बेंच पर दो लड़की बैठी थी...बिल्कुल बदसूरत...शायद इसलिए दोनों अभी तक बैठी ही थी...
"ऐ छोकरी, जा के उधर बैठ ना..." आंटी हम दोनों को उसी बेंच पर बैठी लड़की की ओर इशारा करती हुई बोली...जितना दिखने में भयानक लग रही थी, उयये भी डरावनी तो उनकी आवाज थी...पलक झपकते ही हम दोनों उन दो लड़कियों के बगल में थी...
उफ्फफ...कितनी गंदी परिवेश में रहती है ये दोनों...मैं एक नजर बगल में बैठी दोनों लड़की पर डाली,फिर सीधी हो आंटी की तरफ देखने लगी...श्याम के साथ वो हंस हंस के पहले तो हाल समाचार पूछी... शायद श्याम भी कई दिनों बाद आए थे...
फिर हम दोनों की तरफ इशारा करती हुई पूछी,"कहां से फंसा के लाए इन दोनों चिड़िया को..दिखने में तो सुंदर है..लगती नहीं कि कहीं कोठे पर रहती है..." श्याम आंटी की बात सुन हम दोनों की तरफ मुड़ कर देखने लगे...
श्याम: "बिल्कुल सही आंटी...ये कोठे पर नहीं रहती...ये एक होटल के सम्पर्क रहती है...फिर आपकी मर्जी आप होटल में करें या फिर अपने घर बुला ले...बंगाल की है दोनों...वहां एक दोस्त की दोस्ती उसी होटल वाले से है तो उसी ने भिजवाया है..सुबह चली जाएगी..."
आंटी: "ओहो...तो ये बात है...हाई प्रोफाइल है..." कहती हुई आंटी मुस्कुरा पड़ी जिसके साथ श्याम भी हंस पड़े...हम दोनों अपने बारे में ऐसी बाते सुन काफी कसमसा रही थी...बूर में खुजली काफी बढ़ गई थी...
तभी आंटी हम दोनों को अपनी तरफ आने का इशारा की...थोड़ी डर लगी कि पता नहीं क्यों बुला रही है...पर बिना कोई सवाल किए उनके सामने जा कर खड़ी हो गई...
आंटी: "देख,पैसे तो मिल ही गई है तो मैं कह रही थी कि अब इतनी दूर आ ही गई हो तो कुछ मजे भी ले लो...आज मेरे कोठे की रंडी के परिवेश में चुदवा ले...काफी मजा आएगा...और दिन तो जींस पहन के चुदती ही,आज नया करने का मौका मिला तो इसका भी मजा ले लो..."
मैं आंटी की बात से भौचक रह गई और पूजा की तरफ देखने लगी...पर पूजा को जैसे ये मंजूर थी...वो बस मुस्कुरा रही थी...
"तुम्हें कोई दिक्कत है क्या..." तभी आंटी की तेज आवाज मेरे कानों में गूँजी, जिससे मैं हड़बड़ती हुई नहीं में मुंडी हिला...तब आंटी "हम्म्म" करती हुई मुझे ऊपर से नीचे तक देखी...
"ऐ झुनकी,जा इन दोनों को अंदर ले जा और वो कपड़े दे देना...जा पहन के आ जा..."आंटी सामने बैठी एक लड़की को बोलती हम दोनों को जाने कह दी...वो लड़की उठी तो हम दोनों उसके पीछे हो लिए...
अंदर की रूम कुछ ही दूर गलियारे क्रॉस कर थी...इन गलियारे से गुजरते जब दूसरे रूम के गेट के पास से गुजरती तो अंदर से चुदाई की आवाज साफ सुनाई पड़ रही थी...कुछ के तो गेट भी खुली थी जिससे अंदर हो रही चुदाई साफ दिख रही थी....
अंदर पहुंचते ही झुनकी ने दो ड्रेस सामने आलमारी में से निकाल कर दे दी...मैंने ड्रेस उठाई...ड्रेस देखते ही मेरी भौंह सिकुड़ गई..एकदम मैली-कुचली छोटी सी चोली और घुटने तक ही आने वाली छोटी सी घांघरा..वापस रख टी-शर्ट जींस खोलने लगी...
मैं और पूजा कुछ ही पलों में एकदम नंगी खड़ी थी...सामने एक अंजान लड़की थी,जिसकी परवाह किए बिना ही नंगी हो गई...अब तो जब तक यहां हूँ,शर्म को सोच भी नहीं सकती थी...मैंने घांघरे पहनती हुई झुनकी से पूछी,"आज तुम खाली ही हो क्या...?"
झुनकी: "हाँ, शाला अपुन की फेस मर्द लोग को पसंद ही नहीं आती...देर रात तक अगर कोई आ जाता है तो खाने के पैसे मिल जाते हैं, नहीं तो भूखा ही रहना पड़ता...आज भी लगभग यही हालत है..."
मैं उसकी बात सुन थोड़ी भावुक जरूर हो गई, पर बिना कुछ बोले अपने काम में लग गई...चोली तो इतनी तंग आ रही थी कि मानों सीने की हड्डी टूट रही हो...और आधी चुची तो बाहर ही निकली थी...पूजा की भी यही हालत थी....
जींस टीशर्ट वहीं पर तह लगा कर रख दी और झुनकी को चलने की बोल दी...झुनकी के साथ हम दोनों बाहर की तरफ निकल गई...काफी अजीब लग रही थी ऐसे कपड़ों में...खुद को नंगी ही महसूस कर रही थी..
कुछ ही देर में हम सब आंटी के करीब थी..जहाँ श्याम के साथ एक और व्यक्ति बैठा था..मैं तो शर्म से लाल हो गई अंदर ही अंदर. जिसे बाहर नहीं निकलने दी...वो भी हिष्ट-पुष्ट शरीर वाला था श्याम की तरह पर रंग का पूरा काला था...
मैं उस पर एक नजर डाली और फिर सीधी उसी बेंच पर आ बैठ गई एक रंडी की तरह...तभी उस काले की नजर हम पर पड़ी...वो एकटक देखता ही रह गया...उसके मुख से वाह निकल पड़ी...
"वॉव आंटी,क्या माल मंगाई हो...आंटी इसी में एक को दे दो आज...मजा आ जाएगा..." वो काले हम दोनों की आधी नंगी चुची को देख जीभ फेरता हुआ बोला...जबकि श्याम भी हम दोनों को ऐसे रूप में देख अपने लंड पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे...
आंटी: "अए-हए ठिकेदार साहब...पानी निकल गया क्या...पूरे 3 हजार लेती है एक...चाहिए तो रूपए दो मेरी कमिशन सहित और ले जाओ किसी एक को...काहे कि एक तो श्याम ले जा रहा है...दोनों ले जाता ये पर तुम बोल दिए तो नाराज नहीं करूंगी तुम्हें..."
ये क्या..सौदा भी होने लग गई...मैं और पूजा एक दूसर को देख श्याम की तरफ देखी...हम दोनों हैरान थी...यहाँ सिर्फ श्याम के साथ करने आई थी पर यहाँ तो सच की रंडी बन गई..श्याम हम दोनों की तरफ देखते हुए आंटी से बोले....
श्याम: "आंटी, एकदम सही बोली..जैसा मैं,वैसा ये...ये भी चाहते हैं इनमें से ही एक को तो जरूर दो...वैसे ठिकेदार साहब, मैं इन दोनों को सिर्फ अपने लिए मंगाया था...पर अब आप भी कह रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं हमें...पसंद कर लो कोई..."
मतलब श्याम भी चाहते थे पूरे मजे देने और लेने की...हम दोनों श्याम की बात सुन सोची जब इन्हें कोई दिक्कत ही नहीं तो मैं क्यों ज्यादा सोचूं...हाँ, अब नए लंड चखना किसके नसीब में है, वो देखना शेष है...
तब तक वो काला तेजी से हम दोनों के पास आ गया..फिर उसने एक साथ हम दोनों को खड़ा किया और ऊपर से नीचे तक शरीर के एक-एक अंग को गौर करने लगा कि कौन बेस्ट है...वह हम दोनों को देख गोल गोल चक्कर लगाने लगाने...
एक चक्कर लगाने के बाद वो हंसता हुआ बोला,"यार कुछ समझ ही नहीं आता कि कौन बेस्ट है..." जिस पर आंटी और श्याम हंस पड़े...हम दोनों की भी मुस्कानें आ गई होठों पर...तभी आंटी बोली,"अरे तो ज्यादा क्या सोचता है...कोई एक ले ले..."
तभी वो हम दोनों के बीच में घुसा और अंतिम बार एक-एक नजर हम दोनों पर डाला और मेरे कंधों पर हाथ रख सीधा एक चुच्ची को मुट्ठी में कसता आगे बढ़ श्याम के पास रूकते हुए बोला,"दोस्त,मैं इसे ले जा रहा हूँ..तुम उसे ले जाओ...काफी मुश्किल है इन दोनों में से एक को चूज करना..."
श्याम ओके कहते हुए उठे और पूजा को भी ठीक मेरी तरह चुची पकड़ कंधे पर हाथ रख ले आए...
आंटी: "ऊपर एक कमरा खाली है कोने वाली...उसी में चले जाओ दोनों...और सब तो बुक है..."
श्याम: "फिर तो और मजा आएगा आंटी...एक ही कमरे में...मन हुआ तो अदल बदल कर लूंगा...हा..हा..हा..." और फिर सब हंस पड़े..हम दोनों भी हल्की दबी हंसी हंस दी....
कुछ ही देर में हम दोनों अपनी चुचियाँ मसलवाते रूम में घुस गए...रूम में आते ही श्याम पूजा को स्मूच किस करने लगे...जिसे देख मैं गरम हो अपने पार्टनर की तरफ देखने लगी...
"ओए, ये क्या कर रहा है...ये सब रण्डियाँ पता नहीं कैसा-कैसा लण्ड अपने मुंह में लेती है और तुम इसे किस कर रहे हो...संभल के करो यार..कहीं कुछ हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे..."तभी काले आदमी श्याम को टोकते हुए बोला...हम दोनों तो गस्से से लाल हो गई पर क्या कर सकती थी...अगर डगह दूसरी होती तो इसे पास फटकने भ नहीं देती...
श्याम किस रोकते हुए बोले,"क्या बोलते हो यार...ये औरों की तरह गंवार रंडी लगती है क्या जो खुद को ढ़ंग से साफ भी नहीं रखती...ये शिक्षित हैं जनाब जो इंफेक्शन का पूरा ख्याल करती है और उससे हर वक्त बची रहती है...तभी तो इतने पैसे दिए हैं कि हर तरह से मजे लूँ...यहाँ की रंडी की तरह नहीं जिसे सिर्फ चोदो वो भी कंडोम लगा के...समझा कुछ..."
श्याम की बात उसे बड़ी तेजी से समझ आ गई और बिना कोई जवाब दिए अपना कड़क होंठ मेरे नर्म होंठो पर रख दिया..ओफ्फ्फ...कितनी खुरदुरी लग रही थी..मैं इस खुरदुरेपन से तुरंत ही अपनी बूर से पानी छोड़ने लगी...
कुछ ही पलों में मेरी चोली खुल गई और नंगी चुची उसके हाथों में समा गई...वो पूरी दरिंदगी से चुची मसलता हुआ मेरे होंठ को तरबतर कर रहा था...
कोई 5 मिनट तक चुसाई रगड़ाई करने के बाद वो किस तोड़ते हुए बोला,"मादरचोद, मेरा लंड दर्द करने लगा...पहले इसका दर्द कम करो चूस के...फिर किस करते हुए चोदूंगा.." और उसने तेजी से अपने कपड़े खोल कर फेंक दिए...
इस बीच मेरी नजर पूजा की तरफ गई जहाँ वो दोनों अभी भी किस में डूबे हुए थे...पर अब वो बेड पर थे लेटे...पूजा की भी चुची नंगी थी जिसे श्याम मसले जा रहे थे...अगले ही पल अचानक मेरे बाल जोर से नीचे की तरफ खिंची और मैं चीखती हुई धम्म से नीचे बैठ गई...
मेरी चीख से श्याम और पूजा अचानक ही किस तोड़ते हुए मेरी तरफ देखे..तब तक काले आदमी का कोयलों से भी काली और धनुषाकार विकराल लंड मेरी गोरी-चिट्टी मुंह में अकड़ने लगी...मैं अपनी मुंह को आगे पीछे कर इस टेढ़े लंड को एडजस्ट करने की कोशिश कर रही थी...
मेरे मुंह में लंड को देख पूजा उठी और एक ही प्रयास में अपने भैया का पूरा लंड गटक गई...और फिर अपने मुख से अपने भैया के लंड की सेवा में जुट गई...
तभी इधर इस काले ने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ा और मेरी मुंह में ही कस कस रे धक्के लगाने लगा और ढ़ेर सारी गंदी गंदी गाली सुनाने लगा...बगल में पति के सामने गाली सुन मैं काफी गरम हो गई और गूं गूं की आवाज तेज कर दी ताकि श्याम भी सुने कि उनकी बीवी आज रंडी बन के चुद रही है कोठे पर...
कुछ ही देर में टेढ़ी लंड से मेरी मुंह दुखने लगी...उसका लंड मेरे मुख में और टेढ़ी होती जा रही थी जिससे अब ऐसी महसूस हो रही थी कि मेरी तालु में छेद हो जाएगी...
अब वो धक्के नहीं लगा रहा था...मैं इतनी देर में दो बार पानी बहा चुकी थी...और मैं अपने हाथ उसके अण्डों पर रख खुद ही आगे पीछे हो रही थी...मेरी जीभ उसके सुपाड़े पर घिसती तो वह कराह उठता...तभी वो एक गहरी चीख के साथ दांत पीसते मेरे सर को झटक अपने लंड से दूर कर दिया...
मैं अपनी जीभ ललचाती हुई ऊपर की तरफ उसकी आँखों में देखने लगी...वो झड़ा नहीं था पर उसके लंड के ऊपरी भाग से प्रीकम साफ दिख रही थी बहती हूई और पूरा लंड मेरी थूक से भींगी...
वो हांफता हुआ मेरी तरफ लाल आँखें किए देखते हुए बोला,"मस्त रांड है तू तो...क्या चूसती है शाली...नस नस ढ़ीला कर दिया...आज पहली बार तेरी मुंह में ही झड़ने के कगार पर था...चल बेड पर अब, देखता हूँ मेरा लंड तेरी बूर को कितना सह पाता है..."
मैं इस खेल में अपनी जीत देख गदगद हो गई और उठती हुई घाघरे को अपनी कमर से वहीं पर नीचे कर दी और बेड की ओर चल दी...बेड कोई गद्देदार नहीं थी...बस एक पतली सी चादर बिछी थी जिस पर इस वक्त मेरे पति अपनी बहन को अपना लंड चुसवा रहे थे...वो दोनों बीच में थे...
मैं उनके पास पहुँची और पूजा की पीठ पर हाथ रखती हुई बोली,"पूजा, उधर खिसको...लेटना है हमें.." पूजा मेरी बात सुन लंड से मुंह हटा सीधी हुई और मुस्काती हुई बोली,"ओके दीदी..." जबकि श्याम मेरी नंगी गोरी जिस्म को देखे जा रहे थे जिसे एक काले भुजंग और चौड़ी छाती वाले नंगे मर्द ने पीछे से पकड़ सहला रहा था...उसका काला लंड मेरी गांड़ के नीचे से होती ऊपर की तरफ घूम के गोरी बूर पर ठुनके लगा रहा था...
श्याम खिसकने के बजाए उठ गए और पूजा को अपनी जगह पर लिटाते हुए बोले," तू भी बहुत सेवा की अपने मुख से...अब अपनी बूर से मेरे लंड की सेवा कर मादरचोद पूजा रंडी..." पूजा के साथ साथ मैं भी उसके बगल में हल्की हंसी हंसती लेट गई...
फिर दोनों एक साथ अपना-2 लंड पकड़ हम दोनों की बूर पर रख रगड़ने लगा...अपना लंड रगड़ते हुए वो काला आदमी पूछा,"और तेरा क्या नाम है कुतिया..? " मैं लंड की गरमी बूर पर पा आहें भरती हुई "सीता" बोली...
तभी श्याम बोले,"ये दीदी कहती है तुम्हें...तुम दोनों सगी बहन हो या फिर धंधे में बनी हो..." हम दोनों की तो हंसी भी निकल रही थी कि शाला कितना एक्टिंग करता है...इसे तो फिल्मों में रहना चाहिए... तभी पूजा सिसकती हुई बोली,"हाँ,हम सगी बहन हैं..."
पूजा की बात खत्म होते ही दोनों मर्द एक साथ मेरे शरीर पर दबाव डालते अपना लंड जड़ तक पेल दिए...हम दोनों एक साथ चीख पड़ी...ये सच्ची वाली दर्द की चीख थी...अपने दर्द को कम करने मैं और पूजा एक दूसरे को किस करने सगी...
"तभी तो शाला मैं कन्फ्यूज हो गया चूज करने में...वाह मजा आ गया यार...हम दोनों एक ही बेड पर दो सगी रंडी बहन को चोद रहा हूँ..." मजे में डूबता वो काला आदमी मेरी बूर में धक्का लगाते हुए बोला...
"हाँ यार..और शाली अपनी बूर का भी काफी मेंटेन करती है..इतनी कसी बूर आज तक किसी रंडी की नहीं देखी..." श्याम बगल में पूजा को धक्के मारते हुए बोले...जिससे वो आदमी हाँ में अपनी सहमति कर दी...
कुछ देर तक इसी तरह मैं और पूजा चीखनी बंद कर, सिसकती हुई चुदती रही..और दोनों मर्द एक साथ गाली बकते हुए चोदे जा रहे थे...हर धक्के पर बेड चरमरा जाती थी...नीचे की चादर कब सिमट गई मालूम नहीं..हम दोनों अब बेड की लकड़ी पर थी जो चुभ रही थी...पर ये चुभन बूर में डाती लंड के माफिक कुछ भी नहीं थी...
तभी अचानक से मेरा ग्राहक मेरी बूर से अपना लंड खींचा और बेड से उतर गया..मैं उसकी तरफ प्यासी नजरों से देखने लगी कि क्यों चला गया...फिर वो अपनी पेंट से एक 500 का नोट निकाला और वापस आते ही मेरी बूर में लंड पेलता हुआ बोला,"आज मैं बहुत खुश हुआ तेरे से...ले अपना इनाम..." और फिर उसने 500 का नोट मेरे मुंह में फंसा दिया...मैं नशीली आँखों से मुस्काती हल्के दांतो से नोट दबा ली...
उधर श्याम भी देखा देखी एक 500 का नोट पूजा के भी मुंह में फंसा दिए...अब हम दोनो रंडी के मुंह में बूर की इनाम थी...और फिर लगे दोनों धड़ाम-2 शॉट मारने...हम दोनों की नस ढ़ीली हो गई करारे शॉट से...
काफी देर तक पोज बदल बदल कर चोदते रहे...कभी कुतिया बनाकर तो कभी घोड़ी बनाकर...कभी मुझे नीचे करते तो कभी खुद नीचे रहते...इन सब के दौरान नोट एक बार भी मुंह से नहीं हटाई...जिससे वो दोनों और जोश से पेलते...
अंततः उनका पतन हो ही गया...जीत की पतन थी ये...एक साथ दोनों चीखते हुए हम दोनों की बूर में अपना पानी उड़ेलने लगे...बूर में जाती गर्म पानी से हम दोनों पूरी तरह बेहोश हो गई और नोट मेरे मुख से निकल गालों बगल में गिर गई...पूजा भी बेहोश हो गई थी...
और हम दोनों बेहोशी की हालत में ही फ्रेंच किस कर रही थी..और दोनों मर्द पूरा लंड खाली करने के बाद औंधें मुँह लद गए हमारे शरीर पर...काफी देर तक सुस्ताने के बाद जब हम सब उठे तो वो काला आदमी मेरे होंठों पर किस करता हुआ थैंक्स बोला...पता नहीं क्यों...शायद आज वो पूरी तसल्ली से चोदा और खुश हुआ इसलिए...
फिर वो अपना कपड़े खोज पहनते हुए बोला,"गजब की हो यार तुम दोनों...लग ही नहीं रहा था कि रंडी चोद रहा था आज...बिल्कुल बीवी या gf की तरह महसूस हो रही थी...एक ही बार में पस्त कर दी...अब तो 5 दिन तक आराम से मस्ती में रहूँगा..."
श्याम भी हाँ कहता हुआ अपने कपड़े पहनने लगे..हम दोनों भी मुस्काती हुई उठी और कपड़े पहनी और सब साथ निकल गए...
_____[....क्रमशः]_____
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मैं और पूजा कुछ ही पलों में आंटी के सामने खड़ी थी...आंटी एक बहुत ही गद्देदार डबल बेड पर दीवाल के सहारे बैठी पान चबा रही थी...उनका रौबदार चेहरा देखते ही हम दोनों एक-दूसरे का हाथ डर से पकड़ लिए...
श्याम जाते ही आंटी के बगल में लगी कुरसी पर बैठ गए...मेरी नजर तभी दूसरी तरफ गई जहाँ बेंच पर दो लड़की बैठी थी...बिल्कुल बदसूरत...शायद इसलिए दोनों अभी तक बैठी ही थी...
"ऐ छोकरी, जा के उधर बैठ ना..." आंटी हम दोनों को उसी बेंच पर बैठी लड़की की ओर इशारा करती हुई बोली...जितना दिखने में भयानक लग रही थी, उयये भी डरावनी तो उनकी आवाज थी...पलक झपकते ही हम दोनों उन दो लड़कियों के बगल में थी...
उफ्फफ...कितनी गंदी परिवेश में रहती है ये दोनों...मैं एक नजर बगल में बैठी दोनों लड़की पर डाली,फिर सीधी हो आंटी की तरफ देखने लगी...श्याम के साथ वो हंस हंस के पहले तो हाल समाचार पूछी... शायद श्याम भी कई दिनों बाद आए थे...
फिर हम दोनों की तरफ इशारा करती हुई पूछी,"कहां से फंसा के लाए इन दोनों चिड़िया को..दिखने में तो सुंदर है..लगती नहीं कि कहीं कोठे पर रहती है..." श्याम आंटी की बात सुन हम दोनों की तरफ मुड़ कर देखने लगे...
श्याम: "बिल्कुल सही आंटी...ये कोठे पर नहीं रहती...ये एक होटल के सम्पर्क रहती है...फिर आपकी मर्जी आप होटल में करें या फिर अपने घर बुला ले...बंगाल की है दोनों...वहां एक दोस्त की दोस्ती उसी होटल वाले से है तो उसी ने भिजवाया है..सुबह चली जाएगी..."
आंटी: "ओहो...तो ये बात है...हाई प्रोफाइल है..." कहती हुई आंटी मुस्कुरा पड़ी जिसके साथ श्याम भी हंस पड़े...हम दोनों अपने बारे में ऐसी बाते सुन काफी कसमसा रही थी...बूर में खुजली काफी बढ़ गई थी...
तभी आंटी हम दोनों को अपनी तरफ आने का इशारा की...थोड़ी डर लगी कि पता नहीं क्यों बुला रही है...पर बिना कोई सवाल किए उनके सामने जा कर खड़ी हो गई...
आंटी: "देख,पैसे तो मिल ही गई है तो मैं कह रही थी कि अब इतनी दूर आ ही गई हो तो कुछ मजे भी ले लो...आज मेरे कोठे की रंडी के परिवेश में चुदवा ले...काफी मजा आएगा...और दिन तो जींस पहन के चुदती ही,आज नया करने का मौका मिला तो इसका भी मजा ले लो..."
मैं आंटी की बात से भौचक रह गई और पूजा की तरफ देखने लगी...पर पूजा को जैसे ये मंजूर थी...वो बस मुस्कुरा रही थी...
"तुम्हें कोई दिक्कत है क्या..." तभी आंटी की तेज आवाज मेरे कानों में गूँजी, जिससे मैं हड़बड़ती हुई नहीं में मुंडी हिला...तब आंटी "हम्म्म" करती हुई मुझे ऊपर से नीचे तक देखी...
"ऐ झुनकी,जा इन दोनों को अंदर ले जा और वो कपड़े दे देना...जा पहन के आ जा..."आंटी सामने बैठी एक लड़की को बोलती हम दोनों को जाने कह दी...वो लड़की उठी तो हम दोनों उसके पीछे हो लिए...
अंदर की रूम कुछ ही दूर गलियारे क्रॉस कर थी...इन गलियारे से गुजरते जब दूसरे रूम के गेट के पास से गुजरती तो अंदर से चुदाई की आवाज साफ सुनाई पड़ रही थी...कुछ के तो गेट भी खुली थी जिससे अंदर हो रही चुदाई साफ दिख रही थी....
अंदर पहुंचते ही झुनकी ने दो ड्रेस सामने आलमारी में से निकाल कर दे दी...मैंने ड्रेस उठाई...ड्रेस देखते ही मेरी भौंह सिकुड़ गई..एकदम मैली-कुचली छोटी सी चोली और घुटने तक ही आने वाली छोटी सी घांघरा..वापस रख टी-शर्ट जींस खोलने लगी...
मैं और पूजा कुछ ही पलों में एकदम नंगी खड़ी थी...सामने एक अंजान लड़की थी,जिसकी परवाह किए बिना ही नंगी हो गई...अब तो जब तक यहां हूँ,शर्म को सोच भी नहीं सकती थी...मैंने घांघरे पहनती हुई झुनकी से पूछी,"आज तुम खाली ही हो क्या...?"
झुनकी: "हाँ, शाला अपुन की फेस मर्द लोग को पसंद ही नहीं आती...देर रात तक अगर कोई आ जाता है तो खाने के पैसे मिल जाते हैं, नहीं तो भूखा ही रहना पड़ता...आज भी लगभग यही हालत है..."
मैं उसकी बात सुन थोड़ी भावुक जरूर हो गई, पर बिना कुछ बोले अपने काम में लग गई...चोली तो इतनी तंग आ रही थी कि मानों सीने की हड्डी टूट रही हो...और आधी चुची तो बाहर ही निकली थी...पूजा की भी यही हालत थी....
जींस टीशर्ट वहीं पर तह लगा कर रख दी और झुनकी को चलने की बोल दी...झुनकी के साथ हम दोनों बाहर की तरफ निकल गई...काफी अजीब लग रही थी ऐसे कपड़ों में...खुद को नंगी ही महसूस कर रही थी..
कुछ ही देर में हम सब आंटी के करीब थी..जहाँ श्याम के साथ एक और व्यक्ति बैठा था..मैं तो शर्म से लाल हो गई अंदर ही अंदर. जिसे बाहर नहीं निकलने दी...वो भी हिष्ट-पुष्ट शरीर वाला था श्याम की तरह पर रंग का पूरा काला था...
मैं उस पर एक नजर डाली और फिर सीधी उसी बेंच पर आ बैठ गई एक रंडी की तरह...तभी उस काले की नजर हम पर पड़ी...वो एकटक देखता ही रह गया...उसके मुख से वाह निकल पड़ी...
"वॉव आंटी,क्या माल मंगाई हो...आंटी इसी में एक को दे दो आज...मजा आ जाएगा..." वो काले हम दोनों की आधी नंगी चुची को देख जीभ फेरता हुआ बोला...जबकि श्याम भी हम दोनों को ऐसे रूप में देख अपने लंड पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे...
आंटी: "अए-हए ठिकेदार साहब...पानी निकल गया क्या...पूरे 3 हजार लेती है एक...चाहिए तो रूपए दो मेरी कमिशन सहित और ले जाओ किसी एक को...काहे कि एक तो श्याम ले जा रहा है...दोनों ले जाता ये पर तुम बोल दिए तो नाराज नहीं करूंगी तुम्हें..."
ये क्या..सौदा भी होने लग गई...मैं और पूजा एक दूसर को देख श्याम की तरफ देखी...हम दोनों हैरान थी...यहाँ सिर्फ श्याम के साथ करने आई थी पर यहाँ तो सच की रंडी बन गई..श्याम हम दोनों की तरफ देखते हुए आंटी से बोले....
श्याम: "आंटी, एकदम सही बोली..जैसा मैं,वैसा ये...ये भी चाहते हैं इनमें से ही एक को तो जरूर दो...वैसे ठिकेदार साहब, मैं इन दोनों को सिर्फ अपने लिए मंगाया था...पर अब आप भी कह रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं हमें...पसंद कर लो कोई..."
मतलब श्याम भी चाहते थे पूरे मजे देने और लेने की...हम दोनों श्याम की बात सुन सोची जब इन्हें कोई दिक्कत ही नहीं तो मैं क्यों ज्यादा सोचूं...हाँ, अब नए लंड चखना किसके नसीब में है, वो देखना शेष है...
तब तक वो काला तेजी से हम दोनों के पास आ गया..फिर उसने एक साथ हम दोनों को खड़ा किया और ऊपर से नीचे तक शरीर के एक-एक अंग को गौर करने लगा कि कौन बेस्ट है...वह हम दोनों को देख गोल गोल चक्कर लगाने लगाने...
एक चक्कर लगाने के बाद वो हंसता हुआ बोला,"यार कुछ समझ ही नहीं आता कि कौन बेस्ट है..." जिस पर आंटी और श्याम हंस पड़े...हम दोनों की भी मुस्कानें आ गई होठों पर...तभी आंटी बोली,"अरे तो ज्यादा क्या सोचता है...कोई एक ले ले..."
तभी वो हम दोनों के बीच में घुसा और अंतिम बार एक-एक नजर हम दोनों पर डाला और मेरे कंधों पर हाथ रख सीधा एक चुच्ची को मुट्ठी में कसता आगे बढ़ श्याम के पास रूकते हुए बोला,"दोस्त,मैं इसे ले जा रहा हूँ..तुम उसे ले जाओ...काफी मुश्किल है इन दोनों में से एक को चूज करना..."
श्याम ओके कहते हुए उठे और पूजा को भी ठीक मेरी तरह चुची पकड़ कंधे पर हाथ रख ले आए...
आंटी: "ऊपर एक कमरा खाली है कोने वाली...उसी में चले जाओ दोनों...और सब तो बुक है..."
श्याम: "फिर तो और मजा आएगा आंटी...एक ही कमरे में...मन हुआ तो अदल बदल कर लूंगा...हा..हा..हा..." और फिर सब हंस पड़े..हम दोनों भी हल्की दबी हंसी हंस दी....
कुछ ही देर में हम दोनों अपनी चुचियाँ मसलवाते रूम में घुस गए...रूम में आते ही श्याम पूजा को स्मूच किस करने लगे...जिसे देख मैं गरम हो अपने पार्टनर की तरफ देखने लगी...
"ओए, ये क्या कर रहा है...ये सब रण्डियाँ पता नहीं कैसा-कैसा लण्ड अपने मुंह में लेती है और तुम इसे किस कर रहे हो...संभल के करो यार..कहीं कुछ हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे..."तभी काले आदमी श्याम को टोकते हुए बोला...हम दोनों तो गस्से से लाल हो गई पर क्या कर सकती थी...अगर डगह दूसरी होती तो इसे पास फटकने भ नहीं देती...
श्याम किस रोकते हुए बोले,"क्या बोलते हो यार...ये औरों की तरह गंवार रंडी लगती है क्या जो खुद को ढ़ंग से साफ भी नहीं रखती...ये शिक्षित हैं जनाब जो इंफेक्शन का पूरा ख्याल करती है और उससे हर वक्त बची रहती है...तभी तो इतने पैसे दिए हैं कि हर तरह से मजे लूँ...यहाँ की रंडी की तरह नहीं जिसे सिर्फ चोदो वो भी कंडोम लगा के...समझा कुछ..."
श्याम की बात उसे बड़ी तेजी से समझ आ गई और बिना कोई जवाब दिए अपना कड़क होंठ मेरे नर्म होंठो पर रख दिया..ओफ्फ्फ...कितनी खुरदुरी लग रही थी..मैं इस खुरदुरेपन से तुरंत ही अपनी बूर से पानी छोड़ने लगी...
कुछ ही पलों में मेरी चोली खुल गई और नंगी चुची उसके हाथों में समा गई...वो पूरी दरिंदगी से चुची मसलता हुआ मेरे होंठ को तरबतर कर रहा था...
कोई 5 मिनट तक चुसाई रगड़ाई करने के बाद वो किस तोड़ते हुए बोला,"मादरचोद, मेरा लंड दर्द करने लगा...पहले इसका दर्द कम करो चूस के...फिर किस करते हुए चोदूंगा.." और उसने तेजी से अपने कपड़े खोल कर फेंक दिए...
इस बीच मेरी नजर पूजा की तरफ गई जहाँ वो दोनों अभी भी किस में डूबे हुए थे...पर अब वो बेड पर थे लेटे...पूजा की भी चुची नंगी थी जिसे श्याम मसले जा रहे थे...अगले ही पल अचानक मेरे बाल जोर से नीचे की तरफ खिंची और मैं चीखती हुई धम्म से नीचे बैठ गई...
मेरी चीख से श्याम और पूजा अचानक ही किस तोड़ते हुए मेरी तरफ देखे..तब तक काले आदमी का कोयलों से भी काली और धनुषाकार विकराल लंड मेरी गोरी-चिट्टी मुंह में अकड़ने लगी...मैं अपनी मुंह को आगे पीछे कर इस टेढ़े लंड को एडजस्ट करने की कोशिश कर रही थी...
मेरे मुंह में लंड को देख पूजा उठी और एक ही प्रयास में अपने भैया का पूरा लंड गटक गई...और फिर अपने मुख से अपने भैया के लंड की सेवा में जुट गई...
तभी इधर इस काले ने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ा और मेरी मुंह में ही कस कस रे धक्के लगाने लगा और ढ़ेर सारी गंदी गंदी गाली सुनाने लगा...बगल में पति के सामने गाली सुन मैं काफी गरम हो गई और गूं गूं की आवाज तेज कर दी ताकि श्याम भी सुने कि उनकी बीवी आज रंडी बन के चुद रही है कोठे पर...
कुछ ही देर में टेढ़ी लंड से मेरी मुंह दुखने लगी...उसका लंड मेरे मुख में और टेढ़ी होती जा रही थी जिससे अब ऐसी महसूस हो रही थी कि मेरी तालु में छेद हो जाएगी...
अब वो धक्के नहीं लगा रहा था...मैं इतनी देर में दो बार पानी बहा चुकी थी...और मैं अपने हाथ उसके अण्डों पर रख खुद ही आगे पीछे हो रही थी...मेरी जीभ उसके सुपाड़े पर घिसती तो वह कराह उठता...तभी वो एक गहरी चीख के साथ दांत पीसते मेरे सर को झटक अपने लंड से दूर कर दिया...
मैं अपनी जीभ ललचाती हुई ऊपर की तरफ उसकी आँखों में देखने लगी...वो झड़ा नहीं था पर उसके लंड के ऊपरी भाग से प्रीकम साफ दिख रही थी बहती हूई और पूरा लंड मेरी थूक से भींगी...
वो हांफता हुआ मेरी तरफ लाल आँखें किए देखते हुए बोला,"मस्त रांड है तू तो...क्या चूसती है शाली...नस नस ढ़ीला कर दिया...आज पहली बार तेरी मुंह में ही झड़ने के कगार पर था...चल बेड पर अब, देखता हूँ मेरा लंड तेरी बूर को कितना सह पाता है..."
मैं इस खेल में अपनी जीत देख गदगद हो गई और उठती हुई घाघरे को अपनी कमर से वहीं पर नीचे कर दी और बेड की ओर चल दी...बेड कोई गद्देदार नहीं थी...बस एक पतली सी चादर बिछी थी जिस पर इस वक्त मेरे पति अपनी बहन को अपना लंड चुसवा रहे थे...वो दोनों बीच में थे...
मैं उनके पास पहुँची और पूजा की पीठ पर हाथ रखती हुई बोली,"पूजा, उधर खिसको...लेटना है हमें.." पूजा मेरी बात सुन लंड से मुंह हटा सीधी हुई और मुस्काती हुई बोली,"ओके दीदी..." जबकि श्याम मेरी नंगी गोरी जिस्म को देखे जा रहे थे जिसे एक काले भुजंग और चौड़ी छाती वाले नंगे मर्द ने पीछे से पकड़ सहला रहा था...उसका काला लंड मेरी गांड़ के नीचे से होती ऊपर की तरफ घूम के गोरी बूर पर ठुनके लगा रहा था...
श्याम खिसकने के बजाए उठ गए और पूजा को अपनी जगह पर लिटाते हुए बोले," तू भी बहुत सेवा की अपने मुख से...अब अपनी बूर से मेरे लंड की सेवा कर मादरचोद पूजा रंडी..." पूजा के साथ साथ मैं भी उसके बगल में हल्की हंसी हंसती लेट गई...
फिर दोनों एक साथ अपना-2 लंड पकड़ हम दोनों की बूर पर रख रगड़ने लगा...अपना लंड रगड़ते हुए वो काला आदमी पूछा,"और तेरा क्या नाम है कुतिया..? " मैं लंड की गरमी बूर पर पा आहें भरती हुई "सीता" बोली...
तभी श्याम बोले,"ये दीदी कहती है तुम्हें...तुम दोनों सगी बहन हो या फिर धंधे में बनी हो..." हम दोनों की तो हंसी भी निकल रही थी कि शाला कितना एक्टिंग करता है...इसे तो फिल्मों में रहना चाहिए... तभी पूजा सिसकती हुई बोली,"हाँ,हम सगी बहन हैं..."
पूजा की बात खत्म होते ही दोनों मर्द एक साथ मेरे शरीर पर दबाव डालते अपना लंड जड़ तक पेल दिए...हम दोनों एक साथ चीख पड़ी...ये सच्ची वाली दर्द की चीख थी...अपने दर्द को कम करने मैं और पूजा एक दूसरे को किस करने सगी...
"तभी तो शाला मैं कन्फ्यूज हो गया चूज करने में...वाह मजा आ गया यार...हम दोनों एक ही बेड पर दो सगी रंडी बहन को चोद रहा हूँ..." मजे में डूबता वो काला आदमी मेरी बूर में धक्का लगाते हुए बोला...
"हाँ यार..और शाली अपनी बूर का भी काफी मेंटेन करती है..इतनी कसी बूर आज तक किसी रंडी की नहीं देखी..." श्याम बगल में पूजा को धक्के मारते हुए बोले...जिससे वो आदमी हाँ में अपनी सहमति कर दी...
कुछ देर तक इसी तरह मैं और पूजा चीखनी बंद कर, सिसकती हुई चुदती रही..और दोनों मर्द एक साथ गाली बकते हुए चोदे जा रहे थे...हर धक्के पर बेड चरमरा जाती थी...नीचे की चादर कब सिमट गई मालूम नहीं..हम दोनों अब बेड की लकड़ी पर थी जो चुभ रही थी...पर ये चुभन बूर में डाती लंड के माफिक कुछ भी नहीं थी...
तभी अचानक से मेरा ग्राहक मेरी बूर से अपना लंड खींचा और बेड से उतर गया..मैं उसकी तरफ प्यासी नजरों से देखने लगी कि क्यों चला गया...फिर वो अपनी पेंट से एक 500 का नोट निकाला और वापस आते ही मेरी बूर में लंड पेलता हुआ बोला,"आज मैं बहुत खुश हुआ तेरे से...ले अपना इनाम..." और फिर उसने 500 का नोट मेरे मुंह में फंसा दिया...मैं नशीली आँखों से मुस्काती हल्के दांतो से नोट दबा ली...
उधर श्याम भी देखा देखी एक 500 का नोट पूजा के भी मुंह में फंसा दिए...अब हम दोनो रंडी के मुंह में बूर की इनाम थी...और फिर लगे दोनों धड़ाम-2 शॉट मारने...हम दोनों की नस ढ़ीली हो गई करारे शॉट से...
काफी देर तक पोज बदल बदल कर चोदते रहे...कभी कुतिया बनाकर तो कभी घोड़ी बनाकर...कभी मुझे नीचे करते तो कभी खुद नीचे रहते...इन सब के दौरान नोट एक बार भी मुंह से नहीं हटाई...जिससे वो दोनों और जोश से पेलते...
अंततः उनका पतन हो ही गया...जीत की पतन थी ये...एक साथ दोनों चीखते हुए हम दोनों की बूर में अपना पानी उड़ेलने लगे...बूर में जाती गर्म पानी से हम दोनों पूरी तरह बेहोश हो गई और नोट मेरे मुख से निकल गालों बगल में गिर गई...पूजा भी बेहोश हो गई थी...
और हम दोनों बेहोशी की हालत में ही फ्रेंच किस कर रही थी..और दोनों मर्द पूरा लंड खाली करने के बाद औंधें मुँह लद गए हमारे शरीर पर...काफी देर तक सुस्ताने के बाद जब हम सब उठे तो वो काला आदमी मेरे होंठों पर किस करता हुआ थैंक्स बोला...पता नहीं क्यों...शायद आज वो पूरी तसल्ली से चोदा और खुश हुआ इसलिए...
फिर वो अपना कपड़े खोज पहनते हुए बोला,"गजब की हो यार तुम दोनों...लग ही नहीं रहा था कि रंडी चोद रहा था आज...बिल्कुल बीवी या gf की तरह महसूस हो रही थी...एक ही बार में पस्त कर दी...अब तो 5 दिन तक आराम से मस्ती में रहूँगा..."
श्याम भी हाँ कहता हुआ अपने कपड़े पहनने लगे..हम दोनों भी मुस्काती हुई उठी और कपड़े पहनी और सब साथ निकल गए...
_____[....क्रमशः]_____
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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