Monday, December 1, 2014

FUN-MAZA-MASTI एक भाई ऐसा भी -12

FUN-MAZA-MASTI

 एक भाई ऐसा भी -12

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अब आगे
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और चादर निकलते ही जो सीन सारिका ने देखा, उसकी तो शायद उसने कल्पना भी नही की थी...केशव की सग़ी बहन और उसकी पुरानी सहेली काजल घोड़ी बन कर अपने खुद के भाई का लंड चूस रही थी..

और अपने उपर से ऐसे चादर निकल जाने के बाद मस्ती मे आँखे बंद करके लंड चूसती हुई काजल ने आँखे खोली और सामने डर और आश्चर्य के भाव लिए अपने भाई के चेहरे को देखा, जो कभी उसको और कभी उसके पीछे खड़ी सारिका को देखकर ये सोच रहा था की अब क्या होगा..

केशव को ऐसे हैरान -परेशान देखकर और उसकी आँखो का पीछा करते हुए जैसे ही काजल ने अपने पीछे खड़ी सारिका को देखा तो उसे सब समझ मे आ गया..

इसका मतलब उसकी एंट्री ग़लत टाइम पर हो गयी...केशव और सारिका के बीच पहले से ही चुदाई का खेल चल रहा था...वो ऐसे ही बीच मे घुस आई..

और सबसे बड़ी बात, सारिका ने उसे रंगे हाथों पकड़ भी लिया...वैसे देखा जाए तो सारिका भी नंगी-पुँगी खड़ी थी और वो भी चुदाई करते हुए रंगे हाथो पकड़ी गयी थी..पर यहाँ मसला वो नही था..

यहाँ प्राब्लम ये थी की काजल पकड़ी गयी थी , अपने भाई के लंड को चूसते हुए..

सारिका : "काआआजल ......तुम !!!!!!!!!!!!!......और वो भी अपने भाई के साथ .......''

तब तक काजल संभल चुकी थी...और ये भी सोच चुकी थी की उसे कैसे वो सिचुएशन हेंडल करनी है..

केशव भी समझ चुका था की कोई बड़िया वाला सीन होने वाला है वहाँ पर..

सारिका के गुस्से का काजल ने बड़े ही प्यार से जवाब दिया..: "हाँ ....मैं ...क्यो....इतनी परेशान क्यो हो रही है तू मुझे ये सब करते देखकर..''

सारिका : "मतलब....तू ये भी नही जानती की मैं परेशान क्यो हूँ ...तू मेरे बाय्फ्रेंड के साथ, और उसके भी उपर अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है...तुझे शर्म नही आती...''

काजल : "पर ये सब तो मैं तेरे कहने पर ही कर रही हू..''

अब हैरान होने की बारी सारिका के साथ-2 केशव की भी थी..

सारिका : "मेरे कहने पर ???? क्या मतलब है तेरा..!!!''

काजल : "तुझे याद है, तूने ही एक बार कहा था की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को आपस मे शेयर करेंगे...फिर चाहे वो बाय्फ्रेंड हो या हसबैंड ''

सारिका (दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए) : "हाँ ...याद है...पर वो तो 2 साल पहले की बात है...और वो बात अलग थी...यहाँ तो तू अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है..''

काजल : "देख...मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता की तेरा बाय्फ्रेंड कौन है....अगर तेरा बी एफ एक रिक्शा चलाने वाला भी होता तो भी मैं यही करती, मेरा भाई है, तब भी मैं यही कर रही हू...''

सारिका का तो दिमाग़ ही चकरा गया उसकी दलील सुनकर...और केशव मन में अपनी बहन की तारीफ किए बिना नही रह पाया..

काजल : "पिछली बार जब मैने तुम दोनो को रंगे हाथ पकड़ा था तो मुझे भी ऐसे ही शॉक लगा था...हमारे बीच भले ही बातचीत बंद है, पर मैं अपने वादे को आज तक नही भूली हू...जैसे की मैं अब तक अपनी दोस्ती को भी नही भूली...तुझे अपनी दोस्ती और वो वादा याद दिलाने के लिए ही मैने ये सब किया है..''

काजल ने बड़ी ही चालाकी से सारिका का ध्यान अभी के इन्सिडेंट से हटा कर अपनी दोस्ती के इमोशनल पॉइंट की तरफ कर दिया था..

काजल : "उस दिन ही मैने सोच लिया था की भले ही तुझे ये बात याद नही है, पर मैं अपनी दोस्ती में किया हुआ वो वादा नही भूलूंगी, जो हमने एक साथ किया था...की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को ऐसे ही खुश करेंगे, जैसे खुद के पार्ट्नर को करते हैं...मुझे भी पता है की अपने भाई के साथ ये सब करना ग़लत है, पर मेरे लिए भाई से बढ़कर अपनी दोस्ती में किया हुआ वादा है...जो शायद तू भूल चुकी है...अपनी दोस्ती की तरह..''

इतना बहुत था सारिका की आँखों से पश्चाताप के आँसू निकालने के लिए..

सारिका रोती हुई उसकी तरफ आई और नंगी ही उसके गले से लिपट कर फूट-2 कर रोने लगी

सारिका : "मुझे माफ़ कर दे काजल....मैने तुझे कितना ग़लत समझा.... पहले भी मेरी ही ग़लती थी...वरना तुझ जैसी सहेली को खोकर मुझे भी अच्छा नही लगा...मुझे माफ़ कर दे काजल..''

सारिका के गले लगते हुए काजल का चेहरा केशव की तरफ था...और वो एक कुटिल हँसी हंसकर उसे आँख भी मार रही थी..

अचानक केशव ने काजल को इशारा किया की वो दोनो आपस मे कुछ करे...क्योंकि उसने पिछली बार ही सोच लिया था की दोनो सहेलियों को एक साथ चोदेगा ...और वो शायद जल्द ही होने भी वाला था...पर उससे पहले वो उन दोनो का लेस्बियन सेक्स देखना चाहता था, जो आज तक उसने सिर्फ़ मूवीस मे ही देखा था..

काजल ने बुरा सा मुँह बनाया पर केशव ने रोता हुआ चेहरा बना कर अपने दोनो हाथ उसके आगे जोड़ दिए...और फिर अपने खड़े हुए लंड को उसकी आँखो के सामने लहराकर उसे वो लालच भी दिया, जिसके लिए वो जाने कब से तड़प रही थी...

काजल ने भी सोचा की ये भी ट्राइ कर ही लेना चाहिए...हालाँकि दोनो सहेलियों में पहले काफ़ी खुलकर बात होती थी..पर दोनो ने एक दूसरे के अंगो को कभी टच नही किया था और ना ही एक दूसरे को कभी नंगा देखा था...पर आज काजल ने सारिका को नंगा देख ही लिया था..और अब केशव के कहने पर उसे भी उसी की तरह नंगा होकर खेल खेलना था अपने भाई को खुश करने के लिए..

काजल ने एक गहरी साँस ली और उसके दोनो हाथ सरकते हुए आगे की तरफ आए और उसने सारिका के दोनो मुम्मे पकड़ लिए...और अपनी उंगलियों से उसके निप्पल्स पकड़कर होले से सहला दिए..

सारिका : "अहह ..... क्या कर रही हो काजल ...''

काजल : "एक नयी दोस्ती की शुरूवात...''

सारिका ने उसको सवालिया नज़रों से देखा...और फिर एक नज़र केशव पर डाली...उसने भी गर्दन हिला कर और पलकें बंद करते हुए अपनी सहमति दे दी..की करने दे, जो काजल करना चाहती है..उसके बाद सारिका ने कुछ नही कहा और बस देखती रही की आख़िर काजल कहाँ तक जाती है..

काजल ने सारिका के सिर के पीछे हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों को ज़ोर-2 से चूसने लगी..

ये काम काजल हमेशा से करना चाहती थी...जब वो दोनो पक्की सहेलियाँ थी तब वो हमेशा ही सारिका की सुंदरता की प्रशंसक रही थी...वो खुद उसे चूमना चाहती थी..उसके नंगे जिस्म से खेलना चाहती थी...पर ऐसा मौका ही नही मिला कभी...सिर्फ़ बातें होती थी दोनो के बीच सेक्स को लेकर...एक दूसरे के बाय्फ्रेंड को शेयर करने के बारे मे..पर जब तक बात आगे बड़ पाती, दोनो मे झगड़ा हो गया और बातचीत बंद हो गयी...ये तो अच्छा हुआ की आज वो ऐसी परिस्थिति मे आकर सारिका के नंगे जिस्म से फिर से मज़े ले पा रही है..वरना ऐसा कुछ वो कर पाएगी, उसने सोचा भी नही था...और उपर से केशव ने भी काजल को उकसा दिया था..इसलिए वो अपने भाई की मरजी की आड़ मे अपनी दबी हुई इच्छा को पूरा कर रही थी.

काजल तो सारिका के नर्म होंठों को ऐसे चूस रही थी,जैसे आज का दिन उसकी जिंदगी का आख़िरी दिन है...उसके होंठ, गाल,आँखे,गर्दन...सभी को बुरी तरह से चूम और चाट रही थी...और फिर वो उसके मदमस्त स्तनों के उपर आकर रुक गयी...अपने दोनो हाथों में लेकर उनका वजन नापा और बोली : "काफ़ी बड़े हो गये है ये पहले से...लगता है भाई काफ़ी मेहनत करता है इनपर...''

यही बात कुछ देर पहले केशव ने भी कही थी...और अब काजल भी कर रही थी...दोनो भाई-बहन के विचार कितने मिलते-जुलते थे...सारिका ये सोच ही रही थी की काजल ने उसके मुम्मो पर फिर से हमला कर दिया..और उन्हे नींबू की तरह निचोड़कर उभरे हुए निप्पल्स को मुँह मे लेकर ज़ोर-2 से चूसने लगी..

''अहह ......... धीईईईरए ..........काजल ................... तू तो केशव से भी आगे निकल रही है............... अहह ....इतनी ज़ोर से तो वो भी नही चूसता ...............''

पर काजल ने उसकी एक ना सुनी और उसकी गोलाइयों के साथ नोच-खसोट करती रही....

सारिका के हाथ उसकी पीठ पर थे...और जैसे ही काजल ने एक बार फिर से उसके निप्पल पर दाँत मारा, सारिका जोर से चीख पड़ी और उत्तेजना मे भरकर उसके हाथ काजल की ब्रा स्ट्रेप पर ज़ोर से कस गये और उसने उन्हे अपनी तरफ खींच डाला...और उसकी ब्रा के पिछले हुक इस बेदर्द हमले को झेल नही पाए और वो टूटते चले गये..

पर काजल पर इसका कोई असर नही था...वो अपना काम करती रही..

सारिका ने भी आवेश मे आकर उसके सूट की कमीज़ को पकड़कर उपर खींच दिया और गले से घुमा कर निकाल दिया..ब्रा तो पहले से ही टूट चुकी थी...इसलिए वो भी सूट के साथ-2 बाहर आ गयी...और अब काजल उपर से नंगी होकर सारिका के मुम्मे चूस रही थी..


सारिका का ध्यान अब केशव की तरफ गया...वो देखना चाहती थी की अपनी बहन को ऐसे उपर से नंगा देखकर वो भला क्या करता है...सारिका के हिसाब से तो आज ये भाई बहन पहली बार ही एक दूसरे को ऐसे नंगा देख रहे थे...उसे क्या पता था की पिछले कुछ दिनों से दोनो के बीच क्या-2 हुआ है और वो दोनो कहाँ तक निकल चुके हैं...भले ही उनके बीच चुदाई नही हुई, पर बाकी के सब काम वो अच्छी तरह से कर चुके थे..

सारिका ने देखा की काजल को टॉपलेस देखकर केशव के हाथ अपने लंड पर और तेज़ी से सरकने लगे और वो उन्हे ज़ोर-2 से मसलकर अपने लंड को खुश करने मे जुट गया..

सारिका ने सोचा की जब इन दोनो भाई-बहन को कोई प्राब्लम नही है तो वो क्यो पीछे रहे...वैसे भी किसी लड़की ने आज पहली बार उसको इस तरह से उत्तेजित किया था..और अपने प्रेमी के सामने वो किसी से ऐसे मज़े ले, ये बात भी उसे अंदर से उत्तेजित कर रही थी..

उसने काजल का नाड़ा खींच कर उसकी सलवार भी निकाल दी...


केशव की नाज़रों के सामने पहली बार एक साथ 2-2 जवान लड़कियाँ नंगी थी...जो उसकी फॅंटेसी रही थी हमेशा से...वो उन दोनो को एक दूसरे से गुत्थम - गुत्था होकर चूमा चाटी करते देखकर बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था..वो चाहता तो अभी के अभी बीच मे कूद कर दोनो से अच्छी तरह के मज़े ले सकता था..पर पहले वो उन दोनो का लेस्बियन सेक्स देखना चाहता था.

काजल भी अपने दिल की दबी हुई इच्छाओं को पूरा करती जा रही थी...सारिका के मुम्मे चूसने के बाद वो धीरे-2 नीचे बैठ गयी और उसकी चूत पर अपने नर्म होंठ रखकर उन्हे चूसने लगी..


''अहह .... ओह सारिका ......................... आई विल डाई ...... मत करो ऐसे .....''

सारिका का वो वीक पॉइंट था...उसकी चूत को केशव जब भी चूसता था तो सारिका का बुरा हाल हो जाता था...और यही काम अब उसकी बहन उसके साथ कर रही थी..

सारिका दीवार से जा कर सट गयी और आराम से अपनी चूत चटवाने का मज़ा लेने लगी..

उसका सिर इधर-उधर घूम रहा था...मज़ा ही ऐसा मिल रा था उसको की वो तो जैसे आसमान पर उड़ती जा रही थी..

काजल ने अपनी एक-2 करते हुए चारों उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर उतार दी...और अंदर बाहर करती हुई,जीभ से चाट्ती भी रही ...ऐसा सुखद एहसास एक लड़की ही एक लड़की को दे सकती है...


सारिका अपने होंठों को दांतो तले दबाकर मज़े ले रही थी..

वो झड़ने के करीब पहुँच गयी...पर सारिका ये मज़े दूर तक लेना चाहती थी..

उसने काजल को उपर खींच लिया और उसके चूत के रस से भीगे होंठों को मुँह मे लेकर चूसने लगी...साथ ही वो उसके दोनो मुम्मो को भी दबा रही थी...ऐसा सीन देखकर केशव का बुरा हाल हो रहा था..पर वो दोनो तो जैसे अब केशव के बारे मे भूल ही चुकी थी...दोनो बस आपस मे मज़े लेकर ही एक दूसरे के अंदर समा चुके थे..

अब सारिका की बारी थी....उसने काजल को घसीट कर साइड में बनी एक शेल्फ के उपर चड़ा दिया और उसकी टांगे फेला कर अपने होंठ वहाँ लगा दिए...


आज उसका भी ये पहला मौका था किसी की चूत चूसने का..पर वहाँ होंठ लगते ही उसे जब चूत के रस के स्वाद का एहसास हुआ तो उसके बाद वो रुकी ही नही...और अपनी जीभ निकाल कर अंदर तक चूसने लगी...चाटने लगी..

काजल भी एक हाथ से अपने मुम्मे को और दूसरे से सारिका के बालों को सहला कर आँखे बंद करके सिसकारियाँ मारने लगी..

''ओह ...सारिका ...............माय डार्लिंग .................... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ...... कहाँ थी इतने दिनों से ................... अहह .....सकक्क मी बेबी .................अंदर तक चूसो मुझे ............अहह ...बहुत मज़ा आ रहा है ....... बहुत अच्छा चूस रही हो तुम ...''

काजल के मुँह से अपनी कला की तारीफ सुनकर वो और भी बावली सी होकर अपनी सहेली को मज़ा देने लगी...

और फिर जल्द ही काजल की सिसकारियाँ चीखों मे बदलने लगी...क्योंकि वो झड़ने के करीब आ गयी थी...


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