FUN-MAZA-MASTI
मालती एक कुतिया --3
“जानेमन.... अब तू मेरी है... सिर्फ मेरी”
रूम नंबर 21669 में ठाकुर अपनी नई रांड, मालती को चूमता हुआ बोल रहा था!
रूम नंबर 21669, यही था मालती का नया पता! पिछले 15 दिनों से मालती इसी सूट में थी! ठाकुर दिन में कम से कम एक बार मालती से मिलने जरूर आता था!
“हाँ ठाकुर जी..... अब मैं सिर्फ आपकी हूँ....” कामुक अंदाज में मालती ठाकुर के गले में हाथ डालती हुई बोली!
इन 15 दिनों में ठाकुर ने मालती को बहुत से सपने दिखाए थे!
“और कितने दिन मुझे यहाँ रहना होगा?”
“तुझे यहाँ कोई परेशानी है क्या?
“नहीं मैंने ऐसा कब कहा... पर फिर भी... कब तक रहूंगी मैं यहाँ...”
“हाँ.... सही कह रही है... कब तक रहेगी तू यहाँ!”
“वो आप कुछ देहरादून वाले होटल की बात कर रहे थे.....”
“हाँ मेरी EDITED..... तू ही है उसकी मनेजेर! कल हम वही चल रहे है....”
“सच्ची....” मालती खुश थी.... वो फिर से अपनी जिन्दगी जीने जा रही थी... एक आजाद तितली की तरह
“हाँ मेरी जान सच्ची”
मालती ने ठाकुरके चेहरे पे 4-5 किस जड़ दिए.... ठाकुर मालती को देख रहा था...
किसी ने सच ही कहा है.... सेक्स औरत को और अधिक ख़ूबसूरत बना देता है! मालती भी दिन ब दिन माल होती जा रही थी! चुदक्कड माल! रमीज ने उसके जिस्म पे खूब मेहनत की थी! रमीज के बाद अब ठाकुर भी कुछ कम वर्कआउट नहीं कर रहा था EDITED पर!
इन 15 दिनों में ठाकुर ने मालती को अपनी ठकुरई का दीवाना बना दिया था..... मालती ने ठाकुर के लिए वो सब कुछ किया जो एक औरत मर्द को खुश करने के लिए कर सकती है! और फिर ठाकुर ये सब डिजर्व भी तो करता था... मालती को नइ जिन्दगी देने वाला वो ही तो था!
ठाकुर भी खुद पे गर्व महसूस कर रहा था.... रंजन मिश्रा की बीबी अब उसका बिस्तर जो गरम करती थी... (रंजन दिमाग का तेजा था... इन सब के सर पे पैर रख कर तरक्की की थी उसने.... शहर में दोस्त से जादा दुश्मन बनाये थे उसने, अब उसे नहीं चोद सके तो उसकी बीबी ही सही)
ठाकुर और मालती चुदाई ख़तम करके एक दुसरे की बाहों में लेटे थे!
“कल देहरादून चल रहे हैं हम... सुबह जल्दी तैयार रहना...”
“जैसी आपकी आज्ञा ठाकुर जी”
ठाकुर मुस्कुराया और मालती की गांड पे धीरे से चपेट मारी, “बड़ी मस्ती सूझ रही है आज कल तुझे”
अच्छा सुन.... “देहरादून का होटल अभी मेरे पापा देख रहे हैं... उनकी उम्र हो गई है... तो मैं चाहता हूँ की अब तू वहाँ मनेजर बन जा... कोई अपना देखने वाला होना चाहिए..... अब तू तो जानती ही है... इतने सारे होटल हैं... मैं नहीं चाहता की बिजनेस लोस में जाए! वहां सारा स्टाफ पहले से है... बस तू वहाँ ऑफिस में ज्वाइन कर ले....एज बॉस! पापा हरिद्वार जाने का बोल रहे है... अब तू ही वहां की मालकिन है! देहरादून में एक सरकारी बंगला भी लीज़ पे मिला हुआ है हमें... तो तू वहां आराम से रह सकती है!”
मालती सुन रही थी....
“समझ रही है न.... मुझे पता है तू संभाल लेगी”
“पर ध्यान रखियो... गलती बर्दाश्त नहीं है मुझे”
मालती: “उम्म ठाकुर जी... पर मैं आपके बिना....”
ठाकुर: “हाँ भोसड़ी की... तूने अभी तक की जिन्दगी मेरे साथ ही तो गुजारी है जैसे...”
“अरे परेशान मत हो... मैं तुझसे मिलने आ जाया करूँगा”
ठाकुर ने मालती का सर पकड़ के अपने लंड के सामने कर दिया..... मालती ने ठाकुर के अन्डू मुह में भर लिए..... ठाकुर नीचे शेव नहीं करता था!
एक बार फिर से चुदाई हुई!
और फिर ठाकुर मालती को कमरे में छोड़ कर घर चला गया!
आज सोमवार का दिन था.... अफजल आज भी पार्क के सामने इस आस में खड़ा था की मालती आएगी! हाहा... पर उस बेचारे को क्या पता था कि मालती अब कभी नहीं आने वाली!
टोयोटा फोर्चुनर की ड्राइविंग सीट पर ठाकुर था... और बगल वाली सीट पर मालती! दोनों देहरादून जा रहे थे! मालती एक्साइटेड थी! ठाकुर को मलाल था मालती को अपने से दूर करने का.... पर ठाकुर कब तक उसके और अपने रिश्ते को दुनिया से बचाता.... वो बात नहीं थी कि ठाकुर के किस्से लोगों को पता नहीं थे... पर फिर भी वो खुद को एक इज्ज़त दार हरामी मानता था, और वो था भी!
लगभग 5 घंटे के सफ़र के बाद गाड़ी होटल के गेट पर घुस रही थी! गार्ड ने गेट पर सल्यूट ठोंका!
गाडी से उतरते ही होटल की हॉस्पिटैलिटी टीम की मेनेजर प्रिया ने दोनों क ग्रीट किया! प्रिया ही अभी यहाँ का काम देख रही थी! (ठाकुर का बाप एक न. का नशेड़ी और आलसी था... वो कभी कभी थी होटल आता था! अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना उसका टाइमपास था!)
अन्दर जाते ही ठाकुर ने मालती को उसका ऑफिस दिखाया... और बाकी स्टाफ को बुलाकर सबको ये बताया की आज से मालती ही यहाँ की मनेजर है!
फिर यहाँ से निकल कर ठाकुर मालती को उसके नए घर पे ले गया! और मालती को घर पर छोड़ कर् वापस घर को निकल लिया, जाते जाते जल्दी वापस आने का वादा जरूर कर गया! इस घरमें मालती के साथ प्रिया भी रहेगी!
मानसी... अब तक 19 साल की हो चुकी थी, इसी साल उसने XXXX यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में पोलिटिकल साइंस में एडमिशन लिया था! अपनी निजी जिन्दगी के चलते मालती ने उसे हमेशा अपने से दूर ही रखा! हैदराबाद में मानसी को अब अच्छा लगने लगा था!
मानसी... कॉलेज के लड़कों में उसके कॉलेज के पहले दिन से ही चर्चे हो गए थे! अब उन बेचारों का भी क्या कसूर वो थी ही इतनी माल... 5’6 की हाईट... जो की आम लड़कियों से उसे अलग करती थी... अपनी माँ पर गई थी बिलकुल..... जब वो चलती तो नजरें उसकी मटकती गांड पर होती.... चाल ऐसी कि उफ्फ.... क्या बताऊँ.... 32b 26 34 फिगर... उसे कॉलेज की मोस्ट एलीजिबल रांड बनता था! बॉयज हॉस्टल में न जाने कितने लड़कों के लैपटॉप और मोबाइल के वॉलपेपर पे उसकी फोटो होती थी! अभी कॉलेज में आये 2 महीने ही हुए थे! अपनी क्लास के लड़के उसे बिलकुल मग्घू लगते थे! दिव्या और तनीषा..... इन दो महीनो में दो सहेलियां बनी थीं उसकी... वो भी मानसी की तरह ही माल थीं.... दिव्या... जो कि नासिक से थी...उसका नासिक में ही एक बॉयफ्रेंड था! और तनीषा... वो मस्त लड़की थी.... आजतक रिलेशनशिप के चक्कर में कभी नहीं पड़ी.... ! तीनो एक साथ पीजी में रहती थीं...! मानसी को स्कूल टाइम से ही बहोत से लड़कों ने प्रपोज़ किया था... पर ऑफिशियली उसने किसी का भी प्रोपोजल एक्सेप्ट नहीं किया था! उसका एक क्लोज फ्रेंड था स्कूल में.... पर किस्सी के आगे उसने उसे कभी बढ़ने नहीं दिया था!
तीनो एक नंबर की चालू लड़कियां थी.... कॉलेज आते ही पहले हफ्ते में... एक-एक पिल्ला तीनो ने बुक कर लिया था....क्लास के ही तीन चूतिये... उनके पैसों से कैन्टीन-ब्यूटीपार्लर का खर्चा निकाल लेती थी तीनो... वो भी बिना एक किस दिए! किस तो दूर- हाथ तक नहीं लगाने दिया था उन चूतियों को! बस पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय बना रखा था! वो बेचारे भी क्या करते- हुस्न है ही ऐसी चीज़- जो न कराये वो कम है! लड़कों के मामले में तीनो की अपनी पसंद थी! हो भी क्यों न... डिमांड जो इतनी थी! किसी ने ठीक ही कहा है- डिमांड भाव बढ़ा ही देती है! दिन में कॉलेज में मस्ती करना.... फिर पीजी में आके दिव्या अपने बॉयफ्रेंड के साथ फ़ोन पर लग जाती थी! और तनीषा और मानसी- दोनों फेसबुक में! डेली की 20-30 फ्रेंड रिक्वेस्ट! चम्पू से लेकर डैशिंग ड्यूड तक सब रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने का इंतज़ार करते रहते! और तनीषा और मानसी.... किसकी एक्सेप्ट करें किसकी न करें.. इसी में कन्फ्यूज रहती थीं! एक दो चूतियों ने डायरेक्ट अप्रोच भी किया था... पर उन्हें वो लड़के नहीं चाहिए थे! जादा डिमांड वाली लड़की को जादा डिमांड वाला लड़का ही पसंद आता है! एक दो लड़कों को स्पॉट किया था दोनों ने... पर उन्होंने तो जैसे उन्हें भाव ही नहीं दिया! कॉलेज में होके बॉय-फ्रेंड नहीं बना तो कॉलेज में पढना ही वेस्ट है! डेली का यही रुटीन होता था दोनों का... एक दो नमूनों से चैट भी होती थी... अब टाइमपास के लिए कोई तो चाहिए न! अगले महीने कॉलेज में फेस्ट है... और फेस्ट का जनरल-सेक्रेटरी कौन होगा... इसका डिसीजन अभी तक नहीं हुआ है... फाइनल इयर का हर भौकाली लड़का जनरल-सेक्रेटरी बनना चाहता है! इस रेस में कई घोड़े दौड़ रहे थे! पिछले 2-4 हफ़्तों में दो चार बार हॉकी चल चुकी थी.. 5-6 के सर भी फुट चुके थे! आप सोच रहे होंगे की जेन सेक के लिए इतना सब कुछ? वो इसलिए क्योंकि जेन-सेक(जनरल सेक्रेटरी) बनने के कई फायदे थे, कॉलेज फण्ड से पैसे कमाने का ये एक मात्र तरीका था... जेन-सेक आराम से 4-5 लाख रुपये तो निकाल ही लेता था! उसके अलावा जेन सेक का जो भौकाल होता था वो अलग! दूसरे कॉलेज की माल बंदियों से इंटरेक्शन होता था वो अलग! कोई भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहता था! राजन प्रताप सिंह... जिसे पूरा कॉलेज “राका” के नाम से जनता है...उसने आखिर इस रेस को जीत ही लिया! राका... कॉलेज की स्टूडेंट काउन्सिल का हेड भी है! राका- कॉलेज की वन ऑफ़ द फेमस पर्सनालिटी... आल राउंडर था वो! फुटबॉल और स्विमिंग में पूरे कॉलेज में उसका मुकाबला करने वाला कोई नहीं था! 5’11 इंच हाईट... और जॉन अब्राहम टाइप बॉडी! लड़कियां जान छिड़कती थी उसपे, और वो भी कोई मौका हाथ से जाने नहीं देता था :P ! माल सेट करने के मामले में राका का कोई मुकाबला नहीं था! राका डीन के ऑफिस से निकला ही था... की उसके दोस्तों ने सवालों की झड़ी लगा दी... क्या हुआ? क्या हुआ? पास हुआ प्रोपोज़ल? बोल न.... राका के मुस्कुराते ही सारा माहौल ख़ुशी में बदल गया! उसके दोस्तों ने उसे कंधे पे उठा लिया! सब नाच रहे थे! ख़ुशी मन रहे थे.. राका के जेन सेक बनने की! राका और उसके ख़ास दोस्त... अफाक, हर्षित और दीपाली स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में बैठे थे! दीपाली टेबल पर बैठी थी.... और राका उसके सामने कुर्सी में..... दीपाली की जाँघों को अपने हनथो से सहला रहा था.... दीपाली ने आज मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी.... हरर्षित और अफाक भी पास में भी बैठे थे... और आगे की प्लानिंग कर रहे थे! नहीं नहीं..... गलत मत समझिये.... दीपाली राका की गर्लफ्रेंड नहीं है.... ! हाँ वो राका के पीछे जरूर पड़ी है..... जिसका फायदा राका उठा रहा है....!
अफाक- राका.. आगे क्या प्लानिंग करनी है?
राका- (दीपाली की जांघ पर हाथ फिराते हुए..) अबे यार हो जाएगी प्लानिंग... मैं तो ये सोच रहा हूँ... की फर्स्ट इयर से कौन कौन सी माल लौंडियों को अपनी कोर टीम में लूं! हर्षित- हाहा.... मैं भी तब से यही सोंच रहा था....
राका- साले तू क्या सोच रहा था? जेन सेक मैं हूँ या तू...?
हर्षित- अरे मेरा मतलब वही था यार...
अफाक- भाई देख... कोई हो न हो... दो लड़कियां तो होनी ही चाहिए कोर टीम में...
हर्षित- कौन दो बे?
अफाक- अबे वही दो बे.... जिनके पास अभी भी भाई की फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग है... और हर्षित अफाक और दीपाली तीनो जोर जोर से हसने लगे...... राका- चल बे... बहोत ले ली तुम लोगो ने मेरी... अब बस भी करो! (दरअसल हुआ ये था... की जब राका को तनीषा और मानसी के हुस्न का दीदार हुआ तो उसने भी रिक्वेस्ट भेजी थी.... जो कि अभी तक दोनों ने एक्सेप्ट नहीं की थी) राका- हर्षित तुम स्पोंसोर्स का काम देखोगे... 4 लोगों की टीम बनाओ और जिसे भी अपनी टीम में रखना है रख लो.... और अफाक ... तुम प्रमोशन का काम देखोगे... तुम भी 4 लोगों की टीम बनाओ, और हाँ उन दोनों को मेरी टीम के लिए छोड़ देना.... फिर चारो हसने लगे..... दीपाली- मैं भी कुछ करना चाहती हूँ... राका- हाँ दीपा डार्लिंग..... मेरा भी करने का बहोत मन कर रहा है राका, हर्षित और अफाक जोर से हँसे.... दीपाली- क्या राका .... तुम मेको कभी तो सीरियसली ले लिया करो.... राका- यार जब भी लेता हूँ सीरियसली ही लेता हूँ... तू भी न दीपाली- राका.... मैं उसकी बात नहीं कर रही... राका- ओह दीपा.... अब दिमाग मत खा मेरा... बहोत काम है मेरे पास.. कुछ करना ही है तो अभी यहाँ से चली जा... दीपाली- ठीक है जा री हूँ... राका- ओहो.... जानेमन... अभी कहाँ जा रही है... जा तो हर्षित और अफाक रहे हैं! हर्षित और अफाक राका का इशारा समझ गए, और राका के मजे लेते हुए निकल लिए! अब SAC(स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर) में केवल राका था... और उसके साथ थी दीपाली.... कम समय का सही उपयोग करते हुए.... राका ने दीपाली को 15 मिनट में ही रगड़ डाला! और फिर दीपाली SAC में राका को अकेला छोड़ कर चली गई! दीपाली के जाते ही, हर्षित और अफाक अन्दर आ गए! हर्षित- भाई मैंने नोटिस लगवा दिया है कि जो भी फेस्ट में वालंटियर करना चाहता है तेरे से कांटेक्ट करे, साथ में तेरा ईमेल एंड नंबर भी दे दिया है! राका- नाईस जॉब! बाकी प्लानिंग डिस्कस करने के बाद तीनो हॉस्टल चले गए!
राका अभी जिम से लौटा था... आज वो अपना फोन जिम ले जाना भूल गया था....
12 मिस काल्स.... अरे यार रिषभ.... इसे तो मैं बताना ही भूल गया....
राका तुरंत कालबैक करता है-
रिषभ- ओये कांग्रेट्स यार.... कहा था?
राका- थैंक्स भाई.... वो जिम में था... सेल रूम पे ही रह गया था....
रिषभ- अच्छा सुन.... आज पार्टी है... मेरे फ्लैट पे..
राका- पार्टी किस बात की? और तू दे रहा है पार्टी?
रिषभ- हाहाहा... दे नहीं ले रहा हूँ... और हाँ.... ब्लैक डॉग साथ लेके अइयो....
राका- यार ब्लैक डॉग तो मैं ले आऊंगा, पर तू कही से एक बिच का इंतजाम और कर देता तो मजा आ जाता...
रिषभ- हाहा... भाई हूँ तेरा..... वो लॉ कॉलेज वाली बंदी आ रही है.... बस पेमेंट आज तू ही करियो पूरी!
राका- ओये होए.... तू तो सच में मेरा भाई निकला....
राका शावर लेके सीधे रिषभ के फ्लैट पंहुचा......
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
रिषभ ने दरवाजा खोला....
दोनों ऐसे गले मिले कैसे बरसों बाद मिले हों.... वो दोनों हमेशा ऐसे ही मिलते थे....!
राका- कहा है बे? जसप्रीत कहा है?
रिषभ- अरे मेरे चोदू भगत.... आ रही है... अभी एक घंटे लगेंगे उसे यहाँ तक आने में..... वो आज उसका बॉयफ्रेंड आया हुआ था न मुंबई से... इसलिए देर लग जाएगी उसे आने में!
राका- हाहा...उस रंडी का भी बॉयफ्रेंड है?
रिषभ- हाहा.... अब है तो है.... क्या फर्क पड़ता है....
राका- साले आज कॉलेज क्यों नहीं आया था? बड़ा मजा आया आज...
रिषभ- हाँ पता चला मुझे.... कल से आऊंगा डेली
राका- हाहा... पता है... तू नहीं आने वाला..... दिन भर तो सोता है तू
रिषभ- अब क्या करें लोग रात में तो सोने नहीं देते...
राका- चल पेग बना....
रिषभ- अरे मेरे दोस्त इन्नी जल्दी क्या है.... अपनी रांड को तो आ जाने दो.... उसी से बन्वावेंगे पटियाला पेग!
राका- भेन्चो साले, क्या माल है वो... साली रंडी न होती तो उसे गर्लफ्रेंड बना लेता मैं!
रिषभ- हाहा... कमिटेड है साली...
राका और रिषभ दोनों हँसे!
राका का फ़ोन बजा.......
राका- हेलो...
उधर से कोई लड़की बोली- जी आप राजन सर बोल रहे है?
राका- हाँ.... आप कौन?
उधर से- सर मैं मानसी.... पोलिटिकल साइंस 1st इयर से......
राका- मानसी.... उम्म्म..... मानसी ?
मानसी- हाँ मानसी , कांग्रेचुलेशन सर....
राका- ओह थैंक यू थेंक्यू डिअर...
मानसी- सर वो मैंने नोटिस देखा... I am interested for volunteering... सो आई कॉल्ड यू!
राका- ओह... नाईस... अच्छा किया तुमने फोन करके.... मानसी... अभी मैं बिजी हूँ... कल कॉलेज में तुम मुझे SAC में मिलो... सुबह 11बजे... We will talk there...
मानसी- ओके सर.... थैंक यू वैरी मच.... ब-बाय!
राका ने फ़ोन डिसकनेक्ट कर दिया!
मानसी से बात करने भर से राका का लंड तन गया था.....
राका- अबे वो मानसी का फ़ोन था..... 1st इयर वाली
रिषभ- क्या बात कर रहा है?
राका- आये हाय... क्या सेक्सी आवाज थी..... जितना सेक्सी उसका फिगर है उतनी सेक्सी उसकी आवाज.... उफ्फ
रिषभ- चल बे.... तेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट तक तो उसने एक्सेप्ट नहीं की थी..... हाहा
राका- अब मेरा लंड भी एक्सेप्ट करेगी भाई..... उसे तो मैं बॉयज हॉस्टल में चोदुंगा.....
रिषभ- यार माल तो मस्त है साली.... एक बार मिल जाए तो माँ कसम.... कच्चा चबा जाऊं साली को!
राका- कंट्रोल कंट्रोल.... अभी तो जसप्रीत को चोदना है..... आगे की आगे देखेंगे..... (राका के मन में लाड्डो फूट रहे थे.... अभी भी अपनी जेब में हाथ डाल के लंड सहला रहा था)
टिंग टोंग... डोरबेल बजी...
डोरबेल के साथ दोनों के लंड की घंटी भी बजी..... राका जल्दी से दरवाजे की और भगा.... और दरवाजा खोला....
दरवाजा खोलते ही राका की आँखे खुली की खुली रह गई....
सामने जसप्रीत खड़ी थी... हॉट पैन्ट्स और ऊपर स्लीवलेस टॉप.... उफ्फ... बला की खूबसूरत लग रही थी... होंटों पे चेरी रेड लिपिस्टिक.... गालों पे नेचुरल लाली.... आये हाय....
जसप्रीत- ओह राका.... यू...? व्हाट एन सरप्राइज़..... रिषभ ने मुझे बताया ही नहीं...
राका... अब तक जसप्रीत के पीछे आ चूका था..... अरे जस्सो डार्लिंग.... डोंट यू लाइक सर्प्रिज़ेस? और पीछे से जसप्रीत की गांड में अपना खड़ा लंड मसलने लगा...
जसप्रीत- ओह मेरे पहले कोई और भी थी क्या यहाँ?
राका- अरे जस्सो ये तो तेरे स्वागत में खड़ा हो गया....
रिषभ- अरे मेरे भाई... अब सब दरवज्जे पे ही कर लेगा क्या? आजा मेरी जस्सो रानी...
जसप्रीत- ह्म्म्म.... आ गई रिशू... आ गई....
रिषभ- अब आ ही गई है तो पटियाला पेग भी बना दे हमारे लिए....
जसप्रीत किचेन से ग्लासेज एंड आइस क्यूब ले आई..... और राका और रिषभ के बीच में बैठ के पेग बना रही है!
राका ने एक आइस क्यूब लिया और जस्सो के टॉप पे दाल दिया.... जस्सो दोनों हाथो से उसे अपने टॉप से निकालने की कोशीश करने लगी...... तभी राका ने दारू की बोतल ली और जसप्रीत को दारू से नहला दिया..... पूरे दो खम्भे जसप्रीत के ऊपर....
जब तक जसप्रीत कुछ समझ पाती.... दोनों.... उसपे टूट पड़े....
राका की हवस आज कुछ जादा ही हाई थी.... मानसी से बात करके.... और रिषभ तो था ही हवसी!
खींचतान में जस्सी के सारे कपडे फट गए... और वो अब सैंडविच बनी हुई थी..... राका और रिषभ उसे चोद रहे थे..... बारी बरी से दोनों ने उसकी गांड भी मारी..... EDITED की गांड मारे बिना कोई कैसे रह सकता है.... दोनों ने उसे सुबह के तीन बजे तक चोदा... फिर तीनो उसी बिस्तरपे सो गए!
सुबह जस्सी ने उठ के दोनों को जगाया.....
जस्सी- मोबाइल को देखते हुए पेमेन्ट अभी तक मेरे अकाउंट में नहीं पहुची है....
रिषभ- अभी हमने भी कोण सा तेरी चूत जी भर के चोदी है...
और जस्सी फिर से रिषभ की बाहों और जाँघों के कब्जे में थी!
राका को कॉलेज जाना जरूरी था इसलिए वो निकल लिया......
(जस्सी के बारे में मैं थोडा आपको बता दूं.... जस्सी रिषभ के दोस्त की बहन है.... जो लॉ कर रही है.... सच तो यह है... की रंडापा कर रही है... शहर की टॉप रेटेड कॉल गर्ल कब बन गई उसे भी नहीं पता चला.... रिषभ और राका उसे अक्सर चोदते है.... वो भी आधे दाम पे.... भाई के दोस्त का डिस्काउंट )
उधर मानसी और तनीषा की रात बेचैनी में ही गुजरी.... दोनों एक दुसरे को राका के लिए टीज़ कर रही थीं... और आज रात दोनों ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भी एक्सेप्ट कर ली थी..... सुबह दोनों डेली से जल्दी उठ गई थी!
मानसी ने आज रेड कलर का टॉप पहना है और नीचे ब्लू कलर का जांघ के ऊपर तक का हॉट पैंट! खुले बालों में जबरजस्त लग रही थी आज! उसकी गोरी टाँगे किसी के भी लंड में अकड़ पैदा करने के लिए काफी थीं! और ये बात वो भी जानती थी! वो राका को कॉलेज के पहले दिन से ही जानती थी! पर वो राका को जानती थी.... राजन प्रताप सिंह को नहीं.... यही कारण था कि उसने राका की FB रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की थी! राका का असली नाम कम लोग ही जानते थे..... !
ठीक 11 बजे दोनों लडकियां सैक में पहुच गईं... अन्दर राका मानसी के इंतज़ार में ही बैठा था.... पर उसे ये नहीं पता था... कि मानसी, तनीषा को भी साथ लेके आएगी.... दोनों ने अन्दर आके स्माइल के साथ राका को हाय बोला.....
राका ने उन दोनों को हाय बोलकर सामने चेयर्स पे बैठने को बोला...
राका- सो तुम हो तनीषा एंड तुम हो मानसी....
दोनों चहकती हुई बोली..... हाँ सर
राका- ओह प्लीज़... देखो पहले तो ये सर बोलना बंद करो... वे अरे गोइंग टू बी इन सेम टीम.... राका बोलोगी तो अच्छा लगेगा मुझे....
मानसी- हाँ वैसे भी “राका” किसी “सर” से कम थोड़े है.... आपका तो नाम ही काफी है कॉलेज में!
तनीषा- एग्जेक्ट्ली...
राका- हाँ.... तो तनीषा और मानसी... मुझे अपनी कोर टीम में 1st इयर से केवल एक लड़की चाहिए...
दोनों के चेहरे पे मायूसी छा गई.....
राका- ओह डोंट बी सैड गर्ल्स.... तनीषा..... तुम कॉमन रूम जाओ और अफाक से मिलो... बोलो मैंने तुम्हे भेजा है..
तनीषा थोड़ी मायूसी के साथ उठी... और ओके बोल के कॉमन रूम चली गई...
अब कमरे में सिर्फ मानसी और राका बचे थे...
राका- सो मानसी... अपने बारे में बताओ कुछ.
मानसी- उमम्म..... आ.... और एक सांस में अपना पूरा फॉर्मल इंट्रो अंग्रेजी में बता डाला!
राका- (थोड़ा इम्प्प्रेस्सेड) ओह.... नाईस.... अपनी होबीज़ बताओ...
मानसी- मुझे गाना अच्छा लगता है.... मैं डांस भी करती हूँ..... स्पोर्ट्स में बास्केटबाल खेलती हूँ... और बेस्ट हॉबी.... दोस्तों के साथ मस्ती करना
राका- ओह... डांसिंग एंड सिंगिंग..... अभी कर सकती हो डांस?
मानसी- व्हाई नॉट... लेकिन मुझे यहाँ कहीं म्यूजिक सिस्टम नहीं दिख रहा...
राका- अरे यार.... तम्हे गाना आता तो है... फिर म्यूजिक सिस्टम की क्या जरूरत?
मानसी- मुस्कुराती हुई बोली..... स्मार्ट हाँ
राका- वेट किसका कर री है यार..... शुरू होजा...
मानसी धीरे से उठी.... और अपनी परफॉरमेंस शुरू की....
“जरा जरा टच मी.... टच मी... टच मी..... जरा जरा....”
राका की आँखों में हवस साफ़ टपक रही थी.... और फिर रेड टॉप और हॉट पैंट में मानसी लग भी तो माल रही थी! और ऊपर से जरा जरा टच मी टच मी.....
राका के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.....
मानसी ने जब परफॉर्म करना बंद किया तो राका वापस होश में आया.... और ताली बजा कर मानसी की तारीफ़ की!
मानसी- हाउ वाज़ इट?
राका- मजा आ गया..... यू अरे अ गुड डांसर मानसी....
मानसी.... देखो.... अब तुम मेरी टीम में हो.... फेस्ट की कोर टीम में....! तो तुम्हे मेरे टच में रहना होगा.... फेस्ट की तैयारियां यहीं इसी सैक में होंगी.... तुम्हे इसके बारे में इन्फोर्मेशन मिल जाएगी! एंड हाँ.... तनीषा .... मैंने उसे मार्केटिंग टीम में अफाक के साथ रखा है...!
मानसी- इट्स ओके सर.... वैसे भी वो दिन भर मेरे पीछे पीछे लगी रहती है... बोर हो गई हूँ उससे मैं
राका- ओहो... फिर सर.... बोला ना.... मुझे पसंद नहीं है.... तू मुझे अपना दोस्त मान सकती है!
मानसी- ब्लश करती हुई! ओके.... तो फ्रेंड्स.... और अपना कोमल हाथ राका से मिलाने को आगे बढ़ा दिया....
राका ने उसके कोमल हाथ हो थामने में एक सेकेंड भी नहीं लगाया.....
राका- हाँ तो आज से हम फ्रेंड्स है.... अब अगर तूने मुझे सर बोला तो सजा मिलेगी... समझी.... (मजाक करते हुए राका ने कहा)
मानसी- ओके सर.....
राका के ने मानसी के सर बोलते ही मानसी का हाथ अपनी हथेली से दबा दिया...
“आआऊच....... ऊउईईइ....” मानसी चिल्ला उठी.....
राका ने हसते हुए अपनी पकड़ ढीली की..... “बोला था न... सजा मिलेगी”
मानसी- अच्छा जी... अब नहीं बोलूंगी.....
राका- गुड गर्ल....
मानसी स्माइल कर रही थी....
उसका हाथ अभी भी राका के हाथ में ही था.... और वो उसके कोमल हाथ को सहला रहा था... महसूस कर रहा था....
राका- कहाँ रहती हो? हॉस्टल में तो दिखी नहीं कभी?
मानसी- वो मैं पीजी में रहती हूँ.... हॉस्टल में वो रैगिंग वैग्गिंग का....
राका- चल पगली..... अब नहीं होती रैगिंग-शैगिंग....
मानसी- झूठ बोल रे हो... मेको पता है... होती है
राका- हाँ जानेमन... होती है... होती है... पर अब तू मेरी फ्रेंड है.... अब भूल के भी नहीं लेगा कोई तेरी....
(इतनी जल्दी जानेमन? मानसी को मजा आ रहा था)
मानसी- ओहो.... अब क्या... अब तो मैं पीजी में ही रहूंगी ना.... बीच में हॉस्टल थोड़े न आ जाउंगी
राका- हाँ.... ये बात तो है... काफी पीयेगी?
मानसी- नहीं........ मैं कॉफ़ी नहीं पीती.... आइस टी पी लूंगी....
राका- लेट्स गो कैंटीन....
मानसी ने अब राका का हाथ पकड़ा हुआ था.... और वो राका के साथ उससे सट के चल रही थी, जैसे कि उसकी गर्लफ्रेंड हो...
राका के साथ अक्सर ऐसा होता था.... लड़कियां पहली मुलाक़ात में ही करीब आ जाती थीं....
आज भी ऐसा ही हुआ था.... मानसी खुद को चाहकर भी रोक नहीं पाई.... जैसे उसके अन्दर की मादकता ने राका के अन्दर का मर्द पहचान लिया हो! राका भी मौके का पूरा मजा ले रहा था... उसका एक हाथ मानसी की कमर पर था....
खबर फैलते देर नहीं लगी..... मानसी और राका के चर्चे पूरे कॉलेज में फ़ैल गए.....
“ओये वो 1st इयर वाली माल है न... मानसी.... आज साली राका के साथ घूम रही थी”
“ अरे चुद गई होगी अब तक साली.... जैम के ठोका होगा राका ने उसे”
“गांड देखी थी साली की... राका का हाथ सारा टाइम उसकी गांड पे ही था...”
और भी न जाने क्या क्या.....
पर मानसी तो मानसी थी....वो दुनिया वालो की बातों पर कभी ध्यान नहीं देती थी..... अपने में मस्त!
और राका को इस सबकी आदत थी....
दोनों ने आज सिर्फ आइस-टी पी थी.... और न जाने क्या क्या चर्चे हो गए थे!
आइस टी के बाद राका मानसी को उसके पीजी तक अपनी स्विफ्ट से छोड़ने आया....मानसी ने भी जाते जाते हुए एक सॉफ्ट हग दे ही दिया....
आज मानसी बहुत खुश थी.... कॉलेज के सबसे डैशिंग बन्दे के साथ फ्रेंडशिप जो हुई थी..... वो वो सब पल याद कर रही थी.. जो आज उसने राका के साथ बिताए थे.... तनीषा का रूम से बाहर जाना... फिर राका से बातचीत .... और फिर वो डांस..... उफ्फ्फ..... उसके बारे में सोच के तो वो शर्मा ही गई..... उसने तुरंत म्यूजिक सिस्टम ऑन किया... फुल वॉल्यूम में...
“जरा जरा टच मी – टच मी ..... टच मी.....”
आह..... वो स्ट्रिप कर रही थी...... पता नहीं किसके लिए.... शायद राका के लिए? ये तो वो ही जाने क्या चल रहा था उसके दिमाग में..... ब्रा और पैंटी पहने... पूरे सुरूर से नाच रही थी....
तभी डोरबेल बजी.... तनीषा आई हुई थी...
मानसी ने जल्दी से कपड़े पहने.... और गेट खोला....
गेट खोलते ही तनीषा ने मानसी को जोर से गले लगा लिया....
ओह... मानसी ... म सो हैप्पी टुडे..... मजा आ गया...
“अफाक इज ओस्सम... इसे तो पटा के रहूंगी मैं”
मानसी- “हाहा.... पटा पटा....तू भी पटा... मैं तो अपने राजन को पताउंगी....”
तनीषा- ओये होए..... राजन्न्न्न....हाँ.... तो राका ने तुझे इन्ना इम्प्रेस कर दिया...
मानसी- हाँ यार.... पर साला थोड़ा अकडू टाइप है... बट यू नो न.... मुझे टफ लड़के पसंद है
तनीषा- हाँ पता है.... तुझे टफ... पसंद है...
मानसी- अच्छा तेरा क्या हुआ? बता न...
तनीषा- मेरा बलात्कार हुआ.... हहहाहा.....
मानसी- व्हाट?? क्या बकवास कर री है?
तनीषा- हाहा.... रियल में नहीं पगली ड्रामा में... मैं फेस्ट के मेन इवेंट में होने वाले ड्रामा में द्रौपदी का रोल कर रही हूँ...
मानसी- हीही.... द्रौपदी..... हाहा.... पांडव कहा हैं तेरे अब तो मजे हैं तेरे.... 5-5?
तनीषा- चल पगली... तू भी न...पांडव गए तेल लेने..... मेरा दिल तो अफाक पे आ गया है.... और मैं अब चीरहरण भी उसी से करवाउंगी!
मानसी- ओये होए... चीरहरण....कलमुही साली.... कुत्ती..
तनीषा- चल चल.... तू कुत्ती...
और इस तरह से एक दूसरे की टांग काफी देर तक खींचती रहीं दोनों!
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मालती एक कुतिया --3
“जानेमन.... अब तू मेरी है... सिर्फ मेरी”
रूम नंबर 21669 में ठाकुर अपनी नई रांड, मालती को चूमता हुआ बोल रहा था!
रूम नंबर 21669, यही था मालती का नया पता! पिछले 15 दिनों से मालती इसी सूट में थी! ठाकुर दिन में कम से कम एक बार मालती से मिलने जरूर आता था!
“हाँ ठाकुर जी..... अब मैं सिर्फ आपकी हूँ....” कामुक अंदाज में मालती ठाकुर के गले में हाथ डालती हुई बोली!
इन 15 दिनों में ठाकुर ने मालती को बहुत से सपने दिखाए थे!
“और कितने दिन मुझे यहाँ रहना होगा?”
“तुझे यहाँ कोई परेशानी है क्या?
“नहीं मैंने ऐसा कब कहा... पर फिर भी... कब तक रहूंगी मैं यहाँ...”
“हाँ.... सही कह रही है... कब तक रहेगी तू यहाँ!”
“वो आप कुछ देहरादून वाले होटल की बात कर रहे थे.....”
“हाँ मेरी EDITED..... तू ही है उसकी मनेजेर! कल हम वही चल रहे है....”
“सच्ची....” मालती खुश थी.... वो फिर से अपनी जिन्दगी जीने जा रही थी... एक आजाद तितली की तरह
“हाँ मेरी जान सच्ची”
मालती ने ठाकुरके चेहरे पे 4-5 किस जड़ दिए.... ठाकुर मालती को देख रहा था...
किसी ने सच ही कहा है.... सेक्स औरत को और अधिक ख़ूबसूरत बना देता है! मालती भी दिन ब दिन माल होती जा रही थी! चुदक्कड माल! रमीज ने उसके जिस्म पे खूब मेहनत की थी! रमीज के बाद अब ठाकुर भी कुछ कम वर्कआउट नहीं कर रहा था EDITED पर!
इन 15 दिनों में ठाकुर ने मालती को अपनी ठकुरई का दीवाना बना दिया था..... मालती ने ठाकुर के लिए वो सब कुछ किया जो एक औरत मर्द को खुश करने के लिए कर सकती है! और फिर ठाकुर ये सब डिजर्व भी तो करता था... मालती को नइ जिन्दगी देने वाला वो ही तो था!
ठाकुर भी खुद पे गर्व महसूस कर रहा था.... रंजन मिश्रा की बीबी अब उसका बिस्तर जो गरम करती थी... (रंजन दिमाग का तेजा था... इन सब के सर पे पैर रख कर तरक्की की थी उसने.... शहर में दोस्त से जादा दुश्मन बनाये थे उसने, अब उसे नहीं चोद सके तो उसकी बीबी ही सही)
ठाकुर और मालती चुदाई ख़तम करके एक दुसरे की बाहों में लेटे थे!
“कल देहरादून चल रहे हैं हम... सुबह जल्दी तैयार रहना...”
“जैसी आपकी आज्ञा ठाकुर जी”
ठाकुर मुस्कुराया और मालती की गांड पे धीरे से चपेट मारी, “बड़ी मस्ती सूझ रही है आज कल तुझे”
अच्छा सुन.... “देहरादून का होटल अभी मेरे पापा देख रहे हैं... उनकी उम्र हो गई है... तो मैं चाहता हूँ की अब तू वहाँ मनेजर बन जा... कोई अपना देखने वाला होना चाहिए..... अब तू तो जानती ही है... इतने सारे होटल हैं... मैं नहीं चाहता की बिजनेस लोस में जाए! वहां सारा स्टाफ पहले से है... बस तू वहाँ ऑफिस में ज्वाइन कर ले....एज बॉस! पापा हरिद्वार जाने का बोल रहे है... अब तू ही वहां की मालकिन है! देहरादून में एक सरकारी बंगला भी लीज़ पे मिला हुआ है हमें... तो तू वहां आराम से रह सकती है!”
मालती सुन रही थी....
“समझ रही है न.... मुझे पता है तू संभाल लेगी”
“पर ध्यान रखियो... गलती बर्दाश्त नहीं है मुझे”
मालती: “उम्म ठाकुर जी... पर मैं आपके बिना....”
ठाकुर: “हाँ भोसड़ी की... तूने अभी तक की जिन्दगी मेरे साथ ही तो गुजारी है जैसे...”
“अरे परेशान मत हो... मैं तुझसे मिलने आ जाया करूँगा”
ठाकुर ने मालती का सर पकड़ के अपने लंड के सामने कर दिया..... मालती ने ठाकुर के अन्डू मुह में भर लिए..... ठाकुर नीचे शेव नहीं करता था!
एक बार फिर से चुदाई हुई!
और फिर ठाकुर मालती को कमरे में छोड़ कर घर चला गया!
आज सोमवार का दिन था.... अफजल आज भी पार्क के सामने इस आस में खड़ा था की मालती आएगी! हाहा... पर उस बेचारे को क्या पता था कि मालती अब कभी नहीं आने वाली!
टोयोटा फोर्चुनर की ड्राइविंग सीट पर ठाकुर था... और बगल वाली सीट पर मालती! दोनों देहरादून जा रहे थे! मालती एक्साइटेड थी! ठाकुर को मलाल था मालती को अपने से दूर करने का.... पर ठाकुर कब तक उसके और अपने रिश्ते को दुनिया से बचाता.... वो बात नहीं थी कि ठाकुर के किस्से लोगों को पता नहीं थे... पर फिर भी वो खुद को एक इज्ज़त दार हरामी मानता था, और वो था भी!
लगभग 5 घंटे के सफ़र के बाद गाड़ी होटल के गेट पर घुस रही थी! गार्ड ने गेट पर सल्यूट ठोंका!
गाडी से उतरते ही होटल की हॉस्पिटैलिटी टीम की मेनेजर प्रिया ने दोनों क ग्रीट किया! प्रिया ही अभी यहाँ का काम देख रही थी! (ठाकुर का बाप एक न. का नशेड़ी और आलसी था... वो कभी कभी थी होटल आता था! अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना उसका टाइमपास था!)
अन्दर जाते ही ठाकुर ने मालती को उसका ऑफिस दिखाया... और बाकी स्टाफ को बुलाकर सबको ये बताया की आज से मालती ही यहाँ की मनेजर है!
फिर यहाँ से निकल कर ठाकुर मालती को उसके नए घर पे ले गया! और मालती को घर पर छोड़ कर् वापस घर को निकल लिया, जाते जाते जल्दी वापस आने का वादा जरूर कर गया! इस घरमें मालती के साथ प्रिया भी रहेगी!
मानसी... अब तक 19 साल की हो चुकी थी, इसी साल उसने XXXX यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में पोलिटिकल साइंस में एडमिशन लिया था! अपनी निजी जिन्दगी के चलते मालती ने उसे हमेशा अपने से दूर ही रखा! हैदराबाद में मानसी को अब अच्छा लगने लगा था!
मानसी... कॉलेज के लड़कों में उसके कॉलेज के पहले दिन से ही चर्चे हो गए थे! अब उन बेचारों का भी क्या कसूर वो थी ही इतनी माल... 5’6 की हाईट... जो की आम लड़कियों से उसे अलग करती थी... अपनी माँ पर गई थी बिलकुल..... जब वो चलती तो नजरें उसकी मटकती गांड पर होती.... चाल ऐसी कि उफ्फ.... क्या बताऊँ.... 32b 26 34 फिगर... उसे कॉलेज की मोस्ट एलीजिबल रांड बनता था! बॉयज हॉस्टल में न जाने कितने लड़कों के लैपटॉप और मोबाइल के वॉलपेपर पे उसकी फोटो होती थी! अभी कॉलेज में आये 2 महीने ही हुए थे! अपनी क्लास के लड़के उसे बिलकुल मग्घू लगते थे! दिव्या और तनीषा..... इन दो महीनो में दो सहेलियां बनी थीं उसकी... वो भी मानसी की तरह ही माल थीं.... दिव्या... जो कि नासिक से थी...उसका नासिक में ही एक बॉयफ्रेंड था! और तनीषा... वो मस्त लड़की थी.... आजतक रिलेशनशिप के चक्कर में कभी नहीं पड़ी.... ! तीनो एक साथ पीजी में रहती थीं...! मानसी को स्कूल टाइम से ही बहोत से लड़कों ने प्रपोज़ किया था... पर ऑफिशियली उसने किसी का भी प्रोपोजल एक्सेप्ट नहीं किया था! उसका एक क्लोज फ्रेंड था स्कूल में.... पर किस्सी के आगे उसने उसे कभी बढ़ने नहीं दिया था!
तीनो एक नंबर की चालू लड़कियां थी.... कॉलेज आते ही पहले हफ्ते में... एक-एक पिल्ला तीनो ने बुक कर लिया था....क्लास के ही तीन चूतिये... उनके पैसों से कैन्टीन-ब्यूटीपार्लर का खर्चा निकाल लेती थी तीनो... वो भी बिना एक किस दिए! किस तो दूर- हाथ तक नहीं लगाने दिया था उन चूतियों को! बस पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय बना रखा था! वो बेचारे भी क्या करते- हुस्न है ही ऐसी चीज़- जो न कराये वो कम है! लड़कों के मामले में तीनो की अपनी पसंद थी! हो भी क्यों न... डिमांड जो इतनी थी! किसी ने ठीक ही कहा है- डिमांड भाव बढ़ा ही देती है! दिन में कॉलेज में मस्ती करना.... फिर पीजी में आके दिव्या अपने बॉयफ्रेंड के साथ फ़ोन पर लग जाती थी! और तनीषा और मानसी- दोनों फेसबुक में! डेली की 20-30 फ्रेंड रिक्वेस्ट! चम्पू से लेकर डैशिंग ड्यूड तक सब रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने का इंतज़ार करते रहते! और तनीषा और मानसी.... किसकी एक्सेप्ट करें किसकी न करें.. इसी में कन्फ्यूज रहती थीं! एक दो चूतियों ने डायरेक्ट अप्रोच भी किया था... पर उन्हें वो लड़के नहीं चाहिए थे! जादा डिमांड वाली लड़की को जादा डिमांड वाला लड़का ही पसंद आता है! एक दो लड़कों को स्पॉट किया था दोनों ने... पर उन्होंने तो जैसे उन्हें भाव ही नहीं दिया! कॉलेज में होके बॉय-फ्रेंड नहीं बना तो कॉलेज में पढना ही वेस्ट है! डेली का यही रुटीन होता था दोनों का... एक दो नमूनों से चैट भी होती थी... अब टाइमपास के लिए कोई तो चाहिए न! अगले महीने कॉलेज में फेस्ट है... और फेस्ट का जनरल-सेक्रेटरी कौन होगा... इसका डिसीजन अभी तक नहीं हुआ है... फाइनल इयर का हर भौकाली लड़का जनरल-सेक्रेटरी बनना चाहता है! इस रेस में कई घोड़े दौड़ रहे थे! पिछले 2-4 हफ़्तों में दो चार बार हॉकी चल चुकी थी.. 5-6 के सर भी फुट चुके थे! आप सोच रहे होंगे की जेन सेक के लिए इतना सब कुछ? वो इसलिए क्योंकि जेन-सेक(जनरल सेक्रेटरी) बनने के कई फायदे थे, कॉलेज फण्ड से पैसे कमाने का ये एक मात्र तरीका था... जेन-सेक आराम से 4-5 लाख रुपये तो निकाल ही लेता था! उसके अलावा जेन सेक का जो भौकाल होता था वो अलग! दूसरे कॉलेज की माल बंदियों से इंटरेक्शन होता था वो अलग! कोई भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहता था! राजन प्रताप सिंह... जिसे पूरा कॉलेज “राका” के नाम से जनता है...उसने आखिर इस रेस को जीत ही लिया! राका... कॉलेज की स्टूडेंट काउन्सिल का हेड भी है! राका- कॉलेज की वन ऑफ़ द फेमस पर्सनालिटी... आल राउंडर था वो! फुटबॉल और स्विमिंग में पूरे कॉलेज में उसका मुकाबला करने वाला कोई नहीं था! 5’11 इंच हाईट... और जॉन अब्राहम टाइप बॉडी! लड़कियां जान छिड़कती थी उसपे, और वो भी कोई मौका हाथ से जाने नहीं देता था :P ! माल सेट करने के मामले में राका का कोई मुकाबला नहीं था! राका डीन के ऑफिस से निकला ही था... की उसके दोस्तों ने सवालों की झड़ी लगा दी... क्या हुआ? क्या हुआ? पास हुआ प्रोपोज़ल? बोल न.... राका के मुस्कुराते ही सारा माहौल ख़ुशी में बदल गया! उसके दोस्तों ने उसे कंधे पे उठा लिया! सब नाच रहे थे! ख़ुशी मन रहे थे.. राका के जेन सेक बनने की! राका और उसके ख़ास दोस्त... अफाक, हर्षित और दीपाली स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में बैठे थे! दीपाली टेबल पर बैठी थी.... और राका उसके सामने कुर्सी में..... दीपाली की जाँघों को अपने हनथो से सहला रहा था.... दीपाली ने आज मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी.... हरर्षित और अफाक भी पास में भी बैठे थे... और आगे की प्लानिंग कर रहे थे! नहीं नहीं..... गलत मत समझिये.... दीपाली राका की गर्लफ्रेंड नहीं है.... ! हाँ वो राका के पीछे जरूर पड़ी है..... जिसका फायदा राका उठा रहा है....!
अफाक- राका.. आगे क्या प्लानिंग करनी है?
राका- (दीपाली की जांघ पर हाथ फिराते हुए..) अबे यार हो जाएगी प्लानिंग... मैं तो ये सोच रहा हूँ... की फर्स्ट इयर से कौन कौन सी माल लौंडियों को अपनी कोर टीम में लूं! हर्षित- हाहा.... मैं भी तब से यही सोंच रहा था....
राका- साले तू क्या सोच रहा था? जेन सेक मैं हूँ या तू...?
हर्षित- अरे मेरा मतलब वही था यार...
अफाक- भाई देख... कोई हो न हो... दो लड़कियां तो होनी ही चाहिए कोर टीम में...
हर्षित- कौन दो बे?
अफाक- अबे वही दो बे.... जिनके पास अभी भी भाई की फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग है... और हर्षित अफाक और दीपाली तीनो जोर जोर से हसने लगे...... राका- चल बे... बहोत ले ली तुम लोगो ने मेरी... अब बस भी करो! (दरअसल हुआ ये था... की जब राका को तनीषा और मानसी के हुस्न का दीदार हुआ तो उसने भी रिक्वेस्ट भेजी थी.... जो कि अभी तक दोनों ने एक्सेप्ट नहीं की थी) राका- हर्षित तुम स्पोंसोर्स का काम देखोगे... 4 लोगों की टीम बनाओ और जिसे भी अपनी टीम में रखना है रख लो.... और अफाक ... तुम प्रमोशन का काम देखोगे... तुम भी 4 लोगों की टीम बनाओ, और हाँ उन दोनों को मेरी टीम के लिए छोड़ देना.... फिर चारो हसने लगे..... दीपाली- मैं भी कुछ करना चाहती हूँ... राका- हाँ दीपा डार्लिंग..... मेरा भी करने का बहोत मन कर रहा है राका, हर्षित और अफाक जोर से हँसे.... दीपाली- क्या राका .... तुम मेको कभी तो सीरियसली ले लिया करो.... राका- यार जब भी लेता हूँ सीरियसली ही लेता हूँ... तू भी न दीपाली- राका.... मैं उसकी बात नहीं कर रही... राका- ओह दीपा.... अब दिमाग मत खा मेरा... बहोत काम है मेरे पास.. कुछ करना ही है तो अभी यहाँ से चली जा... दीपाली- ठीक है जा री हूँ... राका- ओहो.... जानेमन... अभी कहाँ जा रही है... जा तो हर्षित और अफाक रहे हैं! हर्षित और अफाक राका का इशारा समझ गए, और राका के मजे लेते हुए निकल लिए! अब SAC(स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर) में केवल राका था... और उसके साथ थी दीपाली.... कम समय का सही उपयोग करते हुए.... राका ने दीपाली को 15 मिनट में ही रगड़ डाला! और फिर दीपाली SAC में राका को अकेला छोड़ कर चली गई! दीपाली के जाते ही, हर्षित और अफाक अन्दर आ गए! हर्षित- भाई मैंने नोटिस लगवा दिया है कि जो भी फेस्ट में वालंटियर करना चाहता है तेरे से कांटेक्ट करे, साथ में तेरा ईमेल एंड नंबर भी दे दिया है! राका- नाईस जॉब! बाकी प्लानिंग डिस्कस करने के बाद तीनो हॉस्टल चले गए!
राका अभी जिम से लौटा था... आज वो अपना फोन जिम ले जाना भूल गया था....
12 मिस काल्स.... अरे यार रिषभ.... इसे तो मैं बताना ही भूल गया....
राका तुरंत कालबैक करता है-
रिषभ- ओये कांग्रेट्स यार.... कहा था?
राका- थैंक्स भाई.... वो जिम में था... सेल रूम पे ही रह गया था....
रिषभ- अच्छा सुन.... आज पार्टी है... मेरे फ्लैट पे..
राका- पार्टी किस बात की? और तू दे रहा है पार्टी?
रिषभ- हाहाहा... दे नहीं ले रहा हूँ... और हाँ.... ब्लैक डॉग साथ लेके अइयो....
राका- यार ब्लैक डॉग तो मैं ले आऊंगा, पर तू कही से एक बिच का इंतजाम और कर देता तो मजा आ जाता...
रिषभ- हाहा... भाई हूँ तेरा..... वो लॉ कॉलेज वाली बंदी आ रही है.... बस पेमेंट आज तू ही करियो पूरी!
राका- ओये होए.... तू तो सच में मेरा भाई निकला....
राका शावर लेके सीधे रिषभ के फ्लैट पंहुचा......
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
टिंग टोंग....
रिषभ ने दरवाजा खोला....
दोनों ऐसे गले मिले कैसे बरसों बाद मिले हों.... वो दोनों हमेशा ऐसे ही मिलते थे....!
राका- कहा है बे? जसप्रीत कहा है?
रिषभ- अरे मेरे चोदू भगत.... आ रही है... अभी एक घंटे लगेंगे उसे यहाँ तक आने में..... वो आज उसका बॉयफ्रेंड आया हुआ था न मुंबई से... इसलिए देर लग जाएगी उसे आने में!
राका- हाहा...उस रंडी का भी बॉयफ्रेंड है?
रिषभ- हाहा.... अब है तो है.... क्या फर्क पड़ता है....
राका- साले आज कॉलेज क्यों नहीं आया था? बड़ा मजा आया आज...
रिषभ- हाँ पता चला मुझे.... कल से आऊंगा डेली
राका- हाहा... पता है... तू नहीं आने वाला..... दिन भर तो सोता है तू
रिषभ- अब क्या करें लोग रात में तो सोने नहीं देते...
राका- चल पेग बना....
रिषभ- अरे मेरे दोस्त इन्नी जल्दी क्या है.... अपनी रांड को तो आ जाने दो.... उसी से बन्वावेंगे पटियाला पेग!
राका- भेन्चो साले, क्या माल है वो... साली रंडी न होती तो उसे गर्लफ्रेंड बना लेता मैं!
रिषभ- हाहा... कमिटेड है साली...
राका और रिषभ दोनों हँसे!
राका का फ़ोन बजा.......
राका- हेलो...
उधर से कोई लड़की बोली- जी आप राजन सर बोल रहे है?
राका- हाँ.... आप कौन?
उधर से- सर मैं मानसी.... पोलिटिकल साइंस 1st इयर से......
राका- मानसी.... उम्म्म..... मानसी ?
मानसी- हाँ मानसी , कांग्रेचुलेशन सर....
राका- ओह थैंक यू थेंक्यू डिअर...
मानसी- सर वो मैंने नोटिस देखा... I am interested for volunteering... सो आई कॉल्ड यू!
राका- ओह... नाईस... अच्छा किया तुमने फोन करके.... मानसी... अभी मैं बिजी हूँ... कल कॉलेज में तुम मुझे SAC में मिलो... सुबह 11बजे... We will talk there...
मानसी- ओके सर.... थैंक यू वैरी मच.... ब-बाय!
राका ने फ़ोन डिसकनेक्ट कर दिया!
मानसी से बात करने भर से राका का लंड तन गया था.....
राका- अबे वो मानसी का फ़ोन था..... 1st इयर वाली
रिषभ- क्या बात कर रहा है?
राका- आये हाय... क्या सेक्सी आवाज थी..... जितना सेक्सी उसका फिगर है उतनी सेक्सी उसकी आवाज.... उफ्फ
रिषभ- चल बे.... तेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट तक तो उसने एक्सेप्ट नहीं की थी..... हाहा
राका- अब मेरा लंड भी एक्सेप्ट करेगी भाई..... उसे तो मैं बॉयज हॉस्टल में चोदुंगा.....
रिषभ- यार माल तो मस्त है साली.... एक बार मिल जाए तो माँ कसम.... कच्चा चबा जाऊं साली को!
राका- कंट्रोल कंट्रोल.... अभी तो जसप्रीत को चोदना है..... आगे की आगे देखेंगे..... (राका के मन में लाड्डो फूट रहे थे.... अभी भी अपनी जेब में हाथ डाल के लंड सहला रहा था)
टिंग टोंग... डोरबेल बजी...
डोरबेल के साथ दोनों के लंड की घंटी भी बजी..... राका जल्दी से दरवाजे की और भगा.... और दरवाजा खोला....
दरवाजा खोलते ही राका की आँखे खुली की खुली रह गई....
सामने जसप्रीत खड़ी थी... हॉट पैन्ट्स और ऊपर स्लीवलेस टॉप.... उफ्फ... बला की खूबसूरत लग रही थी... होंटों पे चेरी रेड लिपिस्टिक.... गालों पे नेचुरल लाली.... आये हाय....
जसप्रीत- ओह राका.... यू...? व्हाट एन सरप्राइज़..... रिषभ ने मुझे बताया ही नहीं...
राका... अब तक जसप्रीत के पीछे आ चूका था..... अरे जस्सो डार्लिंग.... डोंट यू लाइक सर्प्रिज़ेस? और पीछे से जसप्रीत की गांड में अपना खड़ा लंड मसलने लगा...
जसप्रीत- ओह मेरे पहले कोई और भी थी क्या यहाँ?
राका- अरे जस्सो ये तो तेरे स्वागत में खड़ा हो गया....
रिषभ- अरे मेरे भाई... अब सब दरवज्जे पे ही कर लेगा क्या? आजा मेरी जस्सो रानी...
जसप्रीत- ह्म्म्म.... आ गई रिशू... आ गई....
रिषभ- अब आ ही गई है तो पटियाला पेग भी बना दे हमारे लिए....
जसप्रीत किचेन से ग्लासेज एंड आइस क्यूब ले आई..... और राका और रिषभ के बीच में बैठ के पेग बना रही है!
राका ने एक आइस क्यूब लिया और जस्सो के टॉप पे दाल दिया.... जस्सो दोनों हाथो से उसे अपने टॉप से निकालने की कोशीश करने लगी...... तभी राका ने दारू की बोतल ली और जसप्रीत को दारू से नहला दिया..... पूरे दो खम्भे जसप्रीत के ऊपर....
जब तक जसप्रीत कुछ समझ पाती.... दोनों.... उसपे टूट पड़े....
राका की हवस आज कुछ जादा ही हाई थी.... मानसी से बात करके.... और रिषभ तो था ही हवसी!
खींचतान में जस्सी के सारे कपडे फट गए... और वो अब सैंडविच बनी हुई थी..... राका और रिषभ उसे चोद रहे थे..... बारी बरी से दोनों ने उसकी गांड भी मारी..... EDITED की गांड मारे बिना कोई कैसे रह सकता है.... दोनों ने उसे सुबह के तीन बजे तक चोदा... फिर तीनो उसी बिस्तरपे सो गए!
सुबह जस्सी ने उठ के दोनों को जगाया.....
जस्सी- मोबाइल को देखते हुए पेमेन्ट अभी तक मेरे अकाउंट में नहीं पहुची है....
रिषभ- अभी हमने भी कोण सा तेरी चूत जी भर के चोदी है...
और जस्सी फिर से रिषभ की बाहों और जाँघों के कब्जे में थी!
राका को कॉलेज जाना जरूरी था इसलिए वो निकल लिया......
(जस्सी के बारे में मैं थोडा आपको बता दूं.... जस्सी रिषभ के दोस्त की बहन है.... जो लॉ कर रही है.... सच तो यह है... की रंडापा कर रही है... शहर की टॉप रेटेड कॉल गर्ल कब बन गई उसे भी नहीं पता चला.... रिषभ और राका उसे अक्सर चोदते है.... वो भी आधे दाम पे.... भाई के दोस्त का डिस्काउंट )
उधर मानसी और तनीषा की रात बेचैनी में ही गुजरी.... दोनों एक दुसरे को राका के लिए टीज़ कर रही थीं... और आज रात दोनों ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भी एक्सेप्ट कर ली थी..... सुबह दोनों डेली से जल्दी उठ गई थी!
मानसी ने आज रेड कलर का टॉप पहना है और नीचे ब्लू कलर का जांघ के ऊपर तक का हॉट पैंट! खुले बालों में जबरजस्त लग रही थी आज! उसकी गोरी टाँगे किसी के भी लंड में अकड़ पैदा करने के लिए काफी थीं! और ये बात वो भी जानती थी! वो राका को कॉलेज के पहले दिन से ही जानती थी! पर वो राका को जानती थी.... राजन प्रताप सिंह को नहीं.... यही कारण था कि उसने राका की FB रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की थी! राका का असली नाम कम लोग ही जानते थे..... !
ठीक 11 बजे दोनों लडकियां सैक में पहुच गईं... अन्दर राका मानसी के इंतज़ार में ही बैठा था.... पर उसे ये नहीं पता था... कि मानसी, तनीषा को भी साथ लेके आएगी.... दोनों ने अन्दर आके स्माइल के साथ राका को हाय बोला.....
राका ने उन दोनों को हाय बोलकर सामने चेयर्स पे बैठने को बोला...
राका- सो तुम हो तनीषा एंड तुम हो मानसी....
दोनों चहकती हुई बोली..... हाँ सर
राका- ओह प्लीज़... देखो पहले तो ये सर बोलना बंद करो... वे अरे गोइंग टू बी इन सेम टीम.... राका बोलोगी तो अच्छा लगेगा मुझे....
मानसी- हाँ वैसे भी “राका” किसी “सर” से कम थोड़े है.... आपका तो नाम ही काफी है कॉलेज में!
तनीषा- एग्जेक्ट्ली...
राका- हाँ.... तो तनीषा और मानसी... मुझे अपनी कोर टीम में 1st इयर से केवल एक लड़की चाहिए...
दोनों के चेहरे पे मायूसी छा गई.....
राका- ओह डोंट बी सैड गर्ल्स.... तनीषा..... तुम कॉमन रूम जाओ और अफाक से मिलो... बोलो मैंने तुम्हे भेजा है..
तनीषा थोड़ी मायूसी के साथ उठी... और ओके बोल के कॉमन रूम चली गई...
अब कमरे में सिर्फ मानसी और राका बचे थे...
राका- सो मानसी... अपने बारे में बताओ कुछ.
मानसी- उमम्म..... आ.... और एक सांस में अपना पूरा फॉर्मल इंट्रो अंग्रेजी में बता डाला!
राका- (थोड़ा इम्प्प्रेस्सेड) ओह.... नाईस.... अपनी होबीज़ बताओ...
मानसी- मुझे गाना अच्छा लगता है.... मैं डांस भी करती हूँ..... स्पोर्ट्स में बास्केटबाल खेलती हूँ... और बेस्ट हॉबी.... दोस्तों के साथ मस्ती करना
राका- ओह... डांसिंग एंड सिंगिंग..... अभी कर सकती हो डांस?
मानसी- व्हाई नॉट... लेकिन मुझे यहाँ कहीं म्यूजिक सिस्टम नहीं दिख रहा...
राका- अरे यार.... तम्हे गाना आता तो है... फिर म्यूजिक सिस्टम की क्या जरूरत?
मानसी- मुस्कुराती हुई बोली..... स्मार्ट हाँ
राका- वेट किसका कर री है यार..... शुरू होजा...
मानसी धीरे से उठी.... और अपनी परफॉरमेंस शुरू की....
“जरा जरा टच मी.... टच मी... टच मी..... जरा जरा....”
राका की आँखों में हवस साफ़ टपक रही थी.... और फिर रेड टॉप और हॉट पैंट में मानसी लग भी तो माल रही थी! और ऊपर से जरा जरा टच मी टच मी.....
राका के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.....
मानसी ने जब परफॉर्म करना बंद किया तो राका वापस होश में आया.... और ताली बजा कर मानसी की तारीफ़ की!
मानसी- हाउ वाज़ इट?
राका- मजा आ गया..... यू अरे अ गुड डांसर मानसी....
मानसी.... देखो.... अब तुम मेरी टीम में हो.... फेस्ट की कोर टीम में....! तो तुम्हे मेरे टच में रहना होगा.... फेस्ट की तैयारियां यहीं इसी सैक में होंगी.... तुम्हे इसके बारे में इन्फोर्मेशन मिल जाएगी! एंड हाँ.... तनीषा .... मैंने उसे मार्केटिंग टीम में अफाक के साथ रखा है...!
मानसी- इट्स ओके सर.... वैसे भी वो दिन भर मेरे पीछे पीछे लगी रहती है... बोर हो गई हूँ उससे मैं
राका- ओहो... फिर सर.... बोला ना.... मुझे पसंद नहीं है.... तू मुझे अपना दोस्त मान सकती है!
मानसी- ब्लश करती हुई! ओके.... तो फ्रेंड्स.... और अपना कोमल हाथ राका से मिलाने को आगे बढ़ा दिया....
राका ने उसके कोमल हाथ हो थामने में एक सेकेंड भी नहीं लगाया.....
राका- हाँ तो आज से हम फ्रेंड्स है.... अब अगर तूने मुझे सर बोला तो सजा मिलेगी... समझी.... (मजाक करते हुए राका ने कहा)
मानसी- ओके सर.....
राका के ने मानसी के सर बोलते ही मानसी का हाथ अपनी हथेली से दबा दिया...
“आआऊच....... ऊउईईइ....” मानसी चिल्ला उठी.....
राका ने हसते हुए अपनी पकड़ ढीली की..... “बोला था न... सजा मिलेगी”
मानसी- अच्छा जी... अब नहीं बोलूंगी.....
राका- गुड गर्ल....
मानसी स्माइल कर रही थी....
उसका हाथ अभी भी राका के हाथ में ही था.... और वो उसके कोमल हाथ को सहला रहा था... महसूस कर रहा था....
राका- कहाँ रहती हो? हॉस्टल में तो दिखी नहीं कभी?
मानसी- वो मैं पीजी में रहती हूँ.... हॉस्टल में वो रैगिंग वैग्गिंग का....
राका- चल पगली..... अब नहीं होती रैगिंग-शैगिंग....
मानसी- झूठ बोल रे हो... मेको पता है... होती है
राका- हाँ जानेमन... होती है... होती है... पर अब तू मेरी फ्रेंड है.... अब भूल के भी नहीं लेगा कोई तेरी....
(इतनी जल्दी जानेमन? मानसी को मजा आ रहा था)
मानसी- ओहो.... अब क्या... अब तो मैं पीजी में ही रहूंगी ना.... बीच में हॉस्टल थोड़े न आ जाउंगी
राका- हाँ.... ये बात तो है... काफी पीयेगी?
मानसी- नहीं........ मैं कॉफ़ी नहीं पीती.... आइस टी पी लूंगी....
राका- लेट्स गो कैंटीन....
मानसी ने अब राका का हाथ पकड़ा हुआ था.... और वो राका के साथ उससे सट के चल रही थी, जैसे कि उसकी गर्लफ्रेंड हो...
राका के साथ अक्सर ऐसा होता था.... लड़कियां पहली मुलाक़ात में ही करीब आ जाती थीं....
आज भी ऐसा ही हुआ था.... मानसी खुद को चाहकर भी रोक नहीं पाई.... जैसे उसके अन्दर की मादकता ने राका के अन्दर का मर्द पहचान लिया हो! राका भी मौके का पूरा मजा ले रहा था... उसका एक हाथ मानसी की कमर पर था....
खबर फैलते देर नहीं लगी..... मानसी और राका के चर्चे पूरे कॉलेज में फ़ैल गए.....
“ओये वो 1st इयर वाली माल है न... मानसी.... आज साली राका के साथ घूम रही थी”
“ अरे चुद गई होगी अब तक साली.... जैम के ठोका होगा राका ने उसे”
“गांड देखी थी साली की... राका का हाथ सारा टाइम उसकी गांड पे ही था...”
और भी न जाने क्या क्या.....
पर मानसी तो मानसी थी....वो दुनिया वालो की बातों पर कभी ध्यान नहीं देती थी..... अपने में मस्त!
और राका को इस सबकी आदत थी....
दोनों ने आज सिर्फ आइस-टी पी थी.... और न जाने क्या क्या चर्चे हो गए थे!
आइस टी के बाद राका मानसी को उसके पीजी तक अपनी स्विफ्ट से छोड़ने आया....मानसी ने भी जाते जाते हुए एक सॉफ्ट हग दे ही दिया....
आज मानसी बहुत खुश थी.... कॉलेज के सबसे डैशिंग बन्दे के साथ फ्रेंडशिप जो हुई थी..... वो वो सब पल याद कर रही थी.. जो आज उसने राका के साथ बिताए थे.... तनीषा का रूम से बाहर जाना... फिर राका से बातचीत .... और फिर वो डांस..... उफ्फ्फ..... उसके बारे में सोच के तो वो शर्मा ही गई..... उसने तुरंत म्यूजिक सिस्टम ऑन किया... फुल वॉल्यूम में...
“जरा जरा टच मी – टच मी ..... टच मी.....”
आह..... वो स्ट्रिप कर रही थी...... पता नहीं किसके लिए.... शायद राका के लिए? ये तो वो ही जाने क्या चल रहा था उसके दिमाग में..... ब्रा और पैंटी पहने... पूरे सुरूर से नाच रही थी....
तभी डोरबेल बजी.... तनीषा आई हुई थी...
मानसी ने जल्दी से कपड़े पहने.... और गेट खोला....
गेट खोलते ही तनीषा ने मानसी को जोर से गले लगा लिया....
ओह... मानसी ... म सो हैप्पी टुडे..... मजा आ गया...
“अफाक इज ओस्सम... इसे तो पटा के रहूंगी मैं”
मानसी- “हाहा.... पटा पटा....तू भी पटा... मैं तो अपने राजन को पताउंगी....”
तनीषा- ओये होए..... राजन्न्न्न....हाँ.... तो राका ने तुझे इन्ना इम्प्रेस कर दिया...
मानसी- हाँ यार.... पर साला थोड़ा अकडू टाइप है... बट यू नो न.... मुझे टफ लड़के पसंद है
तनीषा- हाँ पता है.... तुझे टफ... पसंद है...
मानसी- अच्छा तेरा क्या हुआ? बता न...
तनीषा- मेरा बलात्कार हुआ.... हहहाहा.....
मानसी- व्हाट?? क्या बकवास कर री है?
तनीषा- हाहा.... रियल में नहीं पगली ड्रामा में... मैं फेस्ट के मेन इवेंट में होने वाले ड्रामा में द्रौपदी का रोल कर रही हूँ...
मानसी- हीही.... द्रौपदी..... हाहा.... पांडव कहा हैं तेरे अब तो मजे हैं तेरे.... 5-5?
तनीषा- चल पगली... तू भी न...पांडव गए तेल लेने..... मेरा दिल तो अफाक पे आ गया है.... और मैं अब चीरहरण भी उसी से करवाउंगी!
मानसी- ओये होए... चीरहरण....कलमुही साली.... कुत्ती..
तनीषा- चल चल.... तू कुत्ती...
और इस तरह से एक दूसरे की टांग काफी देर तक खींचती रहीं दोनों!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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