FUN-MAZA-MASTI
मीठी मीठी बातें
हाई दोस्तों,
एक दिन की बात हें की मै अपने कॉलेज से घर वापस आ रहा था, मुझे उस दिन बस नही मिली तो मै पैदल चल के आ रहा था, शाम का समय हो चूका था बोले तो करीब पांच बज रहे थे | मैं चलते चलते हर गाडी की तरफ देख रहा था की इतने मै एक गाडी मेरे बाजु से निकल के गयी और थोडा आगे जाके रुक गयी | मेने पहले तो कुछ नही सोचा पर फिर सोचने लगा की कोन होगा उसमे और ये अचानक क्यों रुक गया | मैं चलते चलते उस गाडी के के बगल मै पहुच गया और फिर मै आगे निकल गया, तो गाडी फिर से चल पड़ी और फिरसे मेरे आगे जाके रुक गयी | अब मेरी कुछ फटी की ये लोचा क्या हें | मैं फिर चलने लगा और जेसे ही गाड़ी के बगल मै पंहुचा तो गाड़ी का दरवाजा खुल गया और उसमे से एक लड़की मुझे हेल्लो कर के बोली | मैं झुक के देखा की एक लड़की हें उसमे करीब २५-२६ साल की होगी, छोटी सी स्कर्ट पहने रखी थी, गोरा रंग था, सर पे कला चस्मा ता उसके और होठ के तो पूछो मत क्या लाल लाल होठ थे उसके और उसने उपर कली रंग की टॉप पहनी हुई थी | वो मुझे देख के हेल्लो बोली फिर मेने बोला जी, क्या हुआ ? वो बोली क्या आप मुझे बता सकते हे की ये पता कहा पे होगा ? मेने फिर उनके हाथ से पेपर लेके देखा तो वो पता उसी रस्ते पे था जिस रस्ते पे मुझे जाना था, मेने उन्हें रास्ता बताया तो वो बोली की मुझे समझ नही आया, और फिर पूछी की आप किस तरफ जा रहे हो ? मेने कहा की में भी उसी तरफ जा रहा हूँ तो वो बोली की आ जाओ फिर अंदर आप मुझे पता तक रास्ता बता दीजिए | मेने कहा ठीक हे और फिर मैं अंदर बैठ गया, और फिर उसने गाडी चालू कर दी, कुछ देर के बाद वो मुझसे बातें करने लगी और में भी उसके सवालो का जवाब देने लग गया | बहुत सारी बातें होने के बाद वो बोली की तुम काफी दिलचस्प बात कर लेते हो, और फिर मेरा नाम नो. लिया और फिर से हम बात करने लग गए, कुछ देर के बाद वो घर आ गया सो में वही उतर गया और बाई बोल के अपने घर को निकल पड़ा |
दो दिन के बाद की बात हे में सो रहा था और मुझे किसी का फोन आया, दूसरी तरफ किसी लड़की की आवाज़ थी, वो बोली क्या आपने मुझे पहचाना ? मेने कहा जी नही मेने आपकी आवाज़ नही पहचाना | वो बोली आरे आप इतनी जल्दी भूल गए मुझे दो दिन पहले आप मेरे साथ मेरे गाडी में बैठे थे | मेने कहा हाँ हाँ जी याद आया, बोलिय केसे फोन किया आपने | वो बोली की कुछ खास नही ऐसे ही में बोरे हो रही थी तो आपकी याद आ गयी क्युकी आप बड़ी मीठी मीठी बातें करते हे | मैं फिर हसने लग गया, फिर मेने कहा की मीठी मीठी बातें फोन पे करना हे की मिलके करना हे, वो बोली की क्यों नही आप बोलिए कब मिलना हे | फिर उसने मझे मेरे घर का पता पूछा मेने बता दिया और फिर वो बोली की में आधे घंटे में पहुचती हूँ | मैं फिर नहा धो के तैयार होने लग गया और फिर वो मेरे घर के सामने आगयी अपनी गाडी लेके | मैं गाडी में बतेह गया और फिर वो बोली की चलो चलते हे मेरे घरपे, वेसे भी में अकली रहती हूँ तो थोडा अजीब सा लगता हे | वो फिर अपने घर की तरफ हो चली, और आधे घंटे में हम उसके घरपे थे | उसका घर काफी बड़ा था लग रहा था जेसे जादा ही कुछ आमिर बाप की बेटी हे वो | उसने फिर बैठने को कहा और फिर मेरे लिए ड्रिंक लाइ, और फिर हम साथ में बैठ के बातें करने लग गए | हम दोनों ने काफी सारी हसी मजाक की, बिच में वो मुझसे पूछी की
क्या तुम्हारी कोई गल फ्रंड हे क्या ?
मेने कहा हाँ थी पर अब नही रही, उसके बाप का ट्रान्सफर आ गया तो वो अब यहाँ नही रहती | उसके बाद वो पूछी की
उसके साथ कुछ हुआ था क्या ?
मेने पूछा मतलब ?
वो बोली अरे यार बच्चो की तरह मत पूछा करो, तुम्हे पता हे में क्या पुच रही हूँ |
मेने कहा जादा कुछ नही बस किस हुआ हे और बाकी कुछ करने का समय नही मिला सो कुछ भी नही हुआ | वो बोली तो
शायद तुम अभी तक प्यासे हो प्यार के लिए ? मैं बोला
हाँ शायद प्यासा हूँ, पर अब कर भी क्या सकता हूँ अब तो कोई लड़की भी नही मिलती की प्यास बुझाऊ |
फिर वो बोली में एक मिनट में आती हूँ, तब तक तुम थोडा यहाँ वहा घूम लो | इतना कह के वो कही मेरे पीछे के तरफ से चली गयी, अब में दख नही पाया की कहा गयी | में दो मिनट बैठा और फिर में भी उठ गया टहलने के लिए, और फिर यहाँ वहा घूमने लगा, घूमते घूमते में एक कमरे में घुसा जहा पे वो लड़की पहले से थी और मुझे नही पता था की वो उसी कमरे में हे, जेसे ही में घुसा मेरी आँखों ने जो देखा उसपे मुझे एक पल के लिए विश्वास ही नही हुआ | मेने देखा की वो आईने के सामने लाल ब्रा और पेंटी में कड़ी हे और अपने बाल बना रही हे | उसने मुझे देख लिया था क्युकी में उसके ठीक पीछे खड़ा था और उसने मुझे आईने से दख लिया था, में वहा से हिला नही और थोड़े देर तक उसको उसी जाल में देखा | कुछ देर के बाद में जेसे ही जाने के लिए पलता वो बोली
अब देख के कहा जा रहे हो ? अंदर आ जाओ |
आप तो कपडे बदल रही हो न, तो में केसे अंदर आ जून, आप कपडे पेहेन लो फिर में आऊंगा |
इतना ही शर्म आ रहा हे तो तबसे क्या देख रहे थे आँखे फाड़ फाड़ के, अब जादा दिखाओ मत और अंदर आ जाओ |
में फिर जाके उसके बिस्तर पे बैठ गया और फिर वो बाल बना के मेरे सने आके घुटनों के बल बैठ गयी | वो मेरे सामने बैठी हुई थी तो मुझे उपर से उसके चुचो की बिच की गहराई मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी, और उसके कारण मेरा लंड अब अपने आपे से बाहर होता जा रहा था और अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा, उसने भी मेरे लंड को खड़े होते हुए देख लिया क्युकी वो मेरे पैर से एक दम चिपक के बैठी हुई थी | उसने अब मेरे जांघों पे हाथ फेरना शुरू कर दिया था अब मेरे पुरे जिस्म में गर्मी सी छ रही थी, वो मेरे जांघों पे से हाथ फेरते हुए उसने मेरे लंड पे हाथ रख दिया, उसके लंड पे हाथ पड़ते ही मेरी दिमाग सनक गया और मैं खड़ा हो और मुझे देख के वो भी खड़ी हो गयी | मेने उसके सर के पीछे हाथ रखा और फिर उसके होठो को चूमने लग गया , वो मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी और में उसके होठो को चूसता रहा | मेने अपने हाथो को उसके पीठ से होते हुए उसके गांड पे ले आया और उसके गांड को दबाने लग गया और अपने लंड की तरफ धकेल भी रहा था |
कुछ देर के बाद मेने उसे बेड पे लेटा दिया और उसके उपर चड गया, में फिरसे उसके होठो को चूसता रहा और वो मेरे पीठ में हाथ फेरती रही, उसने बिच में मेरे टी शर्त के अंदर से हाथ डाल के मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी | में उसके होठो को चूसने के बाद उसके गालो को चूमा और फिर उसके गले पे आके उसके गले को और उसके कंधो को चूमने लगा, वो अपना सर आजू बाजू हिलाने लग गयी और मेरे सर पे हाथ फेरने लग गयी | मैं और थोडा निचे आया और फिर उसके चुचो को उसके लाल ब्रा के उपर से ही चूमने और काटने लग गया | उसके मुह से अब सिसकिय निकलने लग गयी और में लगा हुआ था उसके चुचो को चूसने में | में अब चुमते चुमते उसके पेट को भी चूमने लगा और उसके नाभि में जिब डाल के उसके नाभी में गुद गुदी करने लगा, उसके बाद चुमते चुमते में उसकी लाल पेंटी के उपर आ गया और उसके चुत को काटने लगा, उसकी चुत पानी छोड़ने लग गयी और उसकी लाल पेंटी अब कही कही से गीली हो गयी | उसके चुत से अब बहुत ही जबरदस्त महक आ रही थी जिसे सूंघ के मेरा दिमाग हिल गया था, क्या मीठी मीठी खुशबु थी उसकी चुत से |
में उठा और उसके ब्रा को उतार दिया और फिर उसकी पेंटी भी उतार दी और फिर उसके चुचो पे फिरसे टूट पड़ा, उसके निप्पल एक दम गुलाबी रंग के थे और काफी कडक थे उसके निप्पल, मेने उसके निप्पल को मुह में लेके चूसने लग गया और उसके दूसरे चुचे को में मसलने लग गया | अब वो मेरे बालो को पकड़ के मेरे सर को अपने चुचो में घुसाने की कोशिश करने लग गयी, में उसके छोटे छोटे और प्यारे निप्पल को अपने होठो से काटने लग गया और वो अब सिसकिय पे सिस्किये भरने लग गयी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हम्म उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह किये जा रही थी | करीब बीस मिनट के चुचो के चुसाई के बाद में निचे की तरफ बड़ा और चुमते चुमते उसके चुत पे आ गया और उसके चुत पे जीभ फेर दिया, उसके चुत पे बहुत ही हल्के हल्के बाल थे, पर जेसे भी थे एक दम मस्त थे | मेने उसके चुत के पंखडियो को अपने उंगलियो से अलग किये और बिच में जीभ डाल दिया उसके चुत में जीभ डालने से मुझे लगा जेसे मेने किसी गर्म चीज पे अपना जीभ सटा दिया था, उसकी चुत बहुत गर्म थी और उसके चुत से लगातार पानी निकला जा रहा था और उसके चुत के पानी से काफी मज़ेदार महक आ रही थी | में उसके चुत पे कस कस के जीभ रगड़ने लग गया और वो कस कस के सिसकिय भरने लग गयी थी, वो मेरे बालो को अब नोचने भी लग गयी थी |
में उठा और फिर उसके चुत पे लंड सटा दिया और रगड़ने लग गया, कुछ देर रगड़ने के बाद वो तड़पने लग गयी और बोली की और रहा नही जा रहा जल्दी से लंड डाल दो में और अपने आप को नही रोक सकती | मेने भी सोचा की समय क्यों बर्बाद करना और फिर मेने लंड को रोक दिया और धक्का मारा ओ एक दम से चीख उठी और बोली की लंड निकाल दो मुझे नही लेना लंड | वो मेरे पेट पे हाथ रख के मुझ पीछे को धकेल रही थी पर मेने उसके कमर को पकड़ रखा था और एम् आगे की तरफ बड रहा था | मेने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया और वो अब भी दर्द से चिल्ला रही थी, कुछ मिनट के बाद वो शांत हो गयी और चुप से पड़ी रही और में निचे धक्के लगाये जा रहा था | कुछ पल के बाद मेने देखा की वो अपने होठो को अपने दात से काट रही थी, तो मुझे लगा की अब उसका दर्द खतम हो चूका हे और अब ये मज़े ले रही हे | वो अब मेरे कमर पे हाथ रख के मुहे अपनी तरफ कसने लग गयी और में अब कस कस के धक्के देने लग गया, अब तक वो एक बार झड चुकी थी और मुझे भी लग रहा था की में और अब जादा देर नही टिक पाउँगा, सो मेने अब उसे और जल्दी जल्दी पेलना शुरू कर दिया | उसने अपने टांगो को उठा के मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे कसने लग गयी और में आब पूरी रफ़्तार में उसके चुत मार रहा था, और फिर वो मुझे बोली की वो झड़ने वाली हे सो मेने और भी गति बदने की कोशिश की पर और देर में नही रुक पाया और हम दोनों एक साथ ही झड गए |
में उसके चुत में ही झड गया और उसने भी पानी छोड़ दिया, में उसके उपर लेट गया और वो मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी हम दोनों ने फिर एक दूसरे को बहुत चूमा | उसके चेहरे में एक सुकन सी मुस्कराहट थी, जिसे दख के लगा की वो बहुत प्यासी थी | मेने उस्सा पूछा की इससे पहले किसका अंदर जा चूका हे वो बोली की किसी का नही तुम ही पहले हो पर मेरी दो उंगलिया जा चुकी हे | इतना सुनने के बाद मैं उसे फिर से चूमने लगा, और उसके चुचो को चूसता और उसके जिस्म को भी काफी चूमा |
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मीठी मीठी बातें
हाई दोस्तों,
एक दिन की बात हें की मै अपने कॉलेज से घर वापस आ रहा था, मुझे उस दिन बस नही मिली तो मै पैदल चल के आ रहा था, शाम का समय हो चूका था बोले तो करीब पांच बज रहे थे | मैं चलते चलते हर गाडी की तरफ देख रहा था की इतने मै एक गाडी मेरे बाजु से निकल के गयी और थोडा आगे जाके रुक गयी | मेने पहले तो कुछ नही सोचा पर फिर सोचने लगा की कोन होगा उसमे और ये अचानक क्यों रुक गया | मैं चलते चलते उस गाडी के के बगल मै पहुच गया और फिर मै आगे निकल गया, तो गाडी फिर से चल पड़ी और फिरसे मेरे आगे जाके रुक गयी | अब मेरी कुछ फटी की ये लोचा क्या हें | मैं फिर चलने लगा और जेसे ही गाड़ी के बगल मै पंहुचा तो गाड़ी का दरवाजा खुल गया और उसमे से एक लड़की मुझे हेल्लो कर के बोली | मैं झुक के देखा की एक लड़की हें उसमे करीब २५-२६ साल की होगी, छोटी सी स्कर्ट पहने रखी थी, गोरा रंग था, सर पे कला चस्मा ता उसके और होठ के तो पूछो मत क्या लाल लाल होठ थे उसके और उसने उपर कली रंग की टॉप पहनी हुई थी | वो मुझे देख के हेल्लो बोली फिर मेने बोला जी, क्या हुआ ? वो बोली क्या आप मुझे बता सकते हे की ये पता कहा पे होगा ? मेने फिर उनके हाथ से पेपर लेके देखा तो वो पता उसी रस्ते पे था जिस रस्ते पे मुझे जाना था, मेने उन्हें रास्ता बताया तो वो बोली की मुझे समझ नही आया, और फिर पूछी की आप किस तरफ जा रहे हो ? मेने कहा की में भी उसी तरफ जा रहा हूँ तो वो बोली की आ जाओ फिर अंदर आप मुझे पता तक रास्ता बता दीजिए | मेने कहा ठीक हे और फिर मैं अंदर बैठ गया, और फिर उसने गाडी चालू कर दी, कुछ देर के बाद वो मुझसे बातें करने लगी और में भी उसके सवालो का जवाब देने लग गया | बहुत सारी बातें होने के बाद वो बोली की तुम काफी दिलचस्प बात कर लेते हो, और फिर मेरा नाम नो. लिया और फिर से हम बात करने लग गए, कुछ देर के बाद वो घर आ गया सो में वही उतर गया और बाई बोल के अपने घर को निकल पड़ा |
दो दिन के बाद की बात हे में सो रहा था और मुझे किसी का फोन आया, दूसरी तरफ किसी लड़की की आवाज़ थी, वो बोली क्या आपने मुझे पहचाना ? मेने कहा जी नही मेने आपकी आवाज़ नही पहचाना | वो बोली आरे आप इतनी जल्दी भूल गए मुझे दो दिन पहले आप मेरे साथ मेरे गाडी में बैठे थे | मेने कहा हाँ हाँ जी याद आया, बोलिय केसे फोन किया आपने | वो बोली की कुछ खास नही ऐसे ही में बोरे हो रही थी तो आपकी याद आ गयी क्युकी आप बड़ी मीठी मीठी बातें करते हे | मैं फिर हसने लग गया, फिर मेने कहा की मीठी मीठी बातें फोन पे करना हे की मिलके करना हे, वो बोली की क्यों नही आप बोलिए कब मिलना हे | फिर उसने मझे मेरे घर का पता पूछा मेने बता दिया और फिर वो बोली की में आधे घंटे में पहुचती हूँ | मैं फिर नहा धो के तैयार होने लग गया और फिर वो मेरे घर के सामने आगयी अपनी गाडी लेके | मैं गाडी में बतेह गया और फिर वो बोली की चलो चलते हे मेरे घरपे, वेसे भी में अकली रहती हूँ तो थोडा अजीब सा लगता हे | वो फिर अपने घर की तरफ हो चली, और आधे घंटे में हम उसके घरपे थे | उसका घर काफी बड़ा था लग रहा था जेसे जादा ही कुछ आमिर बाप की बेटी हे वो | उसने फिर बैठने को कहा और फिर मेरे लिए ड्रिंक लाइ, और फिर हम साथ में बैठ के बातें करने लग गए | हम दोनों ने काफी सारी हसी मजाक की, बिच में वो मुझसे पूछी की
क्या तुम्हारी कोई गल फ्रंड हे क्या ?
मेने कहा हाँ थी पर अब नही रही, उसके बाप का ट्रान्सफर आ गया तो वो अब यहाँ नही रहती | उसके बाद वो पूछी की
उसके साथ कुछ हुआ था क्या ?
मेने पूछा मतलब ?
वो बोली अरे यार बच्चो की तरह मत पूछा करो, तुम्हे पता हे में क्या पुच रही हूँ |
मेने कहा जादा कुछ नही बस किस हुआ हे और बाकी कुछ करने का समय नही मिला सो कुछ भी नही हुआ | वो बोली तो
शायद तुम अभी तक प्यासे हो प्यार के लिए ? मैं बोला
हाँ शायद प्यासा हूँ, पर अब कर भी क्या सकता हूँ अब तो कोई लड़की भी नही मिलती की प्यास बुझाऊ |
फिर वो बोली में एक मिनट में आती हूँ, तब तक तुम थोडा यहाँ वहा घूम लो | इतना कह के वो कही मेरे पीछे के तरफ से चली गयी, अब में दख नही पाया की कहा गयी | में दो मिनट बैठा और फिर में भी उठ गया टहलने के लिए, और फिर यहाँ वहा घूमने लगा, घूमते घूमते में एक कमरे में घुसा जहा पे वो लड़की पहले से थी और मुझे नही पता था की वो उसी कमरे में हे, जेसे ही में घुसा मेरी आँखों ने जो देखा उसपे मुझे एक पल के लिए विश्वास ही नही हुआ | मेने देखा की वो आईने के सामने लाल ब्रा और पेंटी में कड़ी हे और अपने बाल बना रही हे | उसने मुझे देख लिया था क्युकी में उसके ठीक पीछे खड़ा था और उसने मुझे आईने से दख लिया था, में वहा से हिला नही और थोड़े देर तक उसको उसी जाल में देखा | कुछ देर के बाद में जेसे ही जाने के लिए पलता वो बोली
अब देख के कहा जा रहे हो ? अंदर आ जाओ |
आप तो कपडे बदल रही हो न, तो में केसे अंदर आ जून, आप कपडे पेहेन लो फिर में आऊंगा |
इतना ही शर्म आ रहा हे तो तबसे क्या देख रहे थे आँखे फाड़ फाड़ के, अब जादा दिखाओ मत और अंदर आ जाओ |
में फिर जाके उसके बिस्तर पे बैठ गया और फिर वो बाल बना के मेरे सने आके घुटनों के बल बैठ गयी | वो मेरे सामने बैठी हुई थी तो मुझे उपर से उसके चुचो की बिच की गहराई मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी, और उसके कारण मेरा लंड अब अपने आपे से बाहर होता जा रहा था और अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा, उसने भी मेरे लंड को खड़े होते हुए देख लिया क्युकी वो मेरे पैर से एक दम चिपक के बैठी हुई थी | उसने अब मेरे जांघों पे हाथ फेरना शुरू कर दिया था अब मेरे पुरे जिस्म में गर्मी सी छ रही थी, वो मेरे जांघों पे से हाथ फेरते हुए उसने मेरे लंड पे हाथ रख दिया, उसके लंड पे हाथ पड़ते ही मेरी दिमाग सनक गया और मैं खड़ा हो और मुझे देख के वो भी खड़ी हो गयी | मेने उसके सर के पीछे हाथ रखा और फिर उसके होठो को चूमने लग गया , वो मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी और में उसके होठो को चूसता रहा | मेने अपने हाथो को उसके पीठ से होते हुए उसके गांड पे ले आया और उसके गांड को दबाने लग गया और अपने लंड की तरफ धकेल भी रहा था |
कुछ देर के बाद मेने उसे बेड पे लेटा दिया और उसके उपर चड गया, में फिरसे उसके होठो को चूसता रहा और वो मेरे पीठ में हाथ फेरती रही, उसने बिच में मेरे टी शर्त के अंदर से हाथ डाल के मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी | में उसके होठो को चूसने के बाद उसके गालो को चूमा और फिर उसके गले पे आके उसके गले को और उसके कंधो को चूमने लगा, वो अपना सर आजू बाजू हिलाने लग गयी और मेरे सर पे हाथ फेरने लग गयी | मैं और थोडा निचे आया और फिर उसके चुचो को उसके लाल ब्रा के उपर से ही चूमने और काटने लग गया | उसके मुह से अब सिसकिय निकलने लग गयी और में लगा हुआ था उसके चुचो को चूसने में | में अब चुमते चुमते उसके पेट को भी चूमने लगा और उसके नाभि में जिब डाल के उसके नाभी में गुद गुदी करने लगा, उसके बाद चुमते चुमते में उसकी लाल पेंटी के उपर आ गया और उसके चुत को काटने लगा, उसकी चुत पानी छोड़ने लग गयी और उसकी लाल पेंटी अब कही कही से गीली हो गयी | उसके चुत से अब बहुत ही जबरदस्त महक आ रही थी जिसे सूंघ के मेरा दिमाग हिल गया था, क्या मीठी मीठी खुशबु थी उसकी चुत से |
में उठा और उसके ब्रा को उतार दिया और फिर उसकी पेंटी भी उतार दी और फिर उसके चुचो पे फिरसे टूट पड़ा, उसके निप्पल एक दम गुलाबी रंग के थे और काफी कडक थे उसके निप्पल, मेने उसके निप्पल को मुह में लेके चूसने लग गया और उसके दूसरे चुचे को में मसलने लग गया | अब वो मेरे बालो को पकड़ के मेरे सर को अपने चुचो में घुसाने की कोशिश करने लग गयी, में उसके छोटे छोटे और प्यारे निप्पल को अपने होठो से काटने लग गया और वो अब सिसकिय पे सिस्किये भरने लग गयी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हम्म उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह किये जा रही थी | करीब बीस मिनट के चुचो के चुसाई के बाद में निचे की तरफ बड़ा और चुमते चुमते उसके चुत पे आ गया और उसके चुत पे जीभ फेर दिया, उसके चुत पे बहुत ही हल्के हल्के बाल थे, पर जेसे भी थे एक दम मस्त थे | मेने उसके चुत के पंखडियो को अपने उंगलियो से अलग किये और बिच में जीभ डाल दिया उसके चुत में जीभ डालने से मुझे लगा जेसे मेने किसी गर्म चीज पे अपना जीभ सटा दिया था, उसकी चुत बहुत गर्म थी और उसके चुत से लगातार पानी निकला जा रहा था और उसके चुत के पानी से काफी मज़ेदार महक आ रही थी | में उसके चुत पे कस कस के जीभ रगड़ने लग गया और वो कस कस के सिसकिय भरने लग गयी थी, वो मेरे बालो को अब नोचने भी लग गयी थी |
में उठा और फिर उसके चुत पे लंड सटा दिया और रगड़ने लग गया, कुछ देर रगड़ने के बाद वो तड़पने लग गयी और बोली की और रहा नही जा रहा जल्दी से लंड डाल दो में और अपने आप को नही रोक सकती | मेने भी सोचा की समय क्यों बर्बाद करना और फिर मेने लंड को रोक दिया और धक्का मारा ओ एक दम से चीख उठी और बोली की लंड निकाल दो मुझे नही लेना लंड | वो मेरे पेट पे हाथ रख के मुझ पीछे को धकेल रही थी पर मेने उसके कमर को पकड़ रखा था और एम् आगे की तरफ बड रहा था | मेने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया और वो अब भी दर्द से चिल्ला रही थी, कुछ मिनट के बाद वो शांत हो गयी और चुप से पड़ी रही और में निचे धक्के लगाये जा रहा था | कुछ पल के बाद मेने देखा की वो अपने होठो को अपने दात से काट रही थी, तो मुझे लगा की अब उसका दर्द खतम हो चूका हे और अब ये मज़े ले रही हे | वो अब मेरे कमर पे हाथ रख के मुहे अपनी तरफ कसने लग गयी और में अब कस कस के धक्के देने लग गया, अब तक वो एक बार झड चुकी थी और मुझे भी लग रहा था की में और अब जादा देर नही टिक पाउँगा, सो मेने अब उसे और जल्दी जल्दी पेलना शुरू कर दिया | उसने अपने टांगो को उठा के मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे कसने लग गयी और में आब पूरी रफ़्तार में उसके चुत मार रहा था, और फिर वो मुझे बोली की वो झड़ने वाली हे सो मेने और भी गति बदने की कोशिश की पर और देर में नही रुक पाया और हम दोनों एक साथ ही झड गए |
में उसके चुत में ही झड गया और उसने भी पानी छोड़ दिया, में उसके उपर लेट गया और वो मेरे पीठ पे हाथ फेरने लग गयी हम दोनों ने फिर एक दूसरे को बहुत चूमा | उसके चेहरे में एक सुकन सी मुस्कराहट थी, जिसे दख के लगा की वो बहुत प्यासी थी | मेने उस्सा पूछा की इससे पहले किसका अंदर जा चूका हे वो बोली की किसी का नही तुम ही पहले हो पर मेरी दो उंगलिया जा चुकी हे | इतना सुनने के बाद मैं उसे फिर से चूमने लगा, और उसके चुचो को चूसता और उसके जिस्म को भी काफी चूमा |
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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