राज शर्मा की कामुक कहानिया
सेक्सी हवेली का सच -पार्ट- 14
हेलो दोस्तो आप लोगों के मुझे बहुत सारे मैल मिले की इस कहानी मैं थोड़ा समलेंगिक सेक्स हो तो कहानी का मज़ा दुगुना हो जाएगा ये पात उन्हीं दोस्तो को समर्पित है अब आगे की कहानी पढ़िए
बाकी का दिन हवेली की सफाई में ही गुज़र गया. तेज गाओं से कुच्छ आदमी लेकर आ गया और वो सारा दिन हवेली के आस पास उगे हुए जंगल को काटकर सॉफ करने में लगे रहे. पूरा दिन काम चलने के बाद भी हवेली के कॉंपाउंड का सिर्फ़ एक हिस्सा ही सॉफ हो सका. वजह थी के गाओं से सिर्फ़ 3 आदमी ही हवेली में आकर काम करने को राज़ी हुए थे. बाकियों ने तो हवेली में काम करने के नाम से ही इनकार कर दिया था.
तेज के कहने पर खुद पायल भी उन आदमियों के साथ मिलकरकाम करने लगी. दिन ढलने पर वो आदमी काम अगले दिन जारी रखने की बात कहके अपने अपने घर चले गये.
रात को खाने की टेबल पर ठाकुर और रूपाली अकेले ही थे. तेज किसी काम का बहाना करके घर से निकला था और अब तक लौटा नही था और रूपाली ये बात जानती थी के वो रात भर अब घर नही आने वाला था. वो खुद सारा दिन बिंदिया की राह देखती रही थी पर बिंदिया नही आई थी. रूपाली ने दिल में फ़ैसला किया के कल और बिंदिया का इंतेज़ार करेगी और अगर वो नही आई तो उससे एक आखरी बार बात करके किसी और औरत को घर में काम के बहाने रख लेगी जो तेज को बिस्तर पर खुश रखने के बहाने घर पर रोक सके. पर उसके सामने मुसीबत दो थी. एक तो ये के किसी ऐसी खूबसूरत औरत को ढूँढना जिसपर तेज खुद ऐसे ही नज़र डाले जैसे उसने बिंदिया पर डाली थी और दूसरी मुसीबत थी के अगर कोई ऐसी औरत मिल भी जाए तो उसे तेज का बिस्तर गरम करने के लिए राज़ी कैसे करे.
रूपाली अपनी ही सोच में खाना ख़तम करके उठ ही रही थी के पायल अंदर आई.
"हो गया मालकिन" उसने रूपाली से कहा
हवेली में सारा दिन कॅटाइ और सफाई होने के कारण हवेली के बिल्कुल सामने कॉंपाउंड में काफ़ी सूखे पत्ते जमा हो गये थे. हवा तेज़ थी इसलिए रूपाली को डर था के वो उड़कर हवेली के अंदर ना आ जाएँ इसलिए उसने पायल को कहा था के अंधेरा होने से पहले हवेली के दरवाज़े के ठीक सामने से पत्ते हटा दे. उसने सोचा था के काम जल्दी हो जाएगा पर बेचारी पायल को काम ख़तम करते करते अंधेरा हो गया था. वो काफ़ी थॅकी हुई भी लग रही थी. पायल को उसपर तरस आ गया.
"भूख लगी होगी तुझे. जा पहले हाथ धोकर खाना खा ले. नहा बाद में लेना. सारे दिन से कुच्छ नही खाया तूने." उसने पायल से कहा
पायल हां में सर हिलाती किचन में दाखिल हो गयी. वो वहीं बैठकर खाना खा लेती थी.
खाना ख़तम करके ठाकुर उठकर अपने कमरे में चले गये. जाने से पहले उन्होने एक आखरी नज़र रूपाली पर डाली और उस नज़र में सॉफ ये इशारा था के वो रात को रूपाली के कमरे में आ जाएँगे.
रूपाली किचन में दाखिल हुई तो सामने नीचे बैठी पायल खाना खा रही थी. उसने सलवार कमीज़ पहेन रखा था. वो नीचे झुकी हुई ज़मीन पर बैठी खाना खा रही थी. पायल उसके करीब जाकर खड़ी हुई तो उपेर से पायल का क्लीवेज सॉफ नज़र आया. देखते ही पायल के दिमाग़ में ख्याल आया के जब तक बिंदिया या कोई दूसरी औरत आती है, तब तक क्यूँ ना पायल कोई ही तैय्यार किया जाए. एक कच्ची कली चोदने को मिले तो तेज भला बाहर कही मुँह मारने को क्यूँ जाएगा. मॅन में ख्याल आते ही वो मुस्कुराइ. पायल को तैय्यार करना कोई मुश्किल काम नही था. जिस तरह से पायल बेसमेंट में उसके सामने नंगी होकर उसकी बाहों में आ गई थी उससे सॉफ ज़ाहिर था के जो आग माँ के जिस्म में है वही बेटी कोई भी तोहफे में मिली है. अगर पायल एक औरत के साथ अपना जिस्म मिला सकती है तो मर्द के साथ तो और भी ज़्यादा आसानी होगी. बस एक काम जो करना था वो था उसे तैय्यार करना जो रूपाली ने फ़ौरन सोच लिया के उसे कैसे करना है. वो आगे बढ़ी और किचन में कुच्छ ढूँढने लगी. उसे एक चीज़ की ज़रूरत थी जो उसके काम में मददगार साबित हो सकती थी और जल्दी ही वो चीज़ उसे मिल भी गयी.
"खाना ख़तम करके मेरे कमरे में आ जाना." उसने पायल से कहा और किचन से बाहर निकली.
भूषण भी काम ख़तम करके कॉंपाउंड में बने अपने छ्होटे से कमरे की तरफ जा रहा था. रूपाली उसे देखकर मुस्कुराइ और अपने कमरे में चली गयी.
थोड़ी ही देर बाद पायल भी रूपाली के पिछे पिछे उसके कमरे में आ गयी.
"जी मालकिन?" उसने रूपाली से पुचछा
"कितनी गंदी हो रखी है तू. ऐसे मत आ. जा पहले नाहके आ" रूपाली ने उसे कहा.
पायल पलटकर जाने लगी तो रूपाली ने उसे रोक लिया
"एक काम कर. यहीं मेरे बाथरूम में नहा ले."
"आपके बाथरूम में?" रूपाली ने पुचछा
"हां मेरे बाथरूम में ही नहा ले. और एक बात बता. तू साडी नही पेहेन्ति?"
पायल ने इनकार में सर हिलाया
"मेरे पास है ही नही"
"रुक ज़रा" कहती हुई रुआली अपनी अलमारी की तरफ बढ़ी और अपनी एक पुरानी साडी निकाली. साडी पुरानी ज़रूर थी पर देखने में बहुत सुंदर थी.
"ये तू रख ले" रूपाली ने कहा तो पायल खुशी से उच्छल पड़ी
"सच मालकिन?" पायल झट से साडी पकड़ते हुए बोली
"हां. आज से तेरी हुई" रूपाली ने सारी के साथ का ब्लाउस और पेटीकोट भी पायल को देखते हुए कहा "अब जाके नहा ले. फिर तेरे से एक ज़रूरी बात करनी है"
पायल हां में सर हिलाती हुई बाथरूम की तरफ बढ़ी. रूपाली भी उसके पिछे पिछे बाथरूम में आ गयी और वहाँ रखी हुई चीज़ें दिखाने लगी
"ये शॅमपू है और ये कंडीशनर. और ये बॉडी लोशन है" उसने पायल से कहा
"ये सब क्या है मालकिन? साबुन कहाँ है?" पायल ने बाथरूम में चारों और देखते हुए पुचछा
रूपाली हल्के से मुस्कुरा दी.
"तूने ये सब कभी इस्तेमाल नही किया ना? चल मैं बताती हूँ" उसने कहाँ तो पायल उसे देखने लगी. जैसे रूपाली के बात आगे कहने का इनेज़ार कर रही हो
"ऐसे क्या देख रही है?" रूपाली ने कहा "नहाना शुरू कर. मैं बताती रहूंगी के क्या कैसे लगाना है. पहली बार मैं बता दूँगी बाद में तू खुद ही कर लेना."
पायल एकटूक उसे देखने लगी
"आपके सामने?" उसने रूपाली से पुचछा
"हां तो क्या हुआ?" रूपाली ने जवाब दिया "तेरे पास ऐसा क्या है जो मैने नही देखा?"
"शरम आती है मालकिन" पायल ने सर झुकाते हुए बोला
"अरे मेरी शर्मीली बन्नो अब टाइम खराब मत कर. चल कपड़े उतार जल्दी से" रूपाली ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए कहा
"दरवाज़ा?" पायल ने बाथरूम के खुले हुए दरवाज़े की तरफ इशारा करते हुए कहा
"कमरे के अंदर का दरवाज़ा बंद है. कोई नही आएगा. चल जल्दी कर. सारी रात यहाँ खड़े खड़े गुज़ारनी है क्या?"
रूपाली ने कहा तो पायल ने धीरे से अपनी कमीज़ उतारनी शुरू की.
कुच्छ ही देर बाद पायल बाथरूम में मादरजात नंगी खड़ी थी. रूपाली ने उसे सर से पावं तक एक बार देखा
"तू उमर से भले बच्ची हो पर तेरा जिस्म तो पूरी भरी हुई औरत को भी मात दे जाए" रूपाली ने कहा तो पायल शर्माके नीचे देखने लगी
"चल शवर के नीचे खड़ी हो जा" रूपाली ने कहा तो पायल शोवेर के नीचे खड़ी हो गयी और अपने जिस्म को पानी से भिगोने लगी.
बाथरूम में एक तरफ खड़ी रूपाली उसके हसीन जिस्म को देख रही थी. थोड़ी ही देर में पायल सर से लेकर पावं तक पूरी भीग गयी.
"हाथ आगे कर" रूपाली ने कहा तो पायल ने अपना हाथ आगे कर दिया. रूपाली ने उसके हाथ में शॅमपू डाल दिया
"अब इससे अपने बाल धो ताकि वो बाल लगें.तेरे सर पे उगी हुई झाड़ियाँ नही" उसने पायल से कहा
पायल अपने हाथ उठाकर अपने सर में शॅमपू लगाने लगी. हाथ उपेर होने से उसकी दोनो छातियों भी उपेर को हो गयी थी और हाथ की हरकत के साथ हिल रही थी. पायल की नज़र भी उसकी छातियों के साथ ही उपेर नीचे हो रही थी.
जब शॅमपू पूरे बालों पर लग गया तो रूपाली ने उसे धोने को कहा और फिर कंडीशनर लगाने को कहा. वो भी लगकर धुल गया.
"अब ये ले" रूपाली ने बॉडी वॉश की बॉटल आगे करते हुए कहा "इसे भी शॅमपू की तरह अपने हाथ पर निकाल और फिर साबुन की तरह अपने बदन पर लगा"
पायल ने बॉटल हाथ में ली और ढक्कन खोलकर जैसे ही बॉटल को दबाया तो बहुत सारा बॉडी वॉश उसके हाथ पर आ गिरा
"ओफहो बेवकूफ़" रूपाली ने आगे बढ़कर उसके हाथ से बॉटल ले ली "एक साथ इतना सारा नही. थोड़ा थोड़ा लेते हैं. अब जो हाथ में है उसे अपने बदन पर लगा"
रूपाली के कहने पर पायल ने सारा बॉडी वॉश अपने चेहरे पर लगा लिया और अगले ही पल सिसक पड़ी
"मालकिन आँख जल रही है"
"तो तुझे किसने कहा था के सारा मुँह पे रगड़ ले. धो इसे अब और यहाँ आके बैठ" रूपाली ने आगे बढ़कर नाल चालू किया
चेहरे से बॉडी वॉश धोकर पायल ने रूपाली की तरफ देखा
"अब यहाँ आके बैठ. मैं ही लगा देती हूँ" रूपाली ने कहा तो पायल झिझकति हुई वहीं बाथ टब के किनारे पर बैठ गयी. रूपाली आकर उसके पिछे खड़ी हुई और अपने हाथ में बॉडी वॉश लिया.
रूपाली ने सबसे पहले बॉडी वॉश पायल की छातियों पर ही लगाया और हाथों से उसकी छातियाँ मसल्ने लगी. पायल की दोनो चूचियाँ उसके हाथ के दबाव से हल्के हल्के दब रही थी. फिर इसी तरह से उसने पायल के पेट पर बॉडी वॉश लगाया और फिर उसकी टाँगो पर. इस सारे काम में रूपाली पायल को नहला कम रही थी उसके जिस्म को सहला ज़्यादा रही थी. उसकी टाँगो के बीच नमी आनी शुरू हो रही थी. सामने बैठी एक नंगी लड़की को देखकर उसके जिस्म में फिर वासना का तूफान ज़ोर मार रहा था. रूपाली के हाथ फिर पायल की चूचियों पर पहुँच गये और वो उसके सामने घुटनो पर बैठ गयी और दोनो हाथों से उसकी छातियाँ दबाने लगी.
"हो गया मालकिन" पायल ने धीमी आवाज़ में कहा पर रूपाली ने जैसे सुना ही नही. वो उसी तरह उसकी चूचियो पर हाथ फेरती रही. अचानक उसने पायल का एक निपल अपने उंगलियों में पकड़ा और धीरे से दबाया.
"आआहह "पायल ने सिसकारी भरी "दर्द होता है मालकिन. अब बस करिए. हो गया. मैं धो लेती हूँ"
रूपाली ने उसकी तरफ देखा और उठ खड़ी हुई. उसने पायल का हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया और शवर के नीचे ले जाकर शवर ऑन कर दिया. पर इस बार पायल के साथ वो खुद भी पानी में भीग रही थी. वो शवर के नीचे से हटी नही. पायल दीवार की तरफ मुँह किए खड़ी थी और रूपाली उसके पिछे खड़ी उसकी कमर से बॉडी वॉश धो रही थी. वो खुद भी पानी में पूरी तरह भीग चुकी थी और कपड़े बदन से चिपक गये थे. उसके हाथ पायल की कमर से सरकते हुए उसकी गान्ड तक आए और रूपाली ने अपने दोनो हाथों से उसकी गान्ड को पकड़कर दबाया. दबाने से पायल भी ज़रा आगे को हुई और बिकुल दीवार के साथ जा लगी. रूपाली ने थोड़ा सा आगे होकर उसकी गर्दन को चूम लिया. उसे यकीन नही हो रहा था के वो खुद एक औरत होकर एक नंगी लड़की के जिस्म को चूम रही है पर उसके जिस्म मेी उठती लहरें उस इस बात का सबूत दे रही थी के उसे मज़ा आ रहा था. गले पर चूमती ही पायल सिहर उठी
"क्या कर रही हैं मालकिन?" उसने रूपाली से पुचछा
"ऐसे ही खड़ी रह" कहकर रूपाली थोड़ा पिछे हटी और अपनी सलवार और कमीज़ उतारकर एक तरफ फेंक दी. अगले ही पल उसकी ब्रा और पॅंटी भी उसके बाकी कपड़ो के साथ पड़े थे और रूपाली पूरी तरह नंगी होकर एक बार फिर पिछे से पायल के साथ चिपक गयी.
अपने नंगे जिस्म पर रूपाली का नंगा जिस्म महसूस हुआ तो पायल सिहर उठी
"मालकिन" उसके मुँह से निकला पर वो अपनी जगह से हिली
"घबरा मत" रूपाली अपना मुँह उसके कान के पास ले जाकर धीरे से बोली "अब तेरी तरह मैं भी बिल्कुल नंगी हूँ"
कहकर रूपाली ने एक बार फिर पायल को गर्दन पर चूमा.पायल चुप चाप दीवार से लगी खड़ी थी और पायल ने उसे पिछे से गर्दन और कमर की उपरी हिस्से पर चूमना शुरू कर दिया. उसके हाथ पायल के पुर जिस्म पर घूम रहे थे, सहला रहे थे. रूपाली खुद वासना के कारण पागल हुई जा रही थी. बिल्कुल किसी मर्द की तरह वो पायल से बिल्कुल चिपक कर खड़ी हो गयी और उसका नंगा जिस्म महसूस करने लगी. पायल रूपाली से कद में थोड़ी छ्होटी थी. रूपाली ने अपने घुटने थोड़े मोड और अपनी चूत पायल की गान्ड पर दबाई जैसे उसके सामने एक लंड लगा हो जिसे वो पायल की गान्ड में घुसा रही हो. इस हरकत ने उसके जिस्म पर ऐसा असर किया के उसे अपने घुटने कमज़ोर होते महसूस होने लगे और वो पायल को ज़ोर से पकड़कर उससे चिपक गयी और अपनी चूत को पायल की गान्ड पर रगड़ने लगी.
"ओह पायल" रूपाली हल्के से पायल के कान में बोली. उसके हाथ पायल की कमर से हटकर आगे आए और पायल की चूचियों को पकड़ लिया. चूचियाँ हाथ में आई ही थी के रूपाली ने उन्होने पूरी ताक़त से दबा दिया और अपनी चूचियाँ पायल की कमर पे रगड़ने लगी. चूचियाँ इतनी ज़ोर से दबी तो पायल फिर सिहर उठी
"मालकिन" वो भी बिल्कुल पायल के अंदाज़ में धीरे से बोली "क्या कर रही हैं आप?"
"मज़ा आ रहा है?" रूपाली ने उसी तरह उसकी चूचियाँ दबाते हुए पुचछा. नीचे से उसकी कमर ऐसे हिल रही थी जैसे पायल की गान्ड मार रही हो
पायल ने जवाब नही दिया
"बोल ना" रूपाली ने उसकी चूचियों पर थोड़ा दबाव और बढ़ाया पर पायल फिर भी नही बोली
रूपाली ने अपना एक हाथ उसकी छाती से हटाया और उसके पेट पर से होते हुए नीचे ले जाने लगी. हाथ जैसे ही टाँगो के बीच पहुँचा तो पायल ने अपनी टांगे कसकर बंद कर ली. रूपाली ने अपना हाथ उसकी चूत के उपेर की तरफ रखा और ज़ोर से रगड़ा.
"मज़ा आ रहा है?" उसने अपना सवाल दोहराया और हाथ ज़बरदस्ती पायल की टाँगो में घुसकर उसकी चूत की मुट्ठी में पकड़ लिया. इस बार पायल से भी बर्दाश्त नही हुआ.
"आआआआआआअहह मालकिन. बहुत अच्छा लग रहा है. क्या कर रही हैं आप?" वो हल्के से चिल्लाई
"तुझे जवान कर रही हूँ" रूपाली ने जवाब दिया और पायल को अपनी तरफ घुमाया "तुझे जवानी के मज़े लेना सीखा रही हूँ"
अब पायल और रूपाली एक दूसरे की तरफ चेहरा किए खड़ी थी. पायल की कमर दीवार से लगी हुई थी. दोनो की आँखें मिली और एक पल के लिए एक दूसरे को देखती रही. रूपाली ने पायल के चेहरे को गौर से देखा. उसकी आँखों में वासना के डोरे सारे नज़र आ रहे थे. रूपाली आगे बढ़ी और अपने होंठ पायल के होंठों पर रख दिया. उसका एक हाथ पायल की चूचियों पर और दूसरा सरक कर उसकी चूत पर पहुँच गया.
रूपाली ने पायल के होंठ क्या चूमे के पायल उसकी बाहों में आ गिरी. उसने अपनी दोनो बाहें रूपाली के गले में डाली और उससे लिपट गयी. रूपाली समझ गयी के उसका काम बन चुका है. वो पायल के पूरे चेहरे को चूमने लगी और चूमते हुए गले पर और फिर पायल की चूचियों पर आ गयी. एक हाथ अब भी पायल की चूत रगड़ रहा था. पाया की दोनो टाँगें काँप रही थी और उसकी आँखें बंद थी. दोनो हाथों से उसने अब भी रूपाली को पकड़ा हुआ था. रूपाली ने उसका एक निपल अपने मुँह में लिया और चूसने लगी और थोड़ी देर बाद यही दूसरे निपल के साथ किया.
"बहुत मज़ा आ रहा है?" उसने फिर पायल से पुचछा
पायल ने सिर्फ़ हां में सर हिलाया.
रूपाली पायल से अलग हुई, उसका हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम से लेके बेडरूम में आ गयी.
बेडरूम में लाकर रूपाली ने पायल को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया. पायल कमर के बल बिस्तर पर जा गिरी और सामने खड़ी नंगी रूपाली को देखने लगी. सर से पावं तक.
"क्या देख रही है?" रूपाली ने अपना एक हाथ अपनी चूचियों पर और दूसरा अपनी चूत पर फिराया "तेरे जैसा ही है. ये दो बड़ी बड़ी चूचियाँ तेरे पास हैं और मेरे पास भी हैं. जो तेरी टाँगो के बीच है वही मेरी टाँगो के बीच में भी है बस तुझपर से ये बाल हटाने है. फिर तेरी जवानी खुलकर सामने आ जाएगी" रूपाली ने पायल के चूत पर उगे हुए बाल की तरफ इशारा किया. शर्मा कर पायल ने अपने एक हाथ से अपनी चूत को छुपा लिया.
रूपाली मुस्कुरा कर बिस्तर पर चढ़ि और पायल के नज़दीक आई. पायल का हाथ उसकी चूत से हटाकर उसने फिर अपना हाथ रख दिया और चूत सहलाने लगी.
"टांगे खोल. पूरी फेला दे" उसने पायल से कहा और इस बार बिल्कुल उल्टा हुआ. रूपाली को उम्मीद थी के पायल मना कर देगी पर पायल ने फ़ौरन अपनी टांगे खोल दी. उसकी चूत खुलकर रूपाली के सामने आ गयी.
रूपाली उठकर पायल की टाँगो के बीच आ गयी और उसकी चूत देखने लगी. ज़िंदगी में पहली बार वो अपने सिवा किसी और औरत की चूत देख रही थी.
"कोई आया है आज तक तेरी टाँगो के बीच में?" उसने पायल की चूत सहलाते हुए कहा. पायल ने आँखें बंद किए हुए इनकार में सर हिलाया
"कोई बात नही. मैं सीखा दूँगी" रूपाली ने कहा और पायल की चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. पायल जोश में अपना सर इधर उधर करने लगी. रूपाली थोड़ा आगे को झुकी और किसी मर्द की तरह पायल पर पूरी तरह छा गयी. वो पायल के उपेर लेट गयी और उसके होंठ फिर से चूमने लगी. इस बार पायल ने भी जवाब दिया और उसने अपने उपेर लेटी रूपाली को कस्के पकड़ लिया. दोनो एक दूसरे के होंठ चूमने लगी.
"काफ़ी जल्दी सीख रही है" रूपाली ने कहा और नीचे होकर पायल की चूचियाँ चूमने लगी. उसने अपने हाथ से पायल का एक हाथ पकड़ा और लाकर अपनी छाती पर रख दिया
"दबा इसे. जैसे मैं तेरे दबा रही हूँ वैसे ही तू मेरे दबा" उसने पायल से कहा और पायल ने भी फ़ौरन उसकी चूचिया दबाने लगी
"किस्में ज़्यादा मज़ा आ रहा है? अपने चुसवाने में या मेरे दबाने में?" उसने पायल की चूचियाँ चूस्ते हुए कहा
"आआआआहह मालकिन. दोनो में" इस बार पायल ने फ़ौरन जवाब दिया
रूपाली थोड़ी देर तक पायल की दोनो चूचियों को एक एक करके चूस्ति रही और नीचे से अपनी चूत पायल की चूत पर रगड़ने की कोशिश करती रही. थोड़ी देर बाद वो उठकर पायल के उपेर बैठ गयी. टांगे पायल की कमर के दोनो तरफ थी जैसे कोई मर्द किसी औरत को बैठकर चोद रहा हो. वो आगे को झुकी और अपनी छातियाँ पायल के मुँह से लगा दी
"चूस इन्हें" उसने पायल से कहा. पायल ने भी उसकी छातियाँ ऐसे चूसनी शुरू कर दी जैसे काब्से इसी का इंतेज़ार कर रही हो
"तुझे पता है जब मर्द किसी औरत के साथ सोता है तो क्या करता है?" उसने पायल से पुचछा
पायल ने उसकी चूचियाँ चूस्ते हुए हां में सर हिलाया
"क्या करता है?" रूपाली ने अपने दोनो हाथों से पायल का सर पकड़ रखा था और उसे अपनी चूचियों पर दबा रही थी
"यही जो आप कर रही हैं मेरे साथ." पायल ने रूपाली का निपल अपने मुँह से निकालकर कहा और दोबारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी
"आआआहह "रूपाली के मुँह से निकला. उसने अपना एक हाथ पायल की चूत पर रखा "अरे पगली मैं पुच्छ रही हूँ के यहाँ क्या करता है"
"पता है मुझे" पायल ने कहा "माँ ने बताया था एक बार"
"किसी मर्द ने किया है कभी तेरे साथ ऐसा" रूपाली ने पुचछा तो पायल ने इनकार में सर हिला दिया
"तेरा दिल नही किया कभी करवाने का?" रूपाली ने पुचछा तो पायल ने फिर इनकार में सर हिलाया
"अब तक तो नही किया था कभी"
"अब कर रहा है?" रूपाली ने मुस्कुराते हुए पुचछा तो पायल ने भी शर्माकर मुस्कुराते हुए हां में सर हिला दिया
"तो चल आज मैं ही तेरे लिए मर्द बन जाती हूँ" कहते हुए रूपाली पायल के उपेर से हटी.
रूपाली पायल के उपेर से हटी और फिर उसकी टाँगो के बीच में आकर उसकी चूत सहलाने लगी
"यहाँ पर मर्द अपना लंड घुसाता है" उसने पायल से कहा "लंड जानती है किसी कहते हैं?"
पायल ने हां में सर हिलाया तो रूपाली मुस्कुराने लगी
"जानती सब है तू" कहते हुए रूपाली ने अपनी एक अंगुली धीरे से पायल की चूत में घुसा दी
"आआअहह मालकिन." पायल फ़ौरन बिस्तर पर उच्छली. कमर पिछे को खींचकर उसने रूपाली की अंगुली चूत में से निकल दी
"दर्द होता है" पायल बोली
"पहले थोडा सा होगा पर फिर नही. अब सीधी लेटी रह. हिलना मत वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा" रूपाली ने पायल को हल्के से डांटा और फिर उसकी दोनो टांगे खोल ली.
थोड़ी देर चूत पर हाथ रॅगॅड्कर उसने अपनी बीच की अंगुली पायल की चूत में धीरे धीरे घुसा दी. अपने दूसरे हाथ से वो अपनी चूत रगड़ रही थी
"दर्द होता है मालकिन" पायल फिर बोली
"बस थोड़ी देर. फिर नही होगा" कहते हुए रूपाली ने अपनी अंगुली आगे पिछे करनी शुरू कर दी. नतीजा थोड़ी ही देर में सामने आ गया. जो पायल पहले दर्द से उच्छल रही थी अब वो ही आअहह आअहह करने लगी.
"मैने कहा था ना के मज़ा आएगा" रूपाली ने कहा "और करूँ या निकल लूँ?"
"और करिए" पायल ने आहह भरते हुए कहा
रूपाली ने तेज़ी से उसकी चूत में अंगुली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और अपना दूसरा हाथ अपनी चूत पर तेज़ी से रगड़ने लगी. अचानक उसकी नज़र सामने घड़ी पर पड़ी और उसने अपनी अंगुली पायल की चूत से निकाल ली. पायल ने अपनी आँखें खोलकर उसकी तरफ देखा
"क्या हुआ मालकिन?" उसने रूपाली से पुचछा
"अरे पागल एक मर्द का लंड मेरी अंगुली जितना थोड़े ही होता है. असली मज़ा लेना है तो या तो लंड से ले या लंड जैसी किसी चीज़ से ले" रूपाली बिस्तर से उठते हुए बोली
"मतलब?" पायल ने पुचछा. उसने उठने की कोई कोशिश नही की थी. बिस्तर पर वैसे ही टांगे हिलाए पड़ी थी
"मतलब ये" रूपाली ने टेबल पर रखे हुआ एक खीरा उठाया. यही वो चीज़ थी जो वो थोड़ी देर पहले किचन में ढूँढ रही थी.
"आप ये डालेंगी? ये तो बहुत मोटा है" पायल ने आँखें फेलाते हुए कहा. उसकी टांगे भी डर से अपने आप बंद हो गयी
"कोई कोई लंड इससे भी मोटा होता है. वो कैसे लेगी?" कहते हुए रूपाली ने पास रखे हेर आयिल की बॉटल उठाई और पूरे खीरे पर आयिल लगा दिया. वो फिर बिस्तर पर चढ़कर पायल के नज़दीक आई और उसकी टाँगें खोलने की कोशिश की
"नही मालकिन" पायल ने कहा "बहुत दर्द होगा"
"अरे हर औरत को होता है. मुझे भी हुआ था पहली बार पर फिर मज़ा आता है. चल अब टांगे खोल" कहते हुए रूपाली ने ज़बरदस्ती पायल की टांगे खोल दी
वो फिर पायल की टाँगो के बीच आ बैठी और खीरा उसकी चूत पर रगड़ने लगी. पायल ने फिर अपनी आँखें बंद कर ली थी. थोड़ा देर ऐसे ही रगड़ने के बाद रूपाली ने थोड़ा सा खीरा पायल की चूत में डालने की कोशिश की. पायल फ़ौरन पिछे को हो गयी
"आह" पायल करही "दर्द होता है"
"चुप कर और टांगे खोल और हिलना मत" रूपाली ने उससे कहा और दोबारा खीरा डालने की कोशिश की. थोड़ी देर ऐसे ही कोशिश करने के बाद जब पायल ने खीरा चूत में डालने नही दिया तो रूपाली बिस्तर से उठकर अपनी अलमार तक गयी और अपने 3 स्कार्फ उठा लाई.
"तू ऐसे नही मानेगी" कहते हुए वो फिर पायल के करीब आई और उसे बिस्तर से बाँधने लगी.
दोस्तो आपको मज़ा तो बहुत आ रहा होगा लकिन क्या करू मुझे ये पार्ट यहीं बंद करना पड़ेगा आगे की कहानी जानने के लिए सेक्सी हवेली का सच पार्ट --15 मैं पढ़ें
आपका दोस्त
राज शर्मा
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