Tuesday, March 16, 2010

हिंदी सेक्सी कहानिया आप की शशि पार्ट् – 4

राज शर्मा की कामुक कहानिया
हिंदी सेक्सी कहानिया

आप की शशि पार्ट् – 4

(पार्ट् - ४, तो ये थी शशि कि अगली स्टोरी अबाउट knowing दा सेक्स. केसी लगी फ्रेंड्स?? लिस्तेन दा नेक्सट पार्ट् अज युसुअल शशि कि जुबानी.... )

शीला तो चली गई थी और मैं उदास थी के अब क्या करुँ अकेले ही सब कुछ करना होगा.... दो मंथ बाद मेरी डैड मोम और सिस्टर कि कार एकसिडेंट में डेथ् हो गई. ये हादसा तो जैसे मेरे लिये कयामत ही ले आया मैं नीम पागल सी हो गई. मेरी ऐज उस वक्त तक़्रिबन १४ और हाफ होगी. घर में एक कुहराम मच गया. सब रिलेटिवस आये. और मैं चूंकि अकेली रह गई थी मुझे खाला अपने साथ ले गई अपने घर जो कही दूसरे सिटी में था...

इस हादसे कि वजह से मैं तो जैसे एक सन्नाटे में थी पता नहीं कितने दिन गुजर गये मुझे पता ही नहीं कोन कोन आया अफ़सोस के लिये और फिर आहिस्ता आहिस्ता वक्त के साथ साथ सब कुछ अपनी पोजिशन में आने लगा....

मेरा रिजल्ट आ चुका था मैं बुरी तरह फेल हो चुकी थी.... क्यों न होती स्टडी ही कहा कि थी.... मजे किये थे.... और वैसे भी मेरा पढ़ाई से जी उचाट हो चुका था कुछ भी अच्छा नहीं लगता था.... माईंड धीरे धीरे फिर पुरानी यादों कि तरफ जाता और मेरे हाथ खुद ब खुद अपने ब्रेस्टस् पे आ जाते लेकिन कुछ भी पूरी तरह कर न पाती के आंखों से आंसू रफान हो जाते......

एक दिन यूँ ही मैं उदास अपने कमरे में बेठीक थी कि कमि मेरे कमरे में आया. मैं आज उसे पहली बार गोर से देख रही थी. वों काफी बड़ा हो गया था ये भारी भारी बोडी लम्बा कद. चोडे कंधे और छाती. बोअर्दिंग हाउस में काफी मेहनत कि थी उस ने.... उस ने आते ही कहा .

ऍये क्या हो गया है तुम को बस करो न अब जिन्दगी ऐसे तो नहीं गुज़रती चलो उठो आओ मैं तुम्हें बाहर ले चलता हुँ और उस ने मेरा हाथ पकड़ के उठाया.

नहीं कमि मेरा दिल नहीं है मैंने मना किया.

ऑह हो! मुझे अपना दोस्त समझती हो न याद है बचपन में तुम मेरी हर बात मानती थी उस ने मेरी आंखों में देखते हुए कहा.

हां अब मानती हुँ और मानती रहूनगि तुम ही तो अब मेरे एक दोस्त हो जिस से मैं दिल कि हर बात कर सकती हुँ लेकिन अभी मेरा बाहर जाने का मन नहीं है मैंने हाथ छुडाया और फिर बेड़ पे बैठ गई और वों भी मेरे पास बैठ गया सिर झुक के जाने क्या सोचने लगा... मैं अपने आप में गुम थी...

याद है शशि हम ईकठे नहाया करते थे.... मैंने उस कि आंखों में देखा एक अजीब सी चमक थी.

हां याद है. सब याद है और ये भी के तुम मुझे छोड़ के चले गये थे.. मैंने सिर झुकाते हुए कहा और मेरी आंखों में आंसू आ गये.

अरे वों तो मेरी मजबूरी थी और मैं कौन सा अपनी खुशी से गया था मोम कि ख्वाहिश थी वों मेरे और करीब हो गया ऐर दोनों हाथ मेरे चेहरे पे लाकर मेरे आंसू साफ किये और मैं उस के गले लग गई. उस ने भी बाजू मेरे पीछे लाकर मुझे अपने साथ लगा लिया. मुझे बहुत अच्छा लगा युन्हि हम काफी देर एक दूसरे से लिपटे रहे..

शशि एक बात कहुँ नाराज न हो उस ने मुझे पीछे हटाते हुए कहा.

क्या? मैंने उस कि आंखों में देखते हुए पूछा.

हम वाकई बड़े हो गये हैं कैसे?

क्या मतलब मैं समझी नहीं?

ये देखो जरा.... उस ने हाथों से मेरे बूब्स कि तरफ इशारा किया और मैं शर्मा गई और अपना दुप्पटा अपने सीने के सामने कर लिया.

शरम नहीं आती मैंने उसे कहा

शरम किस बात कि? हम में भी शरम है क्या? वैसे तुम जो चाहती थी बचपन से वों ही किया न उस ने मुस्कराते हुए कहा ... और मुझे याद आ गया के जब हुम दोनों साथ साथ नहाया करते थे तो मैं खुद ही कमि के हाथ अपने निप्प्लेस पे रख कर उस को दबाने को कहती थी एक अजीब सा मजा आता था मुझे. पुरानी याद एक फिल्म कि तरह मेरे दिमाग में चलने लगी......... मुझे होश जब आया के कमि के हाथ मेरे बूब्स पर लगे.

ऍह!! क्या कर रहे हो कोई आ जायेगा...

कोई नहीं आयेगा शशि घर में कोई नहीं है मोम बाहर गयी हैं हम दोनों अकेले हैं. जरा देखूँ तो सही क्या बनाया है तुम ने इतने सालों में. अरे ये तो बड़े नरम हैं वअव!!!! और अब उस के दोनों हाथ मेरे ब्रेस्टस् पर थे मेरे पूरे बादन में एक लहर से दोडने लगी आज बड़े दिनों बाद किसी ने मेरे ब्रेस्टस् को छुआ था. वोहि सेक्स का नशा. खुमार सा मेरे दिल ओ दिमाग पे छाने लगा. ऍह आह आह कैसा अच्छा लग रहा था वों दोनों हाथों में मेरे बूब्स को भर रहा था मल रहा था मसल रहा था प्यार से सख्ती से मेरी तो आँखें बन्द हुई जा रही थी और सांसें तेज़ तेज़... आह मेरे मुँह से सिसकी निकल गई

आहिस्ता कमि आहिस्ता जोर न लगओ दर्द होता है!!!! वों तो जैसे दीवाना हो रहा था मेरे बूब्स को अपने हाथों में ले कर और मेरा भी हाल कुछ पागलों का सा था.... उस ने मेरी कमीज़ ऊपर करनी चाही.

नहीं कमि नहीं लेकिन मैं भी तो ये ही चाहती थी कोई तो इन से खैले कब से मेरी छतियान उदास हैं प्यासी हैं आह आह ओह ओह्ह और मैं जरा सा उठी अपनी कमीज़ अपने नीचे से निकालने दी और उस ने मेरे ब्रेस्टस् तक कमीज़ उठा दी और एक दम मेरी ब्रा भी उठा दी मेरी कमीज़ और ब्रा मेरे गले में थी. मैं खुद अपनी छतियान देख नहीं सकती थी लेकिन वों देख रहा था. मैंने आँखें खोली और उस कि आंखून में देखा एक चमक थी उस ने मुझे बेड़ पे लेटा लिया था.

वोव!!! शशि बहुत प्यारे हैं तुम्हारे मुम्मे.

क्या कहा मुम्मे.. मैंने आहिस्ता से पूछा.

हा यार इन को और क्या कहते हैं मुम्मे. छात्तियान. ब्रेस्टस् और बूब्स क्या कहुँ बात तो एक ही है न.. उस ने मेरी तरफ देखते हुए कहा और उस के हाथ एक बार फिर मारे बूब्स पर आ गये वों इन को मसाज करने लगा. उस के हाथ बोहथ होट थे. अच्छे लग रहे थे. मेरे बूब्स भी बहुत गरम हो रहे थे. उस ने मेरे लेफ्ट निप्प्ले को उंग्लियुन में दबाया. मेरी आह निकल गई और फिर उस ने राईट निप्प्ले को भी उंग्लियुन में ले लिया और खुद मेरे ऊपर आ गया और उस ने अपने गरम गरम होंठ मेरे होंथून पे रख दिये. ये पहली किस्स थी के मैं झूम गई. और वों मुझे चूम्ने लगा. चूमता रहा. मैं भी अब उस का साथ देने लगी मेरी धर्कन और भी तेज़ होने लगी लेकिन मजा था के क्या कहुँ...

उस ने होंठ मेरे होंठो पे रखे रखे अपने ज़ुबान मेरे मुँह में डालनी चाही. मैंने भी मुँह खोल दिया और अब उस कि ज़ुबान मेरी ज़ुबान से टच कर रही थी. हाथ अभी भी मेरे बूब्स को सहला रहे थे. वों पूरा मेरे ऊपर लेटे हुआ था. मेरी रानों पे कुछ गरम गरम हार्ड सा लग रहा था. मेरे नीचे से तो जैसे शोवेर चलने लगा था मेरी शलवार भर गई थे. वों अब मेरी ज़ुबान अपने मुँह में ले कर चूस रहा था...... फिर उस ने मेरी कमीज़ और ब्रा का फन्द मेरे गले से निकल दिया और अब मैं सिर्फ शलवार में थी और आंखें बन्द किये लेटी थी.

है शशि मजा आया? ... अब हम वाकई बड़े हो गये है न? उसने बैठते हुए पूछा

हां बहुत बड़े. मैंने आँखें बन्द ही रखते हुए कहा

अरे उठ बेठो न और आँखें तो खोलों यार उस ने मुझ भी उठा के बिठा दिया पर मैंने आँखें नहीं खोलैन मुझे बड़ी शरम आ रही थी...

ऍअंखैन तो खोलू न कुछ दिखाना है तुम को....

नहीं खुल रहीं न शरम आ रही है. यार

अच्छा ये लो पकडो जरा... और मेरा हाथ उस ने पकड़ के एक गरम सी मोटी सी लम्बी चीज पकड़ा दी. और मेरी आँखें खुद ब खुद ही खुल गई. मैंने देखा ये उस का पेनिस था जो कि उस ने अपने ट्राउजर् कि ज़िप खोल कर बाहर निकल हुआ था... मैंने एक दम हाथ हटा लिया...

किया हुआ जान ये वहीं है जिस से तुम खेलती रही हो..

हां लेकिन ये इतना बड़ा और मोटा कैसे हुआ? मेरी तो आँखें हो फैलने वाली हो रही थी उस का पेनिस देख कर.

जैसे तुम्हारे ये बूब्स बड़े हो गये तो ये भी तो बड़ा होना ही था न उस ने मेरे बूब्स को हाथ लगते हुए कहा और हम हँसने लगे. और फिर मैंने खुद ही उस का पेनिस हाथ में ले लिया वों मेरे हाथ से बड़ा था और काफी मोटा भी.

कमि बूब्स को मुम्मे और छतियान कहते है इस को क्या कहते है मैंने पूछा.

ऑह इस को! लंड. लंड. ळुल. ळुला. पेनिस. डिक्क और कोक् भी कहते है अब जो तुम्हें अच्छा लगे कहा लो उस ने मारे कान के करीब अते हुए कहा और अपनी ज़ुबान मेरे कान कि लो को लगै एक झुरझुरी सी आ गई मुझे.

व इस के इतने नाम. मुझे तो कोक् या लंड अच्छा लगता है. और तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है ये आज से मेरा हुआ. तुम ये मुम्मे ले लो! ओ के मैंने उस कि आंखून में आँखें डालते हुए कहा.

हां ये तो है ही तुम्हारा जान पर मैं सिर्फ मुम्मे नहीं लूंगा एक और चीज भी देनी होगी इस के बादले में और वों ये है.... उस का हाथ मेरी टाँगों के देर्मिअन में गया और उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को छुआ. आह आह.

हां ठीक है ये भी ले लो ये तो मुझे बहुत ही तंग करती है वैसे इस को क्या कहते है? मैंने टाँगें खोलते हुए कहा ताकि उस का हाथ आसानी से मेरी पूस्सी (चूत) को छू सके..

इस को! फुदि. चूत और पूस्सी (चूत) कहते है. स्वीट शशि और अब उस का हाथ मेरी पूरी पूस्सी (चूत) के ऊपर था और वों उसे मल रहा था. मजा आने लगा.

अरे ये तो गिलि हो रही है. जरा देखूँ मैं.... उस ने मेरी शलवार भी उतार दी.

हां हां क्यों नहीं आज से ये भी तो तुम्हरि ही है देखा केसी है... मैंने हिप्स उठ कर उस को शलवार उतारने दी. उस ने शलवार बेड़ से नीचे रख दी और अब मैं बिल्कुल नंगि थी उस ने मेरी टाँगें खोली और मेरी चूत के लिप्स पर हाथ फेरने लगा. मेरी आँखें फिर बन्द होने लगी मैं उस का हाथ पकड़ा और एक उँगली अपने क्लीट् पे रख ली.

ये बड़ा तंग करता है इस को तो जरा पूँछों और वों मेरे क्लीट् से खेलने लगा... मैं भी उस का साथ देने लगी और अपनी हिप्स को कभी उठाती कभी नीचे करती. अब उस कि उँगली ऊपर से नीचे तक जा रही थी मेरी चूत के होल तक.

हये कमि मैं मर जऊनगि ये क्या कर दिया है तुम ने आह आह बड़ा मजा आ रहा है और तेज़ करो और तेज़.... मेरी तो जैसे जान ही निकली जा रही थी . सांसें बहुत तेज़ हो रही थी.

अभी मैं तुम्हें ओर भी मजा देने वला हुँ ऐसा मजा के तुम को कभी भी न आया होगा उस ने कहा और फिर उस ने अपने कपड़े भी उतार दिये अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और साथ साथ लेट हुए थे. मैंने उसे गोर से देखा मैं फर्स्ट टाईम किसी जवान मर्द को नंगा देख रही वों बड़ा ही प्यारा लगा रहा था. वोव क्या body थी मैं सीधी लेटी थी.

अब जान एक जंग के लिये तैयार हो जऊन तुम पर एक बड़ा हमला होने वाला है उस ने कहा और मेरे ऊपर लेट गया उस का कद मुझ से बड़ा था. और उस का मोटा लम्बा लंड बहुत ही हार्ड लगा रहा था.

i m ready jaan come on जो चाहो करो जैसे चाहो कर लो मैं तैयार हूँ मैंने भी जोश से भरी आवाज़ में कहा...... और वों मेरा ऊपर आ गया. मैं बेड़ के देर्मिअन में लेटी थी उस ने मेरे बज़ू उपेर्केर लिये. मेरे हाथ से किस्सिंग स्टार्ट कि हाथों पे बाजूओ पे आर्म पिठ पे कंधों पे गर्दन पे माथे पे आंखून पे नाक पे चिक्स पे चिन पे. वों मुझे चुम्त्त हुआ मेरे हूंतून पे आ गया. मेरे सार बादन उस कि किस्सेस से बहुत ही होट् हो चुका था. उस का हार्ड लंड मेरे पेट पे लग रहा था. वोव क्या नशा था मैं तो मदहोश सी हो गयी. उस ने अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी मैंने भी पूरे जोर से उस कि ज़ुबान चुसनी शुरू कर दी. फिर मैंने उस के मुँह में ज़ुबान डाल दी उस ने भी बड़े जोश से चूसि फिर वों ज़ुबान से लिक्क करता हुआ मेरे गले से होता हुआ मेरे बूब्स पे आ गया और लेफ्ट निप्प्ल के गिर्द ज़ुबान फिराने लगा. फिर उस ने अपने पूरे मुँह में मेरा लेफ्ट बूब डाल लिया और सुक्क करने लगा मैं दर्द से कराहने लगी.

आह अह आह्ह्ह्ह हा हाअ कमि आहिस्ता आहिस्ता मैं मर जऊनगि यार और उस ने जरा भी तरस नहीं खय और ज्यादा जोर से सुक्क करने लगा. फिर राईट बूब के साथ भी ऐसा ही किया. मेरी तो सिस्किआन ही बंध गई दर्द भी बहुत हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था. मेरी पूस्सी (चूत) बहुत ही वेट् हो गई थे के मैं रिलेक्स हो गई. ऐसे तो कभी शीला ने भी मुझे सुक्क नहीं क्या था.

ऍह्ह्ह अह अह्ह अह ओह ओह ओह ओह ह्ह हा मेरी आवाज और बुलन्द हो गई थी और फिर वों ज़ुबान से लिक्क करता हुआ मेरे पेट और फिर नाफ पे आ गया. नाफ के अन्दर ज़ुबान डाल दी.

आह आह उह्ह उह्ह हुम हुम्म्म्म्म्म्म इस का भी एक नय मजा था. फिर वों मेरे पयुबिक हेयर्स पे आ गया और बालून में ज़ुबान चलने लगा. मैंने जरा सी हिप्प्स उठ दी फिर वों मेरी थाईस पे नीस पे पिंडलीयों पे पैरून पे और पैरून कि उंगलियों को उस ने अपने मुँह में डाल लिया. एक अजीब सी गुदगुदी थे मेरी तो जान ही निकल गई. मैं बोलन्द आवाज़ में सिस्किआन लेने लगी.

आह कमि बस करो जान मैं मर जऊन गि आह आह अह आह्ह्ह्ह अह्ह है ज़लिम क्या कर दिया हैं तुम ने मुझे अय मैं एक बार फिर रिलेक्स हो गई. जाने इस काम का क्या एंड् था मैं सोच रही थी के उस ने मेरी टाँगें फैला दी और खुद मेरी चूत के पास आ गया. पहले उस ने मेरी चूत पे हाथ फेरा और अपना मुँह और करीब ले आया और फिर जैसे ही उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को किस्स किया मैं तो सातवेन आसमान में उड़ने लगी.

ऍह अह अह ये क्या कर रहे हो ये गंदी जगह हैं.

ये ही तो सब से प्यारी जग है मेरी जान अब देख मैं तुम्हें कैसा मजा चखत्त हुँ उस ने कहा और अपने ज़ुबान से मेरी चूत के दोनों लिप्स को चाटने लगा और फिर उस कि ज़ुबान मेरे क्लीट् पे आ गई. एक नय सरूर था क्या बताओन आह आह अह और उस ने मेरे क्लीट् को दंतून में ले लिया मेरी चीख निकल गई.

जोर से चेखो चिलाओ मैं नहीं आज छोड़ने वाला और वैसे भी घर में कोई नहीं जो दिल में आत्त है करो उस ने कहा और मैं जोर जोर से चीखने लगी. मुझ चीखने में भी मजा आ रहा था और वों था के जैसे मेरी पूस्सी (चूत) ख ही जायेगा और फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरी चूत के होल में डाल दी अन्दर और अन्दर.

ऍह्ह अह्ह्ह कमि मैं मर जऊनगि क्या कर रहे हो बस करो आह्ह्ह और मैं फिर एक बार रेलेअस हो गई. इस बार सारा गिला गिला उस के मुँह में ही चला गया. आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरी तो टाँगों में से जान ही निकल गई है और मैं बेसुध हो के लेट गई. वों भी मेरे साथ आ के लेट गया और अब उस ने मेरा हाथ अपने लंड को लगाया. वों अब जरा कम हार्ड था मैंने पकड़ लिया और उस को मलने लगी सहलाने लगी.... वों फिर से हार्ड होने लगा.

चलो अब तुम्हरि बारी और वों खड़ा हो गया. मुझे भी उठ के बिठा लिया.

क्या मतलब मेरी बारी मैंने हेरांगी से पूछा और उस ने अपना लंड हाथ में पकड़ के मेरे लिप्स पे लगाया.

अब जो मैं कहूँगा वों करना है तुम को जान

ओ के ओ के मैंने कहा.

किस्स इट् मैंने उस के लंड हेड पे किस्स किया और क्या क्या मैं समझ गई के अब मुझे उस के लंड को सुक्क करना परेग और मैंने उस का मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूस्ने लगी.

वोव तुम तो समझदार हो गई हो बड़ी जल्दी सीख लिया है

हां तुम ने ही सिखय है और अब मैंने उस के पूरे लंड को और उस के बड़े बड़े बल्ल्स को अपने ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया. अब आह अह अह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह करने कि बारी उस कि थी और मैंने फिर उस का लंड अपने मुँह में डाल लिया. वों काफी मोटा था पूरा नहीं आ रहा था. लेकिन जितना भी आ रहा था मैंने मुँह में डाल के सुक्क करना स्टार्ट कर दिया. उस के हाथ मेरे बल्लून में थे और वों मेरा सिर आगे पीछे करने लगा. उस के बल्ल्स मेरे हाथ में थे और मैं जोर जोर से सुक्क करने लगी और फिर उस के सारे बादन में एक सख्ती सी आ गई और उस का गरम गरम लोड् सारे का सारा मेरे मुँह ही में निकल गया. आआह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उस के मुँह से अवज़ैन आने लगी. उस के स्पुर्म्स का टेस्ट् नमकीन सा था कुछ मेरे गले में चला गया और ज्यादा मैंने बाहर ही निकाल दिया. अब उस का लंड नर्म पड़ने लगा और वों मेरे साथ ही बैठ गया.

क्या बात है ये तुम ने कहा से सीखा उस ने अपने शर्ट से मेरा मुँह साफ करते हुए पूछा.

तुम से ही सीखा है और अभी अभी. मजा आया तुम को? मैंने पूछा उस ने मेरे लिप्स अपने होंठों में ले लिये और जोर से एक किस्स किआ.

वह मजा आ गया. अब हम वाकई बड़े हो गये है न? और हम हँसने लगे ......

लेकिन ये सब तुम ने कहा से सीखा मैंने पूछा.

एक सेक्स मूवी देखी थी मैंने उस में ऐसे ही किया था लड़के और लड़की ने लेकिन एक काम और भी किया था चलो अब नही बतऊनग फिर किसी टाईम ओ के

क्या काम था अभी बतऊ न? मैंने कहा

बाद में जान अभी तो मेरी टाँगों में से जान निकल दी है तुम ने और उस ने मुझे सीने से लगा लिया...

अब मेरा जब जी चाहेग मैं तुम्हारा लंड सुक्क कर सकती हुँ न? मैंने पूछा

हां जान ये आज से सिर्फ तुम्हारा है और ये मुम्मे ये चूत सिर्फ मेरे लिये ओ के उस ने मेरे बूब्स और पूस्सी (चूत) को हाथ लगते हुए कहा

और हां मैं तुम को भी वों मूवी दिखाऊग बड़ा मजा आयेगा... और हम एक दूसरे से लगा के लेट गये और किस्सिनिंग करने लगे....

now readers what is your coments for SHASHI's this discovery.... और लेडिस क्या आप के नीचे भी गिला गिला कुछ हुआ? मेरे तो हुआ सच्ची बात है..... क्या करुँ शशि कि बातें ही कुछ ऐसी है वोव!!!

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