होली ने मेरी खोली पार्ट--3
कामुक-कहानियाँ
गतान्क से आगे...................
मीना की चूत को जीभ से चाटते ही रमेश का लंड मेरी चड्डी पर चोट करने लगा. मैने मीना को चटवाते देखा तो मेरा मॅन भी चाटने को करने लगा. तभी उसने मेरे निपल को मीसा तो मैं मज़े से भर उसकी गोद मैं उचकी तो वह अपनी बहन की चूत से जीभ हटा मेरी चूचियों को दबा मुझसे बोला,
"हाए अभी नही ज़रा सुनीता तुम अपनी चटाओ"
"चाटो." मैं मस्ती से भर मीना की तरह चूत चटवाने को तैय्यार हुई. तभी मीना अपनी चाती गयी चूत को उंगली से खोलकर देखती बोली,
"हाए रमेश भाय्या मेरा पानी तो निकल गया."
"तुम्हारी सहेली की नयी चूत चाटूँगा तो मेरा पानी निकलेगा." और मेरी कमर मैं हाथ से दबाकर उठाया. अब मेरी गोरी गोरी चूचियाँ एकदम लाल थी. तभी मीना मुझे बाँहो मैं भर अपने बदन से चिपकाती बोली,
"चटवाने मैं चुदवाने से ज़्यादा मज़ा आता है. चताओ."
"अच्छा मीना चटवा दो अपने भयया से."
"भयया सहेली की चाटो."
"मैं तो तैय्यार हूँ. कहो मस्ती से चटाये. इसकी चाट'ते मेरा निकलेगा. हाए इसकी तो खूब गोरी गोरी होगी." और बेताबी के साथ लंड उच्छालते हुवे पोज़ बदला. अब वह बिस्तर पर पेट के बल लेटा था. उसका लंड गद्दे मैं दबा था और चूतड़ ऊपर था. तभी मीना ने कहा,
"अपनी चटवाउ क्या?"
"हां मीना अपनी चटवओ तो सुनीता को और मज़ा आएगा." तब मीना ने हमको रमेश के सामने डॉगी स्टाइल मैं होने को कहा. मैं जन्नत की सैर कर रही थी. मज़ा पाकर तड़प गयी थी. मेरी कोशिश थी कि मैं मीना से ज़्यादा मज़ा लूँ. उसकी बात सुन मैने कहा,
"चड्डी उतार दूं मीना?"
"तुम अपना चूतड़ सामने करो, भाय्या चड्डी हटाकर चाट लेंगे. अभी तो यह हमलोगो का ब्रेकफास्ट है. केवल चूत मैं लंड घुस्वकार कच कच चुदवाने मैं मज़ा नही आता. हमलोग अभी कुँवारी लौंडिया हैं. असली मज़ा तो इन्ही सब मैं आता है. जैसे बताया है वैसे करो."
"अच्छा." और मैं रमेश के सामने चौपाया(डॉगी पोज़िशन) मैं आई तो रमेश ने पीछे से मेरा स्कर्ट उठाकर मेरे चूतड़ पर हाथ फेरा तो हमको बड़ा मज़ा आया. मेरी चूत इस पोज़ मैं चड्डी के नीचे कसी थी. मीना ने खड़े खड़े चटाइया था पर मुझे निहुरकर चाटने को कह रही थी. अभी रमेश चूतड़ पर हाथ फेर रहा था. मीना ने मेरे मुँह के सामने अपनी चूत की और बोली,
"सुनीता पेट को गद्दे मैं दबाकर पीछे से चूतड़ उभार दो. तुम्हारी भाय्या चाटेंगे तुम मेरी चूत चाटो और हाथ से मेरी चूचियाँ दबाओ फिर देखना कितना मज़ा आता है."
इस पोज़ मैं मीना की साँवली चूत पूरी तरह से दिख रही थी. उसकी चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा. मैने चूचियों को गद्दे मैं दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली,
"चूत के अंदर तक जीभ डालकर तब तक चाटना जब तक भाय्या तुम्हारी चट'ते रहें. मज़ा लेना सीख लो तभी जवानी का मज़ा पओगि." मीना की चूत पर जीभ लगाने मैं सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया. तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के सागर मैं ले जाते बोला,
"तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फड़कर चाट लें?"
"हाए फाड़ दीजिए ना." मैं मीना की झरी चूत के फैले दरार मैं जीभ चलाती दोनो हाथों से मर्द की तरह उसके गदराए अनारो को दबाती वासना से भर बोली. तभी रमेश ने दोनो हाथों को चड्डी के इधर उधर लगा ज़ोर्से खींचा तो मेरी पुरानी चड्डी एक झटके मैं ही छार्र से फॅट गयी. उसे पूरी तरह अलग कर मेरी गदराई हसीन गुलाबी चूत को नंगी कर उंगली को दरार मैं चलाता बोला,
"ज़रा सा चूतड़ उठाओ." नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मैं इतना मज़ा आया कि मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने चूतड़ उठाया तो वह बोला,
"ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची दबाना बंद करो." मैं चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूचछा,
"अब ज़्यादा मज़ा आ रहा है कि मीना की चाट'ते हुवे?"
"जी अब कम आ रहा है."
"ठीक है तुम मीना की चाटो." मैं फिर मीना की चूत चाट'ते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो रमेश से नंगी चूत सहलवाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछ्ते पूरी चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला,
"मीना इसकी अभी चुदी नही है."
"हां भाय्या मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो शर्मा भी नही रही है."
"ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता कितने साल की हो?"
"जी चौदह की."
"बड़ी मस्त हो. बोलो इसका मज़ा हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"
"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली.
"मीना तुम्हारी सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मैं इसको तैय्यार करना. हमे बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली."
"हां राजा यह तो पड़ोस की ही है. भाय्या इसे तो तुम जानते ही हो."
"हां पर आज पहली बार मिल रहा हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मैं दबाकर मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली,
"हाए रमेश अच्छा लग रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती बोली,
"आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?"
"हां हाए."
"सुनीता. इसी तरह शरमाना नही, जिसको मेरे भाय्या चोद देते हैं वह मेरे भाय्या की दीवानी हो जाती है. अभी तो शुरुआत है आगे देखना. मैं तो भाय्या से खूब चुदवाति हूँ. रोज़ रात मैं भाय्या के कमरे मैं ही सोती हूँ. तुम्हारे लिए भी बड़ा अच्छा मौका है. घर खाली है जब चाहो भाय्या को बुलाकर डलवा लो. फिर जब मम्मी पापा आ जाएँ तो मेरे घर आ जाना."
मीना की बातों से हमे अपने बदन का लाजवाब मज़ा मिल रहा था. वह अभी तक मेरी गदराई 14 साल की चूत को सहला रहा था. मैं चूचियाँ दबाती सहेली की चूत चटाई का मज़ा ले रही थी. बाहर होली का हुरदांग मचा था और घर मैं जवानी का. तभी मेरी फाँक को उंगली से कुरेदते रमेश ने पूचछा,
"सच बताओ हमारे साथ चूत का मज़ा आ रहा है."
"जी हाए बहुत आ रहा है. हाए नही शरमाएँगे, हमको भी मीना की तरह चोदिये.
"अभी मीना और तुमको चोद्कर चले जाएँगे. तुम खा पीकर घर पर रहना तो तुमको अकेले मज़ा लेना सिखाएँगे. चूत तुम्हारी बड़ी मस्त है. जितना चुद्वओगि उतना ही मज़ा पओगि." फिर वह अपनी बहन से बोला,
"मीना तुमको ऐतराज़ ना हो तो दोपहर को अकेले तुम्हारी सहेली को चोद दें."
"नही भाय्या कहो तो अभी चले जाएँ."
"ठीक है जाओ. आज मैं तुम्हारी इस गदराई कुँवारी सहेली को जी भरकर रंग खिला दूँ." और झुककर मेरी गदराई गोरी गोरी चूत को जीभ से लापर लापर चाटने लगा. हमको अब तक का सबसे हसीन मज़ा चटवाने मैं आया. वह चूत की दरारों को फैला रानो के बीच मुँह डाल जीभ को दरार और गुलाबी छेद पर चला रहा था. मेरी आँखें बंद हो गयी. करीब 10 मिनिट तक मेरी चूत को इसी तरह से चाट'ता रहा और जब अलग हुवा तो मीना नही थी. उसका लंड अभी भी उसी तरह खड़ा था. मस्ती के आलम मैं मीना कब कमरे से चली गयी इसका पता ही नहा चला. मैं घबराई तो वह मेरे उभारों को हाथ से थपथपाते बोला,
"मीना को हटा दिया है अब अकेले मज़ा लो. उसके रहने से तुम्हारा मज़ा किरकिरा हो जाता. पहली बार चुदोगि तो पूरा मज़ा आराम से लो. हाए तुम्हारी चूत और चूचियाँ मीना से अच्छी हैं अब तुम्ही को पेला करेंगे." अब मुझे मीना से जलन होने लगी. चूत चटकार पूरी तरह मस्त कर हमे अपना दीवाना कर दिया था. रमेश ने चाट कर मज़े के साथ जो मेरी चूत को अपनी बहन मीना की चूत से हसीन और लाजवाब बताया तो उस'से मैं पूरी तरह अपनी जवानी का मज़ा उसे देने को तैय्यर थी. मन मैं यही था कि अभी ऊपरी खेल खेल रहा है तो इतना मज़ा आ रहा है, जब लंड पेलकर चूत चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा. वैसे मीना की चूत चाटने और उसकी सेब सी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने मैं मज़ा आया था पर उसका अपने भाई को मेरे पास अकेले छ्चोड़कर चला जाना बड़ा ही अच्छा लग रहा था. इस समय मेरी चाटी गयी चूत झंझणा रही थी. रमेश ने जीभ को चूत के गुलाबी छेद मैं डालकर चाटा था उससे मैं बुरी तरह उत्तेजित हो गयी थी. उसके लंड ने इतने पर भी पानी नही फेंका था. उसने चड्डी फाड़कर मज़ा लिया था. शर्ट खुली थी और दोनो अमरूद तने थे. वह मेरी गोल गोल छ्होटी छ्होटी चूचियों को कसकर दबाते हुवे बोला,
"सच बताना मेरे साथ होली का मज़ा आ रहा है या नही?"
"जी बहुत मज़ा आ रहा है."
कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त..........................क्रमशः.......................
HOLI NE MEREE KHOLI paart--3
gataank se naage...................
Mina ki choot ko jeebh se chatate hi Ramesh ka lund meri chaddi par chot karne laga. Maine Mina ko chatwate dekha tu mera mann bhi chatane ko karne laga. Tabhi usne mere nipple ko misa tu main maze se bhar uski god main uchki tu wah apni bahan ki choot se jeebh hata meri choochiyon ko daba mujhse bola,
"haye abhi nahi jara Sunita tum apni chatao."
"chato." Main masti se bhar Mina ki tarah choot chatwane ko taiyyar huyi. Tabhi Mina apni chati gayi choot ko ungli se kholkar dekhti boli,
"haye Ramesh bhaiyya mera pani tu nikal gaya."
"tumhari saheli ki nayi choot chatunga tu mera pani niklega." Aur meri kamar main haath se dabakar uthaya. Ab meri gori gori choochiyan ekdam laal thi. Tabhi Mina mujhe baanho main bhar apne badan se chipkati boli,
"chatwane main chudwane se zyada maza aata hai. Chatao."
"achha Mina chatwa do apne bhayya se."
"bhayya saheli ki chato."
"main tu taiyyar hoon. Kaho masti se chataye. Iski chat'te mera niklega. Haye iski tu khoob gori gori hogi." Aur betabi ke saath lund uchhalte huwe pose badla. Ab wah bistar par pet ke bal leta tha. Uska lund gadde main daba tha aur chutad oopar tha. Tabhi Mina ne kaha,
"apni chatwaun kya?"
"haan Mina apni chatwao tu Sunita ko aur maza aayega." Tab Mina ne hamko Ramesh ke samne doggy style main hone ko kaha. Main jannat ki sair kar rahi thi. Maza pakar tadap gayi thi. Meri koshish thi ki main Mina se zyada maza loon. Uski baat sun maine kaha,
"chaddi utar doon Mina?"
"tum apna chutad samne karo, bhaiyya chaddi hatakar chaat lenge. Abhi tu yah hamlogo ka breakfast hai. Kewal choot main lund ghuswakar kach kach chudwane main maza nahi aata. Hamlog abhi kunwari laundiyan hain. Asli maza tu inhi sab main aata hai. Jaise bataya hai waise karo."
"achha." Aur main Ramesh ke samne chaupaya(doggy position) main aayi tu Ramesh ne peechhe se mera skirt uthakar mere chutad par haath phera tu hamko bada maza aaya. Meri choot is pose main chaddi ke niche kasi thi. Mina ne khade khade chataya tha par mujhe nihurakar chatane ko kah rahi thi. Abhi Ramesh chutad par haath pher raha tha. Mina ne mere munh ke samne apni choot ki aur boli,
"Sunita pet ko gadde main dabakar peechhe se chutad ubhar do. Tumhari bhaiyya chatenge tum meri choot chato aur haath se meri choochiyan dabao fir dekhna kitna maza aata hai."
Is pose main Mina ki sanwali choot poori tarah se dikh rahi thi. Uski choot meri choot se badi thi. Daraar khuli huyi thi. Mina ki choot dekh maine socha ki mera tu sab kuchh isse achha hai. Agar mere saath Ramesh ko zyada maza aaya tu wah Mina se zyada hamko pyar karega. Maine choochiyon ko gadde main daba peechhe se chutad ubhara aur munh ko Mina ki choot ke paas la pyar se jeebh ko uski choot par chalaya tu Mina apni choot ko haath se kholti boli,
"choot ke andar tak jeebh dalkar tab tak chatna jab tak bhaiyya tumhari chat'te rahen. Maza lena seekh lo tabhi jawani ka maza paogi." Mina ki choot par jeebh lagane main sachmuch hamko kafi maza aaya. Tabhi Ramesh niche kasi chaddi ki choot par ungli chala hame maze ke saagar main le jate bola,
"tumhari chaddi badi kasi hai. Phadkar chaat len?"
"haye phaad dijiye na." Main Mina ki jhari choot ke phaile daraar main jeebh chalati dono haathon se mard ki tarah uske gadraye anaaro ko dabati wasna se bhar boli. Tabhi Ramesh ne dono haathon ko chaddi ke idhar udhar laga zorse khincha tu meri purani chaddi ek jhatke main hi charr se phat gayi. Use poori tarah alag kar meri gadrayi hasin gulabi choot ko nangi kar ungli ko daraar main chalata bola,
"zara sa chutad uthao." Nangi choot ko Ramesh ki ungliyon se sahlawane main itna maza aaya ki mere andar jo thodi bahut jhijhak thi, wah bhi khatam ho gayi. Maine chutad uthaya tu wah bola,
"zara Mina ki choot chatna aur choochi dabana band karo." Main choochi se haath alag kar choot se jeebh nikali tu usne meri choot ko unglki se kuredte poochha,
"ab zyada maza aa raha hai ki Mina ki chat'te huwe?"
"ji ab kam aa raha hai."
"theek hai tum Mina ki chato." Main fir Mina ki choot chat'te huwe uski choochiyan dabane lagi tu Ramesh se nangi choot sahlawane main gazab ka maza aane laga. Abhi Ramesh ne meri chatna shuru nahi kiya tha par ungli se hi halka pani bahar aaya tu wah meri phati chaddi se meri choot ko pochhte poori choot ko sahlata apni bahan se bola,
"Mina iski abhi chudi nahi hai."
"haan bhaiyya meri saheli ko tum hi chodkar jawan karna. Ab tu Sharma bhi nahi rahi hai."
"theek hai rani isko bhi teri tarah jawan kar denge. Waise chodne layak poori gadrayi choot hai. Kyun Sunita kitne saal ki ho?"
"ji chaudah ki."
"badi mast ho. bolo iska maza hamse logi ya shadi ke baad apne pati se?"
"haye aapse." Main Mina ki choot se munh alag kar boli.
"Mina tumhari saheli ki choot tight hai. Tum akele main isko taiyyar karna. Hame bahut pasand hai tumhari saheli."
"haan raja yah tu pados ki hi hai. Bhaiyya ise tu tum jante hi ho."
"haan par aaj pahli baar mil raha hoon." Aur iske saath meri mast gulabi phaanko ko chutki main dabakar masla tu main apne aap kamar ubharti boli,
"haye Ramesh achha lag raha hai. Aise hi karo." Tabhi aage se Mina choot ko uchkati boli,
"aa raha hai na jannat ka maza?"
"haan haye."
"Sunita. Isi tarah sharmana nahi, jisko mere bhaiyya chod dete hain wah mere bhaiyya ki diwani ho jati hai. Abhi tu shuruat hai aage dekhna. Main tu bhaiyya se khoob chudwati hoon. Roz raat main bhaiyya ke kamre main hee soti hoon. Tumhare liye bhi bada achha mauka hai. Ghar khali hai jab chaho bhaiyya ko bulakar dalwa lo. Fir jab mummy papa aa jayen tu mere ghar aa jana."
Mina ki baton se hame apne badan ka lajawab maza mil raha tha. Wah abhi tak meri gadrayi 14 saal ki choot ko sahla raha tha. Main choochiyan dabati saheli ki choot chatti maza le rahi thi. Bahar holi ka hurdang macha tha aur ghar main jawani ka. Tabhi meri phaank ko ungli se kuredte Ramesh ne poochha,
"sach batao hamare saath choot ka maza aa raha hai."
"ji haye bahut aa raha hai. Haye nahi sharmayenge, hamko bhi Mina ki tarah chodiye.
"abhi Mina aur tumko chodkar chale jayenge. Tum kha pikar ghar par rahna tu tumko akele maza lena sikhayenge. Choot tumhari badi mast hai. Jitna chudwaogi utna hi maza paogi." Fir wah apni bahan se bola,
"Mina tumko aitraz na ho tu dopahar ko akele tumhari saheli ko chod den."
"nahi bhaiyya kaho tu abhi chale jayen."
"theek hai jao. Aaj main tumhari is gadrayi kunwari saheli ko jee bharkar rang khila doon." Aur jhukkar meri gadrayi gori gori choot ko jeebh se lapar lapar chatne laga. Hamko ab tak ka sabse hsin maza chatwane main aaya. Wah choot ki daraaron ko phaila raano ke beech munh daal jeebh ko daraar aur gulabi chhed par chala raha tha. Meri aankhen band ho gayi. Kareeb 10 minute tak meri choot ko isi tarah se chat'ta raha aur jab alag huwa tu Mina nahi thi. Uska lund abhi bhi usi tarah khada tha. Masti ke alam main Mina kab kamre se chali gayi iska pata hi naha chala. Main ghabrayi tu wah mere ubharon ko haath se thapthapate bola,
"Mina ko hata diya hai ab akele maza lo. Uske rahne se tumhara maza kirkira ho jata. Pahli baar chudogi tu poora maza aaram se lo. Haye tumhari choot aur choochiyan Mina se achhi hain ab tumhi ko pela karenge." Ab mujhe Mina se jalan hone lagi. Choot chatkar poori tarah mast kar hame apna diwana kar diya tha. Ramesh ne chaat kar maze ke saath jo meri choot ko apni bahan Mina ki choot se hasin aur lajawab bataya tu us'se main poori tarah apni jawani ka maza use dene ko taiyyar thi. Man main yahi tha ki abhi oopari khel khel raha hai tu itna maza aa raha hai, jab lund pelkar choot chodega tu kitna maza aayega. Waise Mina ki choot chatne aur uski seb si badi badi choochiyan dabane main maza aaya tha par uska apne bhai ko mere paas akele chhodkar chala jana bada hi achha lag raha tha. Is samay meri chaati gayi choot jhanjhana rahi thi. Ramesh ne jeebh ko choot ke gulabi chhed main dalkar chaata tha usse main buri tarah uttejit ho gayi thi. Uske lund ne itne par bhi pani nahi phenka tha. Usne chaddi phaadkar maza liya tha. Shirt khuli thi aur dono amrood tane the. Wah meri gol gol chhoti chhoti choochiyon ko kaskar dabate huwe bola,
"sach batana mere saath holi ka maza aa raha hai ya nahi?"
"ji bahut maza aa raha hai."
Contd.
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
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