राज शर्मा की कामुक कहानिया
हिंदी सेक्सी कहानिया
आप की शशि पार्ट् – 8
शशि हज़िर ए खिदमत है!!! और अब सुन ये आगे का हाल......(पार्ट् - ८)
हां तो ये उन दिनों कि बात है जब मैं अपनी खाला के यहाँ थी और कमि के साथ अब रोज ही लिक्किंग सुक्किंग चल रही थी लेकिन हमें वैट था के कब कोई मौका मिले और हम घर में अकेले हूँ और वों सब कर सके जो हम मूवी में देख चुके थे.... दिन गुजरते रहे लेकिन खाला कही जाती ही नहीं थी.... और हम कभी रात में कभी दिन में जहान भी मौका मिलता था एक दूसरे को प्यार करने लगते थे. कमि आते जाते मेरे बूब्स को पकड़ लेत्त था मैं उस के लंड को छेरती थी.. ये सिलसिला चलता रहा......
और आखिर वों दिन आ ही गया जिस का इंतेज़ार हम दोनों ही बड़ी शिद्दत से कर रहे थे... मैं और खाला घर में अकेले थे के अचानक खल्लु आये और बताया के उन के भतीजे (भाईया के बैटे) का एक्सिडेंट हो गया है. वों मोटर बाईक से गिरा है होस्पितल में है और खाला को साथ ले कर वों होस्पितल कि तरफ निकल गये... पहले मुझे भी साथ जाने को कहा लेकिन खाला ने मना कर दिया. बच्ची को क्या करना है वहां और वैसे ही इस के जेहन से पहले वाला वकिअ अभी निक्ल है हम दोनों ही चलते है. और वों चले गये..
अब मैं घर में अकेली थी. और दिमाग मेरा तो जैसे सेक्स कि पिटारी थी मैं तो इस वक्त के इंतेज़र में कब से थी. पर मेरा हीरो मेरा लवर मेरा फक्किंग बोय कहा था...? मैं बेताब हो रही थी बेहाल हो रही थी... दुआ कर रही थी के वों ऐसे में आ जाये उस दौर में मोबाईल तो थे नहीं सब के पास के काल कर लेती और नहीं मुझे उस के किसी दोस्त का नम्बर पत्ता था... मैं इधर उधर टहल रही थी... और दुआ कर रही थी... कि वों आ जाये.
और डोर बेल बज़ी. मेरा दिल उछल के हलक में आ गया. आ गया मेरा हीरो. मैं दौर के में डोर पे आई और दरवाजा खोला... लेकिन वों कोई मांगने वाली थी.. ऑह हो!!! ग़ुस्से में उसे भगाया.. जाने कितना ही टाईम गुजर गया.. लेकिन वों नहीं आया. ऍह!!! क्या करुँ कहा से उसे बुलऊन ये मौका फिर जाने कब आयेगा. वों जब भी बाहर जाता था जा कर भूल ही जाता था कि घर में भी कोई है जो उस का इतनी बेसब्रि से वैट कर रहा है.. अकसर रात में ही आता था... मेरी आंखून में आंसू आ रहे थे मेरा मन्न रोने को चाहा रहा था.. क्या करुँ.. मैं अपने कमरे में आ गई और बेड़ पे लेट के जोर जोर से रोने लगी.... ऍअज सोचती हुँ तो अपने आप पे हंसी आती है कहा कैसा जुनून होता है उस ऐज में सेक्स का. हर चीज ही सेक्सी लगती है.. मेरे साथ तो ऐसा ही था पत्ता नहीं सब के साथ ऐसे होता है या नहीं?
रोते रोते मेरी आंख लग गई और मैं सो गई... फिर डोर बेल गुंगुनाई. तीसरी या चौथी बेल्ल पे मेरी आंख खुली और मैं बे दिली से नीचे आई के अब तो खाला ही होगी. जैसे ही दरवाजा खोला तो कमि सामने था..
कहा थी जनाब ए साहिबा? क्या फिर मूवी चला रही थी उस ने अन्दर आते हुए पूछा
तुम कहा थे इतनी देर से मैंने ग़ुस्से से पूछा.
क्या हो गया है यार मैं तो रोज ही tution से लेट आता हुँ तुम को तो पत्ता ही है और आज तो मैंने अभी जाना है बूक्स लेने आया हूँ उस ने मेरी आवाज़ में गुस्सा महसूस करते हुए कहा .
मोम कहा है? उस ने पूछा.
वों तो कब से होस्पितल गई है वों एक एक्सिडेंट हो गया है मैंने उसे बताया और घडी कि तरफ देखा तो हैरान हो गई खाला को अभी गये हुए सिर्फ अध घंटा ही हुआ था. लेकिन मेरे जुनून ने इस अधे घंटे को कई सदियुन में कैसे बादल दिया था.. मेरे चेहरे पे हंशि लोट आई. मैंने उस का हाथ पकड़ा और भागती हुई ऊपर अपने कमरे में आ गई.
क्या है? ये क्या हो रहा है? उस ने रस्ते में पूछा.
कुछ नहीं चलो बस आज कोई नहीं है घर में तो?
उस ने मुझे छेड़ने वाले लहजे में कहा , तो क्या आज हम वों सब कुछ करेंगे!!!
चलो न जल्दी करो कोई आ न जाये मैंने अपने रूम में आते ही उसे अपनी बहून में भर लिया और हम किस्सिंग करने लगे. हम बराबर खड़े थे पर वों मुझ से लम्बा था उस को मुझे किस्सिंग करने के लिये थोड़ा झुकना पड़ता था और मुझे भी कुछ पऊन उठाने पड़ते थे... होंठो से हूंत मिले हुए थे. उस कि ज़ुबान मेरे मुँह में थी मैं उसे चूस रही थी. फिर वों मेरी ज़ुबान चूस्ने लगा और उस के हाथ मेरे बूब्स पर थे वों उन को मसल रहा था. जोर जोर से मेरे निप्पलस् हार्ड हो रहे थे.
मेरा हाथ उस कि fly खोलने कि कोशिश में था और मैंने उस का हार्ड रोक्क लंड ट्राउजर् से बाहर निकल लिया और सहलाने लगी. और फिर वों मेरे कपड़े उतारने लगा मैं भी उस का साथ दे रही थी. पहले उस ने मेरी क़मिज़ उतरि फिर शलवार अब मेरे बादन पे सिर्फ ब्रा थी क्यों के मैंने पेंटी तो पेह्नि ही नहीं थी. और मैंने भी उस के कपड़े उतार दिये और फिर उस ने मेरे ब्रा के हूक्स भी खोला दिये. अब हम एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे...
उस का हार्ड लंड मेरे हाथ में था और हम फिर से एक दूसरे को किस्सिंग करने लगे. वों मेरे बूब्स को दब रहा था सहला रहा था... मेरे मुँह से अह आह आह अह निकल रहा था... अब उस के हाथ मेरे बोत्तुक्क्स पे आ गये और वों मेरे हिप्प्स को सहलाने लगा दबाने लगा. मेरी पूस्सी (चूत) बड़ी होट हो रही थी. हम ऐसे ही चूमा चति करते हुए बेड़ पे आ गये उस एन मुझे बेड़ पे लिटा दिया.
ऍअज और कुछ नहीं करना सिर्फ वों करो जो पहले नहीं किया
ओ के बोस्स वहीं करुंगा सिर्फ वों ही उस ने कहा और मेरी टाँगे फैला दी और खुद देर्मिअन में आ गया. उस का लंड पूरी तरह तना हुआ था. मैं भी पूरे जोश में थी लेकिन कुछ डर भी था दिल में लेकिन कोई बात नहीं. दर्द ही होगा न मैं चीख लूनगि लेकिन आज ये कर के ही रहूनगि....
कमि एक बात बताओ ये तुम्हारे लंड का क्या साईज है मैंने कुछ सोचते हुए पूछा.
क्यों? मैंने कभी नापा नहीं उस ने हेरांगी से कहा .
थेह्रो जरा मैंने उसे रोका और बेड़ से उठ कर ड्राअर कि तरफ गई और वहाँ से इंच टेप ले कर आई और पहले अपनी उँगली को नापा तो वों ३ इंच से कुछ छोटी थी फिर मैंने उस के हार्ड लंड को नापा तो वों ५ इंच से कुछ बड़ा था...
ये क्या कर रही हो? उस ने पूछा.
कुछ नहीं मैंने अपनी चूत में ये उँगली पूरी डाली थी मैं चेक्क कर रही थी के तुम्हारे लंड इस से कितना बड़ा है चला तो जायेगा न?
ह ह ह ह !!!! वों हँसने लगा.
चला जायेगा यार यहाँ आओ मैं अभी इसे उन्देर भेजता हूँ और उस ने मुझे फिर बेड़ पे लिटा दिया और मेरी टाँगें पूरी खोल दी और खुद घुटने के बल मेरी टाँगों के सेंटर में आ गया. अपने हाथ से पकड़ के उस ने अपना लंड जब मेरी चूत पे टच कि तो एक करंट सा मेरे पूरे बादन में दौड गया.
आँह आह कमि जरा आहिस्ता आहिस्ता डालना यार मुझे डर लग रहा है...
हां हां!!! जब दर्द control से बाहर हो जाये तो बता देना ओ के!
ओ के!!! और उसने मेरी चूत के लिप्स के देर्मिअन अपने लंड के हेड को रखा और मेरे क्लीट् पर उस को हल्के से रगडा मेरी सिसकी निकल गई... होल पर ले आया लंड को और हल्के से लंड का हेड सुराख के अन्दर डाला. मेरी चूत के लिप्स खुले हुए थे लेकिन इतने नहीं के उस का मोटा लंड अन्दर चला जाये. मैं तकिये पे सिर को रखे सब देख रही थी.
आहिस्ता जान मैंने फिर कहा और उस ने लंड हेड मेरी चूत पे रख कर एक जोर का झटका दिया
आआआह्ह्ह्ह! मेरी चीख पूरे घर में गूंज गई. ऍह्ह मर गई मैं अह अह बस बस बस्स्स्स्स करो बस इतना ही.. और मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे. वों रुक गया मेरी चूत में तो जैसे आग का गोला रख दिया था उस ने. मैं अपना सिर इधर उधर पटक रही थी... फिर कुछ देर में दर्द थोड़ा हल्का हुआ मेरी सांसें एक दूसरे से मिल नहीं रही थी मेरा सीना मेरे बूब्स बुरी तरह से ऊपर नीचे हो रहे थे... इतने में उस ने एक और जोर का झटका दिया और मैं तो बुरी तरह चिल्ला उठी...
ओ आआआह्ह्ह्ह्ह बस बस निकल लो निकल लो मैं मर जऊनगि कमि बस मैं मर जऊनगि अह आह अह अह !!!!! और वों फिर रुक गया लेकिन अब तक उस का अधे से ज्यादा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर आ चुका था बड़ी जलन हो रही थी... मैं अभी पूरी तरह संभली भी नहीं थी के उस ने एक और झटका दिया और सारा लंड मेरी पूस्सी (चूत) के अन्दर था और साथ ही वों वही रिलेक्स हो गया मेरी चूत उस के गर्म गर्म लोड् से भर गई.......
ऍआअह्ह्ह्ह्ह्ह अब उस के मुँह से सिसकी निकली .... और वों मारे ऊपर ही लेट गया... हम दोनों ही लम्बी लम्बी सांस ले रहे थे....
क्या हुआ इतनी जल्दी रिलेक्स हो गये तुम मैंने पूछा.
हां यार इतनी टाईट है ये तुम्हरि...
क्या मेरी? मैंने पूछा
तुम्हारी चूत
मैं ये ही सुनना चाहती थी उस के मुँह से अच्छा लगता था. और हम हँसने लगे.
कोई बात नहीं! वों तो हो गया न जिस का डर था अब इतना दर्द नहीं होगा उस ने मुझे चूमते हुए कहा.
कहा हो गया बस दर्द ही हुआ और तो कुछ नहीं हुआ मैंने झूठ का नाराज होते हुए कहा.
अब उस का लंड सोफ्ट हो रहा था और उस ने मेरी चूत से बाहर निकाला तो उस का गरम सा लोड् भी साथ में बाहर आया और साथ ही कुछ ब्लड भी. मैं डर गई और वों भी. मैं फौरन उठ के बैठ गई.
ये क्या हो गया. लगता है अन्दर से फट गई है मेरी. मैंने रोने कि सी आवाज़ में कहा.
कुछ नहीं होता मैं अभी जरा इसे साफ करता हुउन फिर चेक्क करते है क्या हुआ है उस ने कहा और वों कपड़ा गिला कर के ले आया और मेरी चूत साफ करने लगा. मुझे अभी भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था.. उस ने अच्छी तरह सफाई कि तो ब्लड रुक गया....
अब उस ने मुझे फिर लिटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. कुछ देर लिक्क करने से मुझे फिर से जोश आने लगा और उस का लंड भी दोबारा हार्ड हो गया था. मैं बेड़ पे लेटे लेटे उस के साथ ६९ पोसितिओन में हो गई और मैं उस का लंड चूस्ने लगी वों फुल्ल हार्ड हो गया...
अब वों दोबारा मेरी टाँगों को फैला कर उन के सेंटर में था. उस ने अपने लंड का हेड मेरी चूत के देर्मिअन रखा और एक ही झटके में सारा अन्दर कर दिया. मैं एक बार फिर जोर से चिखि आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!!!!!!!! लेकिन इस बार उस का लंड सारा अन्दर चला गया रुके बगैर... कुछ देर हम युहि लेटे रहे फिर उस ने हल्के हल्के झटके देने स्टार्ट किये और उस का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आने जाने लगा.. मेरी सिसकियाँ जारी थी मैं बुलन्द आवाज़ में आह अह अह हह अह अह हह कर रही थी मजा आने लगा था ऐसा मजा कि क्या बतऊन. First time fucking का मजा ही ओर होता है...... क्यों ladies????????
अब उस के झत्कून में तेजी आती जा रही थी मेरी सांसें तेज़ हो रही थी वों मेरे बूब्स को भी साथ साथ सुक्क करने लगा.
आह अह अह और तेज़ जान तेज़ आह fuck me fuck me मैं मूवी वाली लडकीयुन कि तरह बोल रही थी...... और उस कि स्पिद तो जैसे १०० कि हो गई थी मैं भी अब साथ दे रही थी. मैं भी अपनी हिप्स को उठा रही थी... और १० मिनट तक वों मुझे खूब जोर जोर से चोदता रहा वाह क्या मजा था हल्का हल्का दर्द भी था लेकिन मजा ज्यादा था... बेड़ में से अवज़ैन आने लगी थी... आँह आह आह्ह आह ...... और वों एक बार फिर मेरी चूत में ही गर्म गर्म स्पर्म्स छोडने लगा... मैं इस दौरान ३ बार रिलेक्स हो चुकी थी. वों क्या बात है फक्किंग कि........ और वों ठंडा हो कर मेरे ऊपर ही लेट गया. मैं उस को चूम्ने लगी उस के होंठो को. ऍअंखून को. चिक्स को. माथे को. उस का चेहरा हाथों में ले कर उसे खूब प्यार किया....
थैंक्स जान तुम ने मेरी सब से बड़ी ख्वाहिश पूरी कर दी आज.... आज से ये सारा बादन तुम्हारा है जब चाहो मुझे खूब फक्क करना.... मैं जज़्बात में आ कर जाने क्या क्या बोल्ल रही थी और वों सुन रहा था.....
सो ये थी मेरी पहली चुदाई. First fuck.... केसी लगी यहाँ तक कि स्टोरी?..... Ok bye आप कि शशि
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