Tuesday, March 16, 2010

हिंदी सेक्सी कहानिया आप की शशि पार्ट् – 7

राज शर्मा की कामुक कहानिया
हिंदी सेक्सी कहानिया

आप की शशि पार्ट् – 7

शशि हज़िर ए खिदमत है!!! और अब सुन्ये आगे का हाल......(पार्ट् - ७)

हां तो कमि जैसे ही मुझे मेरे रूम में बेड़ पर लिटा के चला गया और जाते हुए मेरे रूम कि लाईट भी ओफ्फ कर गया. मैं थक तो बहुत चुकी थी लेकिन नींद अब मेरी आंखून में कहा थी. मेरा हाथ खुद ब खुद ही अपनी पूस्सी (चूत) पे फिर से चला गया. मैं खुद ही अपने पूस्सी (चूत) लिप्स से खेलने लगी. मेरी चूत तो वेट् थी ही मेरे दिमाग में वोहि स्क्रीन बार बार आ रहा था जो मैं मूवी में अभी अभी देख कर आई थी..

और मैंने अपनी दरमियान वाली लम्बी उँगली अपनी पूस्सी (चूत) में पूरी कि पूरी डाल दी. मैं चेक्क करना चाहा रही थी के मेरे उन्देर कितनी डेप्थ है. कि कमि का लंड अन्दर जा भी सकता है या नहीं. पर मेरी उँगली तो पूरी अन्दर चली गई थी. मुझे मजा आने लगा. मैं उसे अन्दर बाहर करने लगी.. मेरी सांसें तेज़ होने लगी. मैं सोचने लगी के जैसे मेरी उँगली नहीं कमि का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आ जा रहा है... और मैं फिर से रिलेक्स हो गई और इन्हीन खैअलून में जाने कब मुझे नींद आ गई...

सुबह जब आंख मेरी खुली तो मुझे खुद से बड़ी अजीब से स्मेल्ल आ रही थी. मैंने रूम लोक्क कि और सारे कपड़े उत्तरे और एक नजर द्रेस्सिंग टेबल के मिरेर में अपना सीना देखा. मेरे उठे हुए गोल गोल उभार. मेरे पिंक निप्पलस्. मेरा कमर के साथ लगा हुआ पेट. मेरी हिप्स. मेरी स्लिम टाँगें. मुझे खुद पे बड़ा प्यार आया.. दिल चाहा के ऐसे ही कमि के पास चली जऊन और वों मुझे खूब प्यार करे.. खैर मैं बाथरुम में गई और खूब अच्छी तरह नहाई मल मल के...

मैं नीचे आ गई खाला घर में थी और सफाई कर रही थी मुझे सीरिऊन से नीचे आते हुए देख के खाला बोली.

आँह ह मेरी बेटी आई है. शुक्र है के तुम कमरे से तो निक्लीन अब तबीयत केसी है?

मैं ठीक हुँ खाला जान और उन्होने मेरा माथा चूमा और अपने पास बिठाया.

किआ नाश्ता करना है मेरी बिटिया रानी ने?

कुछ भी.. कमि कहा है खाला जान? मैंने पूछा.

वों भी अभी तक सो रहा है. पता नहीं कियुन आज तो जोगिंग पे भी नहीं गया. तबीयत ठीक हो उसकी.. मैं जाती हुँ उस को उठा कर लाती हुँ ओर दोनों को साथ ही नाश्ता देती हुँ और खाला उठ कर जाने लगी.

मैं जाती हुँ उस को उठाने आप बैथै और मैं उठी और फिर ऊपर चली आई. कमि के रूम का डोर खोला और अन्दर आ गई वों बिल्कुल सिध लेटा था और अभी तक सो रहा था. मुझे उस पे बड़ा प्यार आया और मैंने उस के हूंतून पे जोर से चूम लिया और बेड़ पे बैठ गई. वों उठा नहीं मैंने एक और किस्स क्या और अपनी ज़ुबान उस के मुंह में डाल दी. उस को होश आ गया था और उस ने मेरी ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया. फिर मैं पीछे हट गई वों बड़ा अच्छा style है सोत्ते होये को उठाने का मजा आ गया..

चलो अब उठ जाओ खाला बुला रही है.. मैंने मुस्कराते हुए उसे कहा .

हां उठा जाता हुँ. पर इस का तो कुछ करो पहले और उस ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख लिया. वों as usual हार्ड था मैंने मूठी में पकड़ लिया.

क्या है इस को ये हर वक्त ऐसे ही खड़ा रहता है और मैं सहलाने लगी उसे.

क्या करे ये भी.. तुम हो ही इतनी सेक्सी के देखते ही हार्ड हो जाता है.

चलो चलो मस्का नहीं लगऊ अब उठो और आओ नीचे नाश्ता करने बड़ी भूख लग रही है मैंने उस के लंड को एक झटका दिया उस के मुंह से एक चीख निकल गई.

क्या हुआ? मैं डर गई

आह आराम से यार तोडना है इस को क्या और वों अपने हाथ में अपने लंड को ले कर सहलाने लगा.

ऑह साँरी जान. लाओ मैं इसे प्यार कर लू ये मेरा ही तो है न.. और मैंने उस का कम्ब्ल उथैआ और उस के लंड के हेड पे एक किस्स क्या.

चलो अब ठीक है आ जाओ नीचे अब और मैं कमरे से बाहर निकल आई...

नाश्ते का बाद कमि कहीं बाहर जाने लगा तो मैंने उस से कहा .

कमि वों मूवी मैंने पूरी देखनी है..

ओ के! जओ देख लो. वों मेरे ड्राअर में है ये लो चाबी और उस ने अपने ड्राअर कि चाबी मुझे दे दी. मैं उस के कमरे में आ गई और रूम लोक्क कर के मूवी लगा ली और देखने लगी. बड़े गोर से मैंने हर स्क्रीन बार बार देखा..

और आप तो जानते ही है का ऐसी मोविएस में क्या कुछ होता है. मैं एक एक स्क्रीन कई कई बार देखा मैं बहुत होर्नेय हो गई. मुझे वों मूवी देखने से बहुत से बातें पत्ता चली. मसलन के. डिफ्फिरेंत मर्दून के लंड दिफ्फिरेंत शेपस और साईज़ेस का होते है. डिफ्फिरेंत औरतून के बूब्स भी दिफ्फिरेंत शेपस और दिफ्फिरेंत साईज़ेस के होते है और उन कि पुस्सिएस भी दिफ्फिरेंत साईज़ेस कि होती है. और सेक्स के भी बहुत से style होते है.. और और और... बहुत कुछ...

मेरा दिल चाहा रहा था के अभी मैं किसी के साथ ये सब कुछ एक साथ कर लून.. लेकिन मेरी पूस्सी (चूत) तो मूवी वाली हर लड़की से छोटी थी... एक ख्वाहिश थी .. पर एक खौफ भी था के जाने क्या होग.... मूवी में सब ही लर्कियुन ने बहुत मजा ले ले कर फक्किंग कि थी.. पत्ता नहीं मैं भी ऐसे कर सकूनगि या नहीं???

और फिर मैंने मूवी बन्द कि कमि के ड्राअर में रखी लोक्क किया और रूम से बाहर आ गई.. मेरे पास से फिर वहीं सेक्सी स्मेल्ल आ रही थी और मुझे पागल कर रही थी. क्या करुँ दो बार तो फिंगेर से खुद को रिलेक्स कर चुकी थी लेकिन तसलि नहीं हुई थी.. जाने कमि कहा रह गया है.. दोपहर हो गई फिर शाम वों नहीं आया मैं अपने रूम में सोच सोच के पागल हो रही थी....

रात में जा के कमि आया पर खाला और खल्लु भी घर में थे खुद को रोकना मुश्किल हो रहा था. खैर रात गहरी हुई. ख़ल्ल खल्लु अपने कमरे में गये और मैं अपने कमरे में आ गई. पर चैन नहीं था मन् में हलचल सी थी. फ़ौरन ही कमि के रूम में चली गई..

आओ आओ जनाब! क्या क्या देखा आज उस ने आँखें मत्कते हुए पूछा.

आग लगी हुई है मेरे पूरे बादन में. जान जल्दी से बुझा दो.. मेरे साथ वों सब करो न.. मैं उसे बहून में लेते हुए कहा . उस ने मुझ एक किस्स किया.

करेंगे जान जरूर करेंगे लेकिन अभी वैट करो जिस दिन घर में कोई न हो. उस दिन करेंगे... और हम किस्सिंग करने लगे हमारी ज़ुबने एक दूसरे से खेलने लगी और मैंने उस कि ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया.

डंतून में दबा लिया. उस का एक हाथ मेरे लेफ्ट ब्रेस्ट पे आ गया और मेरा हाथ उस कि ट्राउजर् के ऊपर से ही उस के लंड पे था. हम एक दूसरे को भिंच रहे थे. मैं काबू से बाहर हो रही थी.. वों भी मेरे बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था... फिर मैं अलग हुई और घुत्नो के बल बैठ गई और उस का ट्राउजर् खोलने लगी.. वों खड़ा रहा. मैं मूवी के स्क्रीन कि तरह act कर रही थी. मैंने उस का लंड बाहर निकल लिया वों as usual हार्ड था. मैं उस को जोर जोर से चुम्ने लगी उस के हेड को अपने होंठों में लिया और उस के सुरख पे अपनी ज़ुबान कि टीप लगाई..

नमकीन सा टेस्ट् आया फिर मुंह खोल के अन्दर ले गई. मेरा मुंह छोटा था और उस का लंड मोटा. तकरीबन आधा ही अन्दर आया मैं पागलों कि तरह उसे चूस्ने लगी. एक हाथ में पकड़ कर. दूसरे हाथ से मैंने उस के बोल्ल्स को सहलाना शुरू कर दिया उस के मुंह से सिस्कियुन कि हल्की हल्की अवज़ैन आने लगी... मैं और जोश से सुक्किंग करने लगी मुझे नहीं पत्ता था के मैं क्या कर रही हुँ... मैं होश में ही कहा थी मैं तो दिवनून कि तरह से उस के लंड को लोल्ल्य्पोप कि तरह चूस रही थी. मेरी आँखें बन्द थीन और उस के हाथ मेरे सिर पर मेरे बालों से खेल रहे थे...

फिर मैं उस के लंड को मुंह में अन्दर बाहर करने लगी. उस कि सिसकियाँ तेज़ होती जा रही थी और मेरी स्पीड भी बडती जा रही थी. मेरे थूक से उस का सारा लंड गीला हो चुका था और वों मेरे मुंह में अन्दर बाहर आ रहा था मैंने पूरा मुंह खोला हुआ था और अब उस का लंड मेरे हलक से टकरा रहा था... ऍघ अघ आघ आअघ्ह कि अवज़ैन मेरे मुंह से निकल रही थी..... और वों मेरे मुंह ही में रिलेक्स हो गया...... ऍआह आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...... कमि के मुंह से निकला और मेरे मुंह उस के लोड् से भर गया कुछ गले के अन्दर चला गया और कुछ मैंने बाहर उगल दिया.. जो के मेरे गले से होते हुए मेरे ही कपड़ों पे गिर गया........

वों शशि!!! ग़्रेअत यार!!! तुम ने तो कमाल कर दिया.. और उस ने मुझे कंधों से पकड़ कर उथैअ और गले लगा लिया.... और मेरे होंठो को चूम्ने लगा... फिर उस ने मेरी हिप्प्स पे हाथ रखे और मुझ उठा लिया मैंने टाँगें उस कि कमर के गिर्द लपेट लीन.. और वों मुझे बेड़ का पास ले आया और बेड़ पे लिटा दिया और फौरन ही मेरी शलवार उतार दी. और मेरी टांगैन फैला कर उन के सेंटर में जमीन पे बैठ गया मैं बेड़ कि ऐज् पे थी.. उस ने मेरी चूत को हाथ से सहलाना शुरू किया मेरी आँखें बन्द हो गई... वों मेरे पूस्सी (चूत) लिप्स से खेल रहा था मेरे क्लीट् को छू रहा था और मैं हिप्प्स उठा कर उस के हर टच का जवाब दे रही थी और उस ने मेरी पूस्सी (चूत) पे किस्स किया. एक और किस्स किया और फिर अपनी ज़ुबान से उस को चारो तरफ से चाटने लगा आह आह ह्म्म ह्म्म्म्म !!!!!!!!!! क्या मजा था वह क्या बतऊओन.....

फिर तो वों पागलों कि तरह मेरी चूत को चाटने लगा उस कि ज़ुबान मेरी चूत को गीला कर रही थी.. हर तरफ से मेरे क्लीट् के गिर्द घूम रही थी. उस को छू रही थी और मेरी सांसें...... मेरा सीना फूल रहा था पिचक रहा था मेरे निप्प्लेस हार्ड हो गये थे. मेरे पूरे बादन में आग सी लग चुकी थी.... और उस ने मेरे क्लीट् को दंतून में दबाया तो मेरी जैसे जान ही नकल गई मैं टाँगें फैल रही थी. सिकोड रही थी.... हिप्प्स उठा रही थी और उस ने ज़ुबान चूत के अन्दर ही डाल दी और गोल गोल घुमाने लगा मुझे अपनी चूत के अन्दर उस कि ज़ुबान महसूस हो रही थी.....

वों क्या मजा था क्या बतऊन अल्फज़ में बयान से बाहर है ये सब....... और मैं ऋलेअक्स... हो गई आह आह आअह्ह आह्ह हम हम ह्म्म्म्म्म्म्म्म !!!!!!!!! मैं अपनी सिस्क्युन को दबाने कि कोशिश कर रही थी मेरा बादन पसीने से भीग चुका था और कमि था के मेरी चूत को जैसे ख ही जायेगा.

ब.. बस.. बस्स करो कमि बस करूओ मैं मर जऊनगि... जान बस मैं रिलेक्स हो गई हूँ. मैंने उस के बालों में हाथ फेरते हुए कहा और वों उथ कर मेरे ऊपर लेट गया मैंने उसे बहून में कस लिया..... मेरी सांसें अभी भी तेज़ थीन. कुछ देर यूँ ही लेटे रहने के बाद उस ने सिर उथैअ और मेरी आंखून में देखा.

मजा आया...

हुम्म्म्म्म... मेरे मुंह से इतना ही निकल सका और हम किस्सिंग करने लगे... चलो अब जओ और सो जऊ. गुड़ नाईट!!! उस ने मुझे शलवार पहनते हुए कहा और मैं खामोशी से उस के रूम से निकल आई.......

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