होली ने मेरी खोली पार्ट--4
कामुक-कहानियाँ
गतान्क से आगे...................
"तभी तो मीना को हटा दिया. वो होती तो कहती पहले मेरी चोदो. पिच्छली होली से उसे चोद रहा हूँ पर अभी भी उसका मन नही भरा. रोज़ रात मैं दो तीन बार चुदवाति है. अब उसे कम चोदा करेंगे. बस तभी जब तुम्हारी नही मिलेगी. कितनी काली सी बेकार चूत है उसकी. हाए तुम्हारी चूत तो देखते ही पागल हो गया हूँ. ऐसी रोज मिले तो बस चौबीस घंटे डाले पड़े रहे. काश मेरी बहन की ऐसी होती." उसने एक हाथ से आगे से फटी चड्डी की नंगी चूत को सहलाते कहा तो मैं बोली,
"मेरी चूत तो आपकी ही है. इसे चोदिये ना."
"बर्दाश्त नही कर पओगि रानी चूत फट जाएगी. इतनी हसीन चूत को जल्दी मैं खराब ना करवाओ. रात मैं तुम अपने ही घर मैं सोना तो आकर रात मैं चोदेन्गे. जितना चुद्वओगि उतना ही मज़ा पओगि और चूत भी जवान होगी. अगर तुम्हारी भी मीना की तरह होती तो अभी चोद्कर खराब कर देता. हाए काश मीना की भी ऐसी ही होती."
"हाए रमेश मेरी भी तुम्हारी है."
"हां रानी पर मीना तो मेरी बहन है, हमेशा घर मैं ही रहती है. जब चाहा चोद लिया पर जब तुम्हारे मम्मी पापा आ जाएँगे तो कैसे होगा."
"हो जाएगा. दिन मैं आपके घर आ जाया करूँगी और रात मैं आप पीछे वाले दरवाज़े से आ जाया करिएगा."
"हां यह ठीक रहेगा. मीना की देखी है."
"हां."
"मीना की तुम्हारी जैसी जानदार फाँक नही हैं. चोदने मैं फांके ही सूपदे से रगड़ खाती हैं तो लड़कियों को मज़ा आता है. मम्मी पापा तो कई दिन बाद आएँगे."
"जी." अब हमे बैठाकर एक हाथ से चूची के उठे उठे निपल और दूसरे हाथ से लहसुन(क्लाइटॉरिस) मीसवाते हुवे उसके लंड को झटका खाते देखने मैं ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं रमेश की दीवानी हो गयी. उसे मैं मीना से ज़्यादा पसंद थी.
"सुनीता."
"जी."
"मीना की चूत काली है."
"जी पर आप तो उसे खूब चोद्ते हैं. पिच्छले साल होली से बराबर चोद रहे हैं."
"होली मैं मस्त था. रंग लगाया और मंन किया तो पटककर चोद दिया. तब से साली रोज़ चुदवा रही है. तुम्हारे आगे तो वह एकदम बेकार है. बोलो जमकर चुद्वओगि हमसे?" और उंगली को एक इंच बैठे बैठे गप से डाला तो उंगली घुसने मैं और मज़ा आया.
"जी चुदवाउन्गि."
"जैसे मज़ा दे वैसे लेना. फिर उंगली से पेलकर फैलाओ. बाद मैं तेल लगाकर इससे पेलेंगे तो खूब मज़ा पओगि." वह अपना लंड दिखाता बोला. गरम चूत को उंगली से खुद्वाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आ रहा था. 8-10 बार चूत मैं आधी उंगली को उसी तरह सामने बैठकर पेला और फिर बोला,
:मीना पूच्छे तो बताना नही कि तुमको खूब मज़ा देने के बाद चोदा है. उसकी तो मैं चूची दबाकर फ़ौरन डाल पेलता हूँ."
"नही बताउन्गि."
"बता दोगि तो हमसे इसी तरह करने के लिए कहेगी. तुम्हारी कुँवारी गोरी अनचुड़ी गुलाबी फाँक वाली है इसलिए खूब प्यार से पेलेंगे ताकि खराब ना हो. चोदने के भी अलग अलग तरीके होते हैं. हर बार पेल्वओगि तो हम नये नये तरीके से पेलेंगे. देखना जब तक मम्मी पापा आएँगे, तुम्हारी चूचियों को डबल करके चूत को सयानी कर देंगे. पेलवने के बाद और खूबसूरत लगने लगोगी. तुम्हे खूब मज़ा देने के लिए ही मीना को भगा दिया है. जाओ पेशाब करके सब कपड़े उतार कर पूरी नंगी होकर थोडा सा तेल लेकर आओ. कोकनट आयिल लाना."
उसने सटाक से चूत से उंगली बाहर निकाली तो आने वाला मज़ा किरकिरा हो गया. मैं मज़े से झारी तो कई बार थी पर इस खेल मैं नयी थी इसलिए मज़ा कम नही हुवा. मैं फ़ौरन कमरे से बाहर गयी, टपाक से शर्ट उतारी और फटी चड्डी को खिसका एक तरफ फेंका और पेशाब करने बैठी. चाटी गयी और उंगली से धीरे धीरे पेली गयी चूत का तो हुलिया ही बदल गया था. दोनो दरारे लाल थी. पेशाब करते हुवे पहली बार चुदवाने वाले छेद मैं फैलाव नज़र आया. रमेश की मस्त हरकतों से होली के दिन मेरी चूचियाँ और चूत दोनो खिल उठी थी. हमने उसके मोटे और लंबे लंड को देखा था पर परवाह नही थी की जब पेलेगा तो चूत फटेगी या रहेगी. वैसे तेल लगाकर पेलने की बात कर मान मैं और मस्ती भर दी थी. सच तो यह था कि बिना चुडवाए ही इतना मज़ा आया था कि दुबारा उसे घर बुलाने को तैय्यार थी. मीना तो अपनी सड़ियल चूत चटाकर खिसक गयी थी.
पेशाब कर पूरी नंगी हो तेल लेकर कमरे मैं वापस आई तो वह मुझे पूरी नंगी देख तड़प उठा और उसका तना लंड झटके खाने लगा. मैं खुद चुद्वने के लिए तेल लेकर आई थी जिससे उसे बड़ा मज़ा आया. वह पास आ मेरी मस्ताइ खरबूजे की फाँक सी चुदसी चूत को उंगलकी से दबाता बोला,
"ठीक से पेशाब कर लिया है ना?"
"जी" नंगे होने का तो मज़ा ही निराला था.
"अब आएगा मज़ा."
"जी पर किसी को पता ना चले." मैं चूत मैं उंगली का मज़ा लेते बोली तो उसने कहा,
"नही चलेगा. अभी तुम कुँवारी हो अगर सीधे पेल दिया तो फॅट जाएगी और फिर चुदवाने का मज़ा भी नही आएगा. पेशाब ना करा हो तो ठीक से कर लो. एक बार चोद्ते हुवे मीना ने मूत दिया था. सारा मज़ा खराब हो गया था." रमेश की इस बात से और मज़ा आया. मेरी दोनो आँखें मज़े से खुल नही रही थी. मैं चूत को उचकाती बोली,
"कर लिया है."
"तू आराम से चित होकर लेटो." मैं फ़ौरन तकिये पर सर रख टाँग फैलाकर लेटी. उस समय चूत चुदास से भरी थी. गरम गरम साँसे बाहर आ रही थी. दो बार झड़ी थी पर मस्ती बरकरार थी. लेटने के साथ ही उसने लंड को मेरी चूत पर रखा और दोनो चूचियों को दबाता बोला,
"मीना को यह बात ना बताना कि तुमको हमने इस तरह से मज़ा दिया है. तुम्हारी चूत अच्छी है इसलिए खूब प्यार करने के बाद ही चोद्कर सयानी करेंगे." चूत पर तना मोटा लंड का गरम सूपड़ा लगवाकर चूचियों को डबवाने मैं नया मज़ा था. मैं मस्ती से बोली,
"उसे कुच्छ नही बताएँगे. आप बराबर मेरे पास आया करिए."
"जितना हमसे चुड़वावगी उतनी ही खूबसूरती आएगी." और झुककर बाकी चूची को रसगुल्ले की तरह मुँह मैं ले जो चूसा तो मैं मज़े से भर सिसकार उठी. उसने एक बार चूस्कर चूची को मुँह से बाहर कर दिया. मैं इस मज़े से बेकरार होकर बोली,
"हाए बड़ा मज़ा आया. ऐसे ही करिए."
"चूचियाँ पिलाओगी तो तुम्हारी भी मीना की तरह जल्दी बड़ी होंगी." और चूत पर सूपदे को नीचे कर लगाया.
"बहुत अच्छा लग रहा है. बड़ी कर दीजिए मेरी भी." तब वह दोनो गोल गोल खड़े निपल वाली चूचियों को दोनो हाथ से सहलाता बोला,
"पहले चूत का छेद बड़ा करवा लो. एक बार इससे रंग लगवा लो फिर चूस्कर खूब प्यार से तेल लगाकर पेलेंगे. जब तुम्हारी जैसे खूबसूरत लड़की चुद्वने को तैय्यार हो तो मीना को क्यूँ चोदे. देखो जैसे मीना ने अपनी चूत हाथ से फैलाकर चटाई थी उसी तरह अपनी फैलाओ तो अपने रंग से इसे नहला दे." मैने फ़ौरन हाथ से चूत के फाँक खोली तो वह मेरी टाँगो के बीच घुटने के बल बैठ एक हाथ से लंड पकड़ गरम सूपदे को चूत की फाँक मैं चलाने लगा. मुझे मज़ा आया. 8-10 बार सूपदे को चूत पर रगड़ने के बाद बोला,
"मज़ा आ रहा है?"
"जी… हाअए आआहह."
"ऐसे ही फैलाए रहना बस निकलने ही वाला है." उसने सूपदे को 5-10 बार चूत पर रगड़ा ही था कि गरम गरम पानी दरार मैं आया. उसका लंड फलफाला कर झड़ने लगा. गरम पानी पाते ही मैं हाए आअहह करने लगी. वह सूपड़ा दबाकर 2 मिनिट तक झाड़ता रहा. मेरी चूत लपलपा गयी पर लंड से निकले पानी ने बड़ा मज़ा दिया. झड़ने के बाद उंगली को छेद पर लगा अंदर किया तो लंड के पानी की वजह से पूरी उंगली सॅट से अंदर चली गयी. जब पूरी उंगली अंदर गयी तो मैं मज़े से टाँगो को अपने आप उठाती चूत को उभरती बोली,
"हाए रमेश बड़ा मज़ा आ रहा है. उंगली से खूब करो." रमेश उंगली से चूत को चोद्ता बोला,
"इस तरह फैलवा लोगि तो लंड जाने मैं दर्द नही होगा. इतने प्यार से बिना फाडे कौन चोद्ता तुमको."
"हाए आप सच कह रहे हैं." छूट मैं सक्क सक्क अंदर बाहर आ जा रही उंगली बड़ा मज़ा दे रही थी. हमको चुदवाने सा मज़ा आ रहा था. वह उंगली को पूरी की पूरी तेज़ी के साथ पेलता ध्यान से मेरी फैल रही चूत को देख रहा था. ज्यूँ ज्यूँ वह सतसतत् चूत मैं उंगली डालने निकालने की रफ़्तार इनक्रीस कर रहा था त्यु त्यु मैं होली के रंगीन मज़े मैं खोती अपना तनमन उसके हवाले करती जा रही थी. मैं शायद फिर पानी निकालने वाली थी की उसने एक साथ दो उंगली अंदर कर दी. मैं कस्कि तो वह निपल को चुटकी दे बोला,
"फटेगी नही." अब दो उंगली से चूत को चुदवाने मैं और मज़ा आ रहा था. लगा कि दूसरी उंगली से चूत फ़ौरन पानी फेंकेगी. तभी वह बोला,
"पानी निकला?"
"जी हाए और चूसिए."
"ज़्यादा चुसावगी तो बड़ी बड़ी हो जाएँगी."
"होने दीजिए. हमको पूरा मज़ा लेना है."
"चूचियाँ तो मीना भी खूब पिलाती है पर उसकी चूत मैं ज़रा भी मज़ा नही है. अब जिस दिन तुम नही चुद्वओगि, उसी दिन उसकी चोदेन्गे."
"हम रोज़ चुद्वयेन्गे. घर खाली है, रोज़ आइए. रात मैं मेरे घर पर ही रहिएगा."
"पहले आगे के छेद का मज़ा देंगे फिर तुम्हारी गांद भी मारेंगे. मीना अब गांद भी खूब मरवाती है." उसने गांद के छेद पर उंगली लगाई. फिर रमेश ने तेल की बॉटल मुझे दे कहा,
"लो लंड पर और अपनी चूत पर तेल लगाओ फिर इससे पेल्वाकर जन्नत का मज़ा लो." मैने उठकर उसके लंड पर हाथ से तेल लगाया और उंगली से अपनी चूत पर लगाकर फिर चित्त लेट गयी. उसने गांद के नीचे तकिया लगाकर चूत को उभारा और दोनो टाँगो के बीच बैठ सूपदे को छेद पर लगा दोनो चूचियों को पकड़ ज़ोर से पेला. मैं एक आहह के साथ सूपदे को चूत मैं दबा लिया. ऐसा लगा कि चूत फॅट गयी हो. वह धक्के मारकर पेलने लगा और मैं मस्ती मैं आआहह सस्स्स्सिईइ करने लगी.
एंड्स
HOLI NE MEREE KHOLI paart--4
gataank se naage...................
"tabhi tu Mina ko hata diya. Hoti tu kahti pahle meri chodo. Pichhli holi se use chod raha hoon par abhi bhi uska man nahi bhara. Roz raat main do teen baar chudwati hai. Ab use kam choda karenge. Bas tabhi jab tumhari nahi milegi. Kitni kaali si bekaar choot hai uski. Haye tumhari choot tu dekhte hi pagal ho gaye hain. Aisi paye tu bas chaubis ghante dale pade rahe. Kaash meri bahan ki aisi hoti." Usne ek haath se aage se phati chaddi ki nangi choot ko sahlate kaha tu main boli,
"meri choot tu aapki hi hai. Ise chodiye na."
"bardasht nahi kar paogi rani choot phat jayegi. Itni hasin choot ko jaldi main kharab na karwao. Raat main tum apne hi ghar main sona tu aakar raat main chodenge. Jitna chudwaogi utna hi maza paogi aur choot bhi jawan hogi. Agar tumhari bhi Mina ki tarah hoti tu abhi chodkar kharab kar deta. Haye kaash Mina ki bhi aisi hi hoti."
"haye Ramesh meri bhi tumhari hai."
"haan rani par Mina tu meri bahan hai, hamesha ghar main hi rahti hai. Jab chaha chod liya par jab tumhare mummy papa aa jayenge tu kaise hoga."
"ho jayega. Din main aapke ghar aa jaya karungi aur raat main aap peechhe wale darwaze se aa jaya kariyega."
"haan yah theek rahega. Mina ki dekhee hai."
"haan."
"Mina ki tumhari jaisi jandar phaank nahi hain. Chodne main phaanke hi supade se ragad khati hain tu ladkiyon ko maza aata hai. Mummy papa tu kai din baad ayenge."
"ji." Ab hame baithkar ek haath se choochi ke uthe uthe nipple aur dusre haath se lahsun(clitoris) miswate huwe uske lund ko jhatka khate dekhne main aisa maza aa raha tha ki main Ramesh ki diwani ho gayi. Use main Mina se zyada pasand thi.
"Sunita."
"ji."
"Mina ki choot kaali hai."
"ji par aap tu use khoob chodte hain. Pichhle saal holi se barabar chod rahe hain."
"holi main mast tha. Rang lagaya aur mann kiya tu patakkar chod diya. Tab se Sali roz chudwa rahi hai. Tumhare aage tu wah ekdam bekaar hai. Bolo jamkar chudwaogi hamse?" aur ungli ko ek inch baithe baithe gap se dala tu ungli ghusne main aur maza aaya.
"ji chudwaungi."
"jaise maza de waise lena. Fir ungli se pelkar phailao. Baad main tel lagakar isse pelenge tu khoob maza paogi." Wah apna lund dikhata bola. Garam choot ko ungli se khudwane main gazab ka maza aa raha tha. 8-10 baar choot main adhi ungli ko usi tarah samne baithakar pela aur fir bola,
:Mina poochhe tu batana nahi ki tumko khoob maza dene ke baad choda hai. Uski tu main choochi dabakar fauran dal pelta hoon."
"nahi bataungi."
"bata dogi tu hamse isi tarah karne ke liye kahegi. Tumhari kunwari gori anchudi gulabi phaank wali hai isliye khoob pyar se pelenge taki kharab na ho. Chodne ke bhi alag alag tarike hote hain. Har baar pelwaogi tu ham naye naye tarike se pelenge. Dekhna jab tak mummy papa ayenge, tumhari choochiyon ko double karke choot ko sayani kar denge. Pelwane ke baad aur khoobsurat lagne lagogi. Tumhe khoob maza dene ke liye hi Mina ko bhaga diya hai. Jao peshab karke sab kapde utar kar poori nangi hokar thoda sa tel lekar aao. Coconut oil lana."
Usne satak se choot se ungli bahar nikali tu aane wala maza kirkira ho gaya. Main maze se jhari tu kai baar thi par is khel main nayi thi isliye maza kam nahi huwa. Main fauran kamre se bahar gayi, tapak se shirt uteri aur phati chaddi ko khiska ek taraf phenka aur peshab karne baithi. Chati gayi aur ungli se dhire dhire peli gayi choot ka tu huliya hi badal gaya tha. Dono daraare laal thi. Peshab karte huwe pahli baar chudwane wale chhed main phailaw nazar aaya. Ramesh ki mast harkaton se holi ke din meri choochiyan aur choot dono khil uthi thi. Hamne uske mote aur lambe lund ko dekha tha par parwah nahi thi ki jab pelega tu choot phategi ya rahegi. Waise tel lagakar pelne ki baat kar man main aur masti bhar di thi. Sach tu yah tha ki bina chudwaye hi itna maza aaya tha ki dubara use ghar bulane ko taiyyar thi. Mina tu apni sadiyal choot chataakar khisak gayi thi.
Peshab kar poori nangi ho tel lekar kamre main wapas aayi tu wah mujhe poori nangi dekh tadap utha aur uska tana lund jhatke khane laga. Main khud chudwane ke liye tel lekar aayi thi jisse use bada maza aaya. Wah paas aa meri mastayi kharbuje ki phaank si chudasi choot ko unglki se dabata bola,
"theek se peshab kar liya hai na?"
"ji" nange hone ka tu maza hi nirala tha.
"ab ayega maza."
"ji par kisi ko pata na chale." Main choot main ungli ka maza lete boli tu usne kaha,
"nahi chalega. Abhi tum kunwari ho agar sidhe pel diya tu phat jayegi aur fir chudwane ka maza bhi nahi ayega. Peshab na kara ho tu theek se kar lo. Ek baar chodte huwe Mina ne moot diya tha. Sara maza kharab ho gaya tha." Ramesh ki is baat se aur maza aaya. Meri dono aankhen maze se khul nahi rahi thi. Main choot ko uchkati boli,
"kar liya hai."
"tu aaram se chit hokar leto." Main fauran takiye par sar rakh taang phailakar leti. Us samay choot chudas se bhari thi. Garam Garam saanse bahar aa rahi thi. Do baar jhadi thi par masti barkarar thi. Letne ke saath hi usne lund ko meri choot par rakha aur dono choochiyon ko dabata bola,
"Mina ko yah baat na batana ki tumko hamne is tarah se maza diya hai. Tumhari choot achhi hai isliye khoob pyar karne ke baad hi chodkar sayani karenge." Choot par tana mota lund ka garam supada lagwakar choochiyon ko dabwane main naya maza tha. Main masti se boli,
"use kuchh nahi batayenge. Aap barabar mere paas aaya kariye."
"jitna hamse chudwaogi utni hi khoobsurati aayegi." Aur jhukkar baki choochi ko rasgulle ki tarah munh main le jo choosa tu main maze se bhar siskar uthi. Usne ek baar chooskar choochi ko munh se bahar kar diya. Main is maze se bekarar hokar boli,
"haye bada maza aaya. Aise hi kariye."
"choochiyan pilaogi tu tumhari bhi Mina ki tarah jaldi badi hongi." Aur choot par supade ko niche kar lagaya.
"bahut achha lag raha hai. Badi kar dijiye meri bhi." Tab wah dono gol gol khade nipple wali choochiyon ko dono haath se sahlata bola,
"pahle choot ka chhed bada karwalo. Ek baar isse rang lagwa lo fir chooskar khoob pyar se tel lagakar pelenge. Jab tumhari jaise khoobsurat ladki chudwane ko taiyyar ho tu Mina ko kyun chode. Dekho jaise Mina ne apni choot haath se phailakar chatyayi thi usi tarah apni phailao tu apne rang se ise nahla de." Maine fauran haath se choot ke phaank khole tu wah meri taango ke beech ghutne ke bal baith ek haath se lund pakad garam supade ko choot ke phaank main chalane laga. Mujhe maza aaya. 8-10 baar supade ko choot par ragadne ke baad bola,
"maza aa raha hai?"
"ji… haaaye aaaahhh."
"aise hi phailaye rahna bas nikalne hi wala hai." Usne supade ko 5-10 baar choot par ragda hi tha ki garam garam pani daraar main aaya. Uska lund phalphala kar jhadne laga. Garam pani pate hi main haye aaahhh karne lagi. Wah supada dabakar 2 minute tak jhadta raha. Meri choot laplapa gayi par lund se nikle pani ne bada maza diya. Jhadne ke baad ungli ko chhed par laga andar kiya tu lund ke pani ki wajah se poori ungli satt se andar chali gayi. Jab poori ungli andar gayi tu main maze se taango ko apne aap uthati choot ko ubharti boli,
"haye Ramesh bada maza aa raha hai. Ungli se khoob karo." Ramesh ungli se choot ko chodta bola,
"is tarah phailwa logi tu lund jane main dard nahi hoga. Itne pyar se bina phade kaun chodta tumko."
"haye aap sach kah rahe hain." Choot main sakk sakk andar bahar aa ja rahi ungli bada maza de rahi thi. Hamko chudwane sa maza aa raha tha. Wah ungli ko poori ki poori tezi ke saath pelta dhyan se meri phail rahi choot ko dekh raha tha. Jyun jyun wah satasatt choot main ungli dalne nikalne ki raftar increase kar raha tha tyun tyun main holi ke rangeen maze main khoti apna tanman uske hawale karti ja rahi thi. Main shayad fir pani nikalne wali thi ki usne ek saath do ungli andar kar di. Main kaski tu wah nipple ko chutki de bola,
"phategi nahi." Ab do ungli se choot ko chudwane main aur maza aa raha tha. Laga ki dusri ungli se choot fauran pani phenkegi. Tabhi wah bola,
"pani nikla?"
"ji haye aur choosiye."
"zyada chusaogi tu badi badi ho jayengi."
"hone dijiye. Hamko poora maza lena hai."
"choochiyan tu Mina bhi khoob pilati hai par uski choot main zara bhi maza nahi hai. Ab jis din tum nahi chudwaogi, usi din uski chodenge."
"ham roz chudwayenge. Ghar khali hai, roz aaiye. Raat main mere ghar par hi rahiyega."
"pahle aage ke chhed ka maza denge fir tumhari gaand bhi marenge. Mina ab gaand bhi khoob marwati hai." Usne gaand ke chhed par ungli lagayi. Fir Ramesh ne tel ki bottle mujhe de kaha,
"lo lund par aur apni choot par tel lagao fir isse pelwakar jannat ka maza lo." Maine uthkar uske lund par haath se tel lagaya aur ungli se apni choot par lagakar fir chitt let gayi. Usne gaand ke niche takiya lagakar choot ko ubhara aur dono taango ke beech baith supade ko chhed par laga dono choochiyon ko pakad zor se pela. Main ek aahh ke saath supade ko choot main daba liya. Aisa laga ki choot phat gayi ho. Wah dhakke maarkar pelne laga aur main masti main aaaahhhhh sssssiiii karne lagi.
Ends
आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj
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