Tuesday, March 16, 2010

हिंदी सेक्सी कहानिया आप की शशि पार्ट् – 6

राज शर्मा की कामुक कहानिया
हिंदी सेक्सी कहानिया
आप की शशि पार्ट् – 6

शशि हज़िर ए खिदमत है!!! और अब सुन्ये आगे का हाल......(पार्ट् - ६)

हां जी तो टीवी पे वोहि सेक्स मूवी चल रही थी. उस में एक लड़का और लड़की एक दूसरे को ६९ पोसितिओन में सुक्किंग कर रहे थे मेरा हाथ भी खुद ब खुद कमि के पेनिस पे चला गया वों as usual हार्ड रोक्क बना हुआ था. मैं उसे सहलाने लगी. उस का हाथ भी मेरी शलवार के उन्देर आ गया और वों भी मेरी पूस्सी (चूत) को सहलाने लगा. मैं फिर से गिलि गिलि हो रही थी. उस कि पहली फिंगेर मेरे क्लिट् से खेल रही थी. चूँ रही थी. डैरे बना रही थी. बड़ा ही मजा आ रहा था.

मैं भी उस के हार्ड रोक्क लंड कि शाफ्ट को ऊपर नीचे कर रही थी और मूवी चल रही थी... फिर स्क्रीन बादला और उस लड़के ने लड़की को बेड़ पे सिध लिटा दिया उस के पैरून को पकड़ के दोनों टाँगें पूरी खोल दी जिस से उस कि पूस्सी (चूत) के लिप्स भी खुल गये और फिर लड़के ने उस कि पूस्सी (चूत) पे अपने सीधे लम्बे लंड को रख और आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालने लगा.. और पूरा अन्दर डाल दिया... टीवी कि आवाज़ तो बन्द थी क्यों के रात का टाईम था और नीचे खाला और खल्लु सो रहे थे.... मैं एक दम हैरान हो गयी और कमि कि तरफ देखने लगी.... वों मेरी तरफ देखने लगा और मुस्कुरय....

ये क्या किया इन्हून ने? मैंने हेरांगी से कमि से पूछा.

यही तो मैं तुम को दिखन चह्त था. ये ही असली सेक्स है. इसी से ही असली सेक्स का मजा आता है.. उस ने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में ले कर आहिस्ता से मेरी आंखून में देखते हुए कहा .

अरे इस से तो बड़ा दर्द होता होगा. वों लड़की तो मर जायेगी... मेरी हेरांगी अभी कम नहीं हुई थी .

नहीं यार अभी देखो कुछ नहीं होग. पहले पूरी तरह देख तो लो उस ने कहा और हम फिर से मूवी देखने लगे. अब वों लड़का अपने लंड को उस कि पूस्सी (चूत) में अन्दर बाहर कर रहा था और और वों लड़की भी बड़े मजे से हिल रही थी.

इस कि जरा सी आवाज़ तो खोलों मैंने कहा . और उस ने टीवी कि जरा सी आवाज़ खोल दे. लड़की कि सिस्करियून कि अवज़ैन आने लगी वों बड़ी ही मस्त आवाज़ में आह आह आह ह ओह येस ओह येस ओह येस... ऍह हा ह अह्ह अह अहा फक्क मे आह अह फक्क मे हार्ड आह ... बोल रही थी और साथ में पिच् पिच् पिच् कि अवज़ैन भी आ रही थी...... मुझे तो ये सुन के जैसे नशा सा होने लगा.... कमि का हाथ अभी भी मेरी पूस्सी (चूत) से खेल रहा था अलबत्ता मैंने उस का लंड छोड़ दिया था. मैं खुद ब खुद अपनी हिप्प्स को उठा रही थी उस कि उँगली अब मेरे अन्दर बाहर हो रही थी वैसे ही जैसे मूवी में लड़के का लंड उन्देर बाहर हो रहा था... ह्म्म्म ह्म म्म्म ह्म्म्म अह अह्ह अह मेरी आंखें बन्द होने लगी थी मैं उस कि उँगली के हर झटके का जवाब हिप्प्स को उठा के दे रही थी....

कमि तुम भी मेरे साथ वैसे करुँ न मैंने कमि के लिप्स को चूमते हुए रेक़ुएस्त कि.

ऍभि नहीं जान करेंगे लेकिन तुम को पत्ता है न इस वक्त सब सो रहे है और तुम कितना चीखती हो.. उस ने भी मेरे लिप्स पे जवाबी पप्पी देत्ते हुए कहा .

हां ये तो है. मुझे मजा ही नहीं आता जब तक का मैं शोर न मचऊन. लेकिन कब करेंगे? मैंने फिर पूछा.

करेंगे जान जरूर करेंगे. जिस दिन आज कि तरह मौका मिला घर में कोई न हुआ तो करेंगे.

ओ के ओ के.... लेकिन जल्दी... मुझ से रहा नहीं जा रहा अब.. ये सब कुछ देख कर. लेकिन एक बात है के इस मूवी में तो उस लड़की कि चूत बहुत बड़ी है और मेरी तो बहुत छोटी है और तुम्हारा लंड इतना बड़ा ये कैसे अन्दर जायेगा? मैंने उस से पूछा.

चला जायेगा इस में बड़ी flexibility होती है.. उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को अपने हाथ कि मूठी में भरते हुए कहा.

अच्छा अभी तो मुझे रिलेक्स कर दो अब निन्द नहीं आयेगी इस के बगैर.. और वों फिर से उँगली अन्दर बाहर करने लगा और मूवी के स्क्रीन में उन दोनों कि पोसितिओन बादल चुकी थी अब लड़की doggi style में थी और लड़का पीछे से झटके लगा रहा था..

इस को किया कहते है

किस को किया कहते है

अरे बाबा इसी को जो ये कर रहे है...

इस को फक्किंग. फ़क्क करना

और अपनी ज़ुबान में?

उस में चोदना. लड़के का लड़की को चोदना. या चुदाई....

ओ के फक्किंग ठीक लफ्ज है मुझे ये अच्छा लगा है... और मैं रिलेक्स हो गई..... ऍआह अह्ह्ह आह अह्ह्ह और उस ने मूवी बन्द कर दी अभी उस में और बहुत से स्क्रीन थे लेकिन रात काफी हो चुकी थी और हमें सोना भी था. मैं बेड़ से उठने लगी तो मुझ से उठा ही नहीं जा रहा था मेरी तो जैसे टाँगों में जान ही नहीं थी एक दिन में ये ७ बार रिलेक्स और वों भी इस ऐज मैं उस वक्त मेरी ऐज फोर्टिन और हाफ होगी ऐर कमि भी तो मुझ से कोई ६/८ मंथ ही बड़ा होगा. खैर उस ने मुझे गोद में उठाया.

अरे गिरा न देना मुझे मैंने कहा लेकिन उस ने मुझे अच्छी तरह संभाला हुआ था औस कि बोडी बड़ी मज़्बूत थी.

नहीं गिरत जान तुम इतनी भारी नहीं हो बस तुम्हारे ये गोले (बूब्स) ही जरा ज्यादा भारी है हम दोनों मुस्कुर दिये और वों मुझे मेरे कमरे में ले आया और मेरे बेड़ पर लिटा दिया और मेरे लिप्प्स को एक सोफ्त किस्स कि और कमरे से चला गया......

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