Monday, May 19, 2014

हिंदी सेक्सी कहानियाँ महक का जादू--19

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

महक का जादू--19

gataank se aage................


 सौम्या और मैंने उसकी बात मानी .... और हम हौले हौले उसकी चुचिया सहलाने लगे .....
करीबन १५ मिनिट बाद रिया ने हमें रोका ..... और बोली

“मेरे दिमाग में ... कुछ कुछ .... आया है ........ “

सौम्या:”तो बता ना जल्दीसे ....”

रिया:”सौम्या...... क्या इन दोनों की ये चुदाई..... पूरी तरह से रिकॉर्ड होगई ?”

सोम्या:”हां..... दिखाऊ क्या ...”

रिया:”अरे नहीं देखना नहीं है ...... इसकी सीडी बनानी है ......”

सौम्या:”चल .... वो बन जाएगी ....थोड़ी देर में ...... आगे बोल “

रिया:”हमें एक लैपटॉप भी चाहिए होगा.... मै ले आउंगी .... ”

सौम्या:”वो ... भी मेरे पास है ......तू आगे बता “

रिया:”तो सुनो ...... अब हम इस चुदाई की सीडी बनाके ...उसे लैपटॉप में डालेंगे ..... और वो लैपटॉप .... उस कमरे में रख देंगे .... कल जैसे ही वो दोनों आयेंगे ..... हम उनको ...... नहीं ..... यार .... उन दोनों को .... ये सब देखने के लिए कौन बोलेगा ....... ये ...... कैसे होगा ....”

सौम्या: “तू .... बता देना .....”

रिया:”अरे....नहीं ...... मै सामने गयी तो निशा मुझे पहचानती है .... उसे समझ आ जायेंगा ...... की ये मेरा प्लान है ..... हमें अपनी पहचान उनसे छुपा के रखनी है .....”

सौम्या:”यार फिर तो मै भी नहीं बता सकती ........ क्योकि सोनू मुझे पहचानता है ...... और उसे मालूम पड़ा तो .... नहीं......... ये नहीं चलेगा .....”

रिया: “वही तो ... अब क्या करे “

सौम्या:”तो महक को भेजे ...... दोनों इसे नहीं पहचानते ......”

रिया ने ना में सर हिलाया ......”नहीं रे ..... कभी ना कभी ... ये इसे पहचानेगे .... और इससे हमारा रिश्ता
भी खुल जायेगा ........”

मै:”तो..... उनको ... फ़ोन करते है ....”

रिया और सौम्या ने चौक कर मेरी तरफ देखा.....

सौम्या:”वाह ....रे मेरी महक रानी ..... क्या टाइम पे दिमाग लगाया है तुने .....”

उसने इनाम के रूप में मुझे चूम लिया .....

रिया:”लेकिन .... सौम्या ......हमारा फ़ोन नंबर तो वो पहचानते है ना ....... शायद सेव भी कर रखा हो ...”

मै:”मेरा फ़ोन यूज़ करेंगे .....”

रिया ने फिर ना में सर हिलाया ...... बोली
“कभी ना कभी ... उनको मालूम पड ही जायेगा ....”

मै:”तो क्या करे ....”

सौम्या रहस्यपूर्ण ढंग से मुस्कुरा रही थी ........वो बोली
“मेरे पास इसका भी इलाज़ है ........”

रिया: “क्या.....”

सौम्या:” मेरे पास एक रिस्ट्रिकटेड नंबर वाला मोबाईल है “

मै:”वो क्या होता है ...”

रिया और सौम्या दोनों हस पड़ी ....... फिर सौम्याने बताया
“वो ऐसा मोबाईल है ..... की आगे वाले को .... अपना नंबर या नाम कुछ भी नहीं दीखता ..... सिर्फ रिस्ट्रिकटेड नंबर ऐसा दिखाई देता है “

रिया: “वाह..... तो प्रॉब्लम ख़तम ..... कल जैसेही वो दोनों आयेंगे .... हम उन्हें कॉल करके ये विडिओ देखने के लिए बोलेंगे ..... हमारी औरसे महक बात करेंगी ..... क्योकि हम दोनों की आवज वो पहचान सकते है ......”

सौम्या: “वाह .... क्या बात है ..... आगे ..”

रिया:”आगे क्या ...... महक उन्हें बतायेंगी ..... की हम्मारी बात मानो वर्ना ..... ये सीडी ..... पुरे शहर में बाटी जाएँगी .......जाहिर है .... वो दोनों डर जायेंगे ..... हम उन्हें उन दोनों की आखो पर पट्टी बाँधने बोलेगे ...... और जैसेही वो पट्टी बांधते है ... हम उस रूम में जा के मजा लेंगे ....”

सौम्या ने रिया को कस के गले लगाया .... बोली

“वाह .... मेरी जान क्या प्लान बनाया है ...... “

रिया:”लेकिन ध्यान रहे ..... उस कमरे में .... सिर्फ महक बोलेगी.......मै और तुम सिर्फ चुप चाप मजा लेंगे ....”

सौम्या:”अरे हां हां ..... इतना तो मैं समझ गयी ...... तेरी सोहबत में इतनी तो अक्ल आ गयी मुझे ..”

मै: “ लेकिन रिया .... मुझे तो अभिषे डर लग रहा है ...... मै उन्हें कैसे धमकाउंगी “

रिया:”कोई बात नहीं .... महक ......मै तुझे बताती हु ..... और फिर हमारे पास कल तक का वक्त है .... तू प्रक्टिस कर लेना ....”

सौम्या: “तो ठीक है .... मै आज सीडी और बाकी इंतजाम करती हु ..... तू महक को तैयार कर .....”

रिया:”और एक बात ....सौम्या ...... कल तक हम उन दोनों को अपनी और से कोई कॉल नहीं करंगे ..... और अगर उनमेसे किसी की कॉल आती भी है ..... तो एकदम नॉर्मल बात करना .......”

सौम्या:”ठीक है...... लेकिन रिया ... चल अभी तुम्हारा आधा घंटा बाकी है ..... थोड़ी मसती कर लेते है ..... “

फिर हम तीनो एक दुसरे को चूमने चाटने लगे ... बारी बारी सब झडके अपने आपको ठंडा किया .....

जाने से पहले .... कल की प्लानिंग फिर एक बार दोहराई ....... और हम घर की तरफ निकल पड़े ......


मै और रिया घर की ओर जा रहे थे की रास्ते में रिया को निशा का फोन आया
निशा: हाय रिया कैसी हो
रिया: हाय निशा ...मैं तो मजे में हु ... तू बता
निशा: थैंक्स रिया .... तूने बताये हुए ट्यूशन क्लास में गयी तकही आज ... बहुत मस्त पढ़ते है सर
रिया: (मुझे आँख मारते हुए) अच्छा .... सब समझ में आ रहा है न ..
निशा: हा...रे ... सर बहोत अच्छे से समझाते है सब कुछ .....बहोत मस्त पढ़ते है ..
रिया: अब खूब मन लगाके पढाई कर .... रिज़ल्ट आच्छा आना चाहिए ....
निशा : हा ... रिया रिज़ल्ट अच्छा ही आएगा ....
रिया: चल रखती हु ....
निशा: ओके .... फिरसे थैंक्स ...... बाय
रिया ने बाय बोलके फोन रख दिया . और मुझसे बोली ... चिड़िया को चारा बहोत पसंद आ गया है... बहोत चहक रही थी .... कहती है रिझल्ट आच्छा आएगा.....
मै: हा पता है कौनसा रिझल्ट अच्छा आने वाला है ...... और हम दोनों हसने लगे ...
रिया बोली अच्छा महक वो बाते छोड़ ... कल काध्यान में रख .... मै रातमे तुम्हे बताउंगी ... उन लोगोसे फोन पे क्या और कैसे बाते करनी है.... ध्यानसे प्रक्टिस करना.......
मैंने बोला ठीक है तुम बोलना रातको ....... मेरा घर आ गया था मैं रिया को बाय बोलके घर में चली गयी
रातको रिया का फ़ोन आया .. उसने मुझे बताया की क्या और कैसी बाते करनी है .... मै समझ गयी ...
रात में जल्दी नींद नहीं आयी ... रातभर सोनुका मस्त लंड मेरी आखो के सामने लहराता रहा .....
चूत में से तो मनो रस के झरने बह रहे थे .......
सुबह तैयार हो के मै रिया की राह देखने लगी ...
रिया के आने के बाद हम दोनों कॉलेज में चले गए .....
आखरी दो लेक्चर बंक करके हम फटाफट सौम्या के होस्टल चले गए
अन्दर जाते ही सौम्या ने मुझे दबोच लिया .... मेरी चुचिया उपरसे ही दबाने लगी... मेरी कान की लौ चुभालते हुए बोली ... हाय महक.... अब रहा नहीं जाता मेरी जान .... बस जल्दी से एक लंड चाहिए रे .... जो मेरी चूत की सारी गर्मी को निकाल दे ....
मै भी उसका साथ देने लगी ....... और बोली ... ह मेरी जान .... मै भी अपनी सिल तुडवाना चाहती हु रे आज ही .....
और फिर हम दोनोंने एक दुसरे के कपडे फटाफट उतर डाले ........ ६९ की पोझीशन में दोनों एकदूसरे की प्यास बुझाने लगे ..........
इस दौरान रिया खामोश थी ...... सोम्याने पूछा ... क्यों रिया क्या बात है ... तू क्या सोच रही है ... क्या तेरी चूत में आग नहीं लगी ......
रिया: मेरी जान ... आग तो लगी है.....लेकिन इस आग को बुझाने की घडी अणि बाकी है .....
सौम्या: थोड़ी देर रुक जा..... फिर सोनुका मस्त लंड मिलेगा आग बुझने को ......
रिया : नहीं ...... मै सोनू के लंड से उद्घाटन नहीं करवाने वाली ....... इस बारे में मेरी दीदी ने जो बताया था ... मैं वो बात माननेवाली हु
रियाकी ये बात सुनके और दीदी का नाम सुन के हम दोनों की उत्सुकता जाग उठी ....... मैंने पूछा ... रिया पूरी बात बता न.... क्या बोला था दीदी ने .....
रिया: दीदी कहती है ..... अपनी चूत सबसे पहले उसे दो जो तुमसे सबसे ज्यादा करीब हो ..... फिर वो कोई भी हो सकता है ...... उसके बाद तुम चाहे वो मस्ती करो ..... लेकिन पहली बार सिर्फ और सिर्फ अपने करीबी से ही .... हम घरमे भी खाना सभी को परोसने से पहले .... भगवान् को उसका भोग लगाते है .... बस उसी तरह अपना ये अनमोल खजाना भी उसी करीबी मर्द को अर्पण करना ....न की किसी अनजान को .......
मै और सौम्या ये बात सुन कर प्रभावित हुए ..... मैनी पुछा .....करीबी याने ?
रिया : कोई ऐसा जिसे तुमने बचपनसे देखा हो .... समझा हो ... जाना हो .... कोई नजदीकी रिश्तेदार या दोस्त ......
सौम्या: तो रिया तेरी दीदी का उद्घाटन किसने किया था ?
रिया: हमारे चचरे भाईने .... जो कॉलेज में दीदी से एक साल सीनियर था .....उसने ही दीदी की सिल तोड़ी ..
मै: तो क्या हम एक ही लंड के साथ बंधे रहे ?
रिया: ना .....एक बार भगवान् को भोग लग गया ....तो उसके बाद हम सब को प्रसाद बाट सकते है....हमारी मर्जी ...जिसे चाहे प्रसाद दे ....
सौम्या: बात तो एकदम सही है ....... सच में यार मै तो बहक गयी थी .... अच्छा हुआ रिया तूने संभल लिया ...... अब मै भी आज नहीं चुद्वाउंगी........
मै: हा यार ...... मै भी नहीं डलवाउंगी ..... तो आज का प्रोग्राम कैंसल?
रिया : अरे चूत में नहीं लेंगे ..... लेकिन चूस तो सकते है न मेरी जान ...... बाकी सब मज़ा लेते है आज ....
सौम्या : लेकिन आग बहोत भड्केंगी ....गर्मी शान करना मुश्किल हो जायेंगा
रिया: तो भड़कने दे मेरी जान ..... इससे तेरी चूत की मिठास और बढ़ जाएगी .... खूब पके फल का भोग चढाना फिर ....
इस पर हम सभी हसने लगी .....
हमारी बातो में वक्त कैसे गुजर गया पता ही नही चला
सोनू और निशा का आने का वक्त हो गया ..... हमने एक लैपटॉप और सीडी बाजूवाले कमरे में रखाव दी थी .....
सोनू और निशा कमरे में आ गये....
आज तो निशा खूब निखर रही थी ..... काफी तंग कपड़े पह्के आई थी ....
सोनू उसकी तरफ देख के लार टपका रहा था .....
दोनों सोफे पे बैठे .........
मैंने रिया को पूछा .... फोन लगाऊ?
रिया: रुक जा ..... आगे का सिन देख ....
निशा सोनू से एकदम सट के बैठी.... अपनी चुचिया उभार के दिखा रही थी .....
सोनू से कंट्रोल नहीं हो रहा था शायद ..... उसने निशा को पकड़ा और उसे डीप किस करना शुरू किया ...निशा भी उसका खुल के साथ दे रही थी .......सोनू के हाथ निशाकी चुचियो को मसल रहे थे .....
रिया ने मुझे बोला .... चल रानी ..... लगा फोन ........
मैंने फ़ोन उठाया .... रिया बोली ...रुक.... और उसने उसकी बैग से एक अजीब सा पट्टा निकला ...और मेरे गले में बांध दिया ..... मैं बोली ..... रिया ये क्या है ? ..... मुजे और सौम्या को एकदम झट्का लगा ....
सौम्या: कौन बोला ?
रिया : ये है इस पट्टे का कमाल ...... इस इलेक्ट्रॉनिक पट्टे की वजहसे आवाज बदल जाती है ....
महक चल फ़ोन लगा सोनू को ....
मैंने नंबर डायल किया....... बेल जा रही थी ......... साला सोनू तो निशा की चुचिया दबाने में व्यस्त था .....
चार पाच बेल के बाद .....सोनू ने मन् ही मन गलिय देते हुए फ़ोन उठाया ....
सोनू: हेलो कौन बोल रहा है ?..


सोनू: हेलो कौन बोल रहा है ?..
मैं:अबे निशा की चुची से हाथ हटा ... और बात कर साले ......
सोनू को ये बात सुनकर शोक लगा ... उसके हाथ अपने आप हे निशासे हट गए
वो इधर उधर देखने लगा .......
मै: जादा सोच मत सोनू ...... फ़ोन को स्पीकर पे लगा ..... हम चाहते है ..... वो छिनाल निशा भी इसको सुने ......
सोनू सकपका गया ... उसने निशा को चुप होने का इशारा किया ......
सोनू झूठी हिम्मत जुटाकर बोला .... “देखो मुझे धमकिया मत दो .... मैं फ़ोन रख दूंगा...”
मै: अबे मादरचोद साले ..... चुपचाप मेरी बाते सुन नहीं तो तू और तेरी उस छिनाल का लाइव शो सारे शहर को दुखायेंगे हम ......
अब तो सोनू की पुरीं तरहसे फट गयी थी ......
उसने फ़ोन चुपचाप स्पीकर मोड़ पे किया .......
मैं : अब तुम दोनों भी सुनो ..... तुमरे सामनेवाले टेबल पर एक लैपटॉप पड़ा है ... उसे उठा के लाओ .....
सोनू .... लेकिन क्यों?
मै एकदम चिल्ला के बोली चुप बहनचोंद ..... और इसकेबाद एकभी सवाल मत पूछना ..... समझे ...
सोनू सहम गया ....
मै: अबे समझा की नहीं ?
सोनू मुंडी हिला रहा था
मैं: अबे साले मुंडी मत हिला..... मुह से बोल .....
सोनू का चेहरा सफ़ेद पड गया वो मिमियाते बोला ... जि.......जी....ईइ
मैं: और तू भी समझी की नहीं निशा ?
निशा की भी फट गयी थी.... वो भी घबराके बोली..... हा ... हा ..
मै .... चल सोनू लैपटॉप उठा के ला ... और दोनों शांति से सोफे पर बैठा जाओ
सोनू ने लैपटॉप उठा लिया .... दोनों सोफे पर बैठे और एकदूसरे को देखने लगे .....
प्लान के मुताबिक मैंने उनको और थोडा डराना था ..... मै बोली ....... देखो तुम दोनों भी अब मेरे जाल में फस चुके हो .... अब तुम दोनों के पास मेरी बात मानने के सिवा दूसरा रास्ता नहीं है .....
अगर तुम लोग यहासे भागना चाहो तो भी नहीं भाग सकते...... चाहो तो कोशिश करके देखलो .....
दोनों की इतनी फटी पड़ी थी की कोई अपने जगहसे नहीं हिला.......
अगर कोई दरवाजा खोलने की कोशिश भी करता तो भी दरवाज न खुलता ...क्योंकि रिया उस को बाहरसे बंद करके आयी थी ......
मै फिरसे कडकी “अबे साले लैपटॉप खोल और उसमे जो सीडी है उसे प्ले कर ....”
सोनू ने कांपते हातोसे लैपटॉप चालू किया और सीडी चालु की ........
जैसेही सीडी चालू हुयी .... सोनू और निशा के चेहरेपे हवाइया उड़ने लगी
मै ठहाका मारके हसी “ क्यों सोनू निशा मजा आया की नहीं चुदाई का ....... अगर तुम लोग मेर बात नहीं मानोगे तो ये सीडी सारे शहरवाले और इन्टरनेट पे सभी लोग ये मस्त शो देखेंगे “
सोनू और निशा एकदम बोले ... “ नहीं ... प्लीज ऐसा मत करना .... हम आप जैसा बोलो वैसा करने के लिए तैयार है “

मै: ओके ... चलो एक दुसरे के कपडे उतारो ....... १ मिनिट के अन्दर ...”
दोनों एक दुसरे के कड़े उतारने में लग गए .....
एक मिनिट में दोनों भी मदरजात नंगे खड़े थे .....
मै : निशा उठो और सामने वाले टेबल से वो दो काले कपडे ले आओ
निशा ने वैसेही किया ....
मै : चलो अब एकदूसरे की आँखों पे पट्टी बांधना है .... इसतरह से ... की कुछ भे नहीं दिखाई देना चाहिए ....
दोनों वैसाही करने लगे ...... रियाने झूम करके चेक किया .......
रिया सब बराबर है ..... अब चलो ...
मैंने फोन पे बोला “ अब तुम दोनों भी सोफे पर बैठे रहो ...... मेरी अगली इंस्ट्रक्शन आने तक” और मैंने फ़ोन रख दिया .....
हम तीनो उस खुफिया दरवाजेसे बाजूवाले फ्लैट में घुस गए ....... बेडरूम और हॉल के बिच का दरवाजा धीरेसे खोलके हम हॉल में पहुचे ......
दोनों नंगे सोफे पे सहमे हुए बैठे थे ........
हम अन्दर जाते ही पह्ले रियाने दोनों की आँखों पे बंधी पट्टिया कस के बांध दी ...
और मुझे इशारा किया ...
मैं बोली “ अब तुम दोनों के मुह बंद रहेंगे .... चाहे कुछ भी हो जाये तुम दोनो की आवज नहीं आनि चाहिए ... समझ गए ...”
दोनों ने मुंडी हिलाई
अब रियाने सोनुका हाथ पकड़ा और सौम्या ने निशा का ....
मै बोली “अब चुपचाप आगे चलते रहो “
दोनों को पकड़ के हमने अंदर बेडरूम में लाया ..... रियाने सोनू को बीएड पे लिटाया और निशा को बाजु में बिठाया ........ हम तीनो उनके आजूबाजू में बैठ गए ....
रिया अब सोनू के लंड को पकडके हिलाने लगी ..... सौम्या सोनू के मुह पे बैठ गयी ...
मैंने निशा की गर्दन को पकड़कर अपनी चूत पर उसका मुह दबाया और बोली “ अब चाटना शुरू कर ...”
दोनों की जीभ ने अपना काम शुरू किया
और निशाने फटाक से सोनू का लंड चुसना शुरू किया ..... सोनू के हाथ पकड़कर उसे अपने चुचियो पर रखकर दबा दिया ... फिर सोनू रिया के स्तन दबाने लगा ....
हम तीनो पूरा मजा ले रहे थी ........हाय क्या सिन था .... हम उन दोनों को हमारे सेक्स टॉय बनके यूज कर रहे थे ........
बारी बारी जगह बदल के हम तीनो ने सोनू का लंड चूसा ........ जब भी ऐसालगता की वो झड़ने वाला है ... तो हम थोडा रुक जाते ...
बिच में हमने सोनू और निशा के हाथ उपर करा के उन दोनों के अंडर आर्म्स को भी चूसा ....
हाय ... सेल सोनु के अंडर आर्म्स में तो खूब बाल थे और तीखी गंध थी ....... मन ही नहीं भर रहा था ....... लगभग एक घंटा दोनों का पुर रस चूसने के बाद रियाने निशाको बेड पर लिटाया और सोनू को उसपर चढाया ...
इतनी साडी चुसाई के बाद सोनू तो पगला गया था ... वह जोर जोरसे झटके मरने लगा ....... रिया ने साथ में लाया (डिल्डो) सोनू की गंद में घुसेड दिया .......
पहले तो सोनू को झटका सा लगा केकिन फिर उसका भी जोश बढ़ गया ......
जैसा की तय हुआ था मै बोली “ चूत के अन्दर नहीं झड़ना.... बहार निकलना माल को”
सोनू ने गर्दन हिलाई .......
सोनू जब झड़ने पे आया .... मै और सौम्या ने हमारा अगला काम किया सौम्याने निशाको उठाया और मने सोनू के लंड को निशाके चरे के सामने पकड़ा ......
फिर सोनू की बड़ी बड़ी पिचकारिया निकालनी शुरू हो गयी ..... और निशाका चेहरा सोनू के रस से भर गया ............
फिर थोड़ी देर तक हमने उन दोनों को नोचा खसोटा ... और फिर उन्हें हॉल में छोड़ आये ....
हम फिरसे सौम्य के फ्लैट में लौट आये ..... मने फिरसे सोनू को फ़ोन किया ......
मै : “ अब तुम लोग आँखों पे लगी पट्टिया खोल सकते हो “
उन दोनों ने वैसा ही किया .......
मै: “ अब तू लोग जा सकते हो ..... लेकिन याद रहे .... यहाँ जो भी हुआ ... वो किसीको भी बताया तो हम क्या करेंगे ये याद कर लेना “
सोनू बोला नहीं..... हम किसी को नहीं बताएँगे
मै: “ठीक है .... कल ठीक इसी समय आ जाना ....... “ और मैंने फ़ोन कट किया
उधर सोनू और निशा एकदूसरे को देख रहे थे ...... निशा का रस से सराबोर चेहरा देख कर सोनू का लंड फिरसे अंगड़ाईयाँ लेने लगा.... उसने निशा के निप्पल्स पकडके अपनी ओर खीचा और चूमने लगा .....
लेकिन फिर उसे लगा की शायद उन्हें कोई देख रहा है और वो निशा से अलग हो गया ......
दोनोने फटाफट कड़े पहने ... और चल दिए ...
इधर हम सुस्ता रहे थे .......
अचानक सौम्य बोली ... रिया लंड का स्वाद बादही मस्त था यार ......... अब जल्दीसे चूत का उद्घाटन भी करवाना पड़ेगा .... लेकिन उसके लिए किसे ढूंढे ......
मैं : हा यार .... बड़ी खुजली हो रही है ....... वैसे रिया तू अपनी चूत का उद्घाटन किस से करवाने वाली है ?
रिया आँखे मटकाते हुए बोली ...... उसकेलिए बस १ महिना रह गया है ...... मैंने मेरा चोदु भी सिलेक्ट कर रखा है ....
मै: कौन है वो नसीबवाला ?
रिया: मेरे राकेश भय्या ........ मेरा सगा बड़ा भाई ........ वो शहर में पढता है ... अगले म्हणी में छुत्तियोमे घर आनेवाला है .... ३ हप्तो के लिए .....
सौम्या: तो क्या .. तूने उसे पटाया......
रिया : सुरवात तो कर ही दी है मेरी जान ..... उससे विडिओ चाट करते करते मैंने उसे जलवे दिखाए है ... अब आने दे उसे दो या तिन दिन में पटाके ... अपनी चूत न मरावाली उस से तो नाम की रिया नहीं .....
मै : यार सौम्या ... इसका तो तय है ..... चलो यार हम भी अपना अपना सेटिंग सोचते है ....
सौम्य मेरे पास आके मेरी अंडर आर्म्स को सूंघने लगी ..... और बोली “ चल तू भी सोच .......
उसकी इस अदा पर सभी खिलखिला उठी ......
 









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