Monday, May 19, 2014

हिंदी सेक्सी कहानियाँ महक का जादू--20

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

महक का जादू--20

 रिया : सुरवात तो कर ही दी है मेरी जान ..... उससे विडिओ चाट करते करते मैंने उसे जलवे दिखाए है ... अब आने दे उसे दो या तिन दिन में पटाके ... अपनी चूत न मरावाली उस से तो नाम की रिया नहीं .....
मै : यार सौम्या ... इसका तो तय है ..... चलो यार हम भी अपना अपना सेटिंग सोचते है ....
सौम्य मेरे पास आके मेरी अंडर आर्म्स को सूंघने लगी ..... और बोली “ चल तू भी सोच .......
उसकी इस अदा पर सभी खिलखिला उठी ......

अब आगे ......

घर आने के बाद मैं बड़ी देर तक सोच में डूबी थी ...आखिर कौन तोड़ेगा मेरी सिल .....
रात को खाने के बाद बिस्तर पे लेटकर मैं फिर सोचने लगी ... मेरे करीबियों में सिर्फ तिन ही तो मर्द है .... पापा , मेरा छोटा भाई और मामाजी . न तो मेरा कोई कझिन है नहीं कोई चाचा ….. फिर मैं इन तीनो के बारे में सोचने लगी
मेरे मामाजी थड़े मोटे है उनकी उम्र ४५ के आसपास होगी .... वे हमेशा पूजापाठ और भक्ति में लीं रहते ..... पूजापाठ और काम के सिवा दूसरा कुछ करते हुए मैनी उन्हें कभी नहीं देखा ....... मामाजी तो नहीं हो सकते मेरे पहले चोदु .....
मेरा भाई तो अभी छोटा ही है ...... मेरे से सिर्फ एक साल छोटा है .... लेकिन लगता उससे भी कम है ..... वो भी नहीं चलेगा .....
अब मैं पापा के बारे में सोचने लगी ...... मेरे पापा एक गुड लुकिंग गठीले शारीर वाले है ...... हलाकि वो किसान है ... रहते देहात में है... पर उनकी ड्रेसिंग की सेन्स बड़ी अच्छी है , वे हमेशा बढिया कपडे पहनते है ......
मैंने उनको कई बार सिर्फ बनियान पहने और कई बार बिना बनियान के भी देखा है .... बेहद ही गठीला शारीर है उनका , और उनकी छाती पर घने बाल भी मैंने देखे है ....
पापा से मैं कुछ उम्मीद कर सकती हु ....... ये सोच के थोडा अच्छा लगा ..... लेकिन मैंने आगे सोचा .... आजतक तो मैंने पापा को कभी ऐसे देखा नहीं ..... और पापा ने भी कभी कुछ भी ऐसा वैसा किया नहीं ..... तो बात आगे कैसे बढ़ेगी ,,,,,,
मैंने रिया को फ़ोन मिलाया ..... और उसे पूरी बात बताई ....... उसने कुछ सोचा और बोली ......
तू एक काम कर अपने पापा के बारे में साड़ी बाते याद कर .... जैसे वो और तेरी मम्मी के रिलेशन कैसे है, बाकि औरतो के साथ वो कैसा बिहेव करते है , उनकी पसंद न पसंद ... ये सब ... और कल मुझे सब बताना और कुछ फोटोज होगी तेरे पास उनकी तो वो भी ले आना ..... ओके
मैंने उसे बे बोला और फोन रख दिया ......
फिर मैं पापा और मम्मी के रिलेशन पर सोचने लगी ….. मैने याद करनी की कोशिश की कब मम्मी और पापा को अकले मे देखा था…….. धीरे धीरे मेरी आँखो के सामने जैसे एक फिल्म सी चल पड़ी ……
पापा का पिछला बबर्थडे ..... घर मे हम सब ने पापा को विश किया और रात के खाने मे मम्मी ने पापा की पसंदीदा खीर बनाई थी ….. खाना खाते के बाद पापने चुपकेसे मम्मी को बोला … आज ज़रा जल्दी जल्दी काम निपटाओ ,,, बड़ी भूक लगी है ……..
मैने सुना और मुझे तोड़ा अटपटा लगा …. अभी तो खाना खाया था ……. फिर पापा को कैसे भूक लगी ….
मैने मम्मी को पुछा भी था …. “ मम्मी क्या पापा ने ठीक से नही खाया ….”
मम्मी “क्यो बेटा …. उन्होने तो ठीक ही खाया है …. खीर जोत ही ….तू क्यों पुछ रही है ?”
मैं: “ तो फिरसे उन्हे भूक कैसे लग गई …..”
उसपे मम्मी शर्मा गयी और मुझे डाटते हुए बोली “ महक …. बडो की बतो के ऐसे नही सुनते … जा तू अब सो जा जल्दी ... सवेरे जल्दी उठाना है “
मैं खामोश हो गयी .... लेकिन मम्मी का जबाब मुझे कुछ ठीक नहीं लगा था .....
मैं अपने रूम में जाकर सो गयी ......
ऐसी ही कई बाते याद करते करते मैं जाने कब सो गयी ….
नींद में मेर सपने में पापा आये ….. वह सिर्फ एक छोटीसी शोर्ट पहने हुए थे….. मैं सिर्फ समिझ पहने उनसे लिपटी हुई थी ….. पापा मुझे चूम रहे थे ….मैं आहे भर रही थी ….. उनका हाथ मेरे समिझ में घुस गया था …… और मेरी चुचियोसे खेल रहा था …… हाआय्य्य्य ...स्सस्सस्स क्या मस्त फीलिंग थी वह ……
सवेरे मामी की आवाज से मैं जगी ……”बेटा महक जल्दी उठो …… जाना नहीं है क्या आज “
मैं : हा आती हूँ मामी …
मैंने देखा मेरी पॅन्टी पूरी गीली हो गयी थी …. लगता है मैंने पापा के साथ बहोत मस्ती की थी सपने में …..
मैं जल्दी जल्दी तैयार होकर निचे आई …… मामी बोली “ अरे …. आगई तू….. जा जल्दी से तेरे पापा को भी उठा जरा …”
मैं : :किसे मामी
मामी: अरी…. तेरे पापा कल रत देरसे आ गए थे ….. कुछ काम था उनका यहाँ …….. देर हुई थी इसलिए तुझे नहीं उठाया ….. तेरे बाजूवाले कमरे में सोये है …. जा उठा उन्हें भी “
मामी की बात सुनकर मैं ख़ुशी से पागल हो रही थी … मई भागते भागते उपर आई ….. मेरे बाजूवाले कमरे के दरवाजे को मैंने धीरेसे खोला …….
अन्दर का दृश्य देख कर मैं थमक के कड़ी हो गयो …. मेरी साँसे तेज होगई …….
पापा बीएड पर सिर्फ अंडरवेअर पे सोये हुये थे …….
शायद रात को उन्हें जादा गर्मी लगी हो ….. उनकी बनियान भी बाजु में पड़ी थी ….
पापा का कसा हुआ शरीर, उनके बालोसे भरी छाती देख कर ….. मेरी चुत में पानी आने लगा ….
मैं थोडा आगे बढ़ी …. जैसे ही मैं पापा के थोडा पास आयी तो … मेरी साँसों में उनकी पसीने की महक बसने लगी
पापा ने नींद में अपना हाथ अपने सर के पास लिया … तो मुझे उनकी जानदार , बालो से भरपूर कांख के दर्शन हो गए …. मैंने एक लम्बी सांस लेकर वो मनमोहक खुशबू अपने आप में बसा ली …..
मैंने पापा को उपर से नीची तक देखा ….. उनकी अंडरवेअर में बड़ा सा उभर बना हुआ था …
हाय….राम…. कितना बड़ा है पापा का लंड ….. अभी तो पूरा उठा भी नहीं है फिर भी कितना बड़ा दिख रहा है ……
अचानक मैंने मेरे दिमाग में एक आयडिया आया ….. मैं भागकर अपने कमरे में गयी ……
अपना कमरा अंदरसे बंद करके मैंने अपना टॉप उतर फेका …. समिझ भो उतारी ….. मैंने देखा मेरे निप्पल कठोर हो गए थे …. मैंने उनको एक बार मसला ….. स्सस्सस्सस
फिर मैंने अपना एक तंग स्लीव लेस टॉप निकाला और बिना समिझ के ही पहन लिया ……
फिर मैंने अपना मोबाईल फोन उठाया और फिरसे पापा के कमरे में आ गयी …….
करे में आते ही मैंने पापा की फोटोज ली … खास कर उनका चेहरा, उनकी भारीभरकम छाती , उनकी बालोवाली कांख , उनके लैंड का उभार ….. मनमाफिक फोटो लेने के बाद मैं अपना फ़ोन वापस रख आई …..
मैं पापा के बेड पर ही उने पास बैठी ….. अपने दोनों हाथोसे …. उनकी छाती के बाल सहलाने लगी …. और साथ साथ उन्हें आवाज भी देने लगी …. पापा …. पापा ….
थिदी देर बाद पापा ने धीरे धीरे आपनी आँखे खोली तो सामने मुझे पाया ……
पापा : अरे महक बेटा … तू कब आयी ……
मैं : बस पापा अभी पता चला ,,,,, और मैं आगई … कितने दिनों के बाद आये हो पापा आप ….”

इतना बोलके मैं कस के उनकी छातिसे लिपट गयी ……
उनसे लिपटते हुए मैंने अपना सर इस तरह उनके शारीर से चिपकाया की मेरा नाक बराबर उनकी कांख पे आ गया ,,,, आःह्ह …. जन्नत …….
पापा मही मेरी पीठ पर अपना हाथ घुमा रहे थे ….. मैं अपनी चुचिया उनके सिनेपे और जादा दबा रही थी …… हाययय …. ऐसा लग रहा था …. बस उसी घडी मैं पापा के अंदर समां जाऊ ……
पापा भी मेरे पीठपर मेरे बालो में हाथ फेर रहे थे …… अचानक उन्हें अपने कपड़ो का ख्याल आया ….. और वो बोले …. “ महक बेटा तुम नीची जेक मामी की मदद करो मैं तैयार हो के निचे आता हु ….
पापा को छोड़ने का मन तो नहीं कर रहा था ….. लिकिन फिर भी मैंने उन्हें छोड़ा …….. उठते उठते मैंने उनके गालो पर हलकासा किस किया ….. और उठ खड़ी हो गयी ….
मैं पलंग के बाजु में खड़ी होगई …… मैंने पापा को दिखने के लिए हाथ ऊपर करके एक जोरदार अंगडाई ली ….. ताकि पापा मेरे सुंदर अंडर आर्म्स को देख सके …..
और हुआ भी वैसाही ….. पापा मुह फाड़े बस देखते ही रह गए ….
मैंने जाते जाते तिरछी नजरोसे उनके लैंड के उभर को देखा ….. वहा हलचल हो रही थी …….. शायद पापा का पप्पू ….. जाग रहा था ……. हाय राम …. कही मुझे देख के तो नहीं जागा था वो …… लगता है मेरा तीर निशाने पे बैठ गया है …..
मैं शर्मा के निचे भाग गयी ….
थोड़ी देर बाद पापा जब निचे आये तो मैंने एक और तीर मारा ……. पापा की हाईट मेरे से जादा थी ……जैसेही वो निचे आये मैंने अपने दोनों बाहे ऊपर करके उनके गले में डाल दी …..
अब मेरी दोनों सुंदर कांख पापा के नजरो के सामने थी ... बिलकुल उनके चेहरे के पास ……
मैं उनसे प्यारभरी शिकायत कर रही थी ….. हॉल में हमारे सिवा कोई नहीं था …..
पापा ने भी अपने दोनों हाथ मेरी कमर में डाल कर कसके मुझे उपर की और खीचा …. ऐसा करते समय उनकी होट मेरी कांख से छू गए ….
मैं भी कस के चिपक गयी ….. मेरे कठोर निप्पलस पापा की छाती में गड रहे थे …….
उधर किचन से मामी की आहात हुई …… पापा ने मुझे निचे उतारा …….
मुझे बहुत बुरा लगा … कितना मजा आ रहा था ….. मामी को भी अभी आना था …..
पापा ने चाय नाश्ता किया और बोले …. “महक बेटा … मैं किसी अर्जंट काम से आया था ….. और अभी मुझे फिर वापस भी जाना है …… “
मैंने उनसे फिर शिकायत की ……. तो उन्होंने फिर जल्दीही आने का वादा किया ……
जाते जाते पापा ने जो बोला उससे मेरी उम्मीदे जग उठी ….. पापाने जातेजाते मेरी गालो पर किस करके बोला था “बेटा महक , तुम तो काफी बड़ी और बड़ी सुन्दर धिकने लगी हो यहाँ आकर ……”
और फिर पापा चले गए…….
मई भी जल्दी जल्दी तैयार हो गयी …. मुझे रिया और सोनू के साथ ये सीक्रेट शेअर करना था ….. और सबसे जरुरी …. मेरी चुत में जो खुजली मची थी उसे शांत करवाना था उन दोनों से


मैं कॉलेज में रिया और सौम्या से मिली …….
मैंने उन्हें बताया आज जितनी जल्दी हो सके , सौम्या के यहाँ चलते है …… मुझे बहुत जरुरी बात करनी है …… सौम्या और रियाने हामी भरी ……
और हम लोग एक पीरियड करके सोम्या के हॉस्टल में आ गए
जैसे ही हम रूम में आये मैं सौम्या से लिपट के बोली ….
आज तुम दोनों मिलके मुझे खूब प्यार करो जल्दीसे…. मुजे मसल डालो …. चूस लो … ख जाओ …… बड़ी खुजली हो रही है ….
रिया : लेकिन बात क्या है महक रानी …. इतनी गर्मी कैसे आई तेरे अन्दर ?
मैं: सब कुछ बताउंगी ….. लेकिन पहले मुझे मसलो …. काम करते करते करते बताउंगी …..
सौम्या और रियाने मिल के मेरे कपडे नोच डाले …… रिया मेरी चुत पे लग गयी …. और सौम्या मेरे स्तनों को मसलने लगी …….
मैं सौम्या के हाथ ऊपर करके … उसके बगल को चाटने लगी ….
इधर रिया मेरी चुत पे मुह चिपका कर चूस रही थी …. अपनी जीभ कड़ी करके उसे अन्दर घुसा रही थी ……..
उई…ई..माँ …..उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न्…हई…आह…
स्सस्सस्सस …. हय्य्य्यं मर गयी ……
अगले कुछ पलो में मैं भरभराकर झड गयी ……
मेरी साँसे कुछ शांत होने के बाद … रिया ने मुझे किस किया और बोली रानी अब बात पूरी बात …..
फिर मने अपनी पूरी कहानी उन्हें सुनाई …. सुन कर दोनों दंग रह गयी …… मैंने उन्हें फोटोज के बारे में भी बताया …… रिया और सौम्या मेरे मोबाईल से फोटो देखने लगी …..
सौम्या : हाय ….महक … क्या छाती है रे … तेरे पापा की ….. और उसने मोबाईल की स्क्रीन को ही चूम लिया … पूच्च्च्च …..चुप्प्पप्प्प्पप्प्प
पापा के कांख की फोटो देख रिया बोली ….. हाय मैं मर जावा ….. इतनी मस्त बगल देख के तो मेरे मुह में पानी आ गया रे………
उनके लंड के उभर की फोटो देखने के बाद तो दोनों की आँखे फ़ैल गयी ….
रिया : बाप्प्प रे …. महक … कितना बड़ा है रे …… पूरा उठा भी नहीं है….. फिर भी कितना बड़ा दिख रहा होगा …….
सौम्या: हा यार ….. ये तो सोनू के लंड से भी बहोत बड़ा लगता है …..
रिया: यार महक अब तो मेरी चुत में भी पानी बहने लगा है रे
बहोत देर तक ऐसेही बाते होती रही …..
रिया: तेरी बातो पे से ...लगता है महक ….की तेर पापा को भी तू पसंद आ गयी ……
मैं: कैसे ?
रिया: अरे तेरी अंगडाई पर उनके लंड में अगर हलचल मची है …. तो कुछ तो बात है ….
सौम्या: और जब तूने उनकी गले में हाथ डाले …. तो उन्होंने तेरी कमर पड़कर ऊपर खीचा ना ….. शायद शायद उन्हें तेरी ये खुशबूदार कांख पसंद आ गयी ……
रिया : और जाते जाते क्या बोला उन्होंन ?
मैं शरमाकर बोली “ वो बोले बेटा महक , तुम तो काफी बड़ी और बड़ी सुन्दर दिखने लगी हो यहाँ आकर ……” और मैंने शरमाके अपना मुह ढक लिया
रिया : इसका मतलब है की तेरे पापा ने तेरे इन बढे हुए संत्रोका साइज़ नोट किया है …… ढके छुपे लब्जोमे उन्होंने कहा है …. के महक रानी अब जवान हो गयी ….
सौम्या : या कहो …. अब चुदाने लायक हो गयी ….
इस बात पे मैंने शरमाके अपना मुह सौम्या के उरोजो में घुसा के छुपाया ….
रिया: तो ...अब तय है की तू अपने पापा के लंड से अपने सिल तुडवाने वाली है
मैंने शर्मा के हामी भरी ….
रिया: कुछ प्लान बनाया …. इसकेलिए ?
मैं: मैं कुछ समझी नहीं रिया …. कैसा प्लान …
रिया: वाह रे मेरी भोली बन्नो …… तू क्या ...सीधे सीधे अपने पापा के पास जेक उन्हें बोलेगी …. की पापा आओ मेरी चुत का उद्घाटन करो ….. चोद डालो मुझे ….
मैं : छी…. हट…. मैं ऐसे कैसे बोलूंगी ……
रिया: तो क्या सालो इन्तजार करेंगी ….. की कब पापा आयेंगे …. मेरी चुत का उद्घाटन करेंगे ….
मैं : अरे नहीं …. अब जादा इंतजार नहीं होता……
रिया: तो मेरी भोली महक रानी ...… ऐसा कुछ करना होगा जिससे तेर पापा तेरे पे लट्टू हो जाये और खुद ही तुझे चोदने की लिए उतावले हो जाये ….इसके लिए प्लान बनाना पड़ेगा …… समझी
मैं …. ओ … हा…. तो तू ही बताना क्या करे …..
रिया : ठीक है सोचती हु कुछ …… आ तब तक मेरी भी प्यास बुझा दे …… तू भी आ मेरी सौम्या डार्लिंग ….
फिर मैं और सौम्या रिया की सेवा में लग गए…. इस बार मैं रियाके उरोजोसे खेलने लगी तो सौम्या नीचेकी जन्नत में …
थोड़ी ही देर में हम दोनोने रिया को झडा दिया ………
थोड़ी शांति के बाद रिया बोली ….. ओके आज अपने दोनों गुलाम (निशा और सोनू ) से पापा बेटी का रोल प्ले करवाते है ……
सौम्या बोली … वो कैसे …
रिया : बताती हु पहले तेरी भी तो शांति हो जाये ….
और फिर रिया और मैं सौम्या पे टूट पड़े ….. सौम्या को साँस लेने की भी फुरसत न देते हुए … उसे इतना मसला की वो जल्द ही झड गयी ….
फिर रियाने हमें अपना प्लान समझाया … की सोनू और निशा से कैसे मजा लेना है आज ….
हमारी मस्ती में काफी वक्त कट गया था …..
अब सोनू और निशा के आने का वक्त हो गया था …..


सोनू और निशा आगये ……
आज निशा ने मिनी स्कर्ट और छोटासा टॉप पहेना था ….
दोनों आके चुपचाप सोफे पर बैठ गए ….. जैसे हमारी आर्डर का इन्तजार कर रहे थे दोनों …..
आज मेरी जगह रिया ने वाइस् चेंजिग बेल्ट अपने गले पे बाँधी …. पहले हमसे बात करके उसने अपनी आवाज टेस्ट की …. उसकी आवज एकदम अलग लग रही थी ….
फिर उसने सोनू को फ़ोन लगाया ……
सोनू ने फ़ोन उठाया ……
रिया : आज तुम लोगोको थोडा अलग काम करना है ……… पहले फ़ोन को स्पीकर पे लगाओ
सोनू ने फ़ोन स्पीकर पे किया …..
रिया: गुड ….. अब मेरी बात ध्यान से सुनो …. आज तुम लोगो को सिर्फ आपस मे ही सेक्स करना है …… लेकिन कुछ खास अंदाज में …..
सोनू: जी……. हम कुछ समझे नहीं ….. क्या करना है ?
रिया: देखो …. तुम्हे थोडा ड्रामा करना पड़ेगा …… इस ड्रामा में सोनू तुम निशा के बाप बनोगे …… निशा तुम्हे पापा कहके पुकारेंगी और तुम इसे बेटा…… बिटिया …..
सोनू: ओह…… रोल प्ले में सेक्स करना है …….
लगता है सोनू इन्टरनेट पर खूब सेक्सी स्टोरीस पढता होगा ….. साला ...छुपा रुस्तम …..
रिया: ठीक समझे ….. स्टोरी कुछ कुछ ऐसी है …. की तुम्हारी बेटी शहर में पढ़ती है … अभी छुट्टीयोमे तुमसे मिलने आई है ….. ये लड़की तुम पे मन ही मन मरती है …...उसके मन में तुम्हारे लिए सेक्सी फिलिंग्स है ... . वो भोली बनकर तुम्हे लुभाने का प्रयास करती है ….सीड्यूस करती है … और उनका धुवाधार सेक्स होता है …. अब नाटक के बाकि डिटेल्स तुम लोग तय करो …. तुम्हे आधे घंटे का वक्त दिया जाता है सोचने के लिए
सोनू और निशा ने मुंडी हिलाई…..
रिया : और आरामसे बैठो …… आज तुम्हे पूरी छुट है ….. कुछ भी करो ….. ओके
और रियाने फोन कट किया …..
अब सोनू और निशा चिपक के बैठे थे ….. और धीमी आवाज में खुसरपुसर कर रहे थे …….
बिच बिच में निशा उठती और कुछ अदाओ की एक्टिंग करती ….. इस दौरान दोनो ने खूब एन्जॉय किया
इस दौरान हम एक दुसर को सहला रही थी …..
आधा घंटा पूरा हुआ….
रियाने फिर सोनू को फ़ोन लगाया …….
रिया : हो गयी तय्यारी …… या कुछ बाकी है
सोनू: जी लगभग हो गया है ……
रिया: तो ठीक है …. फ़ोन को बंद करो और अपना ड्रामा शुरू करो ……
सोनू : ठीक है …. और उसने फोन बंद किया ….
…..
सोनू सिर्फ सॅन्डो बनियान पहने सोफे पे बैठ था …… और निशा दरवाजे के पास खड़ी थी
सोनू ड्रामेटिक अंदाज से बोलने लगा …… मेरा नाम सुशांत है …… यह मेरा फार्म हाउस है …….. मेरी एकलौती बेटी ...निशा …. वो शहर में पढाई कर रही है ……. आज वो बड़े दिनों बाद छुट्टियों के लिए वापस आ रही है ….. निशा … अब काफी बड़ी हो गयी है …. पिछली बार उसे देखा तो मैं देखता ही रह गया ……… अभी तो पुर जवान लग रही है ….
फिर थोडा रुक के वे बोला ….. आजकल मेरी सेक्स की इच्छाये पूरी नहीं हो रही ….. इसलिए मन में बुरे बुरे ख्याल आते है …… पिछली बार जब निशा को देखा… हाय उसकी वो भरी भरी चुचिया ….. मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था ……. लेकिन क्या करे …. आखिर बेटी है … ये सोच के … काबू में रखा अपने लंड को …..अभी तक आई की नहीं निशा …….
फिर वो सोफे के पीछे बैठ गया ……
अब निशा सामने आई और अपने संवाद बोलने लगी …..
निशा : हाय … मैं निशा ….. शहर में कॉलेज में पढ़ती हु …. आज छुट्टियों के लिए वापस घर आई हूँ …….
यार शहर में तो मेरी सहेलियोने मेरे में जवानी की आग भर दी है ….. मैंने कई बार अपने सहेलियोसे अपने चूचो को मसलवाया है …. चुत भी चटवाई है …… अब तो जैसे मुझे इसकी आदत हो गए है …….
थोडा रुक कर वो फिर बोली ….. जाने अब घर पे क्या होगा ……. वैसे वहा मेरे पापा भी है ….. बड़े ही हैण्डसम है मेरे पापा . क्या मस्त बॉडी है उनकी …… हाय…… अगर किसी तरह पापा से टाका फिट हो जाये तो ….. हय्यय्य्य्य स्सस्सस्सस …. सोच के ही मेरी चुत पानी छोड़ने लगी है …….. वैसे मैंने भी … पापा को जलवे दिखने की पूरी तय्यारी की है…...चलो देखते है …..
इतना बोलके वो दरवाजे के पास खडी होकर आवाज देने लगी … पापा … पापा ….. 






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