FUN-MAZA-MASTI
कामुक संध्या--4
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कामुक संध्या--4
चंदर- आजा साली कुतिया मेरा लोडा पैंट से बाहर निकाल और उसे सहला के मस्त कर तेरी भाभी की चूत मरने के लिए
किरण- राजा फिर मेरी चूत को क्या प्यासा छोड़ देगा
चंदर- नही मेरी जान तेरी चूत पर तो मैं अपनी सारी फौज छोडूंगा. मेरे सारे साथी तेरी चूत का रास्पान करेंगे और तुझे जी भर के चोदेंगे
रागिनी यह सुनके सिहर गयी की उसकी भाभी को 20 डाकू चोदेंगे और वो समझ गयी की किरण की चूत का बुरा हाल हो जाएगा पर अब कुछ नही हो सकता था दोनो इस खेल मे इतनी दूर तक आ गयी थी की अब सच्चाई पता लगती तो डाकू का सरदार उन दोनो की चूतों का भुर्ता बना देता, अपने साथियों के साथ उन दोनो की भयानक चुदाई करके.
चंदर- तू एक बात और जान ले मेरी रंडी
किरण- क्या बोलो ना मेरे मर्द राजा
चंदर- तेरी यह चुदाई बड़ी अनोखी और अजब होगी
किरण- कैसे भला
चंदर- तू देखती जा पहले बता तेरा भाई तेरी इस मादक चुदासी भाभी को कैसे चोदता है
किरण- हाए राजा एक रात मैं उन दोनो के बेडरूम के बाहर खड़ी थी और वो दोनो एक हफ्ते की जुदाई के बाद वासना का मिलन करने वाले थे मुझे पता था की आज इस हवेली की बहू की चूत हवेली का लंड चोड़ेगा ले तू उस मादक चुदाई को मेरे मूह से सुन
किशोर- हाए रानी बड़ी मस्त लग रही है
किरण- हाँ राजा आज दोपहर से चूत मे पानी भरा हुआ है और इतनी रात गये तेरा लंड लेने का मौका आया है
किशोर- क्या करूँ सब लोग बाहर बैठे टीवी देख रहे थे किसी को यह भी ध्यान नही की एक हफ्ते के तौर से लौटा हूँ मेरा लंड और तेरी चूत दोनो प्यासी होगी
किरण- तुनमे दोपहर मे फोन पर जब मेरी चूत चूमि थी तभी से इस साली मे पानी भरा है आओ इसे चूस और मस्त चुदाई करके इसका मान मर्दन कर दो
किशोर- ऐसे कैसे पहले मैं अपनी मादक किरण को पूरी तरह न्नगी करूँगा उसकी ठोस चुचियाँ मसलूँगा फिर उसकी चूत का नंबर आएगा वो भी तब जब वो मचल के मेरे मस्त ताने हुए लोडे को चुसेगी और उसका मीठा वीर्या पिएगी
किरण- आओ मेरे मर्द तेरे लोडे को चूस के तेरे लंड का अपनी चूत के द्वार पर स्वागत करूँगी
किशोर- किरण एक और मस्त कामुक इच्छा है जो तू पूरी कर दे
किरण- कौन सी
किशोर- आज तू अपनी गांड का स्वाद देदे
किरण- कोई बात नही मेरे राजा मेरी चूत चोदने के बाद तू मेरी गांड का द्वार अपने लंड से खोल लेना
किशोर- Thankyou किरण आओ मैं तुझे अपने लोडे की सैर करवाता हूँ
किरण- हाए रीईईईईई धीरे मस्लो मेरी चुचियों को
किशोर- साली सिसकार मार फोन पे तो ऐसे कर रही थी जैसे कोई तेरा यार तेरी चूत मार रह हो और मुझे अपनी आवाज़े सुना रही थी
किरण- वो तो मैं मज़ाक कर रही थी और तुझे पता है की इस हवेली मे कोई लोडा मुझे चोदने नही आ सकता है.
किशोर- वो तो मुझे पता है पर तू एक बात बता
किरण- क्या
किशोर- यहाँ हवेली की कौन सी नौकरानी तुझे पसंद आई
किरण- सभी ठीक है मेरी खूब सेवा करती है
किशोर- साली सेवा के लिए नही चूत मरवाने के लिए पुच्छ रहा हूँ कौन सी हरमज़ड़ी तुझे पसंद है बता उसे आज बुला लूँगा तेरी चूत मालिश को
किरण- हाए रे क्या ऐसा हो सकता है
किशोर- क्यों नही साली सभी इस हवेली की जिंदगी भर की गुलाम है तू बोल तो सही तेरे साथ साथ वो मेरे लोडे की भी सेवा ना करे तो मेरा नाम किशोर नही
किरण- वो है ना अपने नौकर सरवन की जोरू
किशोर- ओह वो ऋतु तू भी ना साली माल तो तगड़ा चुना तूने
किरण- क्या ऐसा हो पाएगा की ऋतु मेरी सेवा करे और हम दोनो को रति सुख प्रदान करे
किशोर- हाँ क्यों नही मेरी जान तू देखती जा
किरण- ऋतु किसी को बोल तो नही देगी अपने पति को या हमारे पिताजी को
किशोर- नही तू चिंता मत कर और आज तू ऋतु से रतिसुख की कल्पना को साकार होते देख देखना मैं भी क्या हाल करता हूँ साली ऋतु का ना न्नगी करके कुतिया की तरह उपभोग किया. साली को रंडी बना दूँगा रातों की रंडी. देखना दिन मे सरवन की बीवी और रात मे तेरी और मेरी पर्सनल दासी बनके रहेगी
किरण- राजा फिर मेरी चूत को क्या प्यासा छोड़ देगा
चंदर- नही मेरी जान तेरी चूत पर तो मैं अपनी सारी फौज छोडूंगा. मेरे सारे साथी तेरी चूत का रास्पान करेंगे और तुझे जी भर के चोदेंगे
रागिनी यह सुनके सिहर गयी की उसकी भाभी को 20 डाकू चोदेंगे और वो समझ गयी की किरण की चूत का बुरा हाल हो जाएगा पर अब कुछ नही हो सकता था दोनो इस खेल मे इतनी दूर तक आ गयी थी की अब सच्चाई पता लगती तो डाकू का सरदार उन दोनो की चूतों का भुर्ता बना देता, अपने साथियों के साथ उन दोनो की भयानक चुदाई करके.
चंदर- तू एक बात और जान ले मेरी रंडी
किरण- क्या बोलो ना मेरे मर्द राजा
चंदर- तेरी यह चुदाई बड़ी अनोखी और अजब होगी
किरण- कैसे भला
चंदर- तू देखती जा पहले बता तेरा भाई तेरी इस मादक चुदासी भाभी को कैसे चोदता है
किरण- हाए राजा एक रात मैं उन दोनो के बेडरूम के बाहर खड़ी थी और वो दोनो एक हफ्ते की जुदाई के बाद वासना का मिलन करने वाले थे मुझे पता था की आज इस हवेली की बहू की चूत हवेली का लंड चोड़ेगा ले तू उस मादक चुदाई को मेरे मूह से सुन
किशोर- हाए रानी बड़ी मस्त लग रही है
किरण- हाँ राजा आज दोपहर से चूत मे पानी भरा हुआ है और इतनी रात गये तेरा लंड लेने का मौका आया है
किशोर- क्या करूँ सब लोग बाहर बैठे टीवी देख रहे थे किसी को यह भी ध्यान नही की एक हफ्ते के तौर से लौटा हूँ मेरा लंड और तेरी चूत दोनो प्यासी होगी
किरण- तुनमे दोपहर मे फोन पर जब मेरी चूत चूमि थी तभी से इस साली मे पानी भरा है आओ इसे चूस और मस्त चुदाई करके इसका मान मर्दन कर दो
किशोर- ऐसे कैसे पहले मैं अपनी मादक किरण को पूरी तरह न्नगी करूँगा उसकी ठोस चुचियाँ मसलूँगा फिर उसकी चूत का नंबर आएगा वो भी तब जब वो मचल के मेरे मस्त ताने हुए लोडे को चुसेगी और उसका मीठा वीर्या पिएगी
किरण- आओ मेरे मर्द तेरे लोडे को चूस के तेरे लंड का अपनी चूत के द्वार पर स्वागत करूँगी
किशोर- किरण एक और मस्त कामुक इच्छा है जो तू पूरी कर दे
किरण- कौन सी
किशोर- आज तू अपनी गांड का स्वाद देदे
किरण- कोई बात नही मेरे राजा मेरी चूत चोदने के बाद तू मेरी गांड का द्वार अपने लंड से खोल लेना
किशोर- Thankyou किरण आओ मैं तुझे अपने लोडे की सैर करवाता हूँ
किरण- हाए रीईईईईई धीरे मस्लो मेरी चुचियों को
किशोर- साली सिसकार मार फोन पे तो ऐसे कर रही थी जैसे कोई तेरा यार तेरी चूत मार रह हो और मुझे अपनी आवाज़े सुना रही थी
किरण- वो तो मैं मज़ाक कर रही थी और तुझे पता है की इस हवेली मे कोई लोडा मुझे चोदने नही आ सकता है.
किशोर- वो तो मुझे पता है पर तू एक बात बता
किरण- क्या
किशोर- यहाँ हवेली की कौन सी नौकरानी तुझे पसंद आई
किरण- सभी ठीक है मेरी खूब सेवा करती है
किशोर- साली सेवा के लिए नही चूत मरवाने के लिए पुच्छ रहा हूँ कौन सी हरमज़ड़ी तुझे पसंद है बता उसे आज बुला लूँगा तेरी चूत मालिश को
किरण- हाए रे क्या ऐसा हो सकता है
किशोर- क्यों नही साली सभी इस हवेली की जिंदगी भर की गुलाम है तू बोल तो सही तेरे साथ साथ वो मेरे लोडे की भी सेवा ना करे तो मेरा नाम किशोर नही
किरण- वो है ना अपने नौकर सरवन की जोरू
किशोर- ओह वो ऋतु तू भी ना साली माल तो तगड़ा चुना तूने
किरण- क्या ऐसा हो पाएगा की ऋतु मेरी सेवा करे और हम दोनो को रति सुख प्रदान करे
किशोर- हाँ क्यों नही मेरी जान तू देखती जा
किरण- ऋतु किसी को बोल तो नही देगी अपने पति को या हमारे पिताजी को
किशोर- नही तू चिंता मत कर और आज तू ऋतु से रतिसुख की कल्पना को साकार होते देख देखना मैं भी क्या हाल करता हूँ साली ऋतु का ना न्नगी करके कुतिया की तरह उपभोग किया. साली को रंडी बना दूँगा रातों की रंडी. देखना दिन मे सरवन की बीवी और रात मे तेरी और मेरी पर्सनल दासी बनके रहेगी
किशोर ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और सरवन का नंबर डाइयल किया
किशोर- सरवन कहाँ है तू रे
सरवन- याहूं घर मे मलिक हुकुम करो क्या सेवा करूँ
किशोर- तेरी बीवी वो कहाँ है
सरवन- यहीं मेरे पास ही
किशोर- एक कम करो तुम दोनो तुरंत मेरे पास आओ और एक बात बतो, पिताजी या छ्होटे ने तो कोई आदेश तो नही दिया
सरवन- नही मलिक
किशोर- तो तुम दोनो तुरंत हमारे रूम पर आओ तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ मई और अपनी जोरू को साथ लेके आना छ्होटी मालकिन बुला रही है उसे.
सरवन- अभी हाज़िर हुआ मलिक
किशोर- देखा अभी आएगा सला अपनी करारी जोरू के साथ फिर हम दोनो उसकी बीवी का मज़ा लूटेंगे
किरण- क्या सच मे ऐसा होगा और सरवन होने देगा
किशोर- देखती जाओ जान सला खुद अपने हाथों से ऋतु की चूत हो चौड़ा करके मेरे लोडे के आयेज लाके ना बोले मलिक इसे चोद दो तो मेरा नाम बदल देना
किरण- वाउ क्या ऐसा होगा
किशोर- हाँ पर जो मैं बोलू वो करती जाना
तभी सरवन अपनी बीवी ऋतु के साथ रूम मे आता है
सरवन- मलिक आपने याद किया
किशोर- हाँ रे मुझे और मालकिन के शायर मे दर्द हो रहा है ज़रा हमारी मालिश कर्दे
सरवन – अभी लो मलिक मैं आपकी और यह ऋतु मालकिन की मालिश करके आप डोड़नो के शरीर को ताज़गी से भर देंगे
इतना बोलके सरवन ने ऋतु को देखा. उसने हामी मे सिर हिलाया. इधर किशोर और किरण दोनो कॉन्फोर्ट कपड़ो मे थे किरण ने निघट्य डाली हुई थी तो किशोर लूँगी मे था सरवन ने टेबल से तेल की शीशी उतही और ऋतु को पकड़ते हुए बोला
सरवन- ले ऋतु तू मालकिन की टाँगों की मालिश कर्दे और मैं मलिक के पैर अबता हूँ फिर मालिश करूँगा
किशोर- आओ दोनो लोग यहाँ बेड के उपर आके करो
सरवन और ऋतु बेड पर चाड जाते है और किशोर और किरण की मालिश का डुआर शुरू होता है ऋतु ने किरण की निघट्य घउटें तक उपर कर दी और तेल लगाने लगी और इधर किशोर ने भी लूँगी घुटने तक उठा दी दोनो थोड़ी देर तो मालिश करते रहे फिर किशोर बोल उठा
किशोर- सरवन आजा पूरे शरीर की मालिश कर दे देखक कई दिन से लौटा हूँ पूरा शरीर दर्द करता है यही हाल तेरी मालकिन का है
इतना कहके उसने अपनी लूँगी उतार दी उसके नीचे उसने पारदर्शी ब्रीफ पहना हुआ था उस ब्रीफ के अंदर उसके मान की भावना का उद्गार उसका लिंग अरधरप से कहदा हुआ था. इधर किरण ने भी किशोर की देखा देखी अपनी नाइट उतार दी वो सिर्फ़ पर्धारषी ब्रा और पनटी मे थी. दोनो नौकर और नौकरानी समझ गये उन्हे क्या करना है
सरवन- मलिक आआआप्प्प्प्प्प अगली मालिश मुझ से नही मेरी इस हरमिण जोरू ऋतु से कारवओ तो ज़्यादा आनंद आएगा साली मालिश ऐसी करती है की मलिक को नशा आ जाएगा क्योंकि यह हरमज़ड़ी मालिकों की सेवा बचपन से ही करती आ रही है इसकी नाथ बड़े मलिक ने ही उतरी है
किशोर – आआअजाआ ऋतु तू आके मेरी तेल मालिश कर और सरवन मालकिन की सेवा करेगा
इधर सरवन ने तेल मे हाथ डुबोय और किरण की जांघों पर हाथ फेरने लगा. किरण के शरीर मे झुरजुरी दौड़ गयी उसे एक कामुक अहसास होने लगा उसे ऐसा लगा की उसकी टाँगों पर साँप रेंग रहा हो और वो साँप उसकी गीली चूत की ऊवार बढ़ रहा हो. इधर किशोर के लिए ऋतु मुस्कुराती हुई बढ़ी और बोली
ऋतु- आओ मलिक मैं आपके मान की इच्छयों को चार चाँद लगा दूं आइए मलिक आप मालकिन को भोगने के लिए पूरी तरह से टायर हो जाइए
किशोर- आ ऋतु पहले मेरे बदन का दर्द दूर कर फिर मैं तेरी मालकिन को चोद के उसकी प्यास भुजौंगा
ऋतु- मलिक आइए मैं आपकी टाँगों की तेल मालिश कर देती हूँ
ऋतु ने तेल मे हाथ डुबो कर किशोर की झंघों पर फेरा तो उसका लंड फड़फदा उठा उसने आयेज बढ़ के ऋतु के मस्त चुचे पकड़ लिए.
किशोर- साली तू अभी जवान कुतिया है आज तेरी मालकिन के साथ तेरी चूत का भी रस पीना पड़ेगा
ऋतु- मलिक यह मेरा सायभाग्या होगा जो आप मुझ पर सवारी करेंगे. आप जैसा बोलेंगे मैं करती जाओंगी
किशोर- सरवन कहाँ है तू रे
सरवन- याहूं घर मे मलिक हुकुम करो क्या सेवा करूँ
किशोर- तेरी बीवी वो कहाँ है
सरवन- यहीं मेरे पास ही
किशोर- एक कम करो तुम दोनो तुरंत मेरे पास आओ और एक बात बतो, पिताजी या छ्होटे ने तो कोई आदेश तो नही दिया
सरवन- नही मलिक
किशोर- तो तुम दोनो तुरंत हमारे रूम पर आओ तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ मई और अपनी जोरू को साथ लेके आना छ्होटी मालकिन बुला रही है उसे.
सरवन- अभी हाज़िर हुआ मलिक
किशोर- देखा अभी आएगा सला अपनी करारी जोरू के साथ फिर हम दोनो उसकी बीवी का मज़ा लूटेंगे
किरण- क्या सच मे ऐसा होगा और सरवन होने देगा
किशोर- देखती जाओ जान सला खुद अपने हाथों से ऋतु की चूत हो चौड़ा करके मेरे लोडे के आयेज लाके ना बोले मलिक इसे चोद दो तो मेरा नाम बदल देना
किरण- वाउ क्या ऐसा होगा
किशोर- हाँ पर जो मैं बोलू वो करती जाना
तभी सरवन अपनी बीवी ऋतु के साथ रूम मे आता है
सरवन- मलिक आपने याद किया
किशोर- हाँ रे मुझे और मालकिन के शायर मे दर्द हो रहा है ज़रा हमारी मालिश कर्दे
सरवन – अभी लो मलिक मैं आपकी और यह ऋतु मालकिन की मालिश करके आप डोड़नो के शरीर को ताज़गी से भर देंगे
इतना बोलके सरवन ने ऋतु को देखा. उसने हामी मे सिर हिलाया. इधर किशोर और किरण दोनो कॉन्फोर्ट कपड़ो मे थे किरण ने निघट्य डाली हुई थी तो किशोर लूँगी मे था सरवन ने टेबल से तेल की शीशी उतही और ऋतु को पकड़ते हुए बोला
सरवन- ले ऋतु तू मालकिन की टाँगों की मालिश कर्दे और मैं मलिक के पैर अबता हूँ फिर मालिश करूँगा
किशोर- आओ दोनो लोग यहाँ बेड के उपर आके करो
सरवन और ऋतु बेड पर चाड जाते है और किशोर और किरण की मालिश का डुआर शुरू होता है ऋतु ने किरण की निघट्य घउटें तक उपर कर दी और तेल लगाने लगी और इधर किशोर ने भी लूँगी घुटने तक उठा दी दोनो थोड़ी देर तो मालिश करते रहे फिर किशोर बोल उठा
किशोर- सरवन आजा पूरे शरीर की मालिश कर दे देखक कई दिन से लौटा हूँ पूरा शरीर दर्द करता है यही हाल तेरी मालकिन का है
इतना कहके उसने अपनी लूँगी उतार दी उसके नीचे उसने पारदर्शी ब्रीफ पहना हुआ था उस ब्रीफ के अंदर उसके मान की भावना का उद्गार उसका लिंग अरधरप से कहदा हुआ था. इधर किरण ने भी किशोर की देखा देखी अपनी नाइट उतार दी वो सिर्फ़ पर्धारषी ब्रा और पनटी मे थी. दोनो नौकर और नौकरानी समझ गये उन्हे क्या करना है
सरवन- मलिक आआआप्प्प्प्प्प अगली मालिश मुझ से नही मेरी इस हरमिण जोरू ऋतु से कारवओ तो ज़्यादा आनंद आएगा साली मालिश ऐसी करती है की मलिक को नशा आ जाएगा क्योंकि यह हरमज़ड़ी मालिकों की सेवा बचपन से ही करती आ रही है इसकी नाथ बड़े मलिक ने ही उतरी है
किशोर – आआअजाआ ऋतु तू आके मेरी तेल मालिश कर और सरवन मालकिन की सेवा करेगा
इधर सरवन ने तेल मे हाथ डुबोय और किरण की जांघों पर हाथ फेरने लगा. किरण के शरीर मे झुरजुरी दौड़ गयी उसे एक कामुक अहसास होने लगा उसे ऐसा लगा की उसकी टाँगों पर साँप रेंग रहा हो और वो साँप उसकी गीली चूत की ऊवार बढ़ रहा हो. इधर किशोर के लिए ऋतु मुस्कुराती हुई बढ़ी और बोली
ऋतु- आओ मलिक मैं आपके मान की इच्छयों को चार चाँद लगा दूं आइए मलिक आप मालकिन को भोगने के लिए पूरी तरह से टायर हो जाइए
किशोर- आ ऋतु पहले मेरे बदन का दर्द दूर कर फिर मैं तेरी मालकिन को चोद के उसकी प्यास भुजौंगा
ऋतु- मलिक आइए मैं आपकी टाँगों की तेल मालिश कर देती हूँ
ऋतु ने तेल मे हाथ डुबो कर किशोर की झंघों पर फेरा तो उसका लंड फड़फदा उठा उसने आयेज बढ़ के ऋतु के मस्त चुचे पकड़ लिए.
किशोर- साली तू अभी जवान कुतिया है आज तेरी मालकिन के साथ तेरी चूत का भी रस पीना पड़ेगा
ऋतु- मलिक यह मेरा सायभाग्या होगा जो आप मुझ पर सवारी करेंगे. आप जैसा बोलेंगे मैं करती जाओंगी
किशोर- आओ ऋतु मेरे लोडा को इसकी क़ैद से बाहर निकालो देखो तेरे मस्त नरम हाथों मे आने को कैसे मचल रहा है
ऋतु- हाँ मलिक अभी इस तोते को मैना के लिए तय्यार कर देती हूँ
किशोर- साली इस तोते के होंठ चूम कुतिया
ऋतु ने आयेज बढ़के किशोर का ब्रीफ उतरा और ताने हुए लोडे का सूपड़ा अपने होंठ से लगा लिया
किशोर- साली मदारचोद इस लोडे को पूरा अंदर तक धकेल के चूस जैसे तू मेरे बाप का लोडा चुस्ती है और अपने हाथों से मेरे आंडों से खेल अगर लोडे के तनाव मे कमी आई तो तेरी चूत मे जलती सिग्रते घसेद दूँगा महीनो तक कोई भी लंड नही ले पाएगी
ऋतु ने अपने मुँह को तेज़ी से लोडे पर चलन शुरू किया और हाथों से किशोर के आंडों को सहलाने और मसालने लगी यह देख के किरण की आँखें चौड़ी हो गयी उसे इस हवेली मे आए 15 दिन ही तो हुए थे यहाँ यह खेल भी हॉट आहिया उसे विश्वास नही हुआ. इधर सरवन ने उसकी झंघों पर हाथ फिरा फिरा के उसकी चूत को पानी से लबालब भर दिया वो अपने शरीर को ऐतने लगी तो किशोर बोल उठा
किशोर- सरवन हटा ना अपनी मालकिन की चड्धि देख कितना पनिया गयी है इसकी चूत और ऋतु तू साली क्या कपड़ो मे रहेगी इधर आ तेरे जिस्म से कपड़े नोंछता हूँ
इतना कहके किशोर ने ऋतु को अपने पास खींच लिया और उसकी कुरती को फाड़ने लगा उसने वाकई मे ऋतु की कुरती फादा और पेटीकोआट का नडा तोड़ दिया दोनो कपड़े ुआरते ही मस्त चुदसी ऋतु सिफ एक नर्माल कच्ची मे किशोर के सामने काहदी थी उसने ब्रा नही पहनी थी लेकिन साली के मस्त टन चुचे यह एहसास दिला रहे थे की ऋतु एक जवान कुतिया है जो उसका मज़ा लूटेगा वो कॉलेज गर्ल की कमसिन जवानी भी भूल जाएगा साली के जिस्म पर एक भी बाल नही थे और बदन मे चिकनाहट बहुत थी
किशोर- ऋतु तू अभी भी उतनी ही चिकनी है जितनी पन्नच साल पहले जब मेरे बाप ने पहली बार तेरी चूत मारी थी और तू उस समय कितने साल की थी
ऋतु- मलिक उसी दिन 18 साल की हुई थी बड़े मलिक ने जवानी मे पैर रखते ही चोद दिया था उस रत की याद मत दिलाओ आज भी चूत पानी से भर उठती है
किशोर- ई ऋतु अपनी नयी मालकिन के लिए बता ना तेरी नयी निकोर चूत को कैसे मर्द के लौदे का स्वाद चखया गया कुआ हुआ था उस रात जब तेरी नरम और चुकनी चूत मेपहली पहली बार लौदा उतरा गया
ऋतु- बिल्कुल मलिक आइए आपका लोडा चूस्ते हुए अपनी पहली चुदाई की दास्तान बताती हूँ की किस किसने उस रात मेरी नयी निकोर चूत का रस पिया और किस किस तरह से मेरे कामुक बदन का स्वाद लिया
किरण- क्या मतलब है तेरा
ऋतु- मालकिन उस रात मेरी चुदाई नही जी भर के लुटाई हुई थी मैं इस हवेली की एकमत्रा जवान कुँवारी नौकरानी थी उस रात बड़े मलिक और उनके दोस्त ने मेरे जिस्म से हर वो खेल खेला जिसकी वो कल्पना करते थे और मुझे जी भर के उपयोग किया हर कामुक और विक्रत तमन्ना पूरी की क्या आप सुनना चाहोगी
किशोर- यह ना भी करे तो सुना साली हरमज़ड़ी मेरी दासी होके चाय्स पूछती है कुतिया साली घोड़ी बनके चोड़ूँगा तब लओुदा भी गांड मे लेगी और कहानी भी सुनयगी सुना मदाचोद जाबमेरा मन्हाई तो उस रात की हर बात बता हम हवेली के मलिक है जिस भी नौकरी को चाहे जैसे मर्ज़ी चोद या छुड़वा सकते है समझ गयी ना तू या तुझे अपने अंदाज मे समझाओ डालु डंडा तेरी गांड मे
ऋतु- मलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीिकककककककक अभी बताती हूँ आप मुझे माफ़ करो प्ल्ज़
किशोर- अब आई ना साली लाइन पे ई सरवन आ इस रंडी की चूत को अपने हाथ से फैला के मेरे लोडे को पकड़ के उस पे रख के बोल लो मलिक मेरी जोरू की चूत मरो आज इसकी यही सज़ा है की इसका खुद का मर्द इसकी चूत को दूसरे लोडे से चुडवाए तब इस कुतिया की औलाद को पता चलेगा की हवेली के मर्दो की बात अनसुना करने का अंजाम क्या होता है
सरवन- ठीक है मलिक
सरवन आयेज बढ़के एक हाथ से ऋतु की चूत के दरवाजे खोलता है और दूसरे हाथ सेकिशोर का लोडा पकड़ के उसका सूपड़ा पिच्चे खींच के उसे ऋतु की चूत के मूह पे रखके बोलता है
सरवन- आओ मलिक ऋतु की गरम गर्म चूत मे अपना मस्त लोडा डालो मेरी मलिक और इसे चोद डालो
किशोर ऋतु की चूत पे लोडा च्छुवता है और फिर लोडे को अंदर ना डालके हटा लेता है
किशोर- चल आख़िरी बार माफ़ किया अगली बार हमारी इच्छा के खिलाफ गयी तो इससे बुरी सज़ा दूँगा
ऋतु किशोर के लंड को हाथों से मसलते हुए
ऋतु- आपका एहसान नही भूलूंगी मलिक आप मुझे मेरे मर्द के सामने चोद के जिंदगी भर के लिए हम दोनो को जलील कर सकते थे पर आपने ऐसा नही किया आपका बहुत बहुत धन्यवाद मलिक मैं मालकिन और आप सबको अपनी पहली ठुकाई की दास्तान सुनती
ऋतु- हाँ मलिक अभी इस तोते को मैना के लिए तय्यार कर देती हूँ
किशोर- साली इस तोते के होंठ चूम कुतिया
ऋतु ने आयेज बढ़के किशोर का ब्रीफ उतरा और ताने हुए लोडे का सूपड़ा अपने होंठ से लगा लिया
किशोर- साली मदारचोद इस लोडे को पूरा अंदर तक धकेल के चूस जैसे तू मेरे बाप का लोडा चुस्ती है और अपने हाथों से मेरे आंडों से खेल अगर लोडे के तनाव मे कमी आई तो तेरी चूत मे जलती सिग्रते घसेद दूँगा महीनो तक कोई भी लंड नही ले पाएगी
ऋतु ने अपने मुँह को तेज़ी से लोडे पर चलन शुरू किया और हाथों से किशोर के आंडों को सहलाने और मसालने लगी यह देख के किरण की आँखें चौड़ी हो गयी उसे इस हवेली मे आए 15 दिन ही तो हुए थे यहाँ यह खेल भी हॉट आहिया उसे विश्वास नही हुआ. इधर सरवन ने उसकी झंघों पर हाथ फिरा फिरा के उसकी चूत को पानी से लबालब भर दिया वो अपने शरीर को ऐतने लगी तो किशोर बोल उठा
किशोर- सरवन हटा ना अपनी मालकिन की चड्धि देख कितना पनिया गयी है इसकी चूत और ऋतु तू साली क्या कपड़ो मे रहेगी इधर आ तेरे जिस्म से कपड़े नोंछता हूँ
इतना कहके किशोर ने ऋतु को अपने पास खींच लिया और उसकी कुरती को फाड़ने लगा उसने वाकई मे ऋतु की कुरती फादा और पेटीकोआट का नडा तोड़ दिया दोनो कपड़े ुआरते ही मस्त चुदसी ऋतु सिफ एक नर्माल कच्ची मे किशोर के सामने काहदी थी उसने ब्रा नही पहनी थी लेकिन साली के मस्त टन चुचे यह एहसास दिला रहे थे की ऋतु एक जवान कुतिया है जो उसका मज़ा लूटेगा वो कॉलेज गर्ल की कमसिन जवानी भी भूल जाएगा साली के जिस्म पर एक भी बाल नही थे और बदन मे चिकनाहट बहुत थी
किशोर- ऋतु तू अभी भी उतनी ही चिकनी है जितनी पन्नच साल पहले जब मेरे बाप ने पहली बार तेरी चूत मारी थी और तू उस समय कितने साल की थी
ऋतु- मलिक उसी दिन 18 साल की हुई थी बड़े मलिक ने जवानी मे पैर रखते ही चोद दिया था उस रत की याद मत दिलाओ आज भी चूत पानी से भर उठती है
किशोर- ई ऋतु अपनी नयी मालकिन के लिए बता ना तेरी नयी निकोर चूत को कैसे मर्द के लौदे का स्वाद चखया गया कुआ हुआ था उस रात जब तेरी नरम और चुकनी चूत मेपहली पहली बार लौदा उतरा गया
ऋतु- बिल्कुल मलिक आइए आपका लोडा चूस्ते हुए अपनी पहली चुदाई की दास्तान बताती हूँ की किस किसने उस रात मेरी नयी निकोर चूत का रस पिया और किस किस तरह से मेरे कामुक बदन का स्वाद लिया
किरण- क्या मतलब है तेरा
ऋतु- मालकिन उस रात मेरी चुदाई नही जी भर के लुटाई हुई थी मैं इस हवेली की एकमत्रा जवान कुँवारी नौकरानी थी उस रात बड़े मलिक और उनके दोस्त ने मेरे जिस्म से हर वो खेल खेला जिसकी वो कल्पना करते थे और मुझे जी भर के उपयोग किया हर कामुक और विक्रत तमन्ना पूरी की क्या आप सुनना चाहोगी
किशोर- यह ना भी करे तो सुना साली हरमज़ड़ी मेरी दासी होके चाय्स पूछती है कुतिया साली घोड़ी बनके चोड़ूँगा तब लओुदा भी गांड मे लेगी और कहानी भी सुनयगी सुना मदाचोद जाबमेरा मन्हाई तो उस रात की हर बात बता हम हवेली के मलिक है जिस भी नौकरी को चाहे जैसे मर्ज़ी चोद या छुड़वा सकते है समझ गयी ना तू या तुझे अपने अंदाज मे समझाओ डालु डंडा तेरी गांड मे
ऋतु- मलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीिकककककककक अभी बताती हूँ आप मुझे माफ़ करो प्ल्ज़
किशोर- अब आई ना साली लाइन पे ई सरवन आ इस रंडी की चूत को अपने हाथ से फैला के मेरे लोडे को पकड़ के उस पे रख के बोल लो मलिक मेरी जोरू की चूत मरो आज इसकी यही सज़ा है की इसका खुद का मर्द इसकी चूत को दूसरे लोडे से चुडवाए तब इस कुतिया की औलाद को पता चलेगा की हवेली के मर्दो की बात अनसुना करने का अंजाम क्या होता है
सरवन- ठीक है मलिक
सरवन आयेज बढ़के एक हाथ से ऋतु की चूत के दरवाजे खोलता है और दूसरे हाथ सेकिशोर का लोडा पकड़ के उसका सूपड़ा पिच्चे खींच के उसे ऋतु की चूत के मूह पे रखके बोलता है
सरवन- आओ मलिक ऋतु की गरम गर्म चूत मे अपना मस्त लोडा डालो मेरी मलिक और इसे चोद डालो
किशोर ऋतु की चूत पे लोडा च्छुवता है और फिर लोडे को अंदर ना डालके हटा लेता है
किशोर- चल आख़िरी बार माफ़ किया अगली बार हमारी इच्छा के खिलाफ गयी तो इससे बुरी सज़ा दूँगा
ऋतु किशोर के लंड को हाथों से मसलते हुए
ऋतु- आपका एहसान नही भूलूंगी मलिक आप मुझे मेरे मर्द के सामने चोद के जिंदगी भर के लिए हम दोनो को जलील कर सकते थे पर आपने ऐसा नही किया आपका बहुत बहुत धन्यवाद मलिक मैं मालकिन और आप सबको अपनी पहली ठुकाई की दास्तान सुनती
हवेली मे अजय और उसका दोस्त राज दोनो शराब का सेवन कर रहे है और दोनो की बातों का केन्द्र एक ही है वो है ऋतु की जवानी
अजय- क्या हुआ राज आज शराब पिए हुए इतना खामोश क्यों है क्या सोच रहा है तू
राज- तुझे पता ही है अजयकी मेरी बीवी मधु मुझे छोड़ के क्यों चली गयी
अजय- वो तो 7 साल हो गये उस बात को आज भी उसे क्यों याद करता है और मुझे पता है उसने तेरे से क्यों तलाक़ लिया था क्योंकि तू अपनी काम वासना की तृप्ति नही कर पता था वो नाज़ुक काली तेरे मोटे हतुयार् से पीस जाती थी और तू एक हवासी लुटेरे की तरह रोज़ अपनी काली जैसी मासूम बीवी को बिस्तेर पे मसल देता था वो तेरी कामुक और पाशविक सेक्स की भावना को पूरा नही कर पति थी
राज- हाँ रे और इसीलिए मैं अब तक अपनी कांवासना मिटाने के लिए कुच्छ खास ही रंडियों के पास जाता हूँ हर एक साली मेरी धार सहन नही कर पति है
अजय- इस बात का अभी क्या मतलब
राज- मुझे अपनी प्यास बुझाए 10 दिन हो गये है मेरा लॉडा बुरी तरह एक छूट की माँग कर रहा है और इस कम मे तू ही मेरी मदद कर सकता है
अजय- क्या मतलब हे तेरा मैं और रणडिबाज़ी मे मदद
राज- नही रे रंडी के पास मत जा बस मेरी एक मदद कर दे
अजय- बोल
राज – ऐसे नही पहले हाँ बोल फिर
अजय- ऐसे कसिए हाँ करूँ कहीं तू अपनी भाभी को माँग बैठा तो
राज- चल तेरी फॅमिली का कोई नही अब तो हाँ है तेरी
अजय- देख सिर्फ़ मदद करूँगा
राज – और क्या तेरा मान कर तो तू शामिल होना नही तो मैं अकेला ही
अजय- ठीक है अगर मेरे बस की बात हुई तो पूरी तरह से मादा कृंगा
राज- देख सिर्फ़ तेरे बस की बात है
अजय- ओक की मदद बोल क्या करना है
राज- वो वो वो यार अजय वो
अजय- क्या वो वो लगा रखी है अब बोल खुल के
राज- वो तेरी नौकरानी ऋतु दिला दे
अजय- कययययययययययययययययययययययाआआआआआआआआआआआअ तुझे पता है तू का माँग रहा है
राज- क्यों क्या हुआ कोई ग़लत बोल गया
अजय- वो अभी 18 की भी नही हुई साले देख ले ऐसी पड़ेगी की बाकचू जैल मे पुलीश गंद तोड़ देगी
राज- सब मंजूर है जब से उसे देखा है साली की छूट मे लॉडा उतरने का मान है
अजय- देख सिर्फ़ छूट तक ही साथ दूँगा उससे आयेज नही
राज- उससे आयेज क्या करूँगा मैं
अजय- तू जान तू कैसे अपनी बीवी को छोड़ छोड़ के पार्शन करता था वो क्यों भागी तेरे को छ्चोड़ के
राज- वो तो मैने उससे एक दिन अपनी छूट मे मेरा मूत भर के पीने को बोला था
अजय- फिर
राज- छ्चोड़ उसे तू इस कामिनी ऋतु की बात बता दिलवाएगा इसकी नरम मुलायम छूट
अजय- साली कोरी है मेरा भी बड़ा मान है इसकी कुँवारी छूट मे लॉडा पेलने का पर तेरी भाभी की वजह से रुका हूँ
राज- डरता है क्या जोरू से
अजय- नही रे सारी जयदाद उसी की है अलग हो गयी तो रोड पे आ जौंगा
राज- सो तो है पर अब क्या करेगा ऋतु को मुझेसे चूड्ता देखेगा
अजय- क्यों नही आज तेरी भाभी हवेली पर नही है अगर ऋतु मान गयी तो हम तीनो रत भर ऐश करेंगे और साली के मज़े लूटेंगे
राज- फिर देर किस बात की है बुला साली को उसकी करारी जवानी का नज़ारा किया जाए और मस्ती के सागर मे डूबा जाए
अजय- ठीक है .... ईई ऋतु इधर आ
ऋतु- आऐ मलिक
अजय- देख हम दोनो के लिए फ्रिड्ज से विस्की और कुछ नमकीन लेके आ जल्दी से
ऋतु – आऐ मलिक
अजय- देखना साली लहँगे चोली मे कितनी मादक और मस्त दिखती है
(तभी ऋतु अंदर आती है उसने लहनगा चोली और दुपट्टा लिया हुआ है उसकी मस्त जवानी 18 साल को टच करती है और श्रीर किसी 22 साल की अलहाल जवान लौंडिया से कम नही है)
राज- इधर आके हुमारा गिलास बना और एक बात बता
ऋतु- क्या मालिक
राज- तेरी उमर क्या है
ऋतु- अभी एक हफ्ते पहले ही वोट देने की उमर हुई है बापू बोले थे
राज- ओहो तो हमारी ऋतु 18 की हो गयी है और हमें पता नही तेरा तो बर्तडे मनाया जाना चाहिए
ऋतु- हम ग़रीबों का क्या बीथड़े और अलग दिन सब दिन एक जैसे होते है
राज- नही आस्सा नही होगा जा जाके बाज़ार से एक केक लेके आ अपनी पसंद का ले पसीए मुझसे ले जा
ऋतु- सच मलिक आप मेरा बर्तडे मनाओगे
राज- हाँ मैं झूठ नही बोला
(ऋतु पैसे लेक जाती है)
अजय- यह क्या है मैं समझा नही
राज- हाए मेरे भोले राजा अब सब रत को साली के बदन से खेलोगे ना तो सब समझ जाओगे
अजय- क्या हुआ राज आज शराब पिए हुए इतना खामोश क्यों है क्या सोच रहा है तू
राज- तुझे पता ही है अजयकी मेरी बीवी मधु मुझे छोड़ के क्यों चली गयी
अजय- वो तो 7 साल हो गये उस बात को आज भी उसे क्यों याद करता है और मुझे पता है उसने तेरे से क्यों तलाक़ लिया था क्योंकि तू अपनी काम वासना की तृप्ति नही कर पता था वो नाज़ुक काली तेरे मोटे हतुयार् से पीस जाती थी और तू एक हवासी लुटेरे की तरह रोज़ अपनी काली जैसी मासूम बीवी को बिस्तेर पे मसल देता था वो तेरी कामुक और पाशविक सेक्स की भावना को पूरा नही कर पति थी
राज- हाँ रे और इसीलिए मैं अब तक अपनी कांवासना मिटाने के लिए कुच्छ खास ही रंडियों के पास जाता हूँ हर एक साली मेरी धार सहन नही कर पति है
अजय- इस बात का अभी क्या मतलब
राज- मुझे अपनी प्यास बुझाए 10 दिन हो गये है मेरा लॉडा बुरी तरह एक छूट की माँग कर रहा है और इस कम मे तू ही मेरी मदद कर सकता है
अजय- क्या मतलब हे तेरा मैं और रणडिबाज़ी मे मदद
राज- नही रे रंडी के पास मत जा बस मेरी एक मदद कर दे
अजय- बोल
राज – ऐसे नही पहले हाँ बोल फिर
अजय- ऐसे कसिए हाँ करूँ कहीं तू अपनी भाभी को माँग बैठा तो
राज- चल तेरी फॅमिली का कोई नही अब तो हाँ है तेरी
अजय- देख सिर्फ़ मदद करूँगा
राज – और क्या तेरा मान कर तो तू शामिल होना नही तो मैं अकेला ही
अजय- ठीक है अगर मेरे बस की बात हुई तो पूरी तरह से मादा कृंगा
राज- देख सिर्फ़ तेरे बस की बात है
अजय- ओक की मदद बोल क्या करना है
राज- वो वो वो यार अजय वो
अजय- क्या वो वो लगा रखी है अब बोल खुल के
राज- वो तेरी नौकरानी ऋतु दिला दे
अजय- कययययययययययययययययययययययाआआआआआआआआआआआअ तुझे पता है तू का माँग रहा है
राज- क्यों क्या हुआ कोई ग़लत बोल गया
अजय- वो अभी 18 की भी नही हुई साले देख ले ऐसी पड़ेगी की बाकचू जैल मे पुलीश गंद तोड़ देगी
राज- सब मंजूर है जब से उसे देखा है साली की छूट मे लॉडा उतरने का मान है
अजय- देख सिर्फ़ छूट तक ही साथ दूँगा उससे आयेज नही
राज- उससे आयेज क्या करूँगा मैं
अजय- तू जान तू कैसे अपनी बीवी को छोड़ छोड़ के पार्शन करता था वो क्यों भागी तेरे को छ्चोड़ के
राज- वो तो मैने उससे एक दिन अपनी छूट मे मेरा मूत भर के पीने को बोला था
अजय- फिर
राज- छ्चोड़ उसे तू इस कामिनी ऋतु की बात बता दिलवाएगा इसकी नरम मुलायम छूट
अजय- साली कोरी है मेरा भी बड़ा मान है इसकी कुँवारी छूट मे लॉडा पेलने का पर तेरी भाभी की वजह से रुका हूँ
राज- डरता है क्या जोरू से
अजय- नही रे सारी जयदाद उसी की है अलग हो गयी तो रोड पे आ जौंगा
राज- सो तो है पर अब क्या करेगा ऋतु को मुझेसे चूड्ता देखेगा
अजय- क्यों नही आज तेरी भाभी हवेली पर नही है अगर ऋतु मान गयी तो हम तीनो रत भर ऐश करेंगे और साली के मज़े लूटेंगे
राज- फिर देर किस बात की है बुला साली को उसकी करारी जवानी का नज़ारा किया जाए और मस्ती के सागर मे डूबा जाए
अजय- ठीक है .... ईई ऋतु इधर आ
ऋतु- आऐ मलिक
अजय- देख हम दोनो के लिए फ्रिड्ज से विस्की और कुछ नमकीन लेके आ जल्दी से
ऋतु – आऐ मलिक
अजय- देखना साली लहँगे चोली मे कितनी मादक और मस्त दिखती है
(तभी ऋतु अंदर आती है उसने लहनगा चोली और दुपट्टा लिया हुआ है उसकी मस्त जवानी 18 साल को टच करती है और श्रीर किसी 22 साल की अलहाल जवान लौंडिया से कम नही है)
राज- इधर आके हुमारा गिलास बना और एक बात बता
ऋतु- क्या मालिक
राज- तेरी उमर क्या है
ऋतु- अभी एक हफ्ते पहले ही वोट देने की उमर हुई है बापू बोले थे
राज- ओहो तो हमारी ऋतु 18 की हो गयी है और हमें पता नही तेरा तो बर्तडे मनाया जाना चाहिए
ऋतु- हम ग़रीबों का क्या बीथड़े और अलग दिन सब दिन एक जैसे होते है
राज- नही आस्सा नही होगा जा जाके बाज़ार से एक केक लेके आ अपनी पसंद का ले पसीए मुझसे ले जा
ऋतु- सच मलिक आप मेरा बर्तडे मनाओगे
राज- हाँ मैं झूठ नही बोला
(ऋतु पैसे लेक जाती है)
अजय- यह क्या है मैं समझा नही
राज- हाए मेरे भोले राजा अब सब रत को साली के बदन से खेलोगे ना तो सब समझ जाओगे
अजय- ऐसा क्या करेगा तू देख कहीं उल्टा सीधा मार करियो
राज- सीधा कुच्छ खास नही और उल्टा कुच्छ ज़्यादा नहीं बस तेरा जब तक मान करे साथ देना बाकी मुझ पे छ्चोड़ देना हाँ इस कुटिया की रज़ामंदी से करूँगा यह जान ले और साली कई कम खुद बोल बोल के करवाएगी ऐसे ही नही तेरी भाभी को 5 साल तक छोड़ा मैने
अजय- तू जान यार मैं तो सिर्फ़ इसका उपर से रास्पान कोंगा
राज वो तुझे मिलेगा बाकी इस बोतल की एक एक घूँट पियुंगा साली कुँवारी ही नही उँचुड़ी और भोली भेद है है और ऐसा माल छोड़ने का नशा ही कुच्छ और है
अजय- लगता है आ गयी ऋतु
ऋतु- लो मलिक मैं केक लाई हूँ वाइट क्रीम से साजवा के
राज- तू अपने रूम मे जाके मूह हाथ धोके फ्रेश होके 10 मीं मे आजा
ऋतु- ठीक है मैं जाती हूँ
अजय- अब क्या करेगा तू
राज पंत खोल के लॉडा निकल लेता है और मूठ मारना शुरू करता है
अजय- यह क्या छोड़ने से पहले ही
राज- चुप कर मुझे इस केक पर अपना माल गिरना है
अजय- ऊऊऊऊओह मैं भी क्या
राज- हाँ तू भी गिरा दे
दोनो मिलके केक की उपरी सतह पर थोड़ी देर मे माल गिरते है और चम्मच से उसे फैला देते है अभी सिर्फ़ उन दोनो को पता है केक मे लॉड का माल मिला है तभी ऋतु आती है मूह हाथ ढोने से चेहरे पर निखार और जवानी मे रौनक आ जाती है
राज- आओ ऋतु मेरे पास बैठो
ऋतु – नही मैं आपेक साथ कैसे बैठूँगी मैं तो नौकरानी हूँ
और वो नीचे बैठ जाती है उसकी चोली से उसके दोनो संतारो का उभर दिखें लगता है जो राज को उत्तेजित करता है वो आयेज बड़के उसकी पीठ पर हाथ फिरता है उसे अहसास हो जाता है की ऋतु मूह हाथ ढोने के समय अपनी ब्रा उतार आई है उसे अंदाज़ा हो जाता है की चिड़िया को दाना चुज्ने मे टाइम नही लगेगा.
राज – ऋतु चल केक काट
ऋतु चाकू उठा के केक कटती है और उसका टुकड़ा दोनो को और बड़ाती है राज उसकी नर्म नाज़ुक कलाई को थम के उस केक का रुख़ उसके मूह की आयार मोदता है
राज- नही मेरी ऋतु को आज केक खुद खाना होगा और एक कम और करना पड़ेगा
ऋतु- बोलो मलिक आपने पहली बार हमे मेरी ऋतु बोला है आज आप जो कहोगे सब करूँगी
राज- सच्ची मेरी जा.. ऋतु
ऋतु- हाँ मलिक सब कुच्छ आप कुच्छ और बोलने वेल थे
राज- नही नही कुच्छ नही तू केक खा और इस केक के उपर की सारी क्रीम छत जा
ऋतु जीभ निकल के केक के उपर की क्रीम खाती है उस टेस्ट अलग लगता है पर बिना किसी शक के वो सारी क्रीम छत जाती है अजय और राज ला लंड यह देख के तनटानने लगता है की एक नयी लौंडिया उनके लॉड का माल ख रही है राज ऋतु की पीठ पर हाथ फिरता रहता है और बोलता भी है
राज- हाँ ऋतु खा ऐसे ही खा बड़ी सुंदर लगती है तू केक खाती हुई इसकी सारी क्रीम अपनी जीभ से छत बड़ी मस्त लाल जीभ है लाओ मैं इसे चूम लूँ
राज झुक के ऋतु की जीभ चूसने लगता है ऋतु उससे लिपट जाती है
ऋतु- मलिक क्या कर रहे है आप
राज- चुप छाप होने दे जो हो रह है तुझे जवानी का मस्त नशे का सुख दे रहा हम तू क्रीम छत और बता क्या टेस्ट है
ऋतु- इसका स्वाद कुच्छ अलग है सब्से अलग पर सबसे टेस्टी भी
राज- बहुत बाड़िया मेरी जान आजा अब मेरी गोद मे बैठ जा
ऋतु उपर उठके राज की गोद मे आ जाती है राज उसके होंठो से अपना ग्लास लगा देता है
राज – मेरी कसम जो ना की तूने
ऋतु- मलिक आपकी कसम मैं जिंदगाई मे कभी ना टूटने दूं
ऋतु कड़वा ग्लास भारी विस्की को पी जाती है
राज ऋतु के होंठो से बाहर बहती हुई विस्की चूस्ता है
राज- मेरी जान तुएँ शराब को भी नशीला बना दिया आजा आज तुझे तेरी जवानी का अनमोल तोहफा दूं
ऋतु- कौन सा मलिक मैं समझी नही
राज- इतनी भी नादान मत बन आज मैं तेरी नाथ उतरूँगा और तुझे लड़की से औरत बनौँगा पर अपने अंदाज मे
ऋतु – हाए रे मलिक आपका कौन सा अंदाज है
राज- तू देखती जा और यह तेरा मलिक भी देखेगा की मेरा छूट मरने का अंदाज क्या है तुझे पता है मैने अपनी बीवी को तलाक़ क्यों दिया
ऋतु- नही मलिक
राज- क्योंकि वो कुटिया चुदाई के समय मेरा कहना नही मनती थी
ऋतु- कैसा कहना
राज- जैसे मेरा बहुत मान होता है की जिसकी छूट मरूं उसके गले मे वीर्या उतार दूं वो साली मूह मे लौद अलेटी नही थी, गंद मरवाने मे दुखी करती थी, लंड चूसना नही छाती थी साली के उपर मूत्ो तो रोटी थी लंड को पकड़ के नंगी नाचना और ऐसे कम तू करेगी मेरे साथ
ऋतु – हाँ मलिक मैं तय्यार हूँ मैने आपकी कोई बात टली तो मेरा आपकी कम दासी होना बेकार
राज – आजा मेरी जान तू मेरी दासी नही आज रत की मेरे लॉड की मालकिन है देख आज तेरी मालकिन भी नही है तो तू अपने मलिक को भी खुश करेगी तो मैं तेरी छूट को नोटो से भर दूँगा
ऋतु- हाए रे तो क्या मलिक मालकिन के होते हुए भी मुझे छोड़ेंगे
राज- तू देखती जा तेरी नाथ तो यही उतरेंगे मैं तुझे फिर बाद मे मस्त छोड़ूँगा जा आयेज बाद और अपने मलिक का लॉडा उसके अंडरवेर से बाहर निकल के उसका सूपड़ा च्चिल के लॉडा खड़ा कर और केक को उसके लंड पर मसल के खा
ऋतु आयेज बड़ी और अजय का लॉडा राज की इच्छा के अनुरूप बेर निकल कर उस पर केक माला और उसने लंड को मूह मे भर लिया
अजय- आआआआहह ऋतु प्यार से साली तेरी मालकिन को लंड मे खरॉच भी दिखी तो तेरी छूट की शामत आ जाएगी
ऋतु- मालिकक्ककककककककककक आपका लॉडा बड़ा मस्त है मालकिन तो चुड के निहाल हो जाती होगी आप मेरी छूट मरो मेरे दाता
अजय ने अहत बड़ा के ऋतु के जोबन को थम लिया 18 साल की जवान युवती की च्चती छूटे ही उसका लॉडा 2 इंच और फूल गया ऋतु लंड को मूह मे लिए चूस रही थी लंड पर पड़ा असर उसकी छूट मे पानी की नयी लहर लेके आया उसने और जोश से लंड चूसना शुरू किया इधर राज ने तब तक अपने हाथों से ऋतु के चिकान्य और जवान शरीर को सहलाना शुरू किया उसकी भाषा खुल के गंदी होती चली गयी उसे पता था अब ऋतु उससे चुड़े बिना नही लौटेगी और ना ही किसी को बाथ्ेगी की अजय और राज ने उसकी छूट का भेदन किया है
ऋतु- मलिक आआआआअहह आपके हाथों मे जादू है मेरे शरीर मे एक नयी आग का संचार हो रहा है मेरा मान कर रहा है
राज- कैसा मान मेरी जान
ऋतु- की मैं अपनी चोली उतार दूं
राज- आओ ऋतु यह मैं खुद अपने हाथों से तेरी च्चती पकड़ के तेरे जिस्म से चोली उतार देता हूँ
ऋतु- पर मलिक मैने ब्रा नही डाली हुई है
राज- वो तो मेरे कामीने हाथों से तेरी पीठ पर पहली बार मे ही फेर के पता लगा लिया था तू फ़िक्र मत कर आज रत इस हवेली मे हम तीनो के सिवा कोई नही है चिंता मत कर तू न्नगी भी घूमेगी तो कोई नही देख पाएगा और हम दोनो का मस्त माँॉआंजन हो जाएगा
ऋतु- मनोरंजन कैसे
राज- तू देखती जा तेरी छूट को छोड़ के चित्तोड़गर्ह नही बनाया और मलिक ने तेरी चुचियों का सितार नही बजाया तो मेरा नाम बदल डियो
ऋतु- हाए रे इतना ज़्यादा छोड़ोगे
राज- नही रे मेरी जान तू तो घबरा रही है कुच्छ नही होगा सिर्फ़ तुझे मदरजात नंगी करके तेरा नाच देखेंगे और लंड का तनाव तेरी छूट मे लॉडा पेल के दूर करेंगे तू दर मत
ऋतु- तब ठीक है मैं ती सोची की आपकी मालकिन नही है की 7 साल की प्यास मेरे नरम गोस्त से मिटाओगे
राज- नही री उसके लिए तो मैं रंडियों के पास जाता रहता हूँ पर जब कोई तेरे जैसे उँच्छुई काली मिल जाती है तो उसे रत भर छोड़ के अपनी कुच्छ हसरतें पूरी करता हूँ
ऋतु – मलिक लो मेरा जवान चिकना नरम और जवानी के जोश से भरपूर गरम जिस्म आपके सामने परोस दिया है मुझे आप जैसे मर्ज़ी छोड़ो आओ मलिक अपनी सभी हसरतें पूरी करो
राज ने हाथ बढ़के ऋतु की चुचि के उपर चोली कासके पकड़ी और उसे सामने से फाड़ दिया
राज- साली तुझे मदरजात न्नगी करके छोड़ूँगा देखना तू हम दोनो यारों की मस्त रंडी बनेगी पूरी रत के लिए
राज- सीधा कुच्छ खास नही और उल्टा कुच्छ ज़्यादा नहीं बस तेरा जब तक मान करे साथ देना बाकी मुझ पे छ्चोड़ देना हाँ इस कुटिया की रज़ामंदी से करूँगा यह जान ले और साली कई कम खुद बोल बोल के करवाएगी ऐसे ही नही तेरी भाभी को 5 साल तक छोड़ा मैने
अजय- तू जान यार मैं तो सिर्फ़ इसका उपर से रास्पान कोंगा
राज वो तुझे मिलेगा बाकी इस बोतल की एक एक घूँट पियुंगा साली कुँवारी ही नही उँचुड़ी और भोली भेद है है और ऐसा माल छोड़ने का नशा ही कुच्छ और है
अजय- लगता है आ गयी ऋतु
ऋतु- लो मलिक मैं केक लाई हूँ वाइट क्रीम से साजवा के
राज- तू अपने रूम मे जाके मूह हाथ धोके फ्रेश होके 10 मीं मे आजा
ऋतु- ठीक है मैं जाती हूँ
अजय- अब क्या करेगा तू
राज पंत खोल के लॉडा निकल लेता है और मूठ मारना शुरू करता है
अजय- यह क्या छोड़ने से पहले ही
राज- चुप कर मुझे इस केक पर अपना माल गिरना है
अजय- ऊऊऊऊओह मैं भी क्या
राज- हाँ तू भी गिरा दे
दोनो मिलके केक की उपरी सतह पर थोड़ी देर मे माल गिरते है और चम्मच से उसे फैला देते है अभी सिर्फ़ उन दोनो को पता है केक मे लॉड का माल मिला है तभी ऋतु आती है मूह हाथ ढोने से चेहरे पर निखार और जवानी मे रौनक आ जाती है
राज- आओ ऋतु मेरे पास बैठो
ऋतु – नही मैं आपेक साथ कैसे बैठूँगी मैं तो नौकरानी हूँ
और वो नीचे बैठ जाती है उसकी चोली से उसके दोनो संतारो का उभर दिखें लगता है जो राज को उत्तेजित करता है वो आयेज बड़के उसकी पीठ पर हाथ फिरता है उसे अहसास हो जाता है की ऋतु मूह हाथ ढोने के समय अपनी ब्रा उतार आई है उसे अंदाज़ा हो जाता है की चिड़िया को दाना चुज्ने मे टाइम नही लगेगा.
राज – ऋतु चल केक काट
ऋतु चाकू उठा के केक कटती है और उसका टुकड़ा दोनो को और बड़ाती है राज उसकी नर्म नाज़ुक कलाई को थम के उस केक का रुख़ उसके मूह की आयार मोदता है
राज- नही मेरी ऋतु को आज केक खुद खाना होगा और एक कम और करना पड़ेगा
ऋतु- बोलो मलिक आपने पहली बार हमे मेरी ऋतु बोला है आज आप जो कहोगे सब करूँगी
राज- सच्ची मेरी जा.. ऋतु
ऋतु- हाँ मलिक सब कुच्छ आप कुच्छ और बोलने वेल थे
राज- नही नही कुच्छ नही तू केक खा और इस केक के उपर की सारी क्रीम छत जा
ऋतु जीभ निकल के केक के उपर की क्रीम खाती है उस टेस्ट अलग लगता है पर बिना किसी शक के वो सारी क्रीम छत जाती है अजय और राज ला लंड यह देख के तनटानने लगता है की एक नयी लौंडिया उनके लॉड का माल ख रही है राज ऋतु की पीठ पर हाथ फिरता रहता है और बोलता भी है
राज- हाँ ऋतु खा ऐसे ही खा बड़ी सुंदर लगती है तू केक खाती हुई इसकी सारी क्रीम अपनी जीभ से छत बड़ी मस्त लाल जीभ है लाओ मैं इसे चूम लूँ
राज झुक के ऋतु की जीभ चूसने लगता है ऋतु उससे लिपट जाती है
ऋतु- मलिक क्या कर रहे है आप
राज- चुप छाप होने दे जो हो रह है तुझे जवानी का मस्त नशे का सुख दे रहा हम तू क्रीम छत और बता क्या टेस्ट है
ऋतु- इसका स्वाद कुच्छ अलग है सब्से अलग पर सबसे टेस्टी भी
राज- बहुत बाड़िया मेरी जान आजा अब मेरी गोद मे बैठ जा
ऋतु उपर उठके राज की गोद मे आ जाती है राज उसके होंठो से अपना ग्लास लगा देता है
राज – मेरी कसम जो ना की तूने
ऋतु- मलिक आपकी कसम मैं जिंदगाई मे कभी ना टूटने दूं
ऋतु कड़वा ग्लास भारी विस्की को पी जाती है
राज ऋतु के होंठो से बाहर बहती हुई विस्की चूस्ता है
राज- मेरी जान तुएँ शराब को भी नशीला बना दिया आजा आज तुझे तेरी जवानी का अनमोल तोहफा दूं
ऋतु- कौन सा मलिक मैं समझी नही
राज- इतनी भी नादान मत बन आज मैं तेरी नाथ उतरूँगा और तुझे लड़की से औरत बनौँगा पर अपने अंदाज मे
ऋतु – हाए रे मलिक आपका कौन सा अंदाज है
राज- तू देखती जा और यह तेरा मलिक भी देखेगा की मेरा छूट मरने का अंदाज क्या है तुझे पता है मैने अपनी बीवी को तलाक़ क्यों दिया
ऋतु- नही मलिक
राज- क्योंकि वो कुटिया चुदाई के समय मेरा कहना नही मनती थी
ऋतु- कैसा कहना
राज- जैसे मेरा बहुत मान होता है की जिसकी छूट मरूं उसके गले मे वीर्या उतार दूं वो साली मूह मे लौद अलेटी नही थी, गंद मरवाने मे दुखी करती थी, लंड चूसना नही छाती थी साली के उपर मूत्ो तो रोटी थी लंड को पकड़ के नंगी नाचना और ऐसे कम तू करेगी मेरे साथ
ऋतु – हाँ मलिक मैं तय्यार हूँ मैने आपकी कोई बात टली तो मेरा आपकी कम दासी होना बेकार
राज – आजा मेरी जान तू मेरी दासी नही आज रत की मेरे लॉड की मालकिन है देख आज तेरी मालकिन भी नही है तो तू अपने मलिक को भी खुश करेगी तो मैं तेरी छूट को नोटो से भर दूँगा
ऋतु- हाए रे तो क्या मलिक मालकिन के होते हुए भी मुझे छोड़ेंगे
राज- तू देखती जा तेरी नाथ तो यही उतरेंगे मैं तुझे फिर बाद मे मस्त छोड़ूँगा जा आयेज बाद और अपने मलिक का लॉडा उसके अंडरवेर से बाहर निकल के उसका सूपड़ा च्चिल के लॉडा खड़ा कर और केक को उसके लंड पर मसल के खा
ऋतु आयेज बड़ी और अजय का लॉडा राज की इच्छा के अनुरूप बेर निकल कर उस पर केक माला और उसने लंड को मूह मे भर लिया
अजय- आआआआहह ऋतु प्यार से साली तेरी मालकिन को लंड मे खरॉच भी दिखी तो तेरी छूट की शामत आ जाएगी
ऋतु- मालिकक्ककककककककककक आपका लॉडा बड़ा मस्त है मालकिन तो चुड के निहाल हो जाती होगी आप मेरी छूट मरो मेरे दाता
अजय ने अहत बड़ा के ऋतु के जोबन को थम लिया 18 साल की जवान युवती की च्चती छूटे ही उसका लॉडा 2 इंच और फूल गया ऋतु लंड को मूह मे लिए चूस रही थी लंड पर पड़ा असर उसकी छूट मे पानी की नयी लहर लेके आया उसने और जोश से लंड चूसना शुरू किया इधर राज ने तब तक अपने हाथों से ऋतु के चिकान्य और जवान शरीर को सहलाना शुरू किया उसकी भाषा खुल के गंदी होती चली गयी उसे पता था अब ऋतु उससे चुड़े बिना नही लौटेगी और ना ही किसी को बाथ्ेगी की अजय और राज ने उसकी छूट का भेदन किया है
ऋतु- मलिक आआआआअहह आपके हाथों मे जादू है मेरे शरीर मे एक नयी आग का संचार हो रहा है मेरा मान कर रहा है
राज- कैसा मान मेरी जान
ऋतु- की मैं अपनी चोली उतार दूं
राज- आओ ऋतु यह मैं खुद अपने हाथों से तेरी च्चती पकड़ के तेरे जिस्म से चोली उतार देता हूँ
ऋतु- पर मलिक मैने ब्रा नही डाली हुई है
राज- वो तो मेरे कामीने हाथों से तेरी पीठ पर पहली बार मे ही फेर के पता लगा लिया था तू फ़िक्र मत कर आज रत इस हवेली मे हम तीनो के सिवा कोई नही है चिंता मत कर तू न्नगी भी घूमेगी तो कोई नही देख पाएगा और हम दोनो का मस्त माँॉआंजन हो जाएगा
ऋतु- मनोरंजन कैसे
राज- तू देखती जा तेरी छूट को छोड़ के चित्तोड़गर्ह नही बनाया और मलिक ने तेरी चुचियों का सितार नही बजाया तो मेरा नाम बदल डियो
ऋतु- हाए रे इतना ज़्यादा छोड़ोगे
राज- नही रे मेरी जान तू तो घबरा रही है कुच्छ नही होगा सिर्फ़ तुझे मदरजात नंगी करके तेरा नाच देखेंगे और लंड का तनाव तेरी छूट मे लॉडा पेल के दूर करेंगे तू दर मत
ऋतु- तब ठीक है मैं ती सोची की आपकी मालकिन नही है की 7 साल की प्यास मेरे नरम गोस्त से मिटाओगे
राज- नही री उसके लिए तो मैं रंडियों के पास जाता रहता हूँ पर जब कोई तेरे जैसे उँच्छुई काली मिल जाती है तो उसे रत भर छोड़ के अपनी कुच्छ हसरतें पूरी करता हूँ
ऋतु – मलिक लो मेरा जवान चिकना नरम और जवानी के जोश से भरपूर गरम जिस्म आपके सामने परोस दिया है मुझे आप जैसे मर्ज़ी छोड़ो आओ मलिक अपनी सभी हसरतें पूरी करो
राज ने हाथ बढ़के ऋतु की चुचि के उपर चोली कासके पकड़ी और उसे सामने से फाड़ दिया
राज- साली तुझे मदरजात न्नगी करके छोड़ूँगा देखना तू हम दोनो यारों की मस्त रंडी बनेगी पूरी रत के लिए
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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