हिंदी सेक्सी कहानियाँ
महक का जादू--21
इधर सोनू खड़ा हो गया …….
अरे निशा बेटी …. आ गई तू ….
निशा अपने दोनों हाथ उठाकर दौड़ की सोनू के पास गयी …. और उसके गले में बाहे डाल दी ……
पापा …. ओ…… पापा …..
सोनू ने भी उसकी कमर को दोनों हाथोसे पकड़ा और उसे थोडा उपर उठाके अपने सिनेसे लगाया….
मुझे तो ये सब कुछ ….. जैसे सुबह का एक्शन रिप्ले लग रहा था ……..
आह..ह..ह.हाँ…पा…पप्पा…..स्सस्सस्सस…….करते हुए मैंने रिया का हाथ अपने सीने पे दबाया ….
अब सोनू के हाथ … निशा के गांड पे थे … उसने निशा को अपने सीनेसे दबाया …..
सोनू : मेरी प्यारी बच्ची …….. कितने दिनों बाद मिली है ….. अपने पापा को
निशा भी अपनी चुचिया सोनू की छाती पर दबा रही थी …..
निशा: आप भी पापा …. मुझे भूल गए थे ……. कितना याद करती थी मैं आपको
सोनू: नहीं बेटी …. ऐसा नहीं है ….. मैं तो तुम्हे हमेशाही याद करता हु….
निशा ने उसके गाल पे अपने होट रख दिए और बोली …..
तो मिलने क्यों नहीं आते थे …….. कितना मिस किया मैंने अपने पापा को ….
थोड़ी देर ऐसेही चिपकाने के बाद सोनू अपने हाथ ऊपर ले आया …. उसने … निशाकी बगलों में हाथ डालकर उसे थोडा निचे किया … ऐसा करते वक्त वो निशा की चुचियोको साइड से छू रहा था ……..
अब सोनू ने उसे थोडा दूर किया ……. अपनी होटोपे जुबान फेरता हुआ …. बोला …….
अरे व्वा …… हमारी बेटी तो अब काफी बड़ी हो गयी है …..
उसके हाथ अभी भी निशा के बगलों में ही थे ……. बाते करते करते वो उन्हें सहला रहा था
सोनू अब साइड के सोफे पे बैठ गया ……
निशा उसके सामने खड़ी थी …..
निशा : आप भी ना ….पापा…… मैं कहा बड़ी हुई हु ……..मैं वैसे ही हु जैसे पहले थी ……
सोनू : अरे नहीं बेटी ….. जरा मेरी नजरो से देखो ….. अब तो तुम पूरी जवान दिख रही हो ….. और बेहद सुन्दर भी …..
निशा शरमाकर सोनुकी गोद में बैठ गयी ……. और उसके सीने में अपना मुह छुपाते बोली …….
उ….पापा …… क्यों झूटी तारीफ़ करते हो …..
सोनू …. अरे नहीं बेटी …. सच में …… तू बड़ी ही सेक….सेक…..मेरा मतलब है ……..सुन्दर लग रही है
निशा : झूट…… बताओ तो पापा मेरे में क्या चेंज हुआ है …..
सोनू : निशा बेटी …… तू बड़ी ही खूबसूरत लग रही है …..और…..
निशा : और …..
सोनू थोडा रुकरुक के बोला ….. और तेरा बदन भी पहलेसे ……. जादा भर गया है …….
निशा: क्या मतलब …… मेरा वजन जादा लगता है क्या …… लो मैं उठ जाती हु …..
और वो उठने लगी …… तो सोनू ने उसे खीच के फिर अपनी गोदी में बिठाया …….और उसे अपनी बाहो मे भीच कर बोला …..
सोनू: अरे बेटी ….. वैसा नहीं ……. तू तो फूल जैसी हलकी है रे …….. मेरा मतलब था ….. तेरी साइझ बढ़ गयी है ….
निशा : कहासे बढ़ी है पापा …. आप भी ना… कुछ भी बोलते हो ….
सोनू : नहीं बेटा कसम से …….मैं एकदम सच बोल रहा हु …
निशा: तो बताओ …. कहा बढ़ी है मेरी साइझ …..
सोनू अब निशा के टॉप में से उसकी चुचियोकी दरार को घुर रहा था …….
निशा ने और थोडा झुकते हुए पूछा …… बताओ न पापा …….
सोनू थोडा अटक अटककर बोला ….. बेटी तेरी छाती अब काफी बड़ी लगने लगी है ……
निशा ने अपने हाथ अपनी चूचीयोके निचे रख कर उन्हें उपर उठाकर मासूमियत से पूछा ……
निशा : जादा बड़ी हो गयी ……. मतलब ……. ख़राब दिखती है क्या बहोत ….
सोनू : अरे नहीं बेटी ……. बड़ी ही सुन्दर दिख रही है ….. बड़ी ही मनमोहक लग रही है ….
निशा ने सोनू के हाथ अपने स्तनों पर रख दिए ...और शर्मा के सोनू की बगलो में मुह छुपाया ……
सोनू अब धीरे धीरे निशा की छातियो को सहला रहा था …….
निशा: और क्या बदलाव आया है मुझमे …… बताइए न …. पापा….
सोनू : और निशा बेटे ….. तेरा शरीर अब जवानी के महक से महकने लगा है …..तू जब पास बैठती है …. वो महक आती है ….
निशा ने उपर उसकी और देखा …. और फिर अपना हाथ ऊपर उठाकर अपनी बगल को सुंघा ….. और बोली …..
पापा ….. आपको शायद मेरे पसीने की बदबू आ रही है ……..
सोनू : अरे नहीं बेटे ……
निशा : मैं भी कितनी बुद्धू हु ना पापा………. रुकिए मैं नहा के आती हु ……. फिर आपके ये बदबू नहीं आएगी …..
सोनू : निशा बेटे …… ये बदबू नहीं है ….. ये तो नशीली खुशबू है ….
निशा : तो क्या आपको ये पसंद है …..पापा
सोनू: हा बेटी ……. कितने दिनों बाद ऐसी मनमोहक खुशबु आई है …..
निशा अगर ऐसा है …. तो सुन्घिये न पापा …… और निशा ने अपने हाथ ऊपर करके सोनू के गले में डाल दिए
सोनू के हाथ निशा के उरोजो को सहला रहे थे ………..और अब वो निशा की कांख में मुह घुसकर सूंघ रहा था …..
इधर निशा का मुह भी सोनू की कांख के पास ही था …… वो उसी पोजीशन में बोली ……
पापा खुशबू तो आप की भी मस्त आ रही है ……..
सोनू : क्या मेरी बच्ची को …. पसंद आई ?
निशा : हा पापा……
सोनू : तो सोचो मत .बेटी…… जी भरके सूंघो …… ये तुम्हारे लिए ही है …..
निशा : ओह्ह्ह मेरे प्यारे पापा ……. और वो सोनू की कांख सूंघने लगी ….
अब दोनों एक दूसरे को सहला रहे थे ….. सूंघ रहे थे …. सूंघते सूंघते अचानक निशा ने अपने जीभ निकालकर चाटने लगी ….
सोनू: आ….आ….ह….ह...नि…...शाआआ….. और चाटो बेटी ……..
अब निशा चटखारे ले ले कर अपने पापा के अंडर आर्म्स चाट रही थी …. सोंनु भी खुलकर निशा की चुचिया मसल रहा था ….
सोनू: बेटी निशा …. तुम मेरी खुली बगल चाट रही हो ….. लेकिन मैं क्या करू …… तुम्हरी बगल के दर्शन भी नहीं हुए अभी तक ……….
निशा : तो कारलो ना… पापा…. आपको किसने रोका है ………
सोनू: तो क्या मैं ये तुम्हारा टॉप उतर दू …… इतनी प्यारी चीज छुपाके रखी इसने …..
निशा : उतरोना पापा…… इसमें पूछना कैसा …… आपका पूरा हक़ है ….
ये सुनने के बाद सोनू ने निशा की टॉप उतार दिया ……
जैसे ही उसने टॉप उतरा ….. वो मुह फाड़ के निशा की कलि ब्रा में लिपटी मस्त चुचियो को देखने लगा ….
निशा शर्मा के बोली …… प्लीज ….पापा ….ऐसे मत देखो ना…... मुझे बड़ी शर्म आती है ……
और वो फिर सोनू से लिपट गयी …..
थोड़ी देर दोनों एकदूसरे को मस्त चूसते रहे………
निशा : पापा …. आपने मेरा टॉप निकल दिया …… अब आप भी तो अपनी इस बनियान को उतारो ……
सोनू : बेटी ….. देख हमारा कपड़ो का हिसाब बराबर है…..……. मैंने भी अभी तिन कपडे पहेने है और तूने भी ………
निशा : लेकिन पापा…… प्लीज उतारो न बनियान ……. मुझे आपकी खुशबू को खुल के महसूस करना है पापा ….
सोनू: तो ठीक है बेटी…. मैं उतरता हु अपनी बनियान को ……. लेकिन फिर ….. अपना हिसाब भी बराबर का होना चाहिए…..
निशा: याने ?
सोनू निशा के ब्रा के साथ खेलते हुए बोला …..
फिर तो मेरी बेटी की ये ब्रा निकालनी पड़ेगी ………. याने हिसाब बराबर रहेगा …..
निशा : पापा….. आप भी ना…… फिर थोडा शर्मा कर बोली …… अच्छा चलो उतर….लो
सोनू ने झट से निशा की ब्रा का हुक खोला ….. और आहिस्ता आहिस्ता ब्रा के कप ….. दूर करने लगा ….
सोनू: हाय…… बेटी कितनी सुन्दर है तेरी ये चुचिया ……. और उसने निशा के निप्पलस चुटकी में पकड़कर मसल दिया ….
निशा: स्स्स्सस्स्स्स आ…..आ….ह…. पा…….पा …..आ…..आ ह्ह्ह्ह.
सोनू ने बेदर्दी से उसके निप्पल को उमेठा …..
निशा : उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न्…हई…आह…ह्हा…यउह्…आ…आह्…यह…म्…ररर…ग्…यी…
कुछ देर सोनू निशा की चुचियोसे युही खेलता रहा …. और निशा सिसियाती रही ….
निशा: पापा …… आप चीटिंग कर रहे हो …….
सोनू: कैसी चीटिंग ….. बेटी ….. क्या किया है मैंने
निशा : आपने अपनी बनियान तो उतारी नहीं …….
सोनू: देखो बेटी …. मैंने अपने हाथोसे तुम्हारी ब्रा खोली है ना ….. तो अब तुम भी अपने इन प्यारे हाथोसे ….. प्यारे पापा की बनियान उतारो …..
निशा : ठीक है पापा …….. और उसने सोनू की बनियान उतार दी ……
दोनों की नंगी छतिया एक दुसरे में समां गयी …… निशा के निप्पलस एकदम कठोर हो गए थे ……
अचानक सोनू ने उठकर निशा को उठाया … और सेंटर वाले बड़े सोफे पे लिटाया …… उसके स्तनों को सहलाते बोला …..
बेटी ….. तेरे चुचे बड़ी मस्त हो गए है ….. एक बार इनको चूमना चाहता हु ……..
निशा: तो चूमिये न पापा …….इसमें पूछने वाली क्या बात है …..
फिर सोनू ने अपने होट निशा के अमृतकलशो पर लगाये ….. पहले कुछ देर उसने सिर्फ चूमा ……
फिर निप्पल को मुह में भर के चूसने लगा ……
निशा : स्स्सस्स्स्सस्स्स पा .उई....प.आ...पा.…उ.उ.उ...आह…
सोनू ने अपनि स्पीड बढ़ा दी …… बिच में ही उसने निशाके चुचे मुह में भरके …. हलकासा काटा …..
निशा : प…..प्पा.उई...प लीज…काटिए… मत ….आ.उ…उ.उफ.उ.उ...न्हई…दर्द्…हो…ओ…ता है
दस पंद्रह मिनट तक सोनू ने निशाके स्तनों का मर्दन किया ……. और उसने धीरे से पूछा …..
कैसा लगा मेरी रानी बिटिया ?
निशा शर्मा के चिपक गयी ….. ओह …. पापा…….
सोनू : चलो निशा बेटी ….. अब पापा को एक किस्सी दो ……
निशा ने थोडासा उठकर सोनुके गलोपर एक किस किया …… और फिर मुह छुपाकर लेट गयी …
सोनू: अरे ये क्या …… मैंने तो समझा की मेरी बेटी बड़ी हो गयी है …….. लेकिन तुम तो अभी बच्ची हो …
निशा : पापा ….. अभी तो आपने बोला था की मैं जवान हो गयी…..
सोनू: हा लेकिन तुम किस्सी तो बच्चो वाली ही कर रही हो न …….. जवान लोग ऐसे किस नहीं करते ….
निशा : तो कैसे करते है ….. पापा ….
सोनू: तुम सीखना चाहती हो क्या बेटी…..
निशा: हा … पापा … सिखाओना …….
सोनू: ओके तो … शर्मना छोडो …. और उठ के बैठो …….
निशा उठ के बैठी …….
सोनू ने उसे बताया “ध्यान से देखो …… पहले मैं करके दिखता हु ….. तुम सिर्फ अपने आप की ढीला छोड़ दो …
निशा ने हामी भरी ….. सोनू ने अपने हतेलियोमे निशाका चेहरा पकड़ा …….. उसकी तरफ प्यारसे देखते हुए ...उसके नर्म मुलायम होटो पर अपने होट रख दिए ……….. और धीरे धीरे चुसने लगा …….
सोनू : ऐसा करते है …… समझ गयी … बेटी
निशा ने हा में मुंडी हिलाई ….
सोनू: चलो …. बेटी अब तुम करके दिखाओ ……..
फिर निशा ने सोनू का लिप किस किया …
फिर सोनू ने निशा को जीभ चुसना …. फ्रेंच किस आदि सिखाया और उसकी प्रक्टिस भी की …
किसिंग सेशन के बाद ……
सोनू बोला …….. बेटी तुम जितनी जवान उपरसे हुई हो ….. क्या निचे से भी उतनी ही जवान हो …
निशा : क्या मतलब पापा ….
सोनू ने उसे करीब बुलाया ….. और खड़ा किया ….
सोनू: “ बेटी तुम्हारी ये स्कर्ट उतारो ना….. तुम निचे से कितनी जववन हुई हो ये जानना है …..
निशा: नहीं पापा….इस बार नो ...चीटिंग …… पहले आप अपनी पॅन्ट उतारो …… फिर मेरा स्कर्ट उतरना ….
सोनू ने हसके अपनी पॅन्ट उतारी ….. अब वो सिर्फ अंडरपॅन्ट में था ….
निशा मुह फाड़े उसके अंडरपॅन्ट में बने तम्बू को देख रही थी …...
सोनू: लो बेटी …. उतर दी मैंने …. अब तुम उतारो ….अपना ये स्कर्ट ….
निशा भाग कर उससे चिपक गयी…… बोली “ पापा….. मुझे शर्म आती है …. आप ही उतरलो ना ….
सोंनु ने उसे अपने आप से चिपकाये हुए रखा और अपने हातोसे उसकी स्कर्ट खीच खीच के निकल दी …. अब ….. निशा सिर्फ काली पॅन्टी पहने खड़ी थी ……. सोनू उसके गोल गोल घूम के उसकी जवानी का जायजा ले रहा था …..
उफ्फ्फ …….. स्स्स्सस्स्स्स … अभितक के नाटक ने तो हम तीनो की चुतसे रस की नदिया बह रही थी …….
लग रहा था…. की नाटक ख़म होते होते वहा बाढ़ आएगी ….. खैर आगे देखते है ….
निशा:पापा ऐसे क्या देख रहे हो…….. मुझे बहुत शरम आ रही है ना ….. प्लीईईज ऐसे मत देखो ना …..
और उसने अपने हतोसे मुह अपना ढका …..
सोनू: आर वाह ….. हमारी निशा रानी का जिस्म तो बड़ा ही जानदार , शानदार दिख रहा है …..
निशा : ओह्ह्ह्हह पापा ……..
सोनू उसके सामने खड़ा हुआ ..और उसने निशाकी कमर को जकड़ लिया …… उसके नितंबो पे हात फेरते हुए बोला ……. कितनी मुलायम है रे मेरी बेटी …. हाय में मर जावा ……. और उसने निशाकी गांड पे हलकी चपत मारी और एक चिकोटी भी काटी ….
निशा: आ ...उ ...च .. क्या करते हो पापा …..
सोनू ने निशा के हाथ चहरे से हटाये …….. उसे बोला “ मेरी जान ….. इतना मत शरमाओ ...रानी …..”
निशा : पापा… आप ऐसा क्यों बोला रहे हो …… मैं बेटी हु आपकी ….
सोनू : हा बेटी …..तू तो मेरी रानी बिटिया है…. मेरी जान है … मेरे जिगर का टुकड़ा है …. ऐसा बोलते हुए वो निशाके निप्पलस के साथ खेल रहा था …….
निशा : ई...स्स्स्स. पापा …….
अब सोनु निशाको चूमने लगा …… पहले उसने निशा का माथा चूमा …. फिर होट……. फिर उसकी नाजुक चीन …… फिर थोडा और निचे …. निशा की चुचिया ……
जैसेही उसका मुह चुचियो पे आया…. निशा सिहर उठी ….
निशा : स्स्स्सस्स्स्स पा….पा……..आ….आ…..ह…….
थोड़ी देर निशाके निप्पलस मुह में चुभलाने के बाद सोंनु और थोडा निचे गया …...निशा के पेट पर …
उसकी नेव्हल में जीभ डाल कर चूसने लगा …..
निशा …. हय्य्यय्य…….प्…...पा……… निशाने सोनू के बालो को कस के पकडा
सोनू और निचे आया उसने निशा की काली पॅन्टी के उपरसे उसकी चूत पर आपने होट रख्खे …..
निशा : आह..ह..ह.हाँ…पा…पप्पा… स्सस्सस
सोनू : हाय लगत है ……. मेरी बेटी तो बहोत जादा गर्म हो गयी है …..
निशा : कहा पापा …..
सोनू: बेटी तेरी पॅन्टी तो आगे से कितनी गीली हो गयी …. देखो … ऐसा बोलकर उसने निशा की पॅन्टी की उपरसे उसकी चूत दबाई ……… उसके हाथ निशा के काम रस से भर गए थे ……
उसने निशा को दिखाया देख बेटी …… कितना पानी छोड़ा है तूने ……..
निशा सिर्फ शरमाकर मुस्कुराई……
सोनू चलो बेटी ये पानी कहासे आ रहा ...ये देखते है
निशा : नहीं पापा ….. अब फिर चीटिंग नहीं ……….
सोनू : कैसी चीटिंग बेटा……
निशा :पहले आप … अपने अंडरपॅन्ट उतरिये न ….
सोनू उठके खड़ा होगया….. बोला …….
सोनू : बेटा … देखो तुम्हरी स्कर्ट मैंने उतारी थी न ……. अब इसे उतरने के बारी तुम्हारी है ….
निशा : पापा …… मुझे शर्म आती है …. आप ही उतारो न …….
सोनू : हाय मेरी शर्मीली गुडिया ……… ये तो मैं नहीं करूँगा ….. अगर तू उतारेंगी तो ठीक … नहीं तो रहने दे … मै तेरी पॅन्टी उतर लेता हु बेटी ……
निशा डरने की एक्टिंग करके बोली ….. नहीं …. मैं उतारती हु……..
और वो खड़े खड़े सोनु की अंडरपॅन्ट की इलास्टिक में हाथ डाल कर उसे उतरने लगी …..
अंडरपॅन्ट थोड़ी निचे आने पर … सोनू ने उसके कंधो को दबाकर उसे अपने सामने घुटनों पर बिठाया … और बोला ……..
सोनू : बेटी …. अब एक झटके में पूरा निचे करो इसे …..
निशा ने वैसे ही किया ………………..
जैसेही सोनू की अंडरपॅन्ट निचे हुई … सोनू का ७ इंच से बड़ा फनफनाता लंड निशा के मुह के सामने आ गया
निशा मंत्रमुग्ध सी बड़ी बड़ी आंखो से उस अजगर को देख रही थी ……..
सोनू: कैसा लगा ये ….. निशा रानी ……..
निशा : पापा ….. ये क्या है …….
सोनू: जानू …. ये वो खिलौना है जिससे सिर्फ जवान लडकिया खेलती है ……. इसे लंड कहते है रानी …
निशा : पापा … लडकिया इससे कैसे खेलती है
सोनू : क्या तुम इस से खेलोंगी ….
निशा : हा पापा …...आप बताओ न कैसे खेलते है …
सोनू : तो ठीक है ….. पहले इसे अपने हाथोसे पकड़ो …… अरे डरो नहीं ...बेटी … ये काटता नहीं …..
निशाने उसे अपनी हथोमे पकड़ा …
सोनू: अब इसे सहलाओ ….. आरामसे …. हा…...ह…..आ….ह… अब इसे आगे पीछे करो ……..
हा बेटी ऐसे ही ……..
थोड़ी देर बाद ही सोनू बोला …… चलो बिटिया अब इसे प्यार करो ……..
निशा : कैसे पापा ……
सोनू : अरे पगली इसे अपने मुह में लेकर ……. लोलिपोप के जैसे चुसो ……
निशा ने अपना मुह खोलकर उसे अपने मुह में लिया ……. और चूसने लगी …. थोड़ी देर में सोनू बेकाबू हुआ ….. उसने निशा के बाल कस के पकडे और वो जोर जोर के धक्के मारके निशा का मुह चोदने लगा
सोनू : ले बेटा……. झडा दे अपने पापा को ……. आ…… आ... बड़ा तरसाया है रे तूने अपने पापा को …..
अब ले मेरा लंड ………..
सोनुके धक्को की स्पीड बढ़ गयी …
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इधर सोनू खड़ा हो गया …….
अरे निशा बेटी …. आ गई तू ….
निशा अपने दोनों हाथ उठाकर दौड़ की सोनू के पास गयी …. और उसके गले में बाहे डाल दी ……
पापा …. ओ…… पापा …..
सोनू ने भी उसकी कमर को दोनों हाथोसे पकड़ा और उसे थोडा उपर उठाके अपने सिनेसे लगाया….
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आह..ह..ह.हाँ…पा…पप्पा…..स्सस्सस्सस…….करते हुए मैंने रिया का हाथ अपने सीने पे दबाया ….
अब सोनू के हाथ … निशा के गांड पे थे … उसने निशा को अपने सीनेसे दबाया …..
सोनू : मेरी प्यारी बच्ची …….. कितने दिनों बाद मिली है ….. अपने पापा को
निशा भी अपनी चुचिया सोनू की छाती पर दबा रही थी …..
निशा: आप भी पापा …. मुझे भूल गए थे ……. कितना याद करती थी मैं आपको
सोनू: नहीं बेटी …. ऐसा नहीं है ….. मैं तो तुम्हे हमेशाही याद करता हु….
निशा ने उसके गाल पे अपने होट रख दिए और बोली …..
तो मिलने क्यों नहीं आते थे …….. कितना मिस किया मैंने अपने पापा को ….
थोड़ी देर ऐसेही चिपकाने के बाद सोनू अपने हाथ ऊपर ले आया …. उसने … निशाकी बगलों में हाथ डालकर उसे थोडा निचे किया … ऐसा करते वक्त वो निशा की चुचियोको साइड से छू रहा था ……..
अब सोनू ने उसे थोडा दूर किया ……. अपनी होटोपे जुबान फेरता हुआ …. बोला …….
अरे व्वा …… हमारी बेटी तो अब काफी बड़ी हो गयी है …..
उसके हाथ अभी भी निशा के बगलों में ही थे ……. बाते करते करते वो उन्हें सहला रहा था
सोनू अब साइड के सोफे पे बैठ गया ……
निशा उसके सामने खड़ी थी …..
निशा : आप भी ना ….पापा…… मैं कहा बड़ी हुई हु ……..मैं वैसे ही हु जैसे पहले थी ……
सोनू : अरे नहीं बेटी ….. जरा मेरी नजरो से देखो ….. अब तो तुम पूरी जवान दिख रही हो ….. और बेहद सुन्दर भी …..
निशा शरमाकर सोनुकी गोद में बैठ गयी ……. और उसके सीने में अपना मुह छुपाते बोली …….
उ….पापा …… क्यों झूटी तारीफ़ करते हो …..
सोनू …. अरे नहीं बेटी …. सच में …… तू बड़ी ही सेक….सेक…..मेरा मतलब है ……..सुन्दर लग रही है
निशा : झूट…… बताओ तो पापा मेरे में क्या चेंज हुआ है …..
सोनू : निशा बेटी …… तू बड़ी ही खूबसूरत लग रही है …..और…..
निशा : और …..
सोनू थोडा रुकरुक के बोला ….. और तेरा बदन भी पहलेसे ……. जादा भर गया है …….
निशा: क्या मतलब …… मेरा वजन जादा लगता है क्या …… लो मैं उठ जाती हु …..
और वो उठने लगी …… तो सोनू ने उसे खीच के फिर अपनी गोदी में बिठाया …….और उसे अपनी बाहो मे भीच कर बोला …..
सोनू: अरे बेटी ….. वैसा नहीं ……. तू तो फूल जैसी हलकी है रे …….. मेरा मतलब था ….. तेरी साइझ बढ़ गयी है ….
निशा : कहासे बढ़ी है पापा …. आप भी ना… कुछ भी बोलते हो ….
सोनू : नहीं बेटा कसम से …….मैं एकदम सच बोल रहा हु …
निशा: तो बताओ …. कहा बढ़ी है मेरी साइझ …..
सोनू अब निशा के टॉप में से उसकी चुचियोकी दरार को घुर रहा था …….
निशा ने और थोडा झुकते हुए पूछा …… बताओ न पापा …….
सोनू थोडा अटक अटककर बोला ….. बेटी तेरी छाती अब काफी बड़ी लगने लगी है ……
निशा ने अपने हाथ अपनी चूचीयोके निचे रख कर उन्हें उपर उठाकर मासूमियत से पूछा ……
निशा : जादा बड़ी हो गयी ……. मतलब ……. ख़राब दिखती है क्या बहोत ….
सोनू : अरे नहीं बेटी ……. बड़ी ही सुन्दर दिख रही है ….. बड़ी ही मनमोहक लग रही है ….
निशा ने सोनू के हाथ अपने स्तनों पर रख दिए ...और शर्मा के सोनू की बगलो में मुह छुपाया ……
सोनू अब धीरे धीरे निशा की छातियो को सहला रहा था …….
निशा: और क्या बदलाव आया है मुझमे …… बताइए न …. पापा….
सोनू : और निशा बेटे ….. तेरा शरीर अब जवानी के महक से महकने लगा है …..तू जब पास बैठती है …. वो महक आती है ….
निशा ने उपर उसकी और देखा …. और फिर अपना हाथ ऊपर उठाकर अपनी बगल को सुंघा ….. और बोली …..
पापा ….. आपको शायद मेरे पसीने की बदबू आ रही है ……..
सोनू : अरे नहीं बेटे ……
निशा : मैं भी कितनी बुद्धू हु ना पापा………. रुकिए मैं नहा के आती हु ……. फिर आपके ये बदबू नहीं आएगी …..
सोनू : निशा बेटे …… ये बदबू नहीं है ….. ये तो नशीली खुशबू है ….
निशा : तो क्या आपको ये पसंद है …..पापा
सोनू: हा बेटी ……. कितने दिनों बाद ऐसी मनमोहक खुशबु आई है …..
निशा अगर ऐसा है …. तो सुन्घिये न पापा …… और निशा ने अपने हाथ ऊपर करके सोनू के गले में डाल दिए
सोनू के हाथ निशा के उरोजो को सहला रहे थे ………..और अब वो निशा की कांख में मुह घुसकर सूंघ रहा था …..
इधर निशा का मुह भी सोनू की कांख के पास ही था …… वो उसी पोजीशन में बोली ……
पापा खुशबू तो आप की भी मस्त आ रही है ……..
सोनू : क्या मेरी बच्ची को …. पसंद आई ?
निशा : हा पापा……
सोनू : तो सोचो मत .बेटी…… जी भरके सूंघो …… ये तुम्हारे लिए ही है …..
निशा : ओह्ह्ह मेरे प्यारे पापा ……. और वो सोनू की कांख सूंघने लगी ….
अब दोनों एक दूसरे को सहला रहे थे ….. सूंघ रहे थे …. सूंघते सूंघते अचानक निशा ने अपने जीभ निकालकर चाटने लगी ….
सोनू: आ….आ….ह….ह...नि…...शाआआ….. और चाटो बेटी ……..
अब निशा चटखारे ले ले कर अपने पापा के अंडर आर्म्स चाट रही थी …. सोंनु भी खुलकर निशा की चुचिया मसल रहा था ….
सोनू: बेटी निशा …. तुम मेरी खुली बगल चाट रही हो ….. लेकिन मैं क्या करू …… तुम्हरी बगल के दर्शन भी नहीं हुए अभी तक ……….
निशा : तो कारलो ना… पापा…. आपको किसने रोका है ………
सोनू: तो क्या मैं ये तुम्हारा टॉप उतर दू …… इतनी प्यारी चीज छुपाके रखी इसने …..
निशा : उतरोना पापा…… इसमें पूछना कैसा …… आपका पूरा हक़ है ….
ये सुनने के बाद सोनू ने निशा की टॉप उतार दिया ……
जैसे ही उसने टॉप उतरा ….. वो मुह फाड़ के निशा की कलि ब्रा में लिपटी मस्त चुचियो को देखने लगा ….
निशा शर्मा के बोली …… प्लीज ….पापा ….ऐसे मत देखो ना…... मुझे बड़ी शर्म आती है ……
और वो फिर सोनू से लिपट गयी …..
थोड़ी देर दोनों एकदूसरे को मस्त चूसते रहे………
निशा : पापा …. आपने मेरा टॉप निकल दिया …… अब आप भी तो अपनी इस बनियान को उतारो ……
सोनू : बेटी ….. देख हमारा कपड़ो का हिसाब बराबर है…..……. मैंने भी अभी तिन कपडे पहेने है और तूने भी ………
निशा : लेकिन पापा…… प्लीज उतारो न बनियान ……. मुझे आपकी खुशबू को खुल के महसूस करना है पापा ….
सोनू: तो ठीक है बेटी…. मैं उतरता हु अपनी बनियान को ……. लेकिन फिर ….. अपना हिसाब भी बराबर का होना चाहिए…..
निशा: याने ?
सोनू निशा के ब्रा के साथ खेलते हुए बोला …..
फिर तो मेरी बेटी की ये ब्रा निकालनी पड़ेगी ………. याने हिसाब बराबर रहेगा …..
निशा : पापा….. आप भी ना…… फिर थोडा शर्मा कर बोली …… अच्छा चलो उतर….लो
सोनू ने झट से निशा की ब्रा का हुक खोला ….. और आहिस्ता आहिस्ता ब्रा के कप ….. दूर करने लगा ….
सोनू: हाय…… बेटी कितनी सुन्दर है तेरी ये चुचिया ……. और उसने निशा के निप्पलस चुटकी में पकड़कर मसल दिया ….
निशा: स्स्स्सस्स्स्स आ…..आ….ह…. पा…….पा …..आ…..आ ह्ह्ह्ह.
सोनू ने बेदर्दी से उसके निप्पल को उमेठा …..
निशा : उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न्…हई…आह…ह्हा…यउह्…आ…आह्…यह…म्…ररर…ग्…यी…
कुछ देर सोनू निशा की चुचियोसे युही खेलता रहा …. और निशा सिसियाती रही ….
निशा: पापा …… आप चीटिंग कर रहे हो …….
सोनू: कैसी चीटिंग ….. बेटी ….. क्या किया है मैंने
निशा : आपने अपनी बनियान तो उतारी नहीं …….
सोनू: देखो बेटी …. मैंने अपने हाथोसे तुम्हारी ब्रा खोली है ना ….. तो अब तुम भी अपने इन प्यारे हाथोसे ….. प्यारे पापा की बनियान उतारो …..
निशा : ठीक है पापा …….. और उसने सोनू की बनियान उतार दी ……
दोनों की नंगी छतिया एक दुसरे में समां गयी …… निशा के निप्पलस एकदम कठोर हो गए थे ……
अचानक सोनू ने उठकर निशा को उठाया … और सेंटर वाले बड़े सोफे पे लिटाया …… उसके स्तनों को सहलाते बोला …..
बेटी ….. तेरे चुचे बड़ी मस्त हो गए है ….. एक बार इनको चूमना चाहता हु ……..
निशा: तो चूमिये न पापा …….इसमें पूछने वाली क्या बात है …..
फिर सोनू ने अपने होट निशा के अमृतकलशो पर लगाये ….. पहले कुछ देर उसने सिर्फ चूमा ……
फिर निप्पल को मुह में भर के चूसने लगा ……
निशा : स्स्सस्स्स्सस्स्स पा .उई....प.आ...पा.…उ.उ.उ...आह…
सोनू ने अपनि स्पीड बढ़ा दी …… बिच में ही उसने निशाके चुचे मुह में भरके …. हलकासा काटा …..
निशा : प…..प्पा.उई...प लीज…काटिए… मत ….आ.उ…उ.उफ.उ.उ...न्हई…दर्द्…हो…ओ…ता है
दस पंद्रह मिनट तक सोनू ने निशाके स्तनों का मर्दन किया ……. और उसने धीरे से पूछा …..
कैसा लगा मेरी रानी बिटिया ?
निशा शर्मा के चिपक गयी ….. ओह …. पापा…….
सोनू : चलो निशा बेटी ….. अब पापा को एक किस्सी दो ……
निशा ने थोडासा उठकर सोनुके गलोपर एक किस किया …… और फिर मुह छुपाकर लेट गयी …
सोनू: अरे ये क्या …… मैंने तो समझा की मेरी बेटी बड़ी हो गयी है …….. लेकिन तुम तो अभी बच्ची हो …
निशा : पापा ….. अभी तो आपने बोला था की मैं जवान हो गयी…..
सोनू: हा लेकिन तुम किस्सी तो बच्चो वाली ही कर रही हो न …….. जवान लोग ऐसे किस नहीं करते ….
निशा : तो कैसे करते है ….. पापा ….
सोनू: तुम सीखना चाहती हो क्या बेटी…..
निशा: हा … पापा … सिखाओना …….
सोनू: ओके तो … शर्मना छोडो …. और उठ के बैठो …….
निशा उठ के बैठी …….
सोनू ने उसे बताया “ध्यान से देखो …… पहले मैं करके दिखता हु ….. तुम सिर्फ अपने आप की ढीला छोड़ दो …
निशा ने हामी भरी ….. सोनू ने अपने हतेलियोमे निशाका चेहरा पकड़ा …….. उसकी तरफ प्यारसे देखते हुए ...उसके नर्म मुलायम होटो पर अपने होट रख दिए ……….. और धीरे धीरे चुसने लगा …….
सोनू : ऐसा करते है …… समझ गयी … बेटी
निशा ने हा में मुंडी हिलाई ….
सोनू: चलो …. बेटी अब तुम करके दिखाओ ……..
फिर निशा ने सोनू का लिप किस किया …
फिर सोनू ने निशा को जीभ चुसना …. फ्रेंच किस आदि सिखाया और उसकी प्रक्टिस भी की …
किसिंग सेशन के बाद ……
सोनू बोला …….. बेटी तुम जितनी जवान उपरसे हुई हो ….. क्या निचे से भी उतनी ही जवान हो …
निशा : क्या मतलब पापा ….
सोनू ने उसे करीब बुलाया ….. और खड़ा किया ….
सोनू: “ बेटी तुम्हारी ये स्कर्ट उतारो ना….. तुम निचे से कितनी जववन हुई हो ये जानना है …..
निशा: नहीं पापा….इस बार नो ...चीटिंग …… पहले आप अपनी पॅन्ट उतारो …… फिर मेरा स्कर्ट उतरना ….
सोनू ने हसके अपनी पॅन्ट उतारी ….. अब वो सिर्फ अंडरपॅन्ट में था ….
निशा मुह फाड़े उसके अंडरपॅन्ट में बने तम्बू को देख रही थी …...
सोनू: लो बेटी …. उतर दी मैंने …. अब तुम उतारो ….अपना ये स्कर्ट ….
निशा भाग कर उससे चिपक गयी…… बोली “ पापा….. मुझे शर्म आती है …. आप ही उतरलो ना ….
सोंनु ने उसे अपने आप से चिपकाये हुए रखा और अपने हातोसे उसकी स्कर्ट खीच खीच के निकल दी …. अब ….. निशा सिर्फ काली पॅन्टी पहने खड़ी थी ……. सोनू उसके गोल गोल घूम के उसकी जवानी का जायजा ले रहा था …..
उफ्फ्फ …….. स्स्स्सस्स्स्स … अभितक के नाटक ने तो हम तीनो की चुतसे रस की नदिया बह रही थी …….
लग रहा था…. की नाटक ख़म होते होते वहा बाढ़ आएगी ….. खैर आगे देखते है ….
निशा:पापा ऐसे क्या देख रहे हो…….. मुझे बहुत शरम आ रही है ना ….. प्लीईईज ऐसे मत देखो ना …..
और उसने अपने हतोसे मुह अपना ढका …..
सोनू: आर वाह ….. हमारी निशा रानी का जिस्म तो बड़ा ही जानदार , शानदार दिख रहा है …..
निशा : ओह्ह्ह्हह पापा ……..
सोनू उसके सामने खड़ा हुआ ..और उसने निशाकी कमर को जकड़ लिया …… उसके नितंबो पे हात फेरते हुए बोला ……. कितनी मुलायम है रे मेरी बेटी …. हाय में मर जावा ……. और उसने निशाकी गांड पे हलकी चपत मारी और एक चिकोटी भी काटी ….
निशा: आ ...उ ...च .. क्या करते हो पापा …..
सोनू ने निशा के हाथ चहरे से हटाये …….. उसे बोला “ मेरी जान ….. इतना मत शरमाओ ...रानी …..”
निशा : पापा… आप ऐसा क्यों बोला रहे हो …… मैं बेटी हु आपकी ….
सोनू : हा बेटी …..तू तो मेरी रानी बिटिया है…. मेरी जान है … मेरे जिगर का टुकड़ा है …. ऐसा बोलते हुए वो निशाके निप्पलस के साथ खेल रहा था …….
निशा : ई...स्स्स्स. पापा …….
अब सोनु निशाको चूमने लगा …… पहले उसने निशा का माथा चूमा …. फिर होट……. फिर उसकी नाजुक चीन …… फिर थोडा और निचे …. निशा की चुचिया ……
जैसेही उसका मुह चुचियो पे आया…. निशा सिहर उठी ….
निशा : स्स्स्सस्स्स्स पा….पा……..आ….आ…..ह…….
थोड़ी देर निशाके निप्पलस मुह में चुभलाने के बाद सोंनु और थोडा निचे गया …...निशा के पेट पर …
उसकी नेव्हल में जीभ डाल कर चूसने लगा …..
निशा …. हय्य्यय्य…….प्…...पा……… निशाने सोनू के बालो को कस के पकडा
सोनू और निचे आया उसने निशा की काली पॅन्टी के उपरसे उसकी चूत पर आपने होट रख्खे …..
निशा : आह..ह..ह.हाँ…पा…पप्पा… स्सस्सस
सोनू : हाय लगत है ……. मेरी बेटी तो बहोत जादा गर्म हो गयी है …..
निशा : कहा पापा …..
सोनू: बेटी तेरी पॅन्टी तो आगे से कितनी गीली हो गयी …. देखो … ऐसा बोलकर उसने निशा की पॅन्टी की उपरसे उसकी चूत दबाई ……… उसके हाथ निशा के काम रस से भर गए थे ……
उसने निशा को दिखाया देख बेटी …… कितना पानी छोड़ा है तूने ……..
निशा सिर्फ शरमाकर मुस्कुराई……
सोनू चलो बेटी ये पानी कहासे आ रहा ...ये देखते है
निशा : नहीं पापा ….. अब फिर चीटिंग नहीं ……….
सोनू : कैसी चीटिंग बेटा……
निशा :पहले आप … अपने अंडरपॅन्ट उतरिये न ….
सोनू उठके खड़ा होगया….. बोला …….
सोनू : बेटा … देखो तुम्हरी स्कर्ट मैंने उतारी थी न ……. अब इसे उतरने के बारी तुम्हारी है ….
निशा : पापा …… मुझे शर्म आती है …. आप ही उतारो न …….
सोनू : हाय मेरी शर्मीली गुडिया ……… ये तो मैं नहीं करूँगा ….. अगर तू उतारेंगी तो ठीक … नहीं तो रहने दे … मै तेरी पॅन्टी उतर लेता हु बेटी ……
निशा डरने की एक्टिंग करके बोली ….. नहीं …. मैं उतारती हु……..
और वो खड़े खड़े सोनु की अंडरपॅन्ट की इलास्टिक में हाथ डाल कर उसे उतरने लगी …..
अंडरपॅन्ट थोड़ी निचे आने पर … सोनू ने उसके कंधो को दबाकर उसे अपने सामने घुटनों पर बिठाया … और बोला ……..
सोनू : बेटी …. अब एक झटके में पूरा निचे करो इसे …..
निशा ने वैसे ही किया ………………..
जैसेही सोनू की अंडरपॅन्ट निचे हुई … सोनू का ७ इंच से बड़ा फनफनाता लंड निशा के मुह के सामने आ गया
निशा मंत्रमुग्ध सी बड़ी बड़ी आंखो से उस अजगर को देख रही थी ……..
सोनू: कैसा लगा ये ….. निशा रानी ……..
निशा : पापा ….. ये क्या है …….
सोनू: जानू …. ये वो खिलौना है जिससे सिर्फ जवान लडकिया खेलती है ……. इसे लंड कहते है रानी …
निशा : पापा … लडकिया इससे कैसे खेलती है
सोनू : क्या तुम इस से खेलोंगी ….
निशा : हा पापा …...आप बताओ न कैसे खेलते है …
सोनू : तो ठीक है ….. पहले इसे अपने हाथोसे पकड़ो …… अरे डरो नहीं ...बेटी … ये काटता नहीं …..
निशाने उसे अपनी हथोमे पकड़ा …
सोनू: अब इसे सहलाओ ….. आरामसे …. हा…...ह…..आ….ह… अब इसे आगे पीछे करो ……..
हा बेटी ऐसे ही ……..
थोड़ी देर बाद ही सोनू बोला …… चलो बिटिया अब इसे प्यार करो ……..
निशा : कैसे पापा ……
सोनू : अरे पगली इसे अपने मुह में लेकर ……. लोलिपोप के जैसे चुसो ……
निशा ने अपना मुह खोलकर उसे अपने मुह में लिया ……. और चूसने लगी …. थोड़ी देर में सोनू बेकाबू हुआ ….. उसने निशा के बाल कस के पकडे और वो जोर जोर के धक्के मारके निशा का मुह चोदने लगा
सोनू : ले बेटा……. झडा दे अपने पापा को ……. आ…… आ... बड़ा तरसाया है रे तूने अपने पापा को …..
अब ले मेरा लंड ………..
सोनुके धक्को की स्पीड बढ़ गयी …
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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