Monday, May 19, 2014

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--3

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--3

 काव्या कि चूत के अंदर भी अब खुजली होने लगी थी, पहले तो उसने अपनी माँ को समीर सर यानि समीर पापा से चुदते हुए देखा, और फिर अपनी सहेली कि निराली चूत देखि और अब फिर से अपनी माँ कि उन्माद में डूबी आवाजें सुनकर उसके अंदर भी कुछ होने लगा था, उसे लगने लगा कि उसके अलावा आस पास के सभी लोग मजे ले रहे हैं, जब सभी मजे ले रहे हैं तो वो अपने आप को क्यों रोक रही है.

इतना सोचते ही उसकी आँखों में गुलाबी डोरे उतर आये, उसके लाल सुर्ख होंठ काम्पने लगे और उसका छोटा सा हाथ लहराकर अपनी चूत कि तरफ चल पड़ा..

वो सोच रही थी कि अभी एक मिनट पहले वो श्वेता को भाषण दे रही थी और अब खुद पर काबू नहीं रख पा रही है.

उसकी परेशानी भांप कर मुठ मारती हुई श्वेता बोली : "अब क्या सोचने लग गयी, मत रोक अपने आप को, यही टाइम है हमारी जिंदगी का, जी ले इसे , मजे ले, जैसे मैं ले रही हु, तेरी माँ ले रही है ''.

इसी के साथ एक और चीख आयी मम्मी के कमरे से.

श्वेता : "वैसे एक बात बोलू, तेरे पापा का लंड है शानदार, जैसा बी ऍफ़ मूवीज में होता है, लम्बा और मोटा , मैं तो बस उसी को सोचकर कर रही हु ,आजा तू भी कर ले ''.

श्वेता कि भी हद थी, काव्या के सामने ही उसके नए पापा के लंड के बारे में बात कर रही थी और उसे भी सोचने और करने कि सलाह दे रही थी.

कितना गलत कर रही थी वो.

पर इसमें गलत ही क्या है..

वो उसके असली पापा थोड़े ही हैं, वो तो उसका सौतेला बाप है , एक ऐसा इंसान जिसका कुछ दिन पहले तक उसकी जिंदगी में नामो निशान नहीं था, एकदम से वो उसका बाप बनकर उसकी जिंदगी में आ गया है..

वैसे श्वेता ठीक कह रही है, उसके पापा का लंड है तो कमाल का, लम्बा और मोटा, जैसा हर लड़की सोचती है, दुसरो का तो पता नहीं पर वो जरुर सोचती है..

वो ये सब सोच ही रही थी कि श्वेता ने आगे बढ़कर उसका हाथ खींचा और अपनी गोद में बिठा लिया.

वो खुद सोफे पर बैठकर अपनी चूत मसल रही थी..

काव्या भी बिना किसी विरोध के उसके साथ खींचती चली गयी..

एक हाथ से अपनी चूत मसलते हुए श्वेता ने दूसरे हाथ को जैसे ही काव्या कि चूत के ऊपर लगाया वो सिसक उठी.

श्वेता : "ओह माय गोड, तेरी चूत तो बुरी तरह से गर्म हवा फेंक रही है , चल जल्दी से उतार इसको ''..

और उसने अपना हाथ चूत से निकालकर काव्या का खड़ा किया अपने सामने और उसका पायजामा धीरे-२ नीचे खिसका दिया..

उसने पिंक कलर कि पेंटी पहनी हुई थी, जिसके आगे का हिस्सा चिपचिपे पानी से लिसढ़ कर बुरी तरह से गिला हो चूका था , श्वेता ने उसकी पेंटी को भी नीचे खिसका दिया.

उसके स्तन भले ही छोटे थे पर गांड का भराव बिलकुल सही हुआ था, चिकने और भरवां चूतड़ देखकर श्वेता अपने आप को रोक नहीं पायी और उन्हें मसल-मसलकर मजे लेने लगी 


उसकी कुंवारी चूत पर हलके फुल्के बाल थे , जिन्हे देखकर श्वेता बोली : "कावी डार्लिंग, मैंने तुझे एक बार पहले भी समझाया था न कि इसे हमेशा साफ़ रखा कर''..

उसकी बात का काव्या ने कोई जवाब नहीं दिया, क्योंकि इस वक़्त उसकी चूत में जो आग लगी हुई थी वो उसके बारे में ही सोच रही थी..

श्वेता ने अपनी चूत से निकली ऊँगली को उसकी चूत पर फेराया , जिसे महसूस करते ही काव्या अपने पंजो पर खड़ी होकर सुलग उठी और एक हलकी सी चीख उसके मुंह से भी निकल आयी..

''आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म ''..

श्वेता के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी..

और अगले ही पल बिना किसी वार्निंग के श्वेता ने वही ऊँगली उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दी .


काव्या ने अपनी आँखों को फैलाते हुए, अपने मुंह को गोल करते हुए, एक हुंकार भरी और अपने दोनों हाथों से श्वेता के हाथ को थाम लिया और अपने पंजो पर खड़ी होकर गहरी-२ साँसे लेने लगी.

उसने आज तक इतनी अंदर तक अपनी ऊँगली भी नहीं धकेली थी, डर के मारे कि कहीं उसकी सील न टूट जाए, और आज श्वेता ने कितनी बेदर्दी से उसकी चूत के अंदर अपनी ऊँगली डाल दी है, कहीं कुछ हो न जाए..

ऐसा सोचते हुए उसने धीरे-२ उसके हाथ को बाहर कि तरफ खींचा, और उसकी ऊँगली को गोर से देखने लगी.

श्वेता समझ गयी कि उसके मन में क्या चल रहा है.

वो बोली : "अरी पागल, इतनी सी ऊँगली डालने से कुछ नहीं होता, उस झिल्ली को तोड़ने के लिए लंड चाहिए लंड …… समझी ''.

काव्या ने धीरे से सर हिलाया और उसकी ऊँगली को फिर से अपनी चूत के मुहाने पर रखकर खुद ही अंदर धकेल दिया , और इस बार जब वो ऊँगली रगड़ खाती हुई अंदर तक गयी तो उसका रोम रोम पुलकित हो उठा , ऐसी फीलिंग उसे आज तक नहीं हुई थी, परम आनंद , जिसे शब्दो में बयां नहीं किया जा सकता.

उसकी चूत के अंदर ऊँगली डालने के बाद श्वेता ने दूसरे हाथ कि ऊँगली अपने अंदर डाल ली और एक ही लय में दोनों हाथ हिलाने लगी.

श्वेता : "ऐसे सिर्फ आँखे बंद करने से कुछ नहीं होगा, तू किसी के बारे में सोच, ऐसे किसी लड़के के बारे में, किसी हीरो के बारे में जिसके लंड को तू इस समय अपने अंदर महसूस करना चाहती है, और मेरी ऊँगली को वही लंड समझकर मजे ले बस ''.

बंद आँखों के पीछे काव्या ने काफी कोशिश कि पर ऐसा कोई भी इंसान उसकी सोच में नहीं आया जिसके बारे में सोचकर वो इस पल का मजा ले सके , उसने तो आजतक किसी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था और ना ही किसी के लंड कि तरफ कभी देखा था, पर आज तो उसने अपने समीर पापा का लंड देख लिया, पहली बार लंड देखा और वो भी अपने बाप का , और उनके लंड के बारे में सोचते ही काव्या के शरीर में एक अजीब सी ऐठन आने लगी और वो श्वेता कि ऊँगली को समीर पापा का लंड समझ कर उसके ऊपर लहराने लगी..

और मजे कि बात ये थी कि श्वेता भी समीर के लंड के बारे में ही सोचते हुए मास्टरबेट कर रही थी.

और साथ वाले कमरे में रश्मि समीर का लंड सच में लेकर मजे कर रही थी.

देखा जाए तो एक ही बन्दा तीन-२ चूतों को एक साथ मजे दे रहा था.

श्वेता के तो दोनों हाथ बिजी थे पर काव्या बिलकुल खाली थी , और ऐसी हालत में आते ही अनायास उसका दांया हाथ अपनी ब्रेस्ट कि तरफ चला गया और उसने अपना चीकू बुरी तरह से मसल डाला..

''अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म '' ...

अपने ही हाथो दर्द पाने का मज़ा अलग ही होता है .

और आज अपने अनछुए उरोजों को दबोचकर जो दर्द काव्या फील कर रही थी, उसमे एक अलग ही मजा आ रहा था उसे..

उसकी सिसकारी सुनकर श्वेता ने भी अपनी आँखे खोली और उसकी ख़ुशी का कारण जानकार उसने उसका दूसरा हाथ अपनी ब्रेस्ट के ऊपर रख दिया.

और फिर काव्या को समझाने कि जरुरत नहीं पड़ी कि आगे क्या करना है,

उसने श्वेता का भी भोम्पू बजाना शुरू कर दिया..

श्वेता कि ब्रेस्ट उसके मुकाबले काफी बड़ी थी, इन्फेक्ट उसकी मम्मी के जितनी थी , लगभग 34 के आस पास, और उसकी तो अभी 32 भी नहीं हुई थी ढंग से.

उसने मन ही मन सोचा कि काश उसकी ब्रेस्ट भी श्वेता के जैसी बड़ी और मुलायम होती क्योंकि लड़को को तो बड़ी-२ ब्रेस्ट ही लुभाती है.

श्वेता के निप्पल खड़े होकर बुरी तरह से मचल रहे थे और यही हाल काव्या के निप्पलस का भी था, एक तो वो इतने लम्बे थे ऊपर से जो खुजली अभी उनमे हो रही थी उसका तो मन कर रहा था कि उन्हें नोच कर कोई खा जाए बस. 


और इतना सोचते ही काव्या ने श्वेता के सर के पीछे हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती पर दे मारा.

काव्या का खड़ा हुआ निप्पल किसी शूल कि तरह श्वेता के चेहरे पर चुभा क्योंकि रात के समय उसने सिर्फ टी शर्ट पहनी हुई थी.

टी शर्ट के अंदर से निप्पल कि शेप ऐसी थी कि श्वेता अपने आप पर कण्ट्रोल नहीं रख पायी और अपना मुंह खोलकर उसकी पुरी ब्रेस्ट को निप्पल समेत अपने मुंह के अंदर धकेल लिया और जोर - २ से सक करने लगी...

''आआययययययीईईईईईई उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म एस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ''

काव्या ने उसका सर और जोर से अपने अंदर घुसा लिया.

''कट्टी मारो स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह खा जाओ इसे उम्म्म्म्म्म्म्म्म ''

श्वेता से भी सब्र नहीं हो रहा था, उसने एकदम से उसकी टी शर्ट को ऊपर किया और उसे उतार फेंका , अब काव्या पूरी नंगी होकर उसकी गोद में बैठी थी और उसके लरजते हुए गीले निप्पल श्वेता के अधरों में जाने के लिए मचल रहे थे..

श्वेता ने अपनी जीभ होंठों पर फेरकर उन्हें गीला किया और अपना मुंह आगे करते हुए उसकी ब्रेस्ट को फिर से अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.. 


''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्वेता उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म सक्क्क ईट अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाईट करो इन्हे ''

श्वेता का एक हाथ अपनी चूत और दुसरा हाथ काव्या कि चूत कि सेवा कर रहा था और मुंह से वो उसकी ब्रेस्ट सक कर रही थी , मल्टीटास्किंग बंदी थी श्वेता जो इतने काम एक साथ कर रही थी..

वो कभी उसके दांये और कभी बांये स्तन को चूसती, दोनों को चूस चूसकर उसने लाल सुर्ख कर दिया, लाल निशाँ बना दिए उसके गोरे शरीर पर..

काव्या ने भी नाईट शर्ट के बटन खोलकर उसके मुम्मे बाहर निकाल लिए और अब दोनों पूरी तरह से नंगी होकर एक दूसरे के शरीर से खेल रही थी..

इस खेल में इतना मजा आता है, ये उन्हें मालूम होता तो आजतक ना जाने कितनी बार ये मजा ले चुकी होती..

काव्या उसे उठाकर बेड कि तरफ ले गयी , और उसके ऊपर लेट कर उसकी ब्रेस्ट को चूसने लगी.

और फिर श्वेता ने उसे ऊपर खींचते हुए उसके होंठों पर भी एक रसीली फ्रेंच किस्स कर दी, दोनों ने आज पहली बार एक दूसरे को इस तरह से चूमा था.

दूसरे कमरेसे आ रही थपेड़ों कि आवाज और भी तेज हो गयी , समीर ने रश्मि को अपनी गोद में ले रखा था और नीचे से धक्के मारकर उसके शरीर के कलपुर्जे हिला रहा था 

अब उनसे भी रहा नहीं जा रहा था..

काव्या ने अपनी चूत वाले हिस्से को उसकी चूत के ऊपर लगाया और ऊपर नीचे होते हुए जोर से घिस्से लगाने लगी 

और फिर एक जोरदार गर्जना के साथ दोनों कि चूतों से लावा बह निकला और काव्या हांफती हुई सी श्वेता के ऊपर गिर पड़ी..

दूसरे कमरे का तूफ़ान भी अब शांत हो चुका था..

पर शायद कुछ देर के लिये..

उनकी तो आज सुहागरात थी..

पर उसका असर काव्या पर क्या हो रहा है ये शायद ना तो रश्मि ने सोचा था और ना ही समीर ने....! 

दोनों सहेलिया पूरी रात ढंग से सो नहीं पायी, रश्मि और समीर ने आतंक जो मचा रखा था दूसरे कमरे में, ऐसा लगता था जैसे दोनों वियाग्रा कि गोलियां खाकर आये हो , थकने का नाम ही नहीं ले रहे थे दोनों.

रात के चार बज रहे थे और दूसरे कमरे से अभी भी रश्मि के बजने कि आवाजें आ रही थी.

श्वेता : "यार, एक बात तो माननी पड़ेगी, ये तेरे समीर पापा का स्टेमिना है कमाल का, औरतें को तो कोई फर्क नहीं पड़ता, वो चाहे जितनी बार अपनी चूत में लंड ले सकती है, पर एक ही लंड बार-२ तैयार होकर अंदर जाए, ये कमाल कि बात है ''.

काव्या : "इसमें कमाल कि क्या बात है ''.

श्वेता : "यार, तू न अक्ल से बच्ची ही है अभी तक, तुझे नहीं पता कुछ भी, यु नो , आदमी के पेनिस को दोबारा फ़किंग के लिए तैयार होने के लिए कम से कम तीन-चार घंटे का समय लगता है, और वो भी जवान लड़को को, और तेरे पापा को तो देख जरा, उनकी उम्र फोर्टी को क्रॉस कर चुकी है उसके बावजूद उनका जोश तो देख जरा, तेरी मम्मी के तो मजे हो गए, इतने सालो कि प्यास अब दिन रात प्यार करके बुझेंगी आंटी जी, ....... हा हा ''..

काव्या को उसकी बात का जरा भी बुरा नहीं लगा, चुदाई कि बातें करना तो आम बात थी दोनों के बीच, पर अपनी माँ के बारे में ऐसी बाते सुनकर भी उसे बुरा नहीं लगा, इतनी ट्यूनिंग तो बन ही चुकी थी दोनों के बीच आज कि रात.

दूसरे कमरे से थपा थप कि आवाजें लगातार बढ़ती ही चली जा रही थी.

श्वेता : "यार, मुझसे तो रहा नहीं जा रहा , चल न, दोबारा से बालकनी में चलते हैं, मुझे उन्हें फिर से देखना है ''..

काव्या उसे मना करती, इससे पहले ही वो भागकर बाहर निकल गयी और छोटी सी दिवार फांदकर साथ वाली बालकनी में और फिर दिवार फांदकर मम्मी-पापा कि बालकनी में पहुँच गयी.

काव्या के पास भी अब कोई चारा नहीं था, देखना तो वो भी चाहती थी उन्हें दोबारा, पर शायद अपनी इच्छा जाहिर नहीं कर पा रही थी , वो भी दीवारे फांदकर वहाँ पहुँच गयी..

श्वेता पहले से ही झुकी हुई अंदर का नजारा देख रही थी..

काव्या ने भी अंदर देखा, उसके पूरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गयी, समीर ने उसकी माँ रश्मि को बेड पर लिटाया हुआ था और पीछे से उसकी चूत का बेंड बजा रहा था , रश्मि के मोटे-२ मुम्मे खिड़की कि तरफ थे जिन्हे झूलता हुआ देखकर श्वेता और काव्या के मुंह में पानी आ गया. 

''ओह्ह्ह्हह्ह समीिर अह्ह्ह्हह्ह्ह येस्स येस्स अह्ह्ह्ह ओह्ह्हह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म येस्स्स्स अ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''

श्वेता धीरे से फुसफुसाई : "यार तेरी माँ कि ब्रेस्ट देखकर तो मन कर रहा है कि इन्हे चूस लू बस , और तेरे पापा के पेनिस को तो देख जरा , कितना लम्बा है, काश मैं होती तेरी माँ कि जगह ''..

श्वेता अपनी बात कर रही थी और काव्या अपने बारे में सोच रही थी, खुद को वो अपनी माँ कि जगह रखकर देख रही थी, अगर वो उसकी माँ कि जगह ऐसी अवस्था में होती तो भले ही उसकी ब्रेस्ट ऐसे न हिल रही होती, छोटी है न इसलिए, पर पेनिस के अंदर जाने और बाहर आने में जो आवाजें आ रही है, वो जरुर और भी भयंकर होती , अपनी टाईट चूत पर इतना तो भरोसा था उसे..

तभी चीखती चिल्लाती रश्मि कि चूत से समीर का लंड निकल आया और पीछे-२ निकला रश्मि का ढेर सारा पेशाब , और वो भी फव्वारे कि शक्ल में ....

रश्मि आनंद विभोर होकर चिल्ला पड़ी : "अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्म्म्म्म्म ओह्ह्ह्ह समीर, बोल रही थी न, इतनी देर से, जाने दो मुझे बाथरूम, देखो, क्या गंद फेला दिया है ''

समीर के झटके बंद नहीं हुए, वो हँसता हुआ बोला : "यही गंद तो मुझे पसंद है मेरी जान, सुकरटिंग का अलग ही मजा है, चलो डालो अंदर इसे फिर से ''..

समीर का इशारा अपने लंड कि तरफ था जो फिसल कर बाहर आ गया था, रश्मि ने उसके मचलते हुए लंड को कुछ देर तक अपनी बह रही चूत के होंठों पर मसला और उसे पूरा नहला दिया फिर एक ही झटके में फिर से अंदर धकेल दिया.. 

श्वेता तो ये सीन देखकर बुरी तरह से गर्म हो गयी.          









हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator