Saturday, May 31, 2014

FUN-MAZA-MASTI कामुक संध्या--5

FUN-MAZA-MASTI

 कामुक संध्या--5

ऋतु- मलिक मैं तय्यार हूँ आप जो चाहे मेरे साथ कर सकते हो मैं अफ भी नही करूँगी हाँ एक बात बता दूं मैं अभी तक उँच्छुई और उँचुड़ी छूट हूँ इसलिए तोड़ा प्यार से करना

राज- (बेदर्दी से ऋतु के उभरे हुए उरोज मसलता हुआ जैसे कोई आता गूँथ रहा हो) साली लंड लेने का टाइम आएगा तो प्यार से छुड़वाने की जगह ना उच्छल उच्छल के मेरे लॉड से चुडवाया तो मेरा नाम राज नही आज मैं ऋतु का राज बनके रहूँगा

ऋतु- हाँ आओ मेरे मलिक मेरी कक़ची जवानी पर अपने मूसल लॉड का राज चलाओ

राज- (ऋतु के गुलाबी चुचियों को मसल मसल के लाल करते हुए) एक बात और है मेरी जान मुझे मैल्क नही अपना ख़सम बना मेरी गरम जोरू बनके चुड अब तू मेरे लिए मेरी जोरू शालिनी की जगह चुदाई का समान है मैं तुझे शालिनी मान के छोड़ूँगा और अपनी एक कुत्सित इक्चा पूरी करूँगा

ऋतु- कौन सी

राज- मेरी एक तमन्ना थी की शालिनी को मेरा यार अजय छोड़ता उसे आज पूरा करूँगा तेरी नंगी जवानी को अजय के सामने धकेलुँगा और बोलूँगा की आजा यार मेरी गरम जोरू के जिस्म मे अपना मोटा मूसल लंड दल ले

ऋतु- कोई बात नही जान आप मुझे छोड़ो चाहे शालिनी मान के या ऋतु जानके मैं अपनी जवानी के पहले अभिसार के लिए तय्यार हूँ

राज- (ऋतु की चुचि को मुँह मे भरते हुए और उसके ताने हुए निप्पल को जीभ से टटोल कर खड़ा करते हुए) अभी पूरी तरह कहाँ तय्यार हो जान अभी तो तुझे लहनगा नोंच के न्नगी करूँगा और फिर तेरा नग्न नृत्या देखना है

ऋतु- आओ राजा मेरी जवानी से यह आख़िरी वस्त्रा भी हटा दो हाए राजा और ज़ोर से मस्लो मेरी जवान च्चातियों को मैं कुछ मर्दन का हर सुख भोगना चाहती हूँ मेरे नरम और जवान जिस्म की महक को लुटो मेरे राजा.

(ऋतु के लहंगे को पकड़ के उपर उठता है ऋतु की मुनिया देखता है. ऋतु की छूट पर एक भी बाल नही था. बिल्कुल चुकनी और पानी मे दुबई छूट ऐसे लग रही थी जैसे चुहिया के मूह मे पानी भर आया हो. राज ने अपनी एक उंगली उसकी छूट पर फिराई)

ऋतु- सस्सीसीीसीसीसिसीसी आआआआहह राजा क्या कर रहे को

राज- यह तेरी जवानी का आत्म है मैं इसमे अपना कार्ड स्वीप कर रहा हूँ जान इसमे से नोटो की जगह छूट का कमरस बहेगा

ऋतु- र्रज़ा प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी छूट को आत्म बनाओ तो लॉड को स्वीप करो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ राआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआअहहााआआ (कहके ऋतु की छूट ने पानी गिरना शुरू कर दिया)

राज- अभी से पानी फेक रही है साली तो आयेज जाके क्या करेगी

ऋतु- सिर्फ़ पाई छ्चोड़ा है मस्ती की उम्मेड नही छ्चोड़ी मेरा वादा है आप दोनो के लॉड को पूरा ठंडा करके ही आराम करेगी ऋतु.

राज- अच्छा देखता हू आज रत तू आराम करती है या हम दोनो के लॉड से अपनी छूट को कुटवती है

ऋतु एक बात और बोलू

ऋतु- हाँ बोलो जान

राज- मुझे गंदी गंदी गली देके छोड़ने का शौक है क्योंकि मैं रंडियों के पास जाता रहता हूँ और वो सभी साली मदारचोड़ होती है बिना गली के उनकी छूट मे पानी ही नही आता

ऋतु- मैने बोल दिया ना आपके सामने अधनंगी हूँ लहनगा उतरती हूँ और मुझे नंगी ऋतु को जैसे मर्ज़ी जो मर्ज़ी बोलके पूरी रत छोड़ो आज मालकिन घ रपे नही है इसलिए अजय बाबू भी मेरी जवानी का भोग लगा सकते है

(इतना कहके ऋतु ने अपने हाथों से अपना लहनगा खोला और नीचे सरका दिया. ऋतु दोनो मर्दो के सामने पूरी नंगी खड़ी थी उसने अपनी च्चती मे हवा भारी और अपनी तनी हुई चुचियों को अपनी ही मुट्ठी मे दबोच के दोनो की ऊवार छल्लंगे की निगाह से देखा की कौन सा मर्द उस पर पहले टूटेगा)

(ऋतु का यह रूप देख के अजय और राज दोनो के लौड़ों ने ज़ोर का तुनका मारा और दोनो लपक के ऋतु की ऊवार झपते और उसके हाथो को अपनी ऊवार खिंढ के उसकी नरम नरम गोल और जवान च्चत्तियों को नंगा कर दिया और अपने अपने तीखे दाँत उसकी चुचि पर गाड़ा दिए)

ऋतु- आआहह आओ मेरी कामुक जवानी के लुटेरों आओ अपनी कामुक और चुदसी ऋतु की न्नगी जवानी तुम दोनो के हाथों मे है इसे जी भर के चूसो मेरे कामुक मर्दों आओ मुझे छोड़ डालो

राज- (ऋतु की चुचि को अपनी बलिष्ठ मुट्ठी मे उमेत्ते हुए और मरोदते हुए ) साली कुटिया नंगी हो गयी है और अपने याअर का लॉडा नही निकाला इसे मेरी पंत से बाहर निकल साली नही तो तेरी मा छोड़ दूँगा

ऋतु- (अजय और राज के लॉड को पंत के उपर से सहलाती हुई) हाँ मेरे मर्दों तुम्हे मैं अपनी चिकनी त्वचा के रग़ाद लगा लगा के कामसुख दूँगी और तुम दोनो अपने इस मोटे मूसल लंड के मेरी कक़ची और छ्होटी सी छूट को छोड़ के रतिसुख देना

अजय- साली एक बात बता तू 3 साल से मेरे यहाँ कम कर रही है तेरे अंदर इतनी ही चुदस भारी थी तो आज से पहले क्यों नही मेरे लॉड के नीचे क्यों नही आई क्या अपने व्यस्क होने का इंतज़ार कर रही थी या कोई और खास बात है

ऋतु- ऐसा कुच्छ नही है मलिक एक तो मैं खुद बालिग नही थी आप मुझे जब चाहे छोड़ सकते थे पर मालकिन के दर से आप ऐसा नही करते थे और दूसरा मैं खुद अपनी जवानी को तभी लुटवाना चाहती थी जब मेरा हर एक आंग भरपूर जवान हो जाता और मर्दों के लायक हो जाता यानी की मैं पूर्णतया व्यस्क हो जाओं और लो अब मैं 18 साल की मस्त लौंडिया बन चुकी हूँ मुझे छोड़ के अपनी प्यास भुझाओ मलिक आज मालकिन भी नही है अक्चा मौका है आपके पास अपनी ऋतु की जवानी का प्रथम उपयोग करने का आओ मलिक मेरी छूट मार के मेरी नाथ उतरो और मेरे जिस्म का कामुक उपभोग करो

अजय, राज- हन रंडी ऋतु आज हम दोनो मर्द अपने मस्त मोटे लॉड से तेरी नरम छूट को कुटेंगे और तेरे उरजो को मसल मसल के लाल कर देंगे और तेरी गंद भी मरेंगे

ऋतु – आओ मेरे पहले मर्दो मेरी जवानी से अपनी कामुक और मनचाही कंतृप्ति हासिल करो.

(अजय और राज अपने जिस्म से कपड़ो को उतार फेकटे है और दोनो भी मदरजात नंगे होके फिर से ऋतु के न्नगी जवानी से लिपट जाते है उनके लॉड के शरीर से टच होते ही ऋतु की छूट पानी से भर जाती है)

ऋतु- आआआहह कितने मस्त है तुम दोनो के लॉड आओ राजा मेरी जवानी को अपने लॉड के रस से गीला कर दो मेरे हर आंग मे लॉडा उतार दो मैं भरपूर चुदसी बन चुकी हूँ हाए मेरी फॅंटेसी पूरी करो मेरे मर्दों

राज – (ऋतु की गीली छूट मे उंगली फेरता हुआ) साली हरंजड़ी माल तो तू कसा हुआ है लगता है की तेरी किसी भी घोड़े ने घुड़सवारी नही की है आज तो तुझे छोड़ने मे मज़ा ही आ जाएगा क्या फॅंटेसी है तेरी

अजय- (ऋतु की गंद मे उंगली फसाते हुए) साली कुटिया माल तो तू पिच्छाले च्छेद से भी कुँवारी है आज हम दोनो एक नयी निकोर छूट छोड़ेंगे बता हरज़ादी क्या सोचती है चुदाई के लिए तू

ऋतु –(दोनो के लॉड का सूपड़ा खोल के) आओ मर्दो तुम्हारे लॉड को चूस के छूट और गंद के लिए तय्यार कर दूं मेरी फॅंटेसी है की तुम दोनो मर्द मेरी छूट और गंद एक साथ छोड़ो मेरे दोनो च्छेदों की नाथ उतरई एक साथ एक ही समय मे हो

ऋतु अजय और राज के लॉड को चूस के और टन देती है इधर दोनो हरमज़ड़ो की तरह ऋतु की गोल और ठोस चुचि को दबा दबा के उसे चुदाई के लिए मस्त कर देते है

ऋतु- आआआआआअहह जान प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्यार से मस्लो मेरी च्चातियों को मैं चुदाई के लिए तय्यार हूँ मेरी छूट मे पानी भर गया है आओ राज और अजय प्ल्ज़ मेरी छूट और गंद मे अपना अपना गरम सूपड़ा उतार दो

अजय- सोच ले साली एक साथ दोनो का लॉडा लेगी तो मार जाएगी

ऋतु- कोई बात नही आप दोनो एक साथ मेरे दोनो छेड़ो का उद्घाटन करो प्ल्ज़ मलिक

राज- तेरी इतना ही मान है तो चल साली कुटिया बन जा हम दोनो एक साथ तेरी बर और गंद मरेंगे

इतना बोलते ही ऋतु ने कुटिया की पोज़िशन लेलेई और अजय ने नीचे लेट के उसकी कुँवारी छूट पर लंड को टीकाया और राज ने पिच्चे से उक्सी चिकनी गंद पर और राज के एक जोरदार धक्का लगते ही

ऋतु- आआआआआआआहह मार गयी रे सालो क्या दल दिया मेरी बर और गंद मे कुत्टो हट जाओ मेरे उपर से मैं मार जवँगी

राज- अब साली याद आई बहुत बड़ी रंडी बन रही थी रुक मदर छोड़ तेरी बहन छोड़ता हूँ आज मैं

ऋतु अपनी छूट को उपर करती है तो राज का लंड उसकी गंद मे घुसने लगता है और नीचे करती है तो अजय का लंड उसकी नाथ उतरने को उतावला है वो बेबस हो जाती है उसकी आँखों मे आँसू आ जाते है वो बोलती है

ऋतु- मलिक ग़लती हो गयी मैं सोचती थी चुदाई बड़ी मस्त चीज़ होती होगी प्ल्ज़ आप अपने अपने लॉड को हटा लो मुझे नही चूड़ना है

अज़ैई- साली कुटिया तू मस्त न्नगी मेरे लॉड के उपर लेती हुई है तुझे छोड़े बिना छ्चोड़ा तो नमार्द काहलौँगा आज तेरी कक़ची जवानी के गोस्त को हम दोनो शिकारी खाएँगे आज तेरी मा भी आ जाए तो तुझे हम दोनो के लॉड से नही बचा सकती है

इतना कहके अजय ने अपने लॉड को उसकी छूट मे और डाला उपर से राज ने उसकी गंद मे तेल लगाया और फिर लंड पेलना शुरू किया

ऋतु- हाए रे मार गयी सालो मेरी जवानी पर रहम खाओ

राज- तू कुटिया की औलाद मेरा लॉडा खा टुजेह तेरी गंद का डूबा हुआ लॉडा खिलता हूँ अपनी ही टट्टी का स्वाद चखेगी तो तोड़ा शांत होगी ले मदर छोड़ मूह खोल के मेरा लॉडा छत

ऋतु मारती क्या ना करती वाली हॉल्ट मे थी उसने अपनी ही गंद मे घुसा लंड चूसना शुरू किया

इदहर् अजय ने उसकी सील तोड़ दी और उसकी नरम छूट को भकभक छोड़ने लगा उधर ऋतु को अपनी छूट की चुदाई का आनंद आना शुरू हो चुका था उसने मूह से लंड निकाला और बोली

ऋतु- छोड़ो मेरे मलिक मेरी जवान सिने के अनरो को पकड़ के मेरी छूट मरो आआआआअ हह अब मज़ा आने लगा है अब पता चला

अजय- क्या पता चला साली

ऋतु- की मालकिन क्यों हर रत न्नगी हिके आपके लॉड को अपनी छूट मे उतरती है

अजय- साली वो छूट मे नही उतरती है वो इस घोड़े से अपनी घोड़ी की घुड़ दौड़ करवाती है और रोज़ मेरा घोड़ा उसकी घोड़ी को छोड़ता है और घुड़दौड़ जीत जाता है आ तेरी कक़ची घोड़ी को अपने मोटे घोड़े से घुड़दौड़ करवा दूं

इतना कहके अजय ने ऋतु के सिने के अनरो को मुट्ठी मे भरा और उसे ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा इधर ऋतु के मूह ने राज का लूडा था और वो उसे हर धक्के के साथ चुस्ती जा रही थी

राज- साली मेरे लॉड का रस पीना है क्या तेरे को या रुक पहले तेरी गंद मरता हूँ तब चूसना तू मेरा लॉडा

राज ने वापस अपना घोड़े जायदा लंड ऋतु की गंद के छेड़ पर फिर टीकाया और धक्का मारा इस बार लॉडा काफ़ी अंदर तक घुसा

ऋतु- हहाआआाआआइईईईईई साले फाड़ दी मेरी गंद

राज- चुप रंडी जयदा बोलेगी तो सच्ची मे गंद फाड़ दूँगा

ऋतु- बहुत दर्द है निकालो बाहर

राज- चुप्प रह मदर छोड़ अभी तेरी गंद का दर्द दूर करता हूँ

इतना बोल के राज ने लगातार ऋतु की गंद पर लंड का प्रहार करना शुरू किया इससे ऋतु की गंद का च्छेद छुड़ा होता गया और उसे भी गंद चुदाई मे आनेंड आने लगा वो अब रंडी की तरह मस्त मज़ा लेने लगी छूट मे अजय का लंड और गंद मे राज का लॉडा वो अपने आपको स्वर्ग की रंडी समझ रही थी

ऋतु- हाँ आब छोड़ो सालो कुत्टो मुझे कुटिया बना रखा है तो तुम दोनो मेरी छूट मरने वेल कुत्ते हो छोड़ो ज़ोर लगा के और मरो मेरी बर और गंद दोनो मस्त मज़ा आने लगा है और छोड़ो

ऋतु इसी तरह आँत शांत बकने लगी और चुदाई का मज़ा लूट रही थी अजय और राज उसकी छूट और गंद का बाज़ा बजाने मे लगे थे दोनो ने ऋतु की चुचियों को नोंचा और मरोड़ा ऋतु के नरम और मस्त गुदज उरोज दोनो के लॉड को तूफान बना रहे थे दोनो को लगा की वो अब झड़ने वेल है तो दोनो ने अपने अपने लॉड को ऋतु की बुए और गंद से निकल लिया ऋतु हाँफती हुई सोफे पर बैठी देखने लगी की अब क्या होगा इधर दोनो ने अपने आप को मूठ मारना शुरू किया और सामने पड़ी काँच की मेज पर वीर्या गिरने लगे

ऋतु- हाए मेरे राजा क्या कर रहे हो मेरी किस्मत की मलाई बेकार कर रहे हो

राज- चुप कुटिया यह तेरी मलाई अभी मिलेगी तुझे रुक एक मिनिट को

राज ने अपनी उंगली से दोनो के वियरा को मिक्स किया

राज- ले हरमज़ड़ी छत हम दोनो का वीर्या और मेज बिल्कुल साफ नही हुई तो तेरी मा को यहीं बुला के उसके सामने तुझे छोड़ूँगा

ऋतु- अभी साफ करती हूँ मेरी जान यह मलाई मुझे बड़ी पसंद है

ऋतु ने मेज पर पड़े वीर्या को जैसे ही चटा एक बार मे जीभ फिरते ही उसे केक की क्रीम और वीर्या के टेस्ट मे समानता महसूस हुई उसने नज़र उठे के देखा तो अजय और राज दोनो मंद मंद मुस्कुरा रहे थे

ऋतु- यह तो

अजय- हाँ साली उस केक मे भी हम दोनो का वीर्या था

ऋतु- अगर मैं नही चुड्ती तो तुम दोनो अपनी फॅंटेसी पहले ही पूरी कर चुके थे

राज- हाँ जान हम दोनो ने सोचा की तू चूड़ेगी नही तो हुमारा वीर्या तो खा ही चुकी होगी आ मेरे पास आ अब मैं तेरे च्चती मसल मसल के तुझे फिर जवान करता हूँ और तेरे कोमल छूट मारूँगा

ऋतु आयेज बड़ी और मुस्कुराते हुए राज की गोदी मे आके बैठ गयी

ऋतु- लो जानू मेरी जवानी पूरी नंगी तेरे सामने है इसे जैसे मर्ज़ी उसे करो और मेरी कोमल छूट को अपने घोड़े जैसे लॉड से छोड़ दो











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