Friday, May 23, 2014

हिंदी सेक्सी कहानियाँ महक का जादू--25

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

महक का जादू--25

 फिर सोम्या बोली … चलो … अब मै … अपने पापा को फ़ोन करती हु …
उसने भी स्पीकर पे फ़ोन किया
उधरसे उसके पापा ने फ़ोन उठाया …… हेलो
सौम्या: हेलो पापा ……
पापा: अरे सौम्या बेटी …….कैसी हो
सौम्या: मैं तो ठीक हु … आप कैसे हो …
पापा:मैं भी अच्छा हु
सौम्या: लगता है …. आप तो मुझे भूल ही गए
पापा: अरे नहीं बेटी … ऐसा कैसे हो सकता है
सौम्या इठलाकर बोली …तो … फिर इतने दिनों में …. एकबार भी फ़ोन नहीं किया ….
पापा: अरे नहीं सौम्या बेटी ….. काम के गड़बड़ में टाइम ही नहीं मिला बेटी
सौम्या: ….हा … आपको तो काम ही मुझसे जादा प्यारा है ना….
पापा: अरे नहीं…… तेरे से जादा कोई चीज इम्पोर्टेन्ट नहीं हे बेटे
सौम्या: मैं तो हमेशा ही आपके बारे में सोचती रहती हु ….. और आप को तो शायद मेरी याद ही नहीं आती … हे न पापा
पापा: अरे नहीं बेटी …… तुम्हारी याद तो हमेशा आती है ….
सौम्या:तो फ़ोन क्यों नहीं करते ….. या फिर ऐसा करो ना ….. आप यही आ जाओ कुछ दिनों के लिए
पापा: सॉरी ..बाबा …. अबसे रेगुलर फ़ोन करूँगा
सौम्या: वो तो करो ही … लेकिन आप यहाँ आओ न पापा ….. मुझे आपकी बहोत याद आ रही है
पापा: बेटे… फिलहाल तो ये पोसिबल नहीं है …
सौम्या: जाओ ….. आप मुझसे प्यार ही नहीं करते ….
पापा: ओके …. नाराज मत हो ….. बेटो …. मैं देखता हु …. शायद नेक्स्ट वीक आ सकूँगा …
सौम्या:लेकिन … पापा ….. इसबार आप ७-८ दिन रहिये यहाँ ….. मुझे आपसे घेर सारीं बाते करनी है
पापा: इतना तो मई नहीं रुक सकता बेटी …. लेकिन १-२ दिनों के लिए आता हु…
सौम्या: ओह पापा …. आय लव यु …..
पापा: आय लव यु टु…..
सौम्या: ओह … पापा …. आपसे गले मिलने लो दिल मचल रहा है …

पापा: ओके ओके सौम्या डिअर …… अभी मैं ऑफिस में हु ….. शाम को कॉल करता हु … फिर ढेर सारीं बाते करंगे ….
सौम्या: ओके पापा बाय ……
पापा: बाय बेटी ….
और फ़ोन बंद हुआ

रिया: चल महक अब तू लगा अपने पापा को ….
फिर मैने भी पापा को फोने लगाया….
पापाने फोन उठाया “ बोलो …. महक बेटी ….
मैं: हेलो पापा …..आप कैसे हो ….
पापा: मैं ठीक हु बेटा ….. तू बता कैसे फ़ोन किया था….
मैं: बस ऐसेही पापा … आपकी बहोत याद आ रही थी ….
पापा: अभी तो आया था ना मैं….
मैं: .ये भी कोई आना हुआ…. आपने दो घंटे भी नहीं बिताये …. मेरे साथ
पापा: बेटां…. वो काम था ना … इसलिए जल्दी वापस आना पड़ा
मैं: वही तो ……. आप को मेरी कुछ फिकर ही नहीं ….
पापा: नहीं बेटे ….. ऐसा नहीं है
मैं: ऐसाही है पापा ….. वर्ना आप इतनी जल्दी नहीं जाते…..आप मेरे बारे में सोचते ही नहीं …
पापा: अब तुम्हे क्या बताऊ… बेटा …. तू तो मेरी प्यारी बेटी है … मेरे जिगर का टुकड़ा है ….
मैं: तो फिर मुझसे मिलने आते क्यों नहीं …
पापा: ठीक है बेटा ...आ जाऊंगा …..
मैं: और जरा फुरसत से आना…… मुझे कुछ शौपिंग भी करनी है …..
पापा: ओ…. तो ये बात है …..क्या खरीदना है बेटी ….
मैं: वो...वो… पापा …..मुझे वो ….
पापा: हा बेटा बताओ ….. क्या चाहिए ….
मैं: पापा …. मुझे शर्म आती … है …बताने में
पापा: अरी…. पगली …. मुझसे क्या शर्माना ….. बोलो क्या चाहिए
मैं: पहले प्रोमिस करो …. किसी को नहीं बतओंगे ….. मम्मी को भी नहीं ….
पापा: अरे … बताओ तो सही …
मैं: नहीं … पहले प्रोमिस करो …. और एक प्रोमिस करो की आप मेरी बात सुनके हसोंगे भी नहीं …
पापा: ठीक है बेटा … प्रोमिस ….. नहीं बताऊंगा …. नहीं हसूंगा …. अब बताओ
मैं: पापा ….. वो क्या है न…. मैं…. अंदरसे … स,समीज पहनती हु…..
पापा: ओ ह … तो तुम्हे समिझ खरीदनी है …… अरे तो इसमें शर्माने की क्या बात है … अपनी मामी को बताती ….
मैं: नहीं पापा वो नहीं …..आजकल मुझे ….. ये समिझ बहोत जादा फिट होने लगी है ….. मेरा दम घुटता है कभी कभी
पापा : हु…..
मैं: ओर पापा …. मेरे सब सहेलिया ….. मेरा मजाक उड़ाती है … समिझ पहनती हु इस लिए …
पापा: .हु…..
मैं: वो सभी … अब ब्रा…. पहनती है …… तो मैं चाहती हु की मैं भी ….
पापा: ठीक है बेटी …. तू भी खरीद लेना …..
मैं: आप आओ तो खरीदू …...लेकिन प्लीज आप किसी को मत बताना ये
पापा: अरे … ये सब होता ही है … बेटी …… अब तू जवान हो रही है …...इसमें शर्माने की कोई बात नहीं
पापा की ये बात सुन कर …..मैं मचल गयी … और अपनी पनियाई चुत पे ऊँगली घुमाने लगी ...


मैं: फिर भी आप ये किसी को मत बोलना ….
पापा: ठीक है
मैं: तो आप कब तक आ रहे हो ….
पापा: बेटा … मैं इधर के काम निपटाकर … बताता हु
मैं: लेकिन जल्दी आना पापा …
पापा: हा बेटी ….. चल अब रखता हु
मैं ठीक है … बाय पापा
जैसेही मैंने फोन कट किया …...रिया ने मुझे किस करते हुए बोला
“ हाय मेरी महक रानी …...क्या बात है …..गारंटी से … तेरे पापा के लैंड में जरुर हलचल मची होंगी …
चल जरा तेरी समिझ क्यों छोटी पद रही है … ये जचती हु “
और वो मुझे चुमते हुए … मेरे स्तानोका मर्दन करने लगी…..सौम्या भी उसका साथ देने आ गयी

उस दिन हम तीनो बहुत खुश थो …… अब हमारा इन्तजार … जल्द ही ख़त्म होने वाला था 


 उस दिन से मैं रोज अपने पापा को फोन करने लगी …….
रोज हम आधा आधा घंटा बात करते …..
कई बार मैं ऐसी बात छेड़ती … की पापा के आखो के सामने मेरी चढ़ती जवानी घूम जाए ….
पापा से बाते करते वक्त मेरा हाथ … अपने आप मेरी चुत को मसलने लगता था



तिन दिन बाद मैंने जानबूझ कर शाम तक फ़ोन नहीं किया …….
उस दिन …...रात में पापा का फ़ोन आया …. मुझे पता चल गया ...की …
वो भी अब मेरी आवाज सुनने के लिए … मुझसे बात करने के लिए बेक़रार थे
मुझे मेरी कामयाबी पर नाज हुआ……

इधर सौम्या भी अपने पापा को रोज फ़ोन कर कर के घायल करने में लगी थी …
….और रिया का भाई तो उससे लगभग पट चूका था ….
बस ऐसाही चल रहा था ….. की एक दिन

सौम्या ने हमें खबर दी ……. की उसके पापा इस शनिवार को आने वाले थे ….यानि सिर्फ दो दिनों बाद …
हमने प्लान किया …. की …..हमें शनिवार से वहा नहीं आना है …. मैं और रिया …..मेरे घर मिलेंगे ….
सोनू और निशा को भी बताया… की शनिवार से वहा नहीं आना है … जबतक हम ना बताये ….. वो लोग भी समझ गए ……

शुक्रवार के दिन हम तीनो ने बहोत मस्ती की ….

जैसे हमने हमारी सौम्या की बॅचलर पार्टी मनाई…



सौम्या को अडवांस में बधाई देकर हम दोनों वापस आगई

 शनिवार को सुबहसे सौम्या उसके पापा का बेसब्री से इन्तजार कर रही थी ……
तभी उसके पापा का फ़ोन आया …. की वो आधे घंटे में पहुचने वाले है ……
अपने प्लान के मुताबिक सौम्या उठी ...उसने …. अपने कपडे खोले ...पूरी तरह नंगी हो गई ..
और … उसके सारे कपडे बेड पर फैला कर रख दिए …….
बाथरूम में जाकर और बड़े ही आरामसे ….. अपने बदन को मसल मसलकर … नहाने लगी …….
आधे घंटे बाद …… उसकी डोर बेल बजी …….

दो तिन बार बेल बजने के बाद …..उसने ….. अपना गिला बदन टॉवेल में लपेटा …..
और दरवाजा खोलने गयी ….
उसने जैसे ही दरवाजा खोला …. तो सामने उसके पापा थे ….
वो ख़ुशी से चिल्लाई … ओ पापा …. और अपनी बाहे पापा के गले में डाल कर उनसे लिपट गयी

टॉवेल से झलकता सोम्या का गिला, सेक्सी बदन …...
वो उसके बदन की मनमोहिनी खुशबू इन सब का असर तो होना ही था ….
पापा का लंड ने खड़ी सलामी दी ………
सौम्या को भी इसका अहसास हुआ……
उसने अपने पापा के गालो पे अपने गिले होट टिका कर उन्हें किस किया ……
थोड़ी देर में वो उनसे अलग हुयी ……

सौम्या: ओह पापा … मैं कबसे आपकी राह देख रही थी …….
सौम्या के पापा ….. उसे टुक टुकी लगाये देख रहे थे …..
मानो …. सौम्या का वो नशीला रूप अपनी आंखोसे पि रहे थे …

 सौम्या: पापा ….. आप यहाँ बैठिये मैं अभी नहा के आती हु …..
उसने अपनी तिरछी नजरसे अपने पापा की पॅन्ट में बने तम्बू को नोट किया ….
और मनही मन मुस्कुराई
सौम्या बाथरूम में जाने के बाद भी कुछ देर …. उसके पापा वैसेही खड़े रहे …….
उनकी आँखों के सामनेसे सौम्या का वो गिला बदन हट नहीं रहा था …..
जब वो इस झटके से थोड़े सवरे…. तो उनकी नजर बेड पर बिखरे सौम्या के कपड़ो की तरफ गयी …..
उन्होंने सौम्या की ब्रा और पॅन्टी को सुंघा ……
उस पॅन्टी पर हम तीनो के रस लगे थे ….. हमारी कल की मस्ती में …..
वो पॅन्टी सामनेसे कुछ जादाही चिपचिपी हो गयी थी ……
उसकी नशीली खुशबू ने सौम्या के पापा अपना होश खो बैठे …...उस पॅन्टी का रस चाटने लगे …
सौम्या ...बाथरूम के कीहोल से देख रही थी ……..
और अपने प्लान की कामयाबी पे खुश हो रही थी …..
सौम्या के पापा मानो इस दिन दुनिया को भुला चुके थे …..
वो सबकुछ भुलाकर सिर्फ उस पॅन्टी पर लगे अपनी बेटी की जवानी के रस को चाट ने में लगे थे
फिर सौम्या ने अंदर से आवाज दी ….. “पापा…… जरा टॉवेल तो देना ….. ये वाला तो गिला हो गया है ….
पापा ने ब्रा और पॅन्टी अपनी जगह रख दी ……. और पास ही पड़े टॉवेल को उठाके बाथरूम को तरफ गए
टॉवेल लेते समय … सौम्याने दरवाजा थोडा जादाही खोला … और बंद भी आरामसे किया …..
ताकि उसके बाप को उसके बदन की एक मस्त झलक दिख जाए …… जिससे की आग और जादा भड़के ….
वैसाही हुआ…… सौम्याके पापा का लंड ….. उछल रहा था ……
बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था …..
सौम्या ने अपना बदन पोछा ….
एक मस्त डीओ अपने बदन पे मारा …..और फिर टॉवेल लपेट के वो बहार आ गई …….

पापा ने उसे देखा तो उनका मुह खुला ही रह गया….
सौम्या उनके करीब आई ….. और उनके गले में हाथ डाल दिए … बोली ….. अब पापा …. आप भी फ्रेश हो जाओ ….. मैं नाश्ता लगाती हु…

उसके पापा की तो जैसे बोलती ही बंद हुयी थी …….
वो सिर्फ सौम्या की निखरी निखरी जवानी का रसपान करने में लगे थे …….
सौम्या ने उनके कंधो को पकड़कर हिलाया …..पापा …..
पापा:अ….क...क्या बेटे …
सौम्या : कहा खो गए थे पापा …..ऐसे क्या देख रहे हो
पापा: कुछ नहीं … बेटी ….बस ऐसेही …..
और उन्होंने अपने दोनों हाथ सौम्या के नंगे कंधो पर रखे ......
सौम्या उसके नंगे बदन पर हुए उस मर्दाना स्पर्श से सिहर उठी …..
सौम्या : ह..ह..हा..पा...पा
पापा ने उसके कंधो को प्यार से थोडा प्रेस किया ….
सौम्या निचे देखने लगी …. उसने जब निचे देखा तो पापा के पॅन्ट में बड़ा तम्बू बना था … उनका लंड बार बार उछल रहा था ….
सौम्या के पापा को उसका अहसास हुआ तो उन्होंने फट से अपने हाथ निचे किये ……
और बोले
“बेटी अब मैं फ्रेश होता हु …..” और बाथरूम की और भाग गए …

सौम्या को पता था …. की अब पापा को इतनी जल्दी क्या है ….
उनको बाथरूम में मुठ मारके अपने लंड को शांत जो करना था …..
उसने देखा … … उसकी बेड पे पड़ी पॅन्टी पापा की थुक से और भी गीली हो गई थी ...

सौम्या मुस्कुराई ….. मनही मन बोली …..
"जिओ सौम्या….. बस ऐसीही लगी रह … अब दिल्ली दूर नहीं …"
फिर उसने बड़े आरामसे लपेटा हुआ अपना टॉवेल निकल दिया ….

बाथरूम का दरवाजा बंद करते करते उसके पापाने ये मस्त नजारा देख लिया …..
उनका लंड अब जैसे बहार आने के लिए फडफडा रहा था ….
उन्होंने झटसे दरवाजा बंद कर लिया …

सौम्या ने अपने पुरे शारीर पे बॉडी लोशन मला….
एकबार अपनी कातिल जवानी को आइने मे निहारने के बाद …
वो उस दिन के लिए लाया ख़ास ड्रेस पहनने लगी ….

बड़ी मेहनतसे उसने ये ख़ास ड्रेस … उस दिन के लिए … सिलेक्ट करी थी ….
उसे पता था ….. इस ड्रेस में उसे देखने के बाद …… पापा और बी जादा घायल होने वाले है …



उस ट्रांस्परंस ड्रेस से उसकी काली सेक्सी पॅन्टी साफ नजर आती थी …
और वो उसकी मांसल जान्घो का भरपूर दर्शन करवा रही थी ……

वो तैयार होकर पापा के इंतज़ार में बैठी ही थी …… की पापा ने उसे पुकारा ……
“सौम्या……. सौम्या बेटी…….
सौम्या: “क्या है पापा….”
पापा: “मैंने अपने अंडर गारमेंट्स भूल गया बाहर …… प्लीज …. ला दो ना “
सौम्या: जी … पापा ….. लेकिन कहा रखे कहा है
पापा:”अरे ……. लगता है ….बैग से निकाले ही नहीं….. जरा बैग में देखो बेटा”
सौम्या ने पापा की बैग खोली ……… थोडा धुंडने के बाद उसे पापा के अंडर गारमेंट्स मिल गए ……
तभी उसकी नजर ….. बैग में पड़े एक छोटे पॅकेट पर गयी ……
उसने वो पॅकेट उठाया….. वो तो मॅनफोर्स कंडोम का बॉक्स था …. वो भी स्ट्राबेरी फ्लेव्हर……
सौम्या की आँखे चमक उठी ….. उसने मन में सोचा……
” वाॅव्…… लगता हैं पापा मुझे चोदने की पूरी तय्यारी कर के आये है……. लेकिन मैं उन्हें ये युज नहीं करने दूंगी ……
आज तो मैं अपने चुत में ….पापा का खालिस लंड ही चाहती हु … बिना किसी मिलावट के "

उधर से पापा ने फिर पुकारा……
“अरे बेटी मिले क्या मेंरे कपडे …... “
सौम्या ऊँची आवाज में बोली “ ढूंड रही हु पापा….. “
फिर उसने …… वह कंडोम का पॅकेट अपने कबर्ड में छुपा दिया …..
तभी अचानक एक शरारत उसके दिल में आई….. और उसने पापा के कपड़े भी अपने कबर्ड में छुपा दिए …
सौम्या ऊँची आवाज में बोली …. “ पापा आपके कपडे तो दिख ही नहीं रहे इसमें ……”
पापा: अरे बेटा जरा ठिक से देखो … वही कही होंगे ….”
सौम्या ने फिर थोड़ी देर टाईमपास किया … दिखावा किया जैसे वो कपडे ढूंड रही थी …
थोड़ी देर बाद वो बोली …. नहीं मिल रहे ….. पापा ….
पापा : “अरे …. अब क्या करे ….. मेरे तो ये वाले कपडे भी गिले हो गए …..
सौम्या : “ पापा …. आप ऐसा करो …. अभी का एक टॉवेल ही लपेट लो “
पापा: अरे …. सिर्फ टॉवेल ….. कैसा लगेगा वो …
सौम्या:”यहाँ कौन है देखने वाला …… मेरे और आपके सिवा ……
सौम्या दिल में बोली …..
“जरा मुझे भी तो देखने दो पापा ….क्या केवल आप ही आँखे सेकोंगे “
पापा : ठीक है बेटी….. ला … एक टॉवेल तो दे ….
फिर सौम्या अपने पापा को टॉवेल देने बाथरूम के पास गयी …. उसने दरवाजा खटखटाया ….
उसके पापा ने थोडासा दरवाजा खोला ……
सौम्या ने जानबूझ के टॉवेल आगे नहीं किया ….
तो पापा ने थोडा दरवाजा खोला और उसके हाथोसे टॉवेल खीच लिया ....
इतनी देर में सौम्या ने अपने बाप की नंगा शरीर देख ही लिया था …...
थोड़ी देर में पापा बाथरूम से आ गये ….
 



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