FUN-MAZA-MASTI
कावेरी की भाभी माला
दीपक मेहता एक busines man था।वो तीस साल का बड़ा अनुभवी व्यापारी था पर हमेश ही चिंता में रेहता था जिसका मुख्य कारण था की उनके कोई संतान अभी तक नहीं हुयी थी। अब वो दुबारा शादी भी नहीं कर सकता था , क्योंकि जो बिज़नस वो कर रहा था वो उसकी पत्नी से संबंधित था। उसकी पत्नी, कावेरी, पच्चीस साल की सुंदर और आकर्षक युवती थी।
एक दिन दीपक और कावेरी अपने मिलने वालों में से किसी से मिले।वो लोग भी कुछ साल पहले निसंतान थे। उन्होने सलाह दी की जैसे उन्होने किआ वो भी वो कोशिश करके देखें। वो लोग एक धार्मिक स्थल पर पूजा करके मन्नत माँग के आए थे पर वो जगह काफी दूर थी और वहाँ जाने में 8 से 10 दिन लग सकते थे और वहाँ डेनियल नाम का एक ट्रेकर था जो उस जगह तक लेके जाता था। वहाँ सिर्फ पैदल ही जा सकते थे।
कावेरी की भाभी माला भी उनके साथ जाने के लिए तयार हो गई। उन लोगो ने ट्रेन में अपना रिज़र्वेशन कराया और पूर्व की तरफ चल दिये।
चार दिन बाद वो एक दूर बसे गाँव में पहुँचे जहाँ से बैलगाड़ी में बैठकर वो लोग तीन घंटे चलने के बाद एक जगह पहुँच गए। वो एक छोटा सा गाँव सा ही था जहाँ उन्होने जल्दी ही डेनियल को ढूंढ लिया। डेनियल 25 साल का हुष्ट पुष्ट युवक था। वो पहाड़ी इलाक़ों को काफी अछि तरह से जानता था। जब वो बहुत छोटा था तब उसके माँ बाप दोनों ने उसके पहाड़ी तूफान के दौरान खो दिया था और उसके बाद वो इधर उधर घूमता हुआ इस छोटे से इलाक़े में आकार बस गया था।
यहाँ जो पवित्र गुफा थी, उस पर कई जोड़े घूमने आते थे तो वही एक था जो उन्हे लेके जाता था और उसे अपने इस काम से संतुष्टी भी होती थी
आज फिर से गाँव में दीपक, कावेरी और मालाके आने से वो खुश था
कीएक बार उसकी फिर से अच्छी कमाई हो जाएगी। वैसे भी माला की निगाहें उसे बड़ी देर से घूरे जा रही थी जिसे वो भी पसंद कर रहा था।
जैसे ही एक बाद डील तय हुयी, वो लोग फूस की बनी झोंपड़ी में बैठ गए जहाँ डेनियल ने उन्हे पहाड़ी सफर के बारे में जानकारी दी, कितना सामान वो लोग साथ में ले जा सकते हैं, क्या खा सकेंगे, कहाँ रात बितानी होगी। बाहर आते समय उसने बोला कि रात में हम लोग सफर करेंगे और दिन में आराम।
और हम लोग कल के बाद आने वाली रात में सफर की शुरुआत करेनेगे क्यूंकी चाँदनी रात का फाइदा मिलेगा और पूरे सफर में करीब पंद्रह दिन लगेंगे।
इसके बाद डेनियल ने अपने मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम किया। जल्दी ही रात हुयी और पर अंधेरे की वजह से एक लालटेन की रोशनी में सभी बैठे थे और महिलाएँ कपड़े बदलना चाहती थी, फिर जब माला ने दीपक को बाहर जाने के लिए बोला तो वो बाहर निकाल गया, माला बोली, "अब ठीक है , कावेरी जल्दी से कपड़े बदल लो, पता नहीं आगे कैसे होगा? लगता है खुले में ही कपड़े बदलने की आदत डालनी पड़ेगी।"
"अरे जब का तब देखेंगे, अभी तो ठीक है न।", कावेरी ने जवाब दिया और माला की तरफ देखती हुयी मुस्कुरा दी। वो दोनों आपस में अच्छी सहेली भी थी।
"यह जगह बहुत सुंदर है और आशा है की हमारा सफर सफल हो ", कावेरी ने कहा।
कपड़े बदल लेने के बाद फिर से एक प्रोब्लेम खड़ी हो गई। जमीन पर जो बिस्तर लगा था, उस पर तीनों लोग नहीं सो सकते थे। सो दीपक ने थोड़ा अलग होकर लेटने का फैसला किआ।
अगले दिन की शुरुआत सफर की तयारी में लग गई। और जब शाम हुयी तो डेनियल ने उन सभी को आराम करने की सलाह दी क्यूंकी अगली शाम उन्हे सफर शुरू करना था। तीनों अपनी झोंपड़ी में पहुँच गए। अंदर आते ही माला ने अपनी साड़ी उतारने के लिए अपने ब्लाउज़ में लगे हूक्स खोलने शुरू कर दिये बिना इस के इंतजार किए की दीपक बाहर जाएगा। दीपक यह देख कर बोला, "हमे इसकी आदत डालनी पड़ेगी शायद। माला ने एक नाइटी पहन ली और दीपक भी पेंट उतार कर पाजामा पहन लिया।
"shame shame ", कावेरी नाइटी पहनती हुयी दीपक को छेड़ने लगी।तीनों जल्दी ही लेट गए। सब तरफ शांति थी और जंगली कीड़ों की आवाज रात का मधुर संगीत दे रही थी। माला ने कहा, "कल के बारे में सोचो जरा !"
"क्या, किस बारे में ?", कावेरी ने पूछा।
"कल से कुछ भी निजता नहीं रहेगी, सब कुछ खुले में करना होगा, और तो और दो पुरुष हमारे साथ होंगे।", माला ने कहा।
"दो ?" कावेरी ने आश्चर्य से पूछा।
"हाँ, डेनियल को क्यूँ भूलती हो? वो हमारे साथ हर समय रहेगा", माला ने कहा, "और हमे इन लोगो के सामने ही कपड़े पहनने और उतारने पड़ेंगे।"
"तो फिर हमे क्या करना चाहिए?", कावेरी ने कहा
"कुछ भी नहीं किआ जा सकता।" माला ने कहा,
"वैसे माला दीदी आपने हमारे संग आकार हम पर बहुत बड़ा उपकार किया।", कावेरी ने कहा
"अरे नहीं, मुझे भी थोड़ा बदलाव चाहिए था, इनकी डैथ के बाद से में कहीं बाहर नहीं जा पायी।", माला ने जवाब दिया।
माला शादी के एक साल बाद ही विधवा हो गई थी। और अभी 2 साल ही हुये थे इस घटना को।
वो लोग बातें करते सो गए। पर दीपक उन लोगो की बातें चुपचाप सुन रहा था, सुबह जब वो उठा तो धीरे से कावेरी के पास गया और उसकी चादर में हाथ डाला और उसकी गरम जांघों को छूने लगा, अपनी जांघों पर कुछ स्पर्श को अनुभव करके कावेरी ने आँख खोली और अपने सामने अपने पति को पाया, वो इशारे से दीपक को समझने लगी की रुक जाओ, बगल में माला दीदी लेटी हैं। उसने अपना हाथ तुरंत हटा लिया और बाहर की तरफ चला गया। माला को यह सब पता चल गया। कावेरी को देखते हुये वो मुस्कुराने लगी, और बोली, "बेचारा...तुम लोग अपने लिए कुछ वक्त निकाल लो न।"
और शाम 6 बजे उन लोगो को यात्रा शुरू हुयी। कावेरी खुश थी की वो उस पवित्र गुफा के दर्शन में पूजा अर्चना करके मन्नत मांगेगी। दीपक इस अडवेंचर भरे सफर से उत्साहित था और माला उन लोगो का साथ पाकर खुश थी।
वो लोग पहाड़ की ऊंचाइयों की तरफ चल दिया। हारा भरा मैदान और थंडी थंडी हवा उन लोगो का मन छु ले रहा था। करीं आठ बजे डेनियल ने उन लोगो को सुस्ताने के लिए रुकने को कहा। थोड़ा सा नासता करने के बाद वो लोग फिर से आगे बढ़ चले। अब दीपक आगे चल रहा था।
जल्दी ही वो लोग आपस में घुलमिल रहे थे और एक दूसरे से मजाक भी करते जा रहे थे। डेनियल भी उन्हे हंसा रहा था। कावेरी अनुभव कर रही थी की माला डेनियल में बहुत रूचि ले रही थी। डेनियल भी रेमबो जैसा लग रहा था।10 मिनट बाद वो लोग रुक गए। एक चट्टान के पास आकार डेनियल ने कहा, "हम लोग यहीं केंप लगाएंगे।"
तीनों लोग खुश थे की पहले दिन की यात्रा समाप्त हो रही थी। उन लोगों ने अपनी बेग्स उतारे और कुछ खाने के सामान से अपनी भुंख शांत करी। उसके बाद सबसे पहले कावेरी उठी और चट्टान के पीछे जाकर कपड़े बदल कर जमीन पर लेट गई और अपने पैरों पर एक चादर डाल ली और शोल्डर बेग को तकिया बना लिया। माला ने भी यही किआ।
इसके बाद डेनियल ने दीपक से कहा, "हम दोनों को महिलाओं के दोनों तरफ अपनी जगह लेनी चाहिए क्योंकि यहाँ इस इलाक़े में रात को जंगली सुअर आ जाते हैं। और यह कहता हुआ वो माला की तरफ वाली साइड में थोड़ा दूर जाकर बैठ गया। माला को आशा थी की वो थोड़ा नजदीक होता। और उधर भाग्यशाली थी कावेरी की उसका पति उसकी तरफ आकार लेट गया था। उधर कावेरी और माला के लिए यह नया अनुभव था।
माला और कावेरी दोनों आपस में फुसफुसा कर बातें कर रही थी।
"कावेरी, अब तो खुश हो, मौका मिल गया आज तो ", माला ने कहा।
"ऐसा कुछ नहीं है।", कावेरी ने शरमाते हुये कहा।
"क्या बात कर रही हो, तुम्हारी बॉडी तो यही कह रही है। देखो जरा अपने सीने को।", माला बोली।
"हो सकता है...पर यह जगह और मौका सही नहीं है।", कावेरी ने कहा.
यह सब बातें करते हुये कावेरी उत्तेजना में आ रही थी। और माला की तरफ देख कर बोली, "आपका फिगर काफी अच्छा है दीदी।"
"हाँ, पर मैं तुम्हारी तरह भाग्यशाली नहीं हूँ", माला ने कहा।
कुछ देर बाद जब माला सो गई तो दीपक ने धीरे से कावेरी का हाथ पकड़ा और उसे अपने उत्तेजित लिंग पर रख दिया। कावेरी अपने पति की इस हरकत से एकदम हककि बक्की रह गई। उसे लगा था की दीपक सो गया होगा। पर उसने जब देखा की दीपक की इच्छा क्या है तो उसने उसके लिंग को अपनी हथेलियों में जकड़ लिया और धीरे धीरे उसे शांत करने की कोशिश करने लगी।
अगली सुबह जब माला उठी तो उसने देखा दीपक और कावेरी एक दूसरे से गुथमगुथा होकर सो रहे हैं, उसने उन्हे देखा, डेनियल भी उठा और और माला को देखकर मुस्कुरा गया। "पानी कहाँ मिलेगा ?", माला ने डेनियल से पूछा।
"मेरे पीछे आओ", डेनियल ने कहा।
माला तौलिये और कपड़े लेकर उसके साथ चल दी। और डेनियल जल्दी ही उसे एक झरने के पास ले गया। माला को लगा की वो स्वर्ग में आ गई है।
"यह बहुत सुंदर है ", माला ने कहा
"अभी और भी सुंदर जगह हैं यहाँ", डेनियल ने कहा।
"अब आप जरा यहाँ मुझे अकेला छोड़ोगे तो मैं नहा लूँ", माला ने कहा।
"नहीं... मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता... याद नही ... जंगली सुअर।", डेनियल ने कहा
"तुम भी वही लगते हो", माला गुस्से से बोली और झरने की तरफ चलदी। वो झरने के नीचे खड़ी हो गई। पानी की मोटी धार उसके ऊपर पढ़ रही थी। डेनियल कुछ दूरी पर बैठा उसे पानी से अठखेलियाँ करते हुये देख रहा था। वो पानी की धार में खड़ी होकर चारो और घूमे जा रही थी। जब उसे लगा की माला को कुछ निजता देनी चाहिए तो वो वापस घूमा और केंप की तरफ चल दिया।
माला ने उसे जाता देख, अपना नाइट गोउन उतार दिया और पेंटी और ब्रा में आ गई। और फिर से नहाने का आनंद लेने लगी।
जल्दी ही शाम होने लगी और वो लोग अपने बेग्स पेक करने लगे। और फिर आगे चल पड़े। डेनियल सबसे आगे था, कावेरी उसके पीछे और फिर माला और सबसे लास्ट में दीपक था। दीपक माला के पीछे चल रहा था और उसकी निगाहें माला की हिप्स पर थी जो उसकी जीन्स के अंदर से उभर रहे थे। वो बीच बीच में मजाक मस्ती में माला को पीछे से आगे की और धक्का मारने के लिए उसके हिप्स पर हाथ रख देता था। और एक बार जब माला पीछे देख कर मुस्कुरा गई तो दीपक में और साहस आ गया। कुछ देर में माला और दीपक एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चलने लगे।
चलते चलते दीपक ने पूछा, "भाभी, आप आराम से तो हो? कोई दिक्कत तो नहीं ?"
"मतलब ?", माला ने पूछा
"मेरा मतलब, जीन्स से है, आपको कुछ हल्का पहनना चाहिए जैसे कावेरी ने स्कर्ट पहना। ", दीपक ने कहा।
"मेरे पास स्कर्ट नहीं है पर एक शॉर्ट है, पर उसे पहनने के लिए आप लोगों की परमिसन चाहिए", माला ने कहा।
"परमिसन की क्या जरूरत है, कावेरी के पास भी है, और वो भी तो पहनती है। अगर शरम लगती है तो थोड़ा रात हो जाये तब पहन लेना। कावेरी भी पहन लेगी।", दीपक ने कहा।
"तब तो आप ही रह गए बिना शॉर्ट के, आप तो पेंट में हो न", माल ने चुटकी लेते हुये कहा।"
"तो क्या हुआ , मैं उसे उतार दूंगा न॥" दीपक ने कहा
"मतलब, बिना पेंट के .... ?" माला ने हँसते हुये कहा।
"अरे नहीं। मैं भी शॉर्ट पहन लूँगा बाबा।", दीपक ने हँसते हुये कहा।
"आप बहुत naughty हो", माला ने कहा
दीपक ने माला की कमर में हाथ डाल लिया और साथ साथ चलने लगे। कावेरी ने उन्हे देखा और मुस्कुरा कर बोली, "यह क्या दीपक, पार्टी बदल ली तुमने.... ?", और तीनों जोरों से हँसने लगे।
डेनियल ने कहा, "हम लोग यहाँ रुकते हैं "
वो लोग वहीं बैठ गए। माला और डेनियल साथ बैठे थे और कावेरी और दीपक एक साथ। और पंद्रह मिनट के ब्रेक के बाद जब चलने का नंबर आया तो माला ने कहा की मैं अभी आती हूँ। और वो थोड़ा दूर गई और एक पेड़ की ओट में एक कमीज और शॉर्ट पहन कर लौट आई। उसने अपनी शर्ट को अपनी टुंडी के ऊपर बांधा हुआ था और उसकी चिकनी जांघे चंद्रमा की रोशनी में चमक रही थी।
वो लोग आगे बढ़े, और माला ने दीपक का हाथ थाम लिया और कावेरी ने डेनियल का। कावेरी बड़ी उत्साहित थी क्यूंकी उसके नरम हथेलियों को डेनियल की मजबूत हाथों ने थामा हुआ था। असल में दीपक और कावेरी दोनों ही broadminded couple थे। सो इस तरह की बातों को इतना गहराई से नहीं लेते थे।
"भाभी तुम बहुत सुंदर लग रही हो", दीपक बोला
"अच्छा, वो क्यूँ, इसलिए की मेरी टाँगे दिख रही हैं?", माला ने कहा।
"हाँ, हो सकता है ", दीपक ने कहा।
"और तुम इसका मजा ले रहे हो", माला ने कहा।
"मुझे आपका साथ पसंद आ रहा है।", दीपक ने कहा।
"बिना यह सोचे की तुम्हारी पत्नी भी हमारे साथ चल रही है,", माला ने कहा।
"हाँ, तो क्या, हम लोग ज्यादा नहीं सोचते।" दीपक ने कहा और अपना हाथ माला की कमर से उसके हिप्स के ऊपरी उभर पर कर लिया।
"तुम मौके का फायदा उठा रहे हो", माला ने कहा।
"नहीं, मैं तो आपको support कर रहा हूँ।" दीपक ने कहा।
"तब ठीक है।" माला ने कहा
"थोड़ा पास आइए ", दीपक ने कहा
"क्यूँ"
"बस, ऐसे ही"
वो पास आ गई और बोली, "हैप्पी?"
"हाँ, बिल्कुल!" और कहते हुये उसने माला के हिप्स पर हाथ फेरा और उन्हे भींच दिया।
"तुम्हें यह नहीं करना चाहिए", माला ने कहा।
"मैं क्या कर रहा हूँ?"
"तुम मेरे हिप्स को जकड़ रहे हो।"
"तो ... ? उसमे बुरा क्या है?"
"अपनी पत्नी से पूछ कर देखो, वो बता देगी"
"वो तो बहुत आगे चल रही है"
"तो इसी का फाइदा उठा रहे हो"
"नहीं... मैं तो आपको आराम देने की कोशिश कर रहा हूँ"
"आराम? किस बात का ?"
"सफर का... इससे सफर की थकान दूर हो जाएगी।"
"और... "
"और क्या... अच्छा लगेगा"
"और तुम्हें इससे क्या मिलेगा?"
"मुझे इन्हे मसलने का सुख मिलेगा।" और कहते हुये उसके हिप्स को अच्छी तरह से अपनी हथेलियों में भरने लगा।
माला एक अनजाने सुख से भर गई जैसे ही उसकी हथेलियों ने उसके हिप्स को जकड़ा।
"ठीक है, पर इससे आगे कुछ भी नहीं...समझे।" माला ने कहा।
"बिल्कुल नहीं... जब तक आप न कहें।" दीपक ने कहातभी दीपक ने देखा की आगे कावेरी और डेनियल रुक गए हैं और कुछ बातचीत कर रहे हैं। जब वो वहाँ पहुँचे तो डेनियल ने कहा, "कावेरी थक गई हैं और आराम चाहती हैं।
बीस मिनट के आराम के बाद वो लोग फिर से चलने लगे पर इस बार दीपक और कावेरी एक साथ हो गए और डेनियल ने माला की तरफ हाथ बढ़ा दिया जिससे माला बहुत खुश हो गई। और माला ने डेनियल की कमर में अपना हाथ डाल लिया और डेनियल माला के इस कदम से बहुत खुश हुआ अपने मन में।
कुछ दूरी तक वो लोग चलते रहे और आखिर में डेनियल ने फिर से रुकने के लिए कहा। दोनों महिलाएँ बहुत थक गई थी। वो दोनों बिना कुछ सोचे समझे वहीं एक साथ लेट गईं। जबकि दोनों आदमी लोग खड़े उन्हे देख रहे थे। और फिर दीपक कावेरी के साथ और डेनियल माला की तरफ लेट गया। आज वो माला के थोड़ा नजदीक था।
उन लोगों ने अपने को ढाँका नहीं था और वैसे भी वो लोग घास के ढेर पर लेटे हुये थे । दीपक अपनी पत्नी के नजदीक आ गया और उसे कावेरी को छूने की तमन्ना हुयी तो उसने अपने हाथ घास के नीचे से उसके हिप्स पर रख लिए। और उन्हे मसलने लगा। कावेरी को कोई दिक्कत नहीं थी और वो उत्तेजित हो रही थी। उसने दीपक को और आजादी देने के लिए माला की तरफ करवट ले ली , उधर माला जैसे जैसे साँसे ले रही थी उसका वक्ष ऊपर नीचे हो रहा था। माला का वक्षस्थल बहुत विकसित था। इसका फाइदा दीपक ने उठाया और वो कावेरी के और नजदीक आ गया। और उसकी स्कर्ट को ऊपर किया। उधर माला ने भी कावेरी की तरफ करवट ले ली और कावेरी के स्तनो पर अपने हाथ टीका दिये, जिससे कावेरी को और उत्तेजना का अनुभव होने लगा। और वो उम उम करके आवाज करने लगी। माला को लगा की यह सब उसके हाथ रखने की वजह से है वो और निडर हो गई और उसने कावेरी की शर्ट के बटन खोल दिये और उसके दोनों हिस्से इधर उधर कर दिये और सामने थे कावेरी के नंगे स्तन, भरे पूरे...उसकी ब्रा के अंदर जकड़े हुये। उन्हे देखते हुये उसने अपने हाथ आगे बढ़ाए और उसके स्तनो को अपने हाथों से थाम लिया और उनकी गरमाहट महसूस करने लगी।
जबकि दीपक ने अपना हाथ कावेरी की जांघों के बीच में डाल दिया था। कावेरी ने भी अपने पैर थोड़े खोल लिए थे। और जहाँ कावेरी एक तरफ अपने स्तनो पर अपनी भाभी के हाथों का स्पर्श पा रही थी और दूसरी तरफ दीपक उसकी जांघों के बीच दवाब बना रहा था। जब माला ने महसूस किया की कावेरी भी मजे ले रही है तो उसने कावेरी के स्तनो को और अच्छी तरह से सहलाना शुरू कर दिया और कावेरी की जांघों के बीच गीलापन शुरू हो गया था, उसकी पेंटी में गीलापन आ चुका था।
दीपक ने उसकी गीली पेंटी को महसूस किया, कावेरी को पहला ओरगास्म हो चुका था और उसने दीपक की तरफ करवट ले ली, उसके इस तरह से करवट लेटे ही दीपक ने उसका हाथ पकड़ कर अपने जीन्स पर वहाँ रख दिया जहाँ उसका लिंग उफान के मारे बाहर निकालने को आतुर था। दीपक के मुह से आह निकल गई जब कावेरी ने उसके लिंग को जीन्स की चेन खोलकर उसके अंडर वियर में से निकाल कर हाथ में पकड़ लिया। दीपक की आहें माला भी सुन पा रही थी। उसने अपने हाथ कावेरी की पींठ पर रख लिए। जबकि कावेरी दीपक के लिंग को ऊपर नीचे कर रही थी।
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एक दिन दीपक और कावेरी अपने मिलने वालों में से किसी से मिले।वो लोग भी कुछ साल पहले निसंतान थे। उन्होने सलाह दी की जैसे उन्होने किआ वो भी वो कोशिश करके देखें। वो लोग एक धार्मिक स्थल पर पूजा करके मन्नत माँग के आए थे पर वो जगह काफी दूर थी और वहाँ जाने में 8 से 10 दिन लग सकते थे और वहाँ डेनियल नाम का एक ट्रेकर था जो उस जगह तक लेके जाता था। वहाँ सिर्फ पैदल ही जा सकते थे।
कावेरी की भाभी माला भी उनके साथ जाने के लिए तयार हो गई। उन लोगो ने ट्रेन में अपना रिज़र्वेशन कराया और पूर्व की तरफ चल दिये।
चार दिन बाद वो एक दूर बसे गाँव में पहुँचे जहाँ से बैलगाड़ी में बैठकर वो लोग तीन घंटे चलने के बाद एक जगह पहुँच गए। वो एक छोटा सा गाँव सा ही था जहाँ उन्होने जल्दी ही डेनियल को ढूंढ लिया। डेनियल 25 साल का हुष्ट पुष्ट युवक था। वो पहाड़ी इलाक़ों को काफी अछि तरह से जानता था। जब वो बहुत छोटा था तब उसके माँ बाप दोनों ने उसके पहाड़ी तूफान के दौरान खो दिया था और उसके बाद वो इधर उधर घूमता हुआ इस छोटे से इलाक़े में आकार बस गया था।
यहाँ जो पवित्र गुफा थी, उस पर कई जोड़े घूमने आते थे तो वही एक था जो उन्हे लेके जाता था और उसे अपने इस काम से संतुष्टी भी होती थी
आज फिर से गाँव में दीपक, कावेरी और मालाके आने से वो खुश था
कीएक बार उसकी फिर से अच्छी कमाई हो जाएगी। वैसे भी माला की निगाहें उसे बड़ी देर से घूरे जा रही थी जिसे वो भी पसंद कर रहा था।
जैसे ही एक बाद डील तय हुयी, वो लोग फूस की बनी झोंपड़ी में बैठ गए जहाँ डेनियल ने उन्हे पहाड़ी सफर के बारे में जानकारी दी, कितना सामान वो लोग साथ में ले जा सकते हैं, क्या खा सकेंगे, कहाँ रात बितानी होगी। बाहर आते समय उसने बोला कि रात में हम लोग सफर करेंगे और दिन में आराम।
और हम लोग कल के बाद आने वाली रात में सफर की शुरुआत करेनेगे क्यूंकी चाँदनी रात का फाइदा मिलेगा और पूरे सफर में करीब पंद्रह दिन लगेंगे।
इसके बाद डेनियल ने अपने मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम किया। जल्दी ही रात हुयी और पर अंधेरे की वजह से एक लालटेन की रोशनी में सभी बैठे थे और महिलाएँ कपड़े बदलना चाहती थी, फिर जब माला ने दीपक को बाहर जाने के लिए बोला तो वो बाहर निकाल गया, माला बोली, "अब ठीक है , कावेरी जल्दी से कपड़े बदल लो, पता नहीं आगे कैसे होगा? लगता है खुले में ही कपड़े बदलने की आदत डालनी पड़ेगी।"
"अरे जब का तब देखेंगे, अभी तो ठीक है न।", कावेरी ने जवाब दिया और माला की तरफ देखती हुयी मुस्कुरा दी। वो दोनों आपस में अच्छी सहेली भी थी।
"यह जगह बहुत सुंदर है और आशा है की हमारा सफर सफल हो ", कावेरी ने कहा।
कपड़े बदल लेने के बाद फिर से एक प्रोब्लेम खड़ी हो गई। जमीन पर जो बिस्तर लगा था, उस पर तीनों लोग नहीं सो सकते थे। सो दीपक ने थोड़ा अलग होकर लेटने का फैसला किआ।
अगले दिन की शुरुआत सफर की तयारी में लग गई। और जब शाम हुयी तो डेनियल ने उन सभी को आराम करने की सलाह दी क्यूंकी अगली शाम उन्हे सफर शुरू करना था। तीनों अपनी झोंपड़ी में पहुँच गए। अंदर आते ही माला ने अपनी साड़ी उतारने के लिए अपने ब्लाउज़ में लगे हूक्स खोलने शुरू कर दिये बिना इस के इंतजार किए की दीपक बाहर जाएगा। दीपक यह देख कर बोला, "हमे इसकी आदत डालनी पड़ेगी शायद। माला ने एक नाइटी पहन ली और दीपक भी पेंट उतार कर पाजामा पहन लिया।
"shame shame ", कावेरी नाइटी पहनती हुयी दीपक को छेड़ने लगी।तीनों जल्दी ही लेट गए। सब तरफ शांति थी और जंगली कीड़ों की आवाज रात का मधुर संगीत दे रही थी। माला ने कहा, "कल के बारे में सोचो जरा !"
"क्या, किस बारे में ?", कावेरी ने पूछा।
"कल से कुछ भी निजता नहीं रहेगी, सब कुछ खुले में करना होगा, और तो और दो पुरुष हमारे साथ होंगे।", माला ने कहा।
"दो ?" कावेरी ने आश्चर्य से पूछा।
"हाँ, डेनियल को क्यूँ भूलती हो? वो हमारे साथ हर समय रहेगा", माला ने कहा, "और हमे इन लोगो के सामने ही कपड़े पहनने और उतारने पड़ेंगे।"
"तो फिर हमे क्या करना चाहिए?", कावेरी ने कहा
"कुछ भी नहीं किआ जा सकता।" माला ने कहा,
"वैसे माला दीदी आपने हमारे संग आकार हम पर बहुत बड़ा उपकार किया।", कावेरी ने कहा
"अरे नहीं, मुझे भी थोड़ा बदलाव चाहिए था, इनकी डैथ के बाद से में कहीं बाहर नहीं जा पायी।", माला ने जवाब दिया।
माला शादी के एक साल बाद ही विधवा हो गई थी। और अभी 2 साल ही हुये थे इस घटना को।
वो लोग बातें करते सो गए। पर दीपक उन लोगो की बातें चुपचाप सुन रहा था, सुबह जब वो उठा तो धीरे से कावेरी के पास गया और उसकी चादर में हाथ डाला और उसकी गरम जांघों को छूने लगा, अपनी जांघों पर कुछ स्पर्श को अनुभव करके कावेरी ने आँख खोली और अपने सामने अपने पति को पाया, वो इशारे से दीपक को समझने लगी की रुक जाओ, बगल में माला दीदी लेटी हैं। उसने अपना हाथ तुरंत हटा लिया और बाहर की तरफ चला गया। माला को यह सब पता चल गया। कावेरी को देखते हुये वो मुस्कुराने लगी, और बोली, "बेचारा...तुम लोग अपने लिए कुछ वक्त निकाल लो न।"
और शाम 6 बजे उन लोगो को यात्रा शुरू हुयी। कावेरी खुश थी की वो उस पवित्र गुफा के दर्शन में पूजा अर्चना करके मन्नत मांगेगी। दीपक इस अडवेंचर भरे सफर से उत्साहित था और माला उन लोगो का साथ पाकर खुश थी।
वो लोग पहाड़ की ऊंचाइयों की तरफ चल दिया। हारा भरा मैदान और थंडी थंडी हवा उन लोगो का मन छु ले रहा था। करीं आठ बजे डेनियल ने उन लोगो को सुस्ताने के लिए रुकने को कहा। थोड़ा सा नासता करने के बाद वो लोग फिर से आगे बढ़ चले। अब दीपक आगे चल रहा था।
जल्दी ही वो लोग आपस में घुलमिल रहे थे और एक दूसरे से मजाक भी करते जा रहे थे। डेनियल भी उन्हे हंसा रहा था। कावेरी अनुभव कर रही थी की माला डेनियल में बहुत रूचि ले रही थी। डेनियल भी रेमबो जैसा लग रहा था।10 मिनट बाद वो लोग रुक गए। एक चट्टान के पास आकार डेनियल ने कहा, "हम लोग यहीं केंप लगाएंगे।"
तीनों लोग खुश थे की पहले दिन की यात्रा समाप्त हो रही थी। उन लोगों ने अपनी बेग्स उतारे और कुछ खाने के सामान से अपनी भुंख शांत करी। उसके बाद सबसे पहले कावेरी उठी और चट्टान के पीछे जाकर कपड़े बदल कर जमीन पर लेट गई और अपने पैरों पर एक चादर डाल ली और शोल्डर बेग को तकिया बना लिया। माला ने भी यही किआ।
इसके बाद डेनियल ने दीपक से कहा, "हम दोनों को महिलाओं के दोनों तरफ अपनी जगह लेनी चाहिए क्योंकि यहाँ इस इलाक़े में रात को जंगली सुअर आ जाते हैं। और यह कहता हुआ वो माला की तरफ वाली साइड में थोड़ा दूर जाकर बैठ गया। माला को आशा थी की वो थोड़ा नजदीक होता। और उधर भाग्यशाली थी कावेरी की उसका पति उसकी तरफ आकार लेट गया था। उधर कावेरी और माला के लिए यह नया अनुभव था।
माला और कावेरी दोनों आपस में फुसफुसा कर बातें कर रही थी।
"कावेरी, अब तो खुश हो, मौका मिल गया आज तो ", माला ने कहा।
"ऐसा कुछ नहीं है।", कावेरी ने शरमाते हुये कहा।
"क्या बात कर रही हो, तुम्हारी बॉडी तो यही कह रही है। देखो जरा अपने सीने को।", माला बोली।
"हो सकता है...पर यह जगह और मौका सही नहीं है।", कावेरी ने कहा.
यह सब बातें करते हुये कावेरी उत्तेजना में आ रही थी। और माला की तरफ देख कर बोली, "आपका फिगर काफी अच्छा है दीदी।"
"हाँ, पर मैं तुम्हारी तरह भाग्यशाली नहीं हूँ", माला ने कहा।
कुछ देर बाद जब माला सो गई तो दीपक ने धीरे से कावेरी का हाथ पकड़ा और उसे अपने उत्तेजित लिंग पर रख दिया। कावेरी अपने पति की इस हरकत से एकदम हककि बक्की रह गई। उसे लगा था की दीपक सो गया होगा। पर उसने जब देखा की दीपक की इच्छा क्या है तो उसने उसके लिंग को अपनी हथेलियों में जकड़ लिया और धीरे धीरे उसे शांत करने की कोशिश करने लगी।
अगली सुबह जब माला उठी तो उसने देखा दीपक और कावेरी एक दूसरे से गुथमगुथा होकर सो रहे हैं, उसने उन्हे देखा, डेनियल भी उठा और और माला को देखकर मुस्कुरा गया। "पानी कहाँ मिलेगा ?", माला ने डेनियल से पूछा।
"मेरे पीछे आओ", डेनियल ने कहा।
माला तौलिये और कपड़े लेकर उसके साथ चल दी। और डेनियल जल्दी ही उसे एक झरने के पास ले गया। माला को लगा की वो स्वर्ग में आ गई है।
"यह बहुत सुंदर है ", माला ने कहा
"अभी और भी सुंदर जगह हैं यहाँ", डेनियल ने कहा।
"अब आप जरा यहाँ मुझे अकेला छोड़ोगे तो मैं नहा लूँ", माला ने कहा।
"नहीं... मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता... याद नही ... जंगली सुअर।", डेनियल ने कहा
"तुम भी वही लगते हो", माला गुस्से से बोली और झरने की तरफ चलदी। वो झरने के नीचे खड़ी हो गई। पानी की मोटी धार उसके ऊपर पढ़ रही थी। डेनियल कुछ दूरी पर बैठा उसे पानी से अठखेलियाँ करते हुये देख रहा था। वो पानी की धार में खड़ी होकर चारो और घूमे जा रही थी। जब उसे लगा की माला को कुछ निजता देनी चाहिए तो वो वापस घूमा और केंप की तरफ चल दिया।
माला ने उसे जाता देख, अपना नाइट गोउन उतार दिया और पेंटी और ब्रा में आ गई। और फिर से नहाने का आनंद लेने लगी।
उधर
डेनियल केंप पर लौटा, तब तक कावेरी और दीपक जाग चुके थे। दीपक ने उसे
घूरती आँखों से देखा, तो वो समझ गया की वो लोग माला के बारे में जानना
चाह रहे हैं।
"वो नहा रही हैं, वहाँ झरने में , आप भी जाना चाहो तो चलो मेरे साथ।", डेनियल ने कहा।
यह सुनकर कावेरी उठी और चल दी और जब वो झरने पर पहुँची, तो माला तौलिये से अपने को सूखा रही थी, माला को देख कर वो सीधी उसके पास गई और जब माला ने कहा, "यह वास्तव में अद्भुत है। बहुत अच्छा लगा।", सुनते ही उसने अपना नाइट गाउँ उतारा और ब्रा और पेंटी में झरने में चली गई।
डेनियल ने उसे नाइट गाउन उतार कर ब्रा और पेंटी में जाते हुये देखा पर जबतक वो उस पर गौर से नजर डाल पाता तब तक झरने के पानी ने उसे ढक दिया। और डेनियल वापस केंप की तरफ लौट गया।
इधर माला कावेरी को पानी में नहाते हुये देख रही थी और जब कावेरी तौलिया लेने पानी की धार से बाहर निकली तो उसका लगभग नग्न बदन दिख ही रहा था, माला की आँखें उसे घूर कर देख रही थी और कावेरी तौलिये से उसे छिपा कर रखने की कोशिश कर रही थी। माला आगे बढ़ी और उसके बालों को सुखाने में मदद करने लगी। "तुम बहुत खूबसूरत हो", माला ने कावेरी से कहा।
फिर कावेरी थोड़ा आगे बढ़ी, और माला उसे अपनी गीली ब्रा हटाते हुये देखने लगी। और फिर पेंटी ... उसके बाद तौलिये में लिपटे लिपटे ही वो अपने पेंटी और ब्रा धोने लगी। उसके बाद उसने एक स्कर्ट और शर्ट पहन ली और माला ने जीन्स और एक शर्ट पहन ली।
और जब वो लोग वापस केंप पर पहुँचे तो डेनियल और दीपक खाने की तयारी में लगे थे। डेनियल ने उन्हे भुने हुये आलू खाने को दिया। खाना खाकर वो चारो लोग एक घने पेड़ के नीचे जाकर सुस्ताने लगे। कावेरी और दीपक एक साथ बैठे थे और उनके सामने वाले पेड़ के नीचे माला और डेनियल बैठे थे। कावेरी को जल्दी ही नींद आ गई और वो अपने पैर फैलाकर लेट गई, इसी बीच उसकी स्कर्ट उसके घुटने तक चढ़ गई। माला ने देखा की डेनियल इस बात का फाइदा उठा रहा था और जब भी कावेरी हिलती डुलती डेनियल की निगाह उस तरफ हो जाती थी।
दीपक ने भी यही फील किया पर वो अपनी आँख बंद करके चुपचाप लेटा रहा। उधर कावेरी की नंगी टाँगे देख कर माला भी उत्तेजना में आ रही थी। वो भी अपनी टाँगे फैला कर लेट गई। दीपक ने यह सब देखा और वो माला की इस हरकत से उत्तेजित होने लगा। उसकी आँखें माला की लंबी टाँगों, भारी जांघें और भरे हुये नितंबो पर उसकी निगाहें पर टिक गईं। अभी यह सब चल ही रहा था की अचानक बुंदाबांदी शुरू हो गई। और जब तक सभी संभाल पाते, बारिश तेज हो गई। और वो लोग बारिश में इधर उधर बचने की जगह ढूँढने लगे।
और जब 10 मिनट बाद जब बारिश रुकी तो कावेरी ने पाया की उसका शर्ट पानी से भीग कर उसके सीने से चिपक गया है। दीपक, डेनियल और माला की नजर उसी पर थी। पर जैसे ही डेनियल ने अपनी भीगी कमीज उतारी, तो सबकी नजरे उसके चौड़ी छाती और भरे पूरे बदन पर दोनों महिलाओं की निगाहें उस पर जम गई।
"वो नहा रही हैं, वहाँ झरने में , आप भी जाना चाहो तो चलो मेरे साथ।", डेनियल ने कहा।
यह सुनकर कावेरी उठी और चल दी और जब वो झरने पर पहुँची, तो माला तौलिये से अपने को सूखा रही थी, माला को देख कर वो सीधी उसके पास गई और जब माला ने कहा, "यह वास्तव में अद्भुत है। बहुत अच्छा लगा।", सुनते ही उसने अपना नाइट गाउँ उतारा और ब्रा और पेंटी में झरने में चली गई।
डेनियल ने उसे नाइट गाउन उतार कर ब्रा और पेंटी में जाते हुये देखा पर जबतक वो उस पर गौर से नजर डाल पाता तब तक झरने के पानी ने उसे ढक दिया। और डेनियल वापस केंप की तरफ लौट गया।
इधर माला कावेरी को पानी में नहाते हुये देख रही थी और जब कावेरी तौलिया लेने पानी की धार से बाहर निकली तो उसका लगभग नग्न बदन दिख ही रहा था, माला की आँखें उसे घूर कर देख रही थी और कावेरी तौलिये से उसे छिपा कर रखने की कोशिश कर रही थी। माला आगे बढ़ी और उसके बालों को सुखाने में मदद करने लगी। "तुम बहुत खूबसूरत हो", माला ने कावेरी से कहा।
फिर कावेरी थोड़ा आगे बढ़ी, और माला उसे अपनी गीली ब्रा हटाते हुये देखने लगी। और फिर पेंटी ... उसके बाद तौलिये में लिपटे लिपटे ही वो अपने पेंटी और ब्रा धोने लगी। उसके बाद उसने एक स्कर्ट और शर्ट पहन ली और माला ने जीन्स और एक शर्ट पहन ली।
और जब वो लोग वापस केंप पर पहुँचे तो डेनियल और दीपक खाने की तयारी में लगे थे। डेनियल ने उन्हे भुने हुये आलू खाने को दिया। खाना खाकर वो चारो लोग एक घने पेड़ के नीचे जाकर सुस्ताने लगे। कावेरी और दीपक एक साथ बैठे थे और उनके सामने वाले पेड़ के नीचे माला और डेनियल बैठे थे। कावेरी को जल्दी ही नींद आ गई और वो अपने पैर फैलाकर लेट गई, इसी बीच उसकी स्कर्ट उसके घुटने तक चढ़ गई। माला ने देखा की डेनियल इस बात का फाइदा उठा रहा था और जब भी कावेरी हिलती डुलती डेनियल की निगाह उस तरफ हो जाती थी।
दीपक ने भी यही फील किया पर वो अपनी आँख बंद करके चुपचाप लेटा रहा। उधर कावेरी की नंगी टाँगे देख कर माला भी उत्तेजना में आ रही थी। वो भी अपनी टाँगे फैला कर लेट गई। दीपक ने यह सब देखा और वो माला की इस हरकत से उत्तेजित होने लगा। उसकी आँखें माला की लंबी टाँगों, भारी जांघें और भरे हुये नितंबो पर उसकी निगाहें पर टिक गईं। अभी यह सब चल ही रहा था की अचानक बुंदाबांदी शुरू हो गई। और जब तक सभी संभाल पाते, बारिश तेज हो गई। और वो लोग बारिश में इधर उधर बचने की जगह ढूँढने लगे।
और जब 10 मिनट बाद जब बारिश रुकी तो कावेरी ने पाया की उसका शर्ट पानी से भीग कर उसके सीने से चिपक गया है। दीपक, डेनियल और माला की नजर उसी पर थी। पर जैसे ही डेनियल ने अपनी भीगी कमीज उतारी, तो सबकी नजरे उसके चौड़ी छाती और भरे पूरे बदन पर दोनों महिलाओं की निगाहें उस पर जम गई।
जल्दी ही शाम होने लगी और वो लोग अपने बेग्स पेक करने लगे। और फिर आगे चल पड़े। डेनियल सबसे आगे था, कावेरी उसके पीछे और फिर माला और सबसे लास्ट में दीपक था। दीपक माला के पीछे चल रहा था और उसकी निगाहें माला की हिप्स पर थी जो उसकी जीन्स के अंदर से उभर रहे थे। वो बीच बीच में मजाक मस्ती में माला को पीछे से आगे की और धक्का मारने के लिए उसके हिप्स पर हाथ रख देता था। और एक बार जब माला पीछे देख कर मुस्कुरा गई तो दीपक में और साहस आ गया। कुछ देर में माला और दीपक एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चलने लगे।
चलते चलते दीपक ने पूछा, "भाभी, आप आराम से तो हो? कोई दिक्कत तो नहीं ?"
"मतलब ?", माला ने पूछा
"मेरा मतलब, जीन्स से है, आपको कुछ हल्का पहनना चाहिए जैसे कावेरी ने स्कर्ट पहना। ", दीपक ने कहा।
"मेरे पास स्कर्ट नहीं है पर एक शॉर्ट है, पर उसे पहनने के लिए आप लोगों की परमिसन चाहिए", माला ने कहा।
"परमिसन की क्या जरूरत है, कावेरी के पास भी है, और वो भी तो पहनती है। अगर शरम लगती है तो थोड़ा रात हो जाये तब पहन लेना। कावेरी भी पहन लेगी।", दीपक ने कहा।
"तब तो आप ही रह गए बिना शॉर्ट के, आप तो पेंट में हो न", माल ने चुटकी लेते हुये कहा।"
"तो क्या हुआ , मैं उसे उतार दूंगा न॥" दीपक ने कहा
"मतलब, बिना पेंट के .... ?" माला ने हँसते हुये कहा।
"अरे नहीं। मैं भी शॉर्ट पहन लूँगा बाबा।", दीपक ने हँसते हुये कहा।
"आप बहुत naughty हो", माला ने कहा
दीपक ने माला की कमर में हाथ डाल लिया और साथ साथ चलने लगे। कावेरी ने उन्हे देखा और मुस्कुरा कर बोली, "यह क्या दीपक, पार्टी बदल ली तुमने.... ?", और तीनों जोरों से हँसने लगे।
डेनियल ने कहा, "हम लोग यहाँ रुकते हैं "
वो लोग वहीं बैठ गए। माला और डेनियल साथ बैठे थे और कावेरी और दीपक एक साथ। और पंद्रह मिनट के ब्रेक के बाद जब चलने का नंबर आया तो माला ने कहा की मैं अभी आती हूँ। और वो थोड़ा दूर गई और एक पेड़ की ओट में एक कमीज और शॉर्ट पहन कर लौट आई। उसने अपनी शर्ट को अपनी टुंडी के ऊपर बांधा हुआ था और उसकी चिकनी जांघे चंद्रमा की रोशनी में चमक रही थी।
वो लोग आगे बढ़े, और माला ने दीपक का हाथ थाम लिया और कावेरी ने डेनियल का। कावेरी बड़ी उत्साहित थी क्यूंकी उसके नरम हथेलियों को डेनियल की मजबूत हाथों ने थामा हुआ था। असल में दीपक और कावेरी दोनों ही broadminded couple थे। सो इस तरह की बातों को इतना गहराई से नहीं लेते थे।
"भाभी तुम बहुत सुंदर लग रही हो", दीपक बोला
"अच्छा, वो क्यूँ, इसलिए की मेरी टाँगे दिख रही हैं?", माला ने कहा।
"हाँ, हो सकता है ", दीपक ने कहा।
"और तुम इसका मजा ले रहे हो", माला ने कहा।
"मुझे आपका साथ पसंद आ रहा है।", दीपक ने कहा।
"बिना यह सोचे की तुम्हारी पत्नी भी हमारे साथ चल रही है,", माला ने कहा।
"हाँ, तो क्या, हम लोग ज्यादा नहीं सोचते।" दीपक ने कहा और अपना हाथ माला की कमर से उसके हिप्स के ऊपरी उभर पर कर लिया।
"तुम मौके का फायदा उठा रहे हो", माला ने कहा।
"नहीं, मैं तो आपको support कर रहा हूँ।" दीपक ने कहा।
"तब ठीक है।" माला ने कहा
"थोड़ा पास आइए ", दीपक ने कहा
"क्यूँ"
"बस, ऐसे ही"
वो पास आ गई और बोली, "हैप्पी?"
"हाँ, बिल्कुल!" और कहते हुये उसने माला के हिप्स पर हाथ फेरा और उन्हे भींच दिया।
"तुम्हें यह नहीं करना चाहिए", माला ने कहा।
"मैं क्या कर रहा हूँ?"
"तुम मेरे हिप्स को जकड़ रहे हो।"
"तो ... ? उसमे बुरा क्या है?"
"अपनी पत्नी से पूछ कर देखो, वो बता देगी"
"वो तो बहुत आगे चल रही है"
"तो इसी का फाइदा उठा रहे हो"
"नहीं... मैं तो आपको आराम देने की कोशिश कर रहा हूँ"
"आराम? किस बात का ?"
"सफर का... इससे सफर की थकान दूर हो जाएगी।"
"और... "
"और क्या... अच्छा लगेगा"
"और तुम्हें इससे क्या मिलेगा?"
"मुझे इन्हे मसलने का सुख मिलेगा।" और कहते हुये उसके हिप्स को अच्छी तरह से अपनी हथेलियों में भरने लगा।
माला एक अनजाने सुख से भर गई जैसे ही उसकी हथेलियों ने उसके हिप्स को जकड़ा।
"ठीक है, पर इससे आगे कुछ भी नहीं...समझे।" माला ने कहा।
"बिल्कुल नहीं... जब तक आप न कहें।" दीपक ने कहातभी दीपक ने देखा की आगे कावेरी और डेनियल रुक गए हैं और कुछ बातचीत कर रहे हैं। जब वो वहाँ पहुँचे तो डेनियल ने कहा, "कावेरी थक गई हैं और आराम चाहती हैं।
बीस मिनट के आराम के बाद वो लोग फिर से चलने लगे पर इस बार दीपक और कावेरी एक साथ हो गए और डेनियल ने माला की तरफ हाथ बढ़ा दिया जिससे माला बहुत खुश हो गई। और माला ने डेनियल की कमर में अपना हाथ डाल लिया और डेनियल माला के इस कदम से बहुत खुश हुआ अपने मन में।
कुछ दूरी तक वो लोग चलते रहे और आखिर में डेनियल ने फिर से रुकने के लिए कहा। दोनों महिलाएँ बहुत थक गई थी। वो दोनों बिना कुछ सोचे समझे वहीं एक साथ लेट गईं। जबकि दोनों आदमी लोग खड़े उन्हे देख रहे थे। और फिर दीपक कावेरी के साथ और डेनियल माला की तरफ लेट गया। आज वो माला के थोड़ा नजदीक था।
उन लोगों ने अपने को ढाँका नहीं था और वैसे भी वो लोग घास के ढेर पर लेटे हुये थे । दीपक अपनी पत्नी के नजदीक आ गया और उसे कावेरी को छूने की तमन्ना हुयी तो उसने अपने हाथ घास के नीचे से उसके हिप्स पर रख लिए। और उन्हे मसलने लगा। कावेरी को कोई दिक्कत नहीं थी और वो उत्तेजित हो रही थी। उसने दीपक को और आजादी देने के लिए माला की तरफ करवट ले ली , उधर माला जैसे जैसे साँसे ले रही थी उसका वक्ष ऊपर नीचे हो रहा था। माला का वक्षस्थल बहुत विकसित था। इसका फाइदा दीपक ने उठाया और वो कावेरी के और नजदीक आ गया। और उसकी स्कर्ट को ऊपर किया। उधर माला ने भी कावेरी की तरफ करवट ले ली और कावेरी के स्तनो पर अपने हाथ टीका दिये, जिससे कावेरी को और उत्तेजना का अनुभव होने लगा। और वो उम उम करके आवाज करने लगी। माला को लगा की यह सब उसके हाथ रखने की वजह से है वो और निडर हो गई और उसने कावेरी की शर्ट के बटन खोल दिये और उसके दोनों हिस्से इधर उधर कर दिये और सामने थे कावेरी के नंगे स्तन, भरे पूरे...उसकी ब्रा के अंदर जकड़े हुये। उन्हे देखते हुये उसने अपने हाथ आगे बढ़ाए और उसके स्तनो को अपने हाथों से थाम लिया और उनकी गरमाहट महसूस करने लगी।
जबकि दीपक ने अपना हाथ कावेरी की जांघों के बीच में डाल दिया था। कावेरी ने भी अपने पैर थोड़े खोल लिए थे। और जहाँ कावेरी एक तरफ अपने स्तनो पर अपनी भाभी के हाथों का स्पर्श पा रही थी और दूसरी तरफ दीपक उसकी जांघों के बीच दवाब बना रहा था। जब माला ने महसूस किया की कावेरी भी मजे ले रही है तो उसने कावेरी के स्तनो को और अच्छी तरह से सहलाना शुरू कर दिया और कावेरी की जांघों के बीच गीलापन शुरू हो गया था, उसकी पेंटी में गीलापन आ चुका था।
दीपक ने उसकी गीली पेंटी को महसूस किया, कावेरी को पहला ओरगास्म हो चुका था और उसने दीपक की तरफ करवट ले ली, उसके इस तरह से करवट लेटे ही दीपक ने उसका हाथ पकड़ कर अपने जीन्स पर वहाँ रख दिया जहाँ उसका लिंग उफान के मारे बाहर निकालने को आतुर था। दीपक के मुह से आह निकल गई जब कावेरी ने उसके लिंग को जीन्स की चेन खोलकर उसके अंडर वियर में से निकाल कर हाथ में पकड़ लिया। दीपक की आहें माला भी सुन पा रही थी। उसने अपने हाथ कावेरी की पींठ पर रख लिए। जबकि कावेरी दीपक के लिंग को ऊपर नीचे कर रही थी।
दीपक का वीर्य
निकल छूटने वाला ही था। वो सिर्फ इस बात से ही उत्तेजित नहीं था की उसकी
पत्नी उसके लिंग को पकड़ कर उसे आनंद दे रही थी बल्कि बगल में माला की
उपस्थिति को लेकर भी उत्तेजित था। दीपक का लिंग धड़के जा रहा था और जैसे
की कावेरी उसे ऊपर नीचे किए जा रही थी तो एक गहरी आह के साथ उसने अपना
वीर्य निकाल मारा।
माला ने भी यह सुना और समझ गई की दीपक का वीर्य निकल चुका है। और उसने कावेरी को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और उसके स्तनो को अपनी हथेलियों में भर लिया। और अपनी भाभी के स्तनो को अपने हाथो में भरकर सो गई।
माला ने भी यह सुना और समझ गई की दीपक का वीर्य निकल चुका है। और उसने कावेरी को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और उसके स्तनो को अपनी हथेलियों में भर लिया। और अपनी भाभी के स्तनो को अपने हाथो में भरकर सो गई।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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