Saturday, May 31, 2014

FUN-MAZA-MASTI परिवार की दुधारू गाय--1

FUN-MAZA-MASTI

 परिवार की दुधारू गाय--1
 मैं अपनी मामी के घर में रहता हूँ| मामी बहुत ही मोटी औरत हैं और मामी के स्तन बहुत ही बड़े हैं|मामी के स्तनों का व्यास बीस सेंटीमीटर है और जब स्तनों को सीधा कर दिया जाए तो उनकी लम्बाई अड़तालीस सेंटीमीटर होती है| मामी बहुत ही गोरी हैं और इस कारण मामी के स्तनों की त्वचा भी बहुत गोरी है और स्तनों के अन्दर की नीली नसें साफ़-साफ़ दिखती हैं| मामी के स्तनों के गोले गहरे भूरे रंग के हैं और उनका व्यास आठ सेन्टीमीटर है| मामी की गहरी भूरी चूचियां सामान्य तौर पर तीन सेंटीमीटर लम्बी और चार सेंटीमीटर चौड़ी रहती हैं|
मेरी मामी की सबसे ख़ास बात है कि उनके स्तनों में दूध का उत्पादन बहुत तेज़ी से होता है| मामी के स्तन दिन भर दूध से भरे रहते हैं और मामी अपने स्तनों के दूध के साथ बहुत ही उदार हैं| घर का सबसे छोटा सदस्य होने के कारण मामी सबसे लम्बे समय तक मुझे स्तनपान कराती हैं| मेरे बाद फिर मामी की ननद बहुत स्तनपान करती हैं| फिर मामी की बेटी, उनका बेटा, उनकी भांजी और उनका भतीजा भी मन भर स्तनपान करते हैं| और मामी फिर अपने पति और अपनी सास को भी अपना दूध पिला कर स्वस्थ रखती हैं| और सिर्फ इतना ही नहीं, घर में अगर खाने में दूध का उपयोग होता हो तो वो दूध भी मामी के स्तनों को दुह कर निकला जाता है|


 मैं और मामी बिस्तर पर सो रहे थे| मामी रात में सोने समय साड़ी उतर देती हैं और इसी कारण मामी हरी ब्लाउज और हरे पेटीकोट में थी| ब्लाउज के नीचे के तीन हुक खुले थे जिससे मामी की उजली ब्रा प्रदर्शित हो रही थी और मामी ने ब्रा की हुक ब्लाउज के अन्दर खोल रखी थी जिससे कि उनके स्तनों पर दबाव न पड़े|
तभी मामी अचानक से ही उठ जाती हैं और उंघते हुए दीवार-घड़ी पर समय देखती है|
मामी: “ अभी तो बस चार तीस ही हो रहे हैं....और मेरे स्तन दर्द करने लग गए (मामी अपनी हथेलियाँ अपने ब्लाउज के ऊपर रखती हैं) अभी रात को चार घंटे पहले ही तो मैंने प्रेम को सारा दूध पिलाकर अपने स्तन पूरे खाली किये थे...मेरे स्तन तो दिन-ब-दिन और तेज़ी से दूध पैदा करते जा रहे हैं (मामी अब अपनी हथेलियों को हल्का-हल्का स्तनों के ऊपर घुमाने भी लगी)...और मेरे स्तन दूध से लबालब भर गए हैं...वो भी इतना कि अत्यधिक दूध के दबाव से मेरे स्तनों में दर्द होने लग गया....प्रेम, बेटा, (मैं मामी की आवाज़ सुनकर ऊँघने लगता हूँ...मामी फिर मेरे सर पे हाथ रखती हैं)...प्रेम, मामी को तेरी मदद की ज़रुरत है..|”
मैं: “क्या हुआ मामी?”
मामी: “बेटा, तेरी मामी के स्तन समय दूध से पूरी तरह भर गए हैं...और मैं अपने स्तनों के दर्द से परेशान हो रही हूँ”
मैं: “ओह मामी, तो आप परेशान क्यों हो रही हैं....अपनी ब्लाउज में से अपने स्तन बाहर निकालिए और मुझे अपनी चूचियां चूसने दीजिये|”
मामी: “(हँसते हुए) क्यों रे, रोज़ तू छह घंटे अपनी मामी की चूचियां चूस कर दूध पीता है, तू बोर नहीं हुआ क्या अभी तक?”
मैं: “ आपके स्तनों से भी कोई बोर हो सकता है, मामी| अगर मेरे पेट में इतनी जगह होती तो मैं तो दिन भर आपकी चूचियां चूसते रहता....पर आप तो डेरी की गायों से भी ज्यादा दूध पैदा करती हैं...मैं सारा दूध नहीं पी पाता हूँ..| (मैं अपने हाथ जोर से मामी के स्तनों पे रखता हूँ) अब मामी, जल्दी से अपने स्तन उघाड़िये ”
मामी: “ (मेरे स्तनों को छूने से मामी के स्तनों में दर्द होता है) ओह प्रेम, मत छू मेरे स्तनों को अभी....इन्हें हल्का सा भी छूएगा तो मेरी चूचियों से दूध निकल जायेगा..(मामी अपनी उँगलियाँ अपनी ब्रा के अन्दर घुसती हैं)....मुझे अपने स्तन निकाल लेने दे...(मामी ब्लाउज समेत अपनी ब्रा को अपने स्तनों के ऊपर खिसकाकर अपने दोनों स्तन पूरी तरह उघाड़ देती हैं|”
मैं: “ओह मामी, आपके स्तन कितने सुन्दर हैं?”
मामी: “(मैं फिर से मामी के स्तनों को छूने वाला था पर मामी ने मेरे हाथों को रोक दिया) प्रेम, मत छू मेरे स्तनों को इस तरह...मेरी चूचियों से दूध निकल कर बेकार हो जायेगा...(मामी अपने दोनों स्तनों को अपने हाथों में उठाकर सटा देती हैं...मैं मामी के करवट सोया रहता हूँ) प्रेम, और नज़दीक आ अपनी मामी के और अपना मुंह खोल....(मैं मामी के नज़दीक जाता हूँ जहाँ मेरे होठ मामी की चूचियों से सट जाते हैं| मैं अपने होठ जैसे ही खोलता हूँ...मामी झट से अपनी दोनों चूचियां मेरे मुंह में डाल देती हैं...मैं अपने होठों से जैसे ही चूचियों को हल्का सा दबाता हूँ, दूध बहना शुरू हो जाता है)...ओह प्रेम, तेरे होठों ने जैसे ही मेरी चूचियां छुई, मेरे स्तनों से दूध निकलना शुरू हो गया....(फिर मामी अपने हाथों से मेरी हथेलियाँ उठाकर अपने स्तनों पर रख देती हैं) तू खेलना चाहता था न अपनी मामी के स्तनों से..ले अब जितनी मर्ज़ी इन्हें सहला और दबा......(फिर मामी अपने दोनों हाथों से मेरे सर और पीठ को सहारा देती हैं)...प्रेम, अब तू तब तक अपनी मामी की चूचियां चूसते रहना जब तक कि मैं खुद अपने स्तन तेरे मुंह से खींच ना लूं...(अब मेरे मामी के स्तन चूसने के तीन चरण शुरू होते हैं – धीमा चरण – मामी की दोनों चूचियों को मैं अपने होठों से हल्का-सा दबा रहा था + मामी के दोनों स्तनों को गोले के पास हल्का-हल्का हाथों से दबा रहा था + अपना सर आगे-पीछे हल्का-हल्का हिला रहा था ताकि मामी की चूचियां मेरे होठों से दबी होने के कारण हलक-हलकी खिंच रही थी) ओह प्रेम, ये जिस तरीके से तू स्तनपान करता है – एक साथ मेरी चूचियां चूसता है और खींचता है और साथ-ही-साथ मेरे स्तनों को दबाते भी रहता है – ये न सिर्फ मेरी चूचियों से दूध की बहाव तेज़ करता है बल्कि मुझे बहुत आनंद भी देता है.....मेरी चूचियां चूसते रहो प्रेम...अपनी मामी के स्तनों का दूध पीते रहो बेटा...(दस मिनट तक धीमे चरण में मैं मामी की चूचियां चूसते रहा).....प्रेम, अब मामी के स्तनों का दर्द ख़त्म हो गया है .....अब तू और तेज़ी से स्तनपान कर सकता है....मेरी चूचियां और जोर से चूस सकता है....( सामान्य चरण - मामी की दोनों चूचियों को मैं अपने होठों से मद्धम दबा रहा था + मामी के दोनों स्तनों को गोले के पास हाथों से मद्धम दबा रहा था + अपना सर आगे-पीछे हिला रहा था ताकि मामी की चूचियां मेरे होठों से दबी होने के कारण मद्धम खिंच रही थी) ओह प्रेम....चूचियों से दूध का बहाव और तेज़ हो गया है....आह...मेरा बेटा.....तूने तो चूचियां चूस-चूस कर अपनी मामी को उत्तेजित कर दिया....और cचूस अपनी मामी की चूचियां...और खींच अपनी मामी की चूचियां...और दबा अपनी मामी के स्तन..पीते रहो मेरा दूध, मेरे बेटे....आह.....(दस मिनट तक सामान्य चरण में मैं मामी की चूचियां चूसते रहा)....ओह प्रेम....तू बीस मिनट से अपनी मामी के स्तन चूस रहा है पर मामी के स्तनों से दूध ज़रा सा भी कम नहीं हुआ है....तू और जोर से मामी की चूचियां .....तू और जोर से मामी की चूचियां खींच...तू और जोर से दबा अपनी के स्तन.....मेरे स्तनों से दूध का बहाव तेज़ कर, प्रेम...( तीव्र चरण - मामी की दोनों चूचियों को मैं अपने होठों से तेज़ दबा रहा था + मामी के दोनों स्तनों को गोले के पास हाथों से जोर से दबा रहा था + अपना सर आगे-पीछे तेज़ी से हिला रहा था ताकि मामी की चूचियां मेरे होठों से दबी होने के कारण बहुत खिंच रही थी) आह..आह..प्रेम....अब मेरे स्तनों से दूध बहुत तेज़ी से निकल रहा है...आह...आह...प्रेम, बेटा....मेरी चूचियां अपने मुंह से छूटने मत देना...आह...आह...जब तू ऐसे दूध पीता है न मेरा तो..आह..आह..मुझे बहुत मज़ा आता है...आह...आह...और तेज़ी से मामी का दूध चूसो, प्रेम...(मैं अपने सर को जोर-जोर से काफी दूर तक आगे-पीछे कर रहा था जिसके कारण मामी की चूचियां खिंच रही थी)...आह प्रेम...अपने होठों से मेरी चूचियां खींच-खींच कर खूब सारा दूध पी....आह...आह...(दस मिनट बाद मामी अपने हाथों से अपने स्तनों को खींच कर मेरे मुंह से निकलने लगती है तो मेरे होठों से पहले से ही काफी खिंची चूचियां और भी ज्यादा खिंच जाती हैं और मैं मामी की खिंची हुई चूचियों के नोक को होठों से दबाकर दूध पिए जा रहा था)...आह..शैतान कहीं का...मेरी चूचियां पूरी खिंच गयी हैं...आह..आह .और तू मेरी चूचियों को जोर-जोर से चूसे जा रहा है.....आह..कितनी तेज़ी से मेरी चूचियों से दूध निकल रहा है...आह..”
पांच मिनट के बाद मैं मामी की चूचियों को अपने होठों के बीच में से निकल देता हूँ...और मामी और मैं दोनों खूब तेज़ी से सांस लेने लगते हैं|
मैं: “ओह..मामी, आपके स्तनों का दूध कितना मीठा है, कितना यम्मी है..”
मामी: “आह..प्रेम...शैतान कहीं का..तुझे मेरी चूचियां खूब खींच-खींच कर जोर-जोर से चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था न...तू क्यों इतनी जोर-जोर से मेरी चूचियां चूस रहा था?”
मैं: “आप ही ने तो कहा था मामी कि आपके स्तनों में दूध ज़रा सा भी कम नहीं हुआ है, इसीलिए मैं इतनी जोर-जोर से दूध चूस रहा था...मैंने कुछ गलत किया क्या मामी?”
मामी: “ओह मेरा बेटा...तूने कुछ गलत नहीं किया....ये मेरी दूध की टंकियों में दूध ही इतना पैदा होता है....|’
मैं: “हाँ, मामी..आप तो डेरी कि गायों से भी ज्यादा दूध पैदा करती हैं| आप जैसी गाय अगर किसी दूधवाले के पास हो तो उसकी किस्मत ही खुल जाए| ढेर सारा दूध दूहकर खूब पैसे कमाएगा.....अपने घर के लिए भी ढेर सारा दूध बचा पायेगा...और साथ ही साथ उसके बछड़े भी खुश रहेंगे क्योंकि वो भी गाय के थनों से खूब दूध पी पाएंगे|”
मामी: “(हँसते हुए) तूने तो अपनी मामी को गाय ही बना दिया...क्यों रे मेरे बछड़े...तेरी गाय तुझसे अपने थन चुसवाना चाहती है...आजा प्रेम...अपनी मामी के पास आ (मामी के खुले बाहों में मैं जैसे ही आया, मामी ने न मुझे उठाकर अपने शरीर के ऊपर लिटा लिया)|”
मैं: “ओह मामी, आपके स्तनों को जितनी भी देर चूस लूं, इन्हें और ज्यादा चूसने का मन करता है|”
मामी: “तो चूस न अपनी मामी की चूचियां...मेरा बस चले तो चौबीसों घंटे मैं किसी न किसी से अपनी चूचियां चुसवाते रहूँ....प्रेम..मन भर चूस ले अपनी मामी के स्तन....बस एक बात का ध्यान रखना....तू मामी का दूध जोर-जोर से चूसेगा....धीरे-धीरे मेरा दूध चूसने के लिए इस घर में आठ लोग हैं...समझा...अब खूब तेज़ी से पी अपनी मामी का दूध|”
मामी की बात सुनकर मैंने सबसे पहले तो मामी के दोनों स्तनों को अपने हाथों से सहारा देकर सटा दिया और बिलकुल सीधा कर दिया| फिर मामी के स्तनों के ऊपर अपना मुंह रख कर दोनों चूचियों और दोनों गोलों का हल्का-भाग भी मुंह के अन्दर लिया और हल्का-हल्का दबाना शुरू किया| दूध तेज़ी से निकल कर मेरे मुंह में गिरा और मामी ने सिसकी भरी| दो मिनट तक चूचियां चूसकर दूध पीने के बाद मैंने मामी के स्तनों को भी धीरे-धीरे दबाना शुरू किया तो मामी ने थोड़ी तेज़ सिसकी भरी| दो मिनट तक इसी तरह दूध पीने के बाद मैंने अपना सर हल्का पीछे कर दिया जिससे कि मेरे होठों के बीच फँसी मामी की चूचियां हलकी खिंच गयीं| मामी की सिसकियाँ और तेज़ हो गयीं| दो मिनट तक इसी तरह दूध पीने के बाद मैंने अपने होठों से मामी के स्तनों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया| मेरे होठ मामी के स्तनों पर फिसलते-फिसलते चूचियों तक पहुंचे और फिर मैंने चूचियों को जोर-जोर से दबाया और चूचियों से भी जब मेरे होठ फिसल कर चूचियों की नोक पर पहुँच गए तो मैंने वापस अपना मुंह खोलकर मामी के स्तनों के गोले तक का भाग अपने मुंह के अन्दर ले लिया| चार मिनट तक ऐसे दूध पीने के बाद मैंने मामी के स्तनों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया जिससे दूध निकलने की गति बहुत ही तेज़ हो गयी| पांच मिनट तक इसी तरह मामी के स्तनों को जोर-जोर से दबाते-दबाते मैं दूध चूसता रहा| और फिर मैं अपने सर को ऊपर-नीचे डुलाने लगा जिससे मामी के स्तन खिंचने भी लग गयीं| अब मामी के स्तनों को मैं दबा रहा था..साथ-ही-साथ मामी के खींचते हुए स्तनों को मैं होठों से दबाकर दूध पी रहा था – पांच मिनट तक इसी तरह दूध पीने के बाद मेरे होठ मामी के स्तनों से फिसलने लग गए पर मैंने जोर-जोर से चूसना ज़ारी रखा और पांच मिनट बाद मेरे होठ मामी की चूचियों पे पहुँच गए और मैं झट से अपना सर बहुत ऊपर कर दिया जिससे मामी की चूचियां पूरी खिंच गयीं और मामी के स्तन भी पूरा खिंच गए| मामी उत्तेजना के मारे जोर-जोर से सिसकियाँ भरने लगी| और इसी तरह अगले दस मिनट तक मैं मामी का दूध चूसता रहा और फिर मामी की चूचियां को छोड़ दिया|
मामी: “ओह्ह, प्रेम, तूने तो बहुत मज़े से मेरा दूध चूसा!”
मैं: “अच्छा लगा, मामी, आपको मुझे दूध पिलाने में?”
मामी: “हाँ रे शैतान, जितना मज़ा तुझे मेरे स्तनों को चूसकर दूध पीने में आता है, उतना ही मज़ा मुझे भी अपने स्तन चुसवाने और दूध पिलाने में आता है| इसीलिए तो अभी जब तू खेलने जाएगा तो मैं घर के बाकी सारे लोगों को उठाकर उन्हें दूध पिलाऊंगी|”
मैं मामी को गाल पे पप्पी देता हूँ और हम दोनों बिस्तर से उठते हैं|


मामी ने पहले अपनी ब्रा का हुक लगाया| फिर मामी ने अपनी ब्लाउज के हुक लगाये| मामी ने फिर साड़ी पहनी| और मामी अपने कमरे से निकल कर बगल वाले कमरे में जाती हैं जहाँ बेटी और भांजी सो रहे थे| मामी बिस्तर के पास जाती हैं|
मामी: “उठो मेरी बच्चियों...चलो ”
बेटी: “माँ, सोने दो न...क्या तुम भी सुबह-सुबह जगाने चली आई?”
मामी: “शैतान...उठ जा..दूध पीने का समय हूँ गया|”
भांजी: “आंटी, अभी सोने के पहले ही तो तुमने हम दोनों को खूब देर तक स्तनपान करवाया था...|”
मामी: “वो कल रात की बात थी....अभी सुबह भी तो दूध पिलाना है तुम लोगों को...मुझे बीच में आने दो|”
मामी दोनों लड़कियों के बीच में लेट जाती हैं और बारी-बारी से दोनों को सर पे किस करती हैं| फिर मामी अपनी साड़ी का पल्लू हटाकर अपनी ब्लाउज प्रदर्शित करती हैं| मामी फिर अपनी हथेलियों से ब्लाउज जे ऊपर से ही अपने स्तन सहलाने लगती हैं|
मामी: “ओह्ह..ये मेरे दूध से भरे स्तन....(मामी ब्लाउज की हुक खोलने लगती है और तीन हुक खोलने के बाद अपनी हथेलियाँ ब्रा के अन्दर घुसती हैं)...आ जाओ....बच्चियों..मेरी छाती पर अपने सर रखो|”
मामी ने अपनी ब्रा और ब्लाउज अपने स्तनों के पूरे ऊपर खींच दी और दोनों लड़कियों के सरों को अपने हाथ से सहारा देकर उनके चेहरों को अपने प्रदर्शित स्तनों पर रख दिया| लड़कियां अपने हाथों से मामी के स्तनों को मसलने लगी| मामी सिसकियाँ भरने लगीं|
बेटी: “ओह माँ, तुम्हारे स्तन तो दिन-ब-दिन आकार में और बड़े होते जा रहे हैं|”
भांजी: “और इनमें दूध की मात्र भी बहुत ज्यादा बढ़ गयी है|”
मामी: “तुम दोनों मेरे स्तनों को मसलते ही रहोगी या फिर अपना मुंह खोलकर मेरी चूचियां भी चूसोगी|”
दोनों लड़कियों ने अपने दोनों हाथों में मामी का एक-एक स्तन पकड़कर दबाने लगीं और एक-एक चूची अपने मुंह में डाल ली और अपना सर तेज़ी से ऊपर-नीचे करके चूसने लगीं|
मामी: “ओह्ह मेरी बच्चियों.....चूसो मेरी चूचियां....जोर-जोर से दबाव मेरे स्तन....खूब पीयो मेरा दूध.....(पांच मिनट तक इसी तरह दूध चूसने के बाद लड़कियां चूचियां छोड़ देती हैं)....क्या हुआ लड़कियों...अभी तो तुम्हे अपनी माँ और अपनी आंटी का ढेर सारा दूध चूसना है (लड़कियां सांस लेने के लिए अपना मुंह खोले हुए थी जिसमे मामी अपनी उँगलियों के बीच में स्तनों के गोले के पास वाला भाग रखकर चूचियां घुसा देती हैं और फिर अपने स्तन दबाने लगती हैं..चूचियों से दूध निकलते ही दोनों लड़कियां भी अपने होठों से बल लगाकर चूचियां चूसने लगती हैं) आह..आह..लड़कियों..मैं अपने स्तन जोर से दबा रही हूँ और तुम दोनों मेरी चूचियां जोर से चूस रही हो...दूध बहुत तेज़ी से बह रहा है....(पांच मिनट तक इसी तरह दूध चूसने के बाद लड़कियां मामी की चूचियां मुंह से निकल देती हैं)...बच्चियों..थोडा और चूसो मेरा दूध...तुम लोग इतना काम दूध पियोगे तो...किसके लिए इतना सारा दूध पैदा करती हूँ मैं....(मामी की बात सुनकर दोनों लड़कियों ने मामी के दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों से ज़कड़ लिया और मामी के स्तनों को गूंधने लग गयी| मामी भी अपने स्तनों को गोलों के पास अपनी उँगलियों से जोर से दबाने लगीं..दोनों लड़कियां होठों के बीच मामी की चूचियां लेकर जोर-जोर से दबाने लगी..और अपने सर ऊपर-नीचे कर के मामी की चूचियां खींचने भी लगी)ओह्ह...बच्चियों...मेरे स्तनों से दूध की धार बहुत तेज़ हो गयी है....आह..आह...पीते रहो इसी तरह मेरा दूध......आह..आह..(दस मिनट तक इसी तरह दूध पीने के बाद दोनों लड़कियां मामी की चूचियां होठों से निकलकर और मामी के स्तनों से हटाकर जोर-जोर से सांस लेने लग जाती हैं)|”
बेटी: “बस, माँ, अब और दूध नहीं पिया जायेगा...|”
भांजी: “ओह...मामी..कितना दूध है आपको स्तनों में....बीस मिनट तक हम दोनों ने इतनी जोर-जोर से आपकी चूचियां चूसी पर ऐसा लग रहा है कि आपके स्तनों में दूध ज़रा सा भी कम नहीं हुआ है|”

मामी बिस्तर से उठकर अपने स्तनों के ऊपर अपनी ब्लाउज खींचती हैं और साड़ी के पल्लू से ढककर दूसरे कमरे में जाने लगती हैं|
दूसरे कमरे में मामी का बेटा और भतीजा सोये रहते हैं|
मामी: “उठ जाओ मेरे बच्चों...सुबह हो गयी..|”
भतीजा: “सोने दो ना, आंटी...अभी तो रौशनी भी नहीं हुई है|”
बेटा: “हाँ, माँ, तुम रोज़ सुबह आकर में जल्दी जगा देती हो..|”
मामी: “शैतानो..मुझे कुछ नहीं सुनना है तुम दोनों से...तुम दोनों उठकर मेरे स्तन चूस रहे हो बस..|”
दोनों लड़के तकिये के अन्दर अपना सर घुसा लेते हैं| मामी बिस्तर पर दोनों बीच में जाकर बैठ जाती है और दोनों से तकिये छीन कर अपने पैरों पर रख देती हैं|
दोनों: “ तुम बहुत गन्दी हो, माँ/आंटी|”
मामी: “तुम दोनों को दूध पिलाए तो मैं यहाँ से हटने नहीं वाली तो अच्छा है कि तुम लोग मेरी बात मान कर सीधे-सादे तरीके से मेरी गोद में सर रख दो.....(दोनों मामी की गोद में रखे तकियों पर अपना सर रख देते हैं....मामी अपनी साड़ी का पल्लू हटा देती है).....ज़रा मेरे स्तनों का आकार देखो बच्चों...इतने बड़े स्तनों वाली औरत तुम्हे दूध पिलाने के लिए तैयार है....(मामी अपनी ब्लाउज के सारे हुक खोलती हैं और फिर अपनी ब्रा को स्तनों के ऊपर खींच देती है....) मेरे दूध से भरे इन भारी स्तनों को देखकर मज़े लो बच्चों...(मामी के नंगे स्तनों को देखकर दोनों लड़कों के मुंह अपने आप खुल जाते हैं जिसमें मामी अपनी चूचियां घुसा देती हैं...चूचियों के होठों को छूते ही दोनों बच्चे चूसना शुरू कर देते हैं..)ये हुई न बात मेरे बच्चों....मेरे स्तनों के स्वस्थ और स्वादिष्ट दूध को चूसो…..तुम दोनों नाटक बहुत करते हो....वैसे तो तुम्हे मेरे स्तनों का दूध पीना अच्छा नहीं लगता...लेकिन जैसे ही मैं अपने स्तनों को नंगा करती हूँ, तुम दोनों झट से दूध पीने लगते हो (मामी फिर स्तनों के गोले के पास अपनी उँगलियाँ रखकर स्तनों को दबाना शुरू कर देती हैं) लो बच्चों....अब मैं अपने स्तन भी दबा रही हूँ...इससे मेरी चूचियों से दूध तेज़ी से निकलने लगेगा....ठीक से दूध चूसना...कहीं सरक न जाओ तुम दोनों....ओह्ह...मेरे बच्चों...दूध पीते रहो........(दस मिनट के बाद दोनों बच्चे भी अब दूध पीते पीते प्रवाह में आ गए थे...उन दोनों ने मामी की चूचियों को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया).....क्यों शैतानों...तुम्हे तो मेरा दूध पीना अच्छा नहीं न लगता था...फिर क्या हुआ...अब जोर-जोर से मेरी चूचियां क्यों चूसने लगे तुम दोनों...मेरा दूध चूसते चूसते और उत्तेजित हो गए न तुम दोनों..ओह्ह...मेरे बच्चों...तुम दोनों को कोई अंदाजा नहीं है कि जब तुम दोनों मेरी चूचियां जोर-जोर से चूसते हो तो मुझे कितना आनंद मिलता है.....”
दस मिनट दोनों लड़के मामी की चूचियां छोड़ देते हैं और मामी के स्तनों से खेलने लगते हैं|
मामी: “क्यों लड़कों, पेट और मन दोनों भर गया तुम दोनों का?”
बेटा: “ओह माँ, पेट क्यों नहीं भरेगा?आपके स्तनों में इतना दूध जो पैदा होता है!”
भतीजा: “हाँ चाची...इसके पहले आप प्रेम को और दोनों बहनों को भी अपने स्तनों का दूध पिलाकर आ रही होंगी और फिर हमें भी पिलाया पर अभी भी आपके स्तन दूध से पूरी तरह भरे हुए हैं|”
मामी: “ये तो है बच्चों....मेरे स्तनों में बहुत दूध पैदा होता है....मैं तो तुम्हारी क्लास के हर बच्चे को दूध पिला सकती हूँ.......चलो अब दोनों उठो और मुझे किस दो|”
दोनों लड़के मामी को एक-एक गाल पे किस देते हैं और मामी अपने स्तनों को ब्रा से ढकती हैं पर ब्लाउज के हुक नहीं बंद करती हैं और साड़ी के पल्लू को कर के बिस्तर से उतर जाती हैं|

मामी अब चौथे कमरे में जाती हैं जहाँ सास लेटी रहती है| मामी बिस्तर के पास जाती है और बिस्तर का स्क्रू हिला कर बिस्तर को ऊँचा करती हैं| सास की आँख खुल जाती है| मामी इस तरह बिस्तर पर बैठ जाती हैं कि सास का चेहरा मामी की ब्लाउज के सामने होता है| मामी झट से अपनी साड़ी का पल्लू हटाकर अपनी ब्लाउज प्रदर्शित करती हैं जिसमे पहले से ही नीचे के तीन हुक खुले थे| मामी अपनी ब्रा के बांये फ्लैप के अन्दर अपना हाथ घुसा कर अपना बांया स्तन उघाड़ देती हैं और अपनी सूजी हुई बांयी चूची अपनी सास के खुले मुंह के अन्दर दे देती है जिसे सास किसी लालची बच्चे की तरह चूसने लगती है| सास मामी के दांये स्तन को ब्लाउज के ऊपर से ही सहला रही थीं और मामी अपने बांये स्तन को सहला रही थीं तभी मामी के पति आते हैं| सास मामी की चूची मुंह से निकल देती है|
सास: “जल्दी आओ, अपनी बीबी के स्तनों का दूध चूसो..इसके स्तन तो अभी भी भरे हुए हैं...|”
पति: “इसके स्तन तो हमेशा दूध से भरे रहते हैं...|”
बिस्तर पर सास और मामी हल्का सा खिसकर पति के लिए जगह बनाते हैं और मामी अपनी ब्रा के ये फ्लैप के अन्दर हाथ घुसा कर दांया भी उघाड़ देती हैं| सास दांये स्तन और पति बांये स्तन को अपने हाथ में लेते हैं|
सास: “इसका एक स्तन भी मेरे दोनों हाथों से ठीक से नहीं पकड़ा जाता|”
फिर सास और पति दोनों अपने मुंह में मामी की चूचियां घुसकर लालची बच्चों की तरह दूध चूसने लगते हैं| सास और पति मामी के दोनों स्तनों को मसलने लग जाते हैं| मामी सिसकियाँ भरने लग जाती हैं और दोनों – सास और पति – चू-चू की आवाजें निकलकर दूध पीने लग गए| दस मिनट तक सास और पति दूध चूसते रहे और फिर दोनों ने चूचियां मुंह से निकल दी|
सास: “पेट भर गया बस दस मिनट ही तुम्हारे स्तनों का दूध चूसने से|”
पति: “हाँ, तुम्हारी चूचियों से दूध कितनी तेज़ी से निकलता है|”
मामी: “तुम दोनों का तो पेट भर गया पर मेरे स्तनों में तो दूध ज़रा सा भी कम नहीं हुआ|”
मामी फिर अपनी ब्रा को अपने स्तनों के आगे करती हैं और साड़ी के पल्लू से ब्लाउज ढकती हैं|
मामी अब पांचवें कमरे में जाती है| मामी की ननद बाथरूम में होती हैं| मामी बिस्तर पर बैठ जाती हैं| मामी अपनी साड़ी का पल्लू अपनी ब्लाउज के आगे से हटा कर अपने हाथों से अपने स्तनों को सहलाने लगती हैं| मामी अपनी आँखें बंद कर के अपनी ब्रा के अन्दर हाथ डालकर अपने स्तनों को सहलाने लगीं|
मामी: “आह...आह..ये मेरे स्तन जैसे दूध की टंकियां हैं....कितना भी दूध पिला लो, दूध ख़त्म ही नहीं होता है...सुबह-सुबह सत्तर मिनट प्रेम ने मेरी चूचियों को खींच-खींच कर और मेरे स्तनों को गूंध-गूंध कर खूब जोर-जोर से चूचियां चूसी....फिर मेरी बेटी और भांजी ने भी बीस मिनट तक खूब रगड़ कर मेरे स्तन चूसे...पर उसके बाद मेरे बेटे और मेरे भतीजे..फिर सास और पति ने जैसे आधे घंटे तक मेरी चूचियां तो चूसी पर मेरे स्तनों में दूध की मात्र में हलकी-सी भी कमी नहीं ला पाए|”



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1 comment:

Unknown said...

nice story he , i like only this type of more story . iss story ki dusra bhaag likho naa jisme dudharu mami ki dudhon (stano) ko punishment v diye jayenge please likhna part2 me story aur jyada hot or sexy lagega agar sthan k saath jyada dudhu, dudhon or dudharu mami likhoge to please iss story ko aage badhaa ke part-2 banaao jisme stano ki punisment bat v hona chahiye please ye mera request he aap se please

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