Sunday, November 28, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ एक चूतिया कहानी पार्ट--1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

एक चूतिया कहानी पार्ट--1

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शादी के बाद सुषमा अपने ससुराल आई. उसके ससुराल मे उसकी 45 साल की सास 50
साल का ससुर रहते थे. उसका पति दब्बु किस्म का आदमी था उम्र उसकी 22 साल
थी और कद काठी से ठीक ठाक थी मगर लोग उसके पति को मीठा कह के पुकारते थे
जबकि उसका नाम सुरेश था. उसकी एक ही ननद थी जो शादी कर के ससुराल चली गयी
थी. गाओं मे सुषमा का छ्होटा सा घर था और ज़मीन नहीं थी. उसके सास ससुर
गाओं के ज़मींदार के खेत पेर काम करते थे जबकि उसका पति एक दूधवाले की
गायों की देख रेख करता था.

शुरू शुरू में वो घर के सारे काम करती और घर के पिछवारे बँधी अपनी तीन
गायों की देखभाल करती और उनका दूध निकालती.. घरवाले तड़के घर से निकलते
थे जो शाम को ही लौटते थे. एक दिन सुषमा ने सोचा कि वो अपने पति सुरेश को
दोपहर में खाना दे आए. खाना बाँधकर वो निकली तो पता चला कि सुरेश गायों
को चराने के लिए गाओं से बाहर गया है. वो भी पूछते पूछते उसी दिशा मे चल
पड़ी. कोई दो कोस चलने के बाद उसे गाएँ दिखाई दी और एक झाड़ी के पास
सुरेश के चप्पल और धोती दिखाई दी उसने झड़ी के पीछे देखा तो दंग रह गयी.
उसे समझ मे नही आया ये क्या हो रहा है. सुरेश नंगा था और घोड़ी बना हुआ
था एक 17-18 साल का लरका घुटनो के बल बैठ कर उसकी गांद मार रहा था. सुरेश
की आवाज़ उसको साफ सुनाई दे रही थी,' चोद मुझे ज़ोर से चोद राजा, फाड़ दे
मेरी गांद तेरे मूसल जैसे लंड से..' और वो ऊहह आ करता जा रहा था. सुनीता
ने देखा कि वो लरका कुत्ते की तरह उसके पति की गांद मार रहा था उसका मोटा
काला लंड बार बार उसके पति की गंद से बाहर आ कर अंदर जा रहा था. उसने
देखा कि नीचे सुरेश की छ्होटी सी लुल्ली लटक रही थी जिसके पीछे चिपके हुए
मूँगफली जैसे छ्होटे आँड थे. जबकि उसके पति को चोद रहे उस लरके के अंडकोष
किसी सांड के जैसे भारी भरकम थे. सुषमा के मूह से चीख निकल पड़ी और उसको
सुनते ही दोनो मूड गये लरके ने अपना लंड सुरेश की गांद से बाहर निकाला और
सुरेश ने अपने हाथो से अपने गुप्तँग को ढक लिया,' क्या कर रहे थे आप ये?"
सुषमा ने पूछा. " कुछ नही रानी ये यासीन है मेरा दोस्त,' घबराया हुआ
सुरेश बोला. उधर सुषमा की नज़र उस लरके के चिकने लंड से हट ही नही रही थी
और ये देख कर उस लरके को लगा कि मौका अछा है और उसने तुरंत आगे बढ़ कर
सुषमा को दबोच लिया.. सुषमा कुछ समझती उस से पहले तो उसने उसको मसलना
शुरू कर दिया और उसके होठ खुद के होंठो मे दबा लिए. एक झटके मे उस लरके
ने सुषमा की सारी उप्पेर कर दी चड्डी तो वो पहनती नही थी और उसकी चूत मे
उंगली करने लगा. सुषमा के होश उड़ गये. उसे समझ मे नही आ रहा था ये क्या
हो रहा है.

सुषमा उस लरके से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी तब तक सुरेश ने अपने कपड़े
वापस पहन लिए थे और उसके सामने वो झुक कर उस लरके का लंड चूस रहा था. एक
झटके मे उस लरके ने सुषमा को नीचे मिट्टी पर गिरा दिया उसकी सारी उप्पेर
की और अपने लंड को उसकी चूत के मूह पर अड़ा दिया. सुषमा की बालो वाली चूत
के मूह पर उसका मोटा काला कटा हुआ लंड दस्तक दे रहा था और सुरेश उसे पकड़
कर उसकी बीवी की चूत मे घुसा रहा था. घबराई हुई सुषमा एक झटके मे उस लरके
की गिरफ़्त से छूटी और भाग छूटी. सरपट दौरती हुई पाँच मिनिट मे हफ्ती हुई
घर पहुच गयी. सुषमा इतनी परेशान थी कि उसे कुछ समझ मे नही आया ये क्या
हुआ. रात के आठ बजे तक उसका पति लौट कर घर नही आया. सुषमा से रहा नहीं
गया उसने घबराते हुए सास को चुपचाप सारी बात बताई,' बेटा एक दिन तो तुझे
ये सब पता चलना ही था,' सुषमा की सास रुक्मणी बोली. रुक्मणी ने कहा कि
चिंता की बात नही सुरेश घर आ जाएगा. रुक्मणी सुषमा को छत पर ले गयी और
बोली बेटा अब मे तुझे सारी कहानी बता देती हू.


रुक्मणी ने सुषमा को बताया की सुरेश उसके ससुर से पैदा नही हुआ बल्कि
ज़मींदार के भाई का बच्चा है,' शादी के बाद में ज़मींदार के घर का काम
करने जाती तो उसकी पत्नी मुझे रोज़ अपने कमरे मे बुला कर अपनी चूत चटवाती
और उसमे केला कद्दू वगेरह डलवाती. बाद मे ज़मींदार के छ्होटे भाई की
पत्नी रानी भी मुझसे ये सब करवाने लगी. ज़मींदार के छ्होटे भाई विकलांग
थे और वीलचेर पर बैठे रहते थे. मुझे बाद मे उन लोगो ने छ्होटे मलिक की
ज़िम्मेदारी दे दी मे उनको नहलाती उनकी कपड़े बदलती और उनका पाखाना मूत
वगेरह सॉफ करती ग़रीबी में और कोई चारा भी नहीं था'. रकमणी कहने लगी कि
छ्होटे मालिक धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगते और उसको किस करते,' उनका
शरीर कमर से उप्पेर स्वस्थ था और वो मुझे बिस्तर के कोने पर लिटा कर मेरी
चूत चाट कर मुझे मज़ा देते,' सास कहने लगी. रुक्मणी ने सुषमा को बताया कि
धीरे धीरे छ्होटे मालिक को नहलाता समय वो उनके सुस्त और नरम लंड कि भी
मालिश करती,' एक बार एक वैध्य उनके लिए एक दवाई लाया और मुझे कहा गया कि
मैं उसको छ्होटे मालिक के लंड पर दिन में तीन बार लगाउ,' रुक्मणी बोली. "
एक दिन में मालिश कर रही थी कि छ्होटे मलिक के निर्जीव लंड मे हल्का सा
तनाव आया और वो उसकसे ज़ोर ज़ोर से उसको हिलाने का कहने लगे. मैने उसको
हिलाया तो दो चार बूंदे निकली मगर उनको बड़ा मज़ा आया. धीरे धीरे छ्होटे
मालिक के लंड मे तनाव आने लगा और मे उनकी मूठ मारती रही. एक दिन उन्होने
मुझे नीचे लिटा कर उप्पेर चढ़ कर लंड को अंदर डालने की कोशिश की मगर पूरी
ताक़त नही होने से वो डाल नहीं पाए. उनको बहुत गुस्सा आया उन्होने अपनी
पत्नी और तेरे ससुर को बुलाया साथ ही उनका भयंकर कुत्ता भी मँगवाया,'
रुक्मणी बोली. सुषमा अवाक से सब सुन रही थी उसकी सास ने बताया कि उसके
बाद सुषमा के ससुर यानी लल्लू लालजी रुक्मणी की चूत चाट कर गीली करते और
छ्होटे मालिक की पत्नी छ्होटे मालिक का लंड चूस चूस कर बड़ा करती फिर
लल्लू लाल रुक्मणी की टाँगे चौड़ी करता और छ्होटी मालकिन अपने पति का लंड
पकड़ कर अंदर डालती,' ऐसे वो मुझे रोज़ चोद्ते रहे और बाद में तो अपने
कुत्ते से मेरी चूत चत्वाते थे,' रुक्मणी बोली. छोटे मालिक ने सख़्त
हिदायत दे रखी थी कि जब तक मुझे गर्भ नहीं ठहर जाए तब तक मेरा पति मुझे
नहीं चोदेगा. कोई तीन महीने की इस चुदाई के बाद मुझे बच्चा ठहर गया तब
कहीं जाकर छ्होटे मालिक खुश हुए बदले मे उन्होने मेरे पति यानी तेरे ससुर
को छ्होटी मालकिन को चोदने की इजाज़त दी लेकिन मेरा बच्चा गिर ना जाए
इसलिए वो मुझे छ्छू भी नहीं सकते थे,' रुक्मणी ने बताया.

सुषमा साँस रोके ये सब सुन रही थी,' इसका मतलब हमारे पति सुरेश ससुरजी के
वीर्य से नहीं पैदा हुए?' उसने पूछा.' नहीं बेटी सुरेश तो छ्होटे मिल्क
की ही औलाद है ,' रुकमनि ने बताया. रुक्मणी आगे का हाल बताने लगी,' रात
होते ही कमरे में मे तेरे ससुर छ्होटे मालिक छ्होटी मालकिन और उनका
कुत्ता कमरे में आ जाते फिर सबसे पहले छ्होटी मालकिन उस कुत्ते का लंड
चाट कर खड़ा करती फिर वो छ्होटे मालिक पर चढ़ कर उनको चोद्ता जब उसकी
गाँठ छ्होटे मालिक की गंद मे फस जाती तब वो तेरे ससुर से कहते को वो
छ्होटी मालकिन को चोदे,' रुक्मणी बोली. " कभी कभी वो तेरे ससुर से भी
अपनी गंद मरवाते उस से पहले छ्होटी मालकिन तेल लगा कर उनकी गंद के छेद को
चिकना कर देती,' रुक्मणी बोली. " तेरे ससुर जैसा लंड गाओं में शायद ही
किसी का होगा बहू, पूरा 9 इंच का मोटा और काला और एक बार किसी पर चढ़
जाएँ तो उसको आधे घंटे चोदे बिना नीचे नहीं उतरते और उनके आँड तो सांड से
कम नहीं एक बार वीर्य किसी चूत में डाल दे तो गर्भ तो ठहरा हुआ समझो
बेटी,' ये सुन कर सुषमा की आँखों मे चमक आ गयी. रुक्मणी कहने लगी कि
लल्लू लाल की चुदाई से छ्होटी मालकिन को भी गर्भ ठहर गया और उनका बच्चा
जो अब 18 साल का है इसका नाम राहुल है असल में तुम्हारे ससुर का बेटा है.


रुक्मणी बताने लगी कि बड़े मालिक यानी ज़मींदार गांद मरवाने के शौकीन थे
और सुरेश के पिता उनकी गांद मारा करते थे बदले में वो भी उनको अपनी पत्नी
को चुड़वाते थे,' मालकिन को एक लरका और एक लर्की हुए वो दोनो भी तुम्हारे
ससुर के वीर्य से ही पैदा हुए बेटी,' रुक्मणी बताने लगी. "लेकिन सुरेश का
लंड इतना छ्होटा कैसे मा?" सुषमा ने पुचछा,' बेटी इसकी बड़ी दुखद कहानी
है एक दिन जब सुरेश 6 साल का था तो छ्होटी मालकिन नहाने के बहाने उसके
छ्होटे लंड से खेलने लगी और छ्होटे मालिक ने देख लिया वो गुस्से में आग
बाबूला हो गये और कपड़े धोने की सोटी लाकर सुरेश के छोटे से लंड पर ज़ोर
से मारी और वो बेहोश हो गया सुरेश बच तो गया मगर डॉक्टर ने कह दिया अब वो
कभी बाप नही बन पाएगा उसके आँड का कच्मर बन गया था,' रुक्मणी बोली. सुषमा
रोने लगी बोली,' मा मेरा जीवन नरक क्यू बनाया मेरी शादी नपुंसक से क्यू
की?' रुक्मणी ने उसे गले लगाया और बोली चिंता मत कर बेटी में हू ना तेरे
ससुर मुझे बच्चा नहीं दे पाए तो क्या अपनी बहू को तो दे सकेंगे एक साथ वो
बाप भी बनेंगे और दादा भी और घर की बात घर में रह जाएगी. सुषमा को कुछ
समझ नही आया वो बोली ऐसा कैसे हो सकता है मा?' चिंता मत कर बेटी में हू
ना और सुरेश की चिंता मत कर वो इस काम में सहयोग करेगा?" सुषमा चौंकी,'
सहयोग वो कैसे मा?" उसने पूछा. " अब तुझसे क्या छुपाना बेटा सुरेश गांद
मरवाने का इतना आदि हो गया है कि उसने तुम्हारे ससुर का लंड भी नहीं
छ्चोड़ा एक बार लिए बगैर रात में सोता तक नहीं वो,' रुक्मणी बोली.' क्या
मा सच में?' उसने पूछा.' हां बेटा मेरे सामने ही तो होता है हर रोज़,'
रुक्मणी बोली. सुरेश मेरी चूत भी चाट लेता है कई बार तुम्हारे ससुर का
लंड चूस कर मेरे लिए कड़क करता है फिर मेरी चूत में भी डालता है और जब
तुम्हारे ससुर मुझे चोद्ते है तो उनकी गांद और आंड चाट ता है फिर उनके
झड़ने के बाद मा की चूत का सारा वीर्य चाट कर सॉफ कर देता है. सुषमा को
अब कुछ कुछ समझ आने लगा था. " आज रात तू नहा धो कर तय्यार रहना तेरी
सुहाग रात मैं आज तेरे ससुर के साथ,' रुक्मणी आख मार कर बोली.

रात को खाना वाना खाने के बाद सुषमा ने नयी सारी पहनी पर्फ्यूम लगाया और
तय्यार हो गयी. दस बजे उसकी सास उसके रूम में आई,' चल बेटी घबराना मत में
तेरे पास हूँ,' ये कह कर वो उसे ले गयी. सुषमा अंदर गयी तो देखा कि उसके
ससुर बिस्तेर पर नंगे लेटे हैं और सुरेश भी नंगा होकर उनकी तेल मालिश कर
रहा है. उष्मा ने आँखे इधर फेर ली. रुक्मणी ने सुषमा को बिस्तर पर लिटाया
और धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगी हो गयी सुषमा आँखे
मुन्दे लेटी रही. थोड़ी देर में उसने देखा कि सुरेश उसकी तेल मालिश कर
रहा है और बाद मे उसकी चूत को चाटने लगा.' चूत एकदम गीली होने के बाद
सुरेश ने उस पर खूब सारा तेल लगाया. सुषमा ने देखा की नीचे चटाई पर
रुक्मणी ससुर का लंड चूस रही है और उस पर तेल लगा रही है. सुषमा की आँखे
ससुर के हथियार को देख फटी रह गयी,' सास सच कह रही थी ये लंड नही हाथोरा
है,'उसने सोचा. थोड़ी देर में रुक्मणी उसके पास आई और बोली बेटी तय्यार
हो जा. लल्लू लाल भी बिस्तर पर आ गये और सुषमा के बड़े बड़े गोल स्तन
सहलाने और दबाने लगे. उधर रुक्मणी ने सुषमा की टाँगे चौड़ी कर दी और
सुरेश उसकी चूत में पूरी जीभ डाल कर उसको कुत्तो की तरह चाट रहा था.

सुषमा आँखे बंद कर लेटी हुई थी तभी उसको लगा उसके ससुर उसके उप्पेर आ गये
हैं. उसके होठ ससुर के होंठो से मिले वो उसको पागलो की तरह चूमने लगे और
अपने मज़बूत हाथो से सुषमा के बड़े बड़े स्तन दबाने और मसल्ने लगे सुषमा
के स्तन पहली बार कोई मर्द इस तरह दबा रहा था. उसकी चूत धीरे धीरे एकदम
गीली हो चुकी थी. ससुर को शायद इस बात का एहसास था उन्होने अपने मोटे लंड
को सुषमा की चूत के मूह पर रखा और उस दिन की तरह सुरेश उसको पकड़ कर उसकी
चूत मे घुसाने लगा.' सुषमा की चूत के दरवाज़े पर जैसे ही लल्लू लाल का
मोटा तगड़ा लंड पहुचा उसको दर्द महसूस हुआ मगर उसकी सास उसकी दोनो टाँगे
पकड़े हुए थी और दर्द से बचना नामुमकिन था. उधर तेल की वजह से लल्लू का
लंड भीतेर सरकने लगा और सुषमा के होठ भिचने लगे,' बेटा चिंता मत करो
सहयोग करो एक दो बार का ही दर्द है फिर मज़ा आएगा,' ससुरजी बोले. रुकमनि
ने थोड़ी टाँगे और चौड़ी कर दी और ससुरजी से बोली आप तो एक झटके में पूरा
लंड पेल दो फिर कुछ नही होगा मगर ससुरजी धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा
की चूत दर्द से फट रही थी टाँगे दुखने लगी थी. मगर लल्लू लाल अनारी नही
थे चूमते रहे और धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा चिल्लाति रही,' ससुरजी
रहम कीजिए फिर कर लीजिएगा मेरी चूत फट जाएगी,' वो चिल्लाते चिल्लाते
बोली. मगर लल्लू लाल कहा रुकने वाले थे 5 मिनिट बाद उन्होने अपने पूरा
चिकना लंड बहू की चूत में पेल ही दिया अब सिर्फ़ आँड बाहर रह गये. जैसे
ही सुषमा का दर्द थोडा कम हुआ और वो नॉर्मल हुई उन्होने लंड को अंदर बाहर
करना शुरू कर दिया,' लल्लू लाल बहू की चूत के खून से रंगा लंड अंदर बाहर
करते रहे सुषमा की चीखे सुनाई देती रहीं,' बेटा तू बापू की गांद चाट में
आँड चाटती हू नही तो ये बहू को चोद चोद कर मार डालेंगे,' रुक्मणी बोली.
सुषमा ने देखा कि उसका पति उसके ससुर की गांद चाट रहा था और सास ससुर के
मोटे काले अंडकोष चाट रही थी. लल्लू लालजी उत्तेजना के शिखर पर थे,' बहू
भर दू तुम्हारी कुँवारी चूत मेरे ताक़तवर वीर्य से?" उन्होने पूछा. सुषमा
ने बोला ही था कि वो गर्र गर्र करते हुए झाड़ गये,' ओह ओह आपने तो कोई
आधा कप पानी बहू की चूत में छोड़ दिया है बच्चा हो कर रहेगा,' रुक्मणी
बोली. ससुरजी उप्पेर से हट कर बिस्तेर के कोने पर बैठ गये और सुषमा को
सहलाने लगे. उधर सुरेश नीचे जाकर रुक्मणी की चूत चाट रहा था,' चाट मेरे
लाल चाट मेरे बेटे तेरी जीभ तो लंड से भी ज़्यादा मज़ा देती है.' रुक्मणी
बोल रही थी. उधर लल्लू लालजी भी नीचे पहुच गये उन्होने और सुरेश की गांद
में तेल लगा कर उसको उंगली से चोदना शुरू कर दिया,' हा बापू फाडो मेरी
गंद,' सुरेश गांद नचाते हुए बोल रहा था. ससुर ने सुषमा को नीचे खेंचा और
उसका मूह अपने लंड से अड़ा दिया,' इसको चूस चूस कर बड़ा कर बहूरानी ताकि
में तेरे पति की सेवा कर सकु,' उन्होने कहा. सुषमा ने उनके मोटे काले लंड
को कस के पकड़ा और जीभ फेरने लगे धीरे धीरे लल्लू लालजी का सुपरा चीकू
जितना बड़ा हो गया और लंड एकदम हाथोरे जैसा. ससुरजी ने बहू को धन्यवाद
दिया और वापस से सुरेश की गंद पर अपने हथियार तान दिया. किसी मंजे हुए
खिलाड़ी की तरह सुरेश ने गांद को अड्जस्ट किया और एक ही झटके में लल्लू
लालजी का आधा लंड उसकी गांद में चला गया सुरेश ज़ोर से चीखा मर गया
बापू,' अभी पूरा कहा मारा है अभी तो आधा ही मारा है,' लल्लू लालजी बोले
और पूरा लंड पेल दिया. सुषमा सोचने लगी सुरेश की गांद क्या उतनी बड़ी है?
उधर सुरेश अपनी मा की चूत चाट रहा था. रुक्मणी उछल रही थी,' बेटा में
झड़ने वाली हू पूरी जीभ डाल दे तेरी मा के भोस्डे में,' वो बोली और दो
मिनिट में हाफते हुए अपना पानी छ्चोड़ दिया. उधर लल्लू लालजी की रफ़्तार
बढ़ गयी थी.

रुक्मणी पीछे आ गयी,' मेरे बेटे की गांद फाड़ दोगे क्या अब रहम करो,' वो
बोली और सुरेश के नीचे लेट गयी. सुषमा ने देखा कि रुक्मणी सुरेश की
लुल्ली को चूस रही थी और अपने हाथो से ससुरजी के बड़े बड़े आंडो को मसल
रही थी,' अब अपने बेटे की चूत अपने पानी से भर दो,' रुक्मणी बोली. ये
सुनते ही लल्लू लालजी तेज़ हो गये और बोले,' हा जान ये ले तेरे बेटे की
गांद में अपना पानी डालता हू,' कहकर वो झाड़ गये. सुषमा थक कर सो गयी.
क्रमशः.........................

एक चूतिया कहानी पार्ट--1

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Shadi ke baad Sushma apne sasural ayi. Uske sasural me uski 45 saal ki
saas 50 saal ka sasur rahte the. Uska pati dabbu kism ka aadmi ha umra
uski 22 saal thi aur kad kathi se theek thaak tha magar log uske pati
ko meetha kah ke pukarte the jabki uska naam Suresh tha. Uski ek hi
nanad thi jo shadi kar ke sasural chali gayi thi. Gaon me Sushma ka
chhota sa ghar tha aur zamin nahin thi. Uske saas sasur gaon ke
zamindar ke khet per kaam karte the jabki uska pati ek dudhwale ki
gayon ki dekh rekh karta tha.

Shuru shuru mein wo ghar ke sare kaam karti aur ghar ke pichware
bandhi apni teen gayon ki dekhbhal karti aur unka dudh nikalti..
Gharwale tadke ghar se nikalte the jo shaam ko hi lautte the. Ek don
Sushma ne socha ki wo apne pati Suresh ko dopahar mein khana de aaye.
Khana bandhkar wo nikli to pata chala ki Suresh gayon ko charane ke
liye gaon se bahar gaya hai. Wo bhi puchte puchte usi disha me chal
padi. Koi do kos chalne ke baad use gayen dikhayi di aur ek jhadi ke
paas suresh ke chappal aur dhoti dikhai di usne jhadi ki piche dekha
to dung rah gayi. Use samajh me nahi aaya ye kya ho raha hai. Suresh
nanga tha aur ghodi bana hua tha ek 17-18 saal ka larka ghutno ke bal
beth kar uski gaand maar raha tha. Suresh ki awaz usko saaf sunayi de
rahi thi,' chod mujhe zor se Yasin chod raja, fad de meri gaand tere
moosal jaise lund se..' aur wo oohh aah karta jar aha tha. Sunita ne
dekha ko wo larka kutte ki tarah uske pati ki gaand mar raha tha uska
mota kala lund bar bar uske pati ki gand se bahar aa kar under jar aha
tha. Usne dekha ki neeche Suresh ki chhoti si lulli latak rahi thi
jiske piche chipke hue mungfali jaise chhote aand the. Jabki uske pati
ko chod rahe us larke ke andkosh kisi sand ke jaise bhari bharkam the.
Sushma ke muh se cheekh nikal padi aur usko sunte hi dono mud gaye
larke ne apna lund Suresh ki gaand se bahar nikala aur suresh ne apne
hatho se apne guptang ko dhak liya,' Kya kar rahe the aap ye?" Sushma
ne pucha. " Kuch nahi rani ye Yasin hai mera dost,' ghabraya hua
Suresh bola. Udhar Sushma ki nazar us larke ke chikne lund se hat hi
nahi rahi thi aur ye dekh kar us larke ko laga ki mauka acha hai aur
usne turant age badh kar Sushma ko daboch liya.. Sushma kuch samajhti
us se pahle to usne usko masalna shuru kar diya aur uske hoth khud ke
hotho me daba kliye. Ek jhatke me us larke ne Sushma ki saree upper
kar di chaddi to wo pahnti nahi thi aur uski choot me ungli karne
laga. Sushma ke hosh ud gaye. Use samajh me nahi aa raha tha ye kya ho
raha hai.

Sushma us larke se chudane ki koshish kar rahi thi tab tak Suresh ne
apne kapre wapas pahan liye the aur uske samne wo jhuk kar us larke ka
lund chus raha tha. Ek jhatke me us larke ne Sushma ko neeche mitti
per gira diya uski saree upper ki aur apne Lund ko uski choot ke muh
per ada diya. Sushma ki balo wali choot ke muh per uska mota kala kata
hua lund dastak de raha tha aur Suresh use pakar kar uski biwi ki
choot me ghusa raha tha. Ghabrayi hui Sushma ek jhatke me us larke ki
giraft se chooti aur bhag chooti. Sarpat daurti hui panch minute me
hafti hui ghar pahuch gayi. Sushma itni pareshan thi ki use kuch
samajh me nahi aaya ye kya hua. Raat ke aath baje tak uska pati laut
kar ghar nahi aaya. Sushma se raha nahin gaya usne ghabrate hue Saas
ko chupchhap sari baat batayi,' beta ek din to tujhe ye sab pata
chalna hi tha,' sushma ki saas Rukmani boli. Rukmani ne kaha ki chitna
ki baat nahi Suresh ghar aa jayega. Rukmani Sushma ko chat per le gayi
aur boli beta ab me tujhe sari kahani bata deti hu. ( end of Part one)


Rumani ne Sushma ko bataya ki Suresh uske Sasur se paida nahi hua
balki Zamindar ke bhai ka bacha hai,' shadi ke baad mein Zamindar ke
ghar ka kaam karne jati to Zamindaran mujhe roz apne kamre me bula kar
apni choot chatwati aur usme kela kaddu wagerah dalwati. Baad me
Zamindar ke chhote bhai ki patni Rani bhi mujhse ye sab karwane lagi.
Zamindar ke chhote bhai viklang the aur wheelchair per baithe rahte
the. Mujhe baad me un logo ne chhote malik ki zimmedari de di me unko
nahlati unki kapre badalti aur unka pakhana moot wagerah saaf karti
garibi mein aur koi chara bhi nahin tha'. Rakmani kahne lagi ki chhote
malik dheere dheere uske boobs dabane lagte aur usko kiss karte,' unka
sharer kamar se upper swasth tha aur we mujhe bistar ke kone per lita
kar meri choot chat kar mujhe maza dete,' saas kane lagi. Rukmani ne
Sushma ko bataya ki dheere dheere Chhote malik ko nahlata samay wo
unke sust aur naram lund ki bhi malish karti,' ek baar ek vaidhya unke
liye ek dawai laya aur mujhe kaha gaya ki main usko chhote malik ke
lund per din mein teen bar lagau,' Rukmani boli. " Ek din mein malish
kar rahi thi ki chhote malik ke nirjiv lund me halka sa tanav aaya aur
wo uskse zor zor se usko hilane ka kahne lage. Maine usko hilaya to do
char bunde nikli magar unko bada maza aaya. Dheere dheere chhote malik
ke lund me tanav ane laga aur me unki muth marti rahi. Ek din unhone
mujhe niche lita kar upper chad kar lund ko under dalne ki koshish ki
magar puri takat nahi hone se wo daal nahin paye. Unko bahut gussa
aaya unhone apni patni aur tere Sasur ko bulaya sath hi unka bhayankar
kutta bhi mangwaya,' Rukmani boli. Sushma awak se sab sun rahi thi
uski saas ne bataya ki uske baad Sushma ke Sasur yani Lallu Lalji
Raumani ki choot chat kar geeli karte aur chhote malik ki patni chhote
malik ka lund choos chhos kar bada karti fir Lallu lal Raumani ki
tange chodi karta aur chhoti malkin apne pati ka lund pakar kar under
dalti,' aise wo mujhe roz chodte rahe aur bad mein to apne kutte se
meri choot chatwate the,' Rukmani boli. Choote malik ne sakht hidayat
de rakhi thi ki jab tak mujhe garbh nahin thahar jaye tab tak mera
pati mujhe nahin chodega. Koi teen mahine ki is chudayi ke baad mujhe
bacha thahar gaya tab kahin jakar chhote malik khush hue badle me
unhone mere pati yani tere sasur ko chhoti malkin ko chodne ki ijazat
di lekin mera bacha gir na jaye isliye we mujhe chhoo bhi nahin sakte
the,' Rukmani ne bataya.

Sushma saans roke ye sab sun rahi thi,' iska matlab humare pati Suresh
sasurji ke veeryra se nahin paida hue?' usne pucha.' Nahin beti Suresh
to chhote milk ki hi aulad hai ,' Rukamni ne bataya. Rukmani age ka
haal batane lagi,' raat hote hi kamre mein me tere sasur chhote malik
chhoti malkin aur unka kutta kamre mein aa jate fir sabse pahle chhoti
malkin us kutte ka lund chaat kar khara karti fir wo chhote malik per
chad kar unko chodta jab uski ganth chhote malik ki gand me fas jati
tab wo tere sasur se kahte ko wo chhoti malkin ko chode,' Rukmani
boli. " Kabhi kabhi wo tere sasur se bhi apni gand marwate us se pahle
chhoti malkin tel laga kar unki gand ke chhed ko chikna kar deti,'
Rukmani boli. " tere sasur jaisa lund gaon mein shayad hi kisi ka hoga
bahu, pura 9 inch ka mota aur kala aur ek bar kisi pee chad jayen to
usko adhe ghante chode bina neeche nahin utarte aur unke aand to sand
se kum nahin ek baar veerya kisi choot mein dal de to garbh to thahara
hua samjho beti,' ye sun kar Sushma ki ankhon ein chamak aa gayi.
Rukmani kahna lagi ki Lallu Lal ki chudai se chhoti malkin ko bhi
garbh thahar gaya aur unka bachcha jo ab 18 saal ka hai iska naam
Rahul hai asal mein tumhare sasur ka beta hai.


Rukmani batane lagi ki bade malik yani Zamindar gaand marwane ke
shaukin the aur Suresh ke pita unki gaand mara karte the badle mein wo
bhi unko apni patni ko chudwate the,' Malkin ko ek larka aur ek larki
hue we dono bhi tumhare sasur ke veerya se hi paida hue beti,' Rukmani
batane lagi. "Lekin Suresh ka lund itna chhota kaise maa?" Sushma ne
puchha,' beti iski badi dukhad kahani hai ek din jab Suresh 6 saal ka
tha to chhoti malkin nahane ke bahane uske chhote lund se khelne lahi
aur chhote malik ne dekh liya we gusse mein aag babula ho gaye aur
kapde dhone ki soti lakar Suresh ke chhhote lund per zor se mari aur
wo behosh ho gaya Suresh bach to gaya magar doctor ne kah diya ab wo
kabhi baap nahi ban payega uske aand ka kachmar ban gaya tha,' Rukmani
boli. Sushma rone lagi boli,' maa mera jeevan narak kyu banaya meri
shadi napunsak se kyu ki?' Rukmani ne use gale lagaya aur boli chinta
mat kar beti mein hu na tere sasur mujhe bachcha nahin de paye to kya
apni bahu ko to de sakenge ek sath wo baap bhi banenge aur dada bhi
aur ghar ki baat ghar mein rah jayegi. Sushma ko kuch samajh nahi aaya
wo boli aisa kaise ho sakta hai me?' Chinta mat kar beti mein hu na
aur Suresh ki chinta mat kar wo is kaam mein sahyog karega?" Sushma
chaunki,' sahyog wo kaise maa?" usne pucha. " Ab tujhse kya chupana
beta Suresh gaand marwane ka utne aadi ho gaya hai ki usne tumhare
sasur ka lund bhi nahin chhoda ek bar liye bagair raat mein sota tak
nahin wo,' Rukmani boli.' Kya maa sach mein?' Usne pucha.' Haan beta
mere samne hi to hota hair roz,' Rukmani boli. Suresh meri choot bhi
chaat leta hai kai baar tumhare sasur ka lund choos kar mere liye
karak karta hai fir meri choot mein bhi dalta hai aur jab tumhare
sasur mujhe chodte hein to unki gaand aura and chatta hai fir unke
jhadne ke baad maa ki choot ka sara veerya chaat kar saaf kar deta
hai. Sushma ko ab kuch kuch samajh aane laga tha. " Aaj rat tu naha
dho kar tayyar rahna teri suhag raat mai aaj tere sasur ke sath,'
Rukmani aaknh mar kar boli.

Raat ko khana wana khan eke baad Sushma ne nayi saree pani perfume
lagaya aur tayyar ho gayi. Dus baje uski saas uske room mein ayi,'
chal beti ghabrana mat mein tere pas hun,' ye kah karwo use le gayi.
Sushma under gayi to dekha ki uske sasur bister per nange lete hein
aur Suresh bhi nanga hokar unki tel malish kar raha hai. Ushma ne
aknhe idhar fer li. Rukmani ne Sushma ko bistar per litaya aur dheere
dheere uske sare kapre utar diye aur khud bhi nangi ho gayi Sushma
aknhen munde leti rahi. Thodi der mein usne dekha ki Suresh uski tel
malish kar raha hai aur baad me uski choot ko chatne laga.' Choot
ekdum gili hone ke baad suresh ne us per kuhb sara tel lagaya. Sushma
ne dekha ki neeche chatai per Rukmani sasur ka lund choos rahi hai aur
us per tel laga rahi hai. Sushma ki aknhen sasur ke hathiyar ko dekh
fati rah gayi,' saas sach kah rahi thi ye lund nahi hathora hai,'usne
socha. Thodi der mein Rukmani uske paas ayi aur boli beti tayyar ho
jaa. Lall Lal bhi bistar per aa gaye aur Sushma ke bade bade gol stan
saglane aur dabane lage. Udhar Rukmani ne Sushma ki tange chori kar di
aur Suresh uski choot mein puri jeebh dal kar usko kutto ki tarah
chaat raha tha.

Sushma aknhe band kar leti hui thi tabhi usko laga uske sasur uske
upper aa gaye hein. Uske hot sasur ke hotho se mile wo usko paglo ki
tarah chumne lage aur apne mazboot hatho se Sushma ke bade bade stan
dabana aur masalne lage Sushma ke stan pahli bar koi mard is trarah
daba rahatha. Uski choot dheere dheere ekdum geeli ho chuki thi. Sasur
ko shayad is baat ka ehsaas tha unhone apne mote lund ko sushma ki
choot ke muh per rakha aur us din ki tarah suresh usko pakar kar uski
choot me ghusana laga.' Sushma ki choot ke darwaze per jaise hi Lallu
Lal ka mota tagda lund pahucha usko dard mahsus hua magar uski saas
uski dono tange pakre hue thi aur dard se bachna namumkin tha. Udhar
tel ki wajah se Lallu ka lund bheeter sarkne laga aur Sushma ke hot
bhichne lage,' beta chinta mat karo sahyog karo ek do bar ka hi dard
hai fir maza ayega,' sasurji bole. Rukamni ne thodi tange aur chodi
kar di aur sasurji se boli aap to ek jhatke mein pura lund pel do fir
kuch nahi hoga magar sasurji dheere dheere lund sarkate rahe Sushma ki
choot dard se fat rahi thi tange dukhne lahi thi. Magar Lallu Lal
anari nahi the chumte rahe aur dhere dheere lund sarkate rahe Sushma
chillati rahi,' Sasurji raham kijiye fir kar lijiyega meri choot fat
jayegi,' wo chillate chillate boli. Magar Lallu Lal kaha rukne wale
the 5 minute baad unhone apne pura chikna lund bahu ki choot mein pel
hi diya ab sirf aand bahar rah gaye. Jaise hi Sushma ka dard thoda kum
hua aur wo normal hui unhone lund ko under bahar karna shuru kar
diya,' Lallu lal bahu ki choot ke khoon se ranga lund under bahar
karte rahe Sushma ki cheekhe sunayi deti rahin,' beta tu bapu ki gaand
chaat mein aand chatti hu nahi tu ye bahu ko chod chod kar mar
dalenge,' Rukmani boli. Sushma ne dekha ki uska pati uske sasur ki
gaand chaat raha tha aur saas Sasur ke mote kale andkosh chaat rahi
thi. Lallu Lalji uttejna ke shkhar per the,' bahu bhar do tumhari
kunwari choot mere taqatwar veerya se?" unhone pucha. Sushma nha bola
hi thaki we garr garr karte hue jhad gaye,' oh oh apne to koi aadha
cup pani bahu ki chot mein chod diya hai bachha ho kar rahega,'
Rukmani boli. Sasurji upper se hat kar bister ke kone per beth gatye
aur Sushma ko sahlane lage. Udhar Suresh neeche jakar Rukmani ki choot
chaaat raha tha,' chaat mere lal chaat mere bete teri jeebh to lund se
bhi zyada maza deti hai.' Rukmani bol rahi thi. Udhar Lallu Lalji bhi
neeche pahuch gaye unhone aur Suresh ki gaand mein tel laga kar usko
ungli se chodna shuru kar diya,' ha bapu fado meri gand,' Suresh gaand
nachate hue bol raha tha. Sasur ne Sushma ko neeche khencha aur uska
muh apne lund se ada diya,' isko choos choos kar bada kar bahurani
taki mein tere pati ki sewa kar saku,' unhone kaha. Sushma ne unke
mote kale lund ko kas ke pakra aur jeebh ferne lage dheere dheere
Lallu Lalji ka supara cheekoo jitna bada ho gaya aur lund ekdum
hathore jaisa. Sasurji ne bahu ko dhanyawad diya aut wapas se Suresh
ki gand per apne hahtiyar taan diya. Kisi manje hue khiladi ki tarah
Suresh ne gaand ko adjust kiya aur ek hi jhatke mein Lallu lalji ka
adha lund uski gaand mein chala gaya Suresh zor se chekkha mar gaya
bapu,' abhi pura kaha mara hai abhi to adha hi mara hai,' Lallu lalji
bole aur pura lund pel diya. Sushma sochne lagi Suresh ki gaand kya
utni badi hai? Udhar suresh apni maa ki choot chate jaa raha tha.
Rukmani uchal rahi thi,' beta mein jhadne wali hu puri jeebh dal de
teri ma ke bhosde mein,' wo boli aur do minute mein hafte hue apna
pani chhod diya. Udhar Lallu lalji ki rafter badh gayi thi.

Rukmani piche aa gayi,' mere bete ki gaand fad doge kya ab raham
karo,' wo boli aur Suresh ke niche let gayi. Sushma ne dekha ki
Rukmani Suresh ki lulli ko choos rahi thi aur apne hatho se sasurji ke
bade bade ankoshon ko masal rahi thi,' ab apne bete ki choot apne pani
se bhar do,' rukmani boli. Ye sunte hi Lallu Lalji tez ho gaye aur
bole,' ha jaan ye le tere bete ki gaand mein apna pani dalta hu,'
kahkar wo jhad gaye. Sushma thak kar so gayi.
kramashah.........................


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