Saturday, November 13, 2010

Hindi Sexi Stori सेक्स का क्लीनिक पार्ट--2


हिंदी सेक्सी कहानियाँ
सेक्स का क्लीनिक पार्ट--2
गतांक
से आगे अनिल ने नीलम को वैसे ही धीरे धीरे ही छोड़ना जारी रखा, कभी कभी वो उसके होंठो को भी चूम लेता था और नीलम की चूचियों को भी मसलता रहा, थोड़ी ही देर मे नीकम के मुँह से हल्की हल्की आवाज़ें आने लगी और वो पूरी तरह से मस्ती मे आ गयी थी. थोड़ी ही देर मे वो झार गयी तो उसकी छूट गीली हो गयी . अब अनिल का लंड और बी आसानी से अंदर बाहर होने लगा. अब अनिल ने और इंतेजर करना सही नही समझा और एक बार फिर से नीलम के होंठों को सील कर दिया, नीलम तो पहले से ही मस्ती मे थी वो भी अनिल के होंठों को कस के दबा लिया, अब अनिल ने अपने लंड को छूट से बाहर निकाला और एक ही झटके मे अपना पूरा लंड नीलम की छूट मे डाल दिया, नीलम की एक बार फिर से चीख निकल गयी, और वो छूटने की कोशिश करने लगी, पर वो कैसे छ्छूट सकती थी , अनिल ने उसे कस के पकड़ा हुआ था. एक बार फिर से नीलम के आँखों मे आँसू आगाय थे और वो च्चटपटा रही थी. उसने अनिल को पीछे धकेलने की कोशिश की पर नाकाम रही, अब अनिल रुकने वाला नही था, उसने नीलम की दर्द की परवाह किए बिना अपना लंड एक बार फिर से बाहर निकल कर पूरा जड़ तक अंदर डाल दिया, और कस कस के धक्के लगाने शुरू कर दिया. नीलम को बहुत ही दर्द हो रहा था , उसने अनिल को रुकने का इशारा किया पर अनिल ने तो ना रुकने की जैसे कसम ही खा लिट ही. वो तबाद तोड़ धक्के लगा रहा था. नीलम को तो शुरू मे कुछ देर तक दर्द सा महसूस हुआ पर धीरे धीरे उसका दर्द कम होने लगा. अब वो बिल्कुल ही शांत हो गयी थी, एक बार फिर से नीलम ने अनिल को रुकने का इशारा किया तो इस बार अनिल रुक गया. नीलम ने अपने सिर को उठा के अपने पैरों की तरफ देखने लगी तो अनिल उसकी मर्ज़ी समझ गया. उसने नीलम को उठने मे मदद की तब नीलम ने देखा की अनिल का पूरा लंड छूट के अंदर चला गया था. वो सोच मे पद गयी की अनिल का उतना बड़ा लंड उस छ्होटी सी छूट मे कैसे चली गयी है. नीलम ने प्यार से अनिल के होंठों को चूम लिया. अब अनिल ने नीलम को वापस टेबल पे लिटा दिया और एक बार फिर से धक्के लगाने लगा, कुछ ही देर मे नीलम फिर से मस्ती मे आ गयी और वो भी नीचे से धक्के लगा के अनिल के धक्कों का जवाब देने लगी. लंड के अंदर जाने से फ़च फ़च की आवाज़ रा रही थी. अब दोनो पूरी तरह से चुदाई मे डूब गये थे. पूरा कर्मा उनकी चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था. अनिल बहुत ही उत्तेजित हो गया था और कस कस के धक्के लगा रहा था, अब उसे कंट्रोल करना मुश्किल लग रहा था. अब उसने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी , अशर नीलम भी आवाज़ करती हुई नीचे से जोरदार धक्के लगा रही थी. कुछ और धक्के लगाने के बाद अनिल ने अपना सारा वीर्या नीलम के अंदर ही निकल दिया, उसी समय नीलम ने भी नीचे से धक्के लगाके झाड़ गयी. दोनो का स्खलन एक ही साथ हो गया था. अनिल ने उत्तेजना के कारण अपना लंड भी बाहर नही निकल पाया था और नीलम की छूट मे ही झाड़ गया था. दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे और एक दूसरे से चिपके हुए थे. और एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे, अनिल ने अपना एक हाथ नीलम की चूचियों पे रख दिया और उसे सहलाने लगा. दोनो मानो जन्नत मे पहुँच गये थे. अनिल की नज़र घड़ी पे पड़ी तो देखा की लंच का टाइम ख़त्म होने वाला है तो उसने नीलम को घड़ी दिखके इशारा किया . नीलम उसका इशारा समझ गयी , दोनो एक दूसरे से अलग हुए, दोनो ने अपने अपने कपड़े पहने और जल्दी जल्दी लंच किया. लंच के दौरान नीलम अनिल की गोद मे ही बैठी थी. लंच के बाद अनिल ने नीलम के होंठों को एक बार फिर से चूमा और उसकी चूचियोंको कपड़े के उपर से ही दबाया. फिर नीलम कॅबिन से बाहर आ गयी और अपने सीट पे चली गयी. शुक्रा था की आज कोई मरीज नही आया था.अनिल को तो जैसे आज स्वर्ग मिल गया था, क्योंकि अब तक उसने केवल फिल्मों मे ही देखा था पर आज उसने अपने लाइफ मे पहली बार सेक्स किया था. वो अपने कॅबिन मे बैठा इन्ही ख्यालों मे खोया हुआ था. उधर नीलम भी चुदाई के ही बारे मे सोच रही थी, उसका भी सेक्स का आज पहला मौका था, अभी तक उसने भी केवल किताबों मे ही ऐसे फोटोस देखा था जो उसकी सहेलियाँ उसे लेक देती थी. जब पहली बार अनिल का लंड उसके छूट मे गया था तो कितना दर्द हुआ था उसे, सोच के ही वो सिहर उठी. पर बाद मे कितना मज़ा आया था. सच मे चुदाई मे कितना मज़ा आता है, इन्ही ख्यालो मे खोई हुई थी की एक आवाज़ की वजह से उसकी तंद्रा भंग हुई. "डॉक्टर हैं क्या?" कोई मरीज आया था, उसने उसको कॅबिन मे भेज दिया और फिर से ख्यालों मे खो गयी. नीलम को अपने पैरों के जोड़ के पास दर्द सा महसूस हो रहा था, मरीज चला गया था और अनिल और नीलम के बीच कोई बात नही हुई , क्लिनिक के बंद होने का वक़्त हो गया था, नीलम अपने सीट से उठी तो उसे चलने मे परेशानी हो रही थी और उस से चला नही जर आहा था. अनिल ने देखा तो उसे घर चॉर्ने के लिए तैयार हो गया , दोनो अनिल की कार मे बैठ गये ऑरा नील गाड़ी चलाने लगा. गाड़ी चलते हुए अनिल ने अपना लेफ्ट हाथ उठा के नीलम के बूब पे रख दिया और उसे दबाने लगा, नीलम उसे माना भी नही कर पा रही थी. खैर अब नीलम का घर आ गया था और वो उतार गयी. जब गाड़ी से उतार के वो अनिल को बाइ कहा तो अनिल ने अपने एक आँख को दबा दिया तो नीलम शर्मा गयी और घर के अंदर चली गयी. घर जाके नीलम सीधे बातरूम मे घुस गयी और अपने कपड़े निकल दिया और नंगी हो गयी, उसने झुक कर अपने छूट को देखा तो घबरा गयी, छूट सूज गयी थी और लाल हो गयी थी और उसमे दर्द भी हो रहा था, उसने अपने छूट पे पानी डाला तो उसे कुछ रहट मिली और हल्का सा आराम मिला, नीलम ने अपने एक उंगली को अंदर डाल के अच्छी तरह से छूट को सॉफ किया क्योंकि अनिल का वीर्या अंदर ही नाइकल गया था. अच्छी तरह से नहाने के बाद नीलम अपने कमरे मे आ गयी . उसने दर्द का एक टॅबलेट ले लिया और सो गयी. उधर अनिल अपने घर पहुँचा तो उसे याद आया की उसे एक ई-पिल लेना था नीलम के लिए तो वो तुरंत मार्केट जाके खरीद के घर वापस आगेया. वो नीलम के ही ख्यालों मे खोया हुआ था की अचानक उसे फिर से याद आया की उसे कॉंडम भी लेना था तो वो दुबारा मार्केट गया और कॉंडम खरीद के वापस आया. उसे अभी भी यकीन नही हो रहा था की वो नीलम जैसी कुँवारी लड़की को छोड़ चुका है. अनिल ने खाना खाया और सो गया. अनिल आज सुबह मे ही क्लिनिक पहुँच गया क्योंकि कोई मरीज फोन किया था की एमर्जेन्सी है, तो वो तुरंत ही क्लिनिक पहुँच गया, अभी नीलम के आना का समय नही हुआ था, सो वो अकेला ही था. वो गया तो देखा तो एक कपल आए हुए थे, हज़्बेंड को कुछ प्राब्लम थी , वो परेशानी मे था. उसकी कंडीशन सीरीयस नही थी बल्कि वो घबराया हुआ था उसी वजह से उसकी बीवी और भी परेशन थी. खैर अनिल ने उसको डॉवा दी और वेट करने लगे, वो मरीज बार बार अनिल से कुछ पूच रहा था, तो अनिल को गुस्सा आ रहा था तो उसने उसे नींद का इंजेक्षन लगा दिया तो वो सो गया. अब कुछ देर के लिए अनिल फ्री हो गया था तब उसने गौर से उसकी वाइफ को देखा उसका नाम नेहा था. नेहा देखने मे तो साँवली थी पर उसके शेरर की बनावट ही ऐसे थी की कजो भी उसे एक बार देख ले तो उड़की नज़र उसके शेरर से हट ती नही थी. गोल गोल तनी हुई चुचियाँ, कसा हुआ बदन यानी की एक दम से मस्त माल लगती थी. वो गुम सूम सीट ही और कुछ सोच रही थी. अचानक उसने अनिल से पूछा की उसके हज़्बेंड को क्या हुआ है तो अनिल ने बता दिया की कोई सीरीयस बात नही है अभी थोड़ी देर मे ठीक हो जाएँगे और वो लोग तब जा सकते हैं. अनिल ने देखा की नेहा कुछ परेशन सी दिख रही है तो उसने नेहा से पूछा की कोई बात है क्या जो वो इतना टेन्स दिख रही है. पहले तो नेहा ने टलने की कोशिश की पर अनिल के बार बार पूछने पे वो बोली की उसके हज़्बेंड शराब बहुत पीते हैं , इसी वजह से वो परेशन है. अनिल कहता है की ये तो बहुत लोग करते हैं , पर इसकी वजह से परेशानी वाली क्या बात है. तब नेहा ने बताया की शराब की वजह से उनका सेक्स लाइफ ठीक से नही चल रहा है. अनिल से रहा ना गया तो वो नेहा से बोला की खुल के बताओ क्या बात है, तब शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर पाऊँ. तब नेहा बताती है की शराब के नशे मे वो घर आते हैं और जब वो दोनो सेक्स करते हैं तो वो नेहा को बिना उत्तेजित किए ही सेक्स करने लगते हैं और थोड़ी दर्मे स्खलित हो जाते हैं और वो नेहा को अधूरा ही छ्चोड़ देते हैं और मैं तड़पति रह जाती हून. साला, गान्डू, शराबी, अनिल ने मान ही मान बहुत सी गलियाँ उसके हज़्बेंड को दी और बोला की घबराव मत मैं तुम्हारी मदद करूँगा. अनिल का लंड खड़ा हो चक्का था, वो अब नेहा को छोड़ना चाहता था. नेहा ने पूछा की क्या आप मेरे हज़्बेंड का इलाज करेंगे तो अनिल बोला की उसका इलाज तो नही पर तुमहरा इलाज है. नेहा पूछती है की कैसा इलाज, तो अनिल आयेज बढ़ के नेहा को पकड़ लेता है और अपना हाता उसके चुचि पे रख देता है और हल्के से दबा देता है. नेहा अनिल को धक्का देके डोर कर देती है और कहती है की ये पासिबल नही है. तब अनिल कहता है की मौका है और ये अभी होश मे नही आएगा , तुम मस्ती ले सकती हो. ये सुनकर वो सोच मे पद जाती है तब अनिल फिर से उसे पकड़ लेता हिया और उसके चुचियों को दबाने लगता है, अब नेहा ने विरोध नही किया और चुप छाप पड़ी रही. अब तो जैसे अनिल को हरी झंडी मिल गयी थी वो बेकाबू हो गया था. उसने नेहा के चुचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया जिस से नेहा को दर्द होने लगा. पर नेहा तो जैसे बरसों की प्यासी थी उसे उस दर्द मे भी आनंद आ रहा था, वो अभी भी असमंजस मे थी की क्या करे. उसके मान मे उथल पुथल मची हुई थी. उसका मान कह रहा था की ये ग़लत हो रहा है पर उसका दिल कुछ और ही कह रहा था, पर आलहीर मे उसका दिल जीत गया. उसने अपने आप को पूरी तरह से वक़्त पे छोड़ दिया. अनिल नेहा के सारी को हटा देता है. अब अनिल ने नेहा के ब्लाउस के बटन खोलने लगा और उसके ब्लाउस को निकल दिया, नेहा ने वाइट कलर की ट्रडीशनल ब्रा पहनी हुई थी, अब अनिल ने उसकी सारी को पूरी तरह से उसके शरीर से निकल दिया और फिर उसके पेटीकोत का नाडा खोल दिया और वो नीचे गिर गया. नेहा ने ब्लॅक कलर की पनटी पहनी हुई थी. अब नेहा सिर्फ़ ब्रा और पनटी मे थी. नेहा को इस रूप मे देख के अनिल बुरी तरह से उत्तेजित हो गया था और उसका लंड पंत के अंदर ही तंबू बना रहा था और जल्द से जल्द बाहर आना चाहता था.अनिल ने तुरंत अपने शर्ट और पंत को निकल दिया , अब वो सिर्फ़ अपने अंडरवेर मे था. अब तक नेहा भी गर्म होने लगी थी और उसका शर्म कम हो रहा था. अनिल ने नेहा को अपने से चिपका लिया और अपने होंता नेहा के होंठों से लगा दिया . नेहा कोई अनचुई काली तो थी नही जो उसे समझना पड़ता, वो भी तुरंत अनिल के होंठों को जवाब मे चूसने लगी. नेहा काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी और वो बुरी तरह से अनिल के होंठों को चूसने लगी जैसे की उसे चबा जाएगी, नेहा ने अपने हाथ को नीचे लेक अनिल के अंडरवेर के उपर से उसके लंड को सहलाने लगी, ये अनिल के लिए एक नया अनुभव था. नेहा ने अपने हाथ को अंडरवेर के अंदर डाल दिया और अनिल के लंड को पकड़ लिया और उसे अपने हाथ से सहलाने लगी. अब अनिल और भी उत्तेजित हो गया . अब अनिल ने नेहा के पीठ पे हाथ ले जाके उसके ब्रा के हुक को खोल दिया और उसके ब्रा को निकल दिया. अब उसके बूब्स आज़ाद हो गये थे, वो कोई ज़्यादा बड़े तो नही थे पर बहुत ही कसे हुए थे, जैसे की सीना टन कर खड़े हो, अनिल ने नेहा के होंठों को आज़ाद कर दिया और अपने होंठों को उसके एक चुचि को पकड़ लिया और उसे चूसने लगा. नेहा अब मस्ती मे आने लगी थी और उसके सिर के बलों मे अपनी उंगलियाँ फिरने लगी. अनिल नेहा की चूची को छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था, अनिल ने उसके निपल के घुंडी को अपने दाँत से दबा लिया तो नेहा की सिसकारी निकल गयी, पर उसने माना नही किया , उसकी आँखें मस्ती के कारण मंडी हुई थी. अनिल ने अपने एक हाथ को बढ़ा कर नेहा के दूसरे वेल निपल को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा, उधर नेहा मस्ती के मारे आहें भर रही थी. वो लगातार अपने उंगलियों को अनिल के बलों मे घुमा रही थी. थोड़ी देर के बाद अनिल ने दूसरी वाली चुचि को मुँह मे ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया. नेहा को बहुत ही मज़ा आरहा था और वो अनद के सागर मे गोते लगाने लगी.थोड़ी ही देर मे नेहा बेकाबू होने लगी और उसकी आवाज़ें तेज हो गयी थी, वो बेचैनी के मारे काँपने लगी और थोड़ी देर के बाद वो अचानक शांत हो गयी और अनिल को अपने चुचियों पे ज़ोर से दबा लिया. अनिल समझ गया की नेहा का पानी निकल गया है. वो दोनो थोड़ी दे रेज़ ही पड़े रहे और फिर नेहा ने अपने पनटी को निकल दिया , वो पूरी तरह से भीग चुकी थी. अब नेहा पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. उसने अनिल के अंडरवेर को निकल दिया और उसके लंड को हाथ से पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी, अनिल के लंड ने एक झटका लिया जैसे की खुशी के मारे जोश मे आ गया हो. नेहा अपने हाथ को उसके लंड पे फिरने लगी और अनिल के लंड को मुति मे पकड़ के अपने मुति को आयेज पीछे करने लगी, अनिल को इस वक़्त बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था, तब नेहा ने नीचे बैठ के उसके लंड के सूपदे को होंठों से चूम लिया और वापस उसके लंड को सहलाने लगी. अनिल ने देखा की नेहा मज़े से उसका लंड सहला रही थी. थोड़ी देर के बाद नेहा ने फिर से उसके लंड को अपने होंठों से चूम लिया और अनिल के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसे चूसने लगी, अनिल को तो जैसे झटका सा लगा क्योंकि पहली बार किसी ने उसके लंड को मुँह मे लिया था, उसने मज़े मे आके अपने आँखों को बंद कर लिया और नेहा के बालों मे उंगलियाँ फिरने लगा और उसके सिर को अपने हाथों मे पकड़ लिया. नेहा ने अपने सिर को हिलन शुरू कर दिया जिस से की लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो सके. वो मस्ती मे आके लंड को चूसने लगी थी, अनिल ने भी उसके सिर को पकड़ के अपने लंड पे दबाने लगा. थोड़ी ही देर मे अनिल को लगा की उसका वीर्या निकालने वाला है तो उसने नेहा को इशारा किया की उसका निकालने वाला है तो नेहा ने कोई जवाब नही दिया और वैसे ही चूसना जारी रखा, अनिल ने नेहा के सिर को पकड़ के और जोरों से अपने लंड पे दबाने लगा और थोड़ी ही देर मे उसका वीर्या नेहा के मुँह मे ही निकल गया, उसने उत्तेजना के मारे नेहा के सिर को ज़ोर से लंड पे दबा लिया, नेहा ने उसका सारा वीर्या पी लिया , एक भी बूँद गिरने नही दिया. अनिल ने अब नेहा को उठाया और अपने होंठों को नेहा के होंठों पे रख दिया और दोनो एक दूसरे को स्मूच करने लगे, कोई पीछे हटने को तैयार नही था, लगता था की जैसे दोनो मे कोई कॉंपिटेशन हो रहा हो. थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हो गये और एक दूसरे को देखके मुस्कुराने लगे. अनिल ने नेहा के चुचियों को सहलाने लगा, नेहा को उसका चुचियों को सहलाना अच्छा लग रहा था. नेहा ने अपने हाथ से अपने छूट को सहलाना शुरू कर दिया और अपने एक उंगली को छूट के अंदर डाल दिया और उसे अंदर बाहर करने लगी, ये देखकर अनिल ने उसके हाथ को पकड़ लिया और उसके उंगली को छूट से बाहर निकल लिया, और वहाँ पे अपने हाथ को रख दिया और नेहा के छूट को सहलाने लगा, नेहा तो जैसे पागल हो गयी थी, इतना मज़ा उसे कभी नही मिला था उसके पति से, वो तो फोरप्ले जैसे जनता ही नही था, बस नेहा को नंगा किया , लंड खरा किया और लंड को छूट मे डाल के धक्के लगा दिया और पानी निकल गया और हो गया सेक्स, उसके बाद उसका पति सो जाता और नेहा बेचारी तड़पति रह जाती. पर आज उसे फोरप्ले मे कितना मज़ा आया और बिना चुडवाए ही वो झार गयी थी. अनिल ने उसके छूट को सहलाना जारी रखा और अपने एक उंगली को उसके छूट मे डाल दिया और अंदर वबाहार करना शुरू कर दिया, नेहा के मुँह से हल्की सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गयी थी, उसने अपने आँखे बंद कर ली थी. अब अनिल ने अपने एक और उंगली को उसके छूट मे डाल दिया तो नेहा जैसे उछाल पड़ी, पर उसने अनिल को माना नही किया. अनिल ने अपने हाथ की स्पीड को बढ़ा दिया तो जैसे नेहा की आवाज़ें भी तेज हो गयी थी. अनिल ने अचानक अपने हाथ को रोक दिया तो जैसे नेहा का सपना टूट गया और उसने अपनी आँखे खोली और अनिल को देखने लगी जैसे की पूच रही हो की क्या हुआ, तब अनिल ने झुक कर अपने होंठों को नेहा के छूट पे रख दिया और उसे चूम लिया. नेहा की आ निकल गयी और उसने मुस्कुरा के अनिल को देखने लगी जैसे की उसे धन्यवाद दे रही हो. अनिल ने अपने जीभ को निकाला और नेहा के छूट पे फिरने लगा. उधर नेहा के मुँह से आवाज़ें निकलनी शुरू हो गयी , अनिल ने बुरी तरह से छूट को चाटना शुरू कर दिया और नेहा ने अनिल के सिर को पकड़ लिया और उसे अपने छूट पे दबाने लगी, अब अनिल ने एक हाथ को बढ़ा के नेहा के एक चुचि को पकड़ लिया और उसे मसालने लगा, नेहा को दुगुना मज़ा आने लगा. थोड़ी देर मे नेहा की आवाज़ें तेज हो गयी और उसका बदन भी काँपने लगा और नेहा ने अनिल के सिर को ज़ोर से पकड़ लिया और उसे छूट पे दबा लिया. अनिल ने तेज़ी से जीभ को फिरने लगा और थोड़ी दी देर मे एक चीख के सता नेहा का पानी निकल गया और उसने अनिल के सिर को ज़ोर से अपने पैरों के बीच मे दबोच लिया. अनिल ने उसका सारा पानी अपने जीभ से छत लिया और नेहा के छूट को बिल्कुल सॉफ कर दिया.अब दोनो ही चुदाई के लिए बेचैन हो गये थे,अनिल ने कमरे मे चारों तरफ देखा तो उसे कोई जगह खाली नही दिखाई दी तो उसने नेहा के हज़्बेंड को उठा के अपने चेर पे डाल दिया, वो तो नींद मे था उसे कहाँ कुछ पता लगने वाला था. अब अनिल ने नेहा को उठाया और उसे बेड पे डाल दिया और उसके पैरों को फैला दिया, अनिल ने झुक कर उसके चुचियों को मुँह मे ले लिया और उसे चूसने लगा, नेहा बिल्कुल गर्म हो चुकी थी. नेहा ने अनिल के सिर को पकड़ लिया और अपने चुचियों पे दबा दिया, अनिल ने अपने हाथ से दूसरी वाली चुचि को दबाने लगा और उसे सहलाने लगा, नेहा अब बेचैन सी हो गयी थी और एक हाथ से अनिल के पीठ को सहला रही थी, फिर नेहा ने अनिल के सिर को पकड़ के उठाया और उसको अपने चेहरे के तरफ खींच लिया , अनिल ने कोई विरोध नही किया और एक अच्छे बच्चे की तरह अपने सिर को उपर कर लिया. आन नेहा ने अनिल के चेहरे को अपने चेहरे पे झुका लिया जिस से की अनिल के होंठ नेहा के होंठों से जा चिपके और दोनो के होंठ मिल गये. अब दोनो फिर से एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे और चूसने लगे जैसे की टॉफफी चूस रहे हों. नेहा ने अनिल के नीचे वेल होंठ को अपने होंठ मे दबा लिया और उसे जोरों से चूसने लगी, अनिल ने भी उसके उपर वेल होंठ को अपने होंठों मे दबा लिया और उसे चूसने लगा. अब अनिल ने अपने हाथ को नीचे लेक उसकी एक चूची को पकड़ लिया और उसे मसालने लगा. अनिल का लंड एक दम से टन गया था और विरोध पे उतार आया था, अनिल ने अब चुचि वाला हाथ नेहा के छूट पे रखा तो नेहा की छूट बिल्कुल ही गर्म हो गयी थी, अनिल ने अपने एक उंगली को नेहा की छूट मे डाल दिया पर नेहा पे कोई असर नही हुआ, तब अनिल ने अपने दो उंगलियों को डाल दिया और उंगलियों को अंदर बाहर करने लगा, तो नेहा को अच्छा लगने लगा और उसने और जोरों से अनिल के होंठों को चूसना शुरू कर दिया. अनिल चाहता था की नेहा एक बार फिर से झार जाए तो लंड को अंदर डाला जाए , खैर कुछ ही देर मे नेहा ने अनिल के होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी और अपने शेरर को तेज़ी से हिलने लगी, अनिल समझ गया की अब नेहा झरने वाली है तो उसने अपने उंगलियों के अंदर बाहर करने की स्पीड और बढ़ा दी , और नेहा एक हल्की सी चीख के साथ झार गयी और अनिल को अपने शेरर से चिपका लिया.अनिल ने देर करने ठीक नही समझा और तुरंत नेहा के शेरर केउपर से हट गया और नेहा के पैरों को फैला दिया और अपने लंड को पकड़ कर नेहा के छूट पे रखा तो नेहा को जैसे झटका सा लगा और उसने अपने आँखों को बंद कर लिया, अचानक अनिल को कॉनडम्स का ख्याल आया और उसे याद आया की उसने कॉनडम्स अपने पंत मे ही रखा है तो वो वहाँ से हट गया. उसके हट ते ही नेहा को अजीब सा लगा और उसने तुरंत ही अपने आँखों को खोला और अनिल को देखने लगी पर अनिल वहाँ नही था, तो नेहा ने कमरे मे चारों तरफ नज़र घुमाई तो उसने देखा की अनिल अपने कपड़ों मे से कुछ निकल रहा था. अनिल ने कॉंडम निकाला और नेहा के पास आ गया , अनिल ने नेहा को कॉंडम दिया तो नेहा ने उठकर कॉंडम को पॅकेट से निकाला और अनिल के लंड पे लगा दिया और वापस बेड पे लेट गयी, अनिल ने फिर से नेहा के पैरों को फैलाया और अपने लंड को नेहा के छूट पे सहलाने लगा, नेहा मस्ती के मारे हल्की हल्की आवाज़ें निकल रही थी, अनिल ने अपने लंड को छूट पे सहलाना जारी रखा और एक हाथ से नेहा की एक चुचि को मसालने लगा, नेहा ने खुद अपने एक हाथ बढ़ा कर अपनी दूसरी चुचि को मसालने लगी. अनिल ने अब लंड को छूट के मुँह पे रखा और एक झटका लगाया, छूट गीली होने की वजह से लंड अंदर तक छूट मे चला गया, नेहा की चीख निकलते निकलते रह गयी. उसने अपने होंठों को दाँतों मे दबा के चीखा को रोका. अनिल ने लंड को बाहर निकाला और फिरसे अंदर कर दिया, छूट गीली होने की वजह से लंड को अंदर जाने मे कोई दिक्कत नही हो रहा था. अनिल ने वापस अपने होंठ नेहा के होंठ पे रख दिया और अपने लंड को बाहर निकल के एक ज़ोर का धक्का लगाया जिस से की उसका पूरा लंड नेहा की छूट मे चला गया, नेहा को तेज दर्द महसूस हुआ और उसकी चीख निकल गयी पर होंठ सील होने की वजह से उसकी चीख अनिल के मुँह मे ही रह गयी. अब अनिल ने जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिया और नेहा के होंठों को भी चूसना जारी रखा. नेहा को तो शुरू मे कुछ देर तक दर्द महसूस हुआ पर थोड़ी ही देर मे उसका दर्द मज़ा मे बदल गया, Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | 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