Tuesday, November 16, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ वो कौन थी ??? पार्ट--4

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
वो कौन थी ??? पार्ट--4

गतान्क से आगे...................

बाजे बाज रहे हैं. हसी मज़ाक हो रहा है. लड़किया मस्ती मे नाच रही थी.
हंस रही थी. जोक कर रही थी. नये लोग एक दूसरे से इंट्रोड्यूस हो रहे थे.
छोटी लड़कियाँ अपनी आगे की लड़कियो से मिलने के बाद एक दूसरे के साथ बैठ
के अपने सीक्रेट्स बात रही थी और शर्मा रही थी. यह सब देख के मुझे बोहोत
अछा लग रहा था. यह सारे रिलेटिव्स थे बस मैं ही एक था जो सिर्फ़ अरुण और
अशोक का दोस्त था लैकिन किसी ने मुझे महसूस होने नही दिया के मैं उनका
रिलेटिव नही हू. सब लड़के, लड़किया, मर्द और औरतें, लड़के लड़किया मेरे
साथ ऐसी पेश आ रहे थे जैसे मैं भी उनका कोई रिश्ते दार ही हू जो मुझे
बोहोत अछा लग रहा था. मैं भी अपने आप को फॅमिली का एक हिस्सा समझ ने लगा.
मैं भी घर के हर काम मे हाथ बटा ने लगा. कही जाना हो, कुछ लाना हो या जो
भी हो मैं ऐसे बिज़ी हो गया था जैसे मेरे ही कज़िन की शादी हो.
मैं सारी रात का जागा हुआ था और सारा दिन मस्ती करता रहा और इधर उधर के
काम से शाम तक तबीयत अछी ख़ासी थक चुकी थी. सरदीओ के दिन थे जैसे जैसे
रात बढ़ रही थी ठंड भी बढ़ती जा रही थी. और फिर थोड़ी ही देर मे ठंडी
ठंडी हवाए चलने लगी जिस से ठंड बोहोत हो ने लगी. घर के कमरे कुछ छोटे कुछ
बड़े थे. मुझे आइडिया नही था के मेल्स के सोने का इंतेज़ाम कहा हुआ है.
सारे कमरो मे बड़ी बड़ी बेडशीट्स बिछा दी गई थी ता कि ज़ियादा से ज़ियादा
लोग सो सकें. मैं उपर जा के एक छोटे से कमरे के आखरी कॉर्नर मे दीवार के
करीब जा के लेट गया. उस कमरे मे तकरीबन आधे हिस्से मे चावल की बोरियाँ
बड़े सलीके से ऊपेर तक जमी हुई थी. चावल की बोरियाँ ऐसे रखी के यहा बॅस 8
या 10 आदमी ही सो सकते थे लाइन से और थोड़ी सी जगह और रहती थी चलने फिरने
के लिए.
जब मैं उस कमरे मे गया तो पॅसेज वाले हिस्से मे किसी के सोने का इंतेज़ाम
नही था या यह भी हो सकता था के बाद मे अगर जगह कम पड़ जाए तो शाएद उस
पॅसेज वाले हिस्से को भी यूज़ किया जा सकता था. उस कमरे मे एक खिड़की थी
जो चावल के हवा के लिए थी जो खुली हुई थी उस खिड़की मे से ठंडी हवा आ रही
थी और कमरे मे अछी ख़ासी ठंड होने लगी. मुझे लगा के अभी इतनी ठंड है तो
लेट नाइट को क्या होगा. खैर मैं सब से लास्ट वाले हिस्से मे दीवार के साथ
जा के लेट गया. मेरा सर चावल की बोरियो की तरफ था और पैर दूसरे साइड की
दीवार के तरफ पॅसेज बना के लेट गया और ब्लंकेट तान कर एक ही मिनिट मे
बोहोत ही गहरी नींद सो गया. बहुत थका हुआ होने से गहरी नींद बोहोत जल्दी
आ गई. मैं लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स और बनियान पहेन के सोया था. पता नही
कियों मुझे पंत शर्ट पहेन के सोना आता ही नही था. मैं या तो लूँगी बानयन
पहेन के सो सकता था या बर्म्यूडा शॉर्ट्स या लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स. मुझे
पता नही
था के यह कमरा लॅडीस के लिए सेपरेट है या जेंटस के लिए या मिक्स है जिसे
जहा जगह मिले सो जाए. मैं तो बस लेटा और गहरी नींद सो गया.
रात का पता नही क्या समय हुआ था मुझे लगा के कोई मेरे बदन से खेल रहा है.
थोड़े से अपने होश ओ हवास मे आया तो पता चला के मेरा लंड एक दम से आकड़ा
हुआ है और कोई लंड को किस कर रहा है. मेरा लंड अछा ख़ासा बड़ा और मोटा
है. जब अकड़ जाता है तो लोहे जैसा सख़्त हो जाता है और क़ुतुब मीनार जैसे
खड़ा हो जाता है. हा तो मैं पूरे सर से ब्लंकेर ओढ़ा हुआ था और कोई मेरी
ब्लंकेट के अंदर मेरी फैली हुई टाँगों के बीच से ही मेरे लंड को कोई चूस
रहा था. पहले तो मेरी समझ मे कुछ नही आया. थोड़ा सा सर ब्लंकेट के बाहर
निकाला तो पता चला के कमरे मे घुप अंधेरा छाया हुआ है शाएद लाइट चली गई
थी और सारे घर मे सन्नाटा छाया हुआ है और इस रूम मे किसी किसी के
ग्ग्गहररर ग्ग्गररर खर्रातो की आवाज़ें आ रही हैं. यह समझ मे नही आ रहा
था के यह खर्राटे लॅडीस के हैं या जेंट्स के.
मैं ने महसूस किया के मेरा बॉक्सर्स शॉर्ट्स नीचे को सरका हुआ है और
तकरीबन मेरे घुटनो से नीचे है और कोई मेरी टाँगों के बीच मे लेटा है और
मेरे लंड के डंडे को हाथ से पकड़ के चूस रहा है. लंड का सूपड़ा और आधे से
ज़ियादा डंडा उसके मूह मे है. यह सब कुछ इतनी खामोशी से हो रहा था के अगर
कोई जाग भी रहा होता तो पता नही चलता के कौन क्या कर रहा है. अब मेरी आँख
अछी ख़ासी खुल चुकी थी मैं ने उसके सर को पकड़ के उसके मूह को अपने मोटे
तने हुए लंड से चोदना शुरू कर दिया और वो लॉली पोप की तरह मेरा लंड चूस
रही थी. उसके सर को हाथ लगाने के बाद पता चला के वो कोई फीमेल है अब यह
पता नही के लड़की है या कोई औरत. जो भी हो वो बड़ी मस्ती मे चूस रही थी
और लंबे मोटे लंड को मज़े ले ले के चूस रही थी
उसके सर को पकड़ के उसके मूह मे लंड पेल रहा था पूरा लंड तो अंदर नही घुस
रहा था और मैं पूरा घुसाने को डर भी रहा था के कही लंड पूरा उसके हलक तक
चला जाए और वो चीखे और किसी की आँख खुल जाए तो मुश्किल हो सकती थी. इसी
लिए बस धीरे धीरे ही चोद रह था. मुझे उसका मूह अपने लौरे पे बोहोत अछा लग
रहा था. गीला गीला गरम गर्म मूह आहह पता नही कितनी देर से वो चूस रही थी
बॅस थोड़ी ही देर मे मेरा बदन टाइट होने लगा उसी टाइम मुझे लगा जैसे उसने
मेरा लंड अपने हलक तक ले लिया हो. मुझे उसके हलक का सुराख अपने लंड के
सूपदे पे महसूस हो रहा था. एक दो धक्के ज़ोर ज़ोर से मारे और मेरी गाढ़ी
गाढ़ी गरम गरम मलाई लंड मे से निकल के उसके हलक मे डाइरेक्ट चली गई जिसे
वो निगल गई.
उसने चूसना नही छोड़ा लगता था जैसे सारी मलाई निचोड़ निचोड़ के पी जाना
चाहती हो वो लंड को कंटिन्यू चूस्ति जा रही थी.
थोड़ी ही देर मे जब सारी मलाई निकल गई तो लंड थोड़ा सा सॉफ्ट हुआ. मैं ने
कुछ उसके अंदर मूव्मेंट महसूस की. शाएद वो पलट गई थी मेरे मूह के सामने
उसकी चूत की स्मेल आ रही थी. वो अपनी दोनो टाँगें मेरे सर की तरफ लंबी कर
के लेटी थी उसके थाइस मेरे सर के दोनो तरफ थे उसकी चूत मेरे मूह के सामने
और मेरे लंड के पास उसका मूह पर्फेक्ट 69 पोज़िशन मे थी. उसने अपनी चूत
को मेरे मूह पे टीका दिया और मेरे लंड को फिर से किस करने लगी और चूसने
लगी. उसके गरम मूह के स्पर्श से एक ही सेकेंड मैं मेरा लंड फिर से क़ुतुब
मीनार बन गया.. मैं उसके छूतदों को पकड़ के उसकी चूत को किस कर रहा था और
चूस रहा था. वाह क्या मस्त गरम और रसीली चूत थी उसकी बिल्कुल मक्खन जैसे
चिकनी एक झाँत भी नही थी लगता था जैसे अभी अभी झांतें साफ कर के आई हो.
उसकी चूत का जूस मेरे मूह मे ऐसे टपक रहा था जैसे अमृत. वो अपनी चूत को
मेरे मूह पर घिस्सने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत के अंदर लगते तो वो मस्ती
मे आअहह करती और मेरे लौदे को अपने दन्तो से काट देती. बड़ा मज़ा आ रहा
था.
मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर घुसी हुई थी. हम दोनो के ऊपेर ब्लंकेट पड़ा
हुआ था. जब मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने दांतो मे पकड़ के काटा तो वो
ऊऊऊऊीीईईईईईईईई आआआआहह की आवाज़ निकालने लगी और चूत को मेरे मूह से निकाल
लिया और उतनी देर मेरे लंड से मूह हटा लिया और जब मैं उसकी चूत को पान
जैसा चबा रहा था तो उसका बदन एक दम से अकड़ गया वो अपने हाथ मेरे बाज़ू
मे टेक के थोड़ा सा उठ गई और मेरे मूह को अपनी चूत से चोदने लगी और
सडन्ली उसकी साँसे गहरी गहरी चलने लगी और फिर उसका बदन कापने लगा और एक
ही सेकेंड के अंदर वो झड़ने लगी उसकी चूत मे से मीठा मीठा अमृत जैसा जूस
निकल ने लगा जिसे मैं मज़े से पी गया. थोड़ी देर तक उसका ऑर्गॅज़म चलता
रहा. जैसे ही उसके चूत ने झड़ना बंद किया वो मेरे ऊपेर जैसे गिर पड़ी.
मेरे तने हुए लंड के पास ही उसका मूह था. जब उसकी साँसें ठीक हुई तो उसने
फिर से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसे देख के मैं
फिर से उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूतड़ को पकड़ के अपने मूह मे उसकी
चूत को घुसाने लगा वो तुरंत ही गरम हो गई और उसकी चूत फिर से गीली हो गई.
अब वो फिर से पलट गई और मेरे क़ुतुब मीनार जैसे लंड पे बैठने लगी. उसकी
छूट बोहोत ही गीली हो चुकी थी और टाइट भी थी. लंड उसके चूसने की
वजह से गीला था और उसकी चूत भी गीली थी इसी लिए मेरे लंड पे उसकी चूत
फिसल के लंड को अपने अंदर लेने लगी. वो मेरे ऊपेर थी. उसकी दोनो टाँगे
मेरे बदन के दोनो तरफ थी और वो मेरे लंड पे बैठ रही थी. लंड अंदर जा रहा
था और उसके मूह से आआआहह ऊऊओईईइ म्‍म्म्माआआअ जैसे हल्की हल्की आवाज़ें
निकल रही थी. धीरे धीरे मेरा लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी टाइट
गीली चूत मे पूरा जड़ तक अंदर घुस चुक्का था और उसके मूह से एक लंबी
आआआआआआआआआहह निकल गई. अब मैं ने देखा के वो नाइटी पहने हुए थी जो सामने
से पूरी खुली हुई थी. वो मेरे लंड पे उछल उछल के लंड की सवारी कर रही थी
जैसे जॉकी घोड़े की सवारी करते हैं. उसकी टाइट चूत मेरे लंड को अपने
मुस्सेलस से टाइट पकड़ी हुई थी बोहोत अछा लग रहा था मोटा तना हुआ लंड
टाइट गीली चूत के अंदर.
उसके दोनो हाथ मेरे बदन के दोनो तरफ थे. जब वो मेरे लंड पे फिसल रही तो
उसकी चुचियाँ मेरे मूह के सामने डॅन्स कर रही थी. मैं ने उसकी चुचिओ को
पकड़ लिया और दबा ने लगा.. आअहह क्या चुचियाँ थी उसकी बोहोत ही मस्त.
बड़े साइज़ के मौसम्बी जैसी सख़्त चुचियाँ थी. मैं उसकी चुचिओ को ऐसे
दबाने लगा जैसे मौसम्बी का रस्स निकाल ने से पहले मसल रहा हू. उसको झुका
लिया और उसकी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगा. आहह वंडरफुल चुचियाँ
थी उसका साइज़ होगा तकरीबन 36.इंच लंड अंदर बाहर हो रहा था अपनी गंद ऊपेर
उठा उठा के उसको चोद रहा था. वो ऊपेर नीचे हो के उछल रही थी मेरे लंड पे.
मैने उसको झुका लिया और अपनी गंद उठा के उसकी चूत मे अपना मूसल जैसे लंड
घुसा घुसा के चोदने लगा. जब वो उछल के लंड पे बैठ ती तो मेरा लंड उसकी
चूत की पूरी गहराईओं मे घुस के उसकी बच्चे दानी को छू लेता तो वो ज़ोर से
मस्ती की सिसकारी भरती और आआआआअहह ऊऊऊऊहह ईईईईईहह और
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसे आवाज़ें निकालती. अब मैं उसको झुका के उसकी
चुचियाँ चूस रहा था और मेरे हाथ उसके शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़े हुए थे
और लंड अंदर बाहर अंदर बाहर चुदाई कर रहा था.

मेरा मन कर रहा था के उसकी चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारू इसी लिए अचानक
मैं ने उसको पलटाया और उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया तो
उसकी टाँगें मेरे बॅक से ऑटोमॅटिकली लिपट गई. मैने अपने पैर पीछे कर के
दीवार से टीका दिए और गंद उठा उठा के चोदने लगा. पूरा
लंड सूपदे तक चूत से बाहर निकाल निकाल के अंदर ज़ोर से घुसा देता तो वो
बोहोत धीरे से हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प और ऊऊऊऊओिईईईईईईईईई
उउउफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जैसे आवाज़ें निकाल ने लगती. चुदाई फुल स्पीड से
चल रही थी. कमरे मे चुदाई की प्प्प्पकक्चह्क्कक प्प्प्पक्चह्क्क जैसे
आवाज़े भी आ रही थी जो शाएद ब्लंकेट के अंदर से बाहर नही निकल रही थी..
उसके बगल के अंदर से हाथ निकाल के उसके शोल्डर्स को पकड़ के अपने मूसल
जैसे लंड को पूरा हेड तक चूत से बाहर निकाल के एक सेकेंड के लिए ऐसे ही
रख के इतनी ज़ोर से लंड उसकी चूत मे घुसेड के धक्का मारता के वो सिसकारी
भरती और उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआअहह
उउउउउउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और
हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प जैसे आवाज़ निकल जाती और हर झटके के साथ वो
मुझ से ज़ोर से चिपेट जाती.
मेरे लंड को उसने चूस के एक टाइम झाड़ा दिया था इसी लिए अभी मैं झड़ने के
मूड मे नही था और मस्त चुदाई कर रहा था और ऐसी चूत को चोद के मैं एक लंबी
चुदाई का मज़ा लेना चाहता था.
मैं लंड पूरा बाहर निकाल निकाल के पीछे की दीवार से पैर टीका के पूरी
ताक़त से झटका मारता तो उसका बदन काँप उठ ता और उसके चुचियाँ ऐसे आगे
पीछे होती जैसे किसी ख़ास स्टाइल मे डॅन्स कर रही हो और उसके मूह से
ईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआहह ऊवूवुयियैआइयीयैयुयुयुवूवयू और
ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवयफ्फ्फफ्फ्फ्फ जैसे आवाज़्जे निकलती उसकी अंदर की साँस
अंदर और बाहर की साँस बाहर रह जाती और मेरे बदन को टाइट पकड़ लेती. उसकी
चूत बोहोत ही गीली हो गई थी और मेरे बॉल्स मे भी अब हलचल होने लगी थी
लगता था के अब मैं भी झड़ने वाला हू तो मैं भी उसे एक्सप्रेस की रफ़्तार
से चोदने लगा और वो मुझ से पूरी ताक़त से लिपट गई उसका बदन अकड़ गया और
वो काँपने लगी और तेज़ी से साँस लेते लेते वो झड़ने लगी बॅस उसी समय मेरे
लंड मे से भी मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी चूत को भरने लगी.

मेरे झटके स्लो होते गये और मैं धीरे धीरे झाड़ता ही चला गया और उसके
ऊपेर गिर गया लंड उसकी गीली चूत के अंदर ही था. थोड़ी ही देरमे मेरा लंड
बाहर निकल गया और मैं उसके बदन से नीचे स्लिप हो गया और उसके बाज़ू मे
लेट गया. वो मुझ से लिपटी रही और एक मिनिट तक तो गहरी गहरी साँसें लेती
रही और फिर मेरे मूह पे किस किया और मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली
तुम्हारा लंड बोहोत कड़क मज़े दार है तुम बोहोत अच्छा चोद्ते हो आज तो
तुम ने मुझे मस्त कर दिया चोद के और फिर इस से पहले के मैं कुछ पूछता या
बात करता वो मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली " ऐसा मस्त मज़ा कभी नही
आया मुझे लगता है आज पहली बार चुदी हू मैं और ऐसे लगा जैसे आज ही मेरी
सुहाग रात हो" और एक किस कर के धीरे से फिर मेरे कान के लास्ट वाले
हिस्से को पहले तो चूसा और फिर थोड़ा सा अपने दांतो से काट के कान मे कहा
"आइ लव यू" और उठ के चली गई. अब इतना तो यकीन हो गया था के वो जो भी थी
कुवारि नही थी और मैं सोचता रह गया के क्या मैं ने यह आवाज़ पहले भी कही
सुनी है क्या यह आवाज़ उषा भाबी की थी या कमला की थी या महमानो मे से
किसी की. आवाज़ भी इतनी धीमी थी के मैं डिफरेन्षियियेट नही कर पाया के वो
किस की आवाज़ थी. . मैं थोड़ी देर तक उसका वेट कर ता रहा सोचा के शाएद वो
बाथरूम मे जा के फिर वापस आएगी पर वो नही आई और मेरी आँख फिर से लग गई और
मैं एक बार फिर से गहरी नींद सो गया.
सुबह उठा तो कमरे मे सब ही उठ चुके थे और मेरा लंड चिप चिपा हो रहा था
दोनो की मिक्स मलाई मेरे लंड पे ड्राइ हो चुकी थी. बाथरूम मे जा के शवर
लिया और जब चेंज कर के नीचे आया तो नाश्ता रेडी था कुछ लोग नाश्ता खा रहे
थे कुछ वेट कर रहे थे. मैं ने इधर उधर देखा तो बोहोत सारी लड़कियाँ और
औरतें भी खड़ी थी जिसमे से एक लड़की मेरी तरफ देख के मुस्कुराइ तो मैं
समझा शाएद यही थी तो मैं भी मुस्कुरा दिया और गौर से उसे देखने लगा. फिर
दूसरी तरफ देखा तो 4 – 5 लड़कियाँ मुस्कुरा रही थी.
उनको देख के मैं भी मुस्कुरा तो दिया फिर उषा भाबी ने अपने स्टाइल मे
पूछा लगता है रात नींद नही आई इसी लिए आँखे लाल हो रही हैं. चाइ पीओगे या
दूध ??. दूध कहते हुए उन्हों ने एक आँख बंद कर ली थी. और हंसते हुए बोली
लगता है बंगाल का रस गुल्ला खा लिया रात को इसी लिए नींद नही आई रात भर.
फिर कुछ ही देर मे कमला भी सामने आ गई और इत्तेफ़ाक़ से उसने भी ऐसे ही
पूछा क्या हुआ रात डर तो नही लगा ना तुम्है अकेले सोने मे ??. सर्दी तो
नही लगी तुम्है ?? और नींद अच्छी तो आई ना ?? और फिर वो भी एक आँख दबा कर
बोली के किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो बता देना मैं इंतेज़ाम कर दूँगी.
मेरा दिमाग़ चकरा गया समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ (अब मैं उन्है
क्या बता ता के मुझे क्या चाहिए. मुझे चाहिए थी चुदाई के लिए उनकी चूत या
उषा की चूत क्या वो यह इंतेज़ाम कर सकती है मेरा ?? लैकिन पूछ नही
पाया.). इतना सुनना और सोचना था मेरा के मैं तो पागल जैसे हो गया अब मेरी
समझ मे नही आ रहा था के रात जिसने मेरे साथ चुदाई की क्या वो उषा भाबी थी
या वो कमला थी या कोई और मेहमानो मे से कोई थी आख़िर वो कौन थी ???
नाश्ता करने के बाद हम शादी के डिफरेंट कामो मे लग गये शाम मे शादी का
महुरत था. सारा दिन भागम भाग मे और कामो मे गुज़र गया और शाम मे फेरो की
रसम के बाद शादी हो गई. अशोक की पत्नी उर्मिला बोहोत ही
सुन्दर थी. हाइट भी अच्छी ख़ासी थी. रंग भी इतना गोरा था लगता था हाथ
लगाओ तो मैली हो जाए. शादी के ड्रेस मे वो बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी.
शादी बोहोत धूम धाम से हुई थी. बहुत सारे मेहमान थे. सब का डिन्नर होने
तक रात के 12 बज गये. फिर नाच गाने का सिलसिला चलता रहा. बहुत सारे
मेहमान तो सारी रात जागते रहे. मुझे भी शादी मे मज़ा आ रहा था और
लड़कियाँ जब डॅन्स करती तो उनकी उछलती मचलती चुचियाँ देख कर मेरा लंड भी
अकड़ने लगता. सब ने बोहोत एंजाय किया. उस रात मे नही सो पाया.
शादी के दूसरे दिन रिसेप्षन था. स्टेज पे दूल्हा और दुल्हन बैठे थे.
दूल्हा और दुल्हन का चेहरा रात की चुदाई से शाएद चमक रहा था. दोनो एक
दूसरे की तरफ देख के मुस्कुरा रहे थे शाएद आँखो आँखों मे इशारा कर के रात
की चुदाई का मज़ा ले रहे थे. हाथों मे हाथ डाले बैठे थे कभी एक दूसरे का
हाथ दबा देते. कभी कोई मेहमान ऊपेर आके उनसे मिलता और गिफ्ट देता तो दोनो
खड़े हो जाते और उन से मिलते फिर बैठ जाते. और उसी स्टेज पे कोई कोई
लड़की या कई लड़किया आके डॅन्स करती तो कभी स्टेज के नीचे ही डॅन्स करते.
बहुत धमाल मच रहा था. बजे बज रहे थे गाने चल रहे थे. लोगों के खाने के
लिए स्वीट्स और पूरी की और डिफरेंट खाने की स्टॉल्स लगी हुई थी जहा लोग
अपने मान पसंद खानो को अपनी प्लेट मे ले के खा रहे थे.
रात का तकरीबन 1 बज चुक्का था और लास्ट नाइट भी नही सो पाया था इसी लिए
मुझे अब नींद आने लगी थी. नींद का ख़याल आते ही मुझे वो अंजान लड़की से
चुदाई याद आ गई और फिर क्या था लंड एक दम से फॅन फनाता हुआ उठ खड़ा हुआ.
बड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभलता हुआ मैं उसी रूम मे आ गया जहा पहले
सोया था. आज कमरे मे कोई और 2 आदमी बैठे बातें कर रहे थे. थोड़ी देर उन
से बात कर ने के बाद मैं अपनी जगह पे आगेया और उस अंजान लड़की का
इंतेज़ार करते करते सो गया. यह भी तो पता नही था ना के वो आएगी भी या
नही.
क्रमशः.......................


Woh Koun Thi ???  paart--4

gataank se aage...................

 Baje baj rahe
hain. Hasi mazak ho raha hai. Ladkia masti mai nach rahi thi. hans
rahi thi. joke kar rahi thi. Nai log ek doosre se introduce ho rahe
the. Choti Ladkian apni age ki ladkioin se milne ke baad ek doosre ke
sath baith ke apne secrets baat rahi thi aur sharma rahi thi. yeh sab
dekh ke mujhe bohot acha lag raha tha.  Yeh sarey relatives the bas
mai hi ek tha jo sirf Arun aur Ashok ka dost tha laikin kisi ne mujhe
mehsoos hone nahi dia ke mai unka relative nahi hu. Sab ladke, ladkia,
mard aur aurteen, ladke ladkia mere sath aisi pesh aa rahe the jaise
mai bhi unka koi rishte daar hi hu jo mujhe bohot acha lag raha tha.
Mai bhi apne aap ko family ka ek hissa samajh ne laga. Mai bhi ghar ke
har kaam mai hath bata ne laga. Kahi jana ho, Kuch lana ho ya jo bhi
ho mai aise busy ho gaya tha jaise mere hi cousin ki shadi ho.
Mai saari raat ke jaaga hua tha aur sara din masti karta raha aur
idhar udhar ke kaam se sham tak tabiat achi khasi thak chuki thi.
Sardion ke din the jaise jaise raat badh rahi thi thand bhi badhti ja
rahi thi. Aur phir thodi hi der mai thandi thandi hawaein chalne lagi
jis se thand bohot ho ne lagi. Ghar ke kamre kuch chote kuch bade the.
Mujhe idea nahi tha ke males ke sone ka intezam kaha hua hai. Sare
kamro mai badi badi bedsheets bicha di gai thi taa k ziada se ziada
log so sakein. Mai upar ja ke ek chote se kamre ke aakhri corner mai
deewar ke kareeb ja ke let gaya. uss kamre mai takreeban aadhe hisse
mai chawal ki borian bade saleeke se ooper tak jami hui thi. Chawal ki
borian aise rakhi ke yaha bass 8 ya 10 aadmi hi so sakte the line se
aur thodi si jagah aur rehti thi chalne phirne ke liye.
Jab mai uss kamre mai gaya to passage wale hisse mai kisi ke sone ka
intezam nahi tha ya yeh bhi ho sakta tha ke baad mai agar jagah kam
pad jaye to shaed uss passage wale hisse ko bhi use kia ja sakta tha.
Uss kamre mai ek khidki thi jo chawal ke hawa ke liye thi jo khuli hui
thi us khidki mai se thandi hawa aa rahi thi aur kamre mai achi khaasi
thand hone lagi. Mujhe laga ke abhi itni thand hai to late night ko
kia hoga. khair mai sab se last wale hisse mai deewar ke sath ja ke
let gaya. Mera sar chawal ki boion ki taraf tha aur pair doosre side
ki deewar ke tarar passage bana ke let gya aur blanket taan kar ek hi
minute mai bohot hi gehri neend so gaya. Bohot thaka hua hone se gehri
neend bohot jaldi aa gai. Mai Loose Boxers Shorts aur Banyan pehen ke
soya tha.  Pata nahi kiyon mujhe pant shirt pehen ke sona aata hi nahi
tha. Mai ya to lungi banyan pehen ke so sakta tha ya Bermuda shorts ya
Loose Boxers Shorts. Mujhe pata nahi
tha ke yeh kamra ladies ke liye seperate hai ya gentes ko liye ya mix
hai jise jaha jagah mile so jaye. Mai to bas leta aur gehri neend so
gaya.
Raat ka pata nahi kia samay hua tha mujhe laga ke koi mere badan se
khel raha hai. Thode se apne hosh o hawas mai aaya to pata chala ke
mera lund ek dum se akda hua hai aur koi lund ko kiss kar raha hai.
Mera Lund acha khasa bada aur mota hai. jab akad jata hai to lohe
jaisa sakht ho jata hai aur Qutub Minar jaise khada ho jata hai. Haa
to mai poore sar se blanker odha hua tha aur koi meri blanket ke ander
meri phaili hui tangon ke beech se hi mere lund ko koi choos raha tha.
pehle to meri samajh mai kuch nahi aaya. Thoda sa sar blanket ke baher
nikala to pata chala ke kamre mai ghup andera chaya hua hai shaed
light chali gai thi aur sare ghar mai sannata chaya hua hai aur iss
room mai kisi kisi ke ggghhhrrr ggghhrrr kharrato ki awazein aa rahi
hain. Yah samajh mai nahi aa raha tha ke yeh kharrate ladies ke hain
ya gents ke.
Mai ne mehsoos kia ke Mera Boxers Shorts neeche ko sarka hua hai aur
takreeban mere ghutno se neeche hai aur koi meri tangon ke beech mai
leta hai aur mere lund ke dande ko hath se pakad ke choos raha hai.
Lund ka supada aur aadhe se ziada danda uske muh mai hai. Yeh sab kuch
itni khamoshi se ho raha tha ke agar koi jaag bhi raha hota to pata
nachi chalta ke koun kia kar raha hai. Ab meri aankh achi khasi khul
chuki thi mai ne uske sar ko pakad ke uske muh ko apne mote tane hue
lund se chodna shuru kar dia aur woh lolly pop ki tarah mera lund
choos rahi thi. uske sar ko hath lagane ke baad pata chala ke woh koi
female hai ab yeh pata nahi ke ladki hai ya koi aurat.  Jo bhi ho woh
badi masti mai choos rahi thi aur lambe mote lund ko maze le le ke
choos rahi thi
Uske sar ko pakad ke uske muh mai lund pel raha tha poora lund to
ander nahi ghus raha tha aur mai poora ghusane ko dar bhi rahaa tha ke
kahi lund poora uske halak tak chala jaye aur woh cheekhe aur kisi ki
aankh khul jaye to mushkil ho sakti thi. Isi liye bass dheere dheere
hi chod rah tha. Mujhe uska muh apne loure pe bohot acha lag raha tha.
geela geela garam garm muh aahhh pata nahi kitni der se woh choos rahi
thi bass thodi hi der mai mera badan tight hone laga usi time mujhe
laga jaise usne mera lund apne halak tak le liya ho. Mujhe uske halak
ka surakh apne lund ke supade pe mehsoos ho raha tha. Ek do dhakke zor
zor se mare aur meri gaadhi gaadhi garam garam malai Lund mai se nikal
ke uske halak mai direct chali gai jise woh nigal gai.
Usne choosna nahi choda lagta tha jaise sari malai nichod nichod ke pi
jana chati ho woh lund ko continue choosti ja rahi thi.
Thodi hi der mai jab sari malai nikal gai to lund thoda sa soft hua.
Mai ne kuch uske ander movement mehsoos ki. Shaed woh palat gai thi
mere muh ke samne uski choot ki smell aa rahi thi. Wo apni dono
tangein mere sar ki taraf lambi kar ke lati thi uske thighs mere sar
ke dono taraf the uski choot mere muh ke samne aur mere lund ke pas
uska muh perfect 69 position mai thi. usne apni choot ko mere muh pe
tika dia aur mere lund ko phir se kiss karne lagi aur choosne lagi.
Uske garam muh ke sparsh se ek hi second main mera Lund phir se Qutub
Minar ban gaya.. Mai uske chootadon ko pakad ke uski choot ko kiss kar
raha tha aur choos raha tha. Waah kia mast garam aur rasili choot thi
uski bilkul makkhan jaise chikni ek jhaant bhi nahi thi lagta tha
jaise abhi abhi jhantein saaf kar ke aaii ho. Uski choot ka juice mere
muh mai aise tapak raha tha jaise amrut. Woh apni choot ko mere muh
mai ghissne lagi. Mere dant uski choot ke ander lagte to woh masti mai
aaahhhh karti aur mere loude ko apne danto se kat deti. Bada maza aa
rha tha.
Meri jeebh uski choot ke ander ghusi hui thi. ham dono ke ooper
blanket pada hua tha. Jab mai ne uski poori choot ko apne daton mai
pakad ke kata to woh ooooooooiiiiiiiiiii aaaaaaaahhhhhhh ki awaz
nikalne lagi aur choot ko mere muh se nikal lia aur utni der mere lund
se muh hata lia aur jab mai uski choot ko paan jaisa chaba raha tha to
uska badan ek dum se akad gaya wo apne hath mere bazu mai tek ke thoda
sa uth gai aur mere muh ko apni choot se chodne lagi aur suddenly uski
saanse gehri gehri chalne lagi aur phir uska badan kaapne laga aur ek
hi second ke ander woh jhadne lagi uski choot mai se meetha meetha
amrut jaisa juice nikal ne laga jise mai maze se pi gaya. Thodi der
tak uska orgasm chalta raha. Jaise hi uske choot ne jhadna band kia
woh mere ooper jaise gir padi. Mere Tane hue lund ke pas hi uska muh
tha. Jab uski saansein theek hui to usne phir se mere lund ko apne muh
mai le lya aur choosne lagi.  Use dekh ke mai phir se uski choot ko
chaatne laga. uski chootad ko pakad ke apne muh mai uski choot ko
ghusane laga woh turant hi garam ho gai aur uski choot phir se geeli
ho gai.
Ab woh phir se palat gai aur mere Qutub Minar jaise Lund pe baithne
lagi. Uski choot bohot hi geeli ho chuki thi aur tight bhi thi. Lund
uske choosne ki
wajah se geela tha aur uski choot bhi geeli thi isi liye mere lund pe
uski choot phisal ke lund ko apne ander lene lagi. Woh mere ooper thi.
Uski dono Tangain mere badan ke dono taraf this aur woh mere Lund pe
baith rahit thi. Lund ander jar aha tha aur uske muh se aaaaaahhhhh
oooooiiiii mmmmaaaaaaa jaise halki halki awazein nikal rahi thi.
dheere dheere mera lamba mota lohe jaisa sakht lund uski tight geeli
choot mai poora jadd tak ander ghus chukka tha aur uske muh se ek
lambi aaaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh nikal gai. Ab mai ne
dekha ke woh nighty pehne hey thi jo samne se poori khuli hui thi. Woh
mere Lund pe uchal uchal ke lund ki sawari kar rahi thi jaise jockey
ghode ki sawari karte hain. Uski tight choot mere Lund ko apne muscels
se tight pakdi hui thi bohot acha lag raha tha mota tana hua lund
tight geeli choot ke ander.
Uske dono hath mere badan ke dono taraf the. Jab woh mere Lund pe
phisal rahi to uski chuchian mere muh ke samne dance kar rahi thi. Mai
ne uski chuchion ko pakad lia aur daba ne laga.. aaahhh kia chuchian
thi uski bohot hi mast. Bade size ke mousambi jaisi sakht chuchian
thi. Mai uski chuchion ko aise dabane laga jaise mousambi ka rass
nikal ne se pehle masal raha hu. Usko jhuka lia aur uski chuchion ko
apne muh mai le ke choosne laga. aahhhh wonderful chuchian thi uski
size hoga takreeban 36. Lund ander baher ho raha tha apni gand ooper
utha utha ke usko chod raha tha. woh ooper neeche ho ke uchal rahi thi
mere lund pe. Mai usko jhuka lia aur apni gand utha ke uski choot mai
apna musal jaise lund ghusa ghusa ke chodne laga. Jab woh uchal ke
lund pe baith ti to mera lund uski choot ki poori gehraion mai ghus ke
uske bache dani ko choo leta to woh zor se masti ki siskari bharti aur
aaaaaaaaahhhhhhhhhhh oooooooohhhhhhhhhhhhh
eeeeeeeeeeehhhhhhhhhhhhhhhhhhh aur sssssssssssss jaise awazein
nikalti. Ab mai usko jhuka ke uski chuchian choos raha tha aur mere
hath uske shoulders ko zor se pakde hue the aur lund ander baher ander
baher chudai kar raha tha.

Mera man kar raha tha ke uski choot mai zor zor se dhakke marun isi
liye Achanak mai ne usko paltaya aur usko neeche lita dia aur mai uske
ooper aa gaya to uski tangein mere back se automatically lipat gai.
Mai apne pair peeche kar ke deewar se tika dia aur gand utha utha ke
chodne laga. Poora
lund supade tak choot se baher nikal nikal ke ander zor se ghusa deta
to woh bohot dheere se hhhhhhhhhpppppppppp aur oooooooooiiiiiiiiiiii
uuuffffffffffffffffff jaise awazein nikal ne lagti. Chudai full speed
se chal rahi thi. kamre mai chudai ki ppppccchhhhkkk ppppcchhhhkk
jaise awazin bhi aa rahi thi jo shaed blanket ke ander se baher nahi
nikal rahi thi.. Uske baghal ke ander se hath nikal ke uske shoulders
ko pakad ke apne musal jaise Lund ko poora head tak choot se baher
nikal ke ek second ke liye aise hi rakh ke itni zor se lund uski choot
mai ghused ke dhakka marta ke woh siskari bharti aur uske muh se
ssssssssssssss aaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhh
uuuuuuuuuuuuuuufffffffffffffff aur hhhhhhhhhhhhhhhhhhppppppppppppp
jaise awaz nikal jati aur har jhatke ke sath woh mujh se zor se chipat
jati.
Mere lund ko usne choos ke ek time jhada dia tha isi liye abhi mai
jhadne ke mood mai nahi tha aur mast chudai kar raha tha aur aisi
choot ko chod ke mai ek lambi chudai ka maza lena chahta tha.
Mai lund poora bahre nikal nikal ke peeche ki deewar se pair tika ke
poori takat se jhatka marta to uska badan kaanp uth ta aur uske
chuchian aise aage peeche hote jaise kisi khaas style mai dance kar
rahi ho aur uske muh se eeeeeeeeeeeesssssssssss aaaaaaaahhhhhhhhhh
ooooooooiiiiiiuuuuuu aur uuuuuuuuuuuffffffff jaise awazin nikalti uski
ander ke saans ander aur baher ki saans baher reh jati aur mere badan
ko tight pakad leti. Uski choot bohot hi geeli ho gai thi aur mere
balls mai bhi ab halchal hone lagi thi lagta tha ke ab mai bhi jhadne
wala hu to mai bhi use Express ki raftaar se chodne laga aur woh mujh
se poori takat se lipat gai uska badan akad gaya aur woh kaanpne lagi
aur tezi se saans lete lete woh jhadne lagi bass usi samay mere lund
mai se bhi malai ki pichkharian nikalne lagi aur uski choot ko bharne
lagi.

Mere jhatke slow hote gaye aur mai dheere dheere jhadta hi chala gaya
aur uske ooper gir gaya Lund uski geeli choot ke ander hi tha. Thodi
hi der mai mera Lund baher nikal gaya aur mai uske badan se neeche
slip ho gaya aur uske bazu mai let gaya. Woh mujh se lipti rahi aur ek
minute tak to gehri gehri saansein leti rahi aur phir mere muh pe kiss
kia aur mere kaan mai bohot hi dheere se boli tumhara lund bohot kadak
maze dar hai tum bohot acha chodte ho aaj to tum ne mujhe mast kardia
chod ke aur phir is se pehle ke mai kuch poochta ya baat karta woh
Mere kaan mei bohot hi dheere se boli " AISA MAST MAZA KABHI NAHI AAYA
MUJHE LAGTA HAI AAJ PEHLI BAR CHUDI HU MAI AUR AISE LAGA JAISE AAJ HI
MERI
SUHAAG RAAT HO" aur ek Kiss kar ke dheere se phir mere kaan ke last
wale hisse ko pehle to choosa aur phir thoda sa apne daton se kaat ke
kaan mai kaha "I LOVE YOU" aur uth ke chali gai. Ab itna to yakeen ho
gaya tha ke woh jo bhi thi kuwari nahi thi aur mai sochta reh gaya ke
kia mai ne yeh awaaz pehle bhi kahi suni hai Kia yeh awaz Usha Bhabi
ki thi ya Kamla ki thi ya mehmano mai se kisi ki. Awaz bhi itni dheemi
thi ke mai differentiate nahi kar paya ke woh kis ki awaz thi. Mai
thodi der tak uska wait kar ta raha socha ke shaed woh bathroom mai ja
ke phir wapas ayegi par woh nahi aaii aur meri aankh phir se lag gai
aur mai ek baar phir se gehri neend so gaya.
Subah utha to kamre mai sab hi uth chuke the aur mere lund chip chipa
ho raha tha dono ke mix malai mere lund pe dry ho chuki thi. Hammam
mai ja ke shower lia aur jab change kar ke neeche aaya to nashta ready
tha kuch log nashta kha rahe the kuch wait kar rahe the. Mai ne idhar
udhar dekha to bohot sari ladkian aur aurten bhi khadi thi jisme se ek
ladki meri taraf dekh ke muskurai to mai samjha shaed yehi thi to mai
bhi muskura dia aur gour se use dekhne laga. Phir doosri taraf dekha
to 4 – 5 ladkian muskura rahi thi.
 Unko dekh ke mai bhi muskura to dia phir Usha bhabi ne apne style mai
poocha lagta hai Raat neend nahi aaii isi liye aankhe laal ho rahi
hain. Chai pioge ya Doodh ??. Doodh kehte hue unhon ne ek aankh band
kar li thi. Aur hanste hue boli Lagta hai Bangal ka ras gulla kha lia
raat ko isi liye neend nahi aaii raat bhar. phir kuch hi der mai Kamla
bhi samne aa gai aur ittefaq se usne bhi aise hi poocha kia hua raat
dar to nahi laga na tumhai akele sone mai ??. Sardi to nahi lagi
tumhai ?? aur neend achi to aai na ?? aur phir woh bhi ek aankh daba
kar boli ke kisi bhi cheez ki zaroorat ho to bata dena mai intezam kar
dungi. Mera dimagh chakra gaya samajh mai nahi aa rha tha ke kia karun
(Ab mai unhain kia bata ta ke mujhe kia chahiye. Mujhe chahiye thi
chudai ke liye Unki choot Ya Usha ki choot kia woh yah intezam kar
sakti hai mera ?? laikin pooch nahi paya.). Itna sunna aur sochna tha
mera ke mai to pagal jaise ho gaya ab meri samajh mai nahi aa raha tha
ke Raat jisne mere sath chudai ki kia woh Usha Bhabi thi Ya woh Kamla
thi ya koi aur mehmano mai se koi thi aakhir WOH KOUN THI ???
Naashta karne ke baad ham shadi ke different kamo mai lag gaye sham
mai shadi ka mahurat tha. Saara din bhagam bhag mai aur kamo mai guzr
gaya aur sham mai phero ki rasam ke bad shadi ho gai. Ashok ki patni
Urmila bohot hi
sunder thi. Height bhi achi khasi thi. Rang bhi itna gora tha lagta
tha hath lago to maili ho jaye. Shadi ke dress mai woh bohot hi
khubsurat lag rahi thi. Shadi bohot dhoom dhaam se hui thi. Bohot
mehmaan the. Sab ka dinner hone hone tak raat ke 12 baj gaye. Phir
naach gaane ka silsila chalta raha. Bohot saare mehmaan to saari raat
jaagte rahe. Mujhe bhi shadi mai maza aa raha tha aur ladkian jab
dance karti to unki uchalti machalti chuchian dekh kar mera lund bhi
akadne lagta. Sab ne bohot enjoy kia. Us raat mai nahi so paya.
Shadi ke doosre din reception tha. Stage pe Dulha aur Dulhan baithe
the. Dulha aur Dulhan ka chehra raat ki chudai se shaed chamak raha
tha. Dono ek doosre ki taraf dekh ke muskura rahe the shaed aankho
aankhon mai ishara kar ke raat ki chudai ka maza le rahe the. Hathon
mai hath dale baithe the kabhi ek doosre ka hath daba dete. Kabhi koi
mehman ooper aake unse milta aru gift deta to dono khade ho jate aur
un se milte phir baith jate. aur usi stage pe koi koi ladki ya kai
ladkia aake dance karta to kabhi stage ke neeche hi dance karte. Bohot
dhamal mach raha tha. Baje baj rahe the gaane chal rahe the. Logon ke
khane ke liye sweets aur poori ki aur different khaane ki stalls lagi
hui thi jaha log apne man pasand khano ko apni plate mai le ke kha
rahe the.
Raat ka takreeban 1 baj chukka tha aur Last night bhi nahi so paya tha
isi liye mujhe ab neend aane lagi thi. Neend ka khayal aate hi mujhe
woh anjaan ladki se chudai yaad aa gai aur phir kia tha lund ek dum se
phan phanata hua uth khada hua. Badi mushkil se apne Lund ko sambhalta
hua mai usi room mai aa gaya jaha pehle soya tha. Aaj kamre mai koi
aur 2 aadmi baithe baatein kar rahe the. Thodi der un se bat kar ne ke
bad mai apni jagah pe aagaya aur us anjaan ladki ka intezar karte
karte so gaya. yeh bhi to pata nahi tha na ke woh ayegi bhi ya nahi.
kramashah.......................

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