तीन देवियाँ पार्ट -5
गतान्क से आगे..................
सुबह जब ऋतु ऊपेर आई तो अनु शॉल ओढ़े सीधी लेटी पैर फैलाए सोई पड़ी थी.
ऋतु अनु के कमरे मे आ गई और बोली दीदी उठो बोहोत देर हो गई है मेम साब और
साहेब नाश्ते पे इंतेज़ार कर रहे है तो अनु टॅस से मस्स नही हुई. ऋतु
करीब आ गई और हाथ लगा के अनु को जगाने की कोशिश करने लगी पर अनु नही उठी
तो ऋतु ने अनु के बदन से चदडार खेच ली उउफफफफ्फ़ दीदी तुम तो अभी तक नंगी
सोई पड़ी हो और यह क्या तुम्हारी तो माहवारी ( मेनास ) चालू हो गई है उठो
दीदी सारी बेडशीट खराब हो गयी है और इस पे खून लगा हुआ है तो अनु
हददबाड़ा के उठ बैठी और देखा के बेडशीट पे तो सच मे खून पड़ा हुआ है तो
उसको एक ही मिनिट के अंदर रात की चुदाई की सारी दास्तान याद आ गयी और
उसके मूह पे एक अनोखी सी मुस्कान आ गयी और वो धीरे से मुस्कुराने लगी.
उसने एक सेकेंड के अंदर फ़ैसला कर लिया के ऋतु को कुछ नही बताना है इसी
लिए उसने कहा अरे हा मुझे तो पता भी नही चला के आज मेरा दिन है ( मतलब के
अनु की मेनास का दिन है ) और बोली के ऋतु यह बेडशीट उठा ले और लपेट के रख
दे बाद मे धो देना. ठीक
है दीदी कहते हुए ऋतु ने बेडशीट को फोल्ड किया और वॉशिंग रूम मे ले गई.
अनु जल्दी से उठ गई और बाथरूम मे घुस गई.
अनु नहा धो के फ्रेश हो के नीचे आ गई और सब के साथ नाश्ता किया और बता
दिया के वो नेक्स्ट वीक अपने डॅडी के पास जाएगी और कॉलेज स्टार्ट होने के
टाइम पे वापस आ जाएगी. अगले 7 दिन तक मैं अनु की जम्म के चुदाई करता रहा.
अनु ने ऋतु से कह दिया था के उसके मेनास चल रहे है और वो उसके साथ कुछ
नही कर सकेगी और रात को जब ऋतु उस से बातें करके और चूमा चॅटी और कभी तो
ऋतु की चूत को चाट चाट कर खुद भी मज़ा लेती और ऋतु तो दीवानी हो जाती और
चूत का पानी अनु को पिला के ही वापस नीचे चली जाती तो अनु स्टेरकेस का
डोर अंदर से बंद कर देती ताके ऋतु अचानक फिर से ऊपेर ना आजाए और फिर हम
अलग अलग पोज़िशन मे खूब चुदाई करते रहे और अनु खूब मज़े ले ले के चुदवाती
रही. अनु जिसे मेल्स से नफ़रत थी अब मेरी और मेरे मूसल लंड की दीवानी हो
चुकी थी और अपने पेरेंट्स के पास जाने के बाद भी तकरीबन डेली लेट नाइट
मेरे मोबाइल पे कॉल किया करती और हम फोन सेक्स किया करते.
अब दोस्तो चलते है दूसरी हसीना की तरफ
ऋतु की चुदाई
मैं पहले ही बता चुका हू के ऋतु उमर मे काफ़ी छोटी थी पर उसका बदन बड़ा
घाटेला था और उसके मस्त टाइट चुचियाँ गोल्फ बॉल जैसी छोटी और कड़क थी.
कभी कमीज़ के अंदर ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति थी और जब
ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो चलते समय उसके चुचियाँ एक स्टाइल से डॅन्स
करती दिखाई देती और मेरा लंड पॅंट के अंदर ही अंदर खड़ा हो जाता. ऋतु को
तो मैं कब से चोदना चाहता था उसकी डॅन्स करती चुचियाँ और हिलते चूतदो को
देख कर तो मेरा लंड बोहोत ज़ोर ज़ोर से फडकने लगता था पर कभी ऋतु को
चोदने का मोका नही मिला था और साची बात तो यह है के उसको चोदने से डरता
भी था क्यों के वो अभी बोहोत छोटी थी और अगर उसकी चूत फॅट गयी और उसने
किसी को बता दिया तो एक नयी मुसीबत ही ना खड़ी हो जाए इसी लिए अभी डरता
था पर अक्सर सोचता के कम से कम ऋतु से अपना लंड ही चुस्वा डालु और उसको
अपने लंड की मलाई खिलाउ.
जैसा के अनु ने कहा था के ऋतु को मेरे और उसके के बारे मे पता नही चलना
चाहिए तो मैं ने एक तरकीब सोची. अनु तो अपने मम्मी डॅडी के पास चली गई
थी. मेरे मम्मी और डॅडी तो सुबह ही अपने ऑफीस चले जाते और मेरे एग्ज़ॅम्स
भी ख़तम हो चुके थे और मैं घर पर ही रहता था. बरसात के दिन शुरू हो गये
थे. कभी कभी बरसात होती थी कभी नही और कभी तेज़ होती कभी तो सिर्फ़
बूँदें ही पड़ के ख़तम हो जाती पर मौसम बोहोत ही अछा हो चुका था और ऐसे
मौसम मे तो मेरे लंड मे बेचैनी कुछ और बढ़ गई थी. कॉलेज को छुट्टियाँ भी
थी घर मे अकेला पड़ा रहता था.
उस दिन सुबह मे बारिश हो रही थे अभी धीमी गति से पड़ रही थी ज़ियादा तेज़
नही हुई थी. मेरे मोम और दाद दोनो सुबह ही ऑफीस को चले गये थे. थोड़ी देर
मे ही काम वाली मासी आने वाली थी. मैं ब्रेकफास्ट कर के ऊपेर चला गया और
अपने कमरे मे कंप्यूटर पे एक सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा देखते ही देखते
बारिश बोहोत ही तेज़ी से होने लगी और बिजली भी बड़ी ज़ोर ज़ोर से कडकने
लगी यह शाएद सीज़न की पहली ज़बरदस्त बरसात होने वाली थी मौसम बोहोत ठंडा
हो गया था मुझे कॉफी पीने का मॅन करने लगा तो मैं स्टेरकेस पे आ गया और
वही से नीचे पुकारने लगा के मासी एक कप गरमा गरम कॉफी तो भेज देना ऊपेर
तो ऋतु नीचे से बोली के राज बाबू अभी मासी नही आई है अब पता नही इतनी
तेज़ बारिश मे आती भी है या नही तो मैं ने कहा के तुम ही बना लाओ गरमा
गरम कॉफी तो उसने कहा ठीक है और मैं ने साथ मे बोल दिया के अगर अभी तक
मासी नही आई है तो नीचे का मेन डोर भी लॉक करदो उसने कहा ठीक है राज बाबू
बंद कर देती हू और मैं ने ऊपेर से डोर लॉक करने की आवाज़ सुनी और
इत्मीनान से अपने कमरे मे आ गया और खिड़की और डोर बंद कर के बैठ गया
क्यों के ठंडी हवा चलना शुरू हो गई थी.
मैं ने सोचा के शाएद आज ऋतु को चोदने का मोका मिल जाए. मैं ने वो एन्वेलप
निकाला जिस्मै मैं ने अनु ऋतु और शालु की अलग अलग और एक दूसरे की चूते
चाट ते हुए पिक्चर्स अपने डिजिटल कॅमरा से छुप के ली थी और कंप्यूटर पे
प्रिंट की थी वो एन्वेलप निकाला और बेड पे डाल दिया और मैं कंप्यूटर पे
चुदाई के और लेज़्बियन्स लड़कियों के एक दूसरे की चूतो को चाट चाट के
मज़े लेते हुए फोटोस देखने लगा. एक तो बोहोत ही क्लियर फोटो थी जिस्मै दो
लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी और दूसरी पिक्चर मे एक मोटा लंड
चिकनी चूत मे आधा घुसा हुआ दिखाई दे रहा था आक्च्युयली कंप्यूटर स्क्रीन
पे दोनो पिक्चर्स हाफ हाफ स्क्रीन पे थी और मेरा कंप्यूटर टेबल
ऐसी पोज़िशन मे था के ऋतु जब कॉफी ला के मुझे देगी तो शुवर्ली देख लेगी
और अगर टेबल पे रखेगी तो पलट ते समय उसको कंप्यूटर स्क्रीन सॉफ नज़र आ
जाएगा और स्क्रीन की पिक्चर देख लेगी. बारिश बोहोत तेज़ हो चुकी थी और
दिन का समय ऐसा लगता था जैसे रात हो गई हो. थोड़ी ही देर मे ऋतु ऊपेर
कॉफी की ट्रे ले के आ गई और मेरे पीछे रखी हुई सेंटर टेबल पे ट्रे रख के
जैसे ही घूमी उसको कंप्यूटर के स्क्रीन पे सेक्स पिक्चर नज़र आ गई और
उसके मूह से "छी छी राजा बाबू यह क्या देख रहे हो" निकल गया तो मैं ने
पूछा क्या हुआ ऐसी गंदी पिक्चर्स तो नही है इन्हे देखने से क्या होता है
तो वो बोली यह सब अच्छी चीज़ नही है और तेज़ी से मेरे कमरे से बाहर
निकलने लगी तो मैं ने फिर से पुकारा ऋतु सुनो तो वो डोर के पास ही रुक गई
पर पलट के मेरी तरफ नही देखा तो मैं ने कहा वाहा देखो मेरे बेड पे एक
एन्वेलप पड़ा है वो इधर लाओ, तो ऋतु पलट के वापस आ गई और एन्वेलप उठा के
अपने मूह को दूसरी तरफ करते हुए मुझे एन्वेलप देने लगी तो मैं ने कहा तुम
देखो इस्मै क्या है तो वो शरमाते हुए बोली के नही मुझे नही देखना है यह
वैसी ही पिक्चर्स होगी जैसे आप कंप्यूटर पे देख रहे हो तो मैं ने कहा अरे
नही ऋतु यह ऐसी वैसी पिक्चर्स नही है यह तो अनु के कॉलेज के फंक्षन्स के
फोटोस है आज ही डेवेलप करवा के लाया हू तो वो खुशी से एन्वेलप खोलते
खोलते कमरे से बाहर जाने लगी तो मैं ने कहा के यह ढेर सारी फोटोस है बाहर
बारिश के कतरे पड़ने से खराब हो जाएँगी इन्है तुम इत्मीनान से यही बैठ कर
देखो तो वो कन्फ्यूज़ हो गई शाएद वो मेरे कमरे मे नही बैठना चाह रही थी.
ऋतु वापस कमरे मे आ गई और मेरे बेड के कॉर्नर पे बैठ गई और एन्वेलप को एक
साइड से पकड़ के उल्टा किया तो एन्वेलप से सारी की सारी पिक्चर स्लिप हो
के मेरे बेड पे गिर गई. मैं कंप्यूटर के स्क्रीन से ऋतु को देख रहा था.
पहली पिक्चर को देखते ही उसके मूह का रंग उड़ गया और उसके मूह ऑटोमॅटिकली
खुला का खुला रह गया और ऑटोमॅटिकली निकल गया "हे भगवान" और उसके हाथो से
फोटोस निकल के बेड पे गिर गई और वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगी जैसे उसे कुछ
दिखाई नही दे रहा हो और उसकी ज़ुबान से एक शब्द भी नही निकला. मैं अपनी
चेर घुमा के उसकी तरफ पलट गया और पूछा ऋतु कैसे लगी फोटोस तुम्है, अच्छी
है ना, तो वो कुछ नही बोली शाएद सोच मे पड़ गई के अब क्या होगा. ऋतु अपनी
जगह से उठी और सीधे मेरी चेर के पास आ गई और मेरे पैरो मे गिर गयी, उसका
बदन बड़ी ज़ोर से काँपने लगा और मेरे पैर पकड़ के रोने लगी के प्लीज़ राज
बाबू किसी को यह फोटोस नही दिखना नही तो मैं मर जाउन्गी. मैं ने उसको
थोड़ी देर रोने दिया फिर उसको शोल्डर्स
से पकड़ के अपने पैरो से उठाया तो वो मेरे सामने घुटने फ्लोर पे टेक के
नील डाउन पोज़िशन मे बैठ गयी. मैं ने कहा अरे पगली मैं किसी को भी नही
बताउन्गा तू कियों फिकर करती है मैं तो यह सब बोहोत दिनो से देख रहा हू.
सच राजा बाबू किसी को भी नही बताओगे ना प्लीज़ तो मैं ने कहा हा नही
बताउन्गा और उसके बालो मे उंगलियाँ घुमाने लगा. उसके बदन को हाथ लगाते ही
मेरा लाउडा एक दम से मस्ती मे फुल अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो गया और
मेरे बॉक्सर्स शॉर्ट्स के अंदर से बाहर निकलने को मचलने लगा. मैं ने उसके
सर को पकड़े पकड़े धीरे धीरे अपनी तरफ खेचना शुरू किया तो वो भी अपने
घुटनो के बल दो कदम आगे चल के मेरे दोनो पैरो के बीच मे नील डाउन हो के
बैठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी. उसकी आँखों मे एक अजीब सी बेबसी थी, एक
अंजना सा सवाल था, एक खोफ़ था, एक साइलेंट रिक्वेस्ट थी. मैं ने उसका एक
हाथ पकड़ केऊपेर उठाया और सीधा अपने लूस बॉक्सर्स शॉर्ट के खुले भाग से
अंदर घुसा के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और इमीडीयेट्ली उसने अपना
हाथ "अरे बाप र्ऱे" कहते हुए शॉर्ट के बाहर खेच लिया मैं ने उसका हाथ फिर
से पकड़ा और अपने शॉर्ट के अंदर डाल के अपने फॅन फनाते लंड को उसके हाथ
मे थमा दिया जिसे उसने इस टाइम थाम लिया. दोनो के मूह से कुछ भी नही निकल
रहा था. ऋतु मेरे लंबे मोटे आकड़े हुए लंड के ऊपेर हाथ रखे रही तो मैं ने
उसका हाथ अपने हाथ मे ले के दबाया तो वो इशारा समझ गई दोनो ने कुछ नही
कहा जैसे साइलेंट अग्रीमेंट हो गया हो और ऋतु मेरे लंड को पकड़ के दबाने
लगी अभी भी उसके मूह से बोहोत धीमी आवाज़ मे निकला "अरे बाप रे यह तो
बहुत ही बड़ा है" मैं कुछ बोला नही बॅस मुस्कुरा दिया.
मैं अपने चेर पे थोड़ा सा और पैर खोल के चेर के सामने एड्ज पे आ गया. अब
ऋतु मेरे लंड को दोनो हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मुझे बड़ी खुशी हो रही
थी के यह लड़की जिसे मैं कब से चोदना चाहता था आज वो खुद ही मेरे पैरो मे
गिरी पड़ी है और मेरे लौदे को हाथ मे पकड़ के मज़े से दबा रही है. मैं ने
ऋतु के सर को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो वो एक कदम और आगे आ गई अब पोज़िशन
ऐसी थी के मेरा फुल्ली एरेक्टेड आंड थ्रॉबिंग लंड उसके मूह के सामने था.
मैं चाहता था के ऋतु ही मेरे बॉक्सर्स की ज़िप खोले पर वो अभी तक नही खोल
रही थी तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी बॉक्सर्स शॉर्ट्स की ज़िप के
ऊपेर रख दिया तो वो शरमाते शरमाते मेरी तरफ अजीब नज़रों से देखते देखते
ज़िप खोलने लगी. ज़िप का खुलना था के मेरा मूसल जैसा लंड मेरे शॉर्ट्स के
अंदर से किसी साँप की तरह से तड़प के बाहर निकल गया और ऋतु के मूह के
सामने हिलने लगा तो ऋतु एक दम से घबरा गई और उसका
मूह डर के मारे खुल गया और उसके मूह से फिर से निकला "अरे बाप रे" और
सडन्ली उसका मूह थोड़ा सा पीछे हट गया तो मैं हंस दिया और बोला के क्या
हुआ कभी लंड देखा नही क्या? तो उसने अपना सर हिला दिया और कहा देखा तो है
पर इतना बड़ा और मोटा नही देखा. एक बार फिर से ऋतु बोलने लगी राजा बाबू
प्लीज़ किसी से कुछ भी नही कहना हमारे बारे मे नही तो मैं मर जाउन्गी तो
मैं ने फिर से दिलासा दिलाया के मैं किसी से नही बताउन्गा बस मैं जैसा
कहु तू वैसे ही करती जा तो उसने कहा ठीक है आप जैसा कहेंगे मैं करूगी पर
प्लीज़ मैं ने उसे और कुछ कहने नही दिया और उसका मूह अपने लंड पे लगा
दिया.
पहले तो वो समझी नही के क्या करना है तो मैं ने फिर से उसका हाथ पकड़ के
अपने लंड पे रखा और वाइज़ ही उसके लिप्स पे अपने लंड का सूपड़ा घुमाने
लगा. उसने अपना मूह बंद कर रखा था. शाएद उसे पता नही था के उसको मेरा लंड
चूसना है.
अब पोज़िशन ऐसी थी के मैं चेर के एड्ज पे बैठा था, ऋतु मेरे दोनो पैरो के
बीचे मे घुटनो के बल बैठी थी. मेरा मूसल लंड उसके मूह के सामने हिल रहा
था. मैं ने अपने लंड को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह मे घुसाना शुरू
किया तो उसने मूह नही खोला पर सूपड़ा उसके होंठो के बीचे मे घुस के उसके
दांतो से रगड़ने लगा. मैं ने ऋतु से कहा चल अब जल्दी से मूह खोल ज़ियादा
नखरे मत कर तो वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैं ने कहा हा चल खोल मूह जल्दी
से और ले इसको चूस. ऋतु ने अपना मूह थोड़ा सा खोला और मेरे लंड को ऐसे
मूह मे लिया जैसे टेस्ट कर रही हो और फॉरन ही मूह हटा लिया. अब मैं ने
अपने लंड को ज़बरदस्ती घुसाया तो उसने मूह खोल दिया और मेरा लंड उसके मूह
मे घुस्स गया पर उसने चूसा नही ऐसे ही मूह खुला रखा तो मैं ने लंड को
थोड़ा प्रेशर दिया तो लंड उसके थ्रोट तक घुस्स गया और उसके मूह से
आआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह गगगगगगगगघह जैसी आवाज़ निकल गई और उसके गले की रगे
तंन के मोटी हो गई और उसकी आँखें बाहर को निकल गई और उसने अपना मूह लंड
से बाहर खेचना शुरू किया तो मैं ने कहा अगर नही चूसेगी तो ऐसे ही हलक़ के
अंदर तक घुसा दूँगा तो उसने बिना कुछ कहे अपना सर हिला दिया तो मैं ने
उसके सर पे से अपना हाथ ढीला कर दिया.
अब ऋतु ने अपना मूह ऊपेर नीचे कर के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था.
मैं ने अपना हाथ उसके सर पे रख दिया और उसके मूह को चोदने लगा. ऋतु थोड़ी
देर तक ऐसे ही मेरे लंड को चूस्ति रही फिर मैं ने उसका मूह अपने लंड से
हटा दिया तो उसने इत्मेनान की साँस ली और समझी के शाएद उसका काम ख़तम हो
गया और वो अपनी जगह से उठने लगी तो मैं
ने कहा चल अब अपने कपड़े उतार तो वो मेरी तरफ दया की नज़रो से देखने लगी
तो मैं ने कहा चल जल्दी कर तो उसने कहा क्यों बाबू कपड़े क्यों उतारू.
मुझे लज्जा आती है प्लीज़ बाबू ऐसे ना करो ना तो मैं ने कहा अपनी चूत
चटवाने और अनु और शालु की चूतो को चाटने के टाइम पे तो कपड़े उतार के
नंगी हो जाती है तब तुझे लज्जा नही आती और मेरे सामने नंगी होते तुझे
लज्जा आती है चल उतार जल्दी से, तो उसने कुछ नही कहा अपनी जगह से उठ के
खड़ी हो गई तो मैं ने कहा चल जल्दी कर मैं तुझे नंगी देखना चाहता हू.
उसने एक बार फिर से दया की नज़रो से देखा तो मैं ने अपनी उंगली को ऐसे
नीचे से ऊपेर किया जैसे कह रहा हू के जल्दी से निकाल. ऋतु पलट गई और अपने
शर्ट के बटन्स खोलने लगी तो मैं ने कहा हे इधर पलट के खोल मैं तुंझे नंगा
होते देखना चाहता हू. इतनी देर मे एक ज़बरदस्त बिजली चमकी और गूँज से
बारिश और ज़ियादा तेज़ हो गई. बारिश इतनी तेज़ी से हो रही थी जैसे लगता
था के दिन के 11 नही रात के 11 बजे हैं. बाहर का मौसम तो ठंडा था पर कमरा
और मैं गरम था. ऋतु ने एक बार फिर से कोशिश की के बाबू ठंड लग रही है तो
मैं ने उठ के कमरे की खुली हुई विंडो भी बंद कर दी जिस से कमरे मे बाहर
की ठंडी हवा आ रही थी. इतनी तूफ़ानी बारिश मे किसी के आने की उम्मीद नही
थी और घर का मैन डोर भी लॉक था. मम्मी और डॅडी भी शाम से पहले घर आने
वाले नही थे. घर मे मेरे और ऋतु के सिवा कोई नही था. इसी लिए ऋतु को तडपा
तडपा के इत्मीनान से चोदना चाहता था और वो किसी नन्ही सी मासूम कबूतरी की
तरह से डरी सहमी बड़ी अछी लग रही थी जिसे देख के मेरे लंड मे एक नया जोश
आ गया था..
ऋतु धीरे धीरे अपने बटन्स खोलने लगी और जब सारे बटन्स खुल गये फिर भी
अपने हाथ वही रहने दिए और शर्ट नही उतारी तो मैं ने कहा के खुद उतारेगी
या मैं उतारू तो वो बोलने लगी राजा बाबू प्लीज़ ऐसे ना करो मुझे लज्जा
आती है. मैं सोच मे पड़ गया के मैं खुद ही उसके कपड़े फाड़ डालु या उसको
ही उतारने दू. फिर यह डिसाइड किया के वो खुद ही मेरे सामने नंगी होगी और
उसको बोला के देख ऋतु अगर तू कपड़े नही उतारेगी तो यहा से चली जा मैं
तुझे कुछ नही करूगा तो उसकी आँखो मे एक चमक आ गई शाएद वो खुश हो गई थी
फिर मैं ने अपना सेंटेन्स कंप्लीट किया के देख बाद मे अगर किसी ने यह
पिक्चर्स देख ली तो मुझे कुछ नही कहना तो वो फिर से डर गई और बोली के ठीक
है बाबू खोलती हू. ऋतु ने अपनी शर्ट को अपने हाथ ऊपेर कर के बाहर निकाल
दिया. ऋतु शाएद ब्रस्सिएर नही पहनती थी या उसकी छोटी छोटी से चुचिओ के
लिए ब्रस्सिएर्स मार्केट मे नही मिलते थे मुझे नही मालूम. उसके मस्त छोटे
छोटे कॉनिकल शेप की कड़क चुचियाँ मेरे
सामने थी. चूचियों पे छोटे छोटे से लाइट ब्राउन कलर के निपल्स जो अभी
पूरी तरह से बने भी नही थे बड़े मस्त लग रहे थे जिन्है देखते ही मेरे
लौदे मे एक नया जोश आ गया और मेरा लंड खुशी और मस्ती में झूमने लगा के आज
एक नयी और कुँवारी चूत को चोदना है, नाचने लगा और लहराने लगा पर अपने आप
को कंट्रोल मे रखते हुए कहा के चल अब जल्दी से अपनी सलवार उतार तो वो फिर
से कहने लगी रहने दो ना बाबू अपनी कमीज़ तो निकाल दी ना अब सलवार को रहने
दो ना प्लीएअसीई तो मैं ने फिर से डराया देख तेरी मर्ज़ी बाद मे मुझे कुछ
ना कहने तो वो मेरी धमकी को समझ गई और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.
जैसे ही उसने नाडा खोला उसकी सलवार सरर से नीचे गिर पड़ी और ऋतु ने फॉरन
अपने दोनो हाथो से अपनी छोटी सी बेबी चूत को छुपा लिया तो मैं ने कहा चल
अब ज़ियादा नखरे मत्त कर और हाथ हटा, मुझे देखने दे तो उसने शरमाते हुए
धीरे धीरे अपने हाथ हटा लिए. अब वो मेरे सामने एक दम से नंगी खड़ी थी.
उसका साँवले कलर का बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था. उसकी चूत पे बोहोत छोटी
छोटी मुलायम से झांतो जैसा रूवूवा था शाएद अभी झांट आने नही शुरू हुए थे
एक दम से चिकनी मक्खन जैसी ब्रांड न्यू चूत मन कर रहा था के अभी उसकी चूत
पे मूह लगाउ और चूसना शुरू कर्दु पर अपने आपको कंट्रोल किया. चूत की पतली
पतली पंखाड़िया एक दूसरे से जुड़े हुए थे और चूत उसके जाँघो मे एक लकीर
जैसी बन गई थी. वाह क्या बताउ कितनी मस्त जवानी थी ऋतु की.
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कामुक कहानियाँ
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क्रमशः........
Teen Deviyaan paart -5
gataank se aage..................
Subah jab Ritu ooper aye to Anu shawl odhey seedhi leti pair phailaye
soi padi thi. Ritu Anu ke kamre mai aagai aur boli Didi utho bohot der
ho gai hai Mem baheb aur saheb nashte pe intezar kar rahe hai to Anu
tass se mass nahi hui. Ritu kareeb aa gai aur hath laga ke Anu ko
jagaane ki koshish karne lagi par Anu nahi uthi to Ritu ne Anu ke
badan se chaddar khech li uufffff Didi tum to abhi tak nangi soi padi
ho aur yah kia tumhari to mahawari ( menses ) chalu ho gai hai utho
didi sari bedsheet kharab ho gaye hai aur is pe khoon laga hua hai to
Anu haddbada ke uth baithi aur dekha ke bedsheet pe to sach mai khoon
pada hua hai to usko ek hi minute ke ander raat ki chudai ki saari
dastaan yaad aa gayee aur uske muh pe ek anokhi si muskaan aa gayee
aur wo dheere se muskurane lagi. Yeh kahani The Great Warrior ki likhi
hui hai Usne ek second ke ander faisla kar lia ke Ritu ko kuch nahi
batana hai isi liye usne kaha arey haa mujhe to pata bhi nachi chal ke
aaj mera din hai ( matlab ke Anu ki menses ka din hai ) aur boli ke
Ritu yeh bedsheet utha le aur lapet ke rakh de bad mai dho dena. Theek
hai didi kehte hue Ritu ne bedsheet ko fold kia aur washing room mai
le gai. Anu jaldi se uth gai aur bathroom mai ghus gai.
Anu naha dho ke fresh ho ke neeche aa gai aur sab ke sath nashta kia
aur bata dia ke wo next week apne daddy ke pas jayegi aur college
start hone ke time pe wapas aa jayegi. Agle 7 din tak mai Anu ki jamm
ke chudai karta raha. Anu ne Ritu se keh dia tha ke uske menses chal
rahe hai aur wo uske sath kuch nahi kar sakegi aur raat ko jab Ritu us
se baatein karke aur chooma chaati aur kabhi to Ritu ki choot ko chaat
chaat kar khud bhi maza leti aur Ritu to deewani ho jati aur choot ka
pani Anu ko pila ke hi wapas neeche chali jati to Anu staircase ka
door ander se band kardeti taake Ritu achanak phir se ooper na aajaye
aur phir ham alag alag positoin mai khoob chudai karte rahe aur Anu
khoob maze le le ke chudwati rahi. Anu jise males se nafrat thi ab
meri aur mere Musal Lund ki deewani ho chuki thi aur apne parents ke
paas jaane ke baad bhi takreeban daily late night mere mobile pe call
kia karti aur ham phone sex kia karte.
Contd.... to Ritu Ki Chudai
....................................
Contd ... From Anu Ki Chudai
Ritu Ki Chudai
Mai pehle hi bata chuka hu ke Ritu umar mai kaafi choti thi par uska
badan bada ghatela tha aur uske mast tight chuchian Golf Ball jaise
chote aur kadak the. Kabhi kameez ke ander brassier pehenti kabhi nahi
pehenti thi aur jab Brassier nahi pehenti to chalte samay uske
chuchian ek style se dance karte dikhaee dete aur mera Lund pant ke
ander hi ander khada ho jata. Ritu ko to mai kab se chodna chahta tha
uske dance karte chuchian aur hilte chootado ko dekh kar to mera Lund
bohot zor zor se phaRakne lagta tha par kabhi Ritu ko chodne ka moka
nahi mila tha aur sachi baat to yeh hai ke usko chodne se darta bhi
tha kyon ke wo abhi bohot choti thi aur agar uski choot phatt gayee
aur usne kisi ko bata dia to ek nayee museebat hi na khadi ho jaye isi
liye abhi darta tha par aksar sochta ke kam se kam Ritu se apna Lund
hi chuswa dalu aur usko apne Lund ki malai khilau.
Jaisa ke Anu ne kaha tha ke Ritu ko mere aur uske ke bare mai pata
nahi chalna chahiye to mai ne ek tarkeeb sochi. Anu to apne mummy
daddy ke pas chali gai thi. Mere mummy aur daddy to subah hi apne
office chale jate aur mere exams bhi khatam ho chuke the aur mai ghar
par hi rehta tha. This story is written by The Great Warrior. Barsat
ke din shuru ho gaye the. kabhi kabhi barsat hoti thi kabhi nahi aur
kabhi tez hoti kabhi to sirf boondein hi pad ke khatam ho jati par
mousam bohot hi acha ho chuka tha aur aise mousam mai to mere Lund mai
bechaini kuch aur badh gai thi. College ko chuttian bhi thi ghar mai
akela pada rehta tha.
Uss din subah mai barish ho rahi the abhi dheemi gati se pad rahe the
ziada tez nahi hue the. Mere mom aur dad dono subah hi office ko chale
gaye the. Thodi der mai hi kaam wali maasi aane wali thi. Mai
breakfast kar ke ooper chala gaya aur apne kamre mai computer pe ek
sex story padhne laga dekhte hi dekhte barish bohot hi tezi se hone
lagi aur bijli bhi badi zor zor se kadakne lagi yeh shaed season ki
pehli zabardast barsat hone wali thi mousam bohot thanda ho gaya tha
mujhe coffee peene ka mann karne laga to mai staircase pe aa gaya aur
wahi se neeche pukarne laga ke maasi ek cup garma garam coffee to bhej
dena ooper to Ritu neeche se boli ke Raja babu abhi maasi nahi ayi hai
ab pata nahi itni tez barish mai aati bhi hai ya nahi to mai ne kaha
ke tum hi bana lao garma garam coffee to usne kaha theek hai aur mai
ne sath mai bol dia ke agar abhi tak maasi nahi ayee hai to neeche ka
main door bhi lock kardo usne keha theek hai Raja babu band kar deti
hu aur mai ne ooper se door lock karne ki awaz suni aur itmenan se
apne kamre mai aa gaya aur khidki aur door band kar ke baith gaya kyon
ke thandi hawa chalna shuru ho gai thi.
Mai ne socha ke shaed aaj Ritu ko chodne ka moka mil jaye. Mai ne wo
envelop nikala jismai mai ne Anur Ritu aur Shalu ki alag alag aur ek
doosre ki chootein chaat te hue pictures apne digital camera se chupp
ke li thi aur computer pe print ki thi wo envelop nikala aur bed pe
dal dia aur mai computer pe chudai ke aur lesbians ladkion ke ek
doosre ki chooton ko chaat chaat ke maze lete hue photos dekhne laga.
Ek to bohot hi clear photo thi jismai do ladkiyan ek doosre ki
chootein chaat rahi thi aur doosri picture mai ek mota lund chikni
choot mai aadha ghusa hua dikhai de raha tha actually computer screen
pe dono pictures half half screen pe thi aur mera computer table
aisi position mai tha ke Ritu jab coffee la ke mujhe degi to surely
dekh legi aur agar table pe rakhegi to palat te samay usko computer
screen saaf nazar aa jayega aur screen ki picture dekh legi. Yeh
kahani The Great Warrior ki likhi hui hai Barish bohot tez ho chuki
thi aur din ka samay aisa lagta tha jaise raat ho gai ho. Thodi hi der
mai Ritu ooper coffee ki tray le ke aa gai aur mere peeche rakhi hui
center table pe tray rakh ke jaise hi ghoomi usko computer ke screen
pe sex pictues nazar aa gai aur uske muh se "chi chi Raja babu yeh kia
dekh rahe ho" nikal gaya to mai ne poocha kia hua aisi gandi pictures
to nahi hai inhei dekhne se kia hota hai to wo boli yeh sab achi cheez
nahi hai aur tezi se mere kamre se baher nikalne lagi to mai ne phir
se pukara Ritu suno to wo door ke pas hi ruk gai par palat ke meri
taraf nahi dekha to mai ne kaha waha dekho mere bed pe ek envelop pada
hai wo idhar lao, to Ritu palat ke wapas aa gai aur envelop utha ke
apne muh ko doosri taraf karte hue mujhe envelop dene lagi to mai ne
kaha tum dekho ismai kia hai to wo sharmaate hue boli ke nahi mujhe
nahi dekhna hai yeh waise hi pictures hogi jaise aap computer pe dekh
rahe ho to mai ne kaha arey nahi Ritu yeh aisi waisi pictures nahi hai
yeh to Anu ke college ke functions ke photos hai aaj hi develop karwa
ke laya hu to wo khushi se envelop kholte kholte kamre se baher jaane
lagi to mai ne kaha ke yeh dher sari photos hai baher barish ke katre
padne se kharab ho jayengi inhai tum itmenan se yahi baith kar dekho
to wo confuse ho gai shaed wo mere kamre mai nahi baithna chah rahi
thi.
Ritu wapas kamre mai aa gai aur mere bed ke corner pe baith gai aur
envelop ko ek side se pakad ke ulta kia to envelop se sari ki sari
pictues slip ho ke mere bed pe gir gai. Mai computer ke screen se Ritu
ko dekh raha tha. Pehli Pictue ko dekhte hi uske muh ka rang udd gaya
aur uske muh automatically khula ka khula reh gaya aur automatically
nikal gaya "Hey Bhagwan" aur uske hatho se photos nikal ke bed pe gir
gai aur wo meri taraf aise dekhne lagi jaise use kuch dikhaee nahi de
raha ho aur uski zuban se ek shabd bhi nahi nikla. Mai apni chair
ghuma ke uski taraf palat gaya aur poocha Ritu kaise lagi photos
tumhai, achi hai na, to wo kuch nahi boli shaed soch mai pad gai ke ab
kia hoga. Ritu apni jagah se uthi aur seedhe meri chair ke paas aa gai
aur mere pairo mai gir gayee, uska badan badi zor se kaanpne laga aur
mere pair pakad ke rone lagi ke please Raja babu kisi ko yeh photos
nahi dikhana nahi to mai marr jaugi. Mai ne usko thodi der rone dia
phir usko shoulders
se pakad ke apne pairo se uthaya to wo mere samne ghutne floor pe tek
ke kneel down position mai baith gayee. Mai ne kaha arey pagli mai
kisi ko bhi nahi batauga tu kiyon fikar karti hai mai to yeh sab bohot
dino se dekh raha hu. Sach Raja babu kisi ko bhi nahi bataoge na
please to mai ne kaha haa nahi batauga aur uske balo mai unglian
ghumane laga. This story is written by The Great Warrior. Uske badan
ko hath lagate hi mera louda ek dum se masti mai full akad ke lohe
jaisa sakht ho gaya aur mere boxers shorts ke ander se baher nikalne
ko machalne laga. Mai ne uske sar ko pakde pakde dheere dheere apni
taraf khechna shuru kia to wo bhi apne ghutno ke bal do kadam aage
chal ke mere dono pairo ke beech mai kneel down ho ke baith gayee aur
meri taraf dekhne lagi. Uski aankhon mai ek ajeeb si bebasi thi, ek
anjana sa sawal tha, ek khof tha, ek silent request thi. Mai ne uska
ek hath pakad keooper uthaya aur seedha apne loose boxers short ke
khule bhaag se ander ghusa ke apne akde hue loude pe rakh dia aur
immediately usne apna hath "Arey Baap rRe" kehte hue short ke baher
khech liya mai ne uska hath phir se pakda aur apne short ke ander dal
ke apne phan phanaate Lund ko uske hath mai thama dia jise usne iss
time thaam lia. Dono ke muh se kuch bhi nahi nikal raha tha. Ritu mere
lambe mote akde hue Lund ke ooper hath rakhe rahi to mai ne uska hath
apne hath mai le ke dabaya to wo ishara samajh gai dono ne kuch nahi
kaha jaise silent agreement ho gaya ho aur Ritu mere Lund ko pakad ke
dabaane lagi abhi bhi uske muh se bohot dheemi awaz mai nikla "Arey
Baap Re Yeh To Bohot Hi Bada Hai" mai kuch bola nahi bass muskura dia.
Mai apne chair pe thoda sa aur pair khol ke chair ke saamne edge pe aa
gaya. Ab ritu mere Lund ko dono hatho se pakad ke daba rahi thi. Mujhe
badi khushi ho rahi thi ke yeh ladki jise mai kab se chodna chahta tha
aaj wo khud hi mere pairo mai giri padi hai aur mere loude ko hath mai
pakad ke maze se daba rahi hai. Mai ne Ritu ke sar ko pakad ke apni or
khecha to wo ek kadam aur aage aa gai ab position aisi thi ke mera
fully erected and throbbing Lund uske muh ke samne tha. Mai chahta tha
ke Ritu hi mere boxers ki zip khole par wo abhi tak nahi khol rahi thi
to mai ne uska hath pakad ke apni boxers shorts ki zip ke ooper rakh
dia to wo sharmaate sharmaate meri taraf ajeeb nazron se dekhte dekhte
zip kholne lagi. Zip ka khulna tha ke mera musal jaisa Lund mere
shorts ke ander se kisi saanp ki tarah se tadap ke baher nikal gaya
aru Ritu ke muh ke samne hilne laga to Ritu ek dum se ghabra gai aur
uske
muh darr ke mare khul gaya aur uske muh se phir se nikla "Arey Baap
Re" aur suddenly uska muh thoda sa peeche hat gaya to mai hans dia aur
bola ke kia hua kabhi Lund dekha nahi kia? to usne apne sar hila dia
aur kaha dekha to hai par itna bada aur mota nahi dekha. Ek baar phir
se Ritu bolne lagi Raja Babu please kisi se kuch bhi nahi kehna hamare
bare mai nahi to mai marr jaugi to mai ne phir se dilaasa dilaya ke
mai kisi se nahi batauga bas mai jaisa kahu tu waise hi karti ja to
usne kaha theek hai aap jaisa kahenge mai karugi par please mai ne use
aur kuch kehne nahi dia aur uska muh apne Lund pe laga dia. Yeh kahani
The Great Warrior ki likhi hui hai
Pehle to wo samjhi nahi ke kia karna hai to mai ne phir se uska hath
pakad ke apne Lund pe rakha aur wise hi uske lips pe apne Lund ka
supada ghumane laga. Usne apna muh band kar rakha tha. Shaed use pata
nahi tha ke usko mera Lund choosna hai.
Ab position aisi thi ke mai chair ke edge pe baitha tha, Ritu mere
dono pairo ke beeche mai ghutno ke bal baithi thi. Mera musal Lund
uske muh ke samne hil raha tha. Mai ne pne Lund ko apne hatho se pakad
ke uske muh mai ghusana shuru kia to usne muh nahi khola par supada
uske hoton ke beeche mai ghuss ke uske dato se ragadne laga. mai ne
Ritu se kaha chal ab jaldi se muh khol ziada nakhre mat kar to wo meri
taraf dekhne lagi to mai ne kaha haa chal khol muh jaldi se aur le
isko choos. Ritu ne apna muh thoda sa khola aur mere Lund ko aise muh
mai lia jaise taste kar rahi ho aur foran hi muh hata lia. Ab mai ne
apne Lund ko jabardasti ghusaya to usne muh khol dia aur mera Lund
uske muh mai ghuss gaya par usne choosa nahi aise hi muh khula rakha
to mai ne Lund ko thoda pressure dia to Lund uske throat tak ghuss
gaya aur uske muh se aaaaggggghhhhh ggggggggghhhhhhhhhhh jaisi awaz
nikal gai aur uske gale ki ragey tann ke moti ho gai aur uski aankhein
baher ko nikal gai aur usne apna muh Lund se baher khechna shuru kia
to mai ne kaha agar nahi choosegi to aise hi halaq ke ander tak ghusa
dunga to usne bina kuch kahe apna sar hila dia to mai ne uske sar pe
se apna hath dheela kar dia.
Ab Ritu ne apne muh ooper neeche kar ke mere Lund ko choosna shuru kar
dia tha. Mei ne apna hath uske sar pe rakh dia aur uske muh ko chodne
laga. Ritu thodi der tak aise hi mere Lund ko choosti rahi phir mai ne
uska muh apne Lund se hata dia to usne itmenaan ki saans li aur samjhi
ke shaed uska kaam khatam ho gaya aur wo apni jagah se uthne lagi to
mai
ne kaha chal ab apne kapde utar to wo meri taraf daya ki nazro se
dekhne lagi to mai ne kaha chal jaldi kar to usne kaha kyon Babu kapde
kyon utarun. Mujhe lajja aati hai please Babu aise na karo na to mai
ne kaha apni choot chatwane aur Anu aur Shalu ki chooton ko chaatne ke
time pe to kapde utar ke nangi ho jati hai tab tujhe lajja nahi aati
aur mere saamne nangi hote tujhe lajja aati hai chal utaar jaldi se,
to usne kuch nahi kaha apni jagah se uth ke khadi ho gai to mai ne
kaha chal jaldi kar mai tujhe nangi dekhna chahta hu. Usne ek bar phir
se daya ki nazro se dekha to mai ne apni ungli ko aise neeche se ooper
kia jaise keh raha hu ke jaldi se nikalde. This story is written by
The Great Warrior. Ritu palat gai aur apne shirt ke buttons kholne
lagi to mai ne kaha hey idhar palat ke khol mai tumjhe nanga hotey
dekhna chahta hu. Itni der mai ek zabardast bijli chamki aur goonj se
barish aur ziada tez ho gai. Barish itni tezi se ho rahi thi jaise
lagta tha ke din ke 11 nahi raat ke 11 baje hain. Baher ka mousam to
thanda tha par kamra aur mai garam tha. Ritu ne ek bar phir se koshish
ki ke Babu thand lag rahi hai to mai ne uth ke kamre ki khuli hui
window bhi band kar di jis se kamre mai baher ki thandi hawa aa rahi
thi. Itni toofani barish mai kisi ke aane ki ummeed nahi thi aur ghar
ka main door bhi lock tha. Mummy aur Daddy bhi sham se pehle ghar aane
wale nahi the. Ghar mai mere aur Ritu ke siva koi nahi tha. Isi liye
Ritu ko tadpa tadpa ke itmenan se chodna chahta tha aur wo kisi nannhi
si masoom kabootri ki tarah se dari sehmi badi achi lag rahi thi jise
dekh ke mere Lund mai ek naya josh aa gaya tha..
Ritu dheere dheere apne buttons koholne lagi aur jab saare buttons
khul gaye phir bhi apne hath wahi rehne diye aur shirt nahi utari to
mai ne kaha ke khud utaregi ya mai utaru to wo bolne lagi Raja babu
please aise na karo mujhe lajja aati hai. Mai soch mai pad gaya ke mai
khud hi uske kapde phaad dalu ya usko hi utaarne du. Yeh decide kia ke
wo khud hi mere samne nangi hogi aur usko bola ke dekh Ritu agar tu
kapde nahi utaregi to yaha se chali ja mai tujhe kuch nahi karuga to
uske aankho mai ek chamak aa gai shaed wo khush ho gai thi phir mai ne
apna sentence complete kia ke dekh bad mai agar kisi ne yeh pictures
dekh li to mujhe kuch nahi kehna to wo phir se darr gai aur boli ke
theek hai Babu khollti hu. Ritu ne apni shirt ko apne hath ooper kar
ke baher nikal diya. Ritu shaed brassier nahi pehnti thi ya uske chote
chote se chuchion ke liye brassiers market mai nahi milte the mujhe
nahi maloom. Uske mast chote chote conical shape ke kadak chuchian
mere
samne the. Chuchion pe chote chote se light brown colour ke nipples jo
abhi poori tarah se bane bhi nahi the bade mast lag rahe the jinhai
dekhte hi mere loude mai ek naya josh aa gaya aur mera LouRa khushi
aur masti mein jhoomne laga ke aaj ek nayee aur kunwari choot ko
chodna hai, naachne laga aur lehrane laga par apne aap ko control mai
rakhte hue kaha ke chal ab jaldi se apni salwar utar to wo phir se
kehne lagi rehne do na Babu apni kameez to nikal di na ab salwar ko
rehne do na pleeeaseeee to mai ne phir se daraya dekh teri marzi bad
mai mujhe kuch na kehne to wo meri dhamki ko samajh gai aur apni
salwar ka nada kholne lagi. Jaise hi usne nada khola uski salwar sarr
se neeche gir padi aur Ritu ne foran apne dono hatho se apni choti si
baby choot ko chupa lia to mai ne kaha chal ab ziada nakhre matt kar
aur haath hata, mujhe dekhne de to usne sharmaate hue dheere dheere
apne hath hata liye. Ab wo mere samne ek dum se nangi khadi thi. Uska
sawle colour ka badan bada sexy lag raha tha. Uski choot pe bohot
chote chote mulayam se jhanto jaisa ruua tha shaed abhi jhant aane
nahi shuru hue the ek dum se chikni makkhan jaisi brand new choot mann
kar raha tha ke abhi uski choot pe muh lagau aur choosna shuru kardu
par apne aapko control kia. Choot ke patle patle pankhadiya ek doosre
se jude hue the aur choot uske jhango mai ek lakeer jaisi ban gai thi.
waah kia batau kitni mast jawani thi Ritu ki.
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kaamuk kahaaniyaan
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kramashah........
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