गुरु दक्षिणा पार्ट--2
गतान्क से आगे.................
अब मैं अपनी नेट वाली ड्रेस ट्यूशन के टाइम पे बोहोत पहेन्ने लगी थी और
जब भी मोका मिलता अपना बदन सर को दिखाया करती. यह बता दू के सिर चेर पे
बैठ के पढ़ते है और खड़े हो के और हम लोग नीचे पड़ी एक कार्पेट पे बैठ के
पढ़ते हैं. अब मैं सब से सामने वाली रो मे और सर के एक दम सामने बैठने
लगी थी और जब भी मोका मिलता मैं अपने बूब्स और कभी अपने पैर चौड़े कर के
अपनी चूत दिखाने की कोशिश करती. एक दिन लड़को का कोई मॅच था इसी लिए
लड़के नही आए थे और बस हम दो ही लड़कियाँ थी ट्यूशन मे और उस दिन मैं नेट
वाली ड्रेस और डिज़ाइन वाली पॅंटी पहेन कर गयी थी और अपनी कुरती को ऐसे
अड्जस्ट किया था के सर मेरी पॅंटी देख सके. थोड़ी देर के बाद मैं अपनी
चूत पे एक हाथ रखा और चूत को दबाने लगी तब सर ने पूछा किट्टू कोई
प्राब्लम है क्या तो मे ने कहा सर अंदर कुछ हल चल हो रही है तो उन्हो ने
कहा के बाथरूम मे जा के देखो क्या है. अब मैं सर को क्या बताती के मेरी
चूत तो उनके लंड के लिए तड़प रही है. मैं बाथरूम मे चली गयी और अपनी
डिज़ाइन वाली पॅंटी निकाल के आ गयी और पॅंटी को सर के बाथरूम मे ही छोड़
दिया और ऐसी जगह पे रखा के सर मेरी पॅंटी को देख ले और बिना पॅंटी के
सलवार पहेन के बाहर आ गयी और वापस अपनी जगह पे अपने पैर ऐसे चौड़े कर के
बैठ गयी के सर को मेरी वाइट पतली सलवार मे से चूत के बाल साफ साफ दिखाई
दे और सर का लंड मेरी चूत के लिए उठ खड़ा हो पर पता नही सर ने देखा या
देख के अंजान हो गये मुझे नही मालूम. क्लास ख़तम हो गयी और हम अपने अपने
घर चले गये. अब मैं डेली सोने से पहले सर के लंड को याद कर कर के कम से
कम 2 या 3 टाइम मसाज करके ही सोती हू.
शाएद दो या तीन दिन के बाद जब मैं अकेली थी और कोई नही आया था तो सर ने
मुझ से कुछ हिच किचाते और थोड़ा सा शरमाते हुए कहा के किट्टू शाएद तुम
अपनी चड्डी मेरे बाथरूम मे भूल गयी हो जाओ और ले लो तो मैं शरम से लाल हो
गयी बिना कुछ कहे मैं बाथरूम मे गयी तो देखा के मेरी पॅंटी जहा रखी थी
वही रखी है लगता है सर ने उसको हाथ भी नही लगाया मेरा ख्याल था के शाएद
सर मेरी चूत की सुगंध मेरी पॅंटी मे सूँघे गे पर शाएद ऐसा कुछ नही हुआ
मेरी पॅंटी जहा थी वही रही और मैं थोड़ी सी निराश होगयी. मैं अपनी पॅंटी
सर के बाथरूम से उठा लाई और
अपने पर्स मे रख लिया जिसे सर देख रहे थे पर कुछ बोले नही.
मेरे दिमाग़ मे सर से चुदवाने का ख़याल जड़ पकड़ता जा रहा था और मुझे बार
बार अपनी निगाहो के सामने सर का लहराता लंड ही दिखाई देता था मेरा पढ़ाई
मे दिल भी नही लगता था समझ मे नही आ रहा था के कैसे सर को पटाऊं और कैसे
उनसे चुदवाउ पर बार बार उनकी पत्नी का ख़याल आता था के उनकी पत्नी तो
बड़ी लकी है जो इतना बड़ा और मोटा लंड वाला पति मिला है और उन्है चुदवाने
मे स्वर्ग का मज़ा आता होगा. मैं अपने ख़यालो मे ही सोचती रहती के उनकी
पत्नी कितने मज़े से चुदवाती होगी और यह भी सोचती के वो कोन्से कोन्से
स्टाइल मे चुदती होगी और यह के अगर मुझे चान्स मिले तो मैं कैसे और
कोन्से कोन्से स्टाइल मे चुदवाउंगी यह सोच सोच के मेरी चूत गीली हो जाती
और मैं चूत का मसाज करने लगती और जूस निकाल के अपनी बेचैन गरम चूत को आग
को शांत कर ती रहती.
एक दिन मैं ट्यूशन के लिए पैदल ही जा रही थी तो रास्ते मे देखा के एक
ग़धा एक गधी की कमर पे अपने पैर टीका के उसके ऊपेर चढ़ा हुआ है और घपा घप
चोद रहा है और जब मैं करीब पोहॉंची तो उससी टाइम पे शाएद उनका क्लाइमॅक्स
हो गया था और गधे ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसका लंड उसकी
चूत से बाहर निकल पड़ा और बड़ी ज़ोर से आगे पीछे हिलने लगा और उस्मै से
तकरीबन एक ग्लास के जितना गाढ़ा गाढ़ा सफेद वीर्य निकल के ज़मीन पे गिरने
लगा पता नही गधि की चूत मे कितना वीर्य गिरा होगा और उसी समय मुझे सर का
ऐसा ही लटकता हुआ लंड याद आ गया और मेरी चूत मे बोहोत सारा जूस इकट्ठा हो
गया और वो बोहोत गीली हो गयी. उस दिन तो मेरा दिमाग़ ही खराब हो गया. मैं
जब भी मोका मिलता सर को अपनी चूत के बाल दिखाती और अपने बूब्स भी दिखाती
पर अभी तक सर की तरफ से कोई ऐसा सिग्नल नही मिला था के सर ने मेरी चूत
देखी हो और वो मुझे चोदना चाहते हो. अब तो मेरा मंन करने लगा था के मैं
खुद ही सर का लंड पकड़ के उनकी मिन्नते करू और बोलू के सर मैं तो आपके
लंड की दीवानी हो गयी हू प्लीज़ मुझे चोद डालिए और फाड़ डालिए मेरी
कुँवारी चूत को मैं आपके लंड के बिना अब नही रह सकती पर क्या करू शरम से
लाल हो गयी बदन मे आग सी लग गयी पर कुछ कह नही पे. मैं अपनी तरफ से पूरी
कोशिश कर रही थी उनसे चुदवाने की पर मेरी किस्मेत मैं उनके लंड से कब
चुदवाना था पता नही. मैं बड़ी बेचैनी से उस दिन का वेट करने लगी जब उनका
लंबा मोटा मूसल जैसा लंड मेरी चूत को फाड़ डालेगा.
एक दिन मैं घर से निकली ही थी के सर पीछे से आ गये और अपनी बाइक मेरे
करीब रोकते हुए बोले के किट्टू ट्यूशन को चल रही हो तो बैठ जाओ मैं भी घर
ही जा रहा हू तो मैं बोहोत खुश हो गयी और उनकी बाइक पे पीछे चढ़ के बैठ
गयी और अपने दोनो हाथो से उनके पेट को पकड़ लिया और सीट पे आगे को खिसक
गयी और अपने चुचियाँ सर की पीठ से लगा दी आहह काइया बताउ कितना मज़ा आ
रहा था. मैं उस दिन जीन्स और टॉप मे थी तो मैं भी अपने दोनो पैर बाइक के
दो तरफ कर के बैठी थी. बाइक कभी उछल जाती तो मेरी चुचियाँ भी सर की पीठ
पे ऊपेर नीचे रगडी जाती और कभी बाइक के सामने कुछ आ जाता और सर ब्रेक मार
देते तो सीट पे आगे खिसक जाती और मेरी चुचियाँ उनकी पीठ से लग कर दब जाती
थी दब्ति क्या थी मैं खुद ही कुछ ज़ियादा ही दबा देती थी. आक्च्युयली मैं
सर को अपनी चुचिओ से दबा दबा के अपनी चुचियाँ उनको महसूस करवाना चाहती थी
के इन्है दबाओ और मसल डालो. और एक टाइम तो बाइक जब किसी पोट होल ( गड्ढे
) मे से उछली तो मेरा हाथ स्लिप हो के सिर के लंड से लगा जो अभी सो रहा
था पर उनके लंड को टच तो कर ही दिया. उस दिन रात को मैं ने उनके लंड को
याद कर कर के बोहोत मसाज किया अपनी चूत का और 4 – 5 बार झड़ी जब कही जा
के नींद आई.
हमारे एग्ज़ॅम्स करीब आ गये थे और मुझे अकाउंट मे काफ़ी पोर्षन समझ मे
नही आ रहा था तो मैं ने सर से कहा के मुझे कुछ एक्सट्रा टीम चाहिए तो सर
बोले के ठीक है तुम ट्यूशन से एक आध घंटा पहले आ आ जाया करो मैं तुम को
कुछ एक्सट्रा कोचैंग दे दूँगा और तुम्हारे डाउट्स को क्लियर कर दूँगा तो
मैं खुश हो गयी और दूसरे स्टूडेंट्स से घंटा आधा घंटा पहले जाने लगी और
मैं सेक्सी टाइप के ड्रेसस पहेन्ने के जाने लगी और अक्सर जब सर सामने
बैठे होते तो मैं अपनी चुचिओ को भी मसल देती और जब नीचे फ्लोर पे अपनी
लेग्स क्रॉस करके बैठ ती तो अपनी स्कर्ट के अंदर से कभी अपनी पॅंटी दिखा
देती और कभी कभी तो चूत को खुजाने लगती और एक दिन तो मैं ने सारी लिमिट्स
को क्रॉस कर दिया और अपनी स्कर्ट के अंदर पॅंटी भी नही पहनी और सर को
अपनी चूत भी दिखा दी. मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती के सर मेरी चूत
देखे और मेरे बूब्स देख के मुझे पकड़ के चोद डाले पर उनके ऊपेर मेरे
सेक्सी ड्रेस और सेक्सी हर्कतो का कोई असर होता दिखाई नही दे रहा था. मैं
उनसे चुदवाने को उतावली हो रही थी और सोच रही थी के सर आख़िर क्यों नही
चोद रहे मुझे क्या मेरी चूत को नही देख पाए या मेरी चूत देख के भी उनके
लंड मे कोई हलचल नही मची. मैं ने तो सोच लिया था के आख़िर कब तक मेरी चूत
से बचे रहेंगे एक ना एक दिन तो सर को मुझे चोदना ही पड़ेगा और चाहे कुछ
हो जाए मुझे उनका
लंड अपनी चूत के अंदर चाहिए बॅस और मैं मोके की तलाश मे रहने लगी.
अब हमारे ट्यूशन का टाइम ईव्निंग मे 6 तो 7 हो गया था और एज पर अग्रीमेंट
मेरा टाइम तो एक या आधा घंटा पहले ही शुरू होता था लैकिन आज बदल छाए हुए
थे और बारिश के पूरे पूरे आसार दिखाई दे रहे थे तो मैं ऑलमोस्ट 4 बजे ही
ही आ गयी थी और अपनी साइकल घर के अंदर ले आई थी घर खुला हुआ था पर सर घर
मे नही थे. ऐसा कभी हो जाता था के अगर सर को कही करीब मे ही कही जाना
होता या करीब की दुकान से कुछ खरीदना होता तो वो घर खुला रख के ही चले
जाते थे तो मैं ने समझा के हो सकता है सर कही करीब की दुकान गये होगे और
अभी आ जाएगे. अभी मैं उनके घर के अंदर आ के सर का वेट कर रही थी के एक दम
से बड़ी ज़ोरो की बारिश पड़ने लगी घनघोर घटा च्छा गयी और साथ मे ठंडी
ठंडी हवा भी चलने लगी. सर के घर मे छोटा सा खुला आँगन ( ओपन स्पेस ) होने
की वजह से मुझे भी ठंड लगने लगी थी. मैं सर का वेट कर रही थी. मेरे आने
के शाएद 5 या 7 मिनिट के अंदर ही सर भीगते हुए अंदर बाइक ले के आ गये और
मुझे देख के बोले के अरे किट्टू तुम ?? और इतनी बारिश मे ?? तो मैं ने
बोला के हा सर बारिश के आसार दिख रहे थे तो मैं जल्दी ही आ गयी और इसी
बीचे वो अपनी बाइक को स्टॅंड लगाने लगे वाहा ज़मीन बारिश के पानी से गीली
हो गयी थी और बाइक सही तरीके से नही ठहर पाई और स्लिप हो गयी और बाइक को
संभालते संभालते सर का पैर भी स्लिप हो गया और वो नीचे गिर पड़े और साथ
मे बाइक भी उनके ऊपेर ही गिर पड़ी उनकी टांग बाइक के नीचे आ गयी और उनके
थाइ मे बाइक का हॅंडल लग गया. मैं दौड़ते हुए बाहर आई और सर को हेल्प कर
के उठाया और दोनो ने बड़ी मुश्किल से बाइक का स्टॅंड लगाया. जब सर आगे
बढ़ने लगे तो लड़ खड़ा के फिर से गिर गये आक्च्युयली उनको पता ही नही चला
था के उनकी टांग मूड गयी है. मैं ने हेल्प किया तो सर ज़मीन पे से उठ
खड़े हुए पर उनको चलना नही आ रहा था शाएद टांग मे बोहोत दरद हो रहा था तो
मैं ने उनको सहारा दिया और वो मेरे शोल्डर पे हाथ रखे रखे बेडरूम मे आए
पर इतनी देर मे हम दोनो खूब अच्छी तरह से भीग चुके थे और सर के बदन पे
ज़मीन की कीचड़ ( मूड ) लग गयी थी तो सर डाइरेक्ट बाथरूम जाना चाह रहे थे
ता के स्नान कर के वो कपड़े बदल सके और अपने बदन पे लगी कीचड़ को धो
डाले.
हम दोनो बेडरूम मे आ गये तो सर वही एक कुर्सी पे बैठ गये. बेडरूम के
फ्लोर पे हमारे बदन का पानी गिर गया और सर के बदन से कीचड़ भी निकला तो
फ्लोर गंदा हो गया. सर
बाथरूम मे जाना चाह रहे थे और बाथरूम की 2 या 3 छोटी छोटी सीढ़ियाँ भी
थी. सर ने कहा किट्टू बाथरूम मे एक कुर्सी रख दो मैं उसी पे बैठ के शवर
ले लूँगा और कपड़े चेंज कर लूँगा ज़रा तुम मेरे कपबोर्ड से मेरे कपड़े
निकाल दो प्लीज़ और तुम भी तो गीली हो गयी हो ( वाउ सर ने कहा तुम गीली
हो गयी हो तो मुझे एक दम से शरम आ गयी और मैं सच मे गीली हो गयी और मेरी
चूत जूस से भर गयी ) तुम भी सुनीता के कपबोर्ड से जो पसंद आए वो कपड़े
निकाल के पहेन लो तो मैं ने सर का कपबोर्ड खोला और वाहा से एक लूँगी और
टी शर्ट निकाल के बाथरूम मे रख दिया और सर को सहारा दे के अंदर बाथरूम मे
ले गयी ऐसे सहारा देने से मेरे चुचियाँ सर के बदन से लग रही थी और मुझे
बोहोत अछा लगने लगा था और सोच रही थी के आज सर मुझे चोद डाले तो मज़ा आ
जाए बारिश भी हो रही है मौसम भी रोमॅंटिक हो गया है ऐसे मे चुदाई का मज़ा
मस्त आएगा.
मैं सर की वाइफ के कपबोर्ड से नाइटी निकाल के दूसरे वाले बाथरूम मई चली
गयी और जाने से पहले सब ट्यूशन वालो को फोन कर के इनफॉर्म कर दिया के आज
सर ट्यूशन नही लेंगे तो आने का कष्ट ना करे तो तकरीबन सभी ने कहा के हा
आज इतनी तेज़ बारिश मे आना भी मुश्किल है चलो अछा हुआ के आज सर ट्यूशन
नही ले रहे है. फिर मैं ने फ़ोन करके अपनी मम्मी को बता दिया के मैं
बारिश शुरू होने से पहले ही सर के पास पोहोच गयी और सर ने बोला है के
बारिश ख़तम होने के बाद वो खुद मुझे घर ला कर छोड़ देंगे तो मम्मी ने कहा
कोई बात नही बेटा तुम दिल लगा के पढ़ो तुम्हारा एग्ज़ॅम करीब है और पीके
तुम्है यहा ला के छोड़ देंगे यह तो बड़ी अछी बात है बेटा तुम अपना ध्यान
रखना कोई बात नही मैं तुम्हारे पापा से कह दुगी. अब मुझे यकीन था के कोई
आने वाला नही है और आज मैं इतने गोलडेन चान्स को खोना नही चाहती थी. मैं
जल्दी से अपने भीगे हुए कपड़े उतार के गरम पानी से लाइट शवर ले लिया और
अपने कपड़ो को भी वही धो डाला जिस पे थोड़ा सा कीचड़ लगा हुआ था साथ मैने
अपनी पॅंटी भी निकाल दी और बिना पॅंटी और ब्रस्सिएर के सिर्फ़ नाइटी पहेन
के बाहर आ गयी देखा तो अभी तक सर बाथरूम से बाहर नही आए थे. मैं वही उनके
बेडरूम मे बैठ के सर का वेट करने लगी. थोड़ी ही देर मैं सर ने बाथरूम का
डोर खोला और लंगड़ाते हुए उछल उछल के बाहर आने लगे बाहर आते ही जब मुझे
देखा तो बोले अरे किट्टू तुम ने नाइटी पहेन ली अरे कोई उसका सलवार सूट
पहेन लेती कोई प्राब्लम नही था तो मैं ने कहा के नही सर मुझे यह नाइटी
अछी लगी तो मैं ने यही पहन लिया तो उन्हो ने कहा मुझे तो कोई प्राब्लम
नही है तुम को अछा लगता है तो पहेन लो नो प्राब्लम लैकिन अभी सारे ट्यूशन
के स्टूडेंट्स
आ जाएगे तो अछा नही लगे गा के तुम नाइटी मे हो तो मैं ने कहा के सर मैं
ने तेज़ बारिश के चलते और आपकी टांग की तकलीफ़ देखते हुए सब को फोने कर
दिया है के आज ट्यूशन क्लास नही होगी और अब कोई आने वाला नही है यह कहते
हुए मैं फिर से उनके करीब चली गयी और अपने कंधे का सहारा दे के उनको बेड
पे लिटा दिया और बोला के सर मैं अभी आपको हल्दी वाला दूध बना के देती हू
दरद फॉरन कम हो जाएगा तो सर ने कहा किट्टू क्यों कष्ट करती हो मैं ठीक हो
जाउन्गा तुम फिकर ना करो. मैं ने कहा के सर आप हमारे लिए इतना कुछ करते
है और मैं इतना छोटा सा काम भी आपके लिए नही कर सकती क्या ? और अगर मैं
आपका थोड़ा काम कर दूँगी तो मुझे बोहोत खुशी होगी तो सर ने कहा ठीक है
जैसी तुम्हारी मर्ज़ी वाहा किचन मे देख लो लैकिन मुझे पता नही हल्दी है
या नही तुम खुद ही देख लेना पर दूध तो रखा है मैं ने सोचा के काश मेरी
चुचिओ मे दूध होता तो मैं आज सर को अपने ही दूध मे हल्दी डाल के पिला
देती यह सोचते ही मेरी चुचिओ मे एक अंजानी से हलचल शुरू हो गयी मेरे
निपल्स अकड़ गये और मैं किचन की ओर चली गयी.
किचन से गरम गरम हल्दी वाला दूध बना के मैं सर के पास ले आई और उनको दे
दिया तो सर ने थॅंक्स किट्टू बोला तो मैं ने बोला के नही सर इस मे थॅंक्स
की क्या बात है और सर दूध पीने लगे. मैं बेड के कॉर्नर पे बैठी रही बारिश
बड़ी तेज़ हो रही थी और ऐसा लगता था जैसे शाम के 4:30 नही रात के 12 बजे
हो. मैं ने पूछा सर पैर मे दरद कैसा है तो उन्हो ने बोला के किट्टू थाइ
मे हॅंडल बोहोत ज़ोर से लगा है तकलीफ़ तो है और इत्तेफ़ाक से घर मे कोई
मेडिसिन भी नही है तो मैं ने कहा सर मुझे कुछ खिदमत का मोका दीजिए तो सर
ने पूछा क्या मतलब तो मैं ने कहा के सर अगर आप कुछ फील ना करे तो मैं
आपकी टांग को दबा दू और ऑलिव आयिल लगा के थोड़ी सी मालिश कर्दु तो दरद
जल्दी कम हो जाएगा तो सर ने कहा किट्टू कही पागल तो नही हो गयी ऐसे कैसे
मालिश करेगी मेरी और वो भी थाइ पे तो मैं ने कहा तो क्या हुआ सर आप बॅस
लेटे रहिए और देखिए के मैं कैसे आपकी मालिश करती हूँ तो सर ने कहा ठीक है
तुम्हारी मर्ज़ी किट्टू तो मैं उठ के रॅक मे से ऑलिव आयिल की बॉटल निकाल
लाई और बेड पे बैठ के पहले तो बिना तेल लगाए ही उनके पैर दबाती रही नीचे
से घुटनो तक और थोड़ा सा थाइ के पास और पूछा के सर कहा पे है आक्चुयल दरद
तो उन्हो ने कहा के थोड़ा और ऊपेर मैं ने थाइ पे थोड़ा और ऊपेर हाथ लगा
के पूछा यहा सर तो उन्हो ने कहा के नही थोड़ा और ऊपेर. मैं ने उनकी लूँगी
के ऊपेर से ही अपनी उंगली रख के पूछा यहा तो उन्हो ने कहा के बॅस थोड़ा
सा और ऊपेर और वो जगह एग्ज़ॅक्ट्ली जाँघो के पास थी मेरा दिल खुशी से
उछलने लगा के आज मैं उनके लंड को पकड़ ही लूँगी
और श्योर चुदवा लूँगी फिर मैं ने कहा ओके सर अब मैं आपको तेल लगाती हू.
क्रमशः...............
GURU DAKSHANA paart--2
gataank se aage.................
Ab mai apni net wali dress tution ke time pe bohot pehenne lagi thi
aur jab bhi moka milta apna badan sir ko dikhaya karti. Yeh bata du ke
sir chair pe baith ke padhate hai aur khade ho ke aur ham log neeche
padi ek carpet pe baith ke padhte hain. Ab mai sab se samne wali row
mai aur Sir ke ek dum samne baithne lagi thi aur jab bhi moka milta
mai apne boobs aur kabhi apne pair choude kar ke apni choot dikhane ki
koshish karti. Ek din ladko ka koi match tha isi liye ladke nahi aye
the aur bas ham do hi ladkiyan the tution mai aur uss din mai net wali
dress aur design wali panty pehen kar gayee thi aur apni kurti ko aise
adjust kia tha ke sir meri panty dekh sake. yeh sachi kahani the great
warrior2000 ki likhi hui hai. Thodi der ke bad mai apni choot pe ek
hath rakha aur choot ko dabaane lagi tab sir ne pucha Kittu koi
problem hai kia to me ne kaha Sir ander kuch hal chal ho rahi hai to
unho ne kaha ke bathroom mei ja ke dekho kia hai. Ab mai Sir ko kia
bataati ke meri choot to unke Lund ke liye tadap rahi hai. Mai
bathroom mai chali gayee aur apni design wali panty nikal ke aa gayee
aur panty ko Sir ke bathroom mai hi chor dia aur aisi jagah pe rakha
ke Sir meri panty ko dekh le aur bina panty ke salwar pehen ke baher
aa gayee aur wapas apni jagah pe apne pair aise choude kar ke baith
gayee ke Sir ko meri white patli salwar mai se choot ke baal saaf saaf
dikhayee de aur Sir ka lund meri choot ke liye uth khada ho par pata
nahi Sir ne dekha ya dekh ke anjaan ho gaye mujhe nahi malum. Class
khatam ho gayee aur ham apne apne ghar chale gaye. Ab mai daily sone
se pehle Sir ke Lund ko yaad kar kar ke kam se kam 2 ya 3 time massage
karke hi soti hu.
Shaed do ya teen din ke bad jab mai akeli thi aur koi nahi aaya tha to
Sir ne mujh se kuch hich kichaate aur thoda sa sharmaate hue kaha ke
Kittu shaed tum apni chaddi mere bathroom mai bhool gayee ho jao aur
le lo to mai sharam se laal ho gayee bina kuch kahe mai bathroom mai
gayee to dekha ke meri panty jaha rakhi thi wahi rakhi hai lagta hai
Sir ne usko hath bhi nahi lagaya mera kyayal tha ke shaed Sir meri
choot ki sugandh meri panty mai soonghe ge par shaed aisa kuch nahi
hua meri panty jaha thi wahi rahi aur mai thodi si nirash hogayee. Mai
apni panty Sir ke bathroom se utha layee aur
apne purse mai rakh lia jise Sir dekh rahe the par kuch bole nahi.
Mere dimagh mai Sir se chudwane ka khayal jadd pakadta ja raha tha aur
mujhe baar baar apni nigaho ke samne Sir ka lehrata Lund hi dikhayee
deta tha mera padhayee mai dil bhi nahi lagta tha samajh mai nahi aa
raha tha ke kaise Sir ko pataoon aur kaise unse chudwaoon par bar bar
unki patni ka khayal aata tha ke unki patni to badi lucky hai jo itna
bada aur mota Lund wala pati mila hai aur unhai chudwane mai swarg ka
maza aata hoga. Mai apne khayalo mei hi sochti rehti ke unki patni
kitne maze se chudwati hogi aur yah bhi sochti ke wo konse konse style
mai chudwati hogi aur yeh ke agar mujhe chance mile to mai kaise aur
konse konse style mai chudwaoongi yeh soch soch ke meri choot geeli ho
jati aur mai choot ka massage karne lagti aur juice nikal ke apni
bechain garam choot ko aag ko shant kar ti rehti.
Ek din mai tution ke liye paidal hi ja rahi thi to raaste mai dekha ke
ek Gadha ek Gadhi ki kamar pe apne pair tika ke uske ooper chhada hua
hai aur ghapa ghap chod raha hai aur jab mai kareeb pohonchi to ussi
time pe shaed unka climax ho gaya tha aur gadhne ne apna Lund uski
choot se baher nikala to uska Lund uski choot se baher nikal pada aur
badi zor se aage peeche hilne laga aur usmai se takreeban ek glass ke
jitna gaadha gaadha safed virya nikal ke zameen pe girne laga pata
nahi gadhi ki choot mai kitna virya gira hoga aur usi samay mujhe Sir
ka aisa hi latakta hua Lund yaad aa gaya aur meri choot mei bohot sara
juice ikhatta ho gaya aur wo bohot geeli ho gayee. Uss din to mera
dimagh hi kharab ho gaya. Mai jab bhi moka milta Sir ko apni choot ke
baal dikhati aur apne boobs bhi dikhati par abhi tak Sir ki taraf se
koi aisa signal nahi mila tha ke Sir ne meri choot dekhi ho aur wo
mujhe chodna chahte ho. Ab to mera mann karne laga tha ke mai khud hi
Sir ka Lund pakad ke unki minnate karu aur bolu ke Sir mai to aapke
Lund ki deewani ho gayee hu please mujhe chod daliye aur phad daliye
meri kunwari choot ko mei aapke Lund ke bina ab nahi reh sakti par kia
karu sharam se laal ho gayee badan mai aag si lag gayee par kuch keh
nahi payee. Mai apni taraf se poori koshish kar rahi thi unse chudwane
ki par meri kismet mai unke Lund se kab chudwana tha pata nahi. Mai
badi bechaini se uss din ka wait karne lagi jab unka lamba mota musal
jaisa Lund meri choot kop had dalega.
Ek din mai ghar se nikli hi thi ke Sir peeche se aa gaye aur apni bike
mere kareeb rokte hue bole ke Kittu tution ko chal rahi ho to baith
jao mai bhi ghar hi ja raha hu to mai bohot khush ho gayee aur unki
bike pe peeche chadh ke baith gayee aur apne dono hatho se unke pet ko
pakad lia aur seat pe aage ko khisak gayee aur apne chuchian Sir ke
peeth se laga diye aahh kia batau kitna maza aa raha tha. Mai us din
jeans aur top mai thi to mai bhi apne dono pair bike ke do taraf kar
ke baithi thi. Bike kabhi uchal jati to meri chuchian bhi Sir ke peeth
pe ooper neeche ragdi jati aur kabhi bike ke saamne kuch aa jata aur
Sir break maar dete to seat pe aage khisak jati aur meri chuchian unki
peeth se lag kar dab jaati thi dabti kia thi mai khud hi kuch ziada hi
daba deti thi. Actually mei Sir ko apne chuchion se daba daba ke apni
chuchian unko mehsoos karwana chahti thi ke inhai dabao aur masal
dalo. Aur ek time to bike jab kisi pot hole ( gaddhey ) mai se uchli
to mera hath slip ho ke Sir ke Lund se laga jo abhi so raha tha par
unke Lund ko touch to kar hi dia. Us din rat ko mai ne unke Lund ko
yad kar kar ke bohot massage kia apni choot ka aur 4 – 5 baar jhadi
jab kahi jaa ke neend ayee.
Hamare exams kareeb aaa gaye the aur mujhe Account mai kaafi portion
samajh mai nahi aa raha tha to mei ne Sir se kaha ke mujhe kuch extra
tiem chahiye to Sir bole ke theek hai tum tution se ek aadh ghanta
pehle a ajaya karo mai tum ko kuch extra coaching de dunga aur tumhare
doubts ko clear kar dunga to mai khush ho gayee aur doosre students se
ghanta aadha ghanta pehle jane lagi aur mai sexy type ke dresses
pehenne ke jane lagi aur aksar jab Sir samne baithe hote to mai apni
chuchion ko bhi masal deti aur jab neeche floor pe apni legs cross
karke baith ti to apni skirt ke ander se kabhi apni panty dikha deti
aur kabhi kabhi to choot ko khujane lagti aur ek din to mai ne saari
limits ko cross kar dia aur apni skirt ke ander panty bhi nahi pehni
aur Sir ko apni choot bhi dikh di. Mai apni taraf se poori koshish
karti ke sir meri choot dekhe aur mere boobs dekh ke mujhe pakad ke
chod dale par unke ooper mere sexy dress aur sexy harkato ka koi asar
hota dikhayee nahi de raha tha. Mai unse chudwane ko utaoli ho rahi
thi aur soch rahi thi ke Sir aakhir kyon nahi chod rahe mujhe kia meri
Choot ko nahi dekh paye ya meri Choot dekh ke bhi unke Lund mai koi
halchal nahi machi. Mai ne to soch lia tha ke aakhir kab tak meri
choot se bache rahenge ek na ek din to Sir ko mujhe chodna hi padega
aur chahe kuch ho jaye mujhe unka
Lund apni choot ke ander chahiye bass aur mai moke ki talash mai rahne lagi.
Ab hamare tution ka time evening mei 6 to 7 ho gaya tha aur as per
agreement mera time to ek ya aadha ghanta pehle hi shuru hota tha
laikin aaj badal chaye hue the aur barish ke poore poore aasaar
dikhayee de rahe the to mai almost 4 baje hi hi aa gayee thi aur apni
cycle ghar ke ander le ayee thi ghar khula hua tha par Sir ghar mai
nahi the. Aisa kabhi ho jata tha ke agar Sir ko kahi kareeb mai hi
kahi jana hota ya karib ki dukan se kuch kharidna hota to wo ghar
khula rakh ke hi chale jate the to mai ne samjha ke ho sakta hai Sir
kahi kareeb ki dukan gaye hoge aur abhi aa jayege. Abhi mai unke ghar
ke ander aa ke Sir ka wait kar rahi thi ke ek dum se badi zoro ki
barish padne lagi ghangoor ghata chha gayee aur sath mai thandi thandi
hawa bhi chalne lagi. Sir ke ghar mai chota sa khula aangan ( open
space ) hone ki wajah se mujhe bhi thand lagne lagi thi. Mai Sir ka
wait kar rahi thi. yeh sachi kahani the great warrior ki likhi hui
hai. Mere aane ke shaed 5 ya 7 minute ke ander hi Sir bheegte hue
ander bike le ke aa gaye aur mujhe dekh ke bole ke are Kittu tum ??
aur itni barish mai ?? to mai ne bola ke haa Sir barish ke aasaar dikh
rahe the to mai jaldi hi aa gayee aur isi beeche wo apni bike ko stand
lagane lage waha zameen barish ke pani se geeli ho gayee thi aur bike
sahi tareeke se nahi thair payee aur slip ho gayee aur bike ko
sambhaalte sambhaalte Sir ka pair bhi slip ho gaya aur wo neeche gir
pade aur sath mai bike bhi unke ooper hi gir padi unki tang bike ke
neeche aa gayee aur unke thigh mai bike ka handle ka maar lag gaya.
Mai doudte hue baher ayee aur Sir ko help kar ke uthaya aur don one
badi mushkil se bike ka stand lagaya. Jab Sir aage badhne lage to lad
khada ke phir se gir gaye actually unko pata hi nahi chala tha ke unki
tang mud gayee hai. Mai ne help kia to Sir zameen pe se uth khade hue
par unko chalna nahi aa raha tha shaed tang mai bohot darad ho raha
tha to mai ne unko sahara dia aur wo mere shoulder pe hath rakhe rakhe
bedroom mai aye par itni der mai ham dono khub acchi tarah se bheeg
chuke the aur Sir ke badan pe zameen ki keechad ( mud ) lag gayee thi
to Sir direct bathroom jana chah rahe the taa ke snan kar ke wo kapde
badal sake aur apne badan pe lagi keechad ko dho dale.
Hum dono bedroom mai aa gaye to Sir wahi ek kursi pe baith gaye.
Bedroom ke floor pe hamare badan ka pani gir gaya aur sir ke badan se
keechad bhi nikla to floor ganda ho gaya. Sir
bathroom mai jana chah rahe the aur Bathroom ki 2 ya 3 choti choti
seedhiyan bhi thi. Sir ne kaha Kittu bathroom mai ek kursi rakh do mai
usi pe baith ke shower le lunga aur kapde change kar lunga zara tum
mere cupboard se mere kapde nikal do please aur tum bhi to geeli ho
gayee ho ( wow Sir ne kaha tum geeli ho gayee ho to mujhe ek dum se
sharam aa gayee aur mai sach mai geeli ho gayee aur meri choot juice
se bhar gayee ) tum bhi Sunita ke cupboard se jo pasand aye wo kapde
nikal ke pehen lo to main ne Sir ka cupboard khola aur waha se ek
lungi aur T shirt nikal kebathtoom mai rakh dia aur sir ko sahara de
ke ander bathroom mai le gayee aise sahara dene se mere chuchian sir
ke badan se lag rahe the aur mujhe bohot acha lagne laga tha aur soch
rahi thi ke aaj sir mujhe chod dale to maza aa jaye barish bhi ho rahi
hai mousam bhi romantic ho gaya hai aise mai chudai ka maza mast
ayega.
Mai Sir ki wife ke cupboard se nighty nikal ke doosre wale bathroom
mai chali gayee aur jaane se pehle sab tution walo ko phone kar ke
inform kar dia ke aaj Sir tution nahi lenge to aane ka kasht na kare
to takreeban sabhi ne kaha ke haa aaj itni tez barish mai aana bhi
mushkil hai chalo acha hua ke aaj Sir tution nahi le rahe hai. Phir
mai ne p hone karke apni mummy ko bata dia ke mai barish shuru hone se
pehle hi Sir ke pas pohoch gayee aur Sir ne bola hai ke barish khatam
hone ke bad wo khud mujhe ghar la kar chhor denge to mummy ne kaha koi
bat nahi beta tum dil laga ke padho tumhara exam kareeb hai aur PK
tumhai yaha la ke chhor denge yeh to badi achi bat hai beta tum apna
dhayan rakhna koi bat nahi mai tumhare papa se keh dugi. Ab mujhe
yakeen tha ke koi aane wala nahi ahi aur aaj mai itne golden chance ko
khona nahi chahti thi. yeh sachi kahani the great warrior2000 ki likhi
hui hai. Mai jaldi se apne bheege hue kapde utar ke garam pani se
light shower le lia aur apne kapdo ko bhi wahi dho dala jis pe thoda
sa keechad laga hua tha sath mai apni panty bhi nikal di aur bina
panty aur brassier ke sirf nighty pehen ke baher aa gayee dekha to
abhi tak Sir bathroom se baher nahi aye the. Mai wahi unke bedroom mai
baith ke Sir ka wait karne lagi. Thodi hi der mai Sir ne bathroom ka
door khola aur langdate hue uchal uchal ke baher aane lage baher aate
hi jab mujhe dekha to bole arey Kittu tum ne nighty pehen li arey koi
uska salwar suit pehen leti koi problem nahi tha to mai ne kaha ke
nahi Sir mujhe yeh nighty achi lagi to mai ne yahi pehan lia to unho
ne kaha mujhe to koi problem nahi hai tum ko acha lagta hai to pehen
lo no problem laikin abhi sare tution ke students
aa jayege to acha nahi lage ga ke tum nighty mai ho to mai ne kaha ke
Sir mai ne tez barish ke chalte aur aapki tang ki takleef dekhte hue
sab ko phone kar dia hai ke aaj tution class nahi hogi aur ab koi aane
wala nahi hai yeh kehte hue mai phir se unke karib chali gayee aur
apne kandhe ka sahara de ke unko bed pe lita dia aur bola ke Sir mai
abhi aapko haldi wala doodh bana ke deti hu darad foran kam ho jayega
to Sir ne kaha Kittu kyon kasht karti ho mai theek ho jauga tum fikar
na karo. Mai ne kaha ke Sir aap hamare liye itna kuch karte hai aur
mai itna chota sa kaam bhi aapke liye nahi kar sakti kia ? aur agar
mai aapka thoda kaam kardugi to mujhe bohot khushi hogi to Sir ne kaha
theek hai jaisi tumhari marzi waha kitchen mai dekh lo laikin mujhe
pata nahi haldi hai ya nahi tum khud hi dekh lena par doodh to rakha
hai mai ne socha ke kaash mere chuchion mai doodh hota to mai aaj sir
ko apne hi doodh mai haldi dal ke piladeti yeh sochte hi mere chuchion
mai ek anjaani se halchal shuru ho gayee mere nipples akad gaye aur
mai kitchen ki or chali gayee.
Kitchen se garam garam haldi wala doodh bana ke mai Sir ke paas le
ayee aur unko de dia to Sir ne Thanks Kittu bola to mai ne bole ke
nahi Sir iss mai thanks ki kia baat hai aur Sir doodh peene lage. Mai
bed ke corner pe baithi rahi barish badi tez ho rahi thi aur aisa
lagta tha jaise sham ke 4:30 nahi raat ke 12 baje ho. Mai ne poocha
Sir pair mei darad kaisa hai to unho ne bola ke Kittu thigh mei handle
ka bohot zor se mar laga hai takleef to hai aur ittefak se ghar mai
koi medicine bhi nahi hai to mai ne kaha Sir mujhe kuch khidmat ka
moka dijiye to Sir ne poocha kia matlab to mai ne kaha ke Sir agar aap
kuch feel na kare to mai aapki tang ko daba du aur olive oil laga ke
thodi si malish kardu to darad jaldi kam ho jayega to Sir ne kaha
Kittu kahi pagal to nahi ho gayee aise kaise malish karegi meri aur wo
bhi thigh pe mar laga hai to mai ne kaha to kia hua Sir aap bass lete
rahiye aur dekhie ke mai kaise aapko malish karti ho to Sir ne kaha
theek hai tumhari marzi kittu to mai uth ke rack mai se olive oil ki
bottle nikal layee aur bed pe baith ke pehle to bina tel lagaye hi
unke pair dabati rahi neeche se ghutno tak aur thoda sa thigh ke pas
aur poocha ke Sir kaha pe hai actual darad to unho ne kaha ke thoda
aur ooper mai ne thigh pe thoda aur ooper hath laga ke poocha yaha Sir
to unho ne kaha ke nahi thoda aur ooper. Mai ne unki lungi ke ooper se
hi apni ungli rakh ke poocha yaha to unho ne kaha ke bass thoda sa aur
ooper aur wo jagah exactly jhango ke pas thi mera dil khushi se
uchalne laga ke aaj mai unke Lund ko pakad hi lungi
aur sure chudwa lungi phir mai ne kaha ok sir ab mai aapko tel lagati hu.
kramashah...............
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