हिंदी सेक्सी कहानियाँ
दोस्त बना साला पार्ट --2
मैं हैरान होता अलग हुवा तो रमेश भी उसकी चुचियों से मुँह हटा बोला, "क्या हुवा सपना?" "ओह्ह भाय्या आपके दोस्त तो बिल्कुल बुद्धू हैं. इनको तो लड़की को मज़ा देना आता ही नही. ना तो यह चुचियों को ही चूसना जानते है और ना ही चूत को चाटना. इतनी देर से चाट रहेहै पर ज़रा भी मज़ा नही आया. जाओ मैं नही चटवाउन्गि इनसे." मैने घबराकर अपने दोस्त को देखा तो वह अपनी बहन से बोला, "अरे मेरी प्यारी बहन इसे मैं सीखा दूँगा. इसे सिखाने के लिए ही तो यहाँ लाया हूँ वरना यह अपनी बहन को मज़ा ना दे रहा होता. आज सीख कर जाएगा तू कल अपनी बहन को सिखाने लाएगा फिर यह भी हमारी तरह घर पर खेला करेगा." इतना कह वह अपनी बहन की चूत के पास आया और बोला, "देखो मैं चाट रहा हूँ फिर ऐसे ही तुम चाटना." उसने एक हाथ से सपना की चूत की दोनो फाँक खोली और अपनी जीभ को चूत मैं अंदर बाहर करते चूस-चूस कर चाटने लगा. कुच्छ देर मैं ही सपना हाए हाए करने लगी तू वा अलग होता बोला, "लो अब तुम इसी तरह चॅटो." फिर मैने भी उसी तरह उसकी चूत मैं अपनी जीभ पेल-पेल कर चाटना शुरू किया तू थोरी देर मैं ही सपना सिसकिया लेने लगी. अब वह अपनी गांद को तेज़ी से ऊपर उच्छाल रही थी और बुदबुदा रही थी, "हां हाए ऐसे ही चॅटो और चॅटो मेरा निकलने वाला है." 3- 4 मिनिट चॅटा था कि उसकी चूत ने मेरे मुँह पर अपना नमकीन पानी फेंकना शुरू कर दिया.. जीभ मैं नमकीन स्वाद लगा तो मैं और तेज़ी से चाटने लगा. एक मिनिट बाद वह ठंडी पड़ गयी तो मैं अलग हुवा. रमेश अपनी बहन की हालत देख बोला, "सपना क्या हुवा मेरी जान?" "ओह्ह भाय्या मज़ा आ गया. यह तो एक बार मैं ही सीख गये. ओह्ह भाय्या अब ज़रा इनका दिखाइए तो.. देखें कैसा है इनका." उसकी बात सुन बोला, "यार अब तू भी कपड़े अलग कर नंगा हो जा और अपना लंड दिखा मेरी बहन को." मैं हिचकिचाया तो वह बोली, "ओह्ह भाय्या यह तो शरमाते हैं. चलो कोई बात नही आप ही आओ." उसकी बात सुन मैने जल्दी से अपने कपड़े अलग कर दिए तो वह मेरे लंड को देख खुश होते बोली, "उउंम हाए देखने मैं तो साइज़ बड़ा लग रहा है. देखे चोदने मैं कैसा है." वह आगे आई और मेरे लंड को पकड़ लिया. पहली बार किसी लड़की ने लंड को टच किया था. लंड तेज़ी से झटके लेने लगा तो उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी कमर के पास बैठ गयी और फिर मेरे लंड को अपने मुँह मैं लेकर चाटने लगी. मैं उसकी इस हरकत पर मर मिटा. मैं लंड चटवाने के अनोखे मज़े को ले रहा था. रमेश अब पिछे से अपनी बहन की चूत चाट रहा था. कुच्छ देर तक चाटने के बाद बोली, "ओह्ह भाय्या अब चुदवा दो अपने दोस्त के प्यारे लंड से." इतना कह वह चित हो लेट गयी तो रमेश बोला, "देखो मैं जैसे बताउ वैसे ही तुम डालना." फिर वह अपनी बहन के ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया फिर दोनो चुचियों को अपनी मुट्ही मैं भर लंड को दबाने लगा.. लंड धीरे-धीरे अंदर घुसने लगा. ज़रा सी देर मैं पूरा चला गया तो वह दोनो चुचियों को दबाते धक्के लगाने लगा. दो मिनिट बाद अपने लंड को बाहर कर बोला, "लो आओ अब तुम चोदो." उसके बताए तरीके से मैने लंड को उसकी बहन की चूत मैं डाला. मेरा लंड कुच्छ कसा-कसा गया था. वह मेरे लंड को अपनी चूत मैं लेने के बाद बोली, "भाय्या इनका तो आपसे ज़्यादा लंबा और मोटा है. हल्का-हल्का दर्द हो रहा है जबकि आपका घुसता है तो ज़रा भी पता नही चलता. भाय्या अब आप इनको रोज़ लाइएएगा." "ठीक है मेरी जान. मेरा छ्होटा है इसलिए इसकी कुँवारी बहन मैं कसा जाएगा. अब तू चुदवा ले मेरे दोस्त के मोटे लंबे और ताज़े लंड से." फिर मैने अपने दोस्त की बहन की चुदाई शुरू कर दी. वह आअहह ऊओह हाए हाए करने लगी. 2-3 मिनिट तक रमेश अपनी बहन की चुदती चूत को देखता रहा फिर उठकर उसके मुँह के पास गया और अपने लंड को उसके मुँह मैं घुसेर दिया तो वह अपने भाई के लंड को चूसने चाटने लगी. 2 मिनिट बाद रमेश का झरने लगा. वह अपने लंड के पानी को उसकी चुचियों पर गिरा रहा था. मैं अभी चोद रहा था. रमेश झारकर सुस्त हो उसके बगल मैं लेट गया. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैं हाए हाए करते बोला, "ओह्ह सपना मेरा भी अब झरने वाला है." मेरी बात सुन वह जल्दी से उठी और अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकाल उसे अपने मुँह मैं लेती बोली, "झरो मेरे मुँह मैं हाए तुम्हारे पहले पानी को पीना है मुझे." अगले ही पल तेज़ शॉट के साथ मैं झरने लगा. मेरे लंड का गाढ़ा पानी उसके मुँह मैं गिरने लगा जिसे वह पीती गयी. झरने के बाद उसने लंड को फिर मुँह मैं ले लिया और चाटकार सॉफ किया. रमेश पास मैं लेटा हम दोनो को देख रहा था. झरने के बाद हम लोग बेड पर ही लेटकर सुस्ताने लगे. 15 मिनिट बाद हम लोगो ने अपने कपड़े पहने और सपना बाहर चली गयी. 5 मिनिट बाद वह 3 गिलास दूध लेकर वापस आई. दूध पीते हुवे वह मुझसे बोली, "आप तो बहुत अच्छे चुदक्कर हैं. आपसे आपकी बहन बहुत खुश रहेगी. आप रोज़ आईएएगा. भाय्या ना हो तो भी." "हां मेरी जान अब तो तुम्हारे बिन रहा नही जाएगा." "आप अब अपनी बहन को भी चोदियेगा. कभी कुच्छ किया है कंचन के साथ." "न्न्न नही." "ओह्ह तू आप कैसे करिएगा. खैर कोई बात नही मेरे भाय्या आपकी बहन को पटाकर चोदेन्गे फिर आप भी उसको चोदियेगा." फिर मैं अपनी बहन को अपने दोस्त को देने का वादा कर अपने घर वापस आया.. अब मैं बहुत खुश था. पहली बार किसीलड़की को चोदा था वह भी इतनी खूबसूरत और जवान कि क्या बताएँ. घर आकर अपनी जवान 17 साल की छ्होटी बहन कंचन को देखा तो आज वह मुझे बहुत खूसूरत लगी. इसकी चुचियाँ तो सपना की चुचियों से ज़्यादा टाइट और बड़ी लग रही थी. पहले तो मैं उसपर ज़्यादा ध्यान नही देता था पर आज मैं उसको दूसरी नज़र से देख रहा था. रात हुई तो मैं सोने लेट गया पर नींद नही आई और आँखो मैं सपना का नंगा बदन घूमता रहा. किसी तरह सोया तो सपने मैं भी वही दिखती रही. अगली सुबह देर से सोकर उठा. कंचन इस वक़्त रोज़ की तरह मेरे रूम मैं झारू लगा रही थी. वह झुककर झारू लगा रही थी जिससे उसकी दोनो चुचियाँ उसके कुर्ते से आधी बाहर को दिख रही थी. जिन्हे देखकर मैं मस्त हो गया. वैसे तो वह रोज़ इन्ही कपड़ो मैं घर पर रहती थी पर पहले मैं उसकी तरफ गौर नही करता था पर कल की घटना से अब मैं उसे ही देखे जा रहा था. तभी उसने मुझे अपनी तरफ इस तरह से देखते पाया तो वह शर्मा गयी और जल्दी से अपने कपड़ो को ठीक कर लिया.. मैं झेंपकर उठा और नाहकर फ्रेश हुवा. उसने ब्रेक फास्ट रेडी कर दिया था. मोम डॅड ड्यूटी पर जा चुके थे वह और मैं घर पर अकेले थे.. हम दोनो नाश्ता करने बैठे तो मैं उसे ही देख रहा था. आज उसे मेरा बदला रूप नज़र आ रहा था. वह कुच्छ नर्वस हो रही थी. इस वक़्त वह भी नहा धोकर एक पिंक स्कर्ट और येल्लो शर्ट मैं थी. मैं उसकी चुचियों को ही घूर रहा था. तभी एक स्पून टेबल से नीचे गिरा तो वह उसे उठाने को झुकी तो मैं फिर उसकी चुचियों की झलक पा गया. उसे शायद यह एहसास हो गया था कि मैं उसकी चुचियों को देखने की कोशिश कर रहा हूँ. किसी तरह नाश्ता करके वह अपने दूसरे काम करने लगी. मैं अपने रूम मैं आ गया था. आधे घंटे बाद वा मेरे रूम मैं आई और सफाई करने लगी. मैने देखा कि वा अब एक नयी शर्ट पहने थी जो कि एकदम वाइट और हल्की सी टॅंग्स्पेरेंट थी. यह शर्ट बड़े गले की थी और उसका ऊपर का एक बटन भी खुला था. वह अब बार-बार किसी ना किसी बहाने से मेरे सामने आ रही थी और अब वा झुक भी ज़्यादा रही थी जिससे मुझे उसकी चुचियाँ ठीक तरह से दिख रही थी. मैं समझ गया कि मेरे दोस्त की बहन सपना की बात सच है कि हर लड़की 15 की उमर के बाद चुदवाना चाहती है पर इज़्ज़त को डरती है और अगर उसे घर मैं ही कोई मिल जाए तो वह फ़ौरन तैय्यर हो जाती है चुदवाने को. अब मैने एक बात और सोची क़ी मेरे दोस्त ने तो अपनी चुदी बहन मुझे दी थी पर मेरी बहन तो एकदम ताज़ा माल है.. मैने सोचा की जब बहन को चुदवाना ही है तू क्यों ना पहले खुद ही उसे चोद्कर कुँवारा माल चखा जाए. यह ख्याल दिल मैं आते ही मैने सोचा कि ट्राइ करते है अगर सपना की बात सच है तो कंचन मुझसे ज़रूर चुदवायेगि. तब मैने प्लान बना उसे आवाज़ दी, "कंचन.." "जी भाय्या." "क्या बात है आज तू बहुत काम कर रही है?" "ओ भाय्या आज कॉलेज जाना नही है तो सोचा कि आज अपने भाय्या का रूम अच्छी तरह से सॉफ कर दूँ." "ठीक है कंचन तुम बहुत अच्छी हो.. सुनो यह वाली अलमारी ठीक से सॉफ करना आओ यहाँ तो बताउ." वह पास आई तो उसके हाथ को पकड़ अपने पास कर एक अलमारी के पास ले गया. फिर उसे अलमारी दिखाने के बहाने-बहाने उसके बदन को छूने लगा. तभी मैने हाथ से उसकी एक चूची को टच किया पर वह चुप रही. दो तीन बार टच किया फिर भी उसने कुच्छ ना कहा तो हिम्मत बढ़ गयी. तब मैं काँपते हुवे अपने एक हाथ को उसकी बगल से डाल उसकी एक चूची पर रख दिया. मेरा पूरा हाथ उसकी टाइट चूची पर था और मैं कनखी से उसे देख रहा था. हाथ को उसकी चूची पर रख मैं उसे क्या-क्या सॉफ करना है यह बता रहा था और वह चुपचाप सुन रही थी. उसकी नज़रे नीची थी. इतना करने के बाद मैं समझ गया कि वह मेरी इस हरक़त का बुरा नही मान रही तो मैने धीरे से अपने हाथ का दबाव बढ़ाते हुवे उसकी चूची को दबाया. वह आँखे झुकाए अपनी चूची को देख रही थी. मैं समझ गया कि वह राज़ी है तो खुश होकर उसकी चूची को कसकर अपने हाथ मैं पकड़ लिया तो उसके मुँह से धीमी सी सिसकी के साथ निकला, "हाए भाय्या." उसका इतना कहना था कि मैं खुश हो गया और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को भी पकड़ लिया. उसने जल्दी से अपने हाथो के मेरे हाथो पर रखा और बोली, "न्न्न नही भाय्या हाए छोड़िए मुझे सफाई करनी है." "क्यों अच्छा नही लग रहा?" "हटो भाय्या यह क्या कर रहे हो मैं आपकी बहन हूँ." "अच्छा मैं सब जानता हूँ तुम क्या चाहती हो. आज सुबह से ही तुम मुझे अपनी दोनो चुचियों को दिखा रही हो." मेरी खुली खुली बात सुन वह शरमाते हुवे बोली, "ऊओ न्न्न भाय्या छोड़ो ना आप क्या कह रहे हैं? मैं तो अपना काम कर रही हूँ." "मैं भी तो अपना काम कर रहा हूँ. तुम आज मेरे सामने झुक झुककर और ऐसे कपड़े पहन मुझे दिखा रही थी ना. अब मैं इनको देख रहा हूँ." यह कहते हुवे उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए तो वह मेरे हाथ को पकड़ बोली, "नही भाय्या हाए आप क्या कर रहे है, मैं आपकी छ्होटी बहन हूँ." "नही पगली तू मेरी खूबसूरत और जवान बहन है. सच बोलना तुम आज सुबह से मुझे अपनी इन मस्त चुचियों को दिखा रही हो या नही." Main hairan hota alag huwa tu Ramesh bhi uski chuchiyon se munh hata bola, "Kya huwa Sapna?" "Ohh Bhaiyya aapke dost tu bilkul budhhu hain. Inko tu larki ko maza dena aata hi nahi. Na tu yah chuchiyon ko hi choosna jaante hai aur na hi choot ko chaatna. Itni der se chaat rahe par zara bhi maza nahi aaya. Jao main nahi chatwaungi inse." Maine ghabrakar apne dost ko dekha tu wah apni bahan se bola, "Are meri pyari bahan ise main sikha dunga. Ise sikhane ke liye hi tu yahan laya hoon warna yah apni bahan ko maza na de raha hota. Aaj seekh kar jayega tu kal apni bahan ko sikhane layega fir yah bhi hamari tarah ghar par khela karega." Itna kah wah apni bahan ki choot ke paas aaya aur bola, "Dekho main chaat raha hoon fir aise hi tum chaatna." Usne ek haath se Sapna ki choot ki don phaank kholi aur apni jeebh ko choot main andar bahar karte choos-choos kar chaatne laga. Kuchh der main hi Sapna haye haye karne lagi tu wah alag hota bola, "Lo ab tum isi tarah chaato." Fir maine bhi usi tarah uski choot main apni jeebh pel-pel kar chaatna shuru kiya tu thori der main hi Sapna siskiya lene lagi. Ab wah apni gaand ko tezi se oopar uchhal rahi thi aur budbuda rahi thi, "Haan haye aise hi chaato aur chaato mera nikalne wala hai." 3- 4 minute chaata tha ki uski choot ne mere munh par apna namkee pani phenkna shuru kar diya.. Jeebh main namkeen swad laga tu main aur tezi se chaatne laga. Ek minute baad wah thandi par gayi tu main alag huwa. Ramesh apni bahan ki haalat dekh bola, "Sapna kya huwa meri jaan?" "Ohh Bhaiyya maza aa gaya. Yah tu ek baar main hi seekh gaye. Ohh Bhaiyya ab zara inka dikhaiye tu.. Dekhen kaisa hai inka." Uski baat sun bola, "Yaar ab tu bhi kapre alag kar nanga ho ja aur apna lund dikha meri bahan ko." Main hichkichaya tu wah boli, "Ohh Bhaiyya yah tu sharmate hain. Chalo koi baat nahi aap hi aao." Uski baat sun maine jaldi se apne kapre alag kar diye tu wah mee lund ko dekh khush hote boli, "uumm haye dekhne main tu size bara lag raha hai. Dekhe chodne main kaisa hai." Wah aage aayi aur mere lund ko pakar liya. Pahli baar kisi larki ne lund ko touch kiya tha. Lund tezi se jhatke lene laga tu usne mujhe bed par lita diya aur khud meri kamar ke paas baith gayi aur fir mere lund ko apne munh main lekar chaatne lagi. Main uski is harkat par mar mita. Main lund chatwane ke anokhe maze ko le raha tha. Ramesh ab pichhe se apni bahan ki choot chaat raha tha. Kuchh der tak chaatne ke baad boli, "Ohh Bhaiyya ab chudwa do apne dost ke pyaare lund se." Itna kah wah chit ho let gayi tu Ramesh bola, "Dekho main jaise bataun waise hi tum daalna." Fir wah apni bahan ke oopar aaya aur apne lund ko uski choot par lagaya fir dono chuchiyon ko apni muthhi main bhar lund ko dabane laga.. Lund dhire-dhire andar ghusne laga. Zara si der main poora chala gaya tu wah dono chuchiyon ko dabate dhakke lagane laga. Do minute baad apne lund ko bahar kar bola, "Lo aao ab tum chodo." Uske bataye tarike se maine lund ko uski bahan ki choot main daala. Mera lund kuchh kasa-kasa gaya tha. Wah mere lund ko apni choot main lene ke baad boli, "Bhaiyya inka tu aapse zyada lamba aur mota hai. Halka-halka dard ho raha hai jabki aapka ghusta hai tu zara bhi pata nahi chalta. Bhaiyya ab aap inko roz laiyega." "Theek hai meri jaan. Mera chhota hai isliye iski kunwari bahan main kasa jayega. Ab tu chudwa le mere dost ke mote lambe aur taaze lund se." Fir maine apne dost ki bahan ki chudai shuru kar di. Wah aaahhh ooohh haye haye karne lagi. 2-3 minute tak Ramesh apni bahan ki chudti choot ko dekhta raha fir uthkar uske munh ke paas gaya aur apne lund ko uske munh main ghuser diya tu wah apne bhai ke lund ko choosne chaatne lagi. 2 minute baad Ramesh ka jharne laga. Wah apne lund ke pani ko uski chuchiyon par gira raha tha. Main abhi chod raha tha. Ramesh jharkar sust ho uske bagal main let gaya. 10 minute ki chudai ke baad main haye haye karte bola, "Ohh Sapna mera bhi ab jharne wala hai." Meri baat sun wah jaldi se uthi aur apni choot se mere lund ko bahar nikal use apne munh main leti boli, "Jharo mere munh main haye tumhare pahle paani ko peena hai mujhe." Agle hi pal tez shot ke saath main jharne laga. Mere lund ka garha pani uske munh main girne laga jise wah peeti gayi. Jharne ke baad usne lund ko fir munh main le liya aur chaatkar saaf kiya. Ramesh paas main leta ham dono ko dekh raha tha. Jharne ke baad ham log bed par hi letkar sustane lage. 15 minute baad ham logo ne apne kapre pahne aur Sapna bahar chali gayi. 5 minute baad wah 3 gilas doodh lekar wapas aayi. Doodh pite huwe wah mujhse boli, "Aap tu bahut achhe chudakkar hain. Aapse aapki bahan bahut khush rahegi. Aap roz aiyega. Bhaiyya na ho tu bhi." "Haan meri jaan ab tu tumhare bin raha nahi jayega." "Aap ab apni bahan ko bhi chodiyega. Kabhi kuchh kiya hai Kanchan ke saath." "Nnn nahi." "Ohh tu aap kaise kariyega. Khair koi baat nahi mere Bhaiyya aapki bahan ko patakar chodenge fir aap bhi usko chodiyega." Fir main apni bahan ko apne dost ko dene ka wada kar apne ghar wapas aaya.. Ab main bahut khush tha. Pahli baar kisi larki ko choda tha wah bhi itni khoobsurat aur jawan ki kya batayen. Ghar aakar apni jawan 17 saal ki chhoti bahan Kanchan ko dekha tu aaj wah mujhe bahut khoosurat lagi. Iski chuchiyan tu Sapna ki chuchiyon se zyada tight aur bari lag rahi thi. Pahle tu main uspar zyada dhyan nahi deta tha par aaj main usko doosri nazar se dekh raha tha. Raat huyi tu main sone let gaya par neend nahi aayi aur aankho main Sapna ka nanga badan ghoomta raha. Kisi tarah soya tu sapne main bhi wahi dikhti rahi. Agli subah der se sokar utha. Kanchan is waqt roz ki tarah mere room main jharoo laga rahi thi. Wah jhukkar jharoo laga rahi thi jisse uski dono chuchiyan uske kurte se aadhi bahar ko dikh rahi thi. Jinhe dekhkar main mast ho gaya. Waise tu wah roz inhi kapro main ghar par rahti thi par pahle main uski taraf ghaur nahi karta tha par kal ki ghatna se ab main use hi dekhe ja raha tha. Tabhi usne mujhe apni taraf is tarah se dekhte paya tu wah Sharma gayi aur jaldi se apne kapre ko theek kar liya.. Main jhenpkar utha aur nahakar fresh huwa. Usne break fast ready kar diya tha. Mom Dad duty par ja chuke the wah aur main ghar par akele the.. Ham dono nashta karne baithe tu main use hi dekh raha tha. Aaj use mera badla roop nazar aa raha tha. Wah kuchh narwas ho rahi thi. Is waqt wah bhi naha dhokar ek pink skirt aur yellow shirt main thi. Main uski chuchiyon ko hi ghoor raha tha. Tahi ek spoon table se niche gira tu wah use uthane ko jhuki tu main fir uski chuchiyon ki jhalak pa gaya. Use shayad yah ehsaas ho gaya tha ki main uski chuchiyon ko dekhne ki koshish kar raha hoon. Kisi tarah naashta karke wah apne doosre kaam karne lagi. Main apne room main aa gaya tha. Adhe ghante baad wah mere room main aayi aur safayi karne lagi. Maine dekha ki wah ab ek nayi shirt pahne thi jo ki ekdam white aur halki si tansparent thi. Yah shirt bare gale ki thi aur uska oopar ka ek button bhi khula tha. Wah ab baar-baar kisi na kisi bahane se mere saamne aa rahi thi aur ab wah jhuk bhi zyada rahi thi jisse mujhe uski chuchiyan theek tarah se dikh rahi thi. Main samajh gaya ki mere dost ki bahan Sapna ki baat sach hai ki har larki 15 ki umar ke baad chudwana chaahti hai par izzat ko darti hai aur agar use ghar main hi koi mil jaye tu wah fauran taiyyar ho jati hai chudwane ko. Ab maine ek baat aur sochi ki mere dost ne tu apni chudi bahan mujhe di thi par meri bahan tu ekdam taza maal hai.. Maine socha ki jab bahan ko chudwana hi hai tu kyon na pahle khud hi use chodkar kunwara maal chakha jaye. Yah khyal dil main aate hi maine socha ki try karte hai agar Sapna ki baat sach hai tu Kanchan mujhse zaroor chudwayegi. Tab main plan bana use awaz di, "Kanchan.." "Ji Bhaiyya." "Kya baat hai aaj tu bahut kaam kar rahi hai?" "O Bhaiyya aaj college jana nahi hai tu socha ki aaj apne Bhaiyya ka room achhi tarah se saaf kar doon." "Theek hai Kanchan tum bahut achhi ho.. Suno yah wali almari theek se saaf karna aao yahan tu bataon." Wah paas aayi tu uske haath ko pakar apne paas kar ek almari ke paas le gaya. Fir use almari dikhan ke bahane-bahane uske badan ko chhone laga. Tabhi maine haath se uski ek choochi ko touch kiya par wah chup rahi. Do teen baar touch kiya fir bhi usne kuchh na kaha tu himmat barh gayi. Tab main kaanpte huwe apne ek haath ko uski bagal se daal uski ek choochi par rakh diya. Mera poora haath uski tight choochi par tha aur main kankhi se use dekh raha tha. Haath ko uski choochi par rakh main use kya-kya saaf karna hai yah bata raha tha aur wah chupchap sun rahi thi. Uski nazre nichi thi. Itna karne ke baad main samajh gaya ki wah meri is harqat ka bura nahi maan rahi tu maine dhire se apne haath ka dabaw barhate huwe uski choochi ko dabaya. Wah aankhe jhukaye apni choochi ko dekh rahi thi. Main samajh gaya ki wah razi hai tu khush hokar uski choochi ko kaskar apne haath main pakar liya tu uske munh se dhimi si siski ke saath nikla, "Haye Bhaiyya." Uska itna kahna tha ki main khush ho gaya aur doosre haath se uski doosri choochi ko bhi pakar liya. Usne jaldi se apne haatho ke mere haatho par rakha aur boli, "Nnn nahi Bhaiyya haye chhoriye mujhe safai karni hai." "Kyon achha nahi lag raha?" "Hato Bhaiyya yah kya kar rahe ho main aapki bahan hoon." "Achha main sab jaanta hoon tum kya chaahti ho. Aaj subah se hi tum mujhe apni dono chuchiyon ko dikha rahi ho." Meri khuli khuli baat sun wah sharmate huwe boli, "Ooo nnn Bhaiyya chhoro na aap kya kah rahe hain? Main tu apna kaam kar rahi hoon." "Main bhi tu apna kaam kar raha hoon. Tum aaj mere saamne jhuk jhukkar aur aise kapre pahan mujhe dikha rahi thi na. Ab main inko dekh raha hoon." Yah kahte huwe uski shirt ke button kholne shuru kiye tu wah mere haath ko pakar boli, "Nahi Bhaiyya haye aap kya kar rahe hai, main aapki chhoti bahan hoon." "Nahi pagli tu meri khoobsurat aur jawan bahan hai. Sach bolna tum aaj subah se mujhe apni in mast chuchiyon ko dikha rahi ho ya nahi." 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