Saturday, November 13, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ बाबा का हवन पार्ट--3



हिंदी सेक्सी कहानियाँ
साधु बाबा का हवन पार्ट--3
गतांक से आगे................ साधु बाबा ने हवन की आग जलाई, और मेरे पास आकर बोले बेटी खड़ी हो जाओ. अभी हम दोनो एक साथ हवन करेंगे. मैं खड़ी हो गयी. साधु बाबा ने मेरे हाथ मे घी का कटोरा थमाते हुए कहा, बेटी इसे पाकड़ो. मैने कटोरा पकड़ा. साधु बाबा मेरे पिछे आकर मेरे दोनो हाथ थोड़ा उप्पर करके, मेरी बगल की दोनो साइड से अपने हाथ निकाल लिए. और पिछे से हवन मे मेरी कोटोरी से घी लेकर हवन मे डालने लगा. और मन्त्र पढ़ने लगा. साधु बाबा ने ऐसे पिछे से मुझे पकड़ा था कि उनका हाथ मेरी दोनो साइड की बूब्स को रगड़ रहा था. उनकी गरम साँसे मेरे कंधे पे पड़ रही थी. साधु बाबा पिछे से हवन मे घी डालते रहे, और मेरी बूब्स से टच करते रहे. मैं गरम होने लगी. मेरे सरीर मे हलचल होने लगी. मेरी इच्छा हो रही थी कि साधु बाबा मुझे और ज़ोर से पकड़े. साधु बाबा बोले, बेटी अब मैं तुम्हारी तरफ मूह करके रखूँगा. तुम मेरे आगे से हाथ बढ़ाकर हवन करना. साधु बाबा हवन को आपनी पिछे तरफ रखते हुए मेरी आमने सामने खड़े हो गये. मैं साधु बाबा के बगल से दोनो हाथ निकाल कर हवन मे घी डालने लगी. इस तरह मेरी बूब्स और कमर साधु बाबा के आगे की हिस्से से रगड़ खाने लगी. मेरे पेट मे साधु बाबा की कोई सख़्त चीज़ लग रही थी. साधु बाबा ने मुझे जाकड़ कर पकड़ा था. जैसे कोई पति-पत्नी एक दूसरे को पकड़ रखते हैं. साधु बाबाके हिलने डुलने से मेरी बूब्स साधु बाबा के सीने से दब रही थी. मैं खड़ी थी हाथ मे कटोरा लिए. बाबा ने मेरे हाथ से कटोरा लेकर हवन के पास रखा. साधु बाबा ने कहा बेटी तुम्हे फिर से भोले बाबा को प्रसन्न करना होगा. मैं बोली बाबा आप जो बोलेंगे मैं वही करूँगी. मुझे अच्छी रिज़ल्ट से पास होना है. साधु बाबा मुस्कुराते हुए बोला, बेटी तू फर्स्ट आएगी. चल मुझे अब दूध पिला और मन्त्र जप करती जा. मैं घबरा गयी. साधु बाबा बोला क्या हुआ बेटी? भोले बाबा को खुस करना हैं ना? मैं जल्दी से थोड़ा सा झुक कर अपने एक बूब को बाबा के मुह के सामने लाई. बाबा बोले, बेटी अपने हाथ से मेरे मुह मे दूध दो, जैसे एक मा अपने बच्चे को दूध पिलाती है. मैने अपने हाथ से अपनी एक चूची को पकड़ कर साधु बाबा के मुह मे डाला. साधु बाबा मेरी निपल को चूसने लगा. मुझे अजीब सी गुद गुडी होने लगी. साधु बाबा निपल को धीरे धीरे चूस रहा था, और मैं गुद गुडी से पागल होकर और ज़ोर से उनके मुह मे बूब दबाती रही. दूसरे बूब मे भी मेरी गुद गुडी हो रही थी. मैने आपने एक हाथ से दूसरे बूब को पकड़ा. तो साधु बाबा ने दूसरे बूब को देख कर उसकी निपल एक हाथ से पकड़ लिया. साधु बाबा का सर मेरी कमर के नीचे के हिस्से को रगड़ रहा था. साधु बाबा बोले, बेटी तुझे पूजा कैसी लग रही है ? मैने स्वप्न मे भी कभी सोचा नही था कि भोले बाबा की पूजा करने से इतने मज़ा आता है. मैं बोली, बहुत अच्छी ! साधु बाबा बोले मज़ा आ रहा हैं ? मैं बोली, हूँ बाबा! साधु बाबा बोले, बेटी शिव लिंग चूसने मे मज़ा आया था ? मैं बोली-हूँ बाबा. साधु बाबा बोले, बेटी अभी फिर से तुम्हे लिंग चूसना है. मगर अभी नकली लिंग नही, असली लिंग चूसना है. मैं बोली, जी बाबा. साधु बाबा गोदी से उठ कर खड़े हो गये, और बोले, बेटी, अभी मैं भोले बाबा की आराधना करूँगा. उनको अपने सरीर के अंदर प्रबेश कराउंगा. उसके बाद मैं जो कहूँगा , वही भोले बाबा का आदेश होगा. साधु बाबा भोले बाबा की आराधना करते हुए ज़ोर ज़ोर से मन्त्र पढ़ने लगा. करीब पाँच मिनट बाद साधु बाबा ने "ओम ! ओम! करके हुंकार लगाया. मैं डर सी गयी. साधु बाबा बोले, डरो मत बेटी, अभी भोले बाबा नेमेरे सरीर के अंदर प्रबेश किया है . तुम मुझे खुस करोगी तो भोले बाबा भी खुस होंगे. मैं हाथ जोड़ कर साधु बाबा से बोली, बाबा मुझे एग्ज़ॅम मे फर्स्ट क्लास आना है. मैं आपको खुस करने के लिए आपकी हर बात मानूँगी. साधु बाबा मेरे सामने आकर बोले, बेटी अभी तू मेरे सरीर के किसी भी हिस्से को छुओगि तो समझना भोले बाबा के सरीर को च्छू रही हो. मैने भक्ति से झुक कर बाबा के पैर छुए. बाबा आशिरबाद देते हुए बोला, बेटी अभी तुम्हे शिव लिंग का आदर सत्कार करना है. मैने "शिव लिंग" जो कि हवन के आगे रखा था, उसे उठाया. बाबा क्रोधित होते हुए बोले, मूर्ख लड़की. भोले बाबा जब मेरे अंदर है तब तू क्यू नकली लिंग को पकड़ रही है? मैं नासमझ थी. मैं हाथ जोड़ कर बोली, बाबा आप ही मुझे बताइए, मैं क्या करू? साधु बाबा बोले, उधर शहद की बॉटल रक्खी हैं. उसे उठा ला. मैं हनी कीबॉटल लेकर आई. साधु बाबा ने अपनी धोती से अपने लिंग को निकाल कर बोला, ये है भोले बाबा का असली लिंग. कियूं की भोले बाबा मेरे अंदर हैं. मैं समझ गयी कि साधु बाबा के लिंग को ही मुझे चूसना हैं. साधु बाबा शहद की बॉटल से थोड़ा सा शहद आपने लिंग मे लगाकर बोले, आ जा बेटी, अभी इस भोले बाबा के लिंग को चूसो. मैने जब बाबा के लिंग को देखा, तो घबरा गयी. कितना मोटा और लंबा है ! करीब 10" लंबाई और 4" गोलाई. मैं सोचती रही कि इतना मोटा लिंग मेरे मुह मे कैसे जाएगा. पर साधु बाबा ने मेरे बूब्स को सहेलाते हुए मुझे बैठाया. फिर बोला, बेटी डर मत, मुह खोल. ये लिंग सुबह की तरह है. कहते हुए उसने मुह मे आपना लिंग घुसा डाला. मेरे मुह मे लिंग बहुत टाइट होकर घुसने लगा. साधु बाबा बोला, बेटी आपने हाथ से लिंग पकड़ कर दबा दबा के चूसो. मैं साधु बाबा के लिंग को चुस्ती रही. साधु बाबा कभी मेरे सर पकड़ कर आपने लिंग की तरफ खिचता, तो कभी झुक कर मेरे बूब्स को दबा रहा था. मुझे अच्छा लगा. मैं प्यार से भोले बाबा के लिंग को अपने होंटो से, जीव से चुस्सने लगी. लिंग लोहे की तरह सख़्त और गरम हो गया. साधु बाबा अपने लिंग मेरे मूह से निकाल कर बोले, बेटी अभी तुम अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ. भोले बाबा अभी तुम्हे प्यार करेंगे. मेरा सरीर आधा नंगा था. मैने कमर से बाकी कपड़े खोल दिए. मेरी गोरी मोटी मोटी जाँघो को देखते हुए साधु बाबा मेरे दाहिने बूब को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मेरी बूब इतनी बड़ी थी कि बाबा का एक हाथ मेरी बूब को आधा ही पकड़ पा रहा था. साधु बाबा ने मेरी जंघा को सहलाया. मेरी मोटी रान पे हाथ चलाते हुए बोला, बेटी तू बहुत सुंदर है. तेरी हर मनो कामना पूरी होगी. अब तू चटाई मे लेट जा. मैं चटाई पे लेट गयी. साधु बाबा भी मेरे साथ लेट ते हुए बोला बेटी, फिर से लिंग को चूसो. मैने लिंग को पकड़ा. साधु बाबा की कमर मेरे मुह के सामने थी, और साधु बाबा का मुह मेरी कमर के पास था. साधु बाबा मेरे उप्पर था. मैने लिंग के उप्पर जीव चलाई तो लिंग और मोटा हो गया. मेरे मुह के अंदर जा नही पा रहा था. मैं होंटो से और जीव से लिंग को चुस्ती रही. साधु बाबा मेरी मोटी मोटी रान के उप्पर हाथ चला रहा था. कभी कभी दबा रहा था. मैं गुद गुडी से मरी जा रही थी. मेरी तबीयत अजीब सी होने लगी. मैने और ज़ोर से लिंग को पकड़ के मेरे मूह मे डाल ने की कोशिस की. अचानक साधु बाबा का हाथ मेरी चूत के पास आकर हलचल करने लगा. मेरी चूत मे बहुत ज़ोर से गुद गुडी सी होने लगी. साधु बाबा का हाथ मेरी चूत के उप्पर आ गया. बाबा की एक उंगली चूत के अंदर घुसाने की कोशिस कर रहा था. मैने आपनी मोटी रान को जाकड़ लिया. बाबा की अंगली मेरी जॉनी और जाँघो के बीच फॅस गयी. बाबा बोले, बेटी अपनी जाँघ खोलो. नही तो भोले बाबा तुम्हे कैसे प्यार करेंगे. मेरी जंघा खुल गयी. साधु बाबा ने मेरी चूत के अंदर अंगली डालने की कोशिस की. मगरउंगली नही घुस रही थी. साधु बाबा बोले, बेटी टांगे और थोड़ा फैलाओ. मैने जाँघ और फैलाई. साधु बाबा उंगली से चूत को रगड़ रहा था. अचानक साधु बाबा ने अपनी जीव मेरी चूत के दाने पर फिराया. मैने गुद गुदी से भर कर अपनी कमर उछालि. साधु बाबा को मेरी कमर पकड़ के कमर को उँचा रखते हुए जीव को अंदर तक चलाने लगा. मैं पागल की तरह गुद गुडी से अपनी चूत को साधु बाबा के मुह मे रगड़ ती रही. साधु बाबा तेज़ी से अपनी जीव अंदर बाहर करने लगा. मेरी चूत मे जोरो से खुजली होने लगी. मैं बोली, बाबा गंदी जगह पर आप मुह मत लगाए. मगर बाबा और जोरो से चूत के अंदर जीव घुसाने लगा. मैं बाबा के लिंग मस्ती से चूस्ते हुए आपनी योनि की चुसाइ का आनंद लेने लगी. मेरी योनि की खुजली इतनी बढ़ गयी कि , मैं बाबा का लिंग छोड़ कर उनके सर के बाल पकड़ कर अपनी योनि मे उनका मुह ज़ोर ज़ोर से रगड़ती रही. करीब दस मिनट बाद मेरी सरीर मे अजीब सी चुलबुली हुई कि , मेरी योनि से ना जाने कैसा तरल पदार्थ निकल ने लगा. बाबा उसे चाट ते रहे. साधु बाबा बोले बेटी मज़ा आ रहा है. मैं बोली हां बाबा, इतनी मज़ा तो जिंदेगी मे कभी नही मिला. बाबा बोले, बेटी भोले बाबा जब किसी के उप्पर सन्तुस्त होते हैं तो उसकी जीवन मैं कोई दुख नही होता, सिर्फ़ आनंद ही आनंद है. तेरे जीवनमे आजसे बाबा तेरे जीवन को ख़ुसी से भर देगा. ये कहते हुए साधु बाबा अपने लिंग मेरे मुह के पास से हटा कर खड़ा हो गया. बाबा का लिंग उप्पर मे सीलिंग फॅन की तरफ सीधा खड़ा था. बाप रे कितना मोटा और लंबा. बाबा आपनी झोली से एक बॉटल निकाली. और एक ग्लास मे उसे डाल कर उसमे थोड़ा सा पानी मिलाकर मेरे सामने लाया. मैने देखा कि उसमे लाल रंग का पानी है. साधु बाबा बोला, बेटी इसे नाक बंद करके पी जा. मैं बोली ये क्या है बाबा? बाबा बोले, बेटी ये भोले बाबा का परसाद है. मैं बद्री नाथ धाम से लाया हूँ. तू इसे पी कर तो स्वर्गा लोक का आनंद उपोभोग करेगी. मैं ग्लास लेकर नाक बंद करके पी गयी. मेरी छाती मे जलन होने लगी. परसाद बहुत कड़क था. मैं चुप चाप थी. अगर बाबा को बोलू कि परसाद कड़क है तो बाबा नाराज़ होंगे. साधु बाबा ने भी ग्लास मे प्रसाद डाल कर पी लिया. साधु बाबा की आँखे लाल थी. साधु बाबा बोला बेटी अब मैं इस लिंग से तेरा उद्धार करूँगा. मैं चुप थी. मेरी आँखे छ्होटी हो रही थी. मुझे अजीब सा नशा आने लगा. मैं चटाई मे लेट गयी. क्रमशः...................... साधु बाबा का हवन पार्ट--3 गतांक से आगे................ Sadhu Baba havan ki aag jalai, aur meri pass aakar bole beti khare ho jao. Abhi hum dono ek sath havan karenge. Mai khari ho gayi. Sadhu Baba meri haat pe ghi ki kotora thamate hue kaha, beti ise pakro. Main kotora pakri. Sadhu Baba meri pichhe aakar meri dono haat thora uppar karke, meri bagal ki dono side se apni hat nikal liya. Aur pichhe se havan me meri kotori se ghi lekar havan me dalne laga. Aur mantra parne laga. Sadhu Baba ne aise pichhe se mujhe pakra tha ki unka hath meri dono side ki boobs ko ragar raha tha. Unki garam sanse meri kandhe pe gir raha tha. Sadhu Baba ne pichhe se havan me ghi dalte raha, aur meri boobs se touch karte raha. Mai garam hone lagi. Mere sarir me halchal hone lagi. Meri ichha ho rahi thi ki Sadhu Baba mujhe aur jorse pakre. Sadhu Baba bole, Beti abvhi main tumhare taraf muha karke rakhunga. Tum mere aage se haat barkar havan karna. Sadhu Baba havan ko aapni pichhe taraf rakhte hue meri aamne saamne khare ho gaye. Main Sadhu Baba ke bagal se dono haat nikal kar havan me ghiu dalne lagi. Iss tarah meri boobs aur kamar Sadhu Baba ke aage ki hisse se ragar khane lagi. Meri pet me Sadhu Baba ki koi sakht chiz lag raha tha. Sadhu Baba mujhe jakar kar pakra tha. Jaise koi pati-patni ek dusre ko pakar rakhte hain. Sadhu Baba hilne dulne se meri boobs Sadhu Baba ka sine se dab rahi thi. Main khari thi haat me kotora lia. Baba ne meri haat se kotora lekar havan ke pass rakha. Sadhu Baba ne kaha beti tumhe phir se Bhole baba ko prasanna karna hoga. Main boli Baba aap jo bolenge main ohi karungi. Mujhe achhi result se pass hona hai. Sadhu Baba muskurate hue bola, beti tu first ayegi. Chall mujhe aab dudh pila aur mantra jap karti jaa. Main ghabra gayi. Sadhu Baba bola keya hua beti? Bhole Baba ko khus karna hain naa? Main jaldi se thora sa jhuk kar appni ek boob ko baba ka muha ke samne layi. Baba bole, Beti aapne hat se meri muha me dudh do, jaise ek maa aapni bachhe ko dudh pilati hai. Main apni hat se meri boob ko pakarke Sadhu Baba ke muha me dali. Sadhu Baba meri nipple ko chusne laga. Mujhe ajib si gud gudi hone lagi. Sadhu Baba nipple ko dhire dhire chus rahatha, aur main gud gudi se pagal hokar aur jor se unke muha me boob dabati rahi. Dusre boob may bhi meri gud gudi ho rahi thi. Main aapni ek haat se dusri boob ko pakri. To Sadhu Baba dusre boob ko dekh kar uski nipple ek haat se pakar lia. Sadhu Baba ki sar meri kamar ki niche ki hissa ko ragar raha tha. Sadhu Baba bole, beti tujhe puja kaisi lag rahi hai ? Main swapne may bhi kabhi sochi nehi thi ki Bhole baba ki puja karne se itne maja aata hai. Main boli, bahut achhi ! Sadhu Baba bole maja aa raha hain ? Main boli, hun Baba! Sadhu Baba bole, beti Shiva linga chusne me maja ayatha ? Main boli-hun Baba. Sadhu Baba bole, beti abhi phir se tumhe linga chusna hai. Magar abhi nakal linga nehi, aasli linga chusna hai. Main boli, jii Baba. Sadhu Baba godi se uth kar khare hoo gaye, Aur bole, beti, abhi main Bhole Baba ki aradhana karunga. Unko mere sarir ke andar prabesh karuanga. Uske baad main jo kahunga , ohi Bhole Baba ke aadesh hoga. Sadhu Baba Bhole Baba ki aradhana karte huye jor jor se mantra pare laga. Karib panch minuties baad Sadhu Baba "Ong ! Ong! Karke hunkar lagaya. Main darsi gayi. Sadhu Baba bole, daro mat beti, abhi Bhole Baba mere sarir ke andar prabesh kia. Tum mujhe khus karogi to Bhole Baba bhi khus honge. Main haat jor kie Sadhu Baba se boli, Baba mujhe exam me first class aana hai. Main aapko khus karne ke lia har baat manunga. Sadhu Baba mere saamne aakar bole, Beti abhi tu mere sarir ke kisi bhi hisse ko chhuogi to samajhna Bhole baba ki sarir ko chhu raha hai. Main bhakti se jhuk kar Baba ki payer chhua. Baba ashirbad dete huye bola, Beti abhi tumhe Shiva linga ko aadar satkar karni hai. Main "Shiv linga" joo ki havan ke aage rakha tha, main use uthaya. Baba krodhit hote huye bole, murkh ladki. Bhole Baba jab mere andar hai tab tu kiyun nakal linga ko pakar rahi hai? Main naasamaz thi. Main haat jor kiye boli, Baba aap hi mujhe bataiye, main kya karu? Sadhu Baba bole, udhar sahed ki bottle rakkhi hain. Use utha la. Main honey bottle lekar ayi. Sadhu Baba aapni dhoti se aapni linga ko nikal kar bola, iye hai Bhole Baba ka asli linga. Kiyun ki Bhole Baba mere andar hain. Main samajh gayi ki Sadhu Baba ki linga ko hi mujhe chusna hain. Sadhu Baba sahed ki bottle se thora sa sahed aapni linga me lagakar bole, aa jaa beti, abhi iss Bhole Baba ki linga ko chuso. Main jab baba ki linga ko dekhi, to ghabra gayi. Kitne mote aur lamba hai ! Karib 10" lambai aur 4" golaia. Main sochti rahi ki itni mota linga meri muha me kaise jayega. Par Sadhu Baba meri boobs ko sahelate huye mujhe baithiya. Phir bola, Beti dar mat, muha khol. Iye linga subha ki tarah hai. Kahte huye usne muha me aapni linga ghusa dala. Mere muha may linga bahut tight hokar ghusne laga. Sadhu Baba bola, Beti aapni haat se linga pakar kar daba daba ke chuso. Main Sadhu Baba ke linga ko chusti rahi. Sadhu Baba kabhi mere sar pakar kar aapni linga ki taraf khichta, to kabhi jhuk kar mere boobs ko daba raha tha. Mujhe achhi lagi. Main payar se Bhole Baba ki linga ko appni honto se, jeev se chussne lagi. Linga lohe ki tarah sakt aur garam ho gaya. Sadhu Baba aapni linga meri muhase nikal kar bole, Beti abhi tum aapni pura kapra utarke nangi ho jaao. Bhole Baba abhi tumhe pyar karenge. Meri sarir adhi nangi thi. Mai kamar se baki kapre khol di. Meri gori moti moti jangho ko dekhte hue Sadhu Baba meri dahina boob ko jor jor se dabane laga. Meri boob itni bari thi ki Baba ka ek haat meri boob ki adha hi pakar paa raha tha. Sadhu Baba meri jangha ko sahalaya. Meri moti ran pe haat chalate hue bola, Beti tu bahut sundar hai. Teri har mono kamna puri hogi. Aab tu chatai me let jaa. Main chatai pe let gayi. Sadhu Baba bhi mere sath let te huye bola beti, phir se linga ko chuso. Main linga ko pakri. Sadhu Baba ki kamar mere muha ke samne tha, aur Sadhu Baba ka muha mere kamar ke pass tha. Sadhu Baba meri uppar tha. Main linga ke uppar jeev chalyi to linga aur mote ho gaya. Meri muha ke andar jaa nehi paa rahatha. Mai honto se aur jeev se linga ko chusti rahi. Sadhu Baba meri moti moti ran ke uppar haat chala raha tha. Kabhi kabhi daba raha tha. Main gud gudi se bhari jaa rahi thi. Meri tabiyat kaise hone lagi. Main aur jor se linga ko pakar ke meri muho me dal ne ki koisis ki. Achanak sadhu Baba ka haat meri chut ke pass aakar halchal karne laga. Meri joni me bahut jor se gud gudi si hone lagi. Sadhu Baba ki haat meri joni ke uppar aa gaya. Baba ki ek ungli joni ke andar ghusne ki koisis kar raha tha. Main aapni moti raan ko jakar liya. Baba ki angli meri joni aur jangho ki bich phass gaya. Baba bole, beti tumhara junghe kholo. Nehi to Bhole Baba tume kaise pyar karenge. Meri jungha khul gayi. Sadhu Baba mere joni ke andar angli dalne ki koisis ki. Magar nehi ghus rahi thi. Sadhu Baba bole, Beti tunge aur thora phailao. Main aur phailayi. Sadhu Baba ungli se coot ragar raha tha. Achanak Sadhu Baba ne aapni jeev mere joni me phiraya. Main gud gudi se bhar kar aapni kamar uchhali. Sadhu Baba meri joniar pakar ke kamar ko uncha rakhte hue jeev joni ke andar tak chalena laga. Mai pagal ki tarah gud gudi se joni ko Sadhu Baba ke muha me ragar ti rahi. Sadhu Baba tezi se apni jeev andar bahar karne laga. Meri joni me joro se khujli hone lagi. Main boli, Baba iye gandi jagah par aap muha mat lagaye. Magar Baba aur joro se joni ke andar jeev ghusane laga. Main Baba ki linga masti se chuste hue aapni joni chusai ka aanand lene lagi. Meri joni ki khujli itni bar gayi ki , main Baba ka linga chhor kar unka sar ki baal pakar kar meri joni me unki muha jor jor se ragarti rahi. Karib das minuties bad meri sarir me ayisi chulbuli hui ki , meri joni se naa jaane kia taral padartha nikal ne lagi. Baba use chaat te rahe. Sadhu Baba bole beti maja aa raha hai. Main boli haan Baba, itni maja to jindegi me kabhi nahi mili. Baba bole, beti Bhole baba jab kisi ki uppar santust hota hain to uski jivan main koi dukh nehi hota, srif anand hi anand hai. Teri jivan aajse Baba khusi se bhar dega. Iye kahete huye Sadhu Baba apni linga mere muha ke pass se hata kar khara ho gaya. Baba ki linga uppar me siling Fan ki taraf sidha khara tha. Baapre kitna mota aur lamba. Baba aapni jholi se ek bottle nikali. Aur ek glass me use daal kar usme thora sa paani milakar mere samne laya. Main dekhi ki usme lal rang ki paani hai. Sadhu Baba bola, Beti isse naak bandh karke pee jaa. Main boli iye kya hai Baba? Baba bole, beti iye Bhole Baba kaa parsad hai. Main Badri Naath Dham se laya hun. Tu isse peeagi to swarga lok ka anand upobhog karegi. Main glass lekar naak band karke pee gayi. Meri chhati me jalan hone lagi. Parsad bahuut karak tha. Main chup chap thi. Agar Baba ko bolu ki parsad karak hai to Baba naraz honge. Sadhu Baba bhi glass me prasad daal kar pee liya. Sadhu Baba ki ankhe lal tha. Sadhu Baba bola beti aab main iye linga se teri uddhar karunga. Main chup thi. Meri ankhe chhoti ho rahi thi. Mujhe ajeeb sa nasa aane lagi. Main chatai me let gayi. क्रमशः...................... 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